बुधवार, 19 मई 2021
झील के नीचे बसा है 160 घरों वाला भूतिया गांव
मंगलवार, 18 मई 2021
स्पर्म ही महिला को प्रेग्नेंसी के लिए देता हैं संकेत
मदन प्रजापति
नई दिल्ली/सिडनी। किसी भी महिला के लिए गर्भवती होना कोई बहुत आसान प्रक्रिया नहीं होती है। इसमें एक साथ कई सारी चीजें घटित होती हैं। जाहिर सी बात है कि कोई भी महिला पुरुष के स्पर्म शुक्राणुओं के बिना प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है। हालांकि नई स्टडी से पता चला है कि प्रेग्नेंसी में सीधी भूमिका के अलावा भी स्पर्म एक और बहुत अहम काम करता है। ये स्टडी ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है।
शनिवार, 15 मई 2021
पूरा जीवन बिना पानी के आसानी से रहता है चूहा
मंगल पर सूक्ष्म जीवन तो नहीं हो गया संक्रमित ?
पिछले कुछ सालों में मंगल अभियानों की संख्या में बहुत तेजी आई है। हाल ही में मंगल पर प्रोब, रोवर और ऑर्बिटर की संख्या बढ़ गई है। जहां यूएई और चीन के यान अब भी मंगल के चक्कर लगा रहे हैं। अमेरिका के नासा के बहुत से रोवर मंगल पर घूम रहे हैं। अब एक अनुवांशिकीविद का कहना है कि इस बात की संभावना है कि कुछ सूक्ष्मजीवी पृथ्वी से मंगल पर पहुंच गए होंगे।
हो सकती है बड़ी समस्या
अगर ऐसा वाकई हो गया है तो यह वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या हो सकता है। यह उन आंकड़ों में गड़बड़ी कर सकता है जो मंगल पर जीवन की तलाश के लिए जमा किए जा रहे हैं। इससे मंगल ग्रह पर जीवन या जीवन के संकेत खोजने के पर सवाल पैदा कर सकता है जो बहुत से अभियानों को प्रमुख उद्देश्य है।
आसानी से खारिज नहीं किए जा सकते ये सवाल
मंगल ग्रह पर इस तरह के गंभीर सवालों को खारिज करना आसान नहीं है। मिडिया के मुताबिक अमेरिका के कोर्नेल यूनिवर्सिटी में वेइल कॉर्नेल मेडिसिन में जैवभौतिकी, फिजियोलॉजी और जीनोमिक्स के प्रोफेसर क्रिस्टोफर मेसन का कहना है कि वैज्ञानिकों का दूसरे ग्रह पर जीवन की खोज करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वह वाकई उसी ग्रह का जीवन है ना कि पृथ्वी में पले बढ़े संक्रमण के कारण जीवन।
मंगल यात्रियों के लिए भी हो सकती समस्या
इस संक्रमण से केवल शोध में ही समस्या होगी ऐसा नहीं है बल्कि मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को भी समस्या हो सकती है। भविष्य में ये सूक्ष्मजीवी उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनकी सहायता के लिए गए उपकरणओं के लिए भी समस्या बन सकते हैं। मेसन को संदेह है कि हो सकता है कि मंगल पर मानव डीएनए भी 1971 और उसके बाद पहुंच गया हो। 1971 में मंगल ग्रह पर सोवियत संघ के दो अन्वेषण यान मंगल की सतह पर उतरे थे।
यह तय करना जरूरी
मेसन का कहना है कि मंगल पर धूल की वैश्विक आंधी से इन यानों से डीएनए मंगल की सतह तक पहुंच गए हों। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो जीवन हम पता लगा रहे हैं वह पृथ्वी से ही आया जीवन ना हो। ऐसा होने पर यह तय करना आसान नहीं होगा कि जो संकेत मिले हैं वे मंगल के मूल जीवन के ही संकेत हैं या नहीं।
नासा यह प्रयास करता है अभी वैसे तो नासा यह सुनिश्चित करता है कि उसके अंतरिक्ष यान, लैंडर, और रोवर पूरी तरह से विसंक्रमित हों। इसके लिए वह इन्हें खास तरह के कमरों में विकसित करता है जिससे किसी भी तरह का संक्रमण और अशुद्धता किसी नाजुक उपकरण में गड़बड़ी ना पैदा कर दे जिससे वहां से संकेत आने में किसी तरह की कोई समस्या हो। इसके लिए नासा ISO-5 जैसे कठोर प्रोटोकॉल का पालन करता है।
मेसन का दावा है कि यह असंभव है कि मंगल के अभियानों में जो भी यान आदि गए हैं वे सौ प्रतिशत ही सूक्ष्मजीवन से मुक्त हों। नासा के इन सफाई कमरों में भी सूक्ष्मजीवन के प्रमाण पाए गए हैं। वे विकिरण रोधी होने के साथ ठंडे वातावरण में भी पनप सकते हैं। ऐसे में मंगल पर एक मजबूत किस्म के सूक्ष्मजीव पहुंचे हों इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
शनिवार, 8 मई 2021
बदलते मौसम से सर्दी-खांसी और गले में खराश
- कटे हुए लहसुन की एक जड़ भूनें और सोने से पहले इसे एक चम्मच शहद में मिलाकर खा लें।
- शहद, काली मिर्च पाउडर और अदरक वाली गर्म चाय पीने से खांसी ठीक होती है।
- एक गिलास गर्म दूध में एक चौथाई छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और सोने से पहले पिएं।
- गर्म पानी में नमक डालकर उसके गरारे करने से भी खांसी में आराम मिलता है
- नमक के पानी से गले की खुजली ठीक होती है, बलगम बंद होता है, सूजन और जलन को कम करने में भी मदद करता है।पुदीने की पत्तियों का सेवन करें। इनमें मेन्थॉल नामक एक यौगिक होता है, जो खांसी से ख़राब हो चुके गले में तंत्रिका अंत को सुन्न कर सकता है। मेन्थॉल बलगम को तोड़ने और जमाव को कम करने में मदद करता है। खांसी दूर करने के लिए दिन में 2-3 बार पुदीने की चाय पिएं।
बुधवार, 5 मई 2021
घरेलू उपाय खूबसूरती में लगा सकते है चार चांद
- एक कप में तीन चम्मच छाछ और एक चम्मच नमक लें।
- इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और मुलायम ब्रश की मदद से इसे चेहरे पर दस से पंद्रह मिनट के लिए लगाएं।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो दें।
- यह उपचार प्राकृतिक होने के साथ प्रभावशाली भी है।ओपन पोर्स को बंद करने के लिए ब्राउन शुगर का लेप भी बहुत असरदार है। ब्राउन शुगर का इस्तेमाल चेहरे पर स्क्रब की तरह करने से मृत त्वचा हटने लगती है, जिसके बाद बढ़े हुए रोमछिद्र कम होने लगते हैं।
- इसके लिए दो चम्मच ब्राउन शुगर और एक चम्मच ऑलिव ऑयल को मिलाएं।
- स्क्रब की तरह इस्तेमाल करते हुए चेहरे पर पांच मिनट तक मसाज करें।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो दें।
- पहले इस्तेमाल के बाद से ही फायदा नजर आने लगेगा।
- गुलाब जल और खीरा
- गुलाब जल और खीरे का जूस चेहरे को ठंडक देता है और ये एस्ट्रिंजेंट का काम करते हैं। गुलाब जल त्वचा का पीएच लेवल सामान्य रखता है। इसके अलावा इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। खीरे के साथ गुलाब जल का मिश्रण रोमछिद्रों को प्रभावशाली तरीके से छोटा करता है।
- गुलाब जल और खीरे के जूस को मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
- 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें।
- त्वचा चमक उठेगी।
चंदन और हल्दी
चंदन भी चेहरे को चमकदार, मुलायम और कोमल बनाने में उपयोगी है। इसकी तासीर ठंडी होती है। लिहाजा, रोमछिद्रों को छोटा करने में यह कारगार साबित होता है। इसमें हल्दी पाउडर मिलाने के बाद यह एक अच्छा एंटी-बैक्टीरियल मिश्रण बन जाता है।- चंदन पाउडर में हल्दी पाउडर और गुलाब जल डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इस पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के रूप में करें।
- जब फेसपैक अच्छी तरह से सूख जाए तो चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
- प्रभावी परिणाम के लिए सप्ताह में तीन दिन इस पेस्ट का इस्तेमाल करें।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा रोमछिद्र में फंसी गंदगी और मृत त्वचा को निकालने में काफी असरदार है।
- एक बाउल में बेकिंग सोडा और एक छोटा चम्मच पानी डालकर पेस्ट तैयार करें।
- इस पेस्ट को चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं।
- पेस्ट को पंद्र्रह से बीस मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे धो लें।
- थोड़े दिनों बाद आप खुद फर्क महसूस करने लगेंगी।
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
फिटकरी के पानी से 'वायरस' को रख सकते हैं दूर
संदीप मिश्र/ हरिओम उपाध्याय
कोरोना महामारी से बचने के लिए लोग तरह-तरह के घरेलू नुस्खे आजमा रहे हैं। लेकिन परेशानी की बात यह है कि इनमें ज्यादा चीजें या तो महंगी हैं या फिर इन्हें लेकर चलना मुमकिन नहीं है। लेकिन, अगर आपको हाथ धोने के लिए कुछ नहीं मिल रहा हो तो फिटकरी आपके काम आ सकती है। इस देसी नुस्खे से आप बड़ी आसानी से बैक्टिरिया और वायरस को दूर रख सकते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीपी सिंह का कहना है कि यदि घर या बाहर साबुन या सेनेटाइजर न मिले तो फिटकरी का टुकड़ा इस्तेमाल किया जा सकता है।
बता दें कि फिटकरी में एल्मुनियम सल्फेट होता है। जो पानी को बिलकुल स्वच्छ कर देता है। अगर पानी में एक टुकड़ा फिटकरी डालकर उससे हाथ धोते हैं तो बीमारियों से बचने में सहूलियत होगी। कुल मिलाकर फिटकरी घुले पानी से हाथ धोना सादे पाने से कहीं ज्यादा प्रभावी है।
मंगलवार, 16 मार्च 2021
कीमोथैरेपी को मात दे सकता है कैंसर, धोखा
शनिवार, 6 मार्च 2021
धरती पर हो जाएंगी ऑक्सीजन की भारी कमी
रविवार, 28 फ़रवरी 2021
भारत के 5 सबसे अमीर भिखारी, जाने संपत्ति-बैलेंस
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021
जहर: मिनटों में तय करता है मौत का सफरनामा
साँप या सर्प, पृष्ठवंशी सरीसृप वर्ग का प्राणी है। यह जल तथा थल दोनों जगह पाया जाता है। इसका शरीर लम्बी रस्सी के समान होता है। जो पूरा का पूरा स्केल्स से ढँका रहता है। साँप के पैर नहीं होते हैं। यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है। इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। इसके ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियाँ इस प्रकार की सन्धि बनाती है। जिसके कारण इसका मुँह बड़े आकार में खुलता है। हम आपको विश्व के 4 ऐसे सांपो के बारे में बताएंगे जिनका जहर लोगों की मिनटों में मौत तय कर सकता है तो चलिए शुरू करते हैं।
1- सॉ स्केल्ड वाईपर
यह सांप वैसे तो पूरे संसार में पाए जाते हैं और इनकी ज्यादातर प्रजातियां जहरीली होती है। लेकिन इनकी सबसे जहरीली प्रजाति स्केल्ड वाईपर और चैन वाइपर है। जो कि भारत चीन और साउथ ईस्ट एशिया में पाई जाती है। छोटे आकार का होता है यही सांप भारत में सांपों के काटने से होने वाली सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार है।
2- ईस्टर्न ब्राउन स्नेक
ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला यह सब बहुत ही जहरीला होता है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जहर का 14000 वा हिस्सा भी किसी इंसान को खत्म करने के लिए काफी है इसे खराब बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में इंसानी इलाकों के पास ज्यादा पाया जाता है और ऑस्ट्रेलिया में सांपों के काटने से होने वाली सबसे ज्यादा मौतों के लिए यही सांप जिम्मेदार है।
3- बेंडिड सी क्रेट
पानी वाले सांप जहरीले नहीं होते यह आपकी गलतफहमी है। दुनिया का सबसे जहरीला सांप पानी में ही रहता है। यह सांप साउथ ईस्ट एशिया और नॉर्दन ऑस्ट्रेलिया के समुद्रों में पाया जाता है।यह सांप संसार का सबसे जहरीला सांप है। इस सांप के जहर की कुछ मिलीग्राम बूंदे 1000 व्यस्त इंसानों की मौत के लिए काफी है। समुद्र में पाए जाने के कारण इंसानों के लिए इतना खतरनाक नहीं है। मछुआरे मछली पकड़ते वक्त कभी कबार इसका शिकार होते हैं। इंसानों को काटने से उसकी मिनटों में ही मौत हो जाती है।
4- इंग्लैंड ताइपन
इनलैंड ताइपन जिसे वेस्टर्न ताइपन भी कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से एक है। यह सांप इतना जहरीला होता है कि इसके एक बार डसने से जितना जहर निकलता है। उसे 100 वयस्क लोगों की मौत हो सकती है। इसके काटने से 30 से 45 मिनट के अंदर मौत हो जाती है। अगर इलाज नहीं हुआ तो यह सांप वैसे तो काफी शांत और शर्मीले होते हैं और छेड़खानी होने पर ही काटते हैं और यह काफी फुर्तीले होते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ऐसा सांप का जहर किंग कोबरा से 50 गुना ताकतवर है।
मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021
नींबू वंश की दुनिया में 60 से अधिक नस्ल
शनिवार, 23 जनवरी 2021
घरेलू टिप्स से पाएं पैरों की दुर्गंध से छुटकारा
गुरुवार, 21 जनवरी 2021
1 जहरीला मेंढक, 10 इंसानों की मौत का सामान
बुधवार, 13 जनवरी 2021
जन्मजात दुश्मनी भुलाकर एक साथ आग तापी
गुरुवार, 7 जनवरी 2021
कम उम्र में धूम्रपान के विरुद्ध बनेगा कानून
रविवार, 3 जनवरी 2021
आप रचनाकार है तो अपनी रचनाएं यहां भेजें
आपके लिए एक रोमांचकारी योजना के तहत प्रतिष्ठित समाचार-पत्र 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस' आपसे आपकी लिखित रचनाएं आमंत्रित करता है। रचनाओं में आपके द्वारा लिखित कविताएं, आर्टिकल, लेख व चुटकलें आदि शामिल हो सकते हैं।
चंद्रमा की गति पर आधारित सबसे पुराना कैलेंडर
सोमवार, 28 दिसंबर 2020
बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग बेहद खतरनाक
बस्ती। उत्तर प्रदेश मे बस्ती जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को कहा है कि सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग जानलेवा हो सकता है। बन्द कमरे मे अगर ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाईये क्यों कि इससे जान जाने की खतरा बढ़ जाता है।
सोमवार को ''यूनीवार्ता'' से बातचीत करते हुए उन्होने कहा कि अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित होता है अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।उन्होने कहा कि कोयला या अलाव जलाने से कार्बन के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे एनवायरनमेंट में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, ब्रेन पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिए बॉडी के अंदर भी पहुंचता है। ब्रेन पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है।
रविवार, 13 दिसंबर 2020
साल का आखिरी 'सूर्य' ग्रहण, रखें विशेष ध्यान
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...