शनिवार, 29 मई 2021

हापुड़: गंदगी को लेकर महिलाओं ने किया प्रदर्शन

अतुल त्यागी              
हापुड़। पीने के पानी की समस्या और क्षेत्र में फैली गंदगी को लेकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया। नगर पंचायत का घेराव कर अधिशासी अधिकारी नमिता चौधरी के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, अधिशासी अधिकारी पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा महिलाओं से अभद्रता करवाने का आरोप। लोगों की समस्या बिना सुने ही अपनी कार्यालय के अंदर चली गई अधिशासी अधिकारी। कर्मचारियों पर लोगो को कार्यालय के अंदर जाने से रोकाने का भी आरोप। कोरोना काल में भी क्षेत्र में बीते 3 महीने से साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन न होने से जनता में रोष।

कांग्रेस और राहुल 'समसामयिक'

कॉंग्रेस और राहुल   'समसामयिक'
बैक फुट की जगह अब फ्रंट फुट पर दिखाई देने लगे !
 2014 के बाद 7 साल में यदि राजनीतिक परिपेक्ष में कॉन्ग्रेस और राहुल गांधी का राजनीतिक विश्लेषण करें तो, दोनों का ज्यादातर समय बैकफुट पर खेलते हुए दिखाई दिया। ऐसा भी नहीं था कि राहुल गांधी और कांग्रेस ठीक से नहीं खेलें। उन्होंने 7 सालों में कई बार चौके और छक्के भी मारे। लेकिन वह या तो रन आउट  होते हुए दिखाई दिए या फिर केंद्र की सत्ताधारी भाजपा सरकार के नेताओं ने उन्हें कैच आउट कर दीया।
 नोटबंदी, जीएसटी, राफेल सौदा, भारत-चीन तनाव, समान नागरिकता बिल, तीन कृषि बिल जैसे मुद्दों को लेकर राहुल गांधी ने खूब चौके छक्के मारे। लेकिन वह या तो रन आउट हुए या फिर सरकार में बैठे नेताओं ने  कैच लपक कर आउट कर दिया।
लेकिन कोविड-19 एक ऐसा मैच बनकर आया, जिसमें राहुल गांधी खूब चौके छक्के मार रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा ना तो राहुल गांधी को रन आउट कर पा रही है और ना ही उनका कैच लपक पा रही है। बल्कि, भाजपा सरकार ही राहुल गांधी को जमकर खेलने का मौका दे रही है ? कोविड-19 के आगमन से लेकर अभी तक राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को कोरोना महामारी के  बढ़ते प्रकोप को लेकर निरंतर आगाहा करते आ रहे हैं और बीमारी से किस प्रकार से निपटा जाए इसके लिए वह सुझाव भी दे रहे हैं। मगर भाजपा सरकार में बैठे नेता ना केवल राहुल गांधी के सुझाव को दरकिनार कर रहे हैं। बल्कि राहुल गांधी का मजाक भी बनाते हुए दिखाई दिए। 
मौजूदा वक्त में राहुल गांधी अच्छी बैटिंग इसलिए भी कर रहे हैं। क्योंकि दूसरे छोर पर श्रीमती प्रियंका गांधी  राहुल गांधी का मजबूती के साथ खड़े होकर साथ दे रही हैं।
 राहुल गांधी रन आउट और कैच आउट इसलिए भी हो जाते थे क्योंकि नोटबंदी को यदि छोड़ दे तो, भाजपा सरकार ने अन्य जिन योजनाओं पर काम कर लागू किया है। वह योजनाएं कांग्रेस शासन के समय से अटकी पड़ी हुई थी। उन्हें भाजपा ने सत्ता में आकर लागू किया, जिसमें जीएसटी, एफडीआई, समान नागरिकता बिल, कृषि कानून, धारा 370 और राफेल विमान सौदा जैसे अनेक योजनाएं थी जो लंबित पड़ी हुई थी। जिन्हें भाजपा ने सत्ता में आकर लागू किया।
जब कॉन्ग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी इन योजनाओं का विरोध करते थे या हैं तो भाजपा के नेता इन योजनाओं को कांग्रेस शासन काल की लंबित योजनाएं बताकर कांग्रेस और राहुल गांधी को चुप करा दिया करते थे। और कांग्रेस बैकफुट पर आ जाया करती है। लेकिन कोरोना महामारी ने कांग्रेस और राहुल गांधी को फ्रंट फुट पर खेलने का मौका दे दिया है। भाजपा के नेताओं के पास इसका तोड़ अभी तक नजर नहीं आ रहा है। जबकि कांग्रेस के पास कहने के लिए और भाजपा सरकार का विरोध करने के लिए बहुत कुछ है। क्योंकि देश में आजादी के बाद बीमारियां और महामारी पहले भी आए हैं। तब सीमित संसाधन और सीमित धन होने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने बीमारियों और महामारियो का जमकर मुकाबला किया और जनता को मुफ्त में दवाइयां और मुफ्त टी के भी लगवाए थे।
 28 मई शुक्रवार को राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रेस वार्ता की और सरकार को सुझाव देकर घेरा भी, लेकिन पूर्व की तरह शुक्रवार को भी भाजापा के बड़े नेता राहुल गांधी की काट के लिए पत्रकारों के सामने आए।
कोविड-19 में राहुल गांधी के द्वारा भाजपा सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दे और सरकार को दिए गए सुझाव इस समय जनता के दिलों दिमाग में छा गए हैं। जनता को लगने लगा है कि राहुल गांधी ठीक कह रहे हैं। लेकिन सरकार मान नहीं रही है, भाजपा के रणनीतिकार ही क्या राहुल गांधी को राजनीतिक ताकत दे रहे हैं। यह बड़ा सवाल है ? राहुल गांधी इस समय पूर्ण कालीन राजनीति भी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि उन पर पहले आरोप लगता था कि राहुल गांधी अवसर देखकर राजनीति करते हैं। क्योंकि राहुल गांधी कई मौकों पर देश से नदारद हो जाते थे।
 देवेंद्र यादव 

निकम्मेपन के खुलासे से हांफ रहा स्वास्थ्य विभाग

विनोद मिश्रा
बांदा। डीएम आनंद सिंह इन दिनों स्वास्थ विभाग पर कड़ी निगाहें “निगहबान ” किये हुये हैं। इसके चलते जिले का स्वास्थ विभाग निकम्मेपन के खुलासे से “हांफ” रहा है। ऐसा ही एक मामला जब जब डीएम आनंद सिंह नें देखा तो उनकी त्योरियां चढ़ गई।
दरअसल, डीएम आबकारी विभाग का प्रस्तावित आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करने गये थे।वहां सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए 50 बेडों के लिए चिन्हित कक्षों और आक्सीजन पाइपलाइन बिछाने का मानचित्र शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा ।सफाई व्यवस्था के लिये अधीक्षक को निर्देश दिये।नरैनी से बांदा लौटते समय जिलाधिकारी सिंह ने देवरार गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन्द मिला। इस नजारे ने जिलाधिकारी को आश्चर्य में डाल दिया। उन्होंने नाराजगी व्यक्त कर साथ चल रहे मुख्य चिकित्साधिकारी एनडी शर्मा को निर्देशित किया कि सम्बंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत सभी कर्मचारियों का स्पष्टीकरण तत्काल प्रस्तुत किया जाए। डीएम आनंद सिंह के कठोर रुख से आजकल स्वास्थ विभाग हांफ रहा है। उनमें भय है कि लापरवाही मिली कि कार्यवाई हुई।

30 लीटर अवैध शराब, 5 कुन्तल लहन किया नष्ट

जब घर छोड़ भागे अवैध शराब कारोबारी
शराब कारोबारियो के धंधे पर पुलिस की सख्ती,सर्किल ऑफिसर ने कोतवाली पुलिस के साथ मारा छापा
30 लीटर शराब लगभग 5 कुन्तल अर्धनिर्मित लहन पुलिस ने कराया नष्ट
अझुवा कौशाम्बी। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन सिंह के निर्देशानुसार सर्किल ऑफिसर योगेंद्र कृष्ण नारायण की मार्गदर्शन में सैनी कोतवाल तेजबहादुर सिंह ने मय हमराहियों नगर पंचायत अझुवा के सबसे बड़े अवैध शराब कारोबार में शुमार वार्ड नं 3 शान्ति नगर में छापा मार कर कई कुन्तल अर्धनिर्मित शराब लहन नष्ट करवाया एवं 30 लीटर अवैध शराब बरामद कर कुछ मदिरा का सेवन करने वालों को मौके से उठा ले गयी इस दौरान अवैध शराब कारोबारी घर छोड़कर फरार हो गए थे कुछ घर खुले मिल गए थे जहां कनस्तरों और छोटे ड्रमों में लहन भर कर जमीन में गाड़ दिए थे जिसे चालाक पुलिसकर्मियों ने खोदकर मिट्टी पानी कचड़ा मिला कर नष्ट कर दिया पूरे अझुवा क्षेत्र के अवैध शराब कारोबारी खेतो की तरफ भाग गए थे कुछ भी हो जिले के पुलिस कप्तान की इसी सतर्कता का परिणाम है जिले में अवैध शराब के सेवन से एक भी मौत सुनने देखने को नही मिली हैं।
इस छपामार अभियान में कोतवाल तेजबहादुर सिंह अझुवा चौकी इंचार्ज हरि कुमार सिंह उपनिरीक्षक केदारनाथ रॉय, उपनिरीक्षक अजहर जमाल,उपनिरीक्षक भगवान दास सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा!!
सन्तलाल मौर्य

महामारी: छात्रों से हास्टल खाली करने का आग्रह

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने छात्रों से हास्टल खाली करने का किया आग्रह
अलीगढ़। कोविड-19 महामारी से छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों को छात्रावास खाली करके अपने घरों को लौटने का आग्रह किया है। यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर की अध्यक्षता में होने वाली प्रोवोस्ट्स और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक के दौरान लिया गया। जिन छात्रावासों में वर्तमान में छात्र रह रहे हैं उनके प्रोवोस्ट द्वारा उन छात्रों के माता-पिता को एक अलग पत्र भेजा जाएगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बच्चे छात्रावास खाली कर अपने घर वापस लौट जाएं। छात्रों के माता-पिता को यह पत्र ईमेल और डाक द्वारा भी भेजे जाएंगे। महामारी के मद्देनजर छात्र के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है। बैठक के दौरान कुलपति ने सभी स्टाफ सदस्यों से कोविड का टीका लगवाने की भी अपील की। इसके सहित सभी विभागों, संकायों तथा कार्यालयों के प्रमुखों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों को कोविन ऐप पर कोविड के टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने को प्रेरित करें और उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवाएं।

पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि मनाई, श्रद्धांजलि अर्पित

ललितपुर। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव एड. की अध्यक्षता में स्टेशन रोड स्थित कार्यालय पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री किसानों के मसीहा स्व.चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि सादगी पूर्वक मनायी गयी। इस दौरान वक्ताओं ने अपने विचारों को रखते हुये कहा कि किसानों की आवाज को सड़क से संसद तक उठाने और किसानों के हर सुख-दुख में संघर्षरत रहने वाले चौधरी चरण सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री पद का भी निर्वाह्न किया।
सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव एड. ने कहा कि चरण सिंह का जन्म एक जाट परिवार मे हुआ था। स्वाधीनता के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने बरेली कि जेल से दो डायरी रूपी किताब भी लिखी। स्वतन्त्रता के पश्चात् वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आन्दोलन में लग गए। बाबूगढ़ छावनी के निकट नूरपुर गांव, तहसील हापुड़, जनपद गाजियाबाद, कमिश्नरी मेरठ में काली मिट्टी के अनगढ़ और फूस के छप्पर वाली मढ़ैया में 23 दिसम्बर,1902 को आपका जन्म हुआ। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चरण सिंह के जन्म के 6 वर्ष बाद चौधरी मीर सिंह सपरिवार नूरपुर से जानी खुर्द के पास भूपगढी आकर बस गये थे। यहीं के परिवेश में चौधरी चरण सिंह के नन्हें ह्दय में गांव-गरीब-किसान के शोषण के खिलाफ संघर्ष का बीजारोपण हुआ। इस दौरान जीतू सरदार, खुशालचंद्र साहू, अमर सिंह भैंरा, अशोक अहिवार, राजेश झोजिया, सुरेन्द्र पाल सिंह, विजय सिंह शिक्षक, राजेन्द्र लखनपुरा, प्रदीप जैन चिगलौआ, डा.महेश झां, राजेन्द्र शिक्षक, लाखन स्वामी, राजीव दौलता, जयसिंह तिंदरा, बद्री अहिरवार, रमन सिंह, बलराम यादव, बन्दू घोष आदि मौजूद रहे।

पूर्व पीएम की 34 वीं पुण्यतिथि मनाई, सच्चे हमदर्द

झांसी। जनपद में आज बेतवा भवन में देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण स‍िंह की 34 वीं पुण्यतिथि मनाई किसानों के सच्चे हमदर्द थे। जात-पात में विश्वास नहीं रखते थे। किसानों की जमीनी हकीकत से पूरी तरह से वाकिफ रहते थे। यही वजह थी कि किसानों के लिए पूरे मनोयोग से काम व दुलार करते तो गलतियों पर डांटने में भी गुरेज नहीं करते थे। जिले के खेड़ीकरमू गांव निवासी लोकतंत्र सेनानी शक्ति स‍िंह अपने साथियों के साथ जब दिल्ली उनसे मिलने पहुंचे तो चौधरी साहब ने उन्हें खूब डांट लगाई। बोले कि जब पांच पैसे के पोस्टकार्ड भेजकर तुम्हारी समस्या हल हो सकती थी, तो तुम 120 रुपये खर्च कर दिल्ली क्यों आए।
अशोक कुमार निरंजन प्रदेश सचिव राष्ट्रीय लोक दल एवं पूर्व उपाध्यक्ष बंधु झांसी ने बताया कि नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी किसानों के साथ हैं और उन्होंने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी एलान किया। चौधरी चरण सिंह बेतबा भवन झांसी में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि मनाई।


इस अवसर पर युवा जिला अध्यक्ष नीरज पटेल झांसी, राकेश कुशवाहा जिला महासचिव झांसी, रामहेत कुशवाहा, ठाकुर दास अहिरवार, सुरेंद्र पाल, नीरज यादव, शिशुपाल पटेल, थान सिंह, भगवतशरण नामदेव ,जितेंद्र नामदेव जय शंकर यादव आदि कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

रिपोर्टर-राजेश कुशवाहा

मांग: रेमडेसिवीर के आवंटन पर केंद्र ने रोक लगाई

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। मांग से अधिक आपूर्ति के बाद केंद्र ने राज्यों को दी जाने वाली एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर के आवंटन पर रोक लगा दी है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, ” अब देश में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर उपलब्ध है क्योंकि मांग की तुलना में आपूर्ति काफी अधिक है। इसलिए, हमने राज्यों को किए जाने वाले रेमडेसिविर के केंद्रीय आवंटन को रोकने का फैसला किया है।”

उर्वरक एवं रसायन राज्य मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि कोविड-19 के उपचार में उपयोग होने वाली इस दवा की आपूर्ति में खासा सुधार हुआ है, जहां 11 अप्रैल को रेमडेसिविर की प्रतिदिन 33,000 शीशी की आपूर्ति थी, वहीं अब यह 10 गुना से अधिक बढ़कर 3,50,000 शीशी प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक महीने के भीतर रेमडेसिविर का निर्माण करने वाली इकाइयों की संख्या 20 से बढ़ाकर 60 कर दी। मंडाविया ने यह भी कहा कि सरकार ने आपातकालीन स्टॉक के तौर पर रेमडेसिविर की 50 लाख शीशियां खरीदने का भी फैसला लिया है।

वैक्सीनेशन ही प्रसार और म्यूटेशन का कारण बना

नई दिल्ली। यह सवाल बार बार हम सबके दिमाग मे आता है लेकिन वैज्ञानिक बिरादरी से जुड़ा हुआ कोई भी शख्स इसकी पुष्टि करना तो दूर इस पर बात तक नही करता लेकिन अब एक ऐसे वायरोलिस्ट सामने आए हैं जिन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कह दिया है कि कोविड का टीकाकरण ही नए वेरिएंट के उत्पन्न होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है।हम बात कर रहे है फ्रांस के जाने माने वायरोलिस्ट प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर की। मॉन्टैग्नियर कोई छोटे मोटे वायरोलिस्ट नही हैं। इन्होंने एचआईवी वायरस की खोज के लिए फ्रांकोइस बर्रे-सिनौसी और हेराल्ड ज़ूर हॉसन के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में 2008 का नोबेल पुरस्कार जीता था। इसलिए आप उनकी बातों को आसानी से खारिज नही कर सकते।दरअसल मॉन्टैग्नियर ने ये बड़े खुलासे इस महीने के शुरुआत में दिए एक साक्षात्कार में किए लेकिन चर्चा में नही आ पाए। इस साक्षात्कार की क्लिप को अमेरिका के आरएआईआर फाउंडेशन ने विशेष तौर पर ट्रांसलेट किया जिसके बाद उनका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने इसमे साफ साफ कहा है कि ये टीकाकरण ही है, जिसके कारण वेरिएंट उत्पन्न हो रहे हैं।

वीडियो में जब कि मॉन्टैग्नियर से सवाल पूछा गया कि टीकाकरण शुरू होने से बाद से जनवरी से नए मामले और मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, खासतौर पर युवाओं में तो इसपर आप क्या कहते हैं? इसके जवाब में मॉन्टैग्नियर ने कहा कि यह एक ऐसी वैज्ञानिक, मेडिकल गलती है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता इसे इतिहास में दिखाया जाएगा क्योंकि टीकाकरण ही नए वेरिएंट उत्पन्न कर रहा है। चीनी वायरस के लिए एंटीबॉडी हैं, जो वैक्सीन से आती हैं तो वायरस क्या करता है? क्या वो मर जाता है? या कोई और रास्ता ढूंढता है ?

वह इसका उत्तर देते हुए आगे कहते हैं कि तब नए तरह के वेरिएंट उत्पन्न होते हैं और ये टीकाकरण का परिणाम है। वैक्सीन एंटीबॉडी बनाती हैं, जो वायरस को कोई दूसरा रास्ता खोजने या मरने पर विवश करती हैं और इसी के चलते नए वैरिएंट उत्पन्न होते हैं।

वे कहते है कि आप देख सकते हैं, ये हर देश में एक जैसा ही है। टीकाकरण का ग्राफ मौत के ग्राफ के साथ चल रहा है। मैं नजदीक से इसका अनुसरण कर रहा हूं और संस्थानों में मरीजों के साथ प्रयोग कर रहा हूं। जो वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित हुए हैं। इससे पता चलता है कि वो ऐसे वेरिएंट बना रहे हैं, जिन पर वैक्सीन कम प्रभावी है। उन्होंने बताया कि इस घटना को एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एनहैंसमेंट कहा जाता है। वे कहते हैं कि महामारी विज्ञानियों को वैक्सीन से जुड़े तथ्यों के बारे में पता है लेकिन फिर भी वे खामोश हैं।

दरअसल डब्लू एच ओ समर्थित वैज्ञानिक समुदाय को पसंद नही करता है क्योंकि उन्होंने पिछले साल अप्रैल 2020 में एक फ्रेंच चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार के दौरान दावा किया था कि वायरस, जो कोरोना संक्रमण का कारण बनता है, एक चीनी प्रयोगशाला में एचआईवी के खिलाफ एक टीका बनाने के प्रयास का परिणाम था।

मॉन्टैग्नियर ने कोरोनावायरस के जीनोम में एचआईवी के तत्वों और यहां तक कि “मलेरिया के रोगाणु” के तत्वों की उपस्थिति की ओर भी इशारा किया था। उन्होंने कहा कि नए कोरोना वायरस की ऐसी विशेषताएं स्वाभाविक रूप से उत्पन्न नहीं हो सकती हैं। एचआईवी आनुवंशिक अनुक्रमों को वायरस में डाला गया था। यह अत्यधिक परिष्कृत कार्य है।” अगर कोई एड्स वायरस पर ही शोध करते हुए नोबेल पुरस्कार जीतता है और वो इस तरह का दावा करता है तो उसे सीरियसली लेना चाहिए लेकिन उनकी बातों को खारिज कर दिया गया और अब उन्होंने कोरोना वायरस के नए वेरियंट बनने के बारे यह दावा किया है आपको याद होगा कि बेल्जियम के एक बड़े वायरोलिस्ट गुर्ट वांडन बुशा ने दावा किया था कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जो मास वैक्सीनेशिन अभियान चलाया है वो एक तरह का ब्लंडर साबित होने जा रहा है। उनका भी मानना था कि एक महामारी के दौरान मानव हस्तक्षेप जैसे मास वैक्सीनेशन हमेशा मददगार नहीं होते हैं, या यहां तक कि प्रतिशोधी भी होते हैं, उन्हें ऐसे वेरिएंट के उद्भव के पक्ष में माना जाता है जो मूल वायरस की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक और संक्रामक हैं।

बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करेगा और वायरस के उत्परिवर्तन को तेज करेगा। इस घटना का नाम इम्यून स्केप है। गुर्ट वांडन बुशा का मानना था कि महामारी के बीच मास वैक्सीनेशिन अभियान बेहद खतरनाक है। “बड़े पैमाने पर टीकाकरण से, वायरस तेजी से उत्परिवर्तन की रणनीति को अपनाएगा और युवा आबादी में प्रसार को बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि “these immune escapes could cause an infectious wave ”unstopable” and cause the death of an important part of humanity.

यानी यह दोनों बड़े वायरोलिस्ट लगभग एक जैसी ही बाते कह रहे हैं, लेकिन कोई मान नही रहा है सब वैक्सीनेशन के पीछे पड़े हैं। मॉन्टैग्नियर सही रहे हैं कि इतिहास ही बताएगा कि कौन सही कह रहा था।

गिरीश मालवीय

दिल्ली में संक्रमण दर घटकर 1.19 प्रतिशत रही

सत्येंद्र ठाकुर   

नई दिल्ली। दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 956 नये मामले सामने आए, जो लगभग पिछले दो महीने में दर्ज किए गए मामलों की सबसे कम संख्या रही। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में यह जानकारी दी गई है। इसके अनुसार इस महामारी से 122 और मरीजों की मौत हुई जबकि संक्रमण दर घटकर 1.19 प्रतिशत हो गई।

दिल्ली में 22 मार्च को इस संक्रमण के 888 मामले दर्ज किये गये थे और इसके बाद से पहली बार एक दिन में एक हजार से कम मामले सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, इस महामारी से 122 और मरीजों की मौत होने से दिल्ली में मृतकों की संख्या बढ़कर 24,073 पर पहुंच गई। बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 1,072 मामले सामने आये थे और 117 मरीजों की मौत हुई थी जबकि संक्रमण दर 1.53 प्रतिशत थी। शुक्रवार को 1,141 मामले सामने आये थे और 139 लोगों की मौत हुई थी, जबकि संक्रमण की दर 1.59 प्रतिशत थी।

यूपी में 1 जून से शुरू होगी अनलॉक की प्रक्रिया

संदीप मिश्र  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए प्रदेशवासियों को कुछ राहत देने का मन बना रही है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण की रफ्तार को लेकर समीक्षा की। जिसमें यह निर्णय लिया गया 1 जून से प्रदेश में कुछ प्रतिष्ठानों को शर्तों के साथ खोलने की छूट दे दी जाएगी। इसके अलावा रात्रिकालीन कोविड कर्फ्यू जारी रहेगा। उन जिलों में कोई राहत नहीं दी जाएगी, जहां कोरोना संक्रमण की रफ्तार यथावत बनी हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक में कोरोना कर्फ्यू पर प्रमुखता से चर्चा की और इस दौरान कोरोना कर्फ्यू में ढील देने पर सहमति बनी। प्रदेश में एक जून से उद्योग, दुकान तथा बाजारों को राहत दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में अधिक एक्टिव केस वाले जिलों में अभी राहत नहीं दी जाएगी, जबकि नाइट कर्फ्यू हर जिले में जारी रहेगा।

चरणबद्ध ढंग से खोला जाएगा कोरोना कर्फ्यू

कोरोना वायरस संक्रमण काल में प्रदेश में लागू कोरोना कर्फ्यू इस बार भी चरणबद्ध ढंग से खोला जाएगा। प्रदेश में अब 24 घंटे में दो हजार तक नए संक्रमित आने से इसका प्रभाव कुछ कम होने लगा है। रिकवरी रेट भी 97 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद अब सरकार जनता को राहत देने के मूड में है। प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी रेट 22 से घटकर एक प्रतिशत रह गई है। एक जून से राज्य में चरणवार कोरोना कर्फ्यू खोला जाएगा। सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक तमाम बंदिशों से पाबंदी हटाई जा रही है। इस दौरान वीकेंड और नाइट कर्फ्यू अभी भी जारी रहेगा।

एक जून से इनको मिलेगी छूट

सरकार कई जगह पर छूट तो दे रही है, लेकिन सभी जगह पर कोविड प्रोटोकॉॅल यानी मास्क व फिजिकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन होगा। सरकार कपड़े की दुकान, वैवाहिक वस्तुओं की दुकान, निर्माण से जुड़ी सामग्री की दुकान, 50 प्रतिशत कर्मी क्षमता के साथ बड़ी दुकान या रेस्टोरेंट तथा 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ सभी सरकारी तथा प्राइवेट कार्यालय को खोलने की छूट है।

इन पर बरकरार रहेगी रोक

कंटेनमेट जोन की सभी दुकान, शॉपिंग मॉल, फिल्म थिएटर, सैलून तथा सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रम पर अभी रोक रहेगी।

कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ को दिया अंजाम

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक अदालत को बताया कि ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी मामले में आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ (समाज में ऊंची हैसियत व सम्मान रखने वाले शख्स द्वारा किया गया अपराध) को अंजाम दिया और मृत्यु शैय्या पर लेटे मरीजों को अत्यधिक दामों पर चिकित्सा उपकरण बेचकर मुनाफा कमाया। 

हाल ही में एक छापे के दौरान कालरा के रेस्तरां खान चाचा, टाउन हॉल तथा नेगे एंड जू से कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 524 ऑक्सीजन सांद्रक बरामद किए गए थे। रेस्तरां मालिक तीन जून तक न्यायिक हिरासत में है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी करने और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने के लिए 17 मई को गिरफ्तार किए गए कालरा की जमानत अर्जी पर सुनवाई की।


यूएई में खेले जाएंगे 14वें सीजन के बचें हुए मुकाबलें

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन के बचे हुए मुकाबले यूएई में खेले जाएंगे। ये फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की शनिवार को हुई विशेष आम बैठक में लिया गया। टूर्नामेंट का आयोजन सितंबर-अक्टूबर में होगा। वहीं, बीसीसीआई ने टी20 वर्ल्ड कप के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल से समय मांगा है। बीसीसीआई ने फैसला किया है कि टी20 विश्व कप की मेजबानी पर अंतिम निर्णय लेने से पहले उसे कुछ और समय लगेगा।

बता दें कि आईपीएल के 14वें संस्करण के 31 मैच खेले जाने बाकी हैं। ये सभी मुकाबले यूएई में होंगे। हालांकि तारीख की घोषणा बीसीसीआई ने नहीं की है। कई टीमों में कोरोना के केस सामने आने के बाद आईपीएल-14 को 4 मई को टाल दिया गया था। 2 मई तक कुल 29 मुकाबले खेले गए थे।
आईपीएल-14 के टलने तक दिल्ली कैपिटल्स 8 मैचों में 6 जीत के साथ पहले स्थान पर है। जबकि चेन्नई सुपर किंग्स 5 मैचों में जीत के साथ दूसरे नंबर पर है। विराट कोहली की कप्तानी वाली आरसीबी को भी 5 मैचों में जीत मिली है और वह तीसरे स्थान पर है।

हवा: कोरोना के नए वेरिएंट ने चिंता को और बढ़ाया

हनोई। दुनियाभर में एक ओर जहां कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं वियतनाम में मिले कोरोना के एक नए वेरिएंट ने चिंता को और बढ़ा दिया है। वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्री विएन टान लॉन्ग ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वियतनाम में कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट पाया गया है। इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में कोरोना के वेरिएंट मिल चुके हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, वियतनाम में कोरोना वायरस का जो वेरिएंट मिला है। वह भारत और ब्रिटेन में पाए गए वेरिएंट का ही मिलता-जुलता रूप है, लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि दूसरे वेरिएंट्स के मुकाबले यह हवा के माध्यम से कहीं ज्यादा तेजी से अपने पांव पसारता है।

पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। देश में पिछले दिनों संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुआ पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला आज भी जारी रहा। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से एक बार फिर से आज डीजल पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। डीजल के दामों में आज 28 से 30 पैसे की बढ़ोतरी हुई है तो वही पेट्रोल की कीमतों में भी 25 से 26 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए 100 रूपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है।

शनिवार को सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी किए गए दामों में दिल्ली में पेट्रोल का दाम 93.94 पैसे और डीजल का दाम 84.89 पैसे प्रति लीटर रहा। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100.19 पैसे प्रति लीटर पहुंच गई है। यहां पर डीजल के दाम भी 92.17 पैसे प्रति लीटर की ऊंचाई पर जाकर जम गए हैं। कोलकाता में डीजल की कीमत 87.74 पैसे और पेट्रोल के दाम 93.97 पैसे रहे। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 95.51 पैसे और डीजल 89.65 पैसे प्रति लीटर के दामों पर बिक रहा है। गौरतलब है कि रोजाना सरकारी तेल कंपनियां सवेरे 6.00 बजे पेट्रोल और डीजल के दाम निर्धारित करती हैं। तय की गई कीमते सुबह 6.00 बजे से ही लागू हो जाती हैं। डीजल व पेट्रोल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इनका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।

'हेल्थ डे': डिसॉर्डर के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सकें

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। वर्ल्ड डाइजेस्टिव हेल्थ डे (डब्ल्यूडीएचडी) हर साल 29 मई को मनाया जाता है। ताकि लोगों में पाचन रोग या डिसॉर्डर के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। इस बीमारी या डिसॉर्डर के इलाज, रोकथाम, प्रसार और डायग्नोसिस के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वर्ल्ड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन के जरिए इस दिन की शुरुआत की गई थी। वर्ल्ड डाइजेस्टिव हेल्थ डे पहली बार 29 मई, 2005 को मनाया गया था। इस साल की थीम “मोटापा- एक चल रही महामारी” है।

कोरोना काल में इम्यूनिटी के साथ वजन कंट्रोल में रखना बड़ा टास्क है। डायटिग आपको करनी नहीं है क्योंकि कमजोरी के कारण बीमारियां घेर सकती हैं। घर के बाहर टहलना संक्रमण के लिहाज से सुरक्षित नहीं है इसलिए अगर अपनी डाइट में खास मौसमी फलों को शामिल करें तो शरीर को स्वस्थ्य और  स्लिम-ट्रिम बनाकर रख सकते हैं। यह फल कई बीमारियों को भी आपसे दूर रखने के साथ स्ट्रेस से भी कोसों दूर रखते हैं।

फिरोजाबाद को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया

बृजेश केसरवानी                      

प्रयागराज। उच्च न्यायालय ने कहा है कि सेवा पंजिका मे दर्ज जन्मतिथि कर्मचारी और नियोजक दोनों के लिये बाध्यकारी है। कर्मचारी की सेवानिवृति के बाद इसमें कोई परिवर्तन नही किया जा सकता। जन्मतिथि को सेवानिवृति के बाद पुनरीक्षित करना अतार्किक है।शनिवार को सेवानिर्वत्त कर्मचारी से जन्मतिथि के अंतर पर वेतन वापसी मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा एसडीएम शिकोहाबाद, जिला फिरोजाबाद को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मागा है कि क्यों न उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्य करने के तहत उचित कार्यवाही की जाय। हाईकोर्ट ने एसडीएम से 24 जून तक स्पष्टीकरण के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और याची से पांच साल के वेतन रूपये 27,85,388 की वसूली आदेश व प्रक्रिया को निलंबित कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने निर्देशों में कहा है कि याची से वसूली नही की जायेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने संग्रह अमीन पद से 2015 मे सेवानिवृत्त पेन्शन भोगी बचन सिंह की याचिका पर दिया है।

दरअसल याची 31अक्टूबर 15 को सेवानिवृत्त हुआ। सेवा पंजिका में हाईस्कूल प्रमाणपत्र के आधार पर जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1955 दर्ज है। वह इस समय पेन्शन पा रहा है। एसडीएम ने हाईस्कूल के पहले की शिक्षा के कागजों में दर्ज जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1950 के आधार पर जन्मतिथि परिवर्तित करने का आदेश दिया और पांच साल अधिक सेवा का वेतन वापसी का निर्देश दिया। तहसीलदार ने वसूली आदेश भी जारी कर दिया। जिसे बचन सिंह द्वारा चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 23मे बेगार लेने पर रोक है। यदि याची से अधिक समय तक काम लिया गया है और वेतन नही दिया जाता तो यह बेगार होगा। उसे अधिक समय तक काम करने का वेतन पाना चाहिए। जबकि इस मामले में उससे वसूली की जा रही है। कोर्ट ने प्रथमदृष्टया एसडीएम के आदेश को विधि विरूद्ध करार दिया है और नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। सुनवाई 24 जून को होगी।

ममता का आचरण बंगाल के लोगों का अपमान

सत्येंद्र ठाकुर                 

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चक्रवाती तूफान यास से हुई तबाही की समीक्षा बैठक में देरी से पहुंचने पर ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि उनका आचरण बंगाल के लोगों का अपमान है।शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज चैहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे भारत देश के प्रधानमंत्री हैं। जिसके चलते पूरा देश उन्हें पसंद करता है। प्रधानमंत्री लोगों की भलाई और चक्रवाती तूफान यास से प्रभावित हुए लोगों का हाल-चाल जानने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे। 

लेकिल वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस दौरान दिखाया गया आचरण बंगाल के लोगों का अपमान है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान यास से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए पश्चिमी मेदिनीपुर जनपद के कालाइकुंडा में समीक्षा बैठक आयोजित की थी। जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनना बनर्जी को भी शामिल होना था। हालांकि वह इस बैठक में शामिल तो हुई लेकिन तकरीबन 30 मिनट की देरी के बाद बैठक में पहुंची और चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान की रिपोर्ट थमा कर किसी और मीटिंग में शामिल होने की बात कहते हुए चली गई। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंतजार कराने और मीटिंग के दौरान वहां से चले जाने के मामले पर ममता बनर्जी ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मीटिंग बुलाई थी। मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी। इस बीच मेरी एक बैठक दीघा में आयोजित थी। मैंने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपी और उन से राज्य में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 20000 करोड रुपए की मदद की मांग की है। प्रधानमंत्री से 10000 करोड रुपए की मदद दीघा के विकास के लिए और इतनी ही धनराशि सुंदरबन के विकास के लिए मांगी है।

गृह मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी हुआ

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। नागरिक संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल के बाद अब गृह मंत्रालय की तरफ से एक गैजेट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। 28 मई को जारी हुए इस गैजेट में अफगानिस्तान,बांग्लादेश और पाकिस्तान से गैर मुस्लिम समुदाय से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं। गुजरात,राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू,सिख,जैन और बौद्ध जैसे गैर मुस्लिम लोगों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब जानकारी मिल रही है किसी सीएए के कानून के नियम के तहत नियम तैयार नहीं है। कानून के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अफगानिस्तान,बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का अवसर प्रदान किया था। लेकिन इसके नियम अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। इसलिए नागरिकता के लिए नोटिस जारी किया गया है। विदित हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जब सी ए ए कानून लाना चाहा था। उस समय इसका देश में जमकर विरोध हुआ था। मुस्लिम संगठनों गैर सरकारी संगठनों और भारत के विपक्षी पार्टियों ने इस कानून को मुस्लिम के भेदभाव कारी बताते हुए विरोध जताया था कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटना में हुई थी। जिसमें पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई थी। एमएचए के तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए वे लोग योग्य है। जो गुजरात के मोरबी, राजकोट पाटन, वडोदरा में रह रहे है। इसके अलावा जो शरणार्थी छत्तीसगढ़ में दुर्ग और बलौदा बाजार में रह रहे हैं। राजस्थान में जालौर,उदयपुर पाली, बाड़मेर,सिरोही में रह रहे है वह लोग इसके पात्र हैं। इसके अलावा हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर में आवेदन कर सकते हैं।

नोटिफिकेशन जारी करने में भारतीय नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा 5 के लिए ये कदम उठाया है। इसके अनुसार अफगानिस्तान बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू फारसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। पंजीकरण ऑनलाइन होगा इसमें कलेक्टर या केवल हरियाणा और पंजाब के गृह सचिव जरूरत पड़ने पर मामलों के हिसाब से आवेदन की जांच कर पाएंगे।

19 दिनों में 15 लाख से अधिक एक्टिव केस हुए

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे अब कम हो रहा हैं। पिछले कुछ समय में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है। ठीक होने वाले मरीजों में भी वृद्धि हुई है। पिछले 19 दिनों की बात की जाए तो पिछले 19 दिनों में 15 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिंग के केस हुए है। देश में सबसे ज्यादा 9 मई को कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 37 लाख 41 हजार थी। जो अब घटकर 22 लाख 15 हजार रह गई है। देश में तेजी से ठीक हो होते मरीजों की संख्या 15 लाख कम हुई है। पिछले 19 दिनों में 15 लाख कोरोना मरीज़ो ने जंग जीती है। देश के 19 राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां दिया है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र,कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मिजोरम, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी शामिल है।

वही देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन है या यहाँ लॉकडाउन जैसे पाबन्दी तो है लेकिन छूट भी है। इनमे पंजाब, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड,अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश और गुजरात। देश में तेजी से ठीक होते कोरोना मरीजों की संख्या यह बताती है कि जल्दी हम कोरोना से जंग जीतने वाले हैं। मगर अभी भी हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।

दिल्ली: 24 घंटे में कोरोना के 900 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के करीब 900 नए मामले सामने आए हैं और अगर नए मामलों की संख्या में गिरावट जारी रहती है तो शहर में ज्यादा गतिविधियों को मंजूरी दी जाएगी।केजरीवाल ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से धीरे-धीरे लॉकडाउन खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और यहां एक सप्ताह के लिए निर्माण गतिविधियों और फैक्ट्रियों को खोले जाने की इजाजत दी गई है। संक्रमण की दूसरी लहर से बेहद प्रभावित दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया करीब छह सप्ताह से ज्यादा समय से लागू लॉकडाउन के बाद हो रही है।

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...