बुधवार, 27 दिसंबर 2023

₹25 प्रति किलो की दर से चावल बेचेगी सरकार

₹25 प्रति किलो की दर से चावल बेचेगी सरकार 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सरकार अब भारत ब्रांड के तहत 25 रुपये प्रति किलो की दर से चावल बेचेगी। इसकी बिक्री भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार आउटलेट के माध्यम से की जाएगी।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चावल की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। 
सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत आटा और दालों की बिक्री करती है। नवंबर में खाद्दान्न की कीमतों में 10.27 प्रतिशत इजाफा हुआ, जिससे नवंबर महीने में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.70 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने में यह 6.61 प्रतिशत थी। कुल कंज्यूमर प्राइस बास्केट में खाद्य मुद्रास्फीति की हिस्सेदारी लगभग आधी है।
बीते कुछ महीनों में सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से की गई ई-नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बिक्री बढ़ाकर गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में सफल रही है। हालांकि इस दौरान चावल का उठाव न्यूनतम रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों में वृद्धि 2024 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए एक समस्या खड़ी कर सकती है।
एफसीआई ने हाल ही में चावल के लिए अपने ओएमएसएस नियमों में भी थोड़ा ढील देते हुए संशोधन किया है। बोली लगाने वाले की अेार से बोली लगाए जा सकने वाले चावल की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमश 1 मीट्रिक टन और 2000 मीट्रिक टन तय की गई है। यह कदम बाजार में अनाज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

तूफान: तबाही के कारण राज्य सुर्खियों में रहा

तूफान: तबाही के कारण राज्य सुर्खियों में रहा

इकबाल अंसारी 
अहमदाबाद। गुजरात के सूरत की एक अदालत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और 'बिपरजॉय' तूफान से होने वाली तबाही के कारण 2023 में यह राज्य सुर्खियों में रहा। कांग्रेस नेता ने सजा सुनाये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता खो दी, जिसकी बहाली के लिए उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।
इस वर्ष इन दो घटनाओं के अलावा कई अन्य ऐसे कारण थे जिससे गुजरात देश भर में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा। इनमें यूनेस्को द्वारा राज्य के पारंपरिक नृत्य गरबा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया जाना, सूरत में डायमंड बोर्स का उद्घाटन तथा ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालयों के परिसर गांधीनगर स्थित ‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक’ (गिफ्ट) सिटी में स्थापित किया जाना शामिल है।
सूरत की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई। राज्य के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनके उस बयान के लिए आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘सभी चोरों के उपनाम मोदी कैसे है।’’
यह टिप्पणी कांग्रेस नेता ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में की थी। अदालत से दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाये जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। अदालत से दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने के बाद जनप्रतिनिधि की संबंधित सदन की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है।
नियमों के अनुसार, गांधी को सांसद के रूप में तभी बहाल किया जा सकता था, जब अदालत उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दे। अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगवाने के राहुल गांधी के प्रयास सूरत सत्र अदालत और गुजरात उच्च न्यायालय में विफल रहे, क्योंकि वहां उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गयीं।

उच्चतम न्यायालय ने अंततः अगस्त में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली का मार्ग प्रशस्त हो गया। गांधी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गुजरात उच्च न्यायालय ने 31 मार्च को केंद्रीय सूचना आयोग के सात साल पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था और उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इस मामले में केजरीवाल की समीक्षा याचिका भी उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया। अप्रैल में, गुजरात विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री की डिग्री के मुद्दे पर विश्वविद्यालय के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।
मामले की सुनवाई अब भी जारी है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी अपने उस बयान को लेकर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’। तेजस्वी के खिलाफ मामला मई में अहमदाबाद की अदालत में दायर किया गया था। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले में आया था, जिससे क्षेत्र में फसलों और बिजली आपूर्ति को भारी नुकसान हुआ।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि तटीय क्षेत्र से 1.10 लाख से अधिक लोगों को सावधानीपूर्वक निकाल लिये जाने के कारण प्राकृतिक आपदा में कोई जन हानि नहीं हुई। ‘बिपरजॉय’ का बांग्ला भाषा में अर्थ आपदा होता है। इस साल अप्रैल में एक बार फिर गुजरात उस वक्त सुर्खियों में आया जब अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 के नरोदा दंगों के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया।
इन दंगों में 11 लोग मारे गए थे। गुजरात के पारंपरिक नृत्य गरबा को इस महीने की शुरुआत में यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया था। गुजरात सरकार ने अहमदाबाद जिले के साणंद में भारत की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा की स्थापना के लिए कंप्यूटर स्टोरेज चिप निर्माता माइक्रोन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इनके अलावा अन्य कारणों से भी गुजरात सुर्खियों में रहा।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-68, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, दिसंबर 28, 2023

3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:36, सूर्यास्त: 05:18।

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 25+ डी.सै.।

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मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

भर्ती: आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का आदेश

भर्ती: आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का आदेश

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का आदेश दिया है। अभ्यर्थियों द्वारा आयु सीमा में छूट की मांग का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि आयु सीमा में छूट देने के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
दरअसल, सिपाही भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आयु सीमा को लेकर असंतोष पनप रहा था। अभ्यर्थियों की मांग पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त समेत कई विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने भी आयु सीमा में छूट देने की मांग की थी। वहीं, हाईकोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दायर कर दी गयी। सबसे ज्यादा नाराजगी सामान्य वर्ग की आयु सीमा को लेकर पनप रही थी। दरअसल, पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा 18 से 22 वर्ष निर्धारित की गयी है। पुलिस में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं की दलील थी कि वर्ष 2018 के पांच साल बाद करीब 60 हजार पदों पर भर्ती होने जा रही है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सामान्य वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जिनकी 18 वर्ष से अधिक हो, लेकिन 25 वर्ष पूरी न हुई हो, आवेदन कर सकेंगे। इसी तरह 28 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं और 30 वर्ष से कम उम्र के अन्य वर्गों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
अभ्यर्थियों की दलील थी कि भर्तियों में पांच साल का विलंब होने से तमाम युवाओं की आयु सीमा इससे अधिक हो चुकी है। इससे उनको पुलिस में भर्ती होने का मौका नहीं मिल सकेगा। बता दें कि वर्ष 2018 में सिपाही के कुल 49,568 पदों पर भर्ती हुई थी। इनमें नागरिक पुलिस के 31,360 और पीएसी के 18,208 के पद शामिल थे।
युवाओं के हितों एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में यूपी पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए उच्चतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है।

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से देश में हरित ऊर्जा पर जोर के बीच अगले साल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 16.5 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है। यह मौजूदा वर्ष की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक है। बिजली मंत्रालय ने यह अनुमान जताया है।
यह 2030 तक 500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और कोयला समेत जीवाश्म ईंधन से कुल बिजली उत्पादन क्षमता को 50 प्रतिशत से कम करने के संकल्प के अनुरूप है। देश ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कई मौकों पर कहा है कि 2030 तक 65 प्रतिशत बिजली उत्पादन क्षमता हरित ऊर्जा स्रोतों से होगी और यह निर्धारित लक्ष्य 50 प्रतिशत से अधिक होगी। सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘देश में 2024 में 1,37,500 करोड़ रुपये (लगभग 16.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश के साथ 25 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ने की संभावना है।
यह मौजूदा वर्ष में 74,250 करोड़ रुपये के निवेश से 13.5 गीगावाट क्षमता से अधिक है।’’ देश वाहनों में उपयोग होने वाले जीवाश्म ईंधन खासकर डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा के अलावा हरित हाइड्रोजन पर भी ध्यान दे रहा है। भारत एक तरह से डीजल आधारित अर्थव्यवस्था है। यात्री और माल ढुलाई सेवाओं के लिए ज्यादातर वाणिज्यिक वाहन ईंधन के रूप में डीजल का उपयोग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष जनवरी में 19,744 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी। सार्वजनिक क्षेत्र की सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने जुलाई में सालाना 4,50,000 टन हरित हाइड्रोजन और 1.5 गीगावाट क्षमता के इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण संयंत्रों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने को लेकर बोलियां बोलियां आमंत्रित कीं।
ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना (मोड-1-ट्रेंच-I) के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत 21 कंपनियों ने 3.4 गीगावाट के इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण और 14 कंपनियों ने 5,53,730 टन के हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां लगाईं। रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स उन 21 कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण को 3.4 गीगावाट सालाना क्षमता स्थापित करने के लिए सरकार के प्रोत्साहन के लिए बोलियां लगाई हैं।
सिंह ने कहा कि देश में 78 लाख टन क्षमता के हरित हाइड्रोजन क्षमता निर्माण के विभिन्न चरणों में है। कुल 17,490 करोड़ रुपये के समर्थन वाली ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना का मकसद हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन को बढ़ावा देना, हरित हाइड्रोजन परिवेश विकसित करना और औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करना है।
उद्योग मंडल सीआईआई में नवीकरणीय ऊर्जा परिषद के सह-चेयरमैन और हीरो फ्यूचर एनर्जीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राहुल मुंजाल ने कहा कि 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा का दृष्टिकोण सकारात्मक है। विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और बैटरी भंडारण के क्षेत्रों में निरंतर निवेश और तकनीकी प्रगति की उम्मीद है।
सोलर पावर डेवलपर्स एसोसिएशन (एसपीडीए) के महानिदेशक शेखर दत्त ने कहा, ‘‘2030 तक 292 गीगावाट सौर क्षमता और 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्रियान्वयन एजेंसियों को बड़े पैमाने पर निविदाएं (5 गीगावाट तक) जारी करनी चाहिए।’’

'बीएमटीसी' में 1,400 नई बसें शामिल होगी

'बीएमटीसी' में 1,400 नई बसें शामिल होगी 

अकांशु उपाध्याय 
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि अगले साल अप्रैल तक बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) में 1,400 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। उन्होंने पहले चरण में यहां विधान सौध में बीएमटीसी की 100 गैर-वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शक्ति योजना शुरू होने के बाद से अब तक कर्नाटक की महिलाएं राज्य परिवहन की बसों में 120 करोड़ यात्रा मुफ्त कर चुकी हैं। कुल मिलाकर 40 लाख लोग हर दिन बीएमटीसी की बसों से यात्रा करते हैं। इसमें सभी जाति, सभी धर्म और सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने और शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की गई हैं।
सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सेवा की आलोचना करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब वह सत्ता में थी तो उसने इस कल्याणकारी योजना को लागू क्यों नहीं किया। उन्होंने इस योजना के प्रभावी परिणाम भी बताए। उन्होंने कहा, “हमारी गारंटी के कारण, लोगों की क्रय शक्ति और राज्य की आर्थिक गतिविधि भी बढ़ रही है।
ये योजनाएं मजदूरों, किसानों और महिलाओं के लिए पैसा बचाने में बहुत मददगार होती हैं। वे उस पैसे का उपयोग अपने परिवार की अन्य जरूरतों के लिए करते हैं। इस प्रकार, लाखों परिवारों की आर्थिक शक्ति भी बढ़ रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लगभग 4.30 करोड़ लोग सरकारी गारंटी योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इससे गरीबों और मजदूर वर्गों को आर्थिक प्रगति की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।’’
बीएमटीसी ने एक बयान में कहा कि यात्रियों के लिए एक सुरक्षित परिवहन प्रणाली और चालकों को अधिक जागरूक बनाने के लिए 10 बसों में 'एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम' (एडीएएस) लागू किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है, ‘‘यातायात उल्लंघन और दुर्घटना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के वास्ते पुलिस विभाग के सहयोग से दिसंबर से 3,000 चालकों को ट्रैफिक कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।’’

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई 

इकबाल अंसारी 
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि 2023 में राज्य में चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। 
शर्मा ने कहा, “ 2023 एक अभूतपूर्व वर्ष हैं, क्योंकि हमारी पुलिसिंग और शांति प्रयास सफल रहे। केंद्र और राज्य सरकारों के निरंतर प्रयासों के कारण, असम शांति और समृद्धि के दौर का गवाह बन रहा है। ”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि साल 2023 में कई समूहों ने अपने हथियार डाल दिये। विशेष बल शक्ति अधिनियम (अफस्पा) को हटा दिया गया और चरमपंथी हिंसा में किसी की जान नहीं गई। यह राज्य के लिये एक सफल वर्ष है। उन्होंने कहा कि राज्य से अफस्पा को धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया चल रही है और अब यह अधिनियम राज्य के सिर्फ चार जिलों में प्रभावी है।
उन्होंने बताया है कि गत दो साल में 8,756 पूर्व कैडरों का तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से पुनर्वास किया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के लिये कौशल प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये गये और वे अब राज्य की आर्थिक वृद्धि में सहायता कर रहे हैं।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...