तीसरी लहर को लेकर बिहार में अलर्ट जारी: सरकार
अविनाश श्रीवास्तव पटना। कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। एक बार फिर से दुनियाभर में यह फैल रहा है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने भी इसको लेकर पूरी जानकारी दे दी है। इसको लेकर हमलोगों ने समीक्षा बैठक की है। सभी लोग इसको लेकर सजग हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच भी तेजी से हो रही है। कोरोना की जांच में पॉजिटिव आने के बाद वह व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित है कि नहीं यह पता लगने में अभी 5-7 दिन का समय लग जाता है। बिहार में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई केस सामने नहीं आया है।
विदेश से बिहार लौटे कुछ लोगों के ट्रेस नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ऐसे लोगों का पता लगाकर उनकी कोरोना जांच कराना जरुरी है। प्रशासन के लोग इस काम में लगे हैं प्रशासन के लोग इस काम में लगे हैं। इसको लेकर सभी को सजग रहने की जरुरत है। दुनिया के साथ ही अपने देश में भी ओमिक्रॉन के कुछ सामने सामने आये हैं। इसको लेकर हम सभी को पूरी तौर पर सजग और सतर्क रहना है। हमलोग इसको लेकर पूरी तौर पर सजग हैं।
भानपुर 'किसान' सम्मेलन को संबोधित करेंगे सीएम
दुष्यंत टीकम बस्ती। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को बस्ती आएंगे। वह रुधौली विधानसभा क्षेत्र के बैड़वा समय माता दरबार भानपुर किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन का शुभारंभ सुबह 11 बजे होगा। रविवार को कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा ने बताया कि पार्टी किसान हितों के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। पार्टी हर मोड़ पर किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनका अधिकार मिलने चाहिए। गन्ने की उचित कीमत, समय से भुगतान, धान व गेहूं क्रय केंद्रों पर सही तरीके से खरीद होनी चाहिए।
कहा कि किसान सम्मेलन की तैयारी की जा रही है। पार्टी पदाधिकारियों में दायित्वों का वितरण कर दिया गया है। प्रदेश महासचिव जयकरण वर्मा ने बताया कि किसान सम्मेलन से पार्टी को मजबूती मिलेगी और स्पष्ट संदेश जाएगा कि कांग्रेस किसानों के साथ है। इस मौके पर प्रदेश सचिव कर्मराज यादव, पूर्व विधायक अंबिका सिंह, राम जियावन, बसंत चौधरी, प्रशांत पांडेय, जुबेर शेख आदि मौजूद रहे।
अधिनियम '1958' निरस्त करने की मांग: मेघालय
खेल: जीत के साथ 'द्रविड़ युग' की शुरुआत हुईं
कविता गर्ग मुंबई। विराट कोहली-राहुल द्रविड़ युग की शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में जीत के साथ हुई और कप्तान ने सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करने के बाद कहा कि टीम नये सहयोगी सदस्य भी उसी सोच और उद्देश्य का अनुसरण कर रहे हैं। जैसा कि पिछली व्यवस्था में किया जा रहा था।
पूर्व महान खिलाड़ी द्रविड़ ने मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है। जबकि पारस म्हाम्ब्रे और टी दिलीप क्रमशः भरत अरुण और आर श्रीधर के स्थान पर नए गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच बने है। न्यूजीलैंड को दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन 372 रन के बड़े अंतर से हराने के बाद कोहली ने कहा, ‘‘ नये प्रबंधन के साथ भी हमारी मानसिकता वही है कि भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना है। भारतीय क्रिकेट के मानकों को बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह हमेशा बढ़ता रहे।’’
सर्दियों में हरी मटर खाने के फायदें, जानिए
मो. रियाज सर्दियों में हरी-हरी मटर नजर आती है तो उन्हें खाने से हाथ रूक ही नहीं पाता, मटर छीलते छीलते ही कई दानें गोल हो जाते हैं। जो बचे वो सब्जी, पराठें, कचोड़ी किसी भी अंदाज में खाने का जायका बढ़ा ही देते हैं। मटर के गुणों के चलते उसे सर्दियों का सुपरफूड भी कहा जाता है। मटर में फाइबर्स, एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। जिस वजह से वो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखता है। साथ ही इसमें ए, ई, डी और सी विटामिन भी अच्छी मात्रा में होते हैं। पर, वो कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है।अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में मटर खाते हैं तो इसके कुछ साइडइफेक्टस भी आपको भुगतने पड़ सकते हैं।
विटामिन के का स्तर: मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है। ये विटामिन शरीर में अगर नियंत्रित मात्रा में है तो केंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है और बोन्स को मजबूत करता है। हालांकि इसका ज्यादा होना शरीर को नुकसान भी पहुंचाता है। विटामिन के की शरीर में ज्यादा मात्रा खून पतला कर देती है, जिसकी वजह से घाव से देर तक खून निकल सकता है। साथ ही इससे पेट में जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
गठिया में नुकसानदायी: हरी मटर में विटामिन डी भी होता है जो हड्डियों के लिए जरूरी है। इस विटामिन डी को एब्सॉर्ब करने में कैल्शियम ज्यादा लग सकता है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम कम होता जाता है और यूरिक एसिड में इजाफा होता है। मटर खाने में अति करने से ऐसी स्थिति बनती है तो गठिया रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन डी होने के बावजूद मटर का जरूरत से ज्यादा सेवन हड्डियां कमजोर करने लगता है।
वजन भी बढ़ेगा: मटर यूं तो प्रोटीन का अच्छा सोर्स है लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने पर मटर प्रोटीन से ज्यादा फैट बढ़ाता है। सीमित मात्रा में खाई गई मटर के फाइबर्स वजन घटाने में मददगार होते हैं, लेकिन मटर के ज्यादा सेवन से असर उल्टा ही नजर आता है। पाचन में भारी पड़ने वाली मटर वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो जाती है।
गैस और भारीपन: मटर खाने से भारीपन लगने लगता है। कुछ स्टडीज में ये दावा भी किया गया है कि मटर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स अलग दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। मटर खाने की अति आपके डाइजेश को तो बिगाड़ ही सकती है, हो सकता है पेट में सूजन की शिकायत भी हो जाए। इसलिए मटर को संतुलित मात्रा में खाने ही फायदेमंद होगा।