गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

कप्तानी छोड़ने की वजह, स्वयं के लिए समय चाहिए

कप्तानी छोड़ने की वजह, स्वयं के लिए समय चाहिए    

मोमीन मलिक        

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2022 से पहले विराट कोहली ने बताया है कि उन्होंने आईपीएल 2021 के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की कप्तानी क्यों छोड़ी थी। आरसीबी के पोडकास्ट में बात करते हुए, विराट कोहली ने कहा है कि उन्होंने स्वयं के लिए कुछ समय निकालने और वर्कलोड मैनेजसमेंट के कारण यह फैसला किया था।

वहीं, विराट कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप से पहले कहा था कि यह सबसे छोटे फॉर्मेट में भारत के कप्तान के रूप में उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। इसके बाद उन्होंने आईपीएल टीम आरसीबी की कप्तानी छोड़ने की भी घोषणा कर दी थी। इसके बाद उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया और फिर उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 14,148 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 14,148 नए मामलें     

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामलों में गुरुवार को मामूली गिरावट दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 14 हजार 148 नए मामलें सामने आए हैं और 302 लोगों की मौत  हो गई। कल 15 हजार 102 मामले दर्ज किए गए थे। यानी कल की तुलना में आज मामले घटे हैं। देश में पिछले दिन 30 हजार 9 लोग ठीक हुए हैं। जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है ?

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1 लाख 48 हजार 359 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 12 हजार 924 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 4 करोड़ 22 लाख 19 हजार 896 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 766 नए मरीजों की पुष्टि हुई और पांच संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर आंशिक रूप से घटकर 1.37 फीसदी रह गई है। दिल्ली में कोविड के कुल मामले बढ़कर 18,53,428 हो गए हैं जबकि 26,086 लोगों की जान जा चुकी है। जो महामारी की मौजूदा लहर में सबसे ज्यादा है।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों की करीब 176 करोड़ से खुराक दी जा चुकी हैं। कल 30 लाख 49 हजार 988 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 176 करोड़ 52 लाख 31 हजार 385 डोज़ दी जा चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना योद्धाओं और 60 साल से ज्यादा आयु वाले अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को 1.94 करोड़ से ज्यादा (1,94,97,567) एहतियाती टीके लगाए गए हैं। देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुआ और पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। वहीं, कोरोना योद्धाओं के लिए टीकाकरण अभियान दो फरवरी से शुरू हुआ था।

3 साल पहले 'हार्टअटैक' के जोखिम का पता लगेगा

3 साल पहले 'हार्टअटैक' के जोखिम का पता लगेगा     

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। दिल की बीमारियों का शिकार अब ना सिर्फ बुजुर्ग, बल्कि युवा पीढ़ी के लोग भी तेजी से हो रहे हैं। हार्ट अटैक के बढ़ते मामले खुद इस बात का सबूत है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसा टेस्ट खोज निकाला है। जिसकी मदद से लगभग तीन साल पहले ही हार्ट अटैक के जोखिम का पता लगाया जा सकता है। इससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का खतरा काफी हद तक कम हो सकेगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के पूर्व पीड़ितों के सी-रिएक्टिव प्रोटीन की जांच की है। यानी एक ऐसा संकेत जो इंफ्लेमेशन के बारे में बताता है। उन्होंने ट्रोपोनिन का भी स्टैंडर्ड टेस्ट किया। ये वो प्रोटीन है जो हार्ट डैमेज होने पर खून में से निकलता है। रिपोर्ट बताती है कि एनएचएस के करीब ढाई लाख रोगियों में जिनका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ था और ट्रोपोनिन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें तीन वर्ष में मौत की संभावना करीब 35 प्रतिशत थी।

वैज्ञानिकों की इस खोज से सही समय पर मॉनिटरिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरीज़ दवाओं की सलाह देकर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के डॉ. रमजी खमीज ने बताया कि इस टेस्ट की खोज ऐसे समय पर हुई है। जब अन्य टेस्ट से ज्यादा कमजोर लोगों में इसके खतरे की पहचान की जा रही है।
इस स्टडी के लिए फंड जारी करने वाले ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के प्रोफेसर जेम्स लीपर ने कहा, 'यह डॉक्टर्स की मेडिकल किट में शामिल होने वाला एक बेशकीमती टूल है। एक स्टडी में पाया गया है कि दिन में करीब चार घंटे एक्टिव रहने से हार्ट डिसीज का खतरा 43 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने हार्ट अटैक के बहुत सारे लक्षण बताए हैं। इसमें छाती में दर्द और या बेचैनी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कमजोरी, जबड़े, गले या कमर में दर्द होना भी इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल है। इसके अलावा, दोनों हाथ या कंधों में दर्द या बेचैनी के लक्षण से भी हार्ट अटैक को पहचाना जा सकता है। सांस में तकलीफ भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।

180 किलो के बारबेल के नीचे दबीं महिला, मौंत

180 किलो के बारबेल के नीचे दबीं महिला, मौंत   

अखिलेश पांडेय       

मैक्सिको सिटी। जिम में वर्कआउट करते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, नहीं तो जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है। एक महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। महिला जिम में हादसे का शिकार हो गई। दरअसल, मैक्सिको में रहने वाली एक महिला जिम में वर्कआउट करने गई थी। महिला यहां जोश-जोश में ज्यादा वजन उठाने लगी, जिसके चलते दर्दनाक हादसा हो गया। 180 किलो के वजनदार बारबेल के नीचे दबकर उसने दम तोड़ दिया। ये हादसा उसकी बेटी के सामने हुआ। फिलहाल, महिला के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन ये जरूर बताया गया कि महिला की उम्र 35 से 40 के बीच में थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला अपनी बेटी के साथ फिटनेस सेंटर यानी जिम गई थी। जिम में उसने 180 किलो वजन उठाने का प्रयास किया, लेकिन अगले ही पल वो नीचे गिर पड़ी। जैसे ही महिला नीचे गिरी 180 किलो का बारबेल सीधे उसकी गर्दन पर आ गिरा। जिससे उसकी गर्दन दब गई। इसके चंद सेकेंड बाद महिला ने दम तोड़ दिया।

उछाल: 10 ग्राम सोने की कीमत, 1400 रुपये बढ़ीं

उछाल: 10 ग्राम सोने की कीमत, 1400 रुपये बढ़ीं    

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन संकट के बीच गुरुवार को सोने-चांदी के दामों में बड़ा उछाल आया है। भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत तकरीबन 1400 रुपये बढ़ गई है। वहीं, एक किलो चांदी की कीमत भी दो हजार रुपये से अधिक बढ़ी है। भारतीय सर्राफा बाजार में जारी किए गए सोने-चांदी के रेट्स के अनुसार, 999 प्योरिटी वाला 10 ग्राम सोना 51419 रुपये का हो गया है। जबकि एक किलो चांदी के दाम बढ़कर 66501 रुपये हो गई है।

सोने-चांदी के दाम दिन में दो बार जारी किए जाते हैं। एक सुबह और दूसरी बार शाम को। रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को 995 प्योरिटी वाला 10 ग्राम गोल्ड महंगा होकर 51213 रुपये का हो गया है। वहीं, 916 शुद्धता का सोना 47100 रुपये में हो गया है। वहीं, 750 प्योरिटी वाले सोने के दाम में भी बड़ा इजाफा हुआ है. आज इसकी कीमत 38564 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई है। 585 शुद्धता का सोना भी बढ़कर 30080 रुपये में बिक रहा है। 999 प्योरिटी वाली चांदी की कीमत भी बढ़कर 66501 प्रति किलो हो गई है।

तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कियें

तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कियें   

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल के बाद भी तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को भी पेट्रोल और डीजल का रेट स्थिर बना हुआ है। दिल्ली में आज एक लीटर पेट्रोल 95.41 और डीजल 86.67 रुपये में बिक रहा है।

पिछले साढ़े तीन महीनों से ज्यादा समय से देशभर में पेट्रोल-डीजल के रेट्स नहीं बढ़े हैं। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 109.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है। वहीं, कोलकाता में 104.67 रुपये में पेट्रोल एंव 89.79 रुपये में डीजल मिल रहा है। इसके अलावा, एक अन्य महानगर चेन्नई में भी तेल के दाम स्थिर बने हुए हैं। यहां 101.40 रुपये में पेट्रोल व 91.43 रुपये में डीजल बिक रहा है।

रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया

रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया   

अखिलेश पांडेय    

कीव/ मास्को। यूक्रेन ने रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का ऐलान कर दिया है। यूक्रेन ने यह कदम रूस की ओर से हमले के बाद उठाया है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदीमिर जेलेनस्की के हवाले से यह बात कही है। इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा और प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।

गुरुवार अल-सुबह कीव, खार्कीव, ओडेसा एवं यूक्रेन के अन्य शहरों में बड़े धमाकों की आवाज सुनी गई। वहीं, दुनिया के कई देशों के नेताओं ने रूसी आक्रमण की निंदा की जिससे बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता है और यह (हमला) यूक्रेन की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सकता है। वहीं, रूस के सैन्य हमले शुरू करने पर, यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदीमिर जेलेनस्की ने देश में ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा की और नागरिकों से नहीं घबराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन के सैन्य आधारभूत ढांचे को निशाना बनाया है और देशभर में धमाके सुने गए हैं।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि नए प्रतिबंध रूस को उसके आक्रमण के लिये दंडित करने के लिए हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी कई सप्ताह से आशंका थी लेकिन कूटनीति के माध्यम से इसे रोका नहीं जा सका। इससे पहले, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में इस कार्रवाई को जायज ठहराया।

यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई को अनुचित हमला करार

यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई को अनुचित हमला करार   

सुनील श्रीवास्तव      

कीव/मास्को/ब्रुसेल्स। नाटो ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई रोकते हुए फौरन यूक्रेन से हट जाना चाहिए। रूस को अंतर्राष्ट्रीय नियमों को सम्मान करना चाहिए। रूस की नीयत दुनिया देख रही है। वो यूक्रेन पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई को अकारण और अनुचित हमला करार दिया। उत्तरी अटलांटिक परिषद की एक असाधारण बैठक के बाद ब्रुसेल्स (बेल्जियम ) स्थित नाटो मुख्यालय में मीडिया को स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "हम रूस से अपनी सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोकने और यूक्रेन सहित उसके आसपास से अपने सभी बलों को वापस लेने को कहते हैं। 

नाटो महासचिव ने रूस से अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पूरी तरह से सम्मान करने और सभी जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित रखने और उन तक जरूरी सहायता की अनुमति देने का आह्वान किया।

रूस ने अमेरिका को उसकी औकात बताईं, प्रतिबंध

रूस ने अमेरिका को उसकी औकात बताईं, प्रतिबंध    

अखिलेश पांडेय     

कीव/मास्को/वाशिंगटन डीसी। रूस पूरी तरह से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का एलान कर चुका है। अब आगे क्या होगा। ये एक ऐसा सवाल है ? जिसका जवाब जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि इस लड़ाई का कोई एक पक्ष नहीं है। इसमें जहां अमेरिका को फैसला लेना है। वहीं भारत को भी फैसला करना होगा। इसके अलावा दूसरे देशों को भी ऐसा ही निर्णय लेना होगा। एक और सवाल यहां पर बेहद खास है और वो ये कि कहीं ये तीसरे विश्व युद्ध की आहट तो नहीं है। ये सभी सवाल एक-दूसरे से काफी हद तक जुड़े हुए हैं। इसलिए इनका जवाब तलाशना भी बेहद जरूरी है।विदेश मामलों के जानकार और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पुष्पेश पंत का मानना है कि रूस ने अपना आक्रामक रूप दिखाकर न सिर्फ पश्चिम देशों को बल्कि समूचे यूरोप और खुद को दुनिया की महाशक्ति बताने वाले अमेरिका को उसकी औकात बता दी है। यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला करने के बाद भले ही अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। इससे केवल उनको ही नुकसान होने वाला है। अमेरिका के पास इससे अधिक कोई दूसरा विकल्‍प है भी नहीं।

प्रोफेसर पंत का ये भी कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच हालात भले ही कैसे भी दिखाई दे रहे हो लेकिन ये विश्‍व युद्ध में तब्‍दील नहीं होने वाला है। यूरोप में फ्रांस और जर्मनी दो बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाएं हैं। रूस की नार्ड स्‍ट्रीम 2 पाइप लाइन को रोककर भी कुछ नहीं होने वाला है। हालांकि ये सही है कि इस पर रूस ने अरबों डालर का निवेश किया है। लेकिन दूसरी तरफ ये भी सच्‍चाई है कि रूस मौजूदा समय में यूक्रेन पर अघोषित रूप से कब्‍जा कर चुका है। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं से राष्‍ट्रपति पुतिन ने जो आमने सामने की बैठक में कहा उससे भी उनकी मंशा बेहद साफ हो गई है।

पंत का यहां तक कहना है कि यूक्रेन को आज नहीं तो कल रूस के आगे आत्‍मसमर्पण करना ही होगा। इसके बाद ही रूस की तरफ से हो रही कार्रवाई को रोका जा सकेगा। यूक्रेन जिस गलतफहमी में है वो भी जल्‍द ही दूर हो जाएगी। अमेरिका उसका लड़ाई के फ्रंट पर कोई साथ नहीं दे सकेगा। वहीं यूरोप के बड़े देश इससे अलग ही रहेंगे और छोटे देश रूस का सामना कर सकें, उनमें इतना सामर्थ्‍य नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात को समझना बेहद जरूरी है कि अमेरिका का पूरा कारोबार और दूसरे हित जैसे कनाडा और मैक्सिको से जुड़े हैं वहीं यूरोप के रूस के साथ जुड़े हुए हैं। यूरोप के बड़े देश अब ये जान चुके हैं कि अमेरिका ने पहले उन्‍हें अफगानिस्‍तान में बेवकूफ बनाया था और अब रूस के खिलाफ भी वो ऐसा ही कर रहा है। इसलिए इस बार अमेरिका की कोई दाल यहां पर नहीं गलेगी। रूस का अपनी कार्रवाई के पीछे केवल इतना ही मकसद है कि यूक्रेन आत्‍मसमर्पण कर दे। ऐसा होने पर रूस उसको एक आजाद राष्‍ट्र के तौर पर मान्‍यता देता रहेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यूक्रेन रूस में मिला लिया जाएगा, जिसकी काफी संभावना है।

9 साल का नाइजीरियाई बच्चा, अरबपति बना

9 साल का नाइजीरियाई बच्चा, अरबपति बना     

अखिलेश पांडेय     

अबूजा। 9 साल की उम्र में, हममें से ज्यादातर लोगों को शायद इतना भी नहीं पता होगा कि एक अरब कितना होता है। लेकिन सभी जीवन एक जैसा नहीं होता। एक 9 साल का नाइजीरियाई बच्चा, जिसे उसकी लैविश लाइफस्टाइल के कारण ‘दुनिया का सबसे कम उम्र का अरबपति’ कहा जा रहा है। मोहम्मद अवल मुस्तफा उर्फ मोम्फा जूनियर, रिची रिच लाइफ जी रहे हैं। क्योंकि उनके पास छह साल की उम्र में अपनी पहली हवेली थी। ‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, मोम्फा एक निजी जेट में भी दुनिया की यात्रा करता है, उसकी कई अन्य हवेली हैं और पहले से ही सुपरकारों का एक पूरा बेड़ा मौजूद है। नाइजीरिया के लागोस के रहने वाले मोम्फा जूनियर , अरबपति नाइजीरियाई इंटरनेट सेलिब्रिटी इस्माइलिया मुस्तफा, मोहम्मद अवल मुस्तफा के बेटे हैं।

युवा प्रभावशाली शख्स मोम्फा के अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 45,200 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जहां वह अपनी भव्य जीवन शैली की तस्वीरें पोस्ट करते हैं। इस लड़के को वर्साचे और गुच्ची जैसे ब्रांडों सहित स्टाइलिश और डिजाइनर कपड़े पहने हुए देखा जा सकता है, जबकि वह अपनी सुपरकारों के बगल में खड़ा है। एक अन्य तस्वीर में वह एक निजी जेट के अंदर भोजन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह युवा अरबपति अपनी छोटी बहन के साथ अपने पिता के इंस्टाग्राम पर रोजाना दिखाई देता है। अपनी कारों के कलेक्शन को शोकेसिंग करते हुए, मोम्फा जूनियर की कुछ तस्वीरों को कैप्शन दिया गया। ‘हैप्पी बर्थडे टू मी’ और ‘थैंक्स डैडी। उनके सुपरकारों के कलेक्शन में एक पीले रंग की फरारी, बेंटले फ्लाइंग स्पर और रोल्स-रॉयस व्रेथ भी शामिल है। द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोम्फा सीनियर ने 2018 में मोम्फा जूनियर के लिए उसके छठे जन्मदिन पर पहली हवेली खरीदकर गिफ्ट की।

4 चरणों की वोटिंग, नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी

4 चरणों की वोटिंग, नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी    

संदीप मिश्र         

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान अब चरम पर है। चार चरणों की वोटिंग के बाद बचे हुए तीन फेज के लिए सभी दलों और नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। एक तरफ जहां विरोधी दलों के नेता एक दूसरे के लिए बेहद तीखे और चुभने वाले शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तारीफ ने सबको चौंका दिया। पिछले कुछ सालों में अपने कई दांव और कठिन हालात में चौंकाने वाले नतीजे लाने की वजह से बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले शाह ने आखिर विरोधी दल को मजबूत क्यों बताया? आखिर इसके पीछे उनका क्या गेम प्लान हो सकता है? आइए समझने की कोशिश करते हैं। अमित शाह के बयान के मायने तलाशने से पहले आइए एक बार फिर आपको याद दिला दें कि उन्होंने कहा क्या है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा, “बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है।

मुझे विश्वास है कि उन्हें वोट मिलेगा। मुझे नहीं पता कि यह कितनी सीटों में तब्दील होगा लेकिन बसपा को वोट मिलेगा।” शाह ने कहा कि मायावती की जमीन पर अपनी पकड़ है। जाटव वोटबैंक मायावती के साथ जाएगा। मुस्लिम वोट भी बड़ी मात्रा में मायावती के साथ जाएगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमित शाह ने यूं ही बसपा को मजबूत नहीं बताया, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा गेमप्लान है। दरअसल, यूपी चुनाव में कहने को तो चार राष्ट्रीय और कई क्षेत्रीय दल दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही माना जा रहा है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि मुकाबला त्रिकोणीय दिखे, ताकि भाजपा विरोधी दलों का बंटवारा हो सके। यह माना जा रहा है कि बसपा और कांग्रेस को कमजोर आंकते हुए अधिकांश मुस्लिम वोटर्स सपा की ओर जा रहे हैं। यही वजह है कि अमित शाह ने बसपा को मजबूत बताते हुए यह भी कहा कि मुस्लिम वोट भी बसपा को मिल रहा है। यही हाल जाटव वोटर्स का भी है। जाटव को बसपा का कोर वोटर माना जाता है, इस बार मायावती के मुकाबले में नहीं दिखने की वजह से जाटव मतदाता भी नया ठिकाना तलाश सकते हैं। ऐसे में बीजेपी को आशंका है कि यदि इन्होंने सपा की ओर रुख किया तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह कहते हैं, ”मुझे लगता है कि बीजेपी को अहसास है कि यूपी में बाइपोलर चुनाव होने से कुछ मुश्किल हो सकती है, ऐसे में वह चाहेंगे कि मुकाबला त्रिकोणीय हो। सवाल यह भी उठता है कि क्या बीजेपी को यह आशंका है कि मायावती के कोर वोटर्स यदि मूव करते हैं तो वह बीजेपी की तरफ आने की बजाय सपा की ओर जा सकते हैं। एक सवाल यह भी उठता है कि यदि बीजेपी मायवती की तारीफ करती है तो इससे बसपा को फायदा होगा या नुकसान? यदि बसपा के वोटर्स में यह संदेश जाता है तो कि बीजेपी और बसपा में नजदीकी बढ़ रही है तो ऐसे मतदाता जो बीजेपी को नहीं चाहते, सपा की ओर रुख कर सकते हैं।सतीश के सिंह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी को ‘डिफॉल्ट वोट’ का फायदा हो सकता है। इसका मतलब है कि सपा के कोर वोटर ‘मुस्लिम यादव’ और जो अन्य समुदाय के ऐसे लोग जो सरकार से खुश नहीं है।डिफॉल्ट में अखिलेश की तरफ आ रहे हैं। कुछ ऐसे दलित मतदाता जिन्हें लग रहा है कि बसपा इस बार निर्णायक स्थिति में नहीं है और वह बीजेपी को पसंद नहीं करते है, वे डिफॉल्ट में सपा की ओर जा सकते हैं। ऐसे में बीजेपी की रणनीति है कि बसपा के वोटर्स हाथी के साथ रहें तो बीजेपी का फायदा है।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

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