मंगलवार, 11 जुलाई 2023

टीएमसी ने 12,518 सीट पर जीत दर्ज की

टीएमसी ने 12,518 सीट पर जीत दर्ज की

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायतों में से 12,518 सीट पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि अन्य 3,620 पंचायतों में उसके उम्मीदवार आगे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारियों ने मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर 30 मिनट तक की गई गणना के आधार पर यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2,781 सीट पर जीत दर्ज की है और 915 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। वाम मोर्चा ने 959 सीट जीती हैं जिनमें से अकेले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 910 सीट पर जीत दर्ज की है। माकपा इस समय 550 सीट पर आगे है, जबकि कांग्रेस ने 625 सीट पर जीत दर्ज की है तथा 276 अन्य पर आगे है। 

अधिकारियों के मुताबिक नवगठित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) सहित अन्य पार्टियों ने 219 सीट पर जीत दर्ज की है और 70 पर बढ़त बनाए हुए हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के बागियों सहित निर्दलीय 718 सीट पर जीते हैं और 216 पर बढ़त बनाए हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि करीब 74,000 सीट पर हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे शांतिपूर्ण ढंग से जारी है।

इनमें ग्राम पंचायत सीट के अलावा 9,730 पंचायत समिति की सीट और 928 जिला परिषद सीट शामिल हैं। राज्य के 22 जिलों में करीब 339 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में करीब 74,000 सीट पर पंचायत चुनाव हुए थे। सबसे अधिक 28 मतगणना केंद्र दक्षिण 24 परगना जिले में है, जबकि सबसे कम चार मतगणना केंद्र कालिम्पोंग में हैं। 

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना के अगले दो दिन जारी रहने की उम्मीद है। मतों की गिनती और नतीजे आने में वक्त लगेगा।’’ दार्जीलिंग में कुल 598 सीट हैं, जबकि कालिम्पोंग में कुल 281 सीट हैं। इनमें 21 पर भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) बढ़त बनाए हुए है, जबकि भाजपा एक पर और निर्दलीय चार पर बढ़त बनाए हुए हैं। 

सभी मतगणना केंद्रों पर राज्य पुलिस तथा केंद्रीय बलों के सशस्त्र कर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतगणना केंद्रों के बाहर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू की गई है। 22 जिलों में कुल 767 ‘स्ट्रांगरूम’ स्थापित किए गए हैं। विभिन्न मतगणना स्थल पर प्रत्याशियों के समर्थक बड़ी संख्या में जमा हुए हैं। कई जिलों में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने नाचकर, एक दूसरे को गले लगाकर और हरा गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया। पंचायत चुनाव के शुरुआती रुझानों के साथ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। 

भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘‘ मतों की लूट करने और मतगणना केंद्र में विरोधियों के मतगणना एजेंट को प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया।’’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के मतगणना एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर जनमत की चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं। मतगणना एजेंटों को केंद्रों में जाने से रोका जा रहा है और बमबाजी कर उन्हें धमकाया जा रहा है।’’ 

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘हार की आशंका की वजह से वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद शर्मनाक हार का आभास होने पर भाजपा अपनी संगठनात्मक अक्षमता छिपाने की आखिरी कोशिश कर रही है।’’ 

पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए। 

शनिवार को हुए चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। 

हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था। राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है। 

राज्य में 2003 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान 76 लोगों की मौत हो गयी थी जिनमें से करीब 40 लोगों की मौत मतदान वाले दिन हुई थी। बहरहाल, इस बार विपक्षी दलों ने 90 प्रतिशत से अधिक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। 

2018 के पंचायत चुनाव में तृणमूल ने 34 प्रतिशत सीट पर निर्विरोध चुनाव जीता था। उस समय तृणमूल ने 90 प्रतिशत सीट पर जीत दर्ज की थी।

डीएम व शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन

डीएम व शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन


शिक्षा विभाग और जिला अधिकारी गाजियाबाद के अवकाश सम्बंधित आदेश को प्राईवेट स्कूलों ने बनाया रद्दी का टुकड़ा

इकबाल अंसारी 

गाजियाबाद। लोनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत  जनपद गाजियाबाद जिलाधिकारी के आदेशों का खुला उल्लंघन हो रहा है, जिसके अंतर्गत गाजियाबाद जिलाधिकारी के आदेश पर शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थान 10 जुलाई 2023 से 15 जुलाई 2023 तक बंद करने के आदेश दिये गये थे। 

जबकि लोनी विधानसभा के अंतर्गत चल रहे  प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी का आदेश ना मानते हुए अपने स्कूल खोल कर रखें है।

आखिर सवाल तो यह बनता है कि जिला अधिकारी गाजियाबाद के आदेश और शिक्षा विभाग के आदेश को यह प्राइवेट स्कूल वाले और उनका प्रबंधन क्यों नहीं मानता है।क्या शिक्षा विभाग का प्राइवेट स्कूलों पर कंट्रोल खत्म हो गया है या जिलाधिकारी गाजियाबाद के आदेशों को प्राइवेट स्कूल रद्दी की टोकरी में मान रहे हैं ?

 इस विषय पर शिक्षा विभाग और जनपद गाजियाबाद जिलाधिकारी को तुरंत एक्शन लेते हुए दोबारा आदेश जारी करनी चाहिए। ऐसी आपदा में भी प्राइवेट स्कूल सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं और प्रशासन का साथ नहीं दे रहे हैं।

यह सोचने वाली बात है, इस विषय पर गहन चिंतन जरूर होना चाहिए।

संपर्क मार्गों पर जलभराव, आवागमन प्रभावित

संपर्क मार्गों पर जलभराव, आवागमन प्रभावित

संदीप मिश्र 

बिजनौर। बिजनौर के नजीबाबाद और जलालाबाद में संपर्क मार्गों पर जलभराव हो गया है। गांव मुबारकपुर के संपर्क मार्ग पर जलभराव होने से लोगों का आवागमन प्रभावित रहा। आक्रोशित ग्रामीणों ने जलभराव में प्रदर्शन किया और समस्या से निजात दिलाने की मांग की।

क्षेत्र में लगातार बारिश होने से नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्गों पर जलभराव हैं। जल निकासी की सही व्यवस्था न होने पर बदहाल मार्गों के जलभराव में राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

रोजाना जलभराव से परेशान ग्रामीणों ने मार्ग पर जलभराव के बीच बैठकर धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि मुबारकपुर के संपर्क मार्ग पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। जल निकासी का नाला भी मलबे से अटा है। 

जिस कारण बदहाल मार्ग पर जलभराव होने से कई ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं। ग्राम प्रधान समेत प्रशासन से कई बार मार्ग को दुरुस्त कराने और जल निकासी की व्यवस्था कराने की मांग की, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। मार्ग पर जलभराव होने से ग्रामीणों और विद्यार्थियों का आवागमन प्रभावित रहता है।

युवक ने सीने में गोली मारकर, खुदकुशी की

युवक ने सीने में गोली मारकर, खुदकुशी की

मोनू खान 

बांदा। बांदा जिले के नरैनी में पत्नी से विवाद के चलते मुकदमे से परेशान युवक ने सीने में तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

दिनदहाड़े की घटना से पड़ोसी हतप्रभ रह गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल कामुआयना कर तमंचा बरामद कर लिया है। डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की। घटना का कारण पत्नी से विवाद व मुकदमा बाजी बताया जा रहा है।

कोतवाली क्षेत्र के मुकेरा गांव निवासी शाहिद (33) दो साल से किराए का मकान लेकर शंकर बाजार, पुकारी गांव में रहता था। मंगलवार को सुबह 11 बजे करीब घर में कुर्सी में बैठकर सीने में तमंचे से खुद को गोली मार ली। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर उसका बड़ा भाई रमजान रहता है। गोली की आवाज सुनाई देने पर रमजान समेत पड़ोसी उसके घर की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने घटनास्थल पर लहूलुहान मृत पड़े शाहिद को देखकर पुलिस को सूचना दी।

मौके पर करतल चौकी इंचार्ज रामरक्षा सिंह, कोतवाल अरविंद सिंह गौर पहुंचे। कुछ ही देर बाद सीओ नितिन कुमार, अपर एसपी लक्ष्मी निवास मिश्र भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड से घटना की जांच कराई। बड़े भाई रमजान ने बताया कि मृतका का उसकी पत्नी से छह साल से मुकदमा चल रहा है। समझौता भी हो गया था। लेकिन उसकी पत्नी मायके से नहीं आ रही थी। इसी तनाव के चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है।

प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला है। घटना स्थल से 315 बोर का तमंचा बरामद किया गया है। बड़े भाई रमजान की सूचना पर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।- अरविंद सिंह गौर कोतवाल, नरैनी कोतवाली।

पत्नी से विवाद का मामला सामने आया है। मुकदमे से परेशान होकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड से भी जांच कराई गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

भानु प्रताप उपाध्याय 

सहारनपुर। शिवालिक पहाड़ियों में सोमवार की रात फिर भारी बारिश हुई, जिसके बाद मंगलवार की सुबह क्षेत्र की सभी बरसाती नदियों में बाढ़ आ गई। दबकौरा और कलसिया गांवों की आबादी में बाढ़ का पानी घुस गया। मकानों में कई-कई फीट पानी भर गया। 

इससे घरों का सामान पानी में बह कर चला गया। साढ़ौली कदीम व बाबैल बुजुर्ग में जलभराव होने से तीन से चार फीट पानी लोगों के घरों में भरा हुआ है। बाबैल बुजुर्ग में तो दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर पानी नदी की तरह बह रहा था, जिसके चलते हाईवे पर कई घंटे छोटे वाहनों का आवागमन बंद रहा। साढ़ौली कदीम में मदद के लिए ग्रामीण रातभर पुलिस प्रशासन को फोन करते रहे। पुलिसकर्मियों को ट्रैक्टर पर बैठकर ग्रामीणों की मदद के लिए पहुंचना पड़ा।

प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठहरने और खाने की व्यवस्था की है।

 पुलिस ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया। बाढ़ के तेज बहाव पानी से भूमि कटाव होने से फसलें बर्बाद हो गई। नदियों की बाढ़ का पानी खेत खलियानों से होते हुए आबादी की तरफ पहुंच रहा है।

नदियों की बाढ़ के चलते पिछले चार दिन से पानी में मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते तहसील बेहट क्षेत्र के 20 से अधिक ऐसे गांव हैं, जो नदियों से घिरे हैं। इन गांवों का तहसील और जनपद मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। अब्दुल्लापुर, और दयालपुर के संपर्क मार्ग व पुलियां बाढ़ और बारिश के तेज बहाव पानी के कटाव से दो ध्वस्त हो गए है। 

बुबका-कोठड़ी सड़क मार्ग में भी कटाव शुरू हो गया है। सुंदरपुर में भी पुल के नीचे कटाव होने से एप्रोच सड़क टूटने शुरू हो गई है।

अधिक बारिश और बरसाती नदियों की बाढ़ के तेज बहाव पानी ने क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को ध्वस्त कर दिया है। कटाव के चलते जगह-जगह विद्युत पोल गिरने से लाइनें ध्वस्त हो गई है। बेहट देहात बिजली घर से जुड़े 45 गांवों में पिछले 3 दिन से बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। संसारपुर विद्युत उपकेंद्र में बरसात और नदी का पानी घुसने से मशीनें पानी में डूब गई है। इससे जुड़े करीब 28 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद है।

खुर्रमपुर, रायेपुर, मिर्जापुर आदि विद्युत उपकेंद्र कि अधिकतर लाइनें बरसाती नदियों से होकर निकाली गई।

 नदियों में बाढ़ के चलते विद्युत पोल गिरने से इन केंद्रों से जुड़े गांव की आपूर्ति भी ठप पड़ी हुई है। करीब 100 से अधिक गांव ऐसे हैं, जिनमें बिजली आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बारिश और नदियों में बाढ़ के चलते आपूर्ति सुचारू करने में विद्युत विभाग को परेशानी हो रही है।

वेस्ट यूपी के विख्यात धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल सिद्धपीठ शाकुंभरी देवी का भी नदी में भयंकर बाढ़ के चलते बाहरी दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। माता के मंदिर प्रवेश द्वार की सीढ़ियों तक नदी का पानी बह रहा है।

 माता के मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार पर लगने वाले बाजार की दुकानों के बीच से होकर पानी बह रहा है।

शंकराचार्य आश्रम और धर्मशालाओं के भवन की दीवारों से सटकर नदी का बहाव है। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से श्रद्धालुओं के सिद्धपीठ में दर्शनों के लिए जाने पर रोक लगा रखी है। बेहट में शाकंभरी तिराहे और सिद्धपीठ में बाबा भूरादेव मंदिर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते को ब्लॉक किया है।

हिमाचल की पहाड़ियों में रुक रुककर भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। मंगलवार की दोपहर 12 बजे हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 359760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना नदी का यह इस साल का सर्वाधिक जलस्तर है।

बिहारीगढ़ में दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सोमवार की सुबह मां काली मंदिर के निकट पेड़ गिरने व कई जगह मलबा सड़क पर आने के कारण हाईवे दो घंटे बाधित रहा। सूचना के बाद थाना पुलिस व एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से पेड़ व मलबर हटाकर आवागमन सुचारू कराया। सोमवार की सुबह मूसलाधार बारिश के चलते शिवालिक की पहाड़ियों में पेड़ गिरने व मलबा आने से हाईवे बंद हो गया। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

थाना बिहारीगढ़ पुलिस ने कस्बे में बुग्गावाला चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों को रोक लिया। इस दौरान हरिद्वार जाने वाले कांवड़ियों को बुग्गावाला सिड़कुल के रास्ते निकाल दिया। बाद में थाना पुलिस वह एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से सड़क से मलबा व पेड़ को हटाकर आवागमन सुचारू कराया। इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। दिल्ली में गत सप्ताहांत भारी बारिश के कारण जलभराव होने के बाद उपराज्यपाल और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि नालों की उचित तरीके से सफाई नहीं किए जाने के कारण शहर को जलभराव की ‘‘वार्षिक परंपरा’’ का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि वह ‘आप’ सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं, जबकि उन्होंने (उपराज्यपाल ने) पहले दावा किया था कि नालों से गाद निकाली गयी है और यमुना को साफ कर दिया गया है।

यमुना बाजार इलाके में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की स्थिति का जायजा लेते हुए सक्सेना ने कहा कि अप्रत्याशित रूप से हो रही बारिश से निपटने के लिए पहले ही तैयारी कर ली जानी चाहिए थी। सक्सेना ने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग जलभराव से परेशान हैं, जो एक वार्षिक परंपरा बन गयी है। नालों की उचित तरीके से सफाई और जल संचयन नहीं किया जा रहा है। वर्षों से ऐसा नहीं किया गया है, जिसके कारण हर बार जलभराव हो रहा है।’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यमुना और नजफगढ़ नाले से गाद नियमित रूप से निकाली जानी चाहिए, ताकि उनकी पानी के संग्रहण की क्षमता बढ़ सके। ऐसा नहीं किया गया, इसलिए दिल्ली जलमग्न है।’’ 

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि दिल्ली की आबादी 2014 के बाद से 50 लाख तक बढ़ गयी है, लेकिन उसके अनुरूप सीवर लाइन और पानी की निकासी के लिए योजना नहीं बनायी गयी, जिसकी वजह से बारिश के बाद शहर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा कि इस पर ध्यान दिया जाए, ताकि लोग हर साल उनके सामने आने वाली इन समस्याओं से मुक्त हो सकें।’’ सक्सेना ने पिछले सप्ताह जलभराव के कारण बंद की गई प्रगति मैदान टनल, मिंटो ब्रिज और जखीरा अंडरपास का भी निरीक्षण किया और संबंधित एजेंसियों को खामियों को दूर करने का निर्देश दिया।

राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रगति मैदान में पानी के वापस बहने की समस्या थी, जबकि मिंटो ब्रिज अंडरपास में एक सीवर लाइन टूटी हुई पाई गई।

 इसी तरह की समस्या जखीरा अंडरपास में भी थी और उपराज्यपाल ने अधिकारियों को इसे तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया।’’ मंत्री भारद्वाज ने सिलसिलेवार ट्वीट कर उपराज्यपाल (एलजी) की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे वक्त में ‘‘ओछी राजनीति’’ नहीं करनी चाहिए, जब लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं।

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या एलजी साहब ने यह दावा नहीं किया कि उन्होंने सभी नालों से गाद निकलवाई और यमुना साफ करायी? क्या वह अपने कई दौरों पर मीडिया को साथ नहीं ले गए थे? अब क्या हुआ? अब वह बेशर्मी से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं?’’ भारद्वाज दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष भी हैं, जो यमुना नदी की सफाई के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘एलजी साहब ने पिछले एक साल से डीजेबी को निधि नहीं दी है।

वित्तीय समस्याएं खड़ी करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। एलजी और केंद्र सरकार लगातार दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया है। कृपया दिल्ली सरकार को काम करने दीजिए और अपनी ओछी राजनीति बंद कीजिए।’’

एक अन्य ट्वीट में भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल दिल्ली की निर्वाचित सरकार के कामकाज में ‘‘हस्तक्षेप’’ करते रहते हैं और इसके बजाय उन्हें कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो उनका मुख्य काम है। बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में भारद्वाज ने दावा किया, ‘‘एलजी ने गलती से अपने ही दावों का पर्दाफाश कर दिया और साबित कर दिया कि वह दिल्ली के नालों को साफ करने का झूठा श्रेय ले रहे थे।’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले छह महीनों में उपराज्यपाल ने नजफगढ़ नाला, शाहदरा नाला और यमुना की सफाई का श्रेय लिया...!

अब वह इन नालों से गाद न निकालने का हवाला देकर जलभराव के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।’’ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के ‘‘पसंदीदा अधिकारियों’’ ने दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा जाहरवीर गोगा महाराज की शोभायात्रा का विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया शुभारंभ

प्रदीप पंडित

अलीगढ़। महानगर के पला रोड़ पर स्थित बाबा जाहरवीर सेवा संस्था द्वारा मंगलवार को बाबा जाहरवीर गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रभु का गंगाजल केसर दूध दही से अभिषेक कराया गया औऱ प्रभु गोगा जी को पोशाक पहनाकर बाबा का श्रंगार मन्दिर के महंत ने पूरी विधि विधान से कराया औऱ बाबा का छड़ी पूजन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में भव्य फूल बगंला सजाया गया, जो कि आकर्षण का केंद्र बना रहा।

इसके बाद बाबा की शोभायात्रा में माँ काली व वीर बजरंगी ओर गोगा जी महाराज के पांच स्वरूप देखने को मिले।

इस शोभायात्रा का शुभारंभ शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया। वहीं, शोभायात्रा का पला रोड़ आदर्श नगर ज्ञान गेस्ट हाउस होते हुए मंदिर पर समापन किया गया उसके उपरांत भंडारा हुआ और शाम पांच बजे भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। इसके बाद रात को महाआरती की गई।इस पूरे कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक धीरज वार्ष्णेय व युवा अध्यक्ष भास्कर गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट किया।

इस कार्यक्रम में हेमन्त गुप्ता,रौनक वार्ष्णेय,रिंकू लाला, मनोज गुप्ता,सचिन अग्रवाल,अमित गुप्ता,हरीश वार्ष्णेय,धीरज वार्ष्णेय, शीशपाल,अप्पू शर्मा,अमित गुप्ता किताब,तनुराग वार्ष्णेय,कन्हैया लाल गुप्ता,सौरभ मेडिसन,कान्हा वार्ष्णेय, लकी बालाजी,नितिन घी औऱ सचिन कुमार आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...