मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से देश में हरित ऊर्जा पर जोर के बीच अगले साल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 16.5 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है। यह मौजूदा वर्ष की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक है। बिजली मंत्रालय ने यह अनुमान जताया है।
यह 2030 तक 500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और कोयला समेत जीवाश्म ईंधन से कुल बिजली उत्पादन क्षमता को 50 प्रतिशत से कम करने के संकल्प के अनुरूप है। देश ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कई मौकों पर कहा है कि 2030 तक 65 प्रतिशत बिजली उत्पादन क्षमता हरित ऊर्जा स्रोतों से होगी और यह निर्धारित लक्ष्य 50 प्रतिशत से अधिक होगी। सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘देश में 2024 में 1,37,500 करोड़ रुपये (लगभग 16.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश के साथ 25 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ने की संभावना है।
यह मौजूदा वर्ष में 74,250 करोड़ रुपये के निवेश से 13.5 गीगावाट क्षमता से अधिक है।’’ देश वाहनों में उपयोग होने वाले जीवाश्म ईंधन खासकर डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा के अलावा हरित हाइड्रोजन पर भी ध्यान दे रहा है। भारत एक तरह से डीजल आधारित अर्थव्यवस्था है। यात्री और माल ढुलाई सेवाओं के लिए ज्यादातर वाणिज्यिक वाहन ईंधन के रूप में डीजल का उपयोग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष जनवरी में 19,744 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी। सार्वजनिक क्षेत्र की सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने जुलाई में सालाना 4,50,000 टन हरित हाइड्रोजन और 1.5 गीगावाट क्षमता के इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण संयंत्रों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने को लेकर बोलियां बोलियां आमंत्रित कीं।
ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना (मोड-1-ट्रेंच-I) के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत 21 कंपनियों ने 3.4 गीगावाट के इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण और 14 कंपनियों ने 5,53,730 टन के हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां लगाईं। रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स उन 21 कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण को 3.4 गीगावाट सालाना क्षमता स्थापित करने के लिए सरकार के प्रोत्साहन के लिए बोलियां लगाई हैं।
सिंह ने कहा कि देश में 78 लाख टन क्षमता के हरित हाइड्रोजन क्षमता निर्माण के विभिन्न चरणों में है। कुल 17,490 करोड़ रुपये के समर्थन वाली ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना का मकसद हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन को बढ़ावा देना, हरित हाइड्रोजन परिवेश विकसित करना और औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करना है।
उद्योग मंडल सीआईआई में नवीकरणीय ऊर्जा परिषद के सह-चेयरमैन और हीरो फ्यूचर एनर्जीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राहुल मुंजाल ने कहा कि 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा का दृष्टिकोण सकारात्मक है। विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और बैटरी भंडारण के क्षेत्रों में निरंतर निवेश और तकनीकी प्रगति की उम्मीद है।
सोलर पावर डेवलपर्स एसोसिएशन (एसपीडीए) के महानिदेशक शेखर दत्त ने कहा, ‘‘2030 तक 292 गीगावाट सौर क्षमता और 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्रियान्वयन एजेंसियों को बड़े पैमाने पर निविदाएं (5 गीगावाट तक) जारी करनी चाहिए।’’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...