सोमवार, 30 दिसंबर 2019

भाजपा के 300 विधायक योगी के खिलाफ

भाजपा के 300 विधायक मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ, अखिलेश यादव ने किया दावा                           


लखनऊ। युवाओं को संबोधित करते अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा के 200 से ज्यादा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। हालत ये है कि भाजपा के करीब 300 विधायक सरकार के खिलाफ हैं इसलिए जानबूझकर प्रदेश में बवाल के बहाने मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।


अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर पार्टी नेताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है भाजपा को हटाना है। भाजपा के लोग समाज में भेदभाव बढ़ाकर उसका लाभ लेने की कोशिश करते हैं। हम संविधान का सम्मान करते हैं और वो संविधान को नहीं मानते। आज जब देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में पहुंच गई है और इनके पास देश को दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो समाज में एक दूसरे को लड़वाना चाहते हैं।


अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग अन्याय के खिलाफ हैं। हम उनसे संघर्ष करेंगे। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई? आज सभी फोटो और वीडियो मौजूद हैं उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो जनता को धमकी दे रहे हैं लेकिन ये मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिन्होंने खुद पर ही चल रहे मुकदमों को हटवा दिया और अब कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं


'एनआरसी व एनपीआर हर गरीब के खिलाफ हर मुसलमान के खिलाफ'
अखिलेश यादव ने कहा कि हम सरकार को कोई दस्तावेज नहीं दिखाएंगे। हम इसी देश के नागरिक हैं। भाजपा के लोग बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये सब कर रहे हैं। गांवों में लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं वो कैसे प्रमाणित करेंगे कि वो इसी देश के रहने वाले हैं। मैं अपना कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाऊंगा।


अखिलेश ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर देश के गरीब, मुसलमान और माइनॉरिटी के खिलाफ है।


दूसरों की चिंता छोड़ मंथन करे कांग्रेस

बहिन मायावती जी का प्रियंका वाड्रा  को जबाव कहा-दूसरों की चिंता करने के बजाए आत्म-चिंतन करे कांग्रेस


लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की तीखी टिप्पणी पर बसपा सुप्रीमो बहिन मायावती जी ने ट्वीट कर जवाब दिया है :- कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस समारोह में शनिवार को राजधानी लखनऊ पहुंची प्रियंका ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर हमला बोला था उन्होंने कहा था कि दोनों पार्टियां सरकार से डर रही हैं, वह कुछ नहीं कर रही हैं लेकिन कांग्रेस को संघर्ष की चुनौती स्वीकार है कार्यकर्ताओं के दिल में भय और हिंसा नहीं इस पर बहिन मायावती जी ने ट्वीट कर कहा :- कांग्रेस को दूसरों की चिंता के बजाए आत्म-चिंतन करने की सलाह दी है।


बहिन मायावती जी  ने ट्वीट किया है :- कांग्रेस आज अपनी पार्टी के स्थापना दिवस को 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' के रूप में मना रही है इस मौके पर दूसरों पर चिन्ता व्यक्त करने के बजाए कांग्रेस स्वयं अपनी स्थिति पर आत्म-चिन्तन करती है, तो यह बेहतर हो


नहीं भरेंगे एनपीआर, क्या करेंगे आप

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वह नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) नहीं भरेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो मैं पहला ऐसा व्यक्ति बनूंगा, जो किसी भी फॉर्म को नहीं भरेगा। लेकिन सवाल यह है कि आप समर्थन करेंगे या नहीं। यादव ने आगे कहा कि हम नहीं भरते एनपीआर, क्या करेंगे आप?


नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में भड़की हिंसा के बीच अब एनपीआर को लेकर सभी विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सीएए के खिलाफ हुई हिंसा के आरोपियों के समर्थन में सड़कों पर हैं। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एनपीआर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिलेश यादव का कहना है कि वह खुद और न ही समाजवादी पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस एनपीआर को भरेगा। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को रोजगार चाहिए ना कि एनपीआर। एनपीआर और एनआरसी हर गरीब और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। हमें पहले कांग्रेस ने नहीं गिना, अब भारतीय जनता पार्टी भी नहीं गिन रही है। अखिलेश यादव ये बातें समाजवादी छात्रसभा की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही है।


राजनीतिः रद्द किए कोल ब्लॉक आवंटन

अब्दुल सलाम कादरी 


रांची। केंद्र सरकार ने चार राज्यों के छह कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द कर दिया है। शुक्रवार को कोयला मंत्रालय की ओर राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ छह ब्लॉकों के आवंटन को रद्द कर दिया। इनमें झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कोल ब्लॉक शामिल है।चार बिलियन टन कोयले के स्टॉक वाले इन खदानों को 2007-10 के बीच आवंटित किया गया है। बताया जा रहा है कि इस कोल ब्लॉक्स का आवंटन भविष्य की बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट के लिए किया गया था। लेकिन इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ने के बाद मोदी सरकार ने इनका आवंटन रद्द कर दिया।


झारखंड के दो कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द
केंद्र सरकार ने कुल 4 बिलिटन टन उत्पादन क्षमता वाले छह कोल ब्लॉक्स का आवंटन रद्द किया है। इसमें झारखंड के दो कोल ब्लॉक है। पहला मोरनी (225.4 मीट्रिक टन कोयला) दूसरा केरंदारी जिसमें 916.5 मीट्रिक टन कोयले का भंडारण है। इसके अलावे महाराष्ट्र का भिखुन माइंस (100 मीट्रिक टन), छत्तीसगढ़ का पिंडराखी (421.5 मीट्रिक टन) और पुता पारोगिया (629.2 मीट्रिक टन) और ओडिशा की बनखुई (800 मीट्रिक टन) माइंस शामिल है।


राजस्व पर पड़ेगा असर
झारखंड में फिलहाल सरकारी खजाने की हालत खस्ता है। कर्ज के बोझ तले दबे झारखंड के पास वेतन-भत्ता देने के लिए भी राशि कम पड़ रही है। ऐसे में कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द होने से राज्य को राजस्व का और नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा वित्त वर्ष में कैप्टिव कोयला उत्पादन 25.1 मीट्रिक टन है, जो 2015 में संचालित 42 ब्लॉक्स में हुए 43.2 मीट्रिक टन से बहुत कम है।


हालांकि, रद्द किये गये 6 कोल ब्लॉक की नीलामी कब की जायेगी, इस बारे में मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। गौरतलब है कि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है। और सत्ताधारी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गयी, जबकि जेएमएम-कांग्रेस के गठबंधन ने 45 सीटों पर कब्जा जमाते हुए अप्रत्याशित जीत दर्ज की है।अब झारखंड में बीजेपी सत्ता से बाहर है, वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने झारखंड के दो कोल ब्लॉक समेत कुछ ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया, जिससे राज्यों को राजस्व की हानि उठानी पड़ेगी।


प्रेमी युगल ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

जांजगीर-चाम्पा। डभरा थानांतर्गत छुहीपाली में पिछले एक महीने से किराए के घर में रह रहे प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सुचना मिलते ही डभरा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच में जुट गई है। फिलहाल आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है। बता दें कि मृतक युवक डभरा तहसील में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ था।


विचारधारा-नेतृत्व के दोराहे पर खडी कांग्रेस

पूजा सिंह 


नई दिल्ली। कांग्रेस अपना 135 वां स्थापना दिवस एक ऐसे समय पर मना रही है जब वह विचारधारा और नेतृत्व, दोनों मामलों में दोराहे पर खड़ी है। विचारधारा का मामला तो महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन कर सरकार बनाने के बाद से थोड़ा नरम पड़ गया है, किंतु नेतृत्व का मामला अभी भी उलझा हुआ दिख रहा है। एक तरफ जहां अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पुत्र राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए उत्सुक नजर आती हैैं, वहीं आम कांग्रेसी नेताओं में एक ऐसी सोच है कि अभी सोनिया गांधी ही कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व संभाले रहें। कांग्रेसी नेताओं का यह भी मानना है कि दिल्ली में विधानसभा के चुनाव के बाद ही कांग्रेस के नेतृत्व के मुद्दे को देखने और समझने की कोशिश की जानी चाहिए। दिल्ली में अगले महीने ही विधानसभा हो सकते हैैं।
कांग्रेसी नेता राहुल को दोबारा अध्यक्ष के लिए तो तैयार हैं, लेकिन काम के तरीके में चाहते हैं बदलाव…
आज कांग्रेस के अंदर जो हलचल मची है उसका एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए कांग्रेसी नेता इस बात के लिए तो बिल्कुल तैयार नजर आ रहे हैैं कि वह राहुल गांधी को ही दोबारा अपना अध्यक्ष चुन लें, लेकिन इसके साथ ही वे राहुल गांधी के कामकाज करने के तौर-तरीके में थोड़ा बदलाव भी देखना चाहते हैं। उनकी एक-एक उम्मीद यह भी है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति का निष्पक्ष चुनाव कराएंगे। देखना है कि ऐसा हो पाता है या नहीं?
दरअसल कांग्रेस में कार्य समिति के चुनाव हमेशा एक बहुत बड़ी चुनौती रहे हैं। वर्ष 1991 में जब पीवी नरसिंह राव कांग्रेस अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने तिरुपति में अप्रैल 1992 में चुनाव कराए थे। इसके अलावा दूसरी बार सीताराम केसरी ने कोलकाता में अगस्त 1997 में कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव कराए थे। कांग्रेस जन यह चाहते हैं कि कार्य समिति के चुनाव के जरिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका तय हो जानी चाहिए। खासतौर से उन नेताओं के लिए जो नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य नहीं हैैं।
सोनिया गांधी के तकरीबन 20 वर्ष के लंबे अध्यक्षीय कार्यकाल में कांग्रेस में महत्वपूर्ण पद पर ऐसे लोग मौजूद रहे हैैं जो उनके पसंदीदा थे। हालांकि राहुल गांधी ने भी उसी विधि को अपनाते हुए महत्वपूर्ण पदों पर अपने लोगों को बिठाने की कोशिश की, लेकिन उसमें वह पूरी तरह से कामयाब नहीं हुए थे। अब कांग्रेस के जो वरिष्ठ नेता हैं उन्हें डर है कि राहुल गांधी जब कभी वापस आएंगे तो कहीं वह पार्टी में बड़े पदों पर जैसे कार्य समिति के सदस्य, पार्टी के महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों को अपनी पसंद से मनोनीत करना न शुरू कर दें।
जाहिर है कि यदि कार्य समिति का चुनाव होगा तो उसमें वरिष्ठता का एक तरीके से क्रम तय हो जाएगा। कांग्रेस कार्य समिति चुनने का अधिकार ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के 1500 सदस्यों को है जो पूरे देश के विभिन्न राज्यों से आते हैं। कांग्रेस के संविधान के अनुसार कांग्रेस कार्य समिति 24 सदस्य की होनी चाहिए। जिसमें 12 सदस्यों का चुनाव होना चाहिए और 12 सदस्यों को कांग्रेस अध्यक्ष मनोनीत कर सकता है। इन 12 सदस्यों में अल्पसंख्यक, महिलाएं और कमजोर तबके के लोग होते हैं।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पार्टी के अंदर से उठती आवाजों का संज्ञान लेना चाहिए…
एक तथ्य यह भी है कि कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव बहुत बार इस बिना पर नहीं किए जाते हैं कि उससे पार्टी में बिखराव हो सकता है और आपसी झगड़े बढ़ सकते हैं। फलस्वरूप कार्य समिति ही कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर देती है कि वह समस्त 24 सदस्यों को मनोनीत कर दें, लेकिन आज पार्टी के अंदर से कुछ आवाजें उठ रही हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पार्टी के अंदर से उठती इन आवाजों का संज्ञान लेना चाहिए।
झारखंड विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस में आशा की एक नई किरण आई है। यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस को 16 सीटें मिली हैैं। झारखंड चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व पार्टी में सबको साथ लेकर चले तो राज्यों में नतीजे बेहतर हो सकते हैं।
हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह झारखंड में भी गांधी परिवार की बहुत सक्रिय भूमिका नहीं थी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, दोनों ने प्रचार में हिस्सा तो लिया था, लेकिन गठबंधन के अधिकतर काम हेमंत सोरेन के जिम्मे ही थे। कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारियों के निर्वाह का जिम्मा वहां मौजूद कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह और दूसरे जमीनी नेताओं पर था। कामकाज की इस परिपाटी में कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा कामयाबी मिली है। उम्मीद है कि यह मॉडल आने वाले समय में रहेगा और चलेगा।
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का काम यह है कि वह सबको साथ लेकर चले और जो राष्ट्रीय मुद्दे हैं उस पर एक स्पष्ट नीति तय करे। कार्य समिति के चुनाव होने से उसके जो सदस्य होंगे उनसे भी ऐसी आशा की जाती है कि वे संवेदनशील मुद्दों पर अपनी बात रख रखेंगे। कांग्रेस के अंदर फैसला लेने का अभी जो अधिकार है वह सोनिया गांधी के पास है। उनके सलाहकारों का पार्टी के अंदर या बाहर लोकप्रियता या जनाधार जानने का कोई पैमाना नहीं है।
प्रश्न यह उठता है कि क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव करने के लिए तैयार हैं? क्या कांग्रेस दिल्ली में भी एक ऐसी रणनीति अपनाएगी जहां वह पार्टी हित को सब कुछ न मानकर भाजपा के खिलाफ एक गठबंधन तैयार करेगी या फिर उसकी कोई और रणनीति होगी? यह समय ही बताएगा, लेकिन यह समझना आवश्यक है कि कांग्रेस जन और नेहरू-गांधी परिवार का रिश्ता बहुत दिलचस्प ।
एक आम कांग्रेसी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपनी तमाम शक्ति देने को तैयार है। वह उनकी बातों को मानने को भी तैयार रहता है और उनके निर्देश पर अपना सब कुछ गंवाने को तैयार रहता है। वह कुछ पाने की भी इच्छा रखता है, लेकिन उसकी सिर्फ एक ही चाह है कि कांग्रेस सत्ता से दूर न रहे। यह मंत्र सोनिया गांधी बखूबी समझती हैैं। क्या राहुल गांधी यह कर पाएंगे? कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तो आसान है, लेकिन उसके साथ इंसाफ कर पाना एक बहुत बड़ी चुनौती है, जो राहुल गांधी को पूरा करना है। क्या वह इसके लिए तैयार हैैं? यह वह सवाल है जिसका जवाब आने वाले दिनों में ही सामने आएगा।


दर्दनाक हादसे में परिवार के 6 लोगों की मौत

अविनाश श्रीवास्तव


गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सोमवार सुबह हुए एक दर्दनाक हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र की मौलाना आजाद कॉलोनी बेहटा हाजीपुर में एक घर के अंदर शॉर्ट सर्किट होने के चलते आग लग गई। इस घटना में एक ही परिवार के 5 बच्चों समेत छह लोगों की आग में झुलसने के चलते मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उत्तरांचल विहार कॉलोनी में शार्ट सर्किट के कारण घर में रखा फ्रिज अथवा बैटरी इनवर्टर फटने से आग लग गई जिसमें ताई परवीन (40 उम्र) के साथ सो रहे 5 बच्चों की जलने से मौत हो गई।


आग लगने के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी और ताई सहित पांचों बच्चे मौत का शिकार हो गए। यह परिवार मूल रूप से बागपत जनपद के जानी गांव का रहने वाला है। गत कई वर्षों से लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र उत्तरांचल विहार कॉलोनी में अपने 100 वर्ग गज के मकान में रहता है। पांचों बच्चों के पिता का नाम आसिफ अली बताया जा रहा। है वह मकान की प्रथम मंजिल पर रहता था, जबकि भूतल पर उसका बड़ा भाई युसूफ अपनी पत्नी परवीन के साथ रह रहा था। बताया जा रहा है यूसुफ और आसिफ अपने गांव में किसी शादी समारोह में गए हुए थे पांचों बच्चे रात में भूतल पर अपनी ताई परवीन के सो रहे थे।


पैन आधार से लिंक कराने का 1 दिन शेष

नई दिल्ली। पैनकार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवाने का अब मात्र एक दिन शेष है, अगर आपने अभी तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है तो 31 दिसंबर 2019 के बाद एक जनवरी से यह अवैध माना जाएगा। वहीं पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराएंगे तो आप निवेश या लोन आदि से जुड़ा कोई भी काम भी नहीं कर पाएंगे।


इसलिए विभाग ने एक बार फिर लोगों से पैन कार्ड को आधार से लिंक करवाने की अपील की है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी।


अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत बैंक अकाउंट, पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवाना जरूरी कर दिया है, जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनका पैन कार्ड अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। इसलिए आयकर रिटर्न भरने वाले हर व्यक्ति के लिए पैन से आधार को लिंक करना जरूरी है। इसके लिए विभाग पहले भी कई बार लोगों को समय दे चुका है। लोगों को बार-बार हिदायत दी जा रही है कि वह पैन का आधार से लिंक करवा लें।


अब पैन कार्ड से आधार लिंक करने के लिए लोगों के पास मात्र एक दिन का समय बचा है। पैन कार्ड लिंक नहीं होने की स्थिति में अगली बार से ऑनलाइन आईटीआर (रिर्टन) फाइल नहीं कर पाएंगे। टैक्स रिफंड रुक सकता है, साथ ही, पैन कार्ड अवैध हो जाएगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 31, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-146 (साल-01)
2. मंगलवार, दिसंबर 31, 2019
3. शक-1941, पौष - शुक्ल पक्ष, तिथि- चतुर्थी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:15,सूर्यास्त 05:37
5. न्‍यूनतम तापमान -4 डी.सै.,अधिकतम-14+ डी.सै., शीत लहर के साथ बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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रविवार, 29 दिसंबर 2019

मुलायम की तबीयत बिगड़ी,हॉस्पिटल में भर्ती

मुंबई। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तबीयत एक बार फिर खराब हो गई है। मुलायम सिंह को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुलायम सिंह यादव पेट संबंधी दिक्कतों की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए हैं। देश के पूर्व रक्षा मंत्री रह चुके 80 वर्षीय मुलायम सिंह को 3 दिन पहले ही डॉक्टरों ने अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी है। मुलायम सिंह के एक सहयोगी नेता ने कहा कि वे पेट संबंधी कुछ दिक्कतों से जूझ रहे थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. मुलायम सिंह को डॉक्टरों की सलाह के बाद ही भर्ती कराया गया है। 
80 वर्षीय नेता, जो पूर्व रक्षा मंत्री भी रहे हैं, डॉक्टरों की सलाह पर तीन दिन पहले अस्पताल आए। नेता के एक करीबी सहयोगी ने कहा, ''उन्हें पेट में कुछ शिकायत को लेकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।” वो तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे हैं।


प्रियंका को साथ बैठाना विधायक को महंगा पड़ा

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को लखनऊ पहुंची थीं। वह स्कूटी पर बैठकर पूर्व आईपीएस एस आर दारापुरी के परिजन से मिलने पहुंचीं।


इस दौरान राजस्थान के कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर स्कूटी चला रहे थे। हेल्मेट न पहनने के कारण अब धीरज गुर्जर का 6,300 रुपये का चालान काटा गया है। धीरज गुर्जर राजस्थान की जहाजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसके अलावा वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी हैं। धीरज गुर्जर को प्रियंका गांधी का काफी विश्वस्त करीबी भी माना जाता है। प्रियंका गांधी की इस स्कूटी यात्रा के बाद हाईवोल्टेज राजनीतिक ड्रामा हुआ। बता दें कि एस आर दारापुरी को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।


प्रियंका से ज्यादती,भाजपा ने बताया नौटंकी

नई दिल्ली। प्रियंका गांधी शनिवार को लखनऊ में रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं, जिन्हें फेसबुक पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पोस्ट लिखने पर गिरफ्तार किया गया है। प्रियंका का आरोप है कि जब वो दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोका। जिसके बाद वो पैदल चलने लगीं तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का देकर गिराया और गला दबाया। प्रियंका गांधी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने योगी सरकार पर ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा कि प्रियंका के साथ बदसलूकी हुई है, ये शर्मनाक है और इस घटना की जांच होनी चाहिए। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'नौटंकी'
कांग्रेस भले ही हमलावर है, मगर योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रियंका के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और प्रियंका के आरोपों को नौटंकी कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रियंका झूठ बोल रही हैं। प्रियंका गांधी के बयान पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि प्रियंका गांधी झूठ बोल रही हैं, उनका पूरा परिवार झूठ पर ही पनपता है, थूको और भागो की नीति से अस्थायी शोहरत तो मिल सकती है, मगर वोट नहीं।प्रियंका की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।
श्रीकांत शर्मा ने लगाए कांग्रेस पर गंभीर आरोप
योगी सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी है। श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट किया है, "शांत प्रदेश कांग्रेस को पच नहीं रहा है। शुक्रवार शान्ति से गुजरा तो अगले ही दिन पुलिस को घेरने और उपद्रवियों का हौसला बढ़ाने के लिए कांग्रेस नेता यूपी में सक्रिय हो गए। प्रदेश को फिर से जलाने का षड्यंत्र सफल नहीं होगा। श्रीकांत शर्मा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि कानून तोड़ना, दंगाइयों से मिलना और फिर झूठ की राजनीति करना यही कांग्रेस का चरित्र है। बहकावे में न आएं, प्रदेश में शांति कायम रखने में सरकार का सहयोग करें। घटना का वीडियो भी आया सामने
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें एक महिला पुलिस अधिकारी प्रियंका गांधी को रोकते हुए दिखाई देती है। लेकिन प्रियंका उन्हें हटाकर आगे बढ़ जाती हैं।लेकिन प्रिंयका ने इस पूरे घटनाक्रम का जो ब्यौरा पेश किया है। वैसा कम से कम इस वीडियो में दिखाई नहीं देता है। लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी साफ-साफ दावा कर रही हैं कि लखनऊ में महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें गले से पकड़ा और हाथापाई की। जो वीडियो सामने आया है उसमें एक पुलिस अधिकारी उन्हें रोकने की कोशिश तो करती है। इस दौरान प्रियंका गांधी अपने गले में पड़ी शॉल को खींचकर आगे बढ़ जाती हैं। जिसे पहले प्रियंका गांधी और फिर कांग्रेस पार्टी। प्रियंका गांधी के साथ धक्का-मुक्की, खींचतान, हाथापाई और गला दबाने की कोशिश करार दे रही है।


दाऊद का जन्मदिन मनाने वाला गिरफ्तार

मुंबई। मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने डोंगरी से एक शख्स को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का जन्मदिन मनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान शख्स ने बताया कि वह फेसबुक पर अपने फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा था। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि वह अपने परिचित दाऊद का जन्मदिन मना रहा था, न कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के जन्मदिन का जश्न मना रहा था।
 डोंगरी से एक व्यक्ति को कथित रूप से एक पत्रकार को धमकाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। पत्रकार ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का जन्मदिन मनाते हुए उस व्यक्ति का विडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था। वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद गुरुवार को 64 साल का हो गया। इसपर डोंगरी निवासी अजहर फिरोज मनियार उर्फ शेरा चिकना ने फेसबुक पर एक विडियो पोस्ट किया, जिसमें वह कथित रूप से दाऊद का जन्मदिन मनाता दिख रहा है।


'...और गिरफ्तार किया गया आरोपी'
माना जाता है कि दाऊद पाकिस्तान में छिपा हुआ है। पुलिस ने बताया कि स्थानीय पत्रकार मोहसिन शेख ने विडियो को यू-ट्यूब पर अपलोड कर उसे वायरल कर दिया और फिर वॉट्सऐप समूहों पर उसे फॉरवर्ड कर दिया। इसके बाद मनियार ने उसे धमकी दी। उन्होंने कहा कि शेख ने शुक्रवार को गोरेगांव थाने में शिकायत की। इसके बाद मुंबई अपराध शाखा ने उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया।


कड़ाके की ठंड से सिहरे नेता, दौरे रद्द

नई दिल्ली । कड़ाके की ठंड के कहर से नेता भी सिहर गए हैं। दिल्ली और उत्तर भारत में शीत लहर के चलते विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने बाहर के कार्यक्रम टाल दिए। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जनवरी के अंत तक अपने सार्वजनिक कार्यक्रम टाल दिए हैं क्योंकि कार्यक्रम के लिए उन्हें बाहर जाना होगा। वह बाहर के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं, इसलिए वह उपराष्ट्रपति भवन में ही कुछ कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री जो औसतन हर दिन 3 कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, उन्होंने अपनी आऊटिंग पर रोक लगा दी है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती कार्यक्रम में एक शाल और मफलर में पूरी तरह से ढके हुए थे और अगले दिन उन्हें एक ओवर कोट में देखा गया था।
वहीं एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल को जमीनी हालात का अंदाजा नहीं था कि राजघाट पर क्या होगा जब नेता नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी पर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जाएंगे। कुछ दिन पहले राजघाट पर धरने पर बैठे कांग्रेस नेताओं की स्थिति सबसे खराब रही।
वेणुगोपाल ने विरोध का समय दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक निर्धारित किया, क्योंकि कमलनाथ सहित कुछ मुख्यमंत्रियों ने कहा कि वे दोपहर 2 बजे के आसपास ही दिल्ली आ पाएंगे, इस पर उन्होंने फैसला किया कि कम से कम 3 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वी नारायणसामी तो होने चाहिए, चूंकि भूपेश बघेल और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह नहीं गए। इस दौरान वह यह भूल गए कि 80 वर्षीय नेता इतनी ठंड में बैठने के लिए मजबूर होंगे। जिसके चलते ठंड में नेताओं ने धरने को 40 मिनट में ही छोड़ दिया।
सबसे पहले डॉ. मनमोहन सिंह ने धरने को छोड़ा जो कांप रहे थे। इसके बाद डॉक्टरों ने सोनिया गांधी को बिना किसी देरी के धरना छोडऩे की सलाह दी क्योंकि वह एक गंभीर अस्थमा रोगी हैं, फिर एके एंटनी चले गए और यह सिलसिला जारी रहा। अंत में राहुल गांधी, प्रियंका व अहमद पटेल और युवा ब्रिगेड को छोड़कर कोई नहीं बचा। इसके बाद राहुल गांधी को छोड़कर कोई भी वरिष्ठ नेता प्रदर्शन के लिए बाहर नहीं निकला।


मुंबई की फैक्ट्री में आग 2 लोगों की मौत

मुंबई। मुंबई के घाटकोपर इलाके में स्थित एक फैक्ट्री में शुक्रवार शाम को भीषण आग लग गई। घटना में एक महिला और एक पुरुष का शव मिला है। एक व्यक्ति अभी भी लापता है। आग पर काबू पा लिया गया है।  आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 15 गाडिय़ां मौके पर पहुंची थीं। दमकल कर्मी लापता व्यक्ति को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। दमकल के मुताबिक आग तीसरे लेवल की है और इस पर काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी। बता दें कि इस इलाके में कई छोटी फैक्ट्रियां हैं। घाटकोपर में फैक्ट्री में लगी आग की वजह से एक खबर यह फैल गई कि इससे मुंबई एयरपोर्ट की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है। हालांकि, मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) ने एक बयान जारी करते हुए ऐसी खबरों को खारिज कर दिया। एमआईएएल ने बयान में कहा, घाटकोपर में लगी आग की वजह से मुंबई एयरपोर्ट का कार्य प्रभावित होने की खबरें सही नहीं है। एयरपोर्ट पर सभी कार्य सामान्य रूप से हो रहे हैं।



स्तरीय एथलेटिक्स ट्रायल का किया आयोजन

सहारनपुर। डॉक्टर भीमराव अम्बेडक स्टेडियम में रविवार को मण्डल स्तरीय एथलेटिक्स ट्रायल का आयोजन किया गया। ट्राॅयल में मुजफरनगर ,शामली व सहारनपुर के खिलाड़ियों ने बढ़ चढ़कर भागेदारी करते हुए जमकर मैदान में पसीना बहाया। इस दौरान स्टेडियम के एथलेटिक्स कोच लाल धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आज के ट्रायल में चयनित होने वाले खिलाड़ी 6 व 7 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित होने वाली पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। ट्रायल में राम शरण,पापिन सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।


अज्ञात शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी

सहारनपुर। नकुड थाने की फंदपुरी चैकी क्षेत्र के गांव बान्दूखेड़ी के निकट सड़क किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना पर फंदपुरी चैकी इंचार्ज इंद्रजीत सिंह ने टीम के साथ पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। चैकी इंचार्ज इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मृत व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि शायद ठंड की वजह से इस व्यक्ति की मौत हुई है। मृत व्यक्ति के बारे में पहचान जुटाये जाने के प्रयाश किये जा रहे हैं।


गाय-गोबर में गुमराह हुआ होमगार्ड

कानपुर। होमगार्ड को गाय, गोबर और गुमनामी की ज़िंदगी जीने पर मजबूर किया जा रहा है। जहां अधिकारियों के यहाँ होमगार्ड जवान सुरक्षा के लिए लगाए जाते है। वहीं उनसे अधिकारियों के यहाँ गाय और गोबर मे ड्यूटी करवाई जाती है। और ये ड्यूटी निभाने के लिए कंपनी कमांडर मजबूर करते है। कानपुर नगर मे भी कई ऐसे अधिकारी है। जिनके यहाँ गाय जैसे दूध देने वाले पालतू जानवर मिलते है। और यह कोई ऐसा कार्य नहीं है, जो अवैध या अनैतिक माना जाय। जानवर को पालकर सेवा करना मानव समाज मे उत्तम माना जाता है। लेकिन इसके लिए किसी होमगार्ड को लगाना कहाँ तक उचित है।


होमगार्ड आला अफसरो के घर पली गाय का साफ करते है 


जिले के आला अफसरों के यहाँ अक्सर होमगार्ड गाय के गोबर को साफ करते देखे जा सकते है। साहब तो साहब है। अब उनके फरमान के खिलाफ जाकर कौन होमगार्ड अपनी घर गृहस्थी को सड़क पर ला सकता है। मजबूरन उस होमगार्ड को गाय का गोबर साफ करना पड़ता है। जिले के कई आला अफसरो के यहाँ गाय पली हुई है। जिनकी देखभाल के लिए कोई नौकर नहीं है, और न ही साहब को इतना समय है की गाय की सेवा कार सकें। इसके लिए साहब ने सीधा रास्ता खोज निकाला है। और वो रास्ता होमगार्ड विभाग से होलर गुजरता है। गाय और दूध साहब का, नौकर होमगार्ड विभाग का, और इस काम के लिए खर्चा सरकारी। मतलब आम के आम और गुठलियों के भी दाम की तर्ज पर यह कार्य सम्पन्न हो रहा है। 


गोबर साफ न करने पर मिलती है यातनाएं 


अगर किसी होमगार्ड ने गोबर साफ करने वाले काम के लिए माना किया। तो उस होमगार्ड को तरह तरह से कंपनी कमांडर द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। यही नहीं, मैनेजमेंट मे सम्पूर्ण कलाओं के खिलाड़ी कंपनी कमांडर इस कार्य से आहत होमगार्ड को इतना डरा कर रखते है, कि मजबूर होमगार्ड गोबर साफ करने को राजी है, लेकिन इसका विरोध करने की क्षमता नहीं रखता है। इस कार्य को करने वाले एक होमगार्ड से जब बावत की गयी तो वह रोने लगा। और कहने लगा साहब, अगर यह गोबर साफ करने वाला काम न करें तो अधिकारी जेल भिजवाने तक की धम्की देते है। और कंपनी कमांडर नौकरी से हटवाने की रट लगाए रहते है। ऐसे मे घर का गुजारा करने के लिए पैसे भी देने पड़ते है, और गोबर तक उठाना पड़ता है। 


कंपनी कमांडर्स ने बनाया 24 घंटे की लगातार ड्यूटी का नियम 


काम गोबर साफ करने का और ड्यूटी 24 घंटे की। इसके एवज मे होमगार्ड जवान को रुपए भी लगभग 3 से 4 हजार देने पड़ते है। और ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कुछ जवान शहर मे दूर दूर से करने आते है, और उन्होने शहर मे कहीं भी रुकने के लिए अपना कोई ठिकाना नहीं बनाया है। इसलिए दूर दूर से आने वाले होमगार्ड जवान ज़्यादातर मजिस्ट्रेट ड्यूटी मे लगे मिलेंगे। और उनमे भी कुछ ऐसे जवान है जो माह मे लगातार चौबोसों घंटे 10 दिन ड्यूटी करते है। और इस प्रकार एक दिन मे लगातार 03 ड्यूटी और 10 दिन मे ही अपनी 30 ड्यूटी करके अपने घर चला जाता है। और इसी प्रकार लगे तीनों होमगार्ड 10 – 10 दिन अपनी ड्यूटी करते है। 10 दिन ड्यूटी लगाई जाय, इसके लिए होमगार्ड जवान कंपनी कमांडर को 3 से 4 हजार रुपए देते है। जिले के एक आला अफसर के यहाँ गोबर साफ करने की ड्यूटी मे लगे एक होमगार्ड जवान ने यह सारी कहानी रोते रोते बयान की। 


कहीं माली भी बने है होमगार्ड जवान 


अभी कुछ दिन पूर्व मे ही एक वीडियो वायरल हुआ था कि होमगार्ड जवान एक अधिकारी के यहाँ लगे थे। और वर्दी पहन कर घास छीलते नजर आ रहे थे। इस वीडियो को देख कर विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या ऐसा भी संभव है। इसकी पुख्ता जानकारी के लिए कानपुर मे भी युवा गौरव की टीम ने कई अधिकारियों के यहाँ जाकर हकीकत परखी तो सच सामने आ गया। और कई होमगार्ड जवानो ने बताया कि साहब ये तो आए दिन का काम है। यहाँ भी वही कम करना पड़ता है। और उन्होने फिर वही करके भी दिखाया। और न करने पर अधिकारियों द्वारा गाली गलौज किया जाता है। घास छीलना, क्यारी बनाना, फूलों को पानी देना आदि काम यहाँ कानपुर मे भी होमगार्ड जवान करते दिखे।


गोविंदा ने सीएम आदित्यनाथ से की मुलाकात

मनोज पाण्डेय


गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर के बैठक कक्ष में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। गोविंदा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दर्शन से आच्छादित होने की बात स्वीकारते हुए बताया, योगी आदित्यनाथ अभूतपूर्व दृष्टा और महत्वपूर्ण निर्माता है। जो संपूर्ण रूप से जन समर्पित है। इस दरमियान उत्तर प्रदेश में फिल्म की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने गोविंदा से कहा। मुख्यमंत्री ने गोविंदा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर प्रयागराज कुंभ 2019 की पुस्तक भेंट की।



अर्धसैनिक बलों को नए साल में तोहफा

नई दिल्ली। देश के अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को वर्ष 2020 में छुट्टियों का तोहफा मिल सकता है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार देश की रक्षा करने वाले केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के परिवारों की देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि अर्द्धसैनिक बल के प्रत्येक जवान कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिताएं। अमित शाह ने नई दिल्ली में सीआरपीएफ के नए मुख्यालय भवन के शिलान्यास के दौरान सीआरपीएफ कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि अर्धसैनिक बल के प्रत्येक जवान कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिताएं। शाह ने यह भी कहा कि अर्द्धसैनिक बल के जवानों के परिवारों को स्वास्थ्य कार्ड की सुविधा प्रदान की जाएगी। सीआरपीएफ में 3 लाख से अधिक जवान हैं और यह बल नक्सल विरोधी अभियानों का मुख्य आधार रहा है।


सपा कार्यालय पर छात्र सभा की बैठक

लखनऊ। समाजवादी छात्र सभा की बैठक लखनऊ स्थित कार्यालय पर रविवार को आयोजित हुई। इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। यहां उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की है। अखिलेश ने कहा कि न तो वह खुद और न ही सपा का कोई कार्यकर्ता इस रजिस्टर को भरेगा। अखिलेश ने कहा कि, 'आज खुशी का दिन है कि बड़ी संख्या में नौजवान इस लोहिया सभागार में उपस्थित हैं। बड़ी मेहनत से छात्रसंघ चुनाव जीतने वाले सभी नौजवानों को बधाई। बीजेपी के लोगों ने नौजवानों को घेरा और तोड़फोड़ की। नौजवानों को पीटने वाले और एसओ को पीटने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई। वाराणसी में नौजवानों के साथ एसओ को भी पीटा, लेकिन न्याय नहीं मिला। पार्टी के लोग मुकदमों से नहीं डरते। मुख्यमंत्री जब मुकदमे वापस ले रहे हैं तो आपके मुकदमे सरकार आते ही वापस होंगे। समाजवादी कार्यकर्ताओं पर दर्ज हो रहे सब मुकदमे वापस होंगे। आप वाराणसी नहीं आज क्योटो से आए हैं। आप पासपोर्ट बनवा कर रखिए आपको वास्तविक क्योटो दिखाएंगे। बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए सब काम कर रही है।' आगे उन्होंने कहा कि, 'सरकार ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। आप बताइये रोजगार चाहिए या एनपीआर चाहिए। हम सब यहां के नागरिक हैं, कोई भाजपा के नेता हमारी नागरिकता तय नहीं कर सकता है। मैं NPR फॉर्म नहीं भरूंगा। सभी सपा के कार्यकर्ता भी NPR फॉर्म नहीं भरेंगे। पहले भारत को बचाओ।' अखिलेश ने कहा कि जिन लोगों की जान गई है, उसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री खुद हैं। बीजेपी के खिलाफ उनकी ही पार्टी के 200 विधायक सदन में बैठ गए थे। करीब 300 से ज्यादा विधायक उनसे नाराज हैं। ये अन्याय अपनी कुर्सी बचाने के लिए हो रहा है। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अब आने वाले 6 महीनों में इनसे कोई सवाल नहीं पूछेगा।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...