मंगलवार, 15 सितंबर 2020

महिलाओं को 1000 दिन के पोषण का ज्ञान

गर्भवती व धात्री महिलाओं को दिया 1000 दिनों के पोषण की जानकारी।


संतकबीरनगर। राष्‍ट्रीय पोषण माह के दौरान सोमवार को जिले के विभिन्‍न क्षेत्रों में कोविड–19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गर्भवती व धात्री महिलाओं के घरों में जाकर 1000 दिनों के पोषण की जानकारी दी। 1000 दिनों का पोषण भ्रूण के गर्भ में आने से लेकर उनसे दो वर्ष की आयु के पूर्ण करने तक होता है।
पोषण माह की गतिविधियों के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण सखी, सुपरवाइजर तथा पोषण से जुड़े अन्‍य अधिकारी जिले की गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के घर पहुंचे। वहां जाकर महिलाओं को यह बताया गया कि वह किस तरह से गर्भकाल में आहार लें ताकि बच्‍चों का पोषण किसी प्रकार से प्रभावित न हो। डीपीओ विजयश्री बताती हैं कि गर्भकाल से लेकर 2 साल की उम्र तक बच्‍चों को उचित पोषण की आवश्‍यकता होती है। कारण यह है कि इसी दौरान बच्‍चे का सम्‍पूर्ण विकास होता है। इसलिए उनके पोषण पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होती है। आंगनबाड़ी केन्‍द्र बड़गो की आंगनबाडी कार्यकर्ता सुमित्रा ने गर्भवती सरिता व अन्‍य लोगों के घर जाकर उनको पोषण के बारे में जानकारी दी तथा उनको 1000 दिनों के पोषण के साथ ही बढ़ते हुए शिशुओं के विकास में पोषण के महत्‍व के बारे में बताया। पोषण सखी, जिला पोषण विशेषज्ञ इस दौरान तकनीकी सहयोग प्रदान करते रहे। सुपरवाइजर बन्‍दना सिंह ने बताया कि गौसपुर, बेलपोखरी, महुआर तथा अन्‍य क्षेत्रों में उन्‍होने निरीक्षण किया।
1000 दिनों का इस प्रकार होता है विभाजन।
एक शिशु के विकास के 1000 दिनों का विभाजन शिशु के जन्‍म से दो साल तक के लिए होता है। इसमें 270 दिन यानी 9 महीने तक गर्भावस्‍था के दौरान पोषण तथा दो साल यानी 730 दिनों के लिए विकास की विभिन्‍न प्रक्रियाओं के दौरान पोषण का होता है।
विभिन्‍न स्‍तरों पर 1000 दिन इस प्रकार दें पोषण।
जिला संयुक्‍त चिकित्‍सालय संतकबीरनगर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार बताते हैं कि बच्‍चे के विकास के 1000 दिनों के पोषण को विभाजित किया गया है। माता अपनी गर्भावस्था में आयरन व फोलिक एसिड से भरपूर भोजन ले जो कि गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास व बढ़त के लिए जरूरी है। माँ का दूध 6 माह तक बच्चे की सभी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। अतः 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए। 6 माह से 2 साल तक मां के दूध के अलावा  फल, फलियाँ व प्रोटीनयुक्त पदार्थ  जैसे अण्‍डा इत्‍यादि  बच्चों को दिया जाना चाहिए जो कि उनके सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
रखें यह सावधानियां।
गर्भावस्था की पहचान होने पर अतिशीघ्र निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर पंजीकरण करना, नियमित जांच कराना, पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करना, स्तनपान के संबध में उचित जानकारी प्राप्त करना, चिकित्सक द्वारा दिए गए परामर्शों का पालन करना सुनिश्चित करना, जन्म के 1 घंटे के भीतर बच्चे को स्तनपान कराएं। बच्‍चों को 6 माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। 6 माह के बाद ऊपरी आहार की शुरुआत करना चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए। शिशु व बच्चे का नियमित व समय से टीकाकरण करवाना चाहिए।                 


पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट, चीन बड़ा खतरा

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन सीमा दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में चीनी सेना के लिए तनाव के सबसे गर्म केंद्र के रूप में शामिल हो गई है। विवाद के इन क्षेत्रों ने बीजिंग की महत्वाकांक्षाओं और सैन्य क्षमता पर दुनियाभर के लिए बढ़ते खतरे का कारण बना है, जैसा कि चीन में सैन्य घटनाक्रमों पर पेंटागन की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है। चीन में दुनिया में सबसे बड़ी जमीन बल, नौसेना, तट रक्षक और समुद्री रक्षक है, साथ ही इसके पास भारत-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी वायु सेना है।


कई अर्थों में, लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की आक्रामकता रणनीतिक समझदारी नहीं है। चेयरमैन शी जिनपिंग और चीनी राष्ट्र को कई बिंदुओं पर घर्षण का सामना करना पड़ रहा है, तो यह भारतीय सीमा को उस सूची में क्यों जोड़ेगा? यूं जियांग और एडम नी, चीन नीकन न्यूजलेटर के संपादकों ने आकलन किया, "न तो चीन और न ही भारत अपनी सीमा पर एक निरंतर पंक्ति चाहता है। भारत का इस वक्त कोरोना वायरस से बुरी तरह से प्रभावित है।  वर्तमान में देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 लाख तक पहुंच गई है, भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। इसकी अर्थव्यवस्था एक बड़े पैमाने पर हिट ले रही है (इसवित्त वर्ष में 11.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है)। दूसरी ओर चीन अमेरिका के साथ हांगकांग और झिंजियांग के साथ अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परेशानियों की बढ़ती सूची में उलझा हुआ है।         


यूपीः बैठक कर अधिकारियों को दिए निर्देश

टीम 11 की बैठक में सीएम ने निर्देश दिये।


बृजेश केसरवानी


लखनऊ। सुभे केे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कोविड-19 संक्रमण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने कोविड नियंत्रण के लिए एक टीम का गठन किया, जो नियंत्रण को प्रभावी ढंग से लागू कर सके। साथ-साथ प्रदेश में निर्माण विकास के कार्यों को निर्धारित समय के अनुसार पूरा किया जाए।


1. काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए मुख्यमंत्री।
2. काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए सर्विलाॅन्स टीम्स की संख्या में वृद्धि की जाए।
3. कोविड-19 के दृष्टिगत अस्पतालों एवं चिकित्सा संस्थानों में सभी आवश्यक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें।
4. यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों, मेडिकल काॅलेजों तथा चिकित्सा संस्थानों में आॅक्सीजन की कमी न होने पाए।
5. जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी तथा मेरठ में सभी मेडिकल काॅलेज तथा अस्पताल पूरी गुणवत्ता एवं क्षमता से कार्य करें।
6. प्रदेश में दवाओं एवं आॅक्सीजन की उपलब्धता व आपूर्ति के सम्बन्ध में ड्रग कंट्रोलर द्वारा प्रतिदिन मुख्यमंत्री कार्यालय को आख्या उपलब्ध करायी जाए।
7. कोविड अस्पतालों में चिकित्सकों एवं पैरामेडिक्स की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करें
8. स्वास्थ्य विभाग के अधीन कोविड चिकित्सालयों में बेड्स की संख्या में वृद्धि की जाए।
9. के0जी0एम0यू0, एस0जी0पी0जी0आई0 तथा आर0एम0एल0आई0एम0एस0 द्वारा 1,000 आई0सी0यू0 बेड्स की व्यवस्था की जाए।
10. कोविड-19 से बचाव व सुरक्षा के सम्बन्ध में लगातार जागरूकता अभियान संचालित किया जाए।
11. सभी स्थानीय निकायों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित करते हुए इसके माध्यम से लोगों को कोविड-19 के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए।
12. आत्मनिर्भर भारत पैकेज का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाए।
13. ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय तथा पंचायत भवन का निर्माण तेजी से कराया जाए।
14. साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत खाद के लिए गड्ढे खोदकर कम्पोस्ट तैयार करने के निर्देश।                  


ग्रामीण क्षेत्र में कराया फांगिंंग, जागरूकता

सेमरी गांव में स्वास्थ्य टीम ने कराया फांगिंग, बांटे पर्चे।


सिद्धार्थनगर। खुनियांव क्षेत्र के सेमरी गांव में एक किशोर में चिकुनगुनिया, स्क्रबटाइफस एवं डेंगू के लक्षण एक साथ मिलने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सेमरी गांव में फागिंग कराते हुए ग्रामीणों में जागरूकता के पर्चे बांटे। इसके साथ ही सभी को मच्छरों से बचाव करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, अगस्त से अक्टूबर माह के बीच मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाने से डेंगू व मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। खुनियांव क्षेत्र के सेमरी गांव में स्वास्थ्य टीम ने फांगिंग कराते हुए ग्रामीणों के बीच पर्चे बांटे। इस गांव में फागिंग की प्रक्रिया बराबर कराई जा रही है। साथ ही आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग की अन्य टीम टीमें बराबर लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं। इस गांव में 17 वर्षीय किशोर में अगस्त माह में एक साथ डेंगू, चिकुनगुनिया, स्क्रबटाइफस के लक्षण मिले थे, अभी मरीजों की श्रेणी का निर्धारण न होने के चलते उन्हें एईएस में रखा गया है। जिला मलेरिया अधिकारी एके मिश्रा ने बताया कि मच्छरों के काटने से डेंगू व मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। किशोर में एक साथ डेंगू, मलेरिया व स्क्रबटाइफस के लक्षण मिले थे। इसे इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) बांसी में रखकर उपचार कराया गया। किशोर पूरी तरह से स्वस्थ है। विभाग- डेंगू मलेरिया से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। समुदाय के लोग यह ध्यान रखें कि घरों के छत पर, अगल-बगल, बाथ टब, फ्रिज व कूलर जैसी जगहों पर गंदा पानी न ठहरे। गंदा पानी में लार्वा छोड़ देने से बीमारी फैलनी शुरू हो जाती है।              


बैक्टीरियोफेज करेगा 'कोरोना' का खात्मा

गंगाजल में मौजूद बैक्टीरियोफेज करेगा। कोरोना वायरस का खात्मा होगा ह्यूमन ट्रायल ये बड़ी बातें आई सामने।


नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रही है। अबतक 80 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। और संक्रमितों का आंकड़ा पचास लाख के करीब पहुंच गया है। देश में पिछले 24 घंटों में 83,809 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले 11 सितंबर को रिकॉर्ड 97,570 संक्रमण के मामले दर्ज हुए थे. वहीं 24 घंटे में 1054 लोगों की जान चली गई है। देश में दो सितंबर से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। अच्छी खबर ये है कि 24 घंटे में 79,292 मरीज ठीक भी हुए हैं।


वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के रिसर्च में यह दावा किया गया है कि गंगाजल में मौजूद बैक्टीरियोफॉज कोरोना वायरस को हरा सकता है। गंगाजल से कोरोना के इलाज के ह्यूमन ट्रायल की तैयारी के बीच इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के आगामी अंक में जगह मिली है। बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. रामेश्वर नाथ चौरसिया, न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. वीएन मिश्रा की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने 490 लोगों पर सर्वे किया। प्रो. वीएन मिश्रा ने बताया कि टीम ने शुरुआती सर्वे में पाया कि नियमित गंगा स्नान और गंगाजल का किसी न किसी रूप में सेवन करने वालों पर कोरोना संक्रमण का तनिक भी असर नहीं है। गंगा के 50 मीटर के दायरे में रहने वाले नियमित गंगा स्नान और गंगाजल का सेवन करने वाले 273 लोगों पर सर्वे किया गया। इसमें 30 से 90 आयुवर्ग के शामिल थे। इसमें से किसी को कोरोना नहीं हुआ। इस सर्वे ने हमारी रिसर्च को बल दिया।
वहीं 50 मीटर के दायरे में रहने वाले 217 लोगों को भी शामिल किया गया जो गंगाजल का किसी रूप में इस्तेमाल नहीं करते थे। इसमें से 20 लोगों को कोरोना हुआ और उसमें से दो की मौत भी हो गई।


बैक्टीरियोफॉज से तैयार किया स्प्रे
प्रो. मिश्र ने बताया कि गोमुख बुलंदशहर कानपुर प्रयागराज वाराणसी सहित 17 स्थानों से बैक्टीरियोफॉज के सैंपल लिए गए। इसमें पाया गया कि जहां गंगा पूरी तरह स्वच्छ हैं। उसमें दूसरे बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है। हमारी टीम ने एक स्प्रे तैयार किया है। और इससे कोरोना का मुकाबला किया जा सकता है। हमारी टीम ने बीएचयू की एथिकल कमेटी से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी है। हम लोग 198 लोगों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल करेंगे। यह शुद्ध गंगाजल है ।तो इसके किसी साइड इफेक्ट का भी कोई प्रश्न नहीं है। टीम में एडवोकेट अरुण गुप्ता, डॉ. अभिषेक पाठक डॉ. वरुण कुमार सिंह, डॉ. आनंद कुमार डॉ. रजनीश चतुर्वेदी, शोध छात्रा निधि शामिल रहे।


स्वीकार हो गया है। शोध
दो सितंबर को ही यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में स्वीकार हो गया है। उम्मीद है।जल्द ही प्रकाशन भी हो। जाएगा। इसी बीच आइएमएस को स्प्रे से उपचार के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद 198 कोरोना मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए योजना बनाई गई है। प्रो. मिश्र ने बताया कि अगर सफलता मिलती है। तो मात्र 10 रुपये में ही स्प्रे के रूप में कोरोना की दवा मिल सकती है।           


वर्मा के सवाल पर नायडू ने दिया जवाब

काग्रेस पार्टी ने आपका डिमोशन कर दिया। सत्र के दौरान सांसद छाया वर्मा के सवाल पर सभापति वेंकैया नायडू ने दिया मजेदार जवाब।


नई दिल्‍ली। संसद के दोनों सदनों में सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंची रहती हैं। मगर बीच-बीच में कुछ ऐसे वाकये होते हैं। जो सांसदों के चेहरों पर मुस्‍कान बिखेर जाते हैं। कोरोना वायरस से प्रभावित इस साल के मॉनसून सत्र में भी ऐसा ही वाकया सामने आया है। मंगलवार को सुबह में राज्‍यसभा की कार्यवाही चल रही थी। इसी दौरान छत्‍तीसगढ़ से कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने सभापति एम वेंकैया नायडू से कहा क‍ि वह राज्‍यसभा की सदस्‍य हैं। मगर लोकसभा में बैठी हैं। अपनी हाजिरजवाबी और वन लाइनर्स के लिए मशहूर नायडू ने तपाक से कहा। ‘आपका डिमोशन कर दिया गया है।राज्‍यसभा में सुबह करीब सवा नौ बजे बीजेपी सांसद डॉ विकास महात्‍मे अपनी बात रख रहे थे। इसके बाद सभापति ने छाया वर्मा का नाम पुकारा। फिर पूछा- छाया जी कहां। पीछे से आवाज आई  श्रीमता छाया वर्मा लोकसभा गैलरी से बोल रही हूं। गैलरी नहीं। लोकसभा से बोल रही हूं। हूं राज्‍यसभा की सदस्‍य। इतना बोलते ही सदन में ठहाके लगे। कांग्रेस सांसद को हाथ उठाकर दिखाना पड़ा कि वे कहां बैठी हैं। छाया ने मनरेगा को लेकर अपनी बात रखी। जब उन्‍होंने अपनी बात खत्‍म की तो नायडू ने कहा। सदस्‍य कहीं भी बैठें ।मैंने अनुमति दी है। मगर आपका डिमोशन यानी लोअर हाउस में भेजने का निर्णय गुलाम नबी आजाद जी और आनंद शर्मा जी ने और (जयराम) रमेश जी ने मिलकर किया है। मैं जिम्‍मेदार नहीं हूं ।उसके लिए। एक बार फिर सांसद हंस पड़े।


कांग्रेस सांसद ने अपनी बारी आने पर कहा। पिछले दिनों लॉकडाउन की वजह से मजदूरों पर बहुत बड़ी विपदा आई। मनरेगा का काम केवल 100 दिन चलता है। आपकी अनुमति से मैं चाहती हूं। कि मनरेगा का काम 200 दिन चले और समय पर उन्‍हें मजदूरी मिले और कार्यमूलक योजना हो। संसद की कार्यवाही में कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। लोकसभा के इतिहास में पहली बार सांसदों को अपनी सीटों पर बैठकर बोलने की अनुमति दी गई। यह भी इतिहास में पहली बार है।जब निचले सदन की कार्यवाही के दौरान कई लोकसभा सदस्य राज्य सभा में बैठ रहे हैं। संसद के उच्‍च सदन की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा सदस्यों को लोकसभा में बैठने का मौका मिलता है।           


आपातकालीन कॉल से मिलेगी सुविधा

रायपुर में कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन के लिए। इस नंबर पर करें कॉल और पाएं पूरी जानकारी।


रायपुर। कोविड 19 के मरीजों को आपातकालीन सेवाओं के लिए जिला प्रशासन रायपुर द्वारा होम। आइसोलेशन एम्बुलेंस व्यवस्था और आपातकालीन सहायता के लिए विशेष टेलीफोन नम्बर जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा आपातकालीन सेवाओं के लिए कलेक्टर कार्यालय स्थित। आपातकालीन सहायता केन्द्र के टेलीफोन नम्बर- 0771-2445785, होम आइसोलेशन सहायता हेतु 75661-00283 और दक्ष कमांड सेन्टर (आपातकालीन सहायता केन्द्र) 0771-4320202 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसी तरह होम आइसोलेशन वाले मरीजों को आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचाने एम्बुलेंस व्यवस्था के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ए.ओ.लारी, उप संचालक के मोबाईल नम्बर 94063-46840 और डी.के.सिंह उप संचालक मत्स्य पालन के मोबाइल नम्बर। 88397-78979, शाम 6 बजे से प्रातः 6 बजे तक हरिकृष्ण जोशी, परियोजना अधिकारी के मोबाइल नम्बर 95255-43148 एवं एस। जोसेफ, सहायक परियोजना अधिकारी 98261-23957 पर सम्पर्क किया जा सकता है।                 


मंदिर के पुजारियों को मिलेंगे ₹1 हजार

ममता बनर्जी का चुनावी लॉलीपॉप मंदिर के पुजारियों को हर महीने मिलेंगे 1 हजार रूपये।


कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही ममता बनर्जी सरकार ने चुनावी पत्ते फेंटने शुरू कर दिये हैं। अब राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा एलान करते हुए। बताया कि सरकार ने फैसला लिया है। कि अब हर महीने मंदिरों में पूजा करने वाले पंडितों को सरकार एक हजार रुपए देगी। प्रदेश सरकार की इस योजना से राज्य के लगभग आठ हजार पंडितों को फायदा मिलेगा। सरकार जैसे वक्‍फ बोर्ड के सभी इमामों को हर महीने वजीफा देती है। उसी तरह पंडितों को भी हर महीने हजार रूपये की सहायता राशि देगी।


इसके अलावा जिस पंडित के पास घर नहीं है। उन्हें बंगाल आवास योजना में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है। कि प्रदेश के पुरोहितों ने सरकार से जमीन की मांग की थी। सरकार ने उनकी वो मांग भी मान ली है। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने एक प्रेस कांफ्रेस में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष जान बूझकर सरकार को बदनाम करने में लगा है। उन्‍होंने दुर्गा पूजा को लेकर भी सुझाव दिए और इसमें हरसंभव मदद की बात कही।           


आंगनवाड़ी में दूध बंटेगा, अंडे खिलाएंगे

सीएम शिवराज ने कहा- कुपोषण दूर करने आंगनबाड़ी के बच्चों को अंडा नहीं दूध बांटा जाएगा।


भोपाल। मध्यप्रदेश में 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर आंगनबाड़ी के बच्चों को दूध बांटा जाएगा। अब बच्चों को अंडा नहीं खिलाया जाएगा। दूध पिलाने से बच्चों का कुपोषण दूर होगा। सीएम शिवराज चौहान ने अपने बयान में यह बातें कही है।               


मुंगेली जिले में 1 हफ्ते का लॉकडाउन लगा

छत्तीसगढ़ के इस जिले में लगाया। गया एक हफ्ते का संपूर्ण लॉकडाउन कलेक्टर ने जारी किया आदेश।


मुंगेली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते मुंगेली जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रों में 1 हफ्ते का संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन 17 से लगाया जाएगा। जो 23 सितंबर तक रहेगा। कलेक्टर ने आज इसका आदेश जारी किया। सरकारी व निजी कार्यालयों को बंद करने के आदेश दिए हैं। कर्मचारियों को घर से काम करने कहा गया है। इस दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बन्द रहेंगे। मेडिकल खाद्य व अन्य जरूरी सेवाओ को सशर्त छूट दी गई है। बता दें कि जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 781 हो गई है। वहीं इलाज के बाद 319 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।अभी जिले में 462 एक्टिव केस है।               


राज्यों में ऑक्सीजन की कमी का संकट

देश में बेलगाम हुआ कोरोना वायरस। राज्यों में ऑक्सीजन की कमी का संकट बढ़ा केंद्र सरकार को जारी करना पड़ा ये आदेश।


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की कमी का संकट भी बढ़ता जा रहा है। कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का आलम यह है कि राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगा दी। वहीं गुजरात सरकार ने अपने लिए 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट मध्य प्रदेश। कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों से मिली हैं। कई राज्यों में कमी की वजह से ऑक्सीजन वाले सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। असल में कई राज्य ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दूसरे राज्य में स्थित कंपनियों पर निर्भर हैं। दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक से उपजे संकट के बीच केंद्र सरकार को इसे लेकर एक आदेश जारी करना पड़ा है। अंग्रेजी न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक नहीं लगाने को कहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद केंद्र को यह आदेश जारी करना पड़ा। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोकने नहीं लगाने की अपील की है। वास्तव में  ? महाराष्ट्र में भी ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट है। इसलिए सीएम उद्धव ठाकरे दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक की बात कर रहे हैं। कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र सरकार की कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और डिप्टी सीएम अजीत पवार ने स्वीकार किया था। कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है। पुणे में एक प्राइवेट अस्पताल के निदेशक का कहना है।कि उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो रही है। रोजाना 25 जंबो सिलेंडर की आवश्यकता होती है। लेकिन सप्लाई सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। महाराष्ट्र सरकार के ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगाने के बाद से मध्य प्रदेश के जबलपुर और शिवपुरी सहित पूरे महाकौशल में ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया है। जबलपुर में कोरोना केस बढ़ने से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है। जिला प्रशासन छत्तीसगढ़ से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कवायद में जुटा हुआ है। अकेले जबलपुर में 1200 ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रतिदिन की खपत है। जबलपुर के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भिलाई से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है। कि एमपी के देवास छिंदवाड़ा, दामोह में भी ऑक्सीजन का संकट दिख रहा है।


ऑक्सीजन सप्लाई पर लगाई रोक।


राजस्थान सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दूसरे राज्यों में। ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगा दी है। राजस्थान के भिवाड़ी अलवर और नीमराणा में ऑक्सीजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इन इलाकों से उत्तर प्रदेश गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे जगहों पर ऑक्सीजन जाती है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते राजस्थान सरकार ने रोक लगाने की बात कही है. राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडर के इंडस्ट्रियल इस्तेमाल पर भी रोक लगा रखी है।


गुजरात सरकार ने दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक तो नहीं लगाई है।लेकिन उसने इस फैसले को दूसरे तरीके से लागू किया है।गुजरात ने राज्य में 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखने को कहा है।कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुजरात में उत्पादित ऑक्सीजन के स्टॉक में से प्रतिदिन 350 टन रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है। गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार गई है। गुजरात से राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में ऑक्सीजन सप्लाई होती है।गुजरात में प्राइवेट कंपनियां रोजाना 750 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करती हैं। कोरोना मरीजों के बढ़ने की वजह से गुजरात के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की रोजाना डिमांड 200 टन से बढ़कर 300 टन हो गई है।गुजरात के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल कहते हैं कि ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनियों को आदेश दिया है कि राज्य में 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखा जाए।


ऑक्सीजन की कमी से अब्दुल्ला चिंतित।


नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी जम्मू के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा।कि ऑक्सीजन की कमी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के जवाब के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि स्थिति विशेष रूप से पिछले एक सप्ताह के दौरान।         


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...