नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर जलापूर्ति स्टेशनों के नए सिरे से मूल्यांकन की मांग पर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार और जलबोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने इस मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सरकार और जलबोर्ड को कानून, मौजूदा नीतियों व अन्य पहलुओं पर विचार करते हुए याचिका में उठाए गए पहलुओं पर विचार करने और समुचित निर्णय लेने को कहा है।
न्यायालय ने अजय गौतम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। याचिका में कहा गया है कि मौजूदा और बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर पीने के पानी की मांग को ध्यान में रखते हुए राजधानी में जल आपूर्ति स्टेशनों और बूस्टर पंपों का नए सिरे से मूल्यांकन करने की जरूरत है। इसके लिए याचिका में सरकार और जल बोर्ड को आदेश देने की मांग की गई। याचिका में जल आपूर्ति स्टेशनों को आधुनिक तकनीक से उन्नत बनाने के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से पीने के पानी में दूषित पानी और सीवेज के पानी के मिलावट रोकने के लिए सुझाव देने और इस पर अमल करने के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाने की भी मांग की है।