मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

मंडी में उड़ती लॉक डाउन की धज्जियां


अतुल त्यागी मेरठ मंडल प्रभारी
जनपद हापुड़ की नवीन मंडी में लॉक डाउन की उड़ रही धज्जियां 
हापुड। जनपद हापुड़ की नवीन कृषि मंडी में उड़ रही है लॉकडाउन की धज्जियां यहां सुबह होते ही इकठ्ठे हो जाते हैं। कई हजार लोग जिनमें से कुछ लोग रेड जोन एरिया से भी निकल कर आते हैं। जोकि इस समय बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है। हमारी टीम ने यह जानने की कोशिश  कि के यह लोग रेड जोन एरिया से बाहर कैसे आ जाते हैं मगर किसी के भी पास कोई संतोष जनक जवाब नहीं था।


आड़ती लेते है मन माने रैट
 
शासन से खाने पीने के चीजों की दुकानों व मंडी के लिए समय निर्धारित किया गया है मगर ऐसा कहीं भी नहीं हो पा रहा है कि शासन के आदेश का पालन किया जा रहा हो अब चाहे वह कोई सामान हो फल हो या सब्जी हो यहां तक कि शासन के आदेश तो यह भी है कि कोई भी सामान निर्धारित मूल्य से ज्यादा पर नही मिलेगा और हर दुकानदार शासन से निर्धारित रेट लिस्ट अपनी दुकान पर लगायेगा मगर रेट लिस्ट कहीं लगी है तो कहीं नहीं है। यहां तक के कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि हमें इसके बारे में नहीं मालूम और यह वही लोग हैं। जो अपनी मर्जी से फल व सब्जियों के रेट बहुत ज्यादा हाई करके बेच रहे हैं। जिसके कारण आम आदमी बहुत ही परेशान हो चुका है। हमारी टीम ने मंडी समिति के सचिव से भी बात की। जिनसे हमने शासन से जारी रेट लिस्ट के बारे में भी पूछा उनका कहना था कि हमने रेट लिस्ट सभी व्यापारियों को  दी है। जब हमारी टीम ने वहां की भीड़ के बारे में भी पूछा तो उन्होंने कहा की भीड़ को कंट्रोल करना पुलिस का काम है मंडी समिति का नहीं अब देखना यह है कि क्या पुलिस वहां पर हर सुबह इकट्ठा होने वाली भीड़ पर लगाम लगा सकेगी या नहीं। अगर वहां पर पुलिस प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम रहा तो यह बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।


मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं था दूर तक नाम


नवीन मंडी के अंदर ना ही किसी के मुंह पर मार्क्स था और ना ही  शौशल डिसटेंन्स का पालन तो दूर तक भी कोई नामोनिशान नहीं था। क्योंकि वहां सुबह होते ही भीड़ हजारों में इकट्ठा हो जाती है जो इस वक्त कोरोनावायरस के चलते बहुत ही घातक है।


मंडी समिति के आढ़ती नहीं मानते शासन से जारी  रेट लिस्ट


नवीन मंडी के कई आढ़तियों का कहना है कि हम नहीं मानते शासन से जारी रेट लिस्ट। उनका कहना है कि शासन ने जो रेट जारी किए हैं उन्हे हम नही मानते है। उन रेटों पर शासन ही दे देगा सामान। हम तो अपने हिसाब से ही बेचेंगे अगर हमारा सामान बच जाता है तो हम मन्दा भी तो बेचते हैं। आढ़ती का कहना था कि हमें सब कुछ देखना पड़ता है। इसलिए हम अपने हिसाब से ही रेट लगाते हैं। जिसे लेना है ले जिसे नहीं लेना वह मत ले मगर रेट हमारे ही होंगे ने की शासन के अब देखने वाली बात है की प्रशासन क्या कार्यवाही अमल में लाता है। सदर उपजिलाधिकारी सत्यप्रकाश शर्मा  का कहना है मामला हमारे संज्ञान में आया है कल से मुनासिब कार्यवाही अमल में लाई जाऐगी।


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