सोमवार, 31 अगस्त 2020
फर्जीवाड़ाः प्रेमी के साथ भागी ऑस्ट्रेलिया
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सितंबर 1, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-18 (साल-02)
2 मंंगलवार, अगस्त 1, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, शुुुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:28, सूर्यास्त 07:10
5. न्यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।
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रविवार, 30 अगस्त 2020
तिब्बतः मुद्दों पर घबराएं 'चीनी राष्ट्रपति'
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हाल के दिनों में तिब्बत को लेकर चिताएं बढ़ गई है। दरअसल, उनकी सरकार की तरफ से लगातार तिब्बतियों को अपने पाले में करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है, लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई है।
इस कारण चीन को एक तरफ अलगाववाद की चिंता सता रही है तो दूसरी तरफ भारत के साथ लगती सीमा पर मुंह की खाने के बाद सुरक्षा को लेकर नींद भी उड़ी हुई है। दरअसल, तिब्बत को लेकर पांच साल बाद एक बैठक का आयोजन किया गया था, लेकिन इसमें चीन के राष्ट्रपति का चेहरा और जबान दोनों ही उनकी चिंता को व्यक्त करने में जुटे थे।
पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद 'तिबब्त पॉलिसी बॉडी' की उच्च स्तरीय बैठक की गई।
सेना ने 18 आतंकियोंं को किया ढेर
काबुल। अफगानिस्तानी सेना ने शनिवार को तालिबान के 18 आतंकवादियों को ढेर किया और पूर्वी नानगरहार प्रांत के एक इलाके को तालिबान से मुक्त करा लिया। प्रांत परिषद के प्रमुख अहमद अली हजरत ने इसकी जानकारी दी।
हजरत के मुताबिक अफगानी सेना ने जाबित जाहीर काला नाम के इलाके पर कब्जा किया और सुरक्षा अभियान में 18 तालिबानी आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा।
सदस्यों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन
लंदन। ब्रिटेन में तिब्बती और उइगर समुदाय के सदस्यों ने लंदन में मानवता के खिलाफ 'जघन्य अपराधों की नौवीं वर्षगांठ' 'काला दिवस' के तौर पर मनाते हुए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया शुक्रवार को यहां तुर्किस्तान, वर्तमान में शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के पार्टी सचिव चेन क्वांगू के नेतृत्व में तिब्बती समुदाय UK, विश्व उइगर कांग्रेस और ग्लोबल अलायंस फॉर तिब्बत एंड पर्सपेक्टेड माइनॉरिटीज के तत्वावधान में विरोध प्रदर्शन किया गया।
चीनः इमारत ढहने से 29 लोगों की मौत
बड़ी खबर-इमारत ढहने से 29 लोगों की मौत, 57 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया,कई लोगों की हालत नाजुक।
बीजिंग। चीन में एक भीषण हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा शांक्सी प्रांत के लिनफेन शहर में हुआ। बताया जा रहा है कि एक रेस्टोरेंट गिर गया जिससे 29 लोग मारे गए। एक रेस्तरां की इमारत ढहने से इस हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। स्थानीय अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
बचाव दल के अनुसार, यह हादसा शनिवार सुबह करीब 9.40 बजे हुआ जब परिजन और साथी गांव के लोग जियांगफेन काउंटी के चेनझुआंग गांव के जक्सियन रेस्तरां में एक 80 वर्षीय व्यक्ति के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने गए थे।
बचाव दल का काम रविवार सुबह जाकर पूरा हुआ। इस दो मंजिला इमारत के ढहने के बाद इसके मलबे से 57 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, उनमें से 29 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, सात गंभीर रूप से घायल हुए और 21 अन्य को मामूली चोटें आईं।
सूत्रों के मुताबिक, जिस दौरान हादसा हुआ, उस वक्त रेस्टोरेंट में कई लोग एक बर्थडे पार्टी के लिए मौजूद थे। इनमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया कि कुल कितने लोग उस वक्त रेस्टोरेंट में मौजूद थे।
मनमानी नहीं करने देगें 'जापान-अमेरिका'
बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी/ टोक्यो। दक्षिण व पूर्व चीन सागर के अहम जलमार्गो की यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का जापान और अमेरिका मिलकर विरोध करेंगे। दोनों देशों को उम्मीद है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी उनका साथ साथ देगा।जापानी रक्षा मंत्री तारो कोनो ने इस मुद्दे पर अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क एस्पर से अपनी राय साझा की। यह बातचीत तब हुई है, जब अमेरिका और चीन कई मुद्दों पर आपस में भिड़े हुए हैं। जैसे कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी की चोरी, चीन में मानवाधिकारों का दमन व विवादित दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की सैन्य गतिविधियां।
चीन और जापान के रिश्तों में तल्खी की बड़ी वजह पूर्वी चीन सागर में स्थित कुछ छोटे द्वीपों पर जापान का नियंत्रण होना है। चीन इन द्वीपों को अपना बताता है। बकौल कोनो, एस्पर ने कहा कि अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि इन द्वीपों को भी कवर करता है। अमेरिका लंबे समय से इस क्षेत्र में चीन की दबंगई का विरोध कर है और नियमित रूप से अपने युद्धपोत भेजता रहता है।
25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट
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