लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौरी चौरा जनक्रांति के 100 वर्ष पूरे होने पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं रहा है और वे दिखावटी चर्चा करते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के स्तुतिगान से उनका सम्मान नहीं होता है, बल्कि पूरी श्रद्धा से उनके विचारों को आत्मसात करना होता है। प्रतिबद्धताएं एवं प्राथमिकताएं तय करने के साथ ही उन पर पूरी निष्ठा से मन, वचन, कर्म से समर्पण करना होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को कमजोर करना स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को नकारना है। अखिलेश यादव ने यहां जारी एक बयान में कहा कि चौरी चौरा घटना से भाजपा को सबक लेना चाहिए। आज देश का किसान आंदोलित है, वह ठंड में कई साथियों को खोने के बाद भी खेती बचाने के लिए आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि जो बात किसान कह रहे हैं। भाजपा सरकार उन्हें सुनना नहीं चाहती है। तीन कृषि कानूनों की वापसी की वाजिब मांग को लेकर आंदोलित किसानों के प्रति सरकार के रवैये से ज्यादा उम्मीद नहीं है। सरकार को संविधान का सम्मान करना चाहिए। लोकतंत्र में किसानों के साथ न्याय सर्वोपरि स्थान रखता है। सपा नेता ने आरोप लगाया कि किसानों के प्रति क्रूरता और जनता के आक्रोश से भाजपा में भी असंतोष पनप रहा है। बयान में कहा गया कि समाजवादी सरकार के समय शहीदों के सम्मान में चौरी चौरा होते हुए गोरखपुर-देवरिया की चार लेन सड़क बनाकर शहीदों की स्मृति को स्थायित्व दिया गया था।
गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले प्रदेश कांग्रेस के अगले प्रमुख होंगे। लिहाजा उन्होंने बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा सूत्रों ने बताया कि पटोले ने विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झीरवाल को अपना इस्तीफा सौंपा। पटोले भंडारा जिले की सकोली सीट से विधायक हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह प्रदेश प्रमुख के तौर पर राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट का स्थान लेंगे। महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। थोराट की अगुवाई में कांग्रेस के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल में दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र एक मार्च से शुरू होगा।
हर संभव मदद देने का दिया आस्वाशन: त्रिपाठी
छात्राओं एवं उपस्थित सभी लोगों को दिलाई शपथ
नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं पेट्रोल-डीजल की कीमत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बृहस्पतिवार को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। हाल के समय में वाहन ईंधन कीमतों में सबसे बड़ी वृद्धि की गई है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने कहा है कि सरकार करों में कटौती के जरिये उपभोक्ताओं के बोझ को कम कर सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार करीब एक सप्ताह के अंतराल के बाद पेट्रोल और डीजल दोनों ईंधनों के दाम 35-35 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। इस बढ़ोत्तरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 86.65 रुपये प्रति लीटर के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 93.20 रुपये प्रति लीटर की नयी ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली में डीजल 76.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई यह 83.67 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। देश की तीसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के प्रमुख मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम अचानक बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं। मांग और आपूर्ति में अंतर की अवधारणा के अलावा सऊदी अरब द्वारा उत्पादन में कटौती की वजह से कीमतों में तेजी आई है। वाहन ईंधन के खुदरा दाम उत्पादन की बेंचमार्क लागत के ऊपर केंद्र और राज्यों के कर के अलावा डीलर का कमीशन जोड़कर निकाले जाते हैं। मुकेश कुमार सुराना ने कहा, ”पेट्रोल पंप पर वाहन ईंधन के खुदरा दाम का सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क लागत पर निर्भर करता है। शेष केंद्र और राज्यों का कर होता है।’ उन्होंने कहा, ”हमारे पास बेंचमार्क लागत में बढ़ोत्तरी का बोझ ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” सरकार के पास इसके लिए कराधान है। उन्होंने कहा कि मार्जिन काफी कम है। ”सरकार इस बात का जवाब दे सकती है कि कीमतों को कैसे रोका जाए।” पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि दिल्ली में पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क का हिस्सा 32.98 रुपये है। वहीं इसमें राज्य सरकार के बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) का हिस्सा 19.55 रुपये है।
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6 साल में वायुसेना को मिलेंगे सभी 83 एलसीए तेजस
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी आर माधवन ने कहा है, कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क एमके-1ए के लिए दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों ने दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही एक अनुबंध होने की उम्मीद है। भारत से हुए अनुबंध के अनुसार हमें आज से 36 महीने बाद एलसीए तेजस की डिलीवरी शुरू करनी है। पहली डिलीवरी मार्च, 2024 में 2 विमानों से शुरू की जाएगी।जिन्हें 16 तक आगे बढ़ाया जाएगा। एचएएल सभी 83 तेजस 6 साल में भारतीय वायुसेना को सौंप देगा।एचएएल प्रमुख माधवन ने गुरुवार को एयरो इंडिया-2021 के दौरान प्रेस वार्ता में कहा कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क एमके-1ए के लिए दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों ने दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही एक अनुबंध होने की उम्मीद है। एचएएल प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए वायुसेना की योजना एलसीए वेरिएंट से अलग है। दोनों में कोई टकराव नहीं है, इसलिए दोनों परियोजनाएं स्वतंत्र रूप से जारी रहेंगी।एचएएल प्रमुख ने तेजस लड़ाकू विमानों की निर्यात कीमत और लागत के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि 83 तेजस लड़ाकू विमानों की अनुबंध लागत लगभग 48 हजार करोड़ रुपये है, अगर सभी तरह के टैक्स और विदेशी मुद्रा में वृद्धि घटा दी जाए तो यह डील 36 हजार करोड़ रुपये के आसपास आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग तेजस एमके-1ए के एक विमान की कीमत 48 हजार करोड़ रुपये के आधार पर कर रहे हैं। जो पूरी तरह गलत है। दरअसल 83 एलसीए के लिए कुल ऑर्डर की लागत लगभग 25,150 करोड़ रुपये है।
गाज़ियाबाद में पांचवें चरण का टीकाकरण सम्पन्न
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद में पांचवे चरण के कोविड टीकाकरण का आयोजन आज 4 फरवरी 2021 को प्रातः 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक किया गया। अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर पी एन अरोड़ा व डायरेक्टर उपासना अरोड़ा ने भी आज टीका लगवाया। टीका लगने के बाद डॉक्टर पी एन अरोड़ा ने कहा के अवसाद के 1 वर्ष काटने के बाद अब जबकि कोविड-19 का टीका उपलब्ध है और लगाया जा रहा है। यह बहुत ही सुखद अनुभव है। समाज के लोगों के लिए संदेश देते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि सब को टीका लगवाना चाहिए और टीके से डरना नहीं चाहिए यह सुरक्षित है और हमारे उज्जवल भविष्य और सामाजिक एवं आर्थिक मजबूती का एक बड़ा कारण बनने वाला है।इस अवसर पर उपासना अरोड़ा ने कहा कि उन्हें टीका लगवाने के बाद अच्छा महसूस हो रहा है और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा की मैसेज आने पर टीका जरूर लगवाएं और टीका लगने के बाद भी यह ध्यान रखें कि मास्क लगाना जरूरी है और 2 गज की दूरी भी जरूरी है। आपको बता दें कि यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के लगभग 80% डॉक्टरों एवं स्टाफ को टीका लगाया जा चुका है। डॉक्टर अरोड़ा एवं उपासना अरोड़ा ने आज के दिन को विशेष बताया और समाज एवं मरीजों के प्रति अपने उत्तरदायित्व एवं प्रतिबद्धता को आज के दिन पुनर्स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अब काफी डॉक्टरों एवं स्टाफ के टीका लगने के बाद हम सब दोबारा पूरी शक्ति एवं ऊर्जा के साथ मरीजों की सेवा में जुटे रहेंगे।
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