शनिवार, 17 जुलाई 2021
पिछड़े वर्ग की जातियों को दल से जोडने की मुहिम
डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं, पेट्रोल में वृद्धि
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। एक दिन की शांति के बाद शनिवार को घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों में 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। जिससे राजधानी दिल्ली सहित देश के आधिकांश हिस्सो में इसकी कीमत नए स्तर पर पहुंच गईं। जबकि डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया। गुरुवार को पेट्रोल 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि के साथ नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था और डीजल 15 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया था। दिल्ली में शनिवार की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत 101.84 रुपये और मुंबई में 107.83 रुपये प्रति लीटर के पर पहुंच गई।
मध्य प्रदेश के बालाघाट में पेट्रोल का रेट 112.41 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल का रेट 102.49 रुपये प्रति लीटर और कोलकाता में पेट्रोल का रेट 102.08 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया।अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार शनिवार को पेट्रोल में 30 पैसे की बढोतरी की गई है। डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जेएनयू को नोटिस जारी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पीएचडी की सभी सीटों को केवल जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए ही आवंटित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जेएनयू को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 2 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।याचिका स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की जेएनयू यूनिट ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए जेएनयू के सात केंद्रों में पीएचडी की सौ फीसदी सीटों को जेआरएफ कैटेगरी के आवेदकों के लिए आवंटित कर दिया गया है। जेएनयू के फैसले से नॉन जेआरएफ कैटेगरी के छात्र यहां से पीएचडी नहीं कर पाएंगे। इससे कई छात्र पीएचडी करने से वंचित रह जाएंगे।
याचिका में कहा गया है कि जेएनयू में अभी तक यह नियम लागू नहीं था। पिछले साल जेएनयू में पीएचडी की सीटों को जेआरएफ कैटेगरी से भरने के साथ ही नॉन जेआरएफ छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा की भी व्यवस्था थी लेकिन इस सत्र के लिए जेएनयू ने अपने ई-प्रोस्पेक्टस में सभी सीटों को जेआरएफ से भरने का फैसला किया है। ऐसा करना मनमाना, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। जेएनयू के जिन सात केंद्रों के लिए पीएचडी में केवल जेआरएफ कैटेगरी के छात्रों को ही सीटें देने का फैसला किया गया है। उनमें सेंटर फॉर इंटरनेशनल ट्रेड एंड डेवलेपमेंट, पीएचडी इन ह्यूमन राइट्स स्टडीज, सेंटर फॉर इंग्लिश स्टडीज, सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेजेज (पीएचडी इन हिंदी, पीएचडी इन उर्दू, पीएचडी इन हिंदी ट्रांस्लेशन), सेंटर फॉर स्टडी फॉर लॉ, गवर्नेंस, स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन और सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज शामिल हैं।
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