मंगलवार, 25 मई 2021

अमेरिका ने जापान व श्रीलंका न जाने की सलाह दी

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों और गृह विभाग ने अपने नागरिकों को जापान और श्रीलंका न जाने की सलाह दी है। बता दें कि जापान दो महीने के अंदर ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। उधर श्रीलंका में भी कोरोना के केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अमेरिकी नागरिकों को जापान की यात्रा करने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है। लेकिन इससे यात्रियों की बीमा दरों पर असर पड़ सकता है। इससे खिलाड़ी जुलाई में शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने पर पु​नर्विचार कर सकते हैं। अभी यह पता नहीं चला है कि इस चेतावनी का ओलंपिक के लिये जापान जाने वालों पर क्या असर पड़ेगा। अटलांटा स्थित रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने सोमवार को कोविड—19 से संबंधित नये दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा, 'यात्रियों को जापान की यात्रा करने से बचना चाहिए। जापान की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यहां तक कि सभी टीके लेने वाले यात्रियों से भी कोविड के अलग-अलग प्रकारों के संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।

बता दें कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए श्रीलंका ने यात्री ट्रेनों और बसों के परिचालन पर चार दिन के लिए रोक लगा दी है। यह कदम तब उठाया गया है। जब द्वीप देश के प्रमुख चिकित्सा संगठनों ने सरकार से देश में दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाने की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की वास्तविक संख्या ज्ञात संख्या से तीन गुना से भी अधिक है। श्रीलंका ने पहले ही सार्वजनिक समारोहों, पार्टियों, शादियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और स्कूलों तथा विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि श्रीलंका में संक्रमण के कुल पुष्ट मामलों की संख्या 1,54,786 हो गई है और महामारी से 1089 लोगों की मौत हुई है।

26 मई को काला दिवस मनाएंगे संयुक्त 'किसान'

दुष्यंत सिंह टीकम            

रायपुर। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठनों की ओर से 26 मई को काला दिवस मनाएंगे। प्रदेश में भी किसान अपने घरों, गाड़ियों में काला झण्डा फहराएंगे तथा निरंकुश शासक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संवेदनहीन कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का घर घर पुतला जलाएंगे। इसकी जानकारी देते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू तथा सचिव तेजराम विद्रोही, नदीघाटी मोर्चा के संयोजक गौतम बंध्योपाध्याय, किसान समन्वय समिति सदस्य पारसनाथ साहू, गजेन्द्र कोसले, कृषक बिरादरी के संयोजक डाॅ. संकेत ठाकुर, किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुन्द के संयोजक जागेश्वर जूगनू चन्द्राकर, किसान मोर्चा धमतरी के संयोजक अधिवक्ता शत्रुघन साहू, अखिल भारतीय किसान महासंघ के संयोजक डाॅ. राजाराम त्रिपाठी, आदिवासी भारत महासभा के अध्यक्ष भोजलाल नेताम एवं संयोजक सौरा, राजधानी प्रभावित किसान संगठन नया रायपुर के संयोजक रूपन चंद्राकार, छत्तीसगढ निवेशक एवं अभिकर्ता कल्याण संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, किसान संघर्ष समिति रायगढ़ के संयोजक लल्लू सिंह, किसान मजदूर महासंघ बिलासपुर के संयोजक श्याम मूरत कौशिक आदि ने कहा कि साल 2014 में भाजपा ने ’’हर हर मोदी, घर घर मोदी’’ का नारा दिया था।

इसी के साथ साथ बहुत हो गई महंगाई की मार अबकि बार मोदी सरकार, बहुत हो गई भ्रष्टाचार अबकि बार मोदी सरकार जैसे नारे दिए थे, पेट्रोल डीजल की दामों को कम करने जैसे लोक लुभावन वायदे किए थे। लेकिन आज मोदी के सात साल पूरे होने को है और उनके वायदे केवल जुमले बनकर रह गए। इस प्रकार हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने, प्रत्येक भारतीयों के बैंक खातों में 15-15 लाख रुपये देने का वायदा किया था उसी प्रकार किसानों को उनके उपजों का स्वामीनाथान आयोग की सिफारिशो के अनुरुप लागत से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का वायदा किया था जो आज झूठा साबित हो चुका है। उल्टे कृषि को काॅरपोरेटों के हवाले करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बाजार के हवाले करने की नियत से 5 जून 2020 को अध्यादेश लाकर मोदी सरकार ने काॅरपोरेट परस्त व किसान कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को जबरदस्ती थोपा है। जिसके खिलाफ किसानों का आन्दोलन निरंतर जारी है।

मोदी सरकार सभी सार्वजनिक संस्थानों जैसे रेल्वे, बैंक, बीमा, भेल, हवाई आदि को निजी हाथों में बेच रहा है, कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूर विरोधी चार कोड बिल बनाया,  कोरोना जैसे महामारी के पहले चरण में नमस्ते ट्रंप किया और दूसरे चरण में पांच राज्यों के विधनसभा चुनाव के बहाने कोरोना संक्रमण की गंभीरता को हल्के में लिया और जब भारत की लाखों जनता कोरोना से अपनी जान गवां चुके हैं। आज भी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराया हुआ है उसे दुरुस्त न कर अनावश्यक रूप से करोड़ों रुपए खर्च कर सेंट्रल वीष्टा बनाने में लगा हुआ है। आपदा को अवसर में बदलकर आवश्यक वस्तुओं की महंगाई बढ़ाने वाले मुनाफाखोरों, कालाबाजारियों पर मोदी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अर्थात् मोदी सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हुआ है जो देश के मेहनतकश मजदूर किसानों और आम उपभोक्ताओं के लिए किसी अंधकारमय दिन से कम नहीं है इसलिए ’’घर घर किसान, हर घर मोदी का पूतला दहन ’’ की आशय के साथ किसान 26 मई को काला दिवस मनएंगे।

गाजियाबाद के 12 स्थानों पर टीकाकरण शुरू हुआ

अश्वनी उपाध्याय                
गाजियाबाद। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री एवं जिला अतुल गर्ग की पहल पर सोमवार से जिले के एक दर्जन स्थानों पर खुले में टीकाकरण शुरू हो गया है। रामलीला मैदान घंटाघर के अलावा साहिबाबाद, डीपीएसजी मेरठ रोड, विजयनगर में रामलीला मैदान एवं क्रॉसिंग रिपब्लिक में भी नया केंद्र खोल दिया गया है। स्थानीय जनता की आपत्तियों के बाद  कैला भट्टा के केंद्र को रामलीला मैदान में और राजनगर के केंद्र को डीपीएसजी में शिफ्ट कर दिया गया है। केन्द्रों के स्थान बदलने के कारण एप पर रजिस्ट्रेशन कराने में परेशानी हो रही है। इस बारे में अफसरों का कहना है कि कुछ दिन यह परेशानी रहेगी।
जिले में चार महीने में जिले के 4,95,057 लोगों ने कोरोनारोधी टीका लगवाया है। 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 65,847 लोगों को टीके की दूसरी डोज लगी है। इसी क्रम में सोमवार को 50 केंद्रों पर कुल 12,676 लोगों ने कोरोनारोधी टीका लगवाया। केंद्र सरकार द्वारा दूसरी डोज की अवधि 84 दिन किए जाने के बाद केंद्रों पर दूसरी डोज लेने वालों का बोझ कम हो गया है। 14 दिन में जिले के 54 हजार युवाओं ने कोरोनारोधी टीका लगवाया है। सोमवार को 9,800 के लक्ष्य के सापेक्ष 18 से 44 वर्ष के 7,240 युवाओं ने कोरोनारोधी टीका लगवाया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.नीरज अग्रवाल ने बताया कि जिले के 50 में से 28 केंद्रों पर युवाओं के लिए टीकाकरण का इंतजाम किया गया। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 3,819 और 1,267 बुजुर्गों को टीका लगाया गया है। 338 फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं 12 स्वास्थ्यकर्मियों ने भी टीका लगवाया है। विगत 14 दिनों में पंजीकरण कराने के बाद 18 से 44 वर्ष के करीब दस हजार युवा टीका लगवाने नहीं पहुंचे हैं।

बुद्ध जयंती पर मांस-मटन का विक्रय रहेंगा प्रतिबंधित

दुष्यंत सिंह टीकम           
रायपुर। नगर पालिक निगम रायपुर के संपूर्ण क्षेत्र में 26 मई बुधवार को बुद्ध जयंती पर मांस-मटन का विक्रय पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के पालन में निगम रायपुर के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय ने भी पशुवधगृह व समस्त मांस-मटन विक्रय दुकानों को बंद रखनेआदेश जारी किया है। पांडेय ने बताया कि किसी भी दुकान में मांस विक्रय करते पाए जाने पर मांस जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई भी की जाएगी। निगम रायपुर के समस्त जोन स्वास्थ्य अधिकारी/ जोन स्वच्छता निरीक्षक मांस विक्रय पर प्रतिबंध के आदेश का पालन तय करवाएंगे। अपने क्षेत्रों में लगातार निगरीनी करेंगे।

इंसानों और जानवरों के नर नपुंसक, तो क्या होगा ?

कविता देवी               

भविष्य में पूरी दुनिया एक ऐसी समस्या से जूझेगी, जो किसी भी महामारी से ज्यादा बड़ी होगी। धरती पर मौजूद सभी जीवों की अगली पीढ़ी के लिए खतरा है। आप सोचिए कि कुछ सालों बाद इंसानों और अन्य जानवरों के नर नपुंसक हो जाएं तो क्या होगा ? एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ कि इसके लिए सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक तापमान है। इससे पहले पर्यावरण में शामिल अलग-अलग प्रकार के घातक रसायन भी जिम्मेदार हैं।

हमें पता है कि ज्यादा तापमान जब अत्यधिक की ओर बढ़ता है तो जानवरों की जान जाने लगती हैं। ये उसे बर्दाश्त नहीं कर पाते। नई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ज्यादा तापमान वाले पर्यावरण में नर जीव नपुंसक हो ही रहे हैं। इसके अलावा जिन जगहों पर तापमान को लेकर इतने बुरे हालात नहीं हैं, उन्हें भी नपुंसक होने का खतरा है। इसका मतलब ये है कि प्रजातियों का विभाजन प्रजनन के मामले में तापमान के चलते गड़बड़ हो जाए। शायद इंसान जलवायु परिवर्तन को कमतर आंक रहा है। यहीं पर गलती हो रही हैं इंसानों से…अगर इसे नहीं रोका गया तो ये किसी भी महामारी से ज्यादा भयानक स्थिति होगी। कुछ जीवों की प्रजातियां तो विलुप्त भी हो सकती हैं।

वैज्ञानिकों को कुछ सालों से ये बात पता है कि तापमान बढ़ता है तो जानवरों की प्रजनन क्षमता बिगड़ती हैं।उदाहरण के लिए अगर 2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ता है तो कोरल्स में स्पर्म बंडल्स और अंडों के आकार में कमी आ जाती है। इसके अलावा बीटल्स और मधुमक्खियों की कुछ प्रजातियों में प्रजनन दर की कमी देखी गई हैं। जितना तेजी से तापमान बढ़ता है, उतनी ही तेजी से मधुमक्खियों जैसे कीट-पतंगों की प्रजनन क्षमता में कमी आती है। ज्यादा तापमान का असर गाय, सूअर, मछली और पक्षियों की प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है। इसके भी उदाहरण वैज्ञानिकों के पास मौजूद है। हालांकि अभी तक वैज्ञानिक इस बात की जांच नहीं कर पाए हैं कि ज्यादा तापमान से जैव-विविधता पर किस स्तर का असर पड़ेगा। इसे लेकर कोई भविष्यवाणी फिलहाल नहीं की जा सकती।

जनहित याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव-उपरांत हिंसा से प्रभावित परिवारों का पलायन रोकने, मुआवजा दिलाये जाने और उनके पुनर्वास संबंधी जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अरुण मुखर्जी, देबजानी हलदर, प्रशांत दास, प्रमिता डे और भूपेन हलदर की याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये तथा मामले की सुनवाई सात जून को शुरू हो रहे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। अरुण मुखर्जी और देबजानी हलदर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। प्रशांत दास कूचबिहार जिले में हुई हिंसा से प्रभावित व्यक्ति हैं। प्रमिता डे और भूपेन हलदर वकील हैं। जिनके आवास और कार्यालय कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये थे।

दिल्ली में ब्लैक फंगस के 500 मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के करीब 500 मामले हैं। अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि शहर में ब्लैक फंगस के दवाओं की अत्यधिक कमी है और इसका उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने इस रोग के इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल, जीबीटी अस्पताल तथा राजीव गांधी अस्पताल में समर्पित केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन दवाइयां नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ''हमें कल दवा नहीं मिली, इसलिए हम दवाओं के बिना मरीजों का इलाज कैसे कर सकते हैं? इंजेक्शन को दिन में चार से पांच बार दिया जाता है। अगर हमें इंजेक्शन नहीं दिया जाता है तो हम रोगी का इलाज कैसे कर सकते हैं? अचानक यह बीमारी उभरी है और बाजार में इसकी दवा की कमी है। केंद्र सरकार सभी राज्यों में मौजूद सभी दवाइयां वितरित कर रही है। दवा की अत्यधिक कमी है। इसके उत्पादन को भी बढ़ाना है। चूंकि चार से पांच इंजेक्शन को प्रति दिन देने की आवश्यकता होती है और लगभग 500 रोगी हैं।इसलिए हमें प्रतिदिन 2000 इंजेक्शन की आवश्यकता है। लेकिन हमें केवल 400 से 500 इंजेक्शन मिल रहे हैं।"

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...