सोमवार, 23 मई 2022

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 2,022 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 2,022 नए मामलें 

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। पूरी दुनिया का कोरोना वायरस संक्रमण से हाल-बेहाल है। भारत में ओमिक्रोन के नए वेरिएंट के दस्तक देने से चिंता बढ़ गई है। मौजूदा समय में देश में नए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में उतार-चढाव का दौर जारी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,022 नए मामलें सामने आए हैं और 46 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है। वहीं कल यानी 22 मई को 2,226 नए मामले सामने आए थे और 65 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में जारी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कुल 5,24,459 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है। एक्टिव मामलों की संख्या 14,832 पहुंच गई है। एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.03 फीसदी हो गए हैं। वहीं एक दिन में 2099 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं। कुल पॉजिटिविटी रेट 0.69 फीसदी है।

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी आंकड़ों को गलत बताया

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी आंकड़ों को गलत बताया  

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संकट के बीच कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या को लेकर डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को गलत बताया।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों के साथ भारत में अतिरिक्त कोविड-19 मृत्यु दर के मामले पर अनौपचारिक चर्चा कर सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया इस समय डब्ल्यूईएफ में भाग लेने के लिए अपने कुछ कैबिनेट सहयोगियों के साथ जिनेवा में हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डब्ल्यूएचओ के हालिया विवादास्पद दावे का मुद्दा उठा सकते हैं। दरअसल कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े जारी किए थे जो भारत सरकार के आंकड़ों से काफी भिन्न थे। इसमें कहा गया था कि कोविड की वजह से भारत में 1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच 47 लाख मौतें हुई थीं। जबकि भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या लगभग 520,000 बताई गई है।

गांधी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की

गांधी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की  

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। देश की ज्वलंत मुद्दों को सरकार के सामने बेबाकी पेश करने के लिए अपनी एक अलग पहचान बना चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता वरुण गांधी ने सोमवार को फिर बेरोजगारी और भर्तियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है। दरअसल, वरुण गांधी गरीबों, युवाओं और किसानों समेत तमाम ज्वलंत मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखते हैं। इसी बीच वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नहीं करता है बल्कि अपने हक की लड़ाई भी स्वयं ही लड़ता है। उन्होंने ट्वीट किया कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है। छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नही करता, अपने हक की लड़ाई भी स्वयं लड़ता है। अरसों से लटकी भर्तियां और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है।

भाजपा सांसद ने कहा कि बिना कारण रिक्त पड़े पद, लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद। छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है। चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो,परीक्षाएं कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों, इसपर आज और अभी से काम करना होगा। कहीं देर ना हो जाए। इससे पहले उन्होंने राशन कार्ड की पात्रता को लेकर बनाए जा रहे नए नियमों का हवाला देते हुए अपनी ही सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि चुनाव से पहले पात्र और चुनाव के बाद अपात्र? जनसामान्य के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मानक अगर ‘चुनाव’ देख कर तय किए जाएँगे तो सरकारें अपनी विश्वसनीयता खो बैठेंगी। चुनाव खत्म होते ही राशनकार्ड खोने वाले करोड़ों देशवासियों की याद सरकार को अब कब आएगी? शायद अगले चुनावों में।

आजम-अब्दुल्ला ने सदस्य के पद की शपथ ली

आजम-अब्दुल्ला ने सदस्य के पद की शपथ ली

हरिओम उपाध्याय

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने सोमवार को विधान भवन में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के कार्यालय में विधानसभा सदस्य के पद की शपथ ली। आजम खान अपने बेटे रामपुर के स्वार टांडा से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम खान के साथ सोमवार को लखनऊ पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें पद तथा गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद आजम खान अपने बेटे के साथ आज विधानमंडल के बजट सत्र की कार्यवाही में भी भाग लेंगे।

बीते दिनों जेल से बाहर आए आजम खान जेल में रहने के चलते अपने विधायक पद की शपथ नहीं ले पाए थे। उनके विधानसभा सत्र में शामिल होने को लेकर लगातार संशय बना हुआ था। लेकिन रविवार देर रात्रि में आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ लखनऊ पहुंचे। आजम खान लगभग सवा दो साल तक सीतापुर की जिला जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट से 19 मई को अंतरिम राहत मिलने के बाद 20 मई को जेल से बाहर निकले। आजम खान लखनऊ में रविवार को समाजवादी पार्टी विधनमंडल दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।


केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 2 की मौंत

केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 2 की मौंत   

मनोज सिंह ठाकुर      
सीहोर। मध्य-प्रदेश के सीहोर जिले के पचामा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को आग लगने से दो लोगों की मौंत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीहोर जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र पचामा में स्थित केमिकल फैक्ट्री में सोमवार सुबह हुए विस्फोट के कारण आग लग गई। 
घटना के समय फैक्ट्री में तीन कर्मचारी काम कर रहे थे, जिसमें से एक महिला एवं एक पुरुष की मौत होने की सूचना है। इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने अभी तक एक व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि की है। मृतकों के शव अभी तक फैक्ट्री से नहीं निकाले जा सके हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। अग्निशमन दल आग बुझाने के लगा हुआ है। आग पर अभी काबू नहीं पाया जा सका है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-227, (वर्ष-05)
2. मंगलवार, मई 24, 2022
3. शक-1944, ज्येष्ठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-30+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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रविवार, 22 मई 2022

पहली कल्पना 'संपादकीय'

पहली कल्पना    'संपादकीय' 

क्या तुमने कुछ ऐसा देखा है....
रात भरी अंधेरी में, सूरो सा, 
दिन के उजालों में, गूढ़ सा, 
मैंने गज-लख दूरो से, 
विहीन व्योम में उसको देखा है.... 
जो तेरा है, ना मेरा है सन्यासी है, 
मन फिर भी उसका अभिलाषी है, 
चाहत है मिथ्या, निकृष्ट, 
रख लिया जैसे कोई श्वेत पृष्ठ, 
सबने उठना यूं ही सीखा है....
प्रतीत रहता है तुझमें-मुझमें, 
अतीत रहता है उसी दिन से, 
साये में, काया में हर् फराह में, 
जुर्म-धर्म की सहस्त्र बांहों में, 
लेखों में सारे उसका लेखा है.... 
क्या तुमने कुछ ऐसा देखा है....

संपूर्ण ब्रह्मांड में मनुष्यों के जीवन में साहित्य विशेष महत्व रखता है। गद्य-पध दोनों स्थानों पर रचित कृतियों में कल्पना का सजीव अस्तित्व स्थित है। किसी प्रक्रिया के घटित होने से पूर्व ही विवरण रचना कल्पना ही तो है। किसी पात्र अथवा परिस्थिति की कल्पना का सामान्य जीवन में सीधा संबंध बना रहता है। मात्र, कल्पना की सच्चाई से रूबरू कराना ही है। किसी रचनाकार के मस्तिष्क में कोई कल्पना स्थित हो जाती है। कल्पना के मूल आधार पर कोई रचनाकार कल्पनाओं को स्वरूपित-अंकित करके, पंख लगा देता है। पात्र के साथ न्याय अथवा अन्याय की उधेड़बुन में रचनाकार कल्पना के सागर में डूबता चला जाता है। पात्र हित को ध्यान में रखकर कल्पनाएं गढ़ना, जीवंत करना विषय वस्तु पर यथास्थिति बनाए रखना। कहानी, उपन्यास, नाटक, छंद, चौपाई आदि कोई भी शैली हो। रचना में पात्र की विशेषता को बरकरार रखने की रचनाकार की रचना का विश्लेषण करता है। कोई भी रचनाकार किसी सत्य आधारित रचना को शत प्रतिशत सत्य से जोड़ कर नहीं रख सकता है। किंतु कल्पनाएं रिक्त स्थान को पूर्ण कर लेती है। जो भविष्य में घटित होने वाला है उसकी कल्पना करना, विस्मृत से रोमांच उत्पन्न करने वाला है। जब कोई कल्पना सच में अवतरित हो जाती है। तब रचनाकार मन ही मन कल्पना को उकेरने का हर्ष प्रतीत करता है। परंतु कल्पना के दूसरे कुरूप पहलू को देख कर ठिठक जाता है। कल्पना का आधा सच रचनाकार को निराश करता है। परंतु उसी के साथ अगली कल्पना की गहराइयों में डूब जाने के लिए प्रेरित करता है। महर्षि वेदव्यास के द्वारा महाकाव्य 'महाभारत' एवं महान साहित्यकार बाल्मीकि के द्वारा 'रामायण' की रचना घटना के घटित होने से पूर्व कर ली जाती थी। सूरदास की साहित्य में कल्पना के महत्व को समझना भी एक कल्पना ही है। आप स्वयं देखिए, "नहीं पहुंच पाता रवि, वहां पहुंच जाता है कवि"। कल्पना अद्भुत है, आखिरकार एक कल्पना ही तो है।
 वैसे तो विवेकी मनुष्य कल्पनाएं करता ही रहता है। ज्यादातर कल्पनाएं सच में रूपांतरित नहीं हो पाती है। जो कल्पना सच का रूप ले लेती है, वह कल्पना ही मर जाती है। संसार की पहली कल्पना को श्रद्धा सुमन और नवीन कल्पनाओं का स्वागत करते हैं।
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...