लखनऊ। अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दो गंगा यात्रा रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि मां गंगा हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिनके कारण गंगा की निर्मलता व अविरलता बरकरार है। कुंभ में भी ये बरकरार रहा।
उन्होंने कहा कि मां गंगा के किनारे की 1038 ग्राम पंचायतों और 21 नगर निकायों में खेती या बागवानी के कार्य विशुद्ध रूप से ऑर्गेनिक ढंग से कराने का निश्चय किया गया है। गौ आधारित खेती के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कानपुर में किया गया है। कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर सीसामऊ नाले में प्रतिदिन गिरता था। नमामि गंगे परियोजना में प्रदेश सरकार ने जो कार्य किया उसका परिणाम यह है कि आज एक बूंद सीवर भी गंगा मइया में नहीं गिर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के पांच राज्यों की कुल 2525 किलोमीटर की यात्रा में गंगा नदी 1140 किलोमीटर की सर्वाधिक दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती हैं। इसी कारण गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सर्वाधिक है। ये नमामि गंगे की वजह से ही हो पाया। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार की गंगा यात्रा प्रदेश में दो स्थानों से आरंभ हो रही है। पहली जहां से गंगा मइया उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती हैं अर्थात बिजनौर से और दूसरी बलिया, जहां से गंगा मइया बिहार में प्रवेश करती हैं। उन्होंने कहा कि गंगा हमारी आस्था ही नहीं अर्थव्यवस्था भी हैं। गंगा यात्रा 27 जनवरी से 31 जनवरी तक चलेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उनके सरकारी आवास पर मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
गंगा यात्रा रथों को रवाना करने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में आज अजब-गजब नजारा देखने को मिला। मुख्यमंत्री आवास पर गंगा यात्रा के शुभारंभ के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के स्वागत के लिए मंत्री महेंद्र सिंह ने बुके न होने पर मंच पर सजाए गए फूल तोड़ कर उनका स्वागत करवाया।
गंगा यात्रा राज्य के 27 जिलों से होकर गुजरेगी। हर जगह पर इन इलाकों के सांसदों और विधायकों को भी साथ रहने को कहा गया है। इसके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ जगह जगह रैलियां करेंगे। सरकार का प्रयास है कि गंगा नदी के किनारे जगह-जगह आरती शुरू हो। इस यात्रा के दौरान कुछ खास जगहों पर खुद योगी आदित्यनाथ आरती की शुरूआत करेंगे। सरकार ने 30 जनवरी को बसंत पंचमी के दिन गंगा किनारे गांवों में भगवा फहराने का फैसला किया है। इसके लिए 1640 गांवों की पहचान कर ली गई है।