सोमवार, 6 दिसंबर 2021

राजनीति: राहुल ने केंद्र सरकार पर फिर सवाल उठाए

राजनीति: राहुल ने केंद्र सरकार पर फिर सवाल उठाए

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। नगालैंड हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर क्या वजह है कि आम नागरिक और सुरक्षाकर्मी अपनी ही जमीन पर सुरक्षित क्यों नहीं हैं। सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए, आखिर गृह मंत्रालय क्या कर रहा है।

इसके साथ ही राहुल गांधी ने तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी और एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन ओवैसी ने भी सवाल उठाए हैं। जानकारी के मुताबिक बीती रात नगालैंड में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कई आम लोगों के मारे गए हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए नगालैंड पुलिस ने बताया कि राज्य के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस बारे में ज्यादा जानकारी जल्द ही सामने आ जाएगी।
पुलिस का कहना है कि इस घटना की जांच जारी है, जिससे यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है। इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई थी। वहीं इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि यह घटना दिल दुखाने वाली है। देश में आम नागरिक और सुरक्षाकर्मी सुरक्षित क्यों नहीं है। राहुल गांधी ने इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को सही-सही जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय आखिरकार कर क्या रहा है, जब आम नागरिक, यहां तक कि सुरक्षाकर्मी अपनी ही जमीन पर सुरक्षित नहीं हैं।
कांग्रेस इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर है। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा नगालैंड से आई दुखद खबर बेहद परेशान करने वाली है। उत्तर पूर्व में बार-बार हिंसा की घटनाएं कानून-व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने में मोदी सरकार की विफलता का संकेत हैं। कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार हमारे नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ क्यों है।

गौरतलब है कि बीती रात गश्त लगा रही सेना की एक टुकड़ी ने काम ख़त्म कर घर लौट रहे लोगों पर लोगों पर गोलियां चलाईं। इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद घटना से नाराज स्थानीय लोगों की सेना के साथ झड़प हुई। इस झड़प में 7 अन्य आम नागरिकों सहित सेना के एक जवान की मौत हो गई। बता दें कि नगालैंड में सेना बीते कई सालों से उग्रवाद की समस्या से जूझ रही है। यहां लोग सेना पर अपने अभियानों में स्थानीय लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाते रहे हैं।

विश्वासघाती ने अपनी पहली जनसभा संबोधित की

मनोज सिंह ठाकुर           भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह द्वारा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘विश्वासघाती’ कहे जाने के एक दिन बाद सिंधिया ने कहा कि वह कांग्रेस नेता के स्तर तक नहीं गिर सकते हैं, जिन्हें इस तरह के बयान देने की आदत है। पिछले साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया ने शनिवार को दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र राघोगढ़ में अपनी पहली जनसभा संबोधित की। इसके बाद कांग्रेस नेता सिंह ने भाजपा सांसद को ‘विश्वासघाती’ और उनके परिवार को ‘देशद्रोही’ करार दिया।

सिंह के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने रविवार रात को अशोकनगर जिले के मुंगावली में कहा कि सिंह कांग्रेस के बुजुर्ग नेता हैं। उनकी तो आदत ही ऐसी है, मैं उनके बारे में कुछ कहना नहीं चाहता और ना ही उनके स्तर तक जाना चाहता हूं। जिस स्तर तक कि वह गए हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इतने बुजुर्ग और परिपक्व नेता होने के बाद भी वह अगर ऐसा बोल रहे हैं, तो वह अपने अंदर की भड़ास निकाल रहे हैं। मेरी ऐसी आदत नहीं है कि इस स्तर तक जाऊं, सिंधिया परिवार का एक स्तर है और मैं उसको बनाए रखूंगा।

ओसामा (बिन लादेन, अलकायदा का पूर्व सरगना) को ओसामा जी कहने वाले और धारा 370 वापस लगाए जाने की बात कहने वाले दिग्विजय सिंह यह जान लें कि कौन गद्दार है, इसका फैसला जनता करेगी। अशोक नगर जिले के मुंगावली कस्बे में भाजपा नेता ने कहा कि सिंह के उकसावे के बावजूद वह सिंधिया परिवार को स्तर बनाए रखेंगे।

'सीएपीएफ' की तैनाती के बारे में चर्चा करेंगे धनखड़

मिनाक्षी लोढी        कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) सौरव दास कोलकाता में आगामी निकाय चुनाव की तैयारियों के बारे में जानकारी देने के लिए उनसे मिलेंगे लेकिन चुनाव अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें इस बैठक के बारे में जानकारी नहीं है। धनखड़ ने कहा कि दास मंगलवार को उनसे राज भवन में मुलाकात करेंगे और चुनाव के दौरान यहां 19 दिसंबर को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती के बारे में चर्चा करेंगे। राज्यपाल के आधिकारिक अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में कहा गया कि सात दिसंबर को राज्य के निर्वाचन आयुक्त सौरव दास राज भवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे और कोलकाता में निकाय चुनाव की तैयारियों और सीएपीएफ की तैनाती पर चर्चा करेंगे।

हालांकि, दास ने कहा कि उन्हें इस तरह की किसी भी बैठक के बारे में जानकारी नहीं है। संपर्क करने पर दास ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं इस पर इससे ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता हूं, बस यही कह सकता हूं कि मुझे इस बारे में पता नहीं है।धनखड़ ने बृहस्पतिवार को दास से नगर निकाय चुनाव के लिए सीएपीएफ की तैनाती की जानकारी मांगी थी। दास उनसे राजभवन में मिले थे।

शिखर सम्मेलन: राष्ट्रपति के साथ हिस्सा लेंगे मंत्री

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अपने रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोयगू के साथ सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को विस्तार देने सहित रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। शोयगू और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने भारतीय समकक्षों के साथ ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की शुरुआत करने के लिए रविवार रात यहां पहुंचे। इस ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता के बाद दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाले शिखर सम्मेलन में दोनों मंत्री राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हिस्सा लेंगे। 

सिंह के कार्यालय ने बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू और राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में मुलाकात की। भारत और रूस इस शिखर सम्मेलन में रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए कई समझौते करेंगे।

शिखर सम्मेलन तथा रक्षा और विदेश मंत्री स्तरीय ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता में दोनों पक्ष अफगानिस्तान में स्थिति और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी बातचीत करेंगे।अधिकारियों ने बताया कि सिंह और शोयगू के बीच रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के विस्तार के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। शिखर वार्ता के मद्देनजर भारत ने अमेठी के कोरवा में भारत-रूस संयुक्त उद्यम के जरिए पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल के विनिर्माण के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये के लंबित ‘एके 203 कलाश्निकोव राइफल्स समझौते’ को मंजूरी दे दी थी।

बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खटीमा में महिला स्वयं सहायता समूहों के ऋण वितरण कार्यक्रम में कहा कि 24 दिसंबर को हल्द्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में आने का न्यौता दिया। देहरादून की तरह ही प्रधानमंत्री हल्द्वानी से भी हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर सौगात देंगे। 2025 में प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में पीएम हर के लिए काम कर रहे है। 

हल्द्वानी कुमाऊं के जिलों का बड़ा केन्द्र हैं। ऐसे में राजनीतिक समीकरण साधने के लिए पहली बार पीएम मोदी की जनसभा हल्द्वानी में होने जा रही है। यहां से पहाड़ी जिले आसानी से कवर किये जा सकते है। इससे पहले 24 दिसंबर को हल्द्वानी या रुद्रपुर में पीएम मोदी की जनसभा को लेकर असमंजस्य बना हुआ था लेकिन रविवार को सीएम धामी ने खटीमा कार्यक्रम में इसे स्पष्ट कर दिया कि जनसभा हल्द्वानी में होगी।

तीन कृषि कानून वापस, बैकफुट पर सरकार

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। केंद्र सरकार तीन कृषि कानून वापस लेकर बैकफुट पर पहुंच गई है। लेकिन किसान नेता इस बात पर अब भी लामबंद हैं कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर सरकार कानून बनाए। वहीं किसान किसानों के खिलाफ दर्ज केस, केंद्रीय मंत्री टेनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी किसान संगठनों द्वारा की जा रही है।

इसी बीच अब राकेश टिकैत अब बैंकों के निजीकरण पर सरकार को घेरने वाले हैं। वहीं सरकार ने इस मामले में राकेश टिकैत को नसीहत दी है। सरकार ने टिकैत के उसके इस बयान पर कहा कि आप किसानों की बात करें, बाकी सरकार देख लेगी। यानि कुल मिलाकर अब बैंकों के निजीकरण पर राकेश टिकैत सरकार पर हल्‍ला बोलेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता राकेश उन्‍होंने बाकायदा इसके खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमने सरकार से पहले ही कह दिया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा कि 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है।

निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का बयान भी सामने आया। उन्‍होंने कहा कि आपकी मांगें पूरी हो गई हैं, आप किसानों की बात करो। सरकार कैसे चलानी है और नीतियों के जो फैसले लेने हैं वो सरकार लेगी।

छापेमारी, 100 करोड़ रुपए का पता लगाया

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। आयकर विभाग ने टीएमटी सरिया के उत्पादन और निर्माण सामग्री बनाने वाले कोलकाता के एक समूह पर छापेमारी के बाद लगभग 100 करोड़ रुपये के बेहिसाब धन का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को यह जानकारी दी।गत एक दिसंबर को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस समूह से संबंधित 20 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की गई थी। वहां से मिले दस्तावेजों और डिजिटल आंकड़ों से बेहिसाब नकद भुगतान, बेहिसाब नकद राशि से खरीद और बिक्री, उत्पादन को कम दिखाने समेत अन्य की जानकारी देने वाले सबूत मिले हैं। 

सीबीडीटी के मुताबिक इन सबूतों के प्राथमिक विश्लेषण से पता चला है कि यह समूह मुखौटा कंपनियां भी चला रहा था जो अपना बेहिसाब धन शेयर पूंजी/अप्रतिभूत ऋण की आड़ में बहीखाते में भेज दिया करती थीं।सीबीडीटी ने दावा किया कि समूह के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति ने इस तरह के चलन की बात स्वीकार की। सीबीडीटी ने बताया कि 75 लाख रुपये की नकदी और 2.26 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण जब्त किए गए, जबकि कुछ बैंक लॉकर पर अंकुश लगा दिये गए। तलाशी अभियान से अब तक करीब 100 करोड़ रुपये के बेहिसाब धन का पता चला है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने टिकैत पर आरोप लगाया

अश्वनी उपाध्याय         गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि सुधार कानून निरस्त करने के बाद भी जारी किसान आंदोलन की नियत पर अब सवाल उठने लगे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि राकेश टिकैत फंडिंग के ऊपर काम करते हैं। भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की फंडिंग से ये आंदोलन चल रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि जब कानून तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं तो फिर भी ये बार्डर खाली नहीं कर रहे हैं। तो ये ऐसे नहीं बलपूर्वक हटेंगे।

आपको याद होगा कि 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किला में हुई हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया था। उसके बाद भानु लगातार राकेश टिकैत से जुड़े विवादित बयान भी देते रहे हैं। पिछेल माह भानु प्रताप सिंह ने गाजीपुर, सिंधु और टिकरी बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आतंकी संगठन करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने टिकैत को भी आतंकवादी बताया था।

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