शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन ने ली प्रतिज्ञा

जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के कार्यकर्ताओं ने ली प्रतिज्ञा 


कानून की मांग को लेकर बड़ी संख्या में हस्ताक्षर भेजे गये प्रधानमंत्री को


 अंकित गोस्वामी


गाजियाबाद। शुक्रवार को लोनी की विकासकुंज कॉलोनी में दिनेश चौहान के निवास पर जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर राष्ट्रीय ध्वज को प्रणाम किया। तत्पश्चात तिरंगे के सामने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने और राष्ट्र रक्षा की प्रतिज्ञा ली। जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर करके संगठन के जिलाध्यक्ष के माध्यम से प्रधानमंत्री, भारत सरकार के नाम भेजे।


कार्यक्रम में उपस्थित संगठन के राष्ट्रीय महासचिव धर्मेन्द्र धामा ने बताया कि जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन आज 13 नवंबर, छोटी दीपावली के अवसर पर अपराह्न 12 बजे एक साथ देशभर के 3000 स्थानों प्रतिज्ञा दिवस का आयोजन कर रहा है, जिसमें 3 लाख कार्यकर्ता जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग हेतु प्रतिज्ञा लेकर अपने हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री, भारत सरकार के पास भेज रहे हैं। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुधीर शर्मा ने बताया कि जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन पिछले 7 वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर देशभर में अनवरत अभियान चला रहा है। 


लोनी नगर अध्यक्ष पंकज शर्मा ने बताया कि इस अभियान को 125 सांसदों और अनेक केन्द्रीय मंत्रियों का समर्थन प्राप्त है। संगठन का प्रतिनिधिमंडल भारत के राष्ट्रपति जी को मिलकर उन्हें जनसंख्या नियंत्रण कानून विषयक अपनी मांग के संबंध में ज्ञापन सौंप चुका है। 


प्रतिज्ञा कार्यक्रम में शिवम ठाकुर, रोहित ठाकुर, अश्विनी शर्मा, योगेंद्र सिंह अरोड़ा, रामबाबू धामा, दिनेश चौहान, विजय बहादुर, धर्मेन्द्र शर्मा, अमरीश कुमार, मनबीर प्रधान, मनोज शर्मा, रामकिशोर शास्त्री, नरेंन्द्र श्रीवास्त आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


आमजनों को 55 स्मार्ट मोबाइल वितरित किए

सायबर सेल सतना द्वारा ऑपरेशन मुस्कान के तहत आवेदकों को लगभग 8 लाख के स्मार्ट मोबाइल फोन वितरण कर 55 आमजनों के चेहरों पर लौटाई खुशी की लहर


सतना। विभिन्न थाना क्षेत्रों से गुम हुए मोबाइलों को बरामद करने का टास्क पुलिस अधीक्षक सतना श्री धर्मवीर सिंह एवं अ​ति. पुलिस अधीक्षक श्री सुरेंद्र कुमार जैन के द्वारा सायबर सेल सतना को दिया गया था।किसी भी व्यक्ति का मोबाइल फोन अचानक से गुम हो जाने से उसकी बहुत सारी व्यक्तिगत जानकारी चली जाती है, जिससे उस व्यक्ति को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पडता है।


फोन में अधिकांशतः लोग अपनी फेसबुक आई.डी. जी-मेल इत्यादि लॉगिन कर के रखते है,अचानक से मोबाइल फोन गुम हो जाने से उन आई डी से भी छेडछाड का खतरा उत्पन्न हो जाता है।मोबाइल गुमनें संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय सतना के निर्देशन में सायबर सेल टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुये 55 नग मोबाईल बरामद किये गये जिनकी कीमत लगभग 8 लाख रूपये है।सभी मोबाइलों को संबंधित फरियादियों को बुलाकर,श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय श्री धर्मवीर सिंह द्वारा प्रदान किया गया। मोबाइल बरामद करने में सायबर सेल टीम से उप निरीक्षक अजीत सिंह सायबर सेल प्रभारी,प्रधान आरक्षक आर के पटेल,प्रधान आरक्षक दीपेश कुमार,आरक्षक वीपेंद्र मिश्रा आरक्षक असलेंद्र सिंह व आर संदीप सिंह की सराहनीय एवं अहम भूमिका रही।


अपील:—आमजनता से एक अपील है कि आप कभी भी लालच में आकर कम दामों के मोबाईल बिना बिल के न खरीदें।


सतना से सलिल कुमार नामदेव की रिपोर्ट                


'होम मेकर' से 'किंग मेकर' बनी महिलाएं

सत्ता की चाभी 'होम मेकर' से किंग मेकर' बनी बिहार की महिलाएं


अविनाश श्रीवास्तव


पटना। होम मेकर से किंग मेकर बनी बिहार की महिलाओं ने 243 में से 166 विधानसभा क्षेत्र में पुरुषों से अधिक मतदान कर करीब 60 प्रतिशत सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की झोली में डाल उसकी सरकार तो बना ही दी साथ ही सभी राजनीतिक दलों को अपनी अहमियत भी समझा दी कि उन्हें अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ता की चाभी महिलाओं और युवाओं के हाथ में थी। इसे भांपते हुए सत्ता के दोनों दावेदारों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) और महागठबंधन ने इस सियासी महासंग्राम में उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। नतीजा यह हुआ कि इस बार बड़ी संख्या में युवाओं के महागठबंधन के पक्ष में झुकाव से कांटे का मुकाबला देखने को मिला लेकिन अंतत होम मेकर ही किंगमेकर बनकर उभरी
जिन 166 विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं ने मतदान में पुरुषों से ज्यादा हिस्सा लिया वहां करीब 60 प्रतिशत सीट नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग की झोली में गई वहीं तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को मात्र 36 प्रतिशत सीटें ही मिली। राजग के खाते में गई ऐसी 99 सीट में से भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को सर्वाधिक 55 उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड(जदयू) को 37 विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को तीन सीटें मिली हैं। वहीं महागठबंधन को गई ऐसी 60 सीट में से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 44, कांग्रेस को आठ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) को चार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को दो-दो सीटों पर जीत मिली है। शेष सात सीट अन्य के खाते में गई। बिहार में वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 2005 तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में महिलाओं की रूचि पुरुषों की तुलना में बेहद कम थी। लेकिन वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में पहली बार महिलाओं ने मतदान के मामले में पुरुषों को पछाड़ दिया। उस चुनाव में पुरुषों के 51.12 प्रतिशत के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने यानी 54.49 प्रतिशत मतदान किया। यह सिलसिला वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भी जारी रहा। उस वर्ष भी 53.32 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले 7.17 प्रतिशत अधिक 60.48 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया था। इस बार के चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य में बेरोजगारी और पलायन को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया। तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव पर दस्तखत करने का वादा किया जिसके कारण उनकी सभाओं में युवाओं की भीड़ काफी दिखी जिससे यह लगने लगा कि उन्हें उनका अच्छा खासा समर्थन प्राप्त हो रहा है। इसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के एक बड़े घटक भाजपा ने भी 19 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा कर उन्हें लुभाने की कोशिश की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रचार अभियान पूरी तरह से महिलाओं पर केंद्रित था। प्रधानमंत्री ने भी अपनी सभाओं में केंद्र की योजनाओं विशेषकर उज्ज्वला योजना कोरोना काल में बांटे गए अनाज और महिलाओं के खाते में दी गई रकम की चर्चा की। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुनावी सभाओं में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों और आगे की योजनाओं के आधार पर वोट मांगा था। उन्होंने अपनी हर सभा में कहा कि वर्ष 2005 में जब उन्हें काम करने का मौका मिला तब उनकी सरकार ने स्थानीय निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण, सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण और साइकिल-पोशाक योजना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए। महिलाओं के कहने पर ही अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की। राज्य की जनता फिर से मौका देती है। तो इस बार वह स्थानीय प्रशासन में उनकी भागीदारी बढ़ाएंगे। नीतीश कुमार इस बार चुनाव में अपने महत्वाकांक्षी सात निश्चय पार्ट-दो लेकर आए और उसके आधार पर ही जनता से वोट मांगा। सात निश्चय पार्ट-दो का पहला और दूसरा निश्चय युवाओं और महिलाओं के लिए है। दूसरा निश्चय सशक्त महिला सक्षम महिला' के तहत अब सभी वर्ग की महिला उद्यमियों को पांच लाख रुपये का कर्ज और पांच लाख रुपये तक के अनुदान का वादा किया गया है। उसमें किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं लगेगा। इसी तरह इस बार इंटर पास छात्राओं को 25 हजार रुपये और स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50 हजार रुपये दिए जाने का भी वादा किया गया। चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव का पूरा ध्यान युवाओं पर ही केंद्रित था। लेकिन दूसरी ओर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आधी आबादी को अपने पक्ष में करने की भरपूर कोशिश करते रहे। प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह बताने की कोशिश करते रहे कि राष्ट्रीय जनता दल(राजद) महिलाओं के प्रति कोई सोच नहीं है। नीतीश कुमार ने तो 26 अक्टूबर को वैशाली के जंदाहा में जनसभा के दौरान लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा था। जब जेल जा रहे थे। तब पत्नी को तो कुर्सी पर बैठा दिया लेकिन महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। बेटे के चक्‍कर में कई बेटियों को जन्‍म दे दिया। वे कैसे बेटियों का सम्‍मान करेंगे। आखिर वह कैसा बिहार बनाना चाह रहे हैं। आठ-आठ और नौ-नौ बच्‍चे पैदा कर रहे हैं। क्‍या बेटियों पर भरोसा नहीं है। ये कैसा बिहार बनाना चाहते हैं । यही लोग आदर्श हैं। तो सोचिए बिहार का क्या हाल होगा कोई पूछने वाला नहीं होगा। इसके बाद नीतीश कुमार जब 31 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव के समधी और जदयू के प्रत्याशी चंद्रिका राय की चुनावी सभा में गए थे। तब वहां मंच पर उपस्थित तेजस्वी यादव की पुत्रवधू की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा था। देखिए एक पढ़ी-लिखी महिला के साथ उन लोगों ने क्या व्यवहार किया है। महिलाओं एवं लड़कियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार अनुचित है। उन्होंने इसी सभा में कहा था। कि अवैध शराब कारोबारियों की लॉबी चुनाव में जदयू को हराने के लिए काम कर रही है, उन्हें चुनाव में पराजित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छपरा की जनसभा में बिहार की एक बुजुर्ग महिला के वायरल वीडियो का जिक्र किया। जिसमें महिला मोदी सरकार के कार्यों का बखान करती हुई नजर आ रही हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह महिला शायद जो अखबार या टीवी भी नहीं देखती होगी। उनसे जब किसी ने पूछा कि नरेंद्र मोदी को वोट क्यों दोगी, तो उस महिला ने बिना लाग-लपेट के उसके सवाल का एक सांस में भोजपुरी में जवाब दिया "मोदी हमको नल दिए लाइन दिए बिजली दिए, मोदी हमको कोटा दिए, राशन दिए, पेंशन दिए, गैस दिए, उनको वोट नहीं देंगे तो क्या तुमको देंगे। इन बातों का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला वोटरों को राजग के पक्ष में आकर्षित करने की उनकी रणनीति कामयाब रही।         


एनटीपीसी ने बंद किया प्रवेश द्वार, धरने पर लोग

एनटीपीसी ने बंद किया प्रवेश द्वार,लोग धरने पर


कोरबा। एनटीपीसी द्वारा गेट के बंद कर दिए जाने से मजदूर और सफाईकर्मी काम पर नहीं जा सके। एनटीपीसी की इस हरकत से परेशान मजदूरों ने कोरबा-कटघोरा मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। मजदूरों ने कहा कि दिवाली त्योहार है। वेतन लेना है, लेकिन एनटीपीसी ने गेट ही बंद कर रखा है।
एनटीपीसी टाउनशिप में कार्यरत मजदूर सुबह काम पर पहुंचे तो टाउनशिप का गेट बंद मिला। इसके चलते काम करने पहुंचे मजदूर और सफाई कर्मी अपना काम नहीं कर पाए। एनटीपीसी टाउनशिप प्रबंधन द्वारा गेट बंद किए जाने से नाराज मजदूर और सफाईकर्मी गेट के सामने कोरबा-कटघोरा मार्ग पर चक्काजाम आंदोलन शुरू कर दिया।
वहीं मजदूरों का कहना है कि सामने दिवाली त्योहार है, हम मजदूरों को वेतन लेना था। लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन ने गेट बंद कर दिया है। इसके चलते उन्हें वेतन भी नहीं मिल पाएगा। ऐसे में वे त्योहार कैस मना पाएंगे। एनटीपीसी प्रबंधन ने हमारे समक्ष विकट समस्या खड़ी कर दी है। इसके चलते ही हमें चक्काजाम करना पड़ रहा है।
एनटीपीसी के इस बेबुनियादी बातें लोगो के गले नही उतर रही है एनटीपीसी ने कोरोना के बढ़ते मामले को आधार बनाकर गेट बंद कर दिया है जबकि एनटीपीसी में ये मजदूर संक्रमितों की संख्या नगण्य रही है बल्कि एनटीपीसी के अधिकारी कर्मचारी ही ज्यादा संक्रमित पाए गए है इसका मतलब कर्मचारी की अपनी लापरवाही से संक्रमित हो रहे है।            


प्रियंका की फिल्म ‘एतराज’ के 16 साल पूरे

प्रियंका की फिल्म ‘एतराज’ के 16 साल पूरे, एक्ट्रेस ने शेयर किया अनुभव


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की फिल्म ‘एतराज’ के 16 साल पूरे हो गए हैं। सुभाष घई निर्मित और अब्बास-मुस्तान निर्दशित एतराज में अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म के प्रदर्शन के 16 साल पूरे हो गये हैं। प्रियंका ने इस मौके पर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट अपलोड किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस फिल्म में काम करने का अनुभव शेयर किया।
प्रियंका ने लिखा, “वर्ष 2004 में मुझे एक्टर बने एक साल ही हुआ था। अब्बास मस्तान की थ्रिलर फिल्म में मैंने सोनिया रॉय का किरदार निभाया। मेरे अब तक के किरदारों में ये सबसे बोल्ड था। एक तरह से यह बड़ा खतरा भी था क्योंकि मैं फिल्मों में नई आई थी। मुझे यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि मैं बहुत डरी थी लेकिन मेरे अंदर का कलाकार कह रहा था कि मुझे कुछ बढ़िया करना चाहिए। सोनिया का रोल बिलकुल वैसा ही था…ज्यादातर हिस्से में दुष्ट, हिंसक, जटिल, खुद से प्यार करने वाली लेकिन यह अतिसंवेदनशील और भावुक भी था।”


बॉलीवुड अभिनेता आसिफ बसरा ने की खुदकुशी


अमेजन प्राइम ने ‘मिर्जापुर 3’ को हरी झंडी दिखाई


अभिनेत्री ने लिखा, “बेहतरीन निर्देशकों की जोड़ी अब्बास-मस्तान की मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगी। उन्होंने न सिर्फ मेरे जैसे नए एक्टर पर भरोसा किया बल्कि मुझे इतना प्रेरित किया कि मैं एक ऐसा रोल निभा सकूं जिस पर गर्व हो। आज 16 साल बाद जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो एतराज मेरे लिए एक गेम चेंजर सी लगती है। इसने मुझे सिखाया कि किरदारों को बिना किसी पूर्वधारणा के पूर्ण विश्वास के साथ बस निभाना चाहिए।”                                                                                


ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी

कोलकाता। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ेगी। ओवैसी के इस ऐलान के साथ राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अब यह चर्चा का विषय हो गया है कि बिहार में 5 सीटें जीतने वाली एआईएमआईएम बंगाल में क्या करेगी। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि बिहार में ओवैसी ने जो रणनीति अपनाई और महागठबंधन का काम खराब किया, उसी तरह बंगाल में वे ममता बनर्जी की राह मुश्किल और बीजेपी की राह आसान कर सकते हैं एआइएमआइएम ने इसकी तैयारी काफी पहले शुरू भी कर दी है। बंगाल के एआइएमआइएम नेतृत्व के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही एआइएमआइएम को बंगाल में संभावनाएं दिखने लगी थीं। एनआरसी के खिलाफ कोलकाता में एक रैली आयोजित की गई थी जिसमें बड़ी तादाद में मुस्लिम युवकों ने हिस्सा लिया था।         


कोहली से अलग भारतीय टीम में कई सुपरस्टार

मेलबर्न। अनुभवी स्पिनर नाथन लियोन का मानना है कि विराट कोहली की आगामी टेस्ट शृंखला के आखिरी तीन मैचों में अनुपस्थिति निराशाजनक है। लेकिन इससे आस्ट्रेलिया बोर्डर-गावस्कर ट्राफी जीतने का दावेदार नहीं बन जाएगा क्योंकि भारतीय टीम में कई ‘सुपरस्टार’ हैं।


भारतीय कप्तान कोहली एडीलेड में पहले टेस्ट मैच के बाद स्वदेश लौट जाएंगे क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें पितृत्व अवकाश की अनुमति दे दी है। कोहली जनवरी के शुरू में अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहना चाहते हैं।               


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...