शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
देश में सीमेंट की कीमतों में उछाल की संभावना
24 घंटों में कोरोना के 35 हजार नए मामलें दर्ज
विकास के नाम पर देश को निर्भर बनाने का ढोंग
10 सितंबर से उपलब्ध होगा ‘जियोफोन नेक्स्ट’
गुरुवार, 9 सितंबर 2021
भारत में 9 सितंबर को लॉन्च किया फोन रियलमी
1 दिन में संक्रमण के 43 हजार 263 नए मामले दर्ज
12 तक देश के कई राज्यों में हो सकती हैं बारिश
केंद्र बदलने की अनुमति देने पर इनकार किया
बुधवार, 8 सितंबर 2021
महिला भर्ती के मसले पर यथास्थिति का आदेश
कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी
एफआईआर रद्द किए जाने की मांग, इनकार किया
किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को मंजूरी नहीं होगीं
मंगलवार, 7 सितंबर 2021
विषयक एक दिनी वेबिनार का आयोजन हुआ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हुकम सिंह बोरा राजकीय महाविद्यालय सोमेश्वर “नई शिक्षा नीति 2020 उपलब्धियां एवं चुनौतियां” विषयक एक दिनी वेबिनार का आयोजन हुआ। वेबीनार का लक्ष्य नई शिक्षा नीति के विभिन्न बिंदुओं को समझाना और उसके प्रावधानों को जानना वेबिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य संरक्षक सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के कुलपति नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि यह विषय केवल अध्यापकों के लिए ही नहीं बल्कि छात्रों व अभिभावकों के लिए भी अति समसामयिक और महत्वपूर्ण है। उन्होंने वेबीनार की सफलता के लिए शुभकामना दी। मुख्य वक़्ता डा. चंदन श्रीवास्तव ने नई शिक्षा नीति 2020 के विविध बिंदुओं को अति सरल और सारगर्भित शब्दों में प्रस्तुत किया और इस नीति की उपलब्धियों और चुनौतियों को बिंदुवार उजागर किया।
भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका: पीएम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सांकेतिक भाषा शब्दकोष, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल जैसी, शिक्षा क्षेत्र में नयी पहलों की शुरुआत की तथा कहा कि यह योजनाएं भविष्य के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ”शिक्षक पर्व” के पहले सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ”भविष्य की नीति” बताया और इसे नये स्तर तक ले जाने के लिए जनभागीदारी का आह्वान।
उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और अंतर्निहित पाठ सांकेतिक भाषा वीडियो, ज्ञान के सार्वभौमिक डिजाइन के अनुरूप), बोलने वाली किताबें (टॉकिंग बुक्स, नेत्रहीनों के लिए ऑडियो किताबें), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा, निपुण भारत के लिए ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। यह पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 100वें वर्ष में भारत कैसा होगा, इसके लिए देश आज नए संकल्प ले रहा है। आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वह भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ नीति ही नहीं, बल्कि सहभागिता आधारित है और इसके निर्माण से लेकर इसके क्रियान्वयन के हर स्तर पर देश के शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा, ”अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। जब समाज मिलकर कुछ करता है तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्षों में जनभागीदारी अब फिर भारत का राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है।”
स्वच्छता अभियान, उज्जवला योजना , डिजिटल लेने देन जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए भारत की शिक्षा व्यवस्था ने दुनिया को अपनी सामर्थ्य दिखायी है।
उन्होंने कहा, ”इन मुश्किल परिस्थितियों में हमने जो सीखा है, उन्हें अब आगे बढ़ाने का समय है।” उन्होंने कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय बाद स्कूल जाना, दोस्तों से मिलना और क्लास में पढ़ाई करने का आनंद ही कुछ और है। साथ ही उन्होंने सभी को सचेत किया कि उत्साह के साथ-साथ उन्हें कोरोना नियमों का पालन भी पूरी कड़ाई से करना है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, राजकुमार रंजन सिंह और सुभाष सरकार भी उपस्थित थे।
सोमवार, 6 सितंबर 2021
दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल का कठोर कारावास
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रकरण नवम्बर 2018 का है। जब पंजाब के रहने वाले युवक राकेश अरोड़ा ने अजमेर रेलवे स्टेशन के तोपदड़ा की ओर एक खानाबदोश युवती से दुष्कर्म किया। जीआरपी की मदद से आरोपी पकड़ा गया और मुकदमा चला।
मुकदमे में आज पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने आरोपी को 10 साल का कठोर कारावास तथा 75 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया।
प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए सांसद बनर्जी
भारत का 'भाग्य विधाता’ डटा हुआ और निडर हैं
राज्य को 25 साल में रसायन मुक्त हो जाना चाहिए
तीनों कानून का कई महीनों से पुरजोर विरोध किया
रविवार, 5 सितंबर 2021
इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करने में लगी हैं कंपनियां
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
-
वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...