रविवार, 25 अगस्त 2019

अतीत और यथार्थ में गोरखनाथ

मत्स्येंद्रनाथ और गोरखनाथ के समय के बारे में भारत में अनेक विद्वानों ने अनेक प्रकार की बातें कही हैं। वस्तुतः इनके और इनके समसामयिक सिद्ध जालन्धरनाथ और कृष्णपाद के सम्बन्ध में अनेक दन्तकथाएँ प्रचलित हैं।


गोरखनाथ और मत्स्येंद्रनाथ-विषयक समस्त कहानियों के अनुशीलन से कई बातें स्पष्ट रूप से जानी जा सकती हैं। प्रथम यह कि मत्स्येंद्रनाथ और जालंधरनाथ समसायिक थे। दूसरी यह कि मत्स्येंद्रनाथ गोरखनाथ के गुरु थे और जालांधरनाथ कानुपा या कृष्णपाद के गुरु थे। तीसरी यह की मत्स्येंद्रनाथ योग-मार्ग के प्रवर्तक थे। फिर संयोगवश ऐसे एक आचार में सम्मिलित हो गए थे जिसमें स्त्रियों के साथ अबाध संसर्ग मुख्य बात थी। संभवतः यह वामाचारी साधना थी। चौथी यह कि शुरू से ही जालांधरनाथ और कानिपा की साधना-पद्धति मत्स्येंद्रनाथ और गोरखनाथ की साधना-पद्धति से भिन्न थी। यह स्पष्ट है कि किसी एक का समय भी मालूम हो तो बाकी सिद्धों के समय का पता असानी से लग जाएगा। समय मालूम करने के लिए कई युक्तियाँ दी जा सकती हैं। एक-एक करके हम उन पर विचार करें।


(1) सबसे प्रथम तो मत्स्येंद्रनाथ द्वारा लिखित 'कौल ज्ञान निर्णय' ग्रंथ (कलकत्ता संस्कृत सीरीज़ में डॉ॰ प्रबोधचंद्र वागची द्वारा 1934 ई० में संपादित) का लिपिकाल निश्चित रूप से सिद्घ कर देता है कि मत्स्येंद्रनाथ ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्ववर्ती हैं।
(2) सुप्रसिद्ध कश्मीरी आचार्य अभिनव गुप्त ने अपने तंत्रालोक में मच्छंद विभु को नमस्कार किया है। ये 'मच्छंद विभु' मत्स्येंद्रनाथ ही हैं, यह भी निश्चचित है। अभिनव गुप्त का समय निश्चित रूप से ज्ञात है। उन्होंने ईश्वर प्रत्याभिज्ञा की बृहती वृत्ति सन् 1015 ई० में लिखी थी और क्रम स्रोत की रचना सन् 991 ई० में की थी। इस प्रकार अभिनव गुप्त सन् ईसवी की दसवीं शताब्दी के अंत में और ग्यारहवीं शताब्दी के आरंभ में वर्तमान थे। मत्स्येंद्रनाथ इससे पूर्व ही आविभूर्त हुए होंगे। जिस आदर और गौरव के साथ आचार्य अभिनव गुप्तपाद ने उनका स्मरण किया है उससे अनुमान किया जा सकता है कि उनके पर्याप्त पूर्ववर्ती होंगे।
(3) पंडित राहुल सांकृत्यायन ने गंगा के पुरातत्त्वांक में 84 वज्रयानी सिद्धों की सूची प्रकाशित कराई है। इसके देखने से मालूम होता है कि मीनपा नामक सिद्ध, जिन्हें तिब्बती परंपरा में मत्स्येंद्रनाथ का पिता कहा गया है पर वे वस्तुतः मत्स्येंद्रनाथ से अभिन्न हैं, राजा देवपाल के राज्यकाल में हुए थे। राजा देवपाल 809-49 ई० तक राज करते रहे (चतुराशीत सिद्ध प्रवृत्ति, तन्जूर 86,  कार्डियर, पृ० 247)। इससे यह सिद्ध होता है कि मत्स्येंद्रनाथ नवीं शताब्दी के मध्य के भाग में और अधिक से अधिक अंत्य भाग तक वर्तमान थे।
(4) गोविंदचंद्र या गोपीचंद्र का संबंध जालंधरपाद से बताया जाता है। वे कानिफा के शिष्य होने से जालंधरपाद की तीसरी पुश्त में पड़ते हैं। इधर तिरुमलय की शैललिपि से यह तथ्य उदधृत किया जा सका है कि दक्षिण के राजा राजेंद्र चोल ने मणिकचंद्र को पराजित किया था। बंगला में 'गोविन्द चंजेंद्र चोल ने मणिकचंद्र के पुत्र गोविंदचंद्र को पराजित किया था। बंगला में 'गोविंद चंद्रेर गान' नाम से जो पोथी उपलब्ध हुई है, उसके अनुसार भी गोविंदचंद्र का किसी दाक्षिणात्य राजा का युद्ध वर्णित है। राजेंद्र चोल का समय 1063 ई० -1112 ई० है। इससे अनुमान किया जा सकता है कि गोविंदचंद्र ग्यारहवीं शताब्दी के मध्य भाग में वर्तमान थे। यदि जालंधर उनसे सौ वर्ष पूर्ववर्ती हो तो भी उनका समय दसवीं शताब्दी के मध्य भाग में निश्चित होता है। मत्स्येंद्रनाथ का समय और भी पहले निश्चित हो चुका है। जालंधरपाद उनके समसामयिक थे। इस प्रकार अनेक कष्ट-कल्पना के बाद भी इस बात से पूर्ववर्ती प्रमाणों की अच्छी संगति नहीं बैठती है।
(5) वज्रयानी सिद्ध कण्हपा (कानिपा, कानिफा, कान्हूपा) ने स्वयं अपने गानों पर जालंधरपाद का नाम लिया है। तिब्बती परंपरा के अनुसार ये भी राजा देवपाल (809-849 ई०) के समकालीन थे। इस प्रकार जालंधरपाद का समय इनसे कुछ पूर्व ठहरता है।
(6) कंथड़ी नामक एक सिद्ध के साथ गोरखनाथ का संबंध बताया जाता है। 'प्रबंध चिंतामणि' में एक कथा आती है कि चौलुक्य राजा मूलराज ने एक मूलेश्वर नाम का शिवमंदिर बनवाया था। सोमनाथ ने राजा के नित्य नियत वंदन-पूजन से संतुष्ट होकर अणहिल्लपुर में अवतीर्ण होने की इच्छा प्रकट की। फलस्वरूप राजा ने वहाँ त्रिपुरुष-प्रासाद नामक मंदिर बनवाया। उसका प्रबंधक होने के लिए राजा ने कंथड़ी नामक शैवसिद्ध से प्रर्थना की। जिस समय राजा उस सिद्ध से मिलने गया उस समय सिद्ध को बुखार था, पर अपने बुखार को उसने कंथा में संक्रामित कर दिया। कंथा काँपने लगी। राजा ने पूछा तो उसने बताया कि उसी ने कंथा में ज्वर संक्रमित कर दिया है। बड़े छल-बल से उस निःस्पृह तपस्वी को राजा ने मंदिर का प्रबंधक बनवाया। कहानी में सिद्ध के सभी लक्षण नागपंथी योगी के हैं, इसलिए यह कंथड़ी निश्चय ही गोरखनाथ के शिष्य ही होंगे। 'प्रबंध चिंतामणि' की सभी प्रतियों में लिखा है कि मूलराज ने संवत् 993 की आषाढ़ी पूर्णिमा को राज्यभार ग्रहण किया था। केवल एक प्रति में 998 संवत् है। इस हिसाब से जो काल अनुमान किया जा सकता है, वह पूर्ववर्ती प्रमाणों से निर्धारित तिथि के अनुकूल ही है। ये ही गोरखनाथ और मत्स्येंद्रनाथ का काल-निर्णय करने के ऐतिहासिक या अर्द्ध-ऐतिहासिक अधार हैं। परंतु प्रायः दंतकथाओं और सांप्रदायिक परंमपराओं के आधार पर भी काल-निर्णय का प्रयत्न किया जाता है।


सैकड़ों वर्ष मृतअवस्था में रहना

विषाणु अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है। एक विषाणु बिना किसी सजीव माध्यम के पुनरुत्पादन नहीं कर सकता है। यह सैकड़ों वर्षों तक सुशुप्तावस्था में रह सकता है और जब भी एक जीवित मध्यम या धारक के संपर्क में आता है उस जीव की कोशिका को भेद कर आच्छादित कर देता है और जीव बीमार हो जाता है। एक बार जब विषाणु जीवित कोशिका में प्रवेश कर जाता है, वह कोशिका के मूल आरएनए एवं डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक सूचना से बदल देता है और संक्रमित कोशिका अपने जैसे संक्रमित कोशिकाओं का पुनरुत्पादन शुरू कर देती हैं।


विषाणु का अंग्रेजी शब्द वाइरस का शाब्दिक अर्थ विष होता है। सर्वप्रथम सन 1796 में डाक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया कि चेचक, विषाणु के कारण होता है। उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार भी किया। इसके बाद सन 1886 में एडोल्फ मेयर ने बताया कि तम्बाकू में मोजेक रोग एक विशेष प्रकार के वाइरस के द्वारा होता है। रूसी वनस्पति शास्त्री इवानोवस्की ने भी 1892 में तम्बाकू में होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया। बेजेर्निक और बोर ने भी तम्बाकू के पत्ते पर इसका प्रभाव देखा और उसका नाम टोबेको मोजेक रखा। मोजेक शब्द रखने का कारण इनका मोजेक के समान तम्बाकू के पत्ते पर चिन्ह पाया जाना था। इस चिन्ह को देखकर इस विशेष विषाणु का नाम उन्होंने टोबेको मोजेक वाइरस रखा।


विषाणु लाभप्रद एवं हानिकारक दोनों प्रकार के होते हैं। जीवाणुभोजी विषाणु एक लाभप्रद विषाणु है, यह हैजा, पेचिश, टायफायड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर मानव की रोगों से रक्षा करता है। कुछ विषाणु पौधे या जन्तुओं में रोग उत्पन्न करते हैं एवं हानिप्रद होते हैं। एचआईवी, इन्फ्लूएन्जा वाइरस, पोलियो वाइरस रोग उत्पन्न करने वाले प्रमुख विषाणु हैं। सम्पर्क द्वारा, वायु द्वारा, भोजन एवं जल द्वारा तथा कीटों द्वारा विषाणुओं का संचरण होता है परन्तु विशिष्ट प्रकार के विषाणु विशिष्ट विधियों द्वारा संचरण करते हैं।


"वायरस कोशिका के बाहर तो मरे हुए ऱहते है लेकिन जब ये कोशिका मैंं प्रवेश करते है तो इनका जीवन चक्र प्रारम्भ होने लगता है विषाणु के प्रकार :- परपोषी प्रकति के अनुसार विषाणु तीन प्रकार के होते हैं। 1.पादप विषाणु (plant virus) 2.जन्तु विषाणु (animal virus) 3.जीवाणुभोजी(bacteriophage)


शनिवार, 24 अगस्त 2019

'कृष्ण' लीला की झांकिया रही मन-मोहक

गाजियाबाद। कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर देश के विभिन्न मंदिर और शिवालों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह दही हांडी,रैली और झांकियों का प्रदर्शन किया गया। पूरा देश कृष्णमय हो गया है। कृष्ण एक ऐसा आदर्श, एक ऐसा चरित्र है। जिसका वर्णन करना अत्यंत दुर्लभ है। उनके द्वारा किए गए मानव कर्म, मानव जाति के लिए सदैव आदर्श के रूप में प्रतिस्थापित रहेंगे।


बलराम नगर स्थित शिव मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में झांकियों का आयोजन किया गया। मुख्य रूप से आयोजक एवं प्रबधंक ओमपाल सिंह राठी ने बताया कि हम निरंतर इस प्रकार के शुभ अवसरो पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में कृष्ण के रूप में आराधना अंतल ने पूरी तरह निष्ठा के साथ कृष्ण के चरित्र का अभिनय किया है। जिसमें सैकड़ों लोग उपस्थित रहे और सभी ने नन्हे-मुन्ने बच्चों के द्वारा किए गये कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।


राष्ट्रपति ने अरुण जेटली को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्‍ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को उनके घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा पार्टी को आज एक अभूतपूर्व क्षति हुई है। जिसकी भरपाई किसी भी प्रकार से नहीं की जा सकती है। इससे एक तरफ सरकार में खिन्‍नता है। वहीं भाजपा पार्टी अरुण जेटली का शोक मना रही है। भाजपा पार्टी के लिए अरुण जेटली का संघर्ष अभूतपूर्व,अतुल्य रहा है। अरुण जेटली के संघर्ष और प्रयास भाजपा पार्टी को हमेशा सबल देते रहेंगे।


बिजली-विभाग के कर्मचारी हुए बेलगाम

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद-लोनी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में लोगों पर अत्याचार हो रहा हैं । टेंडर कर प्राइवेट लड़के जेई के नाम पर कनेक्शन काट रहे हैं । मौके पर जेई मौजूद नहीं,अभी हाल ही में विद्युत विभाग द्वारा आदेश जारी होने के बाद जिसमें उन्होंने बताया कि 25 तारीख को ₹5000 से ऊपर बकाया बिजली के कनेक्शनों को काट दिया जाएगा। लेकिन लोनी के मेन बाजार में एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां बिजली विभाग की गुंडागर्दी पूरी तरह से देखने को मिली है। जहां मकान मालिक द्वारा बिजली के बिल को अब से 4 दिन पहले जमा कर दिया गया था। लेकिन पुरानी लिस्ट लेकर प्राइवेट लड़कों ने तार काट दिया। घर का कनेक्शन जानबूझकर त्यौहार के दिन काट दिया है। बिजली विभाग कर रहा लोगों को परेशान। शासन और प्रशासन का किसी प्रकार का कोई है नहीं रह गया है। किस प्रकार टेंडर प्रक्रिया से दोबारा प्राइवेट लड़के अवैध उगाही में जुट गए हैं। अवर अभियंता से शिकायत करने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई। ठेकेदार के द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी पीड़ित परिवार को परेशान करने पर आमादा है।


चौदह सौ परिवारों में दौड़ी भय की लहर

सचिन विशोरिया


14 सौ परिवारों की जिंदगी दांव पर उसकी जिम्मेदारी किसकी?


गाजियाबाद। लोनी-गाजियाबाद रोड स्‍थित ऑक्सी होम सिटी में बिल्डिंग में हो रहे पानी रिसाव के कारण लेंटर का एक बड़ा टुकड़ा गल कर गिरा कार के ऊपर। मौके पर कोई हताहत होने की सूचना नहीं हैं । स्थानीय शासन-प्रशासन को ध्यान  देने की आवश्यकता है कि किस प्रकार ऐसी बिल्डिंगों को विभागों से एनओसी मिल जाती है। मानको के पूरी तरह विरुद्ध तैयार किया गये है।अगर इस बिल्डिंग में कोई बड़ा हादसा होता है तो क्या लोनी के जनप्रतिनिधि या अधिकारी इसकी जिम्मेवारी लेने के लिए तैयार है। शासनिक व प्रशासनिक स्तर पर मामले को संज्ञान मे लें। इससे पहले कि कोई बड़ा हादसा हो।
 ऑक्सी होम्स के स्टाफ ने बताया कि यह हादसा उस समय हुआ जब वहां पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। अगर वहां कोई मौजूद होता तो यह एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।  ऑक्सी होम्स में लोगों ने बताया कि अभी बिल्डर द्वारा उन्हें पजेशन दिए हुए मात्र 1 साल हुआ है। 1 साल के अंदर ही अगर ऐसा हादसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेवारी बिल्डर की बनती है। क्योंकि हाल ही में बिल्डर की लापरवाही के कारण लोनी के भारत सिटी में भी तीन बच्चों की मौत का मामला प्रकाश में आया है। जल रिसाव इसी तरीके से बिल्डिंग में होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब ऑक्सी होम्स में भी बड़ा हादसा होगा। जिसकी पूरी जिम्मेवारी बिल्डर लोनी के अधिकारियों साथ जनप्रतिनिधियों की होगी। क्योंकि लोनी की जिम्मेवारी जनता ने जनप्रतिनिधियों के कंधों पर दी हुई है।स्थानीय व्यवस्था से मेरा आग्रह है कि किसी भी बड़े हादसे को होने से पहले मामले को संज्ञान में लेकर बड़ी कार्रवाई कराई जाए। वरना तीन बच्चों की मौत की तरह यहां भी हमें एक बड़ी खबर मिल सकती हैै। कुछ दिन पहले हाल ही में ग्रेटर नोएडा शाहबेरी मे भी बिल्डिंग ढहने से बड़ा हादसा हो चुका है। कहीं लोनी भी ऐसे ही हादसे को दावत ना दे रहे हो बड़े-बड़े बिल्डर! क्योंकि बिल्डिंग में कई जगह लेंटर में दरार देखी गई है! वह कई जगह का लेंटर का मसाला भी छूटा हुआ है! जिसके ऊपर के सरिया साफ गले हुए देखे जा सकते हैं! वहां के निवासियों ने बताया कि घटिया निर्माण सामग्री के चलते यह हादसा हुआ है!


शोक-सम्मान: मोदी ने परिजनों से की बात

नई दिल्ली। अबू धाबीः पीएम मोदी यूएइ के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जाएद' से नवाजे गए। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यान ने किया सम्मानित। दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय मसलों के साथ-साथ अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दों पर भी बात हुई। क्राउन प्रिंस ने प्रधानमंत्री मोदी को युएइ सरकार की ओर से सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' दिया।


मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री का पदभार संभाल चुके और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अपनी आखिरी सांसे ली। उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई से फोनकर दिवंगत अरुण जेटली के परिवार वालों से बात की। पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी और उनके बेटे से बात की और संवेदना जाहिर की है। बता दें कि पीएम मोदी इस वक्त विदेश के दौरे पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जेटली के परिवार ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे अपना विदेश दौरा रद्द ना करें। पीएम ने ट्वीट कर अरुण जेटली के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है।


बैंक ऑफ बड़ौदा:सार्वजनिक क्षेत्र में हिस्सेदारी

लखनऊ। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता और उत्तर प्रदेश के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति; उत्‍तर प्रदेश के समन्वयक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने एसएलबीसी के तत्वाधान में परामर्शक प्रक्रिया का संयोजन किया। इस संयोजन का उद्देश्य आंतरिक प्रदर्शन की समीक्षा करना, राष्ट्रीय एजेंडा की अनुरूपता पर जोर देना और वृहत अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान देना रहा।


ये राज्य-स्तरीय विचार गोष्ठियां, पहले चरण में 17 और 18 अगस्त को आयोजित दो-दिवसीय परामर्शक इंट्रा - बैंक कार्यशालाओं के बाद आयोजित दूसरे चरण की विचार-गोष्ठी का हिस्सा थीं। उक्त गोष्ठियों में क्षेत्रीय स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की सभी शाखाओं ने हिस्सा लिया। इन गोष्ठियों व कार्यशालाओं में क्रियान्वित किये जाने लायक और नये-नये अनेक समाधान उभरकर सामने आये कि किस तरह से सामान्यतः पीएसबी अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं।


जिन सुझावों और विचारों पर क्षेत्रीय स्तर पर चर्चा की गयी, उन पर आगे 22 अगस्त और 23 अगस्त को आयोजित राज्य-स्तरीय विचार-गोष्ठियों में विचार-विमर्श हुआ। उक्त गोष्ठी में श्री पीएस जयकुमार प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारीए बैंक ऑफ बड़ौदाए राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एव भारतीय रिजर्व बैंक नाबार्ड इण्डस्ट्री एसोसिएशन;आदि योजनाओं से संबंध स्थापित करने बढ़ावा देने के विषय पर जोर दिया।


प्रतिनिधिमंडल:एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोका


श्रीनगर। आठ दलों के 11 नेताओं के साथ कश्मीर जा रहे राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। खबर हैं कि एयरपोर्ट पर उनके रोके जाने से हंगामा शुरू हो गया है। उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकले दिया जा रहा है। राहुल समेत अन्य नेता विस्तारा की फ्लाइट से दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना हुए थे।


ये नेता गए हैँ राहुल के साथ
राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल और आनंद शर्मा सहित कुल 10 नेता श्रीनगर जा रहे हैं । इन नेताओं का दोपहर के समय श्रीनगर पहुंचने का कार्यक्रम है। सूत्रों के मुताबिक अगर श्रीनगर में दाखिल होने की इजाजत मिली तो राहुल समेत सभी नेता वहां हालात का जायजा लेंगे और स्थानीय नेताओं एवं निवासियों से मुलाकात करेंगे। विपक्षी नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राजद के मनोज झा, द्रमुक के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल होंगे l


किसी भी सियासतदान को राज्य में आने की इजाजत नहीं दी गई।


अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद से सरकार ने अबतक किसी भी सियासतदान को राज्य में आने की इजाजत नहीं दी है। पूर्व मुख्यमंत्रियों, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को नजरबंद किया हुआ है, जबकि कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद को दो बार राज्य में प्रवेश करने से रोका गया है। उन्हें एक बार श्रीनगर में और दूसरी बार जम्मू में रोका गया।


केंद्रीय मंत्री रमेश ने किया औचक निरीक्षण

नई दिल्ली। केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कल नई दिल्‍ली स्थित भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर), भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर)और यूजीसी के दूरस्‍थ शिक्षा प्रभाग के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया।


श्री पोखरियाल ने इन संगठनों के अधिकारियों व कर्मचारियों से मुलाकात की। श्री पोखरियाल ने ऐतिहासिक महत्‍व के सभी दस्‍तावेजों तथा फाइलों के डिजिटलीकरण की जरूरत पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि ये सभी दस्‍तावेज देश की विरासत है। उन्‍होंने पुस्‍तकालय की पुनर्संरचना तथा सभी पुस्‍तकों को पेशेवर तरीके से संग्रह करने का निर्देश दिया। उन्‍होंने इस बात की सराहना की कि आईसीएचआर ने 2800 अनुसंधान कार्य पूरे कर लिये है। उन्‍होंने अधिकारियों से इन अनुसंधान कार्यों को समाज तक पहुंचाने का आग्रह किया, ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें।


श्री पोखरियाल ने बरामदे में रखी फाइलों पर कहा कि हमें स्‍वच्‍छता के प्रति सजग रहना चाहिए और पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों को प्रोत्‍साहित करना चाहिए। श्री पोखरियाल ने संस्‍थानों की वर्तमान अवसंरचना, रखरखाव और मानव संसाधन संबंधित विषयों की समीक्षा की। उन्‍होंने वरिष्‍ठ अधिकारियों को संस्‍थानों केविकास के लिए हरसंभव सहायता देने का आग्रह किया।


विद्यालय में बनेगी पोषण वाटिका:सचिव

 लखनऊ। कुपोषण को जड से समाप्त करने के लिये पोषण अभियान के तहत अब सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका बनायी जाएगी। पोषण वाटिका उन्हीं स्कूलों में बनायी जाएगी। जहां पर पर्याप्त भूमि एवं सुरक्षा के लिये बाडे की व्यवस्था होगी। पोषण वाटिका बनाने के लिये महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत धनराशि को खर्च किया जाएगा। पोषण अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति के लिये प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने सभी डीएम को इस बारे में पत्र लिख है।


पत्र में बताया गया कि बच्चों को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता एवं पोषण तत्वों के बारे में बताना तथा उनकी जानकारी बढाना ही पोषण वाटिका का प्रमुख उददेश्य है। स्वय सहायता समूहों से भी पोषण वाटिका बनायी जा सकती है। पोषण वाटिका लगाने के लिये उद्यान विभाग नि:शुल्क बीज एव पौधा उपलब्ध करायेगा। बीज व पौधे के मूल्य के साथ साथ पोषण वाटिका में आवश्यक मजदूरी का भुगतान ग्राम प्रधान मनरेगा से करेंगे। इस पोषण वाटिका से कुपोषित किशोर-किशोरियों के ऐसे परिवार को भी सब्जी उपलब्ध करायी जाएगी जो परिवार सब्जी नहीं खरीद पाते होंगे। एक बार पोषण वाटिका बन जाने से उसके रख रखाव की व्यवस्था प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की होगी। पोषण वाटिका में पैदा होने वाली सब्जियों  को बच्चों को मध्याहन भोजन में परोसा जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में पोषण वाटिका बनाने के लिये विद्यालयों के चयन की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है। अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिये कहा गया है। सीडीओ ने बताया शासनादेश के मुताबिक पोषण वाटिका बनाने की दिशा में कार्य शुरू करा दिया गया है। संबधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि आपस में समन्वयक स्थापित कर कार्य आरंभ करें।


किन विद्यालय में बन सकती है पोषण
पोषण वाटिका के लिये सिंचाई के लिये जल स्त्रोत उपलब्ध होगी, बलुई मिटटी, सूर्य की किरणे पडती हो, जहां पर पोषण वाटिका के लिये 200, 300, एव 400 वर्ग मीटर भूति हो। उन विद्यालय में पोषण वाटिका बन सकेंगी।


इन विभागों की होगी सहभागिता
जिले में विद्यालये में खुलने वाली पोषण वाटिका के  लिये बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम एव विकास विभाग, उद्यान विभाग, खाद्य प्रसस्करण विभाग एव बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की सहभागिता ली जाएगी। जिनके समनव्य से बेहतर पोषण वाटिका का निर्माण किया जा सके।


भारतीय सेना और टाटा के बीच समझौता

नई दिल्ली। 22 अगस्त को भारतीय सेना और टाटा रियल्टी एंड हाउसिंग के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।


यह समझौता ज्ञापन भारतीय सेना के कर्मियों को तुरंत 11 से 27 प्रतिशत छूट के साथ गुरुग्राम,  चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे सहित 10 शहरों में फैली टाटा रियल्टी पैन इंडिया की परियोजनाओं में 13 'रेडी टू मूव इन' आवासीय इकाइयों को तुरंत खरीदने में सक्षम बनाएगा। इससे आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (एडब्ल्यूएचओ) के लिए एक नए युग की भी शुरुआत होती है। इसने सेना के उन कर्मियों के लिए गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध करने का प्रयास किया है जो देश भर में दूरस्थ स्थानों पर तैनात हैं। एडब्ल्यूएचओ अब सैनिकों के लिए घर निर्माण करने के बजाय रियायती दरों पर प्रतिष्ठित निजी बिल्डरों से घरों की खरीददारी करने की सुविधा प्रदान करेगा।


मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अंतिम चरण के लिए मतदान 1 ज...