अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की अन्य सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है। आंदोलन को अब 100 दिन से अधिक हो चुके हैं। आंदोलन में महिलाएं भी बखूबी अपनी भूमिका निभाती नजर आ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गाजीपुर बॉर्डर का मंच महिलाएं संभाल रही हैं। मंच से आज संबोधन भी महिलाएं करेंगी और अनशन पर जो किसान बैठते हैं, उसमें भी महिलाएं ही अपनी भागीदारी निभाएंगी। 17 महिलाएं अनशन पर बैठीं है। महिलाओं ने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी रचाई है साथ ही हाथों पर मेहंदी से कृषि यंत्र के चित्र भी बनाए हैं। महिलाओं का कहना है कि घर की किचन से लेकर बच्चों की पढ़ाई और आंदोलन को पूरे तालमेल से संभाला जा रहा है। आधी आबादी आज अपना हक चाहती है। मंच पर मौजूद महिला रवनीत कौर ने कहा मेहंदी सिर्फ सौंदर्य करण का साधन नहीं है। आंदोलन में मौजूद महिलाओं ने आज अपने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी लगाकर अपने हक की आवाज उठाने की कोशिश की है। महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी से किसानों एकता और आंदोलन के इंकलाब नारे लिखे हैं।