शनिवार, 24 जुलाई 2021

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए तालाबंदी शुरू

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। देश में कोविड-19 के व्यापक प्रसार को रोकने के लिए लगाईं गई सख्त राष्ट्रव्यापी तालाबंदी शुरू हो गई है। बांग्लादेश में मनाए जाने वाले ईद अल-अधा त्योहार के अवसर पर एक सप्ताह के लिए प्रतिबंधों में ढील देने के बाद अधिकारियों ने 5 अगस्त तक सख्त तालाबंदी करने का फैसला किया है। पुलिस अधिकारी ने राजधानी ढाका में एक अस्थायी चौकी पर कहा कि प्रतिबंधों के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था, हजारों ईद की छुट्टियां मनाने वाले, जिन्होंने अपने गृहनगर से लौटना शुरू कर दिया है, राजधानी और अन्य शहरों में और उसके आसपास फंसे हुए हैं।
बांग्लादेश सख्त कोविड -19 लॉकडाउन में प्रवेश करता है 4TV की रिपोर्ट में शुक्रवार को बांग्लादेशी राजधानी और देश भर के अन्य शहरों और कस्बों में मुख्य सड़कों पर लोगों के बड़े कॉलम दिखाई दिए।राज्य के लोक प्रशासन मंत्री फरहाद हुसैन ने कहा, 'तालाबंदी के दौरान जो पहले लगाए गए थे, उससे अधिक सख्त होने के कारण, कपड़ा कारखाने बंद रहेंगे।'
जैसा कि महामारी ने पिछले महीने समाप्त होने के कोई संकेत नहीं दिखाए, बांग्लादेशी सरकार ने 1 जुलाई से तालाबंदी का आदेश दिया था, लेकिन बाद में ईद अल-अधा के अवसर पर 15 जुलाई 22 से एक सप्ताह के लिए प्रतिबंधों में ढील दी। बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अनुसार, देश में अब तक 11,46,564 कोविड मामलों की पुष्टि हुई है और 18,851 मौतें हुई हैं।

आर्थिक सुधारों का लोगों को असनी से लाभ मिला

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गरीबों को लेकर बड़ी बात कही है। मुकेश अंबानी ने कहा है कि देश में तीन दशक पहले हुए आर्थिक सुधारों का लोगों को असमान लाभ मिला है। अब समाज के निचले तबके यानी गरीब लोगों की आय बढ़ाने के लिए विकास के भारतीय मॉडल पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत 2047 तक अमेरिका और चीन की बराबरी पर पहुंच जाएगा।
आर्थिक सुधारों के 30 साल पूरे होने पर मुकेश अंबानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया में एक लेख लिखा है। इसमें कहा है कि साहसिक आर्थिक सुधारों की बदौलत ही भारत की जीडीपी 1991 की 266 अरब डॉलर के मुकाबले दस गुना बढ़ने में कामयाब रही है।भारत 1991 की कमजोर अर्थव्यवस्था से 2021 में पर्याप्त अर्थव्यवस्था में बदल गया है। अब भारत खुद को 2051 तक एक टिकाऊ और समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में बदल रहा है। भारत में समानता हमारी सामूहिक समृद्धि में होगी।
मुकेश अंबानी का कहना है कि 1991 में भारत ने अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा बदलने के लिए दूरदर्शिता और साहस दिखाया था। इस दौरान भारत सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को पब्लिक सेक्टर के दबदबे वाले क्षेत्रों में स्थान दिया। लाइसेंस कोटा राज को खत्म किया। उदार व्यापार और इंडस्ट्री से जुड़ी पॉलिसी बनाई। पूंजी बाजारों और वित्तीय सेक्टर को मुक्त किया। इन सुधारों ने भारत की एंटरप्रेन्योरशिप एनर्जी को मुक्त किया और तेज गति के विकास की शुरुआत हुई।
उन्होंने कहा कि इन आर्थिक सुधारों की बदौलत भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाया है। साथ ही जनसंख्या के 88 करोड़ से बढ़कर 138 करोड़ होने के बावजूद गरीबी मिटाने में मदद मिली है। मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है। आज हमारे पास वैश्विक स्तर के एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और पोर्ट्स हैं। हमारी कई इंडस्ट्रीज और सर्विसेज भी वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
पुराने दिनों को याद करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि पहले लोगों को टेलीफोन या गैस कनेक्शन पाने के लिए वर्षों का इंतजार करना पड़ता था। यही नहीं कारोबारियों को कम्प्यूटर खरीदने के लिए भी सरकार से परमीशन लेनी पड़ती थी। पिछले तीन दशक की उपलब्धियों के साथ हमने बड़े सपने देखने का अधिकार अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि 2047 में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाकर आजादी की शताब्दी मनाने से बड़ा सपना क्या हो सकता है?
मुकेश अंबानी ने कहा कि आगे की राह आसान नहीं है। लेकिन हमें महामारी जैसी अप्रत्याशित और अस्थायी समस्याओं से डरने की जरूरत नही है। हमारे पास अवसर है, अपने बच्चों-युवाओं के प्रति जिम्मेदारी भी है कि हम अगले 30 सालों को स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ बनाएं। अंबानी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर और शेष दुनिया के साथ सहयोग करने वाला भारत जरूरी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने कहा कि हम संपत्ति की तुलना पर्सनल और वित्तीय तौर पर करते हैं। लेकिन हम इस सत्य को भूल जाते हैं भारत की असली संपत्ति एजुकेशन फॉर ऑल, हेल्थ फॉर ऑल, एंप्लॉयमेंट फॉर ऑल, गुड हाउसिंग फॉर ऑल, एनवायरनमेंटल सेफ्टी फॉर ऑस, स्पोर्ट्स-कल्चर एंड आर्ट्स फॉर ऑल, अपॉर्च्यूनिटी फॉर सेल्फ डेवलपमेंट फॉर ऑल का लक्ष्य पाने में है। दूसरे शब्दों में कहें तो हैप्पीनेस फॉर ऑल ही असली संपत्ति है।

नौका के पलट जाने से 5 लोगों की डूबकर मौंत हुईं

समस्तीपुर। बिहार मे समस्तीपुर जिले के चकमेहसी थाना क्षेत्र में बागमती की उपधारा शांति नदी में एक नौका के पलट जाने से पांच लोगों की डूबकर मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग लापता है।
कल्याणपुर के अंचलाधिकारी अभय पद् दास ने शनिवार को यहां बताया कि जिले के चकमेहसी बाजार के सोरमार घाट से शुक्रवार की देर शाम 10-11 की संख्या मे ग्रामीण नौका से नामापुर गांव जा रहे थे। इसी दौरान आई बारिश एवं तेज हवा के कारण नदी मे अचानक नौका पलट गई। नौका पर सवार चार लोग तैरकर नदी से सुरक्षित बाहर निकल गए, जबकि सात अन्य लोग लापता हो गए। दास ने बताया कि आज सुबह स्थानीय गोताखोरों की मदद से पांच शवों को बरामद कर लिया गया है।मृतकों में एक महिला उसका पति एवं पुत्र समेत दो अन्य शामिल है। घटनास्थल पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम पहुंच गई है। अन्य लापता लोगों की तलाश की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर में 40 जगहों पर छापे मारे: सीबीआई

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अनिवासियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हजारों शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप से संबंधित मामले में शनिवार को जम्मू कश्मीर में 40 जगहों और राष्ट्रीय राजधानी में छापे मारे। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि शस्त्र लाइसेंस रैकेट से संबंधित एक मामले में चल रही जांच के तहत जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला और दिल्ली में आईएएस अधिकारियों, करीब 20 ‘गन हाउस’ सहित लोकसेवकों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापे मारे गए।अधिकारियों ने बताया कि कम से कम दो आईएएस अधिकारियों शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार के परिसरों पर छापेमारी हो रही है। सीबीआई ने कुपवाड़ा, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडो, पुलवामा और कुछ अन्य जगहों के तत्कालीन जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेटों के परिसरों पर दिसंबर 2019 में श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा समेत एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की थी।अभियान 2019 में दर्ज एक मामले के संबंध में चलाया जा रहा है। आरोप है कि 2012 और 2016 के बीच जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने धन के लालच में फर्जी और अवैध रूप से थोक में शस्त्र लाइसेंस जारी किया था।
सीबीआई ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के विभिन्न जिलों में वहां के जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेट द्वारा कथित तौर पर लगभग दो लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने से संबंधित दो मामलों की जांच के सिलसिले में तलाशी ली थी। आरोप है कि रिश्वत के बदले में गैर कानूनी रूप से ये शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए।
आरोप है कि तत्कालीन लोक सेवकों ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर राज्य के गैर निवासियों को नियमों का उल्लंघन कर शस्त्र लाइसेंस जारी किया और रिश्वत ली। राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी करने में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
एटीएस के अनुसार, कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे। एटीएस के निष्कर्षों के आधार पर, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एन एन वोहरा ने मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया था।

महाराष्ट्र में बाढ़ से 76 लोगों की मौंत हुईं, 38 घायल

कविता गर्ग               
मुंबई। महाराष्ट्र में बाढ़ से 76 लोगों की मौत हो चुकी है और 38 अन्य घायल हो गए हैं। राज्य सरकार ने शनिवार हो यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में यह सूचना दी और साथ ही उसने कहा कि 30 लोग बाढ़ में लापता हो गए हैं।तटीय कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरी जिले में रायगढ़ और पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके अलावा सातारा जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों में भूस्खलन की कई घटनाओं समेत बारिश से संबंधित घटनाओं में 129 लोगों की मौत हो चुकी है।सीएमओ के बयान में कहा गया है कि राहत एवं पुनर्वास विभाग से मिली सूचना के अनुसार, राज्य में अभी तक करीब 90,000 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। 
इस दौरान 75 पशु मारे गए। इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रायगढ़ जिले में बाढ़ से प्रभावित महाड शहर का दौरा करेंगे और साथ ही तलीये गांव का भी दौरा करेंगे जहां भूस्खलन हुआ था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तलीये गांव में भूस्खलन में कम से कम 39 लोग मारे गए।
महाराष्ट्र के सातारा जिले में अंबेघर गांव में हुए भूस्खलन वाली जगह से शनिवार को पांच शव बरामद किए गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिला प्रशासन ने कहा कि पाटन तहसील में स्थित इस गांव में हुए भूस्खलन में कम से कम 16 लोगों के फंसे होने की आशंका हैं क्योंकि चार से पांच घर मलबे में दफन हो गए हैं। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “हमने अंबेघर में तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान अब तक पांच शव बरामद किए हैं।” सातारा पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि स्थानीय पुलिस, निवासी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।इसी तहसील में दो अन्य गांवों – मीरगांव और धोखावले में भी भूस्खलन हुआ है जहां क्रमश : 12 और चार लोगों के फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों पर भी बचाव अभियान जारी है। सातारा के जिलाधिकारी शेखर सिंह ने शुक्रवार को बताया था कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को हुए इन तीन भूस्खलनों में करीब 30 लोगों के फंसे होने का डर है।
एनडीआरएफ ने बढ़ाई अपनी टीम की संख्या 
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 18 से बढ़ाकर 26 कर दी। यह इलाके भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य प्रशासन के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इन दलों को मुंबई, रत्नागिरि, ठाणे, पालघर, रायगढ़, सातारा, सांगली, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और नागपुर में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आठ नई टीम को भारतीय वायु सेना के एक विमान से ओडिशा से लाया गया। प्रवक्ता ने बताया कि बल महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के जिलों की भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम संबंधी पूर्वानुमान और केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट का पालन कर रहा है।
महाराष्ट्र में बारिश जनित घटनाओं और शवों की बरामदगी के बाद मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 136 हो गयी। राज्य में पिछले दो दिनों के दौरान अत्यधिक बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनायें हुयीं जिनमें कई लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी।इसने पुणे के प्रभावित क्षेत्रों में स्थित औंध सैन्य स्टेशन पुणे और बॉम्बे इंजीनियर समूह के सैनिकों सहित कुल 15 राहत और बचाव दल तैनात किए हैं। इस बीच, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सतारा के लिए एक नया ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है जिसमें अगले 24 घंटों में इस पश्चिमी महाराष्ट्र जिले के पहाड़ी ‘घाट’ क्षेत्रों में ‘अत्यधिक भारी वर्षा’ की भविष्यवाणी की गई है। इस इलाके में भूस्खलन के कारण लगभग 30 लोग लापता हैं।

बाउंड्रीबॉल तोडक़र पिलर बनाने की प्रक्रिया पूरी होगी

मनोज सिंह ठाकुर              
भोपाल। बारिश का पानी भर जाने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचने के लिये कड़ी मशक्कत की जाती थी। मरीज व उनके परिजन अस्पताल परिसर में जो पानी गेट पर भर जाता था। उसके बीच से निकलते थे और गीले भी हो जाते थे। हालांकि ऐसा पहले नहीं था क्योंकि अस्पताल पहुंचने के लिये एक रास्ता पीछे था जो सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया था। लेकिन नगर के जागरूक लोगों ने उसे खोलने का मुददा उठाया तो एसडीएम विनय द्विवेदी ने भी तुरंत पीछे का गेट खुलवाया और एनएच से लगे एक गेट के बाद अब दूसरा गेट भी बनवाया जा रहा है। जिसमें बाउंड्रीबॉल तोडक़र पिलर बनने की प्रक्रिया पूरी होगी। अस्पताल में प्रसूता वार्ड में पहुंचने के लिये एक ओर गेट प्रस्तावित है जिसे खोलने की चर्चा की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचने के लिये अब एक नहीं अब चार गेट है और पांचवा बनाने की भी तैयारी की जा रही है। डॉ रविन्द्र पटेल ने बताया कि अस्पताल में अभी और विकास कार्य होने हैं।
जिनके लिए बजट भी है। प्रसूता वार्ड पहुंचने के लिये अगर सीसी रोड के सामने का गेट खुलता है तो एम्बुलेंस भी वार्ड तक आयेगी। एसडीएम विनय द्विवेदी ने निरीक्षण किया है और वे फूल मूड में हैं कि अब अस्पताल में पहुंचने के मरीज और उनके परिजनेां को कोई समस्या न हो। हालांकि बीच में एक इमरजेंसी कॉल आ जाने के कारण वे प्रसूता वार्ड में बनने वाले गेट का निरीक्षण नहीं कर पाये। एसडीएम विनय द्विवेदी ने अस्पताल पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होने लैब टैक्रीशियन से चर्चा करते हुये कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की लैब में जांच हो रही है उन्हें जांच के उपरांत कोरोना का टीका लगाया जाये।

दो बच्चों की नीति लाने की योजना से इनकार किया

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दो बच्चों की नीति लाने की कोई योजना से मोदी सरकार ने साफ इनकार कर दिया है। शुक्रवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी। मोदी सरकार ने ऐसी कोई नीति ना लाने के पीछे कई वजहें गिनाई हैं। लोकसभा सांसद उदय प्रताप सिंह ने स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय से इस बारे में सवाल किया था। जवाब में राज्य मंत्री डॉ भारती पवार ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है। मंत्री ने अपने जवाब में चार मुख्य वजहें गिनाई हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे का हवाला देकर मोदी सरकार ने कहा कि अब वांछित प्रजनन दर घटकर 1.8 हो गई है। मतलब औसतन हर जोड़ा 1.8 बच्चे चाहता है। दूसरी वजह जनसंख्या और विकास को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय समझौते को बताया गया है, जो भारत को परिवार नियोजन में जबर्दस्ती से रोकती है। तीसरी वजह दुनियाभर से मिले अनुभव हैं।
मोदी सरकार का कहना है कि जबर्दस्ती करने से जनसांख्यिकीय विसंगतियां होती हैं, जैसे लिंग के आधार पर गर्भपात, लड़कियों का त्याग और उनकी भ्रूण हत्या। चौथी वजह के रूप में कुछ राज्यों का उदाहरण दिया गया है। केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों ने बिना कोई सख्त प्रावधान लागू किए प्रजनन दर कम किए हैं।
सांसद सिंह ने सरकार से पूछा था कि क्या वह बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कोई नीति बनाने की सोच रही है। उन्होंने अपने सवाल में ऐसी नीति की बात की जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो। इसके अलावा दो बच्चों की नीति से जुड़ा कोई प्रस्ताव है या नहीं, यह भी सवाल था। अगर ऐसी कोई नीति नहीं लाने का विचार है तो उसकी वजहें क्या हैं, सांसद यह भी जानना चाहते थे। सरकार ने अपने जवाब में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम का जिक्र कर कहा कि इसी के जरिए सभी नागरिकों को धर्म या संप्रदाय से परे, मुक्त भाव से फैसला करने का अधिकार है। केंद्र ने मिशन परिवार विकास का उदाहरण भी दिया जिसके जरिए सबसे ज्यादा प्रजनन दर वाले 146 जिलों में कॉन्ट्रासेप्टिव्स और परिवार नियोजन की सेवाएं मुहैया कराई गई हैं। कॉन्ट्रासेप्टिव्स को लेकर कुछ योजनाओं का ब्यौरा देकर केंद्र ने कहा कि आशा वर्कर्स उनकी होम डिलिवरी करती हैं।

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अंतिम चरण के लिए मतदान 1 ज...