सोमवार, 14 जून 2021
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
रविवार, 13 जून 2021
चीन से वायरस के लीक होने की आशंका पर चर्चा
लंदन। ब्रिटेन के कॉर्नवाल में आयोजित जी-7 सम्मेलन में शामिल होने आए विश्व नेताओं ने कोविड-19 महामारी शुरू होने के पीछे मध्य चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की आशंका पर चर्चा की। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख का कहना है कि प्राणघातक वायरस के उद्गम को लेकर सामने आ रही सभी परिकल्पनाएं जांच के लिए खुली हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि महामारी के वुहान की प्रयोगशाला से लीक वायरस से फैलने की आशंका को लेकर अधिकारियों के ‘तुलनात्मक नोट’ और अधिक जांच की मांग करते हैं। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि ब्रिटेन को प्राप्त ‘सबसे विश्वसनीय’ सूचना के मुताबिक, यह जानवरों से इनसान में फैला लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि उनके पास अब भी ‘सभी सवालों के जवाब नहीं हैं।”
रविवार को जब इस मामले में राब से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ”इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम चाहतें है कि मामले की समीक्षा हो और विशेषज्ञ सभी सवालों के जवाब के लिए चीन जाएं, ताकि हमारे पास पूरी तस्वीर हो, बजाय कि इन संभव, संभावित, मुमकिन विकल्प के।” राब ने कहा, ”लेकिन संतुलन के लिए, हम यह नहीं मानते कि यह प्रयोगशाला से आया। हमारा मानना है कि बहुत संभव है कि यह जानवरों की प्रजाति से इनसानों तक पहुंचा।” उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने शनिवार को पत्रकारों से कहा था कि कॉर्नवाल में आयोजित जी-7 सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य मामलों और महामारी के स्रोत का पता लगाने को लेकर आयोजित औपचारिक सत्र में इस आशंका को उठाया गया था।
उन्होंने कहा कि सत्र का मुख्य हिस्सा महामारी से दुनिया भर में प्राण गंवाने वाले लाखों लोगों के प्रति सम्मान प्रकट करना था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ”हां, वायरस के उद्गम का मुद्दा उठा और हमने उसपर चर्चा की। उन्होंने कहा, ” उद्गम के अध्ययन का पहला चरण निर्णायक नहीं था और वहां पर चार सिद्धांत थे। लेकिन उनपर अबतक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसलिए हमारा मानना है कि सभी चारों सिद्धांत खुले होने चाहिए और हमें दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहिए ताकि वायरस के उद्गम का पता चल सके।”
वर्ष 2021-22 में प्रावधानिक धनराशि को मंजूरी दी
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रावधानित धनराशि को वित्तीय मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की दशमोत्तर छात्रवृत्ति (100 प्रतिशत केन्द्रपोषित) योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रावधानित धनराशि 20000 लाख रूपये मे से केन्द्र सरकार द्वारा अवमुक्त केन्द्रांश 3695.38 लाख रूपये को शर्ताें और प्रतिबन्धों के तहत स्वीकृति प्रदान की गयी है।
दिल्ली में आंधी और बारिश होने की संभावना जताईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आंधी और बारिश होने की संभावना जताईं है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में रविवार को गरज के साथ बारिश और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के अनुमान है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार हरियाणा के बहादुरगढ़, गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिंडन एएफ स्टेशन, गाजियाबाद, इंदिरापुरम, छपरौला, नोएडा, भिवानी के क्षेत्रों में तेज हवा चलने और बारिश तथा आस-पास के क्षेत्रों में बूंदा बांदी होने के आसार है।
हरियाणा के बागपत में कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, नरवाना, राजौंद, असंध, सफीदों, जींद, गोहाना, खरखोदा, हांसी, महम, रोहतक, तोशाम, झज्जर, चरखी दादरी, मतनहेल, फारुखनगर, बावल, रेवाड़ी, नूंह, सोहना प्रदेश और राजस्थान में विराटनगर, कोटपुतली, अलवर धूल भरी आंधी चलने के साथ बारिश हो सकती है।मौसम विभाग ने हाल ही में भविष्यवाणी की है, कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में निर्धारित समय से पहले 15 जून के आसपास आने के आसार है।
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हिंदुस्तान की राजनीति में शीर्ष पायदान पर भाजपा
राणा ऑबराय
नई दिल्ली। हिंदुस्तान की राजनीति में आज भाजपा शीर्ष पायदान पर है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद उत्तरप्रदेश के सीएम योगी ही हिंदुओ औऱ भाजपा पार्टी के चहेते नेता माने जाते हैं। यूपी में विधानसभा चुनाव बहुत नजदीक है। परन्तु भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मानो मन बना लिया हो कि योगी से मुख्यमंत्री की कुर्सी ले ली जाए! फिर एक ऐसी घटना घटी 5 जून को सीएम योगी का जन्मदिन था। देश के तमाम लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व अन्य नेताओं की भी बधाई आ गई। लेकिन पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा ने कोई ट्वीट नहीं किया। यूपी सहित पूरे देश मे राजनीतिक अटकलबाजी तेज हो गई। मीडिया और सोशल मीडिया दोनों पर शुभकामना न देने को लेकर खूब कयास लगने लगे।
इन्हीं अटकलों के बीच योगी महाराज जागे। इस बीच अचानक योगी का दो दिवसीय दिल्ली दौरा तय हुआ तो उसे जबर्दस्त मीडिया कवरेज मिला जो स्वाभाविक था। औपचारिक तौर पर इन मुलाकातों को भले ही शिष्टाचार भेंट करार दिया गया, लेकिन यह तो सब जानते हैं कि यह दौरा शिष्टाचार से कहीं ज्यादा था। 90 मिनट में शाह से साधा क्या हित ? सीएम योगी ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि करीब 90 मिनट तक चली इस बैठक में यूपी के राजनीतिक हालात और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत की गई। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में शाह ने योगी से सबको साथ और विश्वास में लेकर चलने के लिए कहा। साथ ही, विधानसभा चुनाव और प्रदेश की मौजूदा राजनीति से संबंधित तमाम सवाल पूछे। सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी ने यूपी में सबकुछ ठीक होने का दावा किया। वहीं, चुनाव के मद्देनजर कुछ योजनाओं के एलान की मांग भी की।
पीएम मोदी से मिलकर मजबूत हुए योगी
सीएम योगी जब पीएम आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे तो तमाम सवाल देश के रणनीतिकारों के जेहन में उठने लगे। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच 80 मिनट की इस बातचीत का कोई भी ब्यौरा तो सामने नहीं आया, पर देश के प्रधानमंत्री और देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री के बीच ये लंबी बातचीत भाजपा और देश की राजनीति दोनों के लिहाज से बहुत अहम है। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान भी उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई। साथ ही, मंत्रिमंडल विस्तार पर भी मंथन हुआ। गौर करने वाली बात यह है कि पीएम मोदी किसी भी मुख्यमंत्री से इतने लंबे वक्त तक मुलाकात नहीं करते। ऐसे में बैठक की अवधि को देखते हुए माना जा रहा है कि योगी और अधिक मजबूत होकर यूपी लौटे हैं।
नड्डा से 120 मिनट की मुलाकात का क्या मकसद ?
पहले शाह से चर्चा और फिर मोदी से मंथन के बाद जब योगी नड्डा के आवास पर पहुंचे तो भी तमाम सवाल उठने लगे। दरअसल, संगठन के हिसाब से नड्डा सर्वोच्च पद पर हैं। ऐसे में सूत्रों का दावा है कि सीएम योगी ने शाह व मोदी से मार्गदर्शन लिया और उस पर अंतिम मुहर नड्डा से लगवा ली। यही वजह है कि नड्डा और योगी की मुलाकात सबसे लंबी रही। सूत्रों का दावा है कि इस मीटिंग में यह तय हो गया कि उत्तर प्रदेश में न तो सरकार में और न ही संगठन के नेतृत्व में किसी भी तरह का परिवर्तन किया जाएगा। हालांकि, योगी से सहयोगी दलों को भी महत्व देने की बात कहे जाने की जानकारी जरूर सामने आ रही है।
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भाजपा पर व्यापारियों को बर्बाद करने का आरोप तय
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा पर व्यापारियों को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि करोड़ों व्यापारी भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के शिकार हुए हैं। यादव ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, “भाजपा राज में दुकानदार, कारोबार, व्यापार सभी बर्बाद हो गए हैं। करोड़ों व्यापारी भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के शिकार हुए हैं। नोटबंदी, जीएसटी से परेशान व्यापारियों की हालत लॉकडाउन ने बुरी तरह बर्बाद की है।”उन्होंने आरोप लगाया, “व्यापारी विरोधी नीतियों से सब तरह त्राहि-त्राहि मची हुई है। पिछले वर्ष घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से किसी का कोई लाभ नहीं हुआ। इस घोषणा का क्या हुआ, कुछ पता नहीं चला।
भाजपा सरकार में छोटे दुकानदारों को धोखा मिला है। जबकि चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों को सभी सहूलियतें देकर उनकी आमदनी दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ाई गई है।” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा को गलतफहमी है कि व्यापारी अपने उत्पीड़न के बावजूद भाजपा के साथ रहेगा। व्यापारी समाज जान गया है कि भाजपा छोटे लोगों की नहीं बड़े पूंजी घरानों के हितों का पोषण करने वाली पार्टी है। व्यापारी 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है।”
टोक्यो ओलंपिक में पदकों की संख्या दंहाई में होगी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण खिलाड़ियों की तैयारियां बाधित होने, कई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट रद्द होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अधिक मौके नहीं मिल पाने के बावजूद भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को उम्मीद है कि तोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या दोहरे अंक में होगी और उन्होंने यह भी कहा कि ओलंपिक जा रहे किसी खिलाड़ी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है।
कोरोना के इस दौर में क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक लगभग हर खेल में लगातार बायो बबल में रह रहे खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का मसला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। बत्रा ने कहा,‘‘ कोरोना काल से पैदा हुई परिस्थितियां दुनिया भर के लिये समान है। लेकिन खिलाड़ियों ने इसका डटकर सामना किया है। वे सकारात्मकता के साथ अभ्यास कर रहे हैं और अब प्रतिस्पर्धा का इंतजार है।
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