राजनीति लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
राजनीति लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है, योगी सरकार

हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है, योगी सरकार 

संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है। सीएम योगी ने कहा कि इस फैमिली कार्ड के जरिए सरकारी नौकरी, रोजगार या स्वरोजगार से वंचित परिवारों को चिह्नित किया जाएगा, स्वरोजगार के साथ जोड़ा जाए।
सरकारी योजनाओं के वास्तविक अलग-अलग सरकारी स्कीम का लाभ देने की भी सहूलियत होगी। इस कार्ड की मदद से बाकी कई अलग-अलग कार्डों की जरूरत भी खत्म हो जाएगी। फैमिली कार्ड या परिवार कार्ड की मदद से परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की तैयारी की जा रही है। जारी किया जाने वाला यह फैमिली कार्ड वास्तव में परिवार का पहचान पत्र होगा। इससे परिवार की पहचान आसानी से हो सकेगी। इसी के साथ कार्ड की मदद से पता लगाया जा सकेगा कि किस परिवार को कौन-कौन सी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। फिर कार्ड के आधार पर ही उनके लिए उपयोगी योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जाएगा।

रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने में भी होगी सहायता...
दरअसल सरकार का मानना है कि फैमिली कार्ड की मदद से एक ही परिवार के सदस्यों को बार-बार एक ही योजना का लाभ मिलने से रोका जा सकेगा। असल लाभार्थी की पहचान भी सरकार को इसके माध्यम से हो सकेगी। चुनाव से पहले सरकार ने रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य जनता के सामने रखा था। अब फैमिली कार्ड की मदद से ही सरकार इसे और आसान बनाने की तैयारी में है। जिससे पता लग सके की वास्तव में रोजगार के संसाधन की जरूरत किसे है और किसे नहीं। इसी के साथ यदि परिवार के सदस्यों ने फैमिली कार्ड बनवा लिया है और उन्होंने अपना जाति प्रमाण पत्र इससे लिंक करवा लिया तो उन्हें अलग-अलग सदस्यों के लिए इसे बनवाने की जरूरत नहीं होगी।
यदि किसी भी व्यक्ति के पास में फैमिली कार्ड है तो उसे मैरिज सर्टिफिकेट, इनकम औऱ डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र लेना काफी आसान हो जाएगा। इसी के माना जा रहा है कि आगे चलकर यह भी अनिवार्यता हो सकती है कि इन तमाम प्रमाण पत्र के लिए फैमिली कार्ड आवश्यक हो जाए। फिलहाल इसको लेकर लगातार तैयारी जारी हैं और इसका जिक्र सीएम योगी ने एक बार फिर से अपने भाषण के दौरान किया है। जिसके बाद माना जा सकता है कि जल्द ही यह प्रदेश की जनता के सामने होगा।

25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का संस्कार

25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का संस्कार 
संदीप मिश्र 
अयोध्या। हम सभी को आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए, इससे ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। आज हम आपको मिलवाएंगे समाज को बेहतरीन संदेश देने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ हालांकि उन्‍हें अयोध्या के लोगों ने शरीफ चाचा का नाम दिया हुआ है। इसके अलावा मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है। वह लगभग 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके लिए मोहम्मद शरीफ को देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
वहीं, देशवासियों से अपील करते हुए 85 वर्षीय शरीफ चाचा ने कहा कि सबको अपने मां-बाप की इज्जत और समाज की सेवा करनी चाहिए। वहीं अब शरीफ चाचा का बीड़ा उठाते हुए उनके बेटे मोहम्मद सगीर ने कहा कि हम भी अपने पिता की राह पर चलते हुए इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भी लावारिस लाश आती हैं उनके धर्म के अनुसार हम अंतिम संस्कार करवाते हैं।
मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहने वाले हैं। शरीफ चाचा 28 वर्ष पहले एक साइकिल मिस्त्री की दुकान चलाते थे, लेकिन हालात और परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की एक साइकिल मकैनिक को लावारिस लाशों का मसीहा बना दिया। उन्‍होंने कभी जाति और धर्म के बंधन को नहीं माना, वहीं सभी लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
जानिए शरीफ चाचा कैसे बने लावारिस लाशों के मसीहा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए शरीफ चाचा ने बताया कि 28 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी और वहां पर किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और लावारिस समझ कर उसको नदी में प्रवाह कर दिया था। तभी से मैंने कसम खाई थी कि अयोध्या और फैजाबाद में कोई भी लावारिस लाश चाहें हिंदू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार विधि विधान से करेंगे और तब से अब तक लगभग 25000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं।
मोहम्मद शरीफ के चार पुत्र थे।एक पुत्र मोहम्मद रईस को सुलतानपुर में खो चुके हैं। जबकि दूसरे पुत्र नियाज की हृदयगति रूकने से मौत हो गई थी। अब शरीफ चाचा के 2 बेटे ही सहारा बचे हैं। मोहम्मद शगीर स्कूल की गाड़ी चला कर अपना परिवार चला रहे हैं, तो मोहम्मद जमील अपने पिता के साथ रहते हैं। शरीफ चाचा के खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से उनके बेटे लोगों की आर्थिक मदद से इस नेक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
शरीफ चाचा पद्मश्री से हो चुके हैं सम्मानित
शरीफ चाचा बताते हैं कि हमारे इस सामाजिक कार्य के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वहां पर कई लोगों ने हमारी तारीफ की और कहा कि ऐसा काम अभी तक किसी ने नहीं किया। इस नाते आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है‌।वहीं, अगर आप भी शरीफ चाचा की मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9956321923 कर सकते हैं।अयोध्या हम सभी को आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए, इससे ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। आज हम आपको मिलवाएंगे समाज को बेहतरीन संदेश देने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ से हालांकि उन्‍हें अयोध्या के लोगों ने शरीफ चाचा का नाम दिया हुआ है। इसके अलावा मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है। वह लगभग 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके लिए मोहम्मद शरीफ को देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
वहीं, देशवासियों से अपील करते हुए 85 वर्षीय शरीफ चाचा ने कहा कि सबको अपने मां-बाप की इज्जत और समाज की सेवा करनी चाहिए। वहीं अब शरीफ चाचा का बीड़ा उठाते हुए उनके बेटे मोहम्मद सगीर ने कहा कि हम भी अपने पिता की राह पर चलते हुए इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भी लावारिस लाश आती हैं उनके धर्म के अनुसार हम अंतिम संस्कार करवाते हैं।
धर्म के अनुसार करवाया अंतिम संस्कार
मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहने वाले हैं। शरीफ चाचा 28 वर्ष पहले एक साइकिल मिस्त्री की दुकान चलाते थे, लेकिन हालात और परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की एक साइकिल मकैनिक को लावारिस लाशों का मसीहा बना दिया। उन्‍होंने कभी जाति और धर्म के बंधन को नहीं माना, वहीं सभी लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
जानिए शरीफ चाचा कैसे बने लावारिस लाशों के मसीहा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए शरीफ चाचा ने बताया कि 28 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी और वहां पर किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और लावारिस समझ कर उसको नदी में प्रवाह कर दिया था। तभी से मैंने कसम खाई थी कि अयोध्या और फैजाबाद में कोई भी लावारिस लाश चाहें हिंदू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार विधि विधान से करेंगे और तब से अब तक लगभग 25000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके है।
मोहम्मद शरीफ के चार पुत्र थे।एक पुत्र मोहम्मद रईस को सुलतानपुर में खो चुके हैं। जबकि दूसरे पुत्र नियाज की हृदयगति रूकने से मौत हो गई थी। अब शरीफ चाचा के 2 बेटे ही सहारा बचे हैं। मोहम्मद शगीर स्कूल की गाड़ी चला कर अपना परिवार चला रहे हैं, तो मोहम्मद जमील अपने पिता के साथ रहते हैं।शरीफ चाचा के खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से उनके बेटे लोगों की आर्थिक मदद से इस नेक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
शरीफ चाचा बताते हैं कि हमारे इस सामाजिक कार्य के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वहां पर कई लोगों ने हमारी तारीफ की और कहा कि ऐसा काम अभी तक किसी ने नहीं किया। इस नाते आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है। वहीं, अगर आप भी शरीफ चाचा की मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9956321923 कर सकते हैं।

नूपुर की विवादित टिप्पणी, कई राज्यों में मामलें दर्ज

नूपुर की विवादित टिप्पणी, कई राज्यों में मामलें दर्ज

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित बीजेपी नेता नूपुर को उनके खिलाफ दर्ज़ सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से इनकार कर दिया। नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराते हैं, तो उस व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया जाता है, लेकिन इस मामले में आपके ऊपर किसी ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की, जो आपका दबदबा दिखाता है।
बता दें कि निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज़ सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शर्मा का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के वकील को इस मामले में संबंधित हाईकोर्ट के पास जाने का सुझाव दिया है। जब नूपुर शर्मा की वकील सुप्रीम कोर्ट से कहती हैं कि वह जांच में शामिल हो रही हैं और भाग नहीं रही हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वहां आपके लिए रेड कार्पेट होना चाहिए।
मामले को लेकर एपेक्स कोर्ट ने पूर्व बीजेपी प्रवक्ता को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बयानों से अशांति फैली है। एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के चलते शर्मा जांच का सामना कर रही हैं। बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया है। कहा गया कि उनके चलते पूरे देश में ही अशांति हो गई है। शर्मा की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांग ली है और उन्हें वापस भी ले लिया है। इसपर कोर्ट ने कहा कि उन्हें टीवी पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। कोर्ट ने उकसाने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किए जाने की बात कही है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा नूपुर शर्मा को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि देशभर में जो हो रहा है उसके लिए नूपुर शर्मा अकेले जिम्मेदार हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमने उस टीवी डिबेट को देखा, जिसमे वह उकसाती हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह सब कहा और बाद में उन्होंने कहा कि वह वकील हैं, यह शर्मनाक है। उन्हें पूरे देश से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
वकील ने जब उनकी क्षमायाचना और पैगंबर पर की गई टिप्पणियों को विनम्रता के साथ वापस लेने की दुहाई दी तो पीठ ने कहा कि वापस लेने में बहुत देर हो चुकी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन कई एफआईआर के बावजूद उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस ने उनको छुआ तक नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नूपुर शर्मा और उनकी हल्की जबान ने पूरे देश में आग लगा दी है। वो उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार हैं। नूपुर शर्मा को टीवी पर आकर माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा कि सत्ता की ताकत दिमाग पर हावी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आपने माफी मांगने में देर कर दी। सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा ने कहा कि मुझे रेप और हत्या की धमकियां मिल रही हैं। इससे पहले नूपुर शर्मा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जानबूझकर यह बयान नहीं दिया।
इससे पहले उनके उकसाने वाले बयान दिए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वहां लोगों ने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि अगर एंकर ने भड़काया तो उस पर केस क्यों नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के मन में दूसरे धर्म के प्रति सम्मान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की पहले मांगी गई माफी को लेकर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि आपने जो माफी मांगी वो भी सशर्त थी। शीर्ष अदालत ने राजधानी में दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज शिकायत पर अब तक हुए ऐक्शन पर भी सवाल उठाए। इससे पहले नूपुर शर्मा से कहा कि दिल्ली पुलिस ने आपके लिए रेड कार्पेट बिछा रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा का बयान की वजह से ही उदयपुर की घटना हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि आपको ऐसा बयान दिए जाने की जरूरत ही क्या थी।

उपराष्ट्रपति के लिए अमरिंदर का नाम दिया जा सकता है

उपराष्ट्रपति के लिए अमरिंदर का नाम दिया जा सकता है

अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी में विलय होने जा रहा है। पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यानी पिछले साल अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाई थी। कैप्टन की उम्र 80 साल है और इतनी उम्र वाले को बीजेपी में टिकट नहीं दी जाती, इसी वजह से कैप्टन अमरिंदर ने अलग पार्टी बनाई थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बातचीत हुई थी। पार्टी मर्ज करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को नया ऑफर मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह का उपराष्ट्रपति के लिए नाम दिया जा सकता है।
अगले हफ्ते अमरिंदर सिंह के सर्जरी कराकर लंदन से लौटने के बाद इस पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है। पिछले साल अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी और बीजेपी ज्वाइन किया था। पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के मंत्री सुनील जाखड़ के साथ चार अन्य नेता-राजकुमार वेरका, सुंदर श्याम अरोड़ा, बलबीर सिंह सिद्धू और गुरप्रीत सिंह ने हाल में बीजेपी ज्वाइन किया था।

अनुरोध करने वाली याचिका पर 11 को सुनवाई

अनुरोध करने वाली याचिका पर 11 को सुनवाई

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 बागी विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने का अनुरोध करने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। पीठ ने ताजा याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई।
उच्चतम न्यायालय ने 29 जून को महाराष्ट्र के राज्यपाल के उस निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को बहुमत साबित करने के लिये विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया गया था।

3 जुलाई से प्रारंभ होगा, दो दिवसीय विशेष सत्र

3 जुलाई से प्रारंभ होगा, दो दिवसीय विशेष सत्र  

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र यहां 3 जुलाई से शुरू होगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य विधानमंडल सचिवालय द्वारा विधानसभा सदस्यों को जारी एक पत्र में कहा गया है कि सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन जुलाई को होगा। पद के लिए नामांकन पत्र दो जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। एकनाथ शिंदे के राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद उनकी अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई।
मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि विधानसभा का विशेष सत्र दो और तीन जुलाई को आयोजित किया जाएगा। हालांकि, अब तिथियों को पुनर्निर्धारित किया गया है। सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव पर भी मतदान होने की संभावना है। शिंदे के पास शिवसेना के बागी समूह के 39 विधायकों, निर्दलीय एवं छोटे दलों के 10 विधायकों और भाजपा के 106 विधायकों का समर्थन है। शिंदे दो दिवसीय सत्र के दौरान सदन के पटल पर विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।

वादा पूरा किया होता, महाराष्ट्र में भाजपा का सीएम होता

वादा पूरा किया होता, महाराष्ट्र में भाजपा का सीएम होता

कविता गर्ग
मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता। उन्होंने ‘‘तथाकथित शिवसैनिक’’ को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाये जाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले पर सवाल उठाये और आश्चर्य जताया कि भाजपा ने 2019 में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार क्यों किया।
ठाकरे ने शिवसेना भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा से यह भी कहा कि वह मुंबई को इस तरह धोखा न दे, जैसे कि उसने उन्हें ‘‘धोखा’’ दिया था। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र की नई सरकार द्वारा मेट्रो कार शेड को मुंबई के कांजुरमार्ग से आरे कॉलोनी में ले जाने संबंधी कदम से दुखी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बताना चाहता हूं कि मेट्रो कार शेड परियोजना आरे में नहीं बल्कि कांजुरमार्ग में है। कांजुरमार्ग कोई निजी भूखंड नहीं है। मैं पर्यावरणविदों के साथ हूं और आरे को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। उस जंगल में वन्यजीव मौजूद हैं।’’ ठाकरे ने अपनी पार्टी में बगावत को लोकतंत्र का मजाक और लोगों के वोट की बर्बादी बताया।

गुरुवार, 30 जून 2022

भाजपा से गठबंधन, कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएंगी

भाजपा से गठबंधन, कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएंगी

कविता गर्ग
मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि बागियों ने स्वयं अपना रास्ता चुना है और पार्टी की ओर से उनके भाजपा से गठबंधन करने पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि शिवसेना नयी सरकार में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगी। शिवसेना के अधिकतर विधायकों के बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राउत ने यह बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि बागी नेताओं को शिवसेना से अलग होने के अपने फैसले पर ‘‘अफसोस’’ होगा। राउत ने कहा कि वह शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय भी जाएंगे। जिसने उन्हें समन जारी किया है। उन्होंने कहा कि वह एजेंसी के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
राउत ने कहा, ‘‘आपको (बागी नेताओं को) इसके लिए अफसोस होगा। एकनाथ शिंदे (बागी विधायकों के नेता) कट्टर शिवसैनिक थे और कई सालों तक उन्होंने पाटी के लिए काम किया। चाहे वह (विधायक) गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे और अन्य (जिन्होंने शिंदे का पक्ष लिया) हो, उन्होंने पार्टी के लिए कार्य किया और उसके लिए संघर्ष किया… उन्होंने अपना रास्ता स्वयं चुना है।’’ उन्होंने कहा,‘‘हम उनके रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। वे अपना गठबंधन (भाजपा के साथ) कर सकते हैं। हम अपना काम करेंगे। अब रास्ते अलग हैं…हम सकारात्मक विपक्ष की तरह काम करेंगे।
भाजपा का नाम लिए बिना राउत ने कहा कि वह उन लोगों को जानते हैं जिन्होंने शिवसेना के विधायकों पर दबाव डाला और जिसकी परिणीति पार्टी में बगावत के रूप में सामने आई। उन्होंने कहा कि सभी को उद्धव नीत सरकार में भरोसा था…। फिर चाहे वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार हो या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सभी को उद्धव ठाकरे पर भरोसा था। राउत ने कहा, ‘‘ लेकिन पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी और हमें इसकी जानकारी थी।
उन्होंने (भाजपा ने) केंद्रीय एजेंसियों व अन्य तरीकों से दबाव बनाया।’’ गौरतलब है कि शिवसेना के बागी विधायकों ने राउत के बयान को उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा,‘‘अगर मैं शिवसैनिक को मंत्री बनाने के लिए जिम्मेदार हूं तो यह जिम्मेदारी मैं लेता हूं।’’ उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) का गठन ‘‘ आत्म सम्मान की लड़ाई’’और दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनाने के सपने को साकार करने के लिए था।
राउत ने सवाल किया कि क्या बागी विधायक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे ? बागियों ने पार्टी से बगावत का मुख्य कारण कांग्रेस और राकांपा से गठबंधन को बताया था। राउत ने इसपर कहा कि कई बागी विधायक, जो यह तर्क दे रहे हैं। पहले राकांपा के ही सदस्य थे और उनमें से कई विधायक मंत्री बनने के लिए शिवसेना में शामिल हुए थे। राउत ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी नए जोश से काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई है, बल्कि सत्ता शिवसेना के लिए जन्मी है।

सीएम ने 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया

सीएम ने 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में आयोजित वृहद ऋण मेला के अंतर्गत 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना का शुभारम्भ भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने एलान किया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की मदद तो कर रही रही है। हम जल्दी ही एक ऐसी योजना लेकर आ रहे हैं जिसमें कि हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार या स्वत: रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राज्य के पास धन की कमी नहीं थी। नीयत की कमी थी। देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत से अधिक थी।
2017 में भाजपा सरकार आने के बाद हमने एक जनपद एक उत्पाद की घोषणा की जिसने निर्यात में बड़ी भूमिका निभाई। ऐसे निर्णयों के कारण आज यूपी निर्यात हब के रूप में विकसित हो रहा है। जहां 2016 तक यूपी का निर्यात 80 हजार करोड़ रुपये का था वो अब एक लाख 56 हजार करोड़ वार्षिक का हो चुका है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ। इससे प्रदेश की बेरोजगारी दर तीन प्रतिशत से भी नीचे लाने में सफलता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना काल में भी यूपी पहला राज्य था जहां से लोन मेला की शुरुआत हुई थी। प्रदेश के उद्यमियों को प्रशासन और सरकार की मदद मिली तो इससे उद्यमियों को भी लगने लगा कि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं और रोजगार के अवसर बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारे देश का नौजवान नौकरी मांगने वाला नहीं देने वाला होना चाहिए। एमएसएमई सेक्टर ने ऐसे नौजवानों को बढ़ावा दिया है। एक जिला एक उत्पाद योजना अपने आप में एक मिसाल है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ की वार्षिक ऋण योजना का भी शुभारंभ हो रहा है जिससे कि प्रदेश के उद्यमियों और हस्तशिल्पियों की मदद की जा सके और प्रदेश को आर्थिक रूप से विकसित बनाया जा सके।

भूस्खलन हादसा: हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया

भूस्खलन हादसा: हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया

अकांशु उपाध्याय/गीता गोवंडके  
नई दिल्ली/इंफाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात कर उन्हें भूस्खलन हादसे के मद्देनजर केन्द्र की ओर से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। श्री मोदी ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा , “ मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की और भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा की कामना करता हूं। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीध्र स्वस्थ होने की कामना है। ” उल्लेखनीय है कि मणिपुर के नोनी जिले में बुधवार आधी रात हुए भीषण भूस्खलन में प्रादेशिक सेना के कई जवान दब गये। हादसे में प्रादेशिक सेना के दो जवानों सहित आठ लोगों की मौत हो गयी है।
बचाव टीमों ने 23 लोगों को बचा लिया है जबकि 50 अन्य के अभी भी लापता होने की खबर है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह घटनास्थल पर पहुंच गये हैं और बचाव अभियान पर नजर रखे हुए हैं। सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और स्थानीय लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव कार्य किया जा रहा है।

ऐलान: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे, एकनाथ शिंदे

ऐलान: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे, एकनाथ शिंदे

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे राजभवन पहुंचे। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसे राज्यपाल ने स्वीकार किया। राज्यपाल ने दोनों नेताओं को मिठाई खिलाई। इससे पहले एकनाथ शिंदे गोवा से मुंबई आए और देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे थे। वहां आधा घंटा रुकने के बाद दोनों नेता राजभवन पहुंचे। फडणवीस और शिंदे ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राजभवन में संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीसी में फडणवीस ने ऐलान किया एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में, लोगों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए मतदान किया। लेकिन उस जनादेश का अपमान किया गया और महा विकास आघाडी सरकार बनाई गई। उद्धव ने रोज हिदुत्व का अपमान किया। पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र में विकास नहीं हुआ। बालासाहेब ठाकरे के विरोधियों के साथ उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाई। बाला साहेब कांग्रेस के विरोधी रहे, लेकिन इन्होंने उनके साथ सरकार बनाई।
उन्होंने कहा कि लोग भाजपा शिवसेना की सरकार चाहते थे, लेकिन उद्धव ने एनसीपी और कांग्रेस को प्राथमिकता दी। मैं आपसे हमेशा कहता था कि ये सरकार (महा विकास आघाडी) अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाएगी। देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मालिक को लेकर कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने जिंदगी भर दाऊद का विरोध किया, लेकिन उद्धव ठाकरे ने दाऊद से संबंध रखने वाले व्यक्ति को मंत्री बनाया। जेल जाने के बाद भी उसे मंत्री पद से नहीं निकाला। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे, शपथ ग्रहण समारोह शाम 7.30 बजे होगा।

'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित

'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित 

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने केंद्र की 'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित कर दिया। बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों अश्विनी शर्मा और जांगी लाल महाजन ने प्रस्ताव का विरोध किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में इस प्रस्ताव को पेश किया। प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए मान ने कहा कि वह जल्द ही अग्निपथ योजना के मुद्दे को प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे।

अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए मान ने कहा कि यह योजना देश के युवाओं के विरुद्ध है। विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की कि अग्निपथ योजना वापस ले ली जाए। अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया और योजना को वापस लिए जाने की मांग की।गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं की भर्ती वाली अग्निपथ योजना लाए जाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हुए। बाद में उसने इस साल के लिए भर्ती के वास्ते अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी।

राजनीति: नकली आंसू बहाने में माहिर हैं, पीएम

राजनीति: नकली आंसू बहाने में माहिर हैं, पीएम

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम में भारी वृद्धि को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला करते हुए गुरुवार को कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नकली आंसू बहाने में माहिर हैं और जनता के दुख दर्द से उनका कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उज्ज्वला योजना को लेकर मोदी ने तो भावुक बातें कहीं और जितने आंसू बहाये, वे सब नकली थे। उनका कहना था कि सूचना के अधिकार के तहत मिली एक जानकारी के अनुसार सिलेंडर की कीमत बहुत ज्यादा होने के कारण देश में 3.59 करोड़ ग्राहकों ने रसोई गैस सिलेंडर नहीं भरवाया है। रसोई गैस सिलेंडर कीमत आज 1000 से ज्यादा हो चुकी है। गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट अपने इस संदेश में कहा, “मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत हुई। 

पेट्रोल पंप से लेकर अख़बार तक, इस योजना पर करोड़ों रूपए ख़र्च किये गए फ़िर 10 अगस्त, 2021 को उज्ज्वला 2.0 का लॉन्च कर फ़िर से जनता के टैक्स के पैसों से विज्ञापनों पर करोड़ों उड़ाए गए। फ़िर धीरे-धीरे सिलिंडर के दाम बढ़ाए गए और आज एक सिलेंडर भराने की कीमत 1,000 रुपए हो चुकी है। मैंने कहा था कि प्रधानमंत्री ने दो हिंदुस्तान बना दिये हैं, एक अमीरों का और एक ग़रीबों का।” उन्होंने कहा, “अपनी एक रैली में, चूल्हे पर खाना बनाने वाली मांओं के लिए प्रधानमंत्री कुछ ज़्यादा भावुक हो गए थे। लेकिन आज सिर्फ़ एक वर्ष (2021-22) में ही 3.59 करोड़ लोगों को चूल्हा फूंकने पर मजबूर कर दिया है।इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं, प्रधानमंत्री ?

बुधवार, 29 जून 2022

राजनीति: फ्लोर टेस्ट से पहले 'सीएम' का इस्तीफा

राजनीति: फ्लोर टेस्ट से पहले 'सीएम' का इस्तीफा

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं विधान परिषद से भी इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि जिसे मैंने बहुत कुछ दिया, वो आज नाराज हैं। वे मेरे खिलाफ हैं, जिसे मैंने कुछ नहीं दिया, वो मेरे साथ हैं। मेरे पास शिवसेना है। यह हमसे कोई नहीं छीन सकता। मैं कल से शिवसेना भवन जाऊंगा। नहीं चाहता कि शिवसैनिकों का खून बहे। नहीं चाहता शिवसैनिक सड़क पर उतरें।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिनको जो देना था दिया, जो भी संभव था दिया। कई लोग मुझसे मिल रहे हैं। जिसको दिया वो नाराज हैं, जिसे कुछ नहीं दिया वो मेरे साथ हैं। बागी अब ठाकरे परिवार को भूल गए हैं। राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्लोर टेस्ट को कहा है। आपको नाराजगी किससे हैं। आप अगर बोलते कि हमें बात करनी है तो मैं बात करता। मैं आपकी भावनाओं का आदर करता हूं। आपको भी आकर मुझसे बात करनी चाहिए। नाराजगी थी तो मुझे आकर बताते।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसैनिकों को नोटिस भेजा जा रहा है। सीआरपीएफ के जवान मुंबई आने वाले हैं। शिवसैनिकों के बाहर निकलने से रोका जा रहा है। मुझे कल होने वाले फ्लोर टेस्ट से कई मतलब नहीं है। मेरे पास कितने लोग हैं, इससे मुझे कोई मतलब नहीं है। आप जिनके साथ जाने वाले हैं, आप शायद बहुमत सिद्ध कर देंगे। जिन लोगों को शिवसेना ने राजनैतिक जन्म दिया। उन लोगों ने बालासाहेब ठाकरे के बेटे को मुख्यमंत्र पद से उतारने का पुष्य पाया है। आपको बड़ा करने का पुष्य मैंने किया है, उसका फल भोग रहा हूं। कल आप जाकर लोगों को बताइएगा कि बाला साहेब ठाकरे ने मुझे इतना बड़ा बनाया और मैंने उनके बेटे को सीएम के पद से उतारा।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है, भारत

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है, भारत 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है और कुल वैश्विक शहरी आबादी का 11 प्रतिशत भारतीय शहरों में रहता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2018 और 2050 के बीच हमारी शहरी आबादी में लगभग 416 मिलियन लोग जुड़ जाएंगे। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने कहा कि हमारे शहर न केवल भारत के आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, बल्कि इसके सतत लक्ष्यों को भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय शहर राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 70 प्रतिशत योगदान करते हैं। जबकि, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 44 प्रतिशत का योगदान होता है। हरदीप सिंह पुरी का भाषण 28 जून को पोलैंड के कोटाविस में आयोजित 11वें वर्ल्ड अर्बन फोरम में मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अपर सचिव संजय कुमार द्वारा पढ़ा गया। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने निष्क्रिय पड़ी क्षमता का पूंजीकरण किया है। उन्होंने कहा कि 2014 की शुरुआत में, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े योजनाबद्ध शहरीकरण कार्यक्रम और विभिन्न परिवर्तनकारी नीतियों और क्रियाकलापों को शुरू किया है। नए शहरी एजेंडा के मूल सिद्धांतों को इनके केंद्र में रखा गया है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय शहर देश के आर्थिक और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।

पुरी ने कहा कि सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद, बुनियादी सेवाओं के सार्वभौमिकरण और ग्रामीण-शहरी निरंतरता पर भारत की शहरी विकास प्राथमिकताओं का आधार है। उन्होंने कहा कि ‘सभी के लिए आवास’ और ‘स्वच्छ भारत मिशन’ योजनाएं हैं जो क्रमशः आवास और स्वच्छता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करती हैं। उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ ने विशेष रूप से वैश्विक प्रशंसा हासिल की है और शहरों का हमारा वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है, उपरोक्त दो योजनाओं और अन्य प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करते हुए, जिन्होंने शहरी क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है, पुरी ने कहा कि कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन के माध्यम से पानी की आपूर्ति, पार्क और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करता है। पुरी ने कहा कि भारत के स्मार्ट सिटीज मिशन ने नागरिक केंद्रित पहलों के माध्यम से 100 स्मार्ट शहरों में जीवन की गुणवत्ता में जबरदस्त वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स सेल्फ-रिलायंस फंड एक अनूठा प्रयोग है, जहां स्ट्रीट वेंडरों को जमानत से मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में प्रदान की गई थी, जिसने महामारी के दौरान इस सबसे कमजोर वर्ग को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि हमारी स्थायी शहरी परिवहन नीतियां पेरिस समझौते की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई हैं और हर साल, जलवायु परिवर्तन के प्रति-उपायों के रूप में भारत के शहरी परिदृश्य में सार्वजनिक परिवहन और आवागमन के विकल्पों की एक रिकॉर्ड संख्या को जोड़ा जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महामारी की शुरुआत ने शहरी कमियों पर जोर दिया और अंतर्निहित असमानताओं को उजागर किया। उन्होंने ने कहा कि जैसे-जैसे हम महामारी से उभर रहे हैं, समावेशिता, लैंगिक समानता और पर्यावरणीय न्याय के संदर्भ में हमारी नीतियों को मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारों को शहरी समाज के हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष नकद अंतरण, कल्याणकारी लाभों की पोर्टेबिलिटी और किफायती किराये के आवास जैसे उपायों के माध्यम से, भारत ने महामारी के दर्द को कम किया है।

पुरी ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” के दर्शन के अनुयायी के रूप में जिसका अर्थ है ‘दुनिया एक परिवार है’, भारत अन्य देशों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के महत्व में विश्वास करता है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि 11वां विश्व मंच हमें एक समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के साझा लक्ष्य का पीछा करते हुए विनम्रतापूर्वक सीखने और अपने अनुभवों को साझा करने की अनुमति देगा।

सिन्हा ने तीर्थ यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया

सिन्हा ने तीर्थ यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया 

इकबाल अंसारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह जम्मू शहर के भगवती नगर आधार शिविर से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों के पहले जत्थे को कश्मीर के पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की यात्रा के लिए रवाना किया। पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिये 43 दिवसीय तीर्थयात्रा बृहस्पतिवार को कश्मीर के दोनों आधार शिविरों से शुरू होगी और 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर इसका समापन होगा। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। ‘बम बम भोले’ और ‘जय बर्फानी बाबा की’ के नारे लगाते हुए तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाहनों में भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए। जम्मू के महापौर चंदर मोहन गुप्ता, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र राणा, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता सहित कई राजनेता और अधिकारियों के साथ, उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों को कश्मीर के दोनों आधार शिविरों तक ले जाने वाली बसों और अन्य वाहनों के काफिले को झंडी दिखाकर रवाना किया।

जम्मू के महापौर चंद्र मोहन गुप्ता ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जम्मू से तीर्थयात्रा शुरू हो गई है। उपराज्यपाल द्वारा हरी झंडी दिखाकर काफिले को यहां से कश्मीर के लिए रवाना किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। राजस्थान के बाड़मेर से आए एक तीर्थयात्री दलीप सिंह ने कहा, ‘‘ कोई डर नहीं है, कोई खतरा नहीं है, केवल पवित्र गुफा तक जल्दी पहुंचने और भगवान शिव के दर्शन करने का जुनून है।’’ कानपुर के तीर्थयात्रियों के एक बड़े समूह का हिस्सा आशा देवी ने कहा, ‘‘हम पूरे देश के लोगों से यहां आने और पूजा करने का आग्रह करते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ आधार शिविरों, ठहरने के स्थान, पंजीकरण और ‘टोकन’ केंद्रों पर तथा उसके आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यात्रा 30 जून को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर के नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू होगी। अधिकारियों के अनुसार, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है।

एकनाथ का दावा, 50 विधायकों का समर्थन हासिल

एकनाथ का दावा, 50 विधायकों का समर्थन हासिल 

विमलेश यादव

गुवाहाटी। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उन्हें 50 विधायकों का समर्थन हासिल है और विधानसभा में संख्याबल की ‘‘किसी भी परीक्षा’’ में वह उत्तीर्ण होंगे। उन्हें समर्थन करने वाले विधायकों में शिवसेना के बागी सदस्य और निर्दलीय विधायक शामिल हैं। यहां एक दिन में दूसरी बार कामख्या मंदिर के दर्शन करने आए शिंदे ने जोर देकर कहा, ‘‘हमारे पास 50 विधायक हैं, जो पार्टी के दो तिहाई विधायकों से अधिक हैं। हम सदन में बहुमत परीक्षण को लेकर चिंतित नहीं है और किसी भी परीक्षा में सफल होंगे।’’

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) को बृहस्पतिवार को सदन में विश्वास मत साबित करने को कहा है। हालांकि, शिवसेना ने उनके इस निर्देश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। शिंदे ने कहा , ‘‘हमें कोई नहीं रोक सकता’’क्योंकि लोकतांत्रिक प्रणाली में संख्याबल और बहुमत सबसे अहम होता है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी देश के संविधान और नियमों से परे जाने की जरूरत नहीं है। यह महाराष्ट्र और हिंदुत्व की प्रगति के लिए है। बहुमत हमारे साथ है।’’ शिंदे से जब पूछा गया कि मौजूदा सरकार के विकल्प के तौर पर गठित होने वाली संभावित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को क्या बागी विधायक समर्थन देंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘कल सदन में शक्ति परीक्षण के बाद हम बैठेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।’’

उदयपुर की घटना, कोई मामूली वारदात नहीं: सीएम

उदयपुर की घटना, कोई मामूली वारदात नहीं: सीएम 

नरेश राघानी

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उदयपुर की घटना, कोई मामूली वारदात नहीं है और जब तक अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर उनके (आरोपियों के) कुछ संबंध नहीं हों, ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस वारदात की जांच उसी को ध्यान में रखते हुए की जा रही है कि जिन्होंने हत्या की है, उनकी क्या साजिश थी, क्या षड्यंत्र था, किससे उनके संपर्क हैं, क्या वे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के संपर्क में हैं, इन तमाम बातों का खुलासा होगा ?

उल्लेखनीय है कि उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र में मंगलवार को दिन दहाड़े दो मुस्लिम लोगों ने धारदार हथियार से कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की हत्या कर दी थी। जयपुर में बुधवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक से पूर्व गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं।

मंगलवार, 28 जून 2022

युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है: प्रसाद

युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है: प्रसाद 

विमलेश यादव   

रांची। झारखण्ड प्रदेश काँग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य अब ठेके पर लगता है और भाजपा सरकार पूरे देश को ठेके के अग्निपथ पर भेज दम लेगी। प्रसाद ने आज यहां कहा कि वर्ष 2020-21 के एक साल में पक्की नौकरी 27% घटी है और वर्ष 2017 से 2021 के बीच ठेके पर रखे जाने वाले युवाओं की संख्या दुगनी हुई। केंद्रीय पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग में 5,21,000 नौकरी घटी है।

उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के निर्देश पर और झारखण्ड प्रदेश काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर के आह्वान पर झारखण्ड के 81 विधानसभा क्षेत्र में अग्निपथ योजना के विरोध में 27 जून को लोगों ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस जनों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन और सत्याग्रह किया। ताकि, केन्द सरकार इस योजना को तत्काल वापस ले। प्रसाद ने कहा कि देशभर में आक्रोश है, खासतौर पर युवाओं में।

गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा

गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा

मिनाक्षी लोढी

आसनसोल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक जुबैर अहमद और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने अग्निपथ सेना भर्ती योजना को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘बड़ा घोटाला व जुमलों की राजनीति का एक और उदाहरण’ करार दिया।

बनर्जी ने कहा, ‘‘आपने मोहम्मद जुबैर और तीस्ता सीतलवाड़ को क्यों गिरफ्तार किया है ? उन्होंने क्या गलत किया है ? क्या सच बोलना या सच को उजागर करना अपराध है ? जो लोग इस सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें या तो एजेंसियों का इस्तेमाल करके परेशान किया जा रहा है, या उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी का जिक्र करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि देश में नफरत और हिंसा फैलाने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि देश में नफरत और हिंसा फैलाने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने वालों को उन्होंने (भाजपा ने) छुआ तक नहीं, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ने वालों को परेशान किया जा रहा है।

अग्निपथ योजना के बारे में बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इसके तहत भर्ती किए गए सैनिकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष तक बढ़ानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वे चार साल का अनुबंध खत्म होने पर अनिश्चित भविष्य का सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि उन अग्निवीरों को, चार साल बाद राज्य सरकार की नौकरियों में अवसर मिलना चाहिए। ममता ने कहा कि यह केंद्र सरकारी की पैदा की हुई समस्या है, इसलिए उसे ही इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी, हमारी सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेंगी।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...