रविवार, 14 मार्च 2021
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नवनिर्वाचित कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह हुआ
नैनी रिपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन का हुआ पुनर्गठन
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
अली अकबर
काशीपुर। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उप जिला अधिकारी कार्यालय में एकत्रित होकर पूर्व शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी के द्वारा कुरान की 26 आयतों के हटाने के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका के विरोध में आज रविवार को काशीपुर के मुस्लिम समाज की तरफ से एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया हैं। जिसमें कहा गया, कि इस प्रकार का ग़लत बयान सोशल मीडिया पर देते हुए साफ तौर पर देखा जा रहा है। उक्त व्यक्ति ने मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। तथा भारत के संविधान पर सीधे हमला करने का काम किया है। इस व्यक्ति की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की गई तथा कठोर कार्रवाई करते हुए इस पर मुकदमा दर्ज करके जेल भेजे जाने की गुहार लगाई है।ताकि, भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसी बीच समाज सेवी मंसूर अली मंसूरी ने कहा कि वसीम रिज़वी पर यूऐपीऐ के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होना चाहिए इस प्रकार का बयान देकर इसने धार्मिक उन्माद फैलाने का काम किया है। जो देश विरोधी है सभी धर्मों सभी समुदायों उनकी आस्था का सम्मान करने की जो विश्व भर में भारत की पहचान है। उस छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख़राब करने का षड़यंत्र किया है। सरकार इस मामले को संज्ञान में लेते हुए तुंरत इस व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम करे ताकि, पूरे देश में अमन शांति का स्वच्छ माहौल बना रहे। और वसीम रिज़वी जैसे धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर नकेल कसी जाए। तो वहीं इस मामले में मंसूर अली मंसूरी ने कहा कि वह अपने अधिवक्ता से मिलकर उपरोक्त वसीम रिजवी के खिलाफ कोतवाली में धार्मिक उन्माद फैलाए जाने को लेकर अभियोग पंजीकृत कर आएंगे। ज्ञापन देने वालों में शहर इमरान, मुफ्ती मुनाज़िर हुसैन, पूर्व चेयरमैन शमशुद्दीन शफीक अहमद अंसारी, डाक्टर एम ए राहुल हसीन ख़ान, मुशर्रफ हुसैन, अशरफ एडवोकेट, पार्षद नौशाद हुसैन, पार्षद नज़मी अंसारी, पार्षद शाह आलम, पार्षद पति व पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर, पार्षद पति मोहम्मद आरिफ़ मुमताज मंसूरी आदि सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित रहे।
अवैध अतिक्रमण में हटाया गया सदियों पुराना स्थल
बंगाल विरोधी ताकतों से लड़ने का फैसला: ममता
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में 2007 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए आंदोलनकारियों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने ‘शहीदों’ के सम्मान में इस निर्वाचन क्षेत्र में ‘बंगाल विरोधी’ ताकतों से लड़ने का फैसला किया है।नंदीग्राम सीट पर अपने पूर्व सहयोगी और भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ रही बनर्जी ने कहा कि किसान पश्चिम बंगाल का गौरव हैं और प्रदेश सरकार उनके विकास के लिए अथक काम कर रही है। बनर्जी ने ट्वीट किया, “2007 में आज के ही दिन बेगुनाह ग्रामीणों को नंदीग्राम में गोलीबारी कर मार दिया गया था। कई लोगों के शव मिल भी नहीं सके। यह राज्य के इतिहास का काला अध्याय था। जान गंवाने वालों को दिल से श्रद्धांजलि।” तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है। पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान इस दिन पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के सम्मान में यह दिवस मनाती है। इस घटना से देशभर में रोष व्याप्त हो गया था और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट किया, “ नंदीग्राम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में हम 14 मार्च को कृषक दिवस के तौर पर मनाते हैं और कृषक पुरस्कार देते हैं। किसान हमारा गौरव हैं और हमारी सरकार उनके सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है।” बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम में ‘शहीदों’ के परिवारों के साथ काम करना उनके लिए सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, “ मैं नंदीग्राम के अपने भाइयों और बहनों के प्रोत्साहन से इस ऐतिहासिक स्थल से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर बंगाल चुनाव 2021 लड़ रही हूं। यहां होना और बंगाल विरोधी ताकतों के खिलाफ शहीद परिवारों के सदस्यों के साथ काम करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है।”
बनर्जी 2007 में विपक्षी टीएमसी की नेता थी और उन्होंने नंदीग्राम तथा सिंगूर में औद्योगिकीकरण के लिए कृषियोग्य भूमि अधिग्रहण करने को लेकर वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की थी। उनकी पार्टी को इसका फायदा भी मिला था और 2008 में 50 प्रतिशत पंचायत सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे तथा 2009 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
इसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी जीती थी और इस प्रकार राज्य में वाम मोर्चे के 34 साल लंबे शासन का अंत हो गया था। राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव होगा जो 27 मार्च से 29 अप्रैल तक चलेगा। नतीजों का ऐलान दो मई को होगा।
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