मंगलवार, 11 जुलाई 2023

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

भानु प्रताप उपाध्याय 

सहारनपुर। शिवालिक पहाड़ियों में सोमवार की रात फिर भारी बारिश हुई, जिसके बाद मंगलवार की सुबह क्षेत्र की सभी बरसाती नदियों में बाढ़ आ गई। दबकौरा और कलसिया गांवों की आबादी में बाढ़ का पानी घुस गया। मकानों में कई-कई फीट पानी भर गया। 

इससे घरों का सामान पानी में बह कर चला गया। साढ़ौली कदीम व बाबैल बुजुर्ग में जलभराव होने से तीन से चार फीट पानी लोगों के घरों में भरा हुआ है। बाबैल बुजुर्ग में तो दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर पानी नदी की तरह बह रहा था, जिसके चलते हाईवे पर कई घंटे छोटे वाहनों का आवागमन बंद रहा। साढ़ौली कदीम में मदद के लिए ग्रामीण रातभर पुलिस प्रशासन को फोन करते रहे। पुलिसकर्मियों को ट्रैक्टर पर बैठकर ग्रामीणों की मदद के लिए पहुंचना पड़ा।

प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठहरने और खाने की व्यवस्था की है।

 पुलिस ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया। बाढ़ के तेज बहाव पानी से भूमि कटाव होने से फसलें बर्बाद हो गई। नदियों की बाढ़ का पानी खेत खलियानों से होते हुए आबादी की तरफ पहुंच रहा है।

नदियों की बाढ़ के चलते पिछले चार दिन से पानी में मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते तहसील बेहट क्षेत्र के 20 से अधिक ऐसे गांव हैं, जो नदियों से घिरे हैं। इन गांवों का तहसील और जनपद मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। अब्दुल्लापुर, और दयालपुर के संपर्क मार्ग व पुलियां बाढ़ और बारिश के तेज बहाव पानी के कटाव से दो ध्वस्त हो गए है। 

बुबका-कोठड़ी सड़क मार्ग में भी कटाव शुरू हो गया है। सुंदरपुर में भी पुल के नीचे कटाव होने से एप्रोच सड़क टूटने शुरू हो गई है।

अधिक बारिश और बरसाती नदियों की बाढ़ के तेज बहाव पानी ने क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को ध्वस्त कर दिया है। कटाव के चलते जगह-जगह विद्युत पोल गिरने से लाइनें ध्वस्त हो गई है। बेहट देहात बिजली घर से जुड़े 45 गांवों में पिछले 3 दिन से बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। संसारपुर विद्युत उपकेंद्र में बरसात और नदी का पानी घुसने से मशीनें पानी में डूब गई है। इससे जुड़े करीब 28 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद है।

खुर्रमपुर, रायेपुर, मिर्जापुर आदि विद्युत उपकेंद्र कि अधिकतर लाइनें बरसाती नदियों से होकर निकाली गई।

 नदियों में बाढ़ के चलते विद्युत पोल गिरने से इन केंद्रों से जुड़े गांव की आपूर्ति भी ठप पड़ी हुई है। करीब 100 से अधिक गांव ऐसे हैं, जिनमें बिजली आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बारिश और नदियों में बाढ़ के चलते आपूर्ति सुचारू करने में विद्युत विभाग को परेशानी हो रही है।

वेस्ट यूपी के विख्यात धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल सिद्धपीठ शाकुंभरी देवी का भी नदी में भयंकर बाढ़ के चलते बाहरी दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। माता के मंदिर प्रवेश द्वार की सीढ़ियों तक नदी का पानी बह रहा है।

 माता के मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार पर लगने वाले बाजार की दुकानों के बीच से होकर पानी बह रहा है।

शंकराचार्य आश्रम और धर्मशालाओं के भवन की दीवारों से सटकर नदी का बहाव है। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से श्रद्धालुओं के सिद्धपीठ में दर्शनों के लिए जाने पर रोक लगा रखी है। बेहट में शाकंभरी तिराहे और सिद्धपीठ में बाबा भूरादेव मंदिर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते को ब्लॉक किया है।

हिमाचल की पहाड़ियों में रुक रुककर भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। मंगलवार की दोपहर 12 बजे हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 359760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना नदी का यह इस साल का सर्वाधिक जलस्तर है।

बिहारीगढ़ में दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सोमवार की सुबह मां काली मंदिर के निकट पेड़ गिरने व कई जगह मलबा सड़क पर आने के कारण हाईवे दो घंटे बाधित रहा। सूचना के बाद थाना पुलिस व एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से पेड़ व मलबर हटाकर आवागमन सुचारू कराया। सोमवार की सुबह मूसलाधार बारिश के चलते शिवालिक की पहाड़ियों में पेड़ गिरने व मलबा आने से हाईवे बंद हो गया। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

थाना बिहारीगढ़ पुलिस ने कस्बे में बुग्गावाला चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों को रोक लिया। इस दौरान हरिद्वार जाने वाले कांवड़ियों को बुग्गावाला सिड़कुल के रास्ते निकाल दिया। बाद में थाना पुलिस वह एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से सड़क से मलबा व पेड़ को हटाकर आवागमन सुचारू कराया। इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। दिल्ली में गत सप्ताहांत भारी बारिश के कारण जलभराव होने के बाद उपराज्यपाल और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि नालों की उचित तरीके से सफाई नहीं किए जाने के कारण शहर को जलभराव की ‘‘वार्षिक परंपरा’’ का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि वह ‘आप’ सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं, जबकि उन्होंने (उपराज्यपाल ने) पहले दावा किया था कि नालों से गाद निकाली गयी है और यमुना को साफ कर दिया गया है।

यमुना बाजार इलाके में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की स्थिति का जायजा लेते हुए सक्सेना ने कहा कि अप्रत्याशित रूप से हो रही बारिश से निपटने के लिए पहले ही तैयारी कर ली जानी चाहिए थी। सक्सेना ने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग जलभराव से परेशान हैं, जो एक वार्षिक परंपरा बन गयी है। नालों की उचित तरीके से सफाई और जल संचयन नहीं किया जा रहा है। वर्षों से ऐसा नहीं किया गया है, जिसके कारण हर बार जलभराव हो रहा है।’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यमुना और नजफगढ़ नाले से गाद नियमित रूप से निकाली जानी चाहिए, ताकि उनकी पानी के संग्रहण की क्षमता बढ़ सके। ऐसा नहीं किया गया, इसलिए दिल्ली जलमग्न है।’’ 

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि दिल्ली की आबादी 2014 के बाद से 50 लाख तक बढ़ गयी है, लेकिन उसके अनुरूप सीवर लाइन और पानी की निकासी के लिए योजना नहीं बनायी गयी, जिसकी वजह से बारिश के बाद शहर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा कि इस पर ध्यान दिया जाए, ताकि लोग हर साल उनके सामने आने वाली इन समस्याओं से मुक्त हो सकें।’’ सक्सेना ने पिछले सप्ताह जलभराव के कारण बंद की गई प्रगति मैदान टनल, मिंटो ब्रिज और जखीरा अंडरपास का भी निरीक्षण किया और संबंधित एजेंसियों को खामियों को दूर करने का निर्देश दिया।

राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रगति मैदान में पानी के वापस बहने की समस्या थी, जबकि मिंटो ब्रिज अंडरपास में एक सीवर लाइन टूटी हुई पाई गई।

 इसी तरह की समस्या जखीरा अंडरपास में भी थी और उपराज्यपाल ने अधिकारियों को इसे तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया।’’ मंत्री भारद्वाज ने सिलसिलेवार ट्वीट कर उपराज्यपाल (एलजी) की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे वक्त में ‘‘ओछी राजनीति’’ नहीं करनी चाहिए, जब लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं।

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या एलजी साहब ने यह दावा नहीं किया कि उन्होंने सभी नालों से गाद निकलवाई और यमुना साफ करायी? क्या वह अपने कई दौरों पर मीडिया को साथ नहीं ले गए थे? अब क्या हुआ? अब वह बेशर्मी से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं?’’ भारद्वाज दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष भी हैं, जो यमुना नदी की सफाई के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘एलजी साहब ने पिछले एक साल से डीजेबी को निधि नहीं दी है।

वित्तीय समस्याएं खड़ी करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। एलजी और केंद्र सरकार लगातार दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया है। कृपया दिल्ली सरकार को काम करने दीजिए और अपनी ओछी राजनीति बंद कीजिए।’’

एक अन्य ट्वीट में भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल दिल्ली की निर्वाचित सरकार के कामकाज में ‘‘हस्तक्षेप’’ करते रहते हैं और इसके बजाय उन्हें कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो उनका मुख्य काम है। बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में भारद्वाज ने दावा किया, ‘‘एलजी ने गलती से अपने ही दावों का पर्दाफाश कर दिया और साबित कर दिया कि वह दिल्ली के नालों को साफ करने का झूठा श्रेय ले रहे थे।’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले छह महीनों में उपराज्यपाल ने नजफगढ़ नाला, शाहदरा नाला और यमुना की सफाई का श्रेय लिया...!

अब वह इन नालों से गाद न निकालने का हवाला देकर जलभराव के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।’’ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के ‘‘पसंदीदा अधिकारियों’’ ने दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा जाहरवीर गोगा महाराज की शोभायात्रा का विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया शुभारंभ

प्रदीप पंडित

अलीगढ़। महानगर के पला रोड़ पर स्थित बाबा जाहरवीर सेवा संस्था द्वारा मंगलवार को बाबा जाहरवीर गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रभु का गंगाजल केसर दूध दही से अभिषेक कराया गया औऱ प्रभु गोगा जी को पोशाक पहनाकर बाबा का श्रंगार मन्दिर के महंत ने पूरी विधि विधान से कराया औऱ बाबा का छड़ी पूजन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में भव्य फूल बगंला सजाया गया, जो कि आकर्षण का केंद्र बना रहा।

इसके बाद बाबा की शोभायात्रा में माँ काली व वीर बजरंगी ओर गोगा जी महाराज के पांच स्वरूप देखने को मिले।

इस शोभायात्रा का शुभारंभ शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया। वहीं, शोभायात्रा का पला रोड़ आदर्श नगर ज्ञान गेस्ट हाउस होते हुए मंदिर पर समापन किया गया उसके उपरांत भंडारा हुआ और शाम पांच बजे भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। इसके बाद रात को महाआरती की गई।इस पूरे कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक धीरज वार्ष्णेय व युवा अध्यक्ष भास्कर गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट किया।

इस कार्यक्रम में हेमन्त गुप्ता,रौनक वार्ष्णेय,रिंकू लाला, मनोज गुप्ता,सचिन अग्रवाल,अमित गुप्ता,हरीश वार्ष्णेय,धीरज वार्ष्णेय, शीशपाल,अप्पू शर्मा,अमित गुप्ता किताब,तनुराग वार्ष्णेय,कन्हैया लाल गुप्ता,सौरभ मेडिसन,कान्हा वार्ष्णेय, लकी बालाजी,नितिन घी औऱ सचिन कुमार आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

अखिलेश पांडेय 

पलामू। स्विट्जरलैंड में 12 अगस्त तक आयोजित होने वाले लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में पलामू के रंगमंच के कलाकार सैकत नजर आएंगे। साथ ही पलामू के सुदूरवर्ती क्षेत्र के युवक-युवती भी अभिनय करते नजर आएंगे। बता दें की फिल्म फेस्टिवल में जिस फिल्म का चयन हुआ है, वो पलामू में शूट की गयी है। 

अधिकांश पीटीआर क्षेत्र में इस फिल्म की शूटिंग हुई है। फिल्म का नाम व्हिस्पर ऑफ़ फायर एंड वाटर है। यह फिल्म हिंदी और बांग्ला में है। 

यह फिल्म लुद्धक चटर्जी के निर्देशन में बनी है। जो कि उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म है।

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उत्तर भारत के रेगिस्तान वाले राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लगातार हो रही बारिश मंगलवार को भी जारी रही, जिसके कारण सात और लोगों की मौत हो गयी, जबकि सैकड़ों लोग अभी भी इन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। प्रभावित राज्यों की सरकारों ने पिछले तीन दिन की लगातार बारिश के कारण हुई भारी तबाही के मद्देनजर प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिए हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हुई जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। हिमाचल प्रदेश अत्यधिक वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित है, और यहां कम से कम 300 लोग फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में मध्यम से भीषण बाढ़ की आशंका की चेतावनी जारी की है। उत्तर-पश्चिमी भारत में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है।

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं।

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन पुराने रेलवे पुल को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण पुराने रेलवे पुल, पुस्ता रोड गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक/यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।’’ यातायात पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से निकलने से बचने को भी कहा। दिल्ली में यमुना का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह छह बजे तक यह 206.38 मीटर पर पहुंच गया। इसके मंगलवार शाम तक 206.75 मीटर तक पहुंचने की आशंका है।

उत्तराखंड में सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन वाहन दब गए, जिसके कारण मध्य प्रदेश के चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी के मुताबिक चार में से तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और चौथे व्यक्ति को मलबे से निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि घायल हुए सात लोगों में से दो की हालत गंभीर है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल सोमवार रात को बह गया जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया। यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भेजे गए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा। राज्य में 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे करीब 300 पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया और अधिकारियों के मुताबिक उन्हें मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है तथा वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है। राज्य के प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शर्मा ने कहा, ‘‘उनमें से दो को अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है तथा उन्हें हवाई मार्ग से निकाला जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि वहां फंसे सभी लोगों को मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सोमवार को पर्वतीय राज्य में विभिन्न स्थानों से करीब 100 लोगों को बचाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, लाहौल के चंद्रताल और पागल नाला तथा मंडी के विभिन्न हिस्सों में अब भी करीब 800 लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोसर तथा काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है।

दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी तथा स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं। शर्मा ने बताया कि 24 जून को मानसून आने के बाद से राज्य में 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सड़कों, पुलों तथा जल आपूर्ति व्यवस्था को हुए नुकसान के कारण यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।

सोमवार शाम से बारिश रुक गई है और बचाव कार्य और सड़क बहाली के काम में तेजी आ गई है। इस बीच, पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया। बारिश के कारण दोनों राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है। अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के होशियारपुर में नौ और 10 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है। हरियाणा के अंबाला शहर में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि, राज्य के हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसलिए निकटवर्ती निचले इलाकों के लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि इस साल बैराज से छोड़े गए पानी की यह सबसे अधिक मात्रा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के कई गांवों और यमुना नदी से सटे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

पंजाब और हरियाणा के कुछ सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, लेकिन अधिकारी उन्हें बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हरियाणा में जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में आधी रात के आसपास लगातार बारिश के कारण एक मंजिला मकान ढह जाने से 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, जहां सोमवार रात को प्रतापगढ़ जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति उफनती कर्मवाछनी नदी में डूब गया।

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

सुनील श्रीवास्तव 

काठमांडू। नेपाल के सोलुखुम्बु से मंगलवार को काठमांडू जा रहा मनांग एयर का हेलीकॉप्टर लापता होने के बाद क्रैश हो गया है। हालांकि अभी तक इसके बारे में अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है।बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर सोलुखुम्बु जिले के लिखुपिके ग्रामीण नगर पालिका के लमजुरा में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।हेलीकॉप्टर जिरी और फाप्लू के बीच स्थित है।

वहीं, इससे पहले सूचना अधिकारी ज्ञानेंद्र भुल ने बताया कि  “हेलिकॉप्टर सोलुखुम्बु से काठमांडू जा रहा था और सुबह करीब 10 बजे नियंत्रण टावर से उसका संपर्क टूट गया।” कॉल साइन 9NMV वाला हेलीकॉप्टर सुबह 10:12 बजे (स्थानीय समय) पर रडार से उतर गया। लापता हेलिकॉप्टर पर 5 विदेशी नागरिक सवार थे।

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 


पुण्य अवसरों पर नदियों में इस तरह से करें स्नान 

राजेंद्र गुप्ता

अक्सर लोग अमावस्या या पूर्णिमा पर या किसी विशेष दिन जब स्नान करने जाते हैं, तो बस दो या तीन चार डुबकी लगा कर आ जाते हैं। लेकिन, ऐसा तो आप किसी भी नदी में कर सकते हैं। यह स्नान तो साधारण ही हुआ। नदी के पास रहने वाले लोग ऐसा स्नान रोज ही करते हैं। तब क्या है तीर्थ, माघ, अमावस्या, पूर्णिमा और कुंभ में स्नान करने के नियम जिससे स्नान का पूर्ण लाभ मिले?

प्रात: काल स्नान का महत्व : तीर्थ में प्रात: काल स्नान करने का महत्व है। प्रात: काल स्नान करने से दुष्ट विचार और आत्मा पास नहीं आते। रूप, तेज, बल पवित्रता, आयु, आरोग्य, निर्लोभता, दुःस्वप्न का नाश, तप और मेधा यह दस गुण प्रातः स्नान करने वाले को प्राप्त होते हैं। अतएव लक्ष्मी, पुष्टी व आरोग्य की वृद्धि चाहने वाले मनुष्य को सदेव स्नान करना चाहिए।

नदी स्नान की विधि : उषा की लाली से पहले ही स्नान करना उत्तम माना गया है। इससे प्रजापत्य का फल प्राप्त होता है। नदी से दूर तट पर ही देह पर हाथ मलमलकर नहा ले, तब नदी में गोता लगाएं। शास्त्रों में इसे मलापकर्षण स्नान कहा गया है। यह अमंत्रक होता है। यह स्नान स्वास्थ और शुचिता दोनों के लिए आवश्यक है। देह में मल रह जाने से शुचिता में कमी आ जाती है और रोम छिद्रों के न खुलने से स्वास्थ में भी अवरोध होता है। इसलिए मोटे कपड़े से प्रत्येक अंग को रगड़-रगड़ कर स्नान करना चाहिए।

शिखा धारण कर रखी है तो : निवीत होकर बेसन आदी से यज्ञोपवीत भी स्वच्छ कर लें। इसके बाद शिखा बांधकर दोनों हाथों में पवित्री पहनकर आचमन आदी से शुद्ध होकर दाहिने हाथ में जल लेकर शास्त्रानुसार संकल्प करें। संकल्प के पश्चात मंत्र पड़कर शरीर पर मिट्टी लगाएं। इसके पश्चात गंगाजी की उन उक्तियों को बोलें। इसके पश्चात नाभी पर्यंत जल मे जाकर, जल की ऊपरी सतह हटाकर, कान औए नाक बंद कर प्रवाह की और या सूर्य की और मुख करके स्नान करें। तीन, पांच ,सात या बारह डुबकियां लगाए। डुबकी लगाने से पहले शिखा खोल लें।

हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है। मलपूर्ण शरीर शुद्ध तीर्थ में स्नान करने से शुद्ध होता है। इस प्रकार दृष्टफल-शरीर की स्वच्छता, अदृष्टफल-पापनाश तथा पुण्य की प्राप्ति, यह दोनों प्रकार के फल मिलते हैं। अशक्तजनों को असमर्थ होने पर सिर के नीचे ही स्नान करना चाहिए अथवा गीले कपड़े से शरीर को पोछना भी एक प्रकार का स्नान है।

स्नान में निषिद्ध कार्य : नदी के जल में वस्त्र नहीं निचोड़ना चाहिए। जल में मल-मूत्र त्यागना और थूकना नदी का पाप माना गया है। शोचकाल वस्त्र पहनकर तीर्थ में स्नान करना निषिद्ध है। तेल लगाकर तथा देह को मलमलकर नदी में नहाना मना है।

स्नान के बाद क्या करें : हिन्दू धर्म अनुसार स्नान और ध्यान का बहुत महत्व है। स्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...