रविवार, 5 सितंबर 2021

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान किया: सीएम

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। शिक्षक दिवस के मौके पर आज शिक्षकों का सम्मान किया है। प्रदेशस्तरीय सम्मान समारोह में राज्यपाल अनुसूईया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों का सम्मान भी किया और प्रदेश के विकास में शिक्षकों के योगदान को सराहा भी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान अपने संबोधन में शिक्षकों के समपर्ण, योगदान और कर्त्वयनिष्ठा की तारीफ भी की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोनाकाल में जिस तरह से शिक्षकों ने प्रदेश में पढ़ाई की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित रखी, वो अपने आप में मिसाल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि "प्रदेश में कोरोना काल में शिक्षकों ने जिस तरह से पढ़ाई की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करायी।
वो अपने आप में मिसाल है। शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने पढ़ाई की जो व्यवस्था तैयार की, उसका शिक्षकों बेहद ही अच्छे तरीके से निर्वहन किया, फिर वो पढ़ई तुंहर द्वार योजना हो, मोहल्ला क्लास हो या अन्य पद्धति"मुझे याद है कि मध्यप्रदेश के साथ जब छत्तीसगढ़ था, तब ही साल 1998 में आखिरी बार शिक्षकों की भर्ती की गयी थी, उसके बाद 2018 तक कोई भी भर्ती नहीं की गयी, लेकिन जब हमारी सरकार आयी तो अब 15 हजार भर्तियां की गयी। पहले शिक्षाकर्मी हुआ करते थे, ये पदनाम ऐसा था जो शिक्षको को चुभता था, कि पता नहीं वो कर्मी है कि क्या है… उसे दूर करने का काम हमारी सरकार ने किया है" मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में खोले गये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के बारे में कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 172 स्कूलों का संचालन कराया है। इस स्कूल का मकसद उन बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देना है, जो गरीब है, जिनके माता पिता इंग्लिश मीडियम स्कूल में नहीं पढ़ा पाते हैं। हमने हर ब्लाक हर विकासखंड, निगम स्तर पर स्कूलों को खोलने का काम किया है।

पैरालंपिक में सुहास ने मेडल जीतकर रचा इतिहास

टोक्यो। पैरालंपिक में सुहास यतिराज ने सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया है। एसएल4 क्लास फाइनल में सुहास यतिराज ने फ्रांस के लुकास माजूर से हारकर गोल्ड मेडल से चूक गए। माजूर ने सुहास को 15-21, 21-17, 21-15 से हराया। टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में यह भारत का तीसरा पदक है। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के 38 वर्षीय जिलाधिकारी (डीएम) सुहास पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी बन गए हैं। इससे पहले शनिवार को भारतीय शटलर प्रमोद भगत ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन सिंगल्स एसएल-3 का गोल्ड मेडल जीता था।
ओडिशा के रहने वाले 33 साल के प्रमोद भगत ओलंपिक या पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शटलर हैं। उनके अलावा इसी इवेंट में भारत के मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदकों की संख्या 18 हो गई है। भारत ने अब तक 4 गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारत टोक्यो पैरालंपिक में निशानेबाजी में पांच और बैडमिंटन में तीन पदक जीत चुका है।  वहीं भारतीय शटलर कृष्णा नागर फाइनल में पहुंचकर भारत का 19वां पदक पक्का कर चुके हैं।
कर्नाटक के 38 वर्ष के सुहास के टखनों में विकार है। कोर्ट के भीतर और बाहर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर है और 2007 बैच के आईएसएस अधिकारी भी। वह 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मोर्चे से अगुआई कर चुके हैं। एनआईटी कर्नाटक से कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त लेने वाले सुहास इससे पहले प्रयागराज, आगरा, आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र जिलों के जिलाधिकारी रह चुके है।
सुहास की पेशेवर यात्रा 2016 में शुरू हुई जब वह पूर्वी यूपी के आजमगढ़ जिले के डीएम थे और वहां एक बैडमिंटन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। सुहास ने कहा कि, ‘मैं टूर्नामेंट के उद्घाटन में अतिथि था और भाग लेने की इच्छा व्यक्त की। तब तक यह मेरे लिए एक शौक था क्योंकि मैं बचपन से बैडमिंटन खेल रहा था। मुझे वहां खेलने का मौका मिला और मैंने राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को हरा दिया। उन्होंने कहा कि इस जगह पर देश की पैरा-बैडमिंटन टीम के वर्तमान कोच गौरव खन्ना ने उन्हें देखा और इसे पेशेवर के तौर पर अपनाने की सलाह दी। इसी साल उन्होंने बीजिंग में एशियाई चैम्पियनशिप में भाग लिया और स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले गैर-रैंक वाले खिलाड़ी बन गए।
सुहास 2017 और 2019 में एकल और युगल में गोल्ड जीत चुके हैं।
सुहास ने 2017 और 2019 में बीडब्ल्यूएफ तुर्की पैरा बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पुरुष एकल और युगल स्वर्ण जीता. उन्होंने ब्राजील में 2020 में स्वर्ण पदक जीता।  जब जुलाई में तोक्यो पैरालिंपिक में उनकी भागीदारी की पुष्टि हुई, तो सुहास ने कहा कि यह प्रतियोगिता निस्संदेह एक चुनौती होगी और अपनी श्रेणी में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी होने के नाते, वह पदक के दावेदार होंगे।


'विंडोज 11’ की रिलीज के लिए उलटी गिनती शुरू

कविता गर्ग       
मुंबई। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ‘विंडोज 11’ की अगली बड़ी रिलीज के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा की है कि विंडोज 11 सपोर्टेड डिवाइस पर 5 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि आने वाले विंडोज 11 में मिलने वाले इन 7 फीचर्स के बारे में यूज़र्स को जानना चाहिए। माइक्रोसॉफ्ट ने स्टार्ट के साथ यूजर के कंटेंट को सामने और सेंटर में रखा है। स्टार्ट, क्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट 365 का लाभ यूज़र्स को लेटेस्ट फाइल को दिखाने के लिए देता है, फिर भले ही उन्हें किसी भी डिवाइस पर देखा गया हो।
स्नैप लेआउट स्नैप लेआउट, स्नैप ग्रुप और डेस्कटॉप ‘मल्टीटास्क करने और आपके डिवाइस की स्क्रीन को ऑप्टिमाइज़ करने का एक पॉवरफुल तरीका प्रदान करते हैं। ये फीचर यूज़र्स को ऐप्स और विंडो को एक साथ ग्रुपिंग करके बेहतर ढंग से ऑर्गनाइस करने की अनुमति देगा।
माइक्रोसॉफ्ट टीम अब टास्कबार में उपलब्ध है। माइक्रोसॉफ्ट टीम चैट को टास्कबार में इंटीग्रेटेड किया गया है। ये लोगों से जुड़ने का एक तेज़ तरीका प्रदान करता है।
विजेट विजेट्स, एआई द्वारा पॉवर्ड एक नया पर्सनलाइज्ड फ़ीड है, जिसका उद्देश्य यूज़र्स को उन सूचनाओं तक पहुंचने का तेज़ तरीका प्रदान करना है, जिनकी उन्हें परवाह है।
एक्सेसिबिलिटी में सुधार माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, विंडोज 11 अब तक का सबसे इन्क्लूसिवली विंडोज वर्जन है, जिसमें विकलांग व्यक्तियों के लिए और उनके द्वारा बनाए गए नए एक्सेसिबिलिटी फीचर्स हैं।
मिलेगा टच, डिजिटल पेन और वॉयस इनपुट का सपोर्ट: विंडोज 11 टच, डिजिटल पेन और वॉयस इनपुट को सपोर्ट करता है।  माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, नया ओएस टच, डिजिटल पेन और वॉयस इनपुट के माध्यम से इस्तेमाल किए जाने पर स्पीड, एफिशिएंसी और बेहतर अनुभवों के लिए अनुकूलित है।

टीवी के पॉपुलर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का निधन

कविता गर्ग                        
मुबंई। टीवी के पॉपुलर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला हमारे बीच नहीं रहे। उनके अचानक हुए निधन से उनके परिवार, दोस्तों और फैंस काफी निराश हो गए हैं। हर कोई सदमे में है और यह मानने को तैयार नहीं है कि सिद्धार्थ का निधन हो गया है। सिद्धार्थ शुक्ला को 2 सितंबर की सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 
सिद्धार्थ शुक्ला के निधन से बाद से ही, उनसे जुड़ी खबरें इंटरनेट पर छाई हुई हैं। ऐसी ही एक रिपोर्ट थी जहां कहा गया था कि सिद्धार्थ को उनके डॉक्टरों ने हैवी वर्कआउट और एक्सरसाइज में कटौती करने की सलाह दी थी। हालांकि, सिद्धार्थ की टीम ने ऐसी सभी खबरों का खंडन किया और उन्हें निराधार बताया।  स्पॉटबॉय को दिए बयान में सिद्धार्थ की टीम कहा। अब उनके बारे में कुछ भी लिखा जा रहा है। कृपया किसी भी आधारहीन रिपोर्ट पर विश्वास न करें। 
सिद्धार्थ शुक्ला के निधन से पूरी टीवी इंडस्ट्री में शौक की लहर हैं। आसिम रियाज, दोवोलीना भट्टाचार्जी, गौहर खान, हिना खान, राहुल महाजन, विकास गुप्ता समेत टीवी इंडस्ट्री से उनके कई दोस्त उनके जाने पर भावुक हुए है। सिद्धार्थ के निधन का सबसे बड़ा सदमान उनकी दोस्त रही शहनाज गिल को लगा है। दोनों के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग और रिश्ता था।  इसे दोनों पब्लिक के सामने और स्क्रीन पर भी दिखाते थे। कई लोगों का मानना था कि उनका रिलेशनशिप दोस्ती से बढ़कर है। 
फैंस सिद्धार्थ और शहनाज की जोड़ी को सिडनाज कहकर बुलाते थे। दोनों की केमेस्ट्री को लोग काफी पसंद भी करते थे। आखिरी बार दोनों की जोड़ी ‘बिग बॉस ओटीटी’ और ‘डांस दीवाने 3’ में दिखाई दी थी।  दोनों ही शो में दोनों रोमांस और मस्ती करते हुए नजर आए थे। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।

वैगनआर के नए अवतार स्माइल को लॉन्च किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। जापानी कार निर्माता कंपनी सुजुकी ने अपने बाज़ारों के लिए वैगनआर के नए अवतार वैगनआर स्माइल को लॉन्च किया है। कंपनी ने इस कार को एमपीवी का डिज़ाइन दिया है। जिसमे स्लाइडिंग डोर्स दिए गए हैं। कंपनी ने फिलहाल इस एमपीवी को घरेलु बाज़ारों के लिए पेश किया है, अन्य देशों में इसके लॉन्च को लेकर अभी कोई जानकारी सांझा नहीं की गई है। कंपनी ने वैगनआर स्माइल की शुरुआती कीमत लगभग 8.30 लाख रुपये तय की है। वहीं इस कार के टॉप वेरिएंट की कीमत लगभग 11.44 लाख रुपये तय की गई है।
कंपनी ने इस कार को मिनी वैन जैसे डिज़ाइन और बॉक्सी लुक दिया है। इस कार के फ्रंट में रेडिएटर ग्रिल और राउंड शेप हेडलाइट्स दिए गए हैं। कंपनी ने इस कार के सालाना 60,000 यूनिट्स की बिक्री का लक्ष्य रखा है, जिसके अनुसार कंपनी को हर महीने लगभग 5,000 यूनिट्स की बिक्री करनी होगी।
कंपनी ने इस कार में स्लाइडिंग डोर्स का इस्तेमाल किया है, जैसे ओमनी में देखने को मिलते हैं। इस कार की ऊंचाई को कंपनी ने मौजूदा वोंगर आर से 45 एम एम ज्यादा रखा है। कार में पीछे की तरह वर्टिकल शेप में टेललैंप दिए गए हैं, जिसमे ड्यूल पेंट स्कीम ऑफर किया जा रहा है।
स्माइल के इंटीरियर को कंपनी ने मौजूदा वोंगर आर से कुछ हट कर तैयार किया है। इसका इंटीरियर ऐसी तैयार किया गया है कि यह युवाओं की पहली पसंद बन जाये। कंपनी ने इसमें मांउटेड स्टीयरिंग व्हील, ट्चस्क्रीन इंफोटेंमेंट सिस्टम और डैशबोर्ड से लगा गियरनॉब दिया है। कंपनी ने इसके केबिन में ड्यूल टोन थीम का इस्तेमाल किया है, जो काफी आकर्षक दिखाई देता है।
कंपनी ने इस कार में अपहोल्स्ट्री ऑप्शन, अंडर-सीट स्टोरेज और एक छोटे मल्टी इंफॉर्मेश डिस्प्ले के साथ एनालॉग इंस्ट्रूमेंट दिया है। कंपनी इस कार में ग्राहकों के लिए कस्टमाइज़ेशन पैकेज की भी पेशकश करती है,जिसमे अपने हिसाब से डिज़ाइन और लुक देने के लिए डिकल्स, बॉडी किट, रूफ रेल्स, अलॉय व्हील्स और अन्य एक्सेसरीज़ का चुनाव कर सकते हैं। 
वैगनआर आर स्माइल में 657सीसी की क्षमता का 3 सिलिंडर युक्त नेचुरल एस्पायर्ड पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जो 58 एन एम का टॉर्क और 47 बीएचपी की पावर जेनरेट करता है। ये कार इंजन भारत में बिकने वाले मारुती ऑल्टो से भी छोटा है। ये कार इंजन केवल सीवीटी ट्रांसमिशन गियरबॉक्स के साथ आता है। ग्राहक इस कार में ऑल व्हील ड्राइव और फ्रंट व्हील ड्राइव का चुनाव कर सकते हैं।

वैज्ञानिकों की खोज, सूरज कब और कैसे मरेगा ?

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। क्या होगा अगर हमारा सूरज मर जाए। कैसा दिखेगा वो। हमारा सौर मंडल, हमारी धरती, जीव-जंतु क्या जीवित रह पाएंगे। या सूरज को मरते हुए देख पाएंगे। वैज्ञानिकों यह पता लगा लिया है कि हमारा सूरज कब और कैसे मरेगा। इसके बाद सौर मंडल का क्या होगा। धरती का क्या होगा। लेकिन अच्छी बात ये है कि जब सूरज मरेगा। तब इंसानों की प्रजाति उसे देखने के लिए बचेगी ही नहीं।
पहले तो वैज्ञानिकों को लगा था कि सूरज के मरने पर सौर मंडल एक नेबुला में बदल जाएगा। जिसमें सारे ग्रह टूट-फूटकर गैस और पत्थरों के रूप में एकसाथ घूम रहे होंगे। या बिखर रहे होंगे। लेकिन जब बारीकी से अध्ययन किया गया तो यह इससे भी ज्यादा विशालकाय और भयावह निकला। अंतरिक्ष विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 2018 में यह थ्योरी दी थी कि सूरज के मरने पर सौर मंडल नेबुला में बदल जाएगा। 
सूरज की उम्र करीब 460 करोड़ साल है।  लगभग इसी समय में सौर मंडल के अन्य ग्रह भी बने हैं। सभी ग्रहों और सूरज के अध्ययन के बाद यह जानकारी जुटाई गई है कि सूरज अगले 10 बिलियन साल यानी 1000 करोड़ साल और जीवित रहेगा। इसके मरने के साथ ही कई अन्य प्रक्रियाएं भी होंगी। अगले 500 करोड़ सालों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरु हो जाएगी। अंत के समय सूरज एक रेड जायंट से कमजोर होकर व्हाइट ड्वार्फ  बनकर रह जाएगा।
सूरज का केंद्र सिकुड़ कर खत्म हो जाएगा या फिर बेहद छोटा हो जाएगा, जिससे सूरज गर्मी पैदा करने क्षमता खो देगा। लेकिन इसकी बाहरी परतें ठंडी होकर टूटकर बिखर जाएंगी और यह मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंच जाएंगी। इस प्रक्रिया में हमारी धरती भी सूरज की परतों से टकराकर बिखर जाएगी। लेकिन सूरज के कमजोर पड़ते ही धरती से जीवन खत्म होने लगेगा। मैग्नेटिक फील्ड खत्म होने लगेगी। गुरुत्वाकर्षण खत्म होने लगेगा। ऐसे में जीवन की कल्पना की ही नहीं जा सकती।
एक चीज तो तय है कि उस समय तक इंसान तो क्या उसका भूत तक धरती पर नहीं बचेगा। क्योंकि इंसानों की प्रजाति अधिकतम 100 करोड़ साल में खत्म हो जाएगी। इससे बचने का एक ही तरीका है कि हम अपने लिए कोई अन्य ग्रह खोजकर वहां बस जाएं।  सूरज के खत्म होने की एक वजह ये है कि वह हर 100 करोड़ साल पर अपनी गर्मी और रोशनी को 10 फीसदी बढ़ा रहा है। एक समय ऐसा आएगा जब वह ऊर्जा खत्म होगी और वह ठंडा होने लगेगा।
सूरज की लगातार बढ़ती गर्मी और रोशनी से धरती पर जीवन खत्म होने लगेगा। हमारे समुद्र भाप बनकर अंतरिक्ष में उड़ जाएंगे। जमीन इतनी गर्म हो जाएगी कि इस पर रहना मुश्किल हो जाएगा। यही वो समय होगा जब धरती से इंसान समेत सारे जीव मारे जा चुके होंगे, अगर उन्होंने अपने लिए कोई अन्य ग्रह नहीं खोजा तो।
साल 2018 में हुई स्टडी में कंप्यूटर मॉडल का उपयोग किया गया था। 90 फीसदी तारों के साथ यही होता है कि वो पहले रेड जायंट होते हैं, जो बाद में खत्म होने पर व्हाइट ड्वार्फ बन जाते हैं। यहीं पर उनकी मृत्यु हो जाती है। मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट अलबर्ट जिल्सट्रा ने कहा कि जब भी कोई तारा मरता है तो वह अंतरिक्ष की एक बड़ी घटना होती है। 
अलबर्ट ने बताया कि तारे के मरने पर भारी मात्रा में धूल, पत्थर और गैस निकलती है। जो तेजी से अपने आसपास के इलाके में फैलती है। यह उस तारे के वजन का आधा हो सकती है। किसी भी तारे का केंद्र उसका जीवन तय करता है।  अगर केंद्र कमजोर हो रहा है, इसका मतलब ये है कि तारे को अब ऊर्जा नहीं मिल रही है।  उसका पावर सेंटर खत्म हो रहा है। मरने वाले तारे से निकली गैस, धूल और पत्थर अपने आसपास के ग्रहों और अन्य अंतरिक्षीय वस्तुओं से टकराते हुए अंतरिक्ष में फैल जाती है। अलबर्ट सूरज की उम्र पता करने वाली टीम में शामिल हैं।
अलबर्ट ने आगे बताया कि सूरज से निकलने वाली धूल, गैस और पत्थरों का गुबार करीब 10 हजार साल तक अंतरिक्ष में तैरता रहेगा। जो कि अंतरिक्ष की दुनिया में एक बेहद छोटा समय है।  इसकी वजह से एक नेबुला का निर्माण होगा, जो हजारों सालों तक दिखाई देगा। अगर इंसान जीवित रहे और किसी अन्य ग्रह पर अपना ठिकाना बना लिया तो वो इस नजारे को देख पाएंगे, नहीं तो मानकर चलिए कि हमारी प्रजाति समेत कई जीवों की प्रजाति का सर्वनाश हो जाएगा।
अलबर्ट और उनकी टीम के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग ग्रहों की उम्र का पता लगाने के लिए एक गणितीय मॉडल बनाया है, जो कई तरह का कारकों पर निर्भर करती है. ऐसे कई नेबुला हैं जो हमें दिखाई देते हैं, यानी उनके तारे मर चुके हैं और उनके धूल, गैस और पत्थर अंतरिक्ष की गहराइयों में तैर रहे हैं. जैसे - हेलिक्स नेबुला, कैट्स आई नेबुला, रिंग नेबुला और बबल नेबुला।
इन नेबुला को 18वीं सदी के साइंटिस्ट विलियम हर्सेल ने खोजा था। ये नेबुला उस समय के टेलिस्कोप से एक ग्रह जैसे दिखते थे। बाद में तकनीक आगे बढ़ी तो पता चला कि नहीं ये तो खत्म हुए तारे से निकली गैस, धूल और पत्थर के जमावड़ा है, जो अंतरिक्ष में धीरे-धीरे फैलकर खत्म हो रहा है।  करीब 30 साल पहले वैज्ञानिकों ने कुछ अजीब सा देखा था। जिसे पड़ोसी गैलेक्सी का सबसे चमकीला नेबुला कहा गया।  इससे यह पता चला कि ये कब खत्म हुआ होगा, कितने समय से यह ऐसे ही तैर रहा है। इसका भविष्य क्या होगा।
अलबर्ट और उनकी टीम की स्टडी में विलियम हर्सेल और उसके बाद की गई सारी स्टडीज के आंकड़ों का विश्लेषण करके देखा गया तो पता चला कि इनके परिणाम सटीक है। लेकिन मॉडल अलग-अलग हैं। अलबर्ट कहते हैं ज्यादा बुजुर्ग और कम वजन वाले तारे धुंधले नेबुला बनाते हैं। युवा और बड़े तारे चमकीले और ताकतवर नेबुला बनाते हैं।  पिछले 25 सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात पर विवाद कर रहे हैं।
अलबर्ट ने कहा कि यह संभव नहीं है कि सूरज जैसे कम वजन वाले तारे से आप बहुत ताकतवर और चमकीला नेबुला हासिल कर लो। अगर सूरज के वजन से दोगुना वजन का कोई तारा टूटता तो शायद हम एक चमकीले नेबुला की उम्मीद कर सकते थे। लेकिन सूरज से निकलने वाले नेबुला को सिर्फ 10 हजार सालों तक देखा जा सकेगा। वह भी टेलिस्कोप की मदद से।
सूरज के वजन का 1.1 फीसदी वजन का कोई तारा खत्म होता है तो वह फुस्सी बम की तरह होता है। उसके फूटने से बनने वाला नेबुला पता ही नहीं चलता। सूरज से तीन गुना ज्यादा वजन के तारे जब टूटकर खत्म होते हैं, तब वो बेहद चमकीले नेबुला का निर्माण करते हैं, जो दूर से भी दिखाई देते हैं। यानी सूरज के खत्म होने पर बनने वाला नेबुला बहुत चमकीला होने की उम्मीद नहीं है। बस एक चीज इसे चमकीला बना सकती है, वो सौर मंडल के अन्य ग्रहों के फट जाने की वजह से बढ़ने वाली उसकी तीव्रता।
अलबर्ट कहते हैं कि यह एक बेहतरीन परिणाम है. इस वजह से नहीं कि हमने सही गणित लगाई है। बल्कि इस वजह से भी हमने कई पुरानी थ्योरी को खारिज कर दिया है। किसी भी तारे की उम्र की गणना आसान नहीं होती। उसमें इतने सारे फैक्टर्स की जांच करनी होती है, कि वैज्ञानिक का भी दिमाग खराब हो जाता है। लेकिन अब हमें यह पता है कि सूरज कब मरेगा।

किसानों को मुजफ्फरनगर में पहुंचना शुरू किया

हरिओम उपाध्याय            
मुजफ्फरनगर। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को दावा किया कि 15 राज्यों के हजारों किसानों ने रविवार को होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पहुंचना शुरू कर दिया है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे एसकेएम ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ”पांच सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी। मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।” बयान में कहा गया है कि किसानों के वास्ते भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर प्रणाली भी शामिल है। महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं। पंजाब के कुल 32 किसान संघों ने राज्य सरकार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए 8 सितंबर की समय सीमा दी है।
एसकेएम ने कहा कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो किसान 8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेंगे। तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन को नौ महीने से अधिक समय हो गया है। किसानों को डर है कि ये कानून एमएसपी प्रणाली को खत्म कर देंगे और उन्हें बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा। सरकार के साथ 10 से अधिक दौर की बातचीत विफल रही है। सरकार कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर में कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये पहुंचने लगे हैं। उन्होंने बताया कि बीकेयू महासचिव युद्धवीर सिंह भी किसान महापंचायत में शामिल होने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत समेत अन्य वरिष्ठ नेता कल यहां पहुंचेंगे।
राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने कहा कि उनके पिता तब तक घर नहीं आएंगे, जब तक सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती। इस बीच मुजफ्फरनगर जिले के अधिकारियों ने महापंचायत के मद्देनजर सभी शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि शनिवार शाम छह बजे से पांच सितंबर को महापंचायत खत्म होने तक शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।

50 छात्रों ने सेल में प्रवेश के लिए आवेदन दिया

सदींप मिश्र                           
बरेली। बरेली कॉलेज में तीसरी मेरिट के छात्रों के स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हो रहे हैं। पहली और दूसरी मेरिट में भी कई छात्र प्रवेश लेने से वंचित रह गए थे। ऐसे करीब 50 छात्रों ने कॉलेज के ग्रीवांस सेल में प्रवेश के लिए आवेदन दिया है। कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को प्रवेश देने का मौका दिया है। इन छात्रों के प्रवेश और तीसरी मेरिट के छात्रों के प्रवेश के बाद सीटें खाली रहीं तो फिर चौथी मेरिट जारी की जाएगी।
हालांकि छात्रों को 6 सितंबर तक ही विश्वविद्यालय में 100 रुपये शुल्क के साथ छात्र का प्रवेश पंजीकरण होगा। उसके बाद 400 रुपये विलंब शुल्क देना होगा। प्रवेश समन्वयक डा. वीपी सिंह ने बताया कि पहली और दूसरी मेरिट में आने वाले बीए में 34, बीएससी जीव विज्ञान में चार, बीएससी गणित में तीन और बीकॉम में नौ छात्रों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है। छात्रों का कहना है कि वह किन्हीं कारणों से प्रवेश नहीं ले सके थे। ऐसे छात्रों को प्रवेश का मौका दिया जाएगा।
1 लाख 10 हजार से अधिक हुए प्रवेश।
विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों में शनिवार रात 7 बजे तक 110132 प्रवेश हो चुके थे और 63805 का पंजीकरण शुल्क भी जमा हो गया था। सबसे ज्यादा 66085 प्रवेश बीए में ही हुए हैं। बीएससी में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 26 हजार हो गई है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-386 (साल-02)
2. सोमवार, सितंबर 6, 2021
3. शक-1984,सावन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:44, सूर्यास्त 07:10।
5. न्‍यूनतम तापमान -23 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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शनिवार, 4 सितंबर 2021

अमेरिका में 1 लाख और लोगों की मौत, आशंका

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में दिसंबर तक कोरोना की वजह से और एक लाख लोगों के मौत की आशंका जताई गई है। ये बुरी खबर खुद अमेरिका के सबसे बड़े डॉक्टर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीसेस के निदेशक डॉ. एंथनी फॉउची ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में दी है। उन्होंने कहा कि मरने वालों में ज्यादातर वो लोग होंगे जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है। डॉ. फॉउची ने कहा कि यह गणना यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के मॉडल पर आधारित है।

डॉ. फॉउची ने कहा कि हम जिस दौर से गुजर रहे हैं।उसकी सटीक गणना की जा सकती है। इन मौतों को टाला जा सकता है। हमें पता है, इन मौतों को टालने के लिए लोगों को वैक्सीन लगवाने को लेकर प्रेरित करना होगा, वैक्सीन ड्राइव तेजी से चलाना होगा। इस समय करीब 8 करोड़ अमेरिकी अब तक वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं। ये लोग कोरोना महामारी को दोबारा जन्म दे सकते हैं या फिर संक्रमण की दर को बढ़ा सकते हैं।

हायर एजुकेशन में 'टीचर्स डे' का आयोजन हुआ

कौशाम्बी। भरवारी स्थित एनडी ग्रुप ऑफ स्कूल एमजीएम ग्रुप ऑफ स्कूल के सभी संस्थानों और रिद्धि सिद्धि कॉलेज आफ हायर एजुकेशन में टीचर्स डे का आयोजन हुआ। संस्थान के सभी छात्र छात्राओं ने टीचर्स के सम्मान में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और टीचर्स भी बच्चों के द्वारा किए गए कार्यक्रमों में शामिल हुए एक गजब का उत्साह देखने को मिल रहा था। संस्थान के छात्र छात्राओं ने क्लास वाइज अपने अपने कार्यक्रम आयोजित किए थे जिसमें टीचर्स के द्वारा केक कटिंग की गई और करतल ध्वनि से टीचर्स का सम्मान बच्चो द्वारा किया गया।
गुरु शिष्य की परंपरा का सम्मान,एक दूसरे के प्रति आस्था,विश्वास,समर्पण का प्रतीक शिक्षक दिवस का आयोजन विद्यालय में बच्चों द्वारा आयोजित हुआ, संस्थान के शिक्षक बड़े अभिभूत दिखे।
केपीएस संस्थान की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा पवार ने शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर सभी टीचर्स को शुभकामनाएं दिया और विश्वास व्यक्त किया कि आप अपने शिक्षण के माध्यम से बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान करेंगे। 
जिस से कि बच्चे आगे चलकर के देश का मान बढ़ाएंगे वही एनडी स्कूल एंड कॉलेज भरवारी कौशांबी के प्रधानाचार्य डॉक्टर मयंक कुमार मिश्रा ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षक किसी भी शिक्षण संस्थान की नीव होता है। जो बच्चों के अंदर शिक्षा रूपी पौधों को आरोपित करता है। जिससे अभिसंचित हो कर के छात्र और छात्रा अपने परिवार का, समाज का ,देश का नाम रोशन करते हैं और अपने शिक्षा के माध्यम से समाज में अंधकार रूपी अशिक्षा को दूर करके समाज को ज्ञानमय करते हैं। जिसके माध्यम से बच्चे शिक्षित होकर के समाज हित में कार्य करते हैं।
संस्थान के चेयरमैन वर्तमान विधायक चायल संजय कुमार गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि छात्र एवं छात्राओं का शिक्षित होना उनका मूल अधिकार है और मेरा प्रयास है कि समाज में रहने वाले कोई भी छात्र अथवा छात्रा शिक्षा से दूर ना रह पाए क्योंकि शिक्षा एक ऐसा माध्यम होता है। जो कि सशक्त समाज, सशक्त राष्ट्र बनाने में मुख्य भूमिका का निर्वहन करता है। इसलिए सभी नागरिकों का मूल कर्तव्य है कि समाज में कोई भी छात्र-छात्रा शिक्षा से वंचित ना रह पाए।कार्यक्रम में आरपी चतुर्वेदी सर, अनुपमा जयसवाल, बद्री विशाल शुक्ला सर, वेद  कुमार ,विजय यादव सर ,एस चंद्र सर, अभिमन्यु पांडे ,रोहित कुमार, प्रद्युम्न कुमार ,आर पी तिवारी ,संतोष प्रजापति, शालू प्रजापति ,प्रदीप कुमार ,सचिन त्रिपाठी,आदि उपस्थित रहे।
गणेश साहू 

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