अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए पश्चिम बंगाल के एक सांसद को सोमवार को कथित तौर पर ”बांग्लादेशी” बताया और इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है ”उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी” हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा, ”वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है।”
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को ”बेबुनियाद” करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ”जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। इसमें सत्यता नहीं है।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में हरिवंश ने कहा, ”इसका परीक्षण किया जाएगा।