नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन सीमा दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में चीनी सेना के लिए तनाव के सबसे गर्म केंद्र के रूप में शामिल हो गई है। विवाद के इन क्षेत्रों ने बीजिंग की महत्वाकांक्षाओं और सैन्य क्षमता पर दुनियाभर के लिए बढ़ते खतरे का कारण बना है, जैसा कि चीन में सैन्य घटनाक्रमों पर पेंटागन की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है। चीन में दुनिया में सबसे बड़ी जमीन बल, नौसेना, तट रक्षक और समुद्री रक्षक है, साथ ही इसके पास भारत-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी वायु सेना है।
कई अर्थों में, लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की आक्रामकता रणनीतिक समझदारी नहीं है। चेयरमैन शी जिनपिंग और चीनी राष्ट्र को कई बिंदुओं पर घर्षण का सामना करना पड़ रहा है, तो यह भारतीय सीमा को उस सूची में क्यों जोड़ेगा? यूं जियांग और एडम नी, चीन नीकन न्यूजलेटर के संपादकों ने आकलन किया, "न तो चीन और न ही भारत अपनी सीमा पर एक निरंतर पंक्ति चाहता है। भारत का इस वक्त कोरोना वायरस से बुरी तरह से प्रभावित है। वर्तमान में देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 लाख तक पहुंच गई है, भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। इसकी अर्थव्यवस्था एक बड़े पैमाने पर हिट ले रही है (इसवित्त वर्ष में 11.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है)। दूसरी ओर चीन अमेरिका के साथ हांगकांग और झिंजियांग के साथ अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परेशानियों की बढ़ती सूची में उलझा हुआ है।
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