शनिवार, 2 जनवरी 2021
हापुड़: लगातार दूसरे दिन कंबल वितरण किए
आंदोलन: सरकार ने संभावनाओं को खारिज किया
आप खुद सुने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर- पियूष गोयल और किसान नेता राकेश टिकैत की वार्तालापकिसानों के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, ”हम इसे देखेंगे।” क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी बैठक होने की उम्मीद है, इस सवाल पर तोमर ने कहा, ”एकदम तो अभी कुछ नहीं कह सकता। भविष्यवक्ता तो मैं हूं नहीं। लेकिन मुझे आशा है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान के हित में होगा।”केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का यह कहना कि “जो भी फैसला होगा वह देश और किसानों के हित में होगा” साफ़ दर्शाता है कि केंद्र सरकार अपना फैसला कर चुकी है l श्री तोमर के इस कथन का संदेश साफ़ साफ़ पढ़ा जा सकता है l किसानों के इस व्यापक और जन आंदोलन बन चुके सदी के महान आंदोलन को ताकत के बल पर न तो कुचला जा सकता है और ना ही कुचलना सरकार-समाज व देश हित में है l यदि ऐसा है तो 4 जनवरी का दिन या फिर उसके एक दो दिन बाद कोई भी तारीख इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगी l अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर आने वाले गणतंत्र दिवस पर किसानों का एलान ट्रैक्टरों ट्रालियों के साथ “लाल किला कूच” इतिहास के पन्नों पर दर्ज होना भी तय माना जा रहा है l जिसका परिणाम कुछ भी हो सकता है l सरकार और करीब 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफल रही है। बुधवार को हुई दोनों पक्षों की पिछली बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने तथा बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनती दिखी लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों की दो मुख्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है जिनमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना शामिल हैं।
सितंबर में लागू हुए तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़े कृषि सुधारों के रूप में पेश किया है और कहा है कि इनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे बड़े कॉर्पोरेट की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने इन आशंकाओं को निराधार बताते हुए कानूनों को निरस्त करने की संभावना को खारिज किया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा, ”किसानों की एक मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।”सिंघु सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा कि उन्होंने जो विषय उठाये हैं, उनमें से केवल पांच फीसदी पर अब तक सरकार के साथ बैठकों में चर्चा हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर चार जनवरी की बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं होता तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीख घोषित करेंगे। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
15 मार्च से 30 मार्च के बीच होगें पंचायत चुनाव
वरिष्ठ नेता बूटा का निधन, मोदी ने जताया शोक
भारत में कोरोना के 20 हजार से कम नए मामले
दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बारिश, ठंड बढ़ीं
बरेली: अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म हुई
अंतर्राष्ट्रीय पटल पर हिंदी को बढ़ावा देने की पहल
बरेली: रोड पर अतिक्रमण हटाने के दौरान हंगामा
पीएम मोदी ने नए परिसर की आधारशिला रखी
बंगालः अध्यक्ष गांगुली के सीने में दर्द, तबीयत बिगड़ी
कोलकाता। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें कोलकाता के वूडलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सौरव गांगुली जिम में वर्कआउट कर रहे थे, ये जिम सौरव गांगुली के घर में ही है। गांगुली को सीने में तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। सौरव गांगुली को शनिवार सुबह से ही हृदय संबंधी समस्या थी और उन्हें वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के सूत्रों ने पुष्टि की कि सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता है। गांगुली को सीने में दर्ज की शिकायत के बाद कोलकाता के वुडलैंड अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर्स ने बताया है कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ है। गांगुली को एंजियोप्लास्टी से गुजरना होगा। हालांकि डॉक्टर्स ने ये भी बताया है कि चिंता की कोई बात नहीं है, फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने सौरव गांगुली के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। ममता बैनर्जी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह सुनकर दुख हुआ कि सौरव गांगुली को हल्के कार्डिक अरेस्ट का सामना करना पड़ा और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके जल्द स्वस्थ होने कामना। मेरी प्रार्थनाएं उनके और उनके परिवार के साथ हैं’। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं सौरव गांगुली के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं और प्रार्थना करता हूं। मैंने उनके परिवार से बात की है। दादा स्थिर हैं और इलाज के लिए अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
-
वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...