बुधवार, 8 अप्रैल 2020

क्राइम ब्रांच ने मरकज पर कसा शिकंजा

क्राइम ब्रांच ने कसा तबलीगी जमात के मरकज पर शिकंजा


नई दिल्ली। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अब निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज पर शिकंजा कसना प्रारंभ कर दिया है। आपको बताते जाए कि मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद जमात के अमीर मौलाना साद सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। इस मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के बैंक अकाउंट को खंगालना शुरू कर दिया है। क्राइम ब्रांच की ओर से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इनको कौन-कौन लोग फंडिंग कर रहे थे। इसके अलावा किन-किन संस्थाओं से जमात को चंदा मिल रहा था। पीएफआई संस्था से फंडिंग हुई या नहीं? इसकी जांच भी की जा रही है। इस बीच मौलाना साद की भी तलाश तेज हो गई है। फिलहाल वह फरार है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कल ही मौलाना साद को दूसरा नोटिस भेज दिया है। जिसमें 26 सवालों के जवाब मांगे गए थे। क्राइम ब्रांच ने उसके सेल्फ चरनटीन में होने की दलील को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसके पास ऑनलाइन अपनी सफाई देने का मौका है। मरकज में खाड़ी देशों से बड़ी मात्रा में फंड मिलता है, जो जांच के दायरे में है।


नागरिकों को मिले जरूरी दवाः राहुल

पहले हमारे नागरिकों को मिले ज़रूरी दवा : राहुल


नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन की भारत से आपूर्ति नहीं होने पर पलटवार की धमकी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को किसी के दबाव में आये बिना पहले अपने नागरिको को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध करानी चाहिए। गांधी ने मंगलवार को कहा कि सबसे पहले हमारे नागरिको की ज़रूरत पूरी होनी चाहिए और उनको पर्याप्त मात्रा में ज़रूरी दवा मिलनी चाहिए उसके बाद ही ज़रूरतमंद देशो की मदद की जानी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, दोस्ती में बदला नहीं होता। भारत को संकट के समय सभी ज़रूरतमंद देशों की मदद करनी चाहिए लेकिन पहले देशवासियो के लिए पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवा उपलब्ध होनी चाहिए। गौतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सी क्लोरोच्ीन दवा के निर्यात से प्रतिबंध नहीं हटाया तो वह जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। इस दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है जिसे देखते हुए श्री ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा की आपूर्ति के लिए गुहार लगाई थी।


शबे बारात, घरों में इबादत करेंः नकवी

शब-ए-बारात की रात घरों में ही इबादत करें:नकवी


नई दिल्ली। शब-ए-बारात को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिम समुदाय से दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। नकवी ने लोगों से कहा है कि वे शब-ए-बारात के मौके पर लॉकडाउन और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंन्सिंग) के दिशानिर्देशों का पालन करें और इस दौरान अपने घरों पर ही इबादत करें। नकवी ने इस दौरान अपने एक बयान में कहा कि देश के ज्यादातर धर्म गुरूओं और धार्मिक-सामाजिक संगठनों की तरफ से शब-ए-बारात के दिन पूरी तरह से लॉकडाउन का ईमानदारी से पालन करने की अपील की गई है। बता दें कि इस बार 8-9 अप्रैल की रात शब-ए-बारात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केंद्रीय वक्फ परिषद के जरिए सभी राज्यों के वक्फ बोर्डो को निर्देश दिया गया है कि सभी लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंन्सिंग के दिशा-निर्देशों का पालन कराने में प्रशासन की मदद करें। इसके साथ ही सभी राज्यों के वक्फ बोर्ड लोगों से शब-ए-बारात के दिन घरों में ही इबादत के लिए अपील करें।


लॉक डाउन में बाप-बेटे की हत्या

नीरज कुमार


पटना। जिले के दुल्हिन बाजार थाना इलाके की है जहां सोनियावा गांव में एक बाप ने अपने ही बेटे को गोली मार दी। मिली जानकारी के मुताबिक ईंट बंटवारे को लेकर हुई इस मामूली सी विवाद में बाप ने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया। बताया जा रहा है गोली लगने के कारण बेटे की हालत नाजुक बनी हुई है। उसे आनन-फानन में इलाज के लिए पटना पीएमसीएच भेजा गया है।


बताया जा रहा है कि सोनियावा गांव के रहने वाले अजय यादव पहली पत्नी के मौत हो गई थी। 8 वर्ष पहले उसने दूसरी शादी कर ली।पहली पत्नी से सुधीर कुमार(19) और रंधीर कुमार(17) दो पुत्र हैं।ईंट बंटवारा को लेकर पिता अजय यादव और पुत्र सुधीर कुमार आपस गाली गलौज करते हुए भिड़ गए।इस दौरान छोटा पुत्र रंधीर कुमार(17) को अकेले देख पिता ने पीटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।जख्मी देख बड़ा पुत्र सुधीर कुमार(19) पहुंचा ही था कि आक्रोशित पिता अजय यादव ने गोली चला दी।


घटना की सूचना मिलते ही पुलिस फ़ौरन मौके पर पहुंची और उसे इलाज के लिए स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया। जहां दोनों भाइयों की इलाज हुई।जिसके बाद गोली लगे बड़े भाई को पीएमसीएच में रेफर कर दिया गया।दुल्हिन बाजार थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि पिता ने बेटे को गोली मारी है।आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।


गाजियाबाद प्रशासन लॉक डाउन के प्रति सख्त

गाजियाबाद प्रशासन लोक डाउन के प्रति सख्त


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाजियाबाद में लॉक डाउन को देखते हुए जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा संपूर्ण जनपद में धारा 144 लागू कर दी गई है। धारा 144 लागू करने के पीछे जनता के द्वारा लॉक डाउन का स्पष्ट उल्लंघन था। छोटे दुकानदार सर्वाधिक लोक डाउन का उल्लंघन कर रहे थे। जिसको देखकर चौराहे और गलियों में मुख्य स्थानों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। सभी पुलिस निरीक्षकों को आदेश दिया गया है कि वह लॉक डाउन का निष्ठा पूर्वक पालन करें, पालन कराएं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। नोटिस चस्पा किए गए हैं। यदि इसके बाद भी सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है या कोई उल्लंघन करता पाया जाता है तो धारा 144 का उल्लंघन एवं 188 के अंतर्गत  कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं। जनता को पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की आवश्यकता है। महामारी की रोकथाम के लिए लोक डाउन का सतत पालन करना अति आवश्यक है। इसे अन्यथा ना लें और जनता पुलिस को सहयोग करें।


लॉक डाउन पर केंद्र का 'मास्टर प्लान'

नई दिल्ली। देश में इस समय कोरोना के कारण 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को खत्म होने वाली है। लेकिन कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। वही अब हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है कि क्या लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो जाएगा? या आगे तक जारी रहेगा। इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात-चीत की और मुख्यमंत्रियों ने भी जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर एक प्लान की मांग की हैं।


14 अप्रैल को हट जाएगा लॉकडाउन !
सरकार की योजना ये है जहाँ पर कोरोना संक्रमित मरीज ज्यादा है वहां से लॉकडाउन नहीं हटेगा, लेकिन जिन राज्यों या शहरों में कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है वहां से लॉकडाउन हटाया जाएगा। 14 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों से लॉकडाउन हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए भी सरकार ने कोई नीति बना रखी होगी। सरकार लॉकडाउन हटाए जाने की स्थिति में भी धारा 144 को लागू करेगी जिस से कहीं भीड़ जमा ना हो। हालांकि,14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि पूरी हो रही है लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि इस दौरान देश में से लॉकडाउन हट जाएगा। कुछ इलाकों में धारा 144 लागू रखी जा सकती है।


अमेरिकी सिंगर जॉन प्राइन की मौत

वाशिंगटन। कोरोना वायरस लगातार दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। दुनियाभर में 14 लाख से ज्यादा मरीज इसकी चपेट में हैं। जबकि 82,020 लोगों की मौत हो चुकी है। सुपर पावर अमेरिका में तो मंजर भयानक बना हुआ है। अमेरिका में इस संक्रमण के कारण 12,722 लोगों की मौत हो चुकी है। इस देश में अब भी 4 लाख लोग इस वायरस की चपेट में हैं। यहां पिछले 24 घंटे में 1939 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच खबर आई है कि 73 साल के मशहूर अमेरिकन जॉन प्राइन (John Prine) की कोरोना से मौत हो गई है। यह वायरस फिल्म जगत पर लगातार प्रहार करती नजर आ रही है। जॉन प्राइन से पहले भी कई सिंगर्स और एक्टर्स की कोरोना वायरस के कारण जानें जा चुकी हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार जॉन को लोक गीत लेखक के रूप में भी ख्याति प्राप्त थी। वह पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस से ग्रसित थे।
बता दें, भारत में लॉकडाउन के बावजूद लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 5290 हो गई है, जबकि 166 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार के बेगुसराय में कोरोना वायरस के 4 नए मरीज मिले। राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 38 हुई।


सिचुएशन पर डिपेंड रहेगा 'लॉक डाउन'

मनोज सिंह ठाकुर


रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया की उपस्थिथिति में प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को वीडियो कांफ्रेन्सिंग से हुई। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस से बचाव के संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से उठए गए कदमों, निर्णयों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से बचाव में छत्तीसगढ़ की बेहतर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से आज इस महामारी से निपटने में कामयाब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है, सतर्कता और सोशल डिस्टेंसिग बरकरार रखना है। गांव में भी यही संदेश देना है। खेतों में काम जरुरी है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिग के साथ। उन्होंने कहा कि आगे लॉक डाउन के संबंध में निर्णय सभी से विचार विमर्श कर परिस्थितयों के आधार पर होगा।उन्होंने विधायकों और जिलाध्यक्षों से उनके क्षेत्रों में आ रही परेशानियों की जानकारी ली और उसके निराकरण के आदेश भी दिए। 
बैठक में प्रभारी पीएल पुनिया ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से लिए निर्णयों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ की तारीफ पूरे देश में हो रही है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की भी तारीफ की कि उन्होंने बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए अच्छे इंतजाम किए। उन्होंने एआईसीसी के निर्देश पर गठित व्हाट्सएप ग्रुप का जिक्र किया। मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, राजेश तिवारी की भी प्रशंसा की। उन्होंने सीजी फाइट अगेन कोरोना ग्रुप के गठन के लिए शैलेश नितिन त्रिवेदी ,जयवर्धन बिस्सा,बेहतर समन्यवय के लिए गिरीश देवांगन, चंद्रशेखर शुक्ला की भी तारीफ की पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से उठाए गए कदमों की तारीफ की। उन्होंने सभी जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों से राहत और बचाव कार्य में प्रशासन का पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए। साथ ही किसी भी जरुरतमंद के लिए 24 घंटे खड़े रहने का निर्देश दिया।


स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस बात पर जोर दिया कि खतरा अभी टला नहीं है। इलाज के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। लॉक डाउन को और बढ़ाना चाहिए, दूरस्थ क्षेत्रों या जहां संक्रमण फैलने की संभावना कम हो, वहां पर इसमे छूट दी जा सकती है। बैठकमें सभी मंत्रियों ने अपने विभाग से संबंधित कोरोना बचाव के कार्यों की जानकारी दी। नगरी निकाय मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि हर निगम क्षेत्रों में महापौरों और पार्षदों के निधि का ट्रांसफर किया जा चुका है। पार्षद चाहे तो इस निधि का उपयोग लोगों को राशन सामग्री, चावल के अतिरिक्त, तेल मसाला, आटा आदि दिलाने में भी उपयोग कर सकते हैं। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राशन दुकानों और पंचायतों में खाद की उपलब्धता की जानकारी दी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में 1957 राहत कैम्प चलाये जा रहे हंै। प्रदेश की सभी सीमाओं पर कैम्प चल रहे हैं, जिसमें 12000 से अधिक लोग भोजन कर रहे हंै। मंत्री अनिला भेडिय़ा ने बताया कि 11 लाख हितग्राहियों को 3 माह का पेंशन एकमुश्त देने की व्यवस्था की जा रही है। 
मीटिंग में विभिन्न विधायकों-जिलाध्यक्षों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में जानकारी और सुझाव दिया। राजनांदगांव शहर अध्यक्ष ने राशन के साथ गैस के इंतजाम की बात कही। बिलासपुर जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने दूध स्टाल बढ़ाने की मांग रखी, जिसका कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने तत्काल आदेश दिया। जांजगीर अध्यक्ष चौलेश्वर चंद्राकर ने राज्य के बाहर गए मजदूरों कि समस्या उठाई। कवर्धा अध्यक्ष नीलू चंद्रवंशी ने किसान क्रेडिट कार्ड का मुद्दा उठाया विधायको ने अपने अपने क्षेत्र की बातें रखी।


बैठक में एआईसीसी के महामंत्री केसी वेणुगोपाल , प्रभारी सचिव चंदन यादव,प्रदेश सरकार के मंत्री ताम्रध्वज साहू रविन्द्र चौबे, ,मो.अकबर,शिव डहरिया कवासी लखमा,अमरजीत भगत, डॉ. प्रेम साय सिंह ,रुद्र गुरु,उमेश पटेल,अनिलाभेडिय़ा कांग्रेस के सांसद ज्योत्सना महंत, दीपक बैज,छाया वर्मा सहित सभी विधायक ,जिला कांग्रेस अध्यक्ष ,महापौर और पीसीसी पदाधिकारी मीटिंग में शामिल हुए।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 09, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-241 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 09, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:10,सूर्यास्त 06:45।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


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मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

भारतः वायरस ने ली 124 की जान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। न्यूज एजैंसी व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देखा जाए तो देश में पिदले 24 घंटे में 354 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए है। और इन्ही 24 घंटों में भारत में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4421 हो गई है। इनमें 3981 सक्रिय हैं, 325 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। साथ है मौत का आंकड़ा 124 पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में 1018 संक्रमित।


सोनिया के बयान पर शाह की प्रतिक्रिया

अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली। पूरे देश में लॉक डाउन का माहौल है, भारत सरकार ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है। जिसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोना सोनिया गांधी ने भले ही लॉक डाउन का समर्थन किया है। लेकिन उन्होंने इसके तरीके को गलत माना है। उनका क्या कहना है आइए जानते हैं। दरअसल सोनिया गांधी जी का कहना है, कि लोकतंत्र उड़ी तो था लेकिन इसे लागू गलत तरीके से किया गया है इस अनियोजित लॉक डाउन  के कारण प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ है। जिनकी संख्या लाखों थी लॉक डाउन एक ऐसा प्रोटोकॉल है, जो कि आपातकालीन होता है। इस स्थिति में लोगों के कहीं पर भी आने-जाने पर रोक लगाई गई है। सरकार द्वारा यह प्रतिबंध 21 दिनों के लिए गया है।


आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना वायरस के बचाव के लिए भारत सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लोग कौन किया है। जहां पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से त्राहि मचा हुआ है। वहीं भारत में इसके कारण आए दिन हालात बिगड़ते नजर आते हैं। अभी तो भारत सरकार ने कोरोना वायरस को हराने के उद्देश्य से देशवासियों से यह अपील की है, कि सभी लोग अपने अपने घरों में रहे और कोई भी बाहर ना निकले।


सीएम नीतीश कुमार एवं एवं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 21 दिनों की लॉक डाउन  के बाद देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर या अपील की है कि कोरोना वायरस का खतरा आपकी जान ले सकता है। इसीलिए अपने घरों में रहकर सुरक्षित रहें और बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतें। अपने हाथों में सैनिटाइज करें। कुछ भी छूने या खाने से पहले अच्छी तरीके से हाथ जरूर धोये। यहा  स्थिति ऐसी है कि लॉक डाउन  होने के बावजूद भी शहर के लोग नहीं मान रहे हैं। जिसकी वजह से पुलिस को डंडे का सहारा लेना पड़ रहा है। जिस शहर को लॉक डाउन किया जाता है उस शहर में कोई भी व्यक्ति के  घर से निकलने पर मनाही होती है एवं उसे स्वयं कों घरों में कैद करना होता है मात्र आवश्यक कार्य के लिए ही लोगों को घर से बाहर निकलने की आज्ञा दी जाती है।


इधर अमित शाह ने सोनिया गांधी के बयान पर तीखा और करारा जवाब देते हुए कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उनके प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं। अगर 130 करोड़ भारतीय जनता एकजुट है तो फिर कांग्रेस ऐसी राजनीति और विचार क्यों कर रही है उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में पहले सोनिया गांधी जी को अपने देश और राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए और देश की जनता को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।


आपको बता दें कि लॉक डाउन की वजह से कई जगह ट्रेनों को रोकने की वजह से लोग एवं प्रवासी मजदूर एवं यात्रा करने निकले यात्री लोग भी जगह-जगह देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं। वह अपने राज्य और अपने शहर लौटने के लिए बहुत ही प्रयास कर रहे हैं। जिन्हें कुछ को तो सरकार ने बसों के द्वारा किसी तरीके से वहां से निकाला। लेकिन अभी भी बिहारी और देश के अन्य हिस्सों से कई जगह के लोग कई जगहों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए सरकार प्रयास तो कर रही है परंतु लॉक डाउन  के दौरान  किसी भी व्यक्ति को इस शहर से दूसरे शहर में भेजना खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकार द्वारा उन लोगों को ठहरने का जगह और खाना भी दिया जा रहा है।


97 जमातीयों के खिलाफ मामला दर्ज

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस निजामुद्दीन की मरकज की तबलीगी जमात पर में शामिल हुए लोगों के खिलाफ सख्त हो गई है। पुलिस ने जानकारी छुपाने के आरोप में 97 जमातियों के खिलाफ मामले दर्ज कर दिया है। इनमें से अधिकांश ऐसे जमाती हैं जो दिल्ली में मरकज के जलसे में शामिल हुए थे। हिमाचल प्रदेश में वापस आने पर इन्होंने पुलिस और प्रशासन को अपनी यात्रा की जानकारी नहीं दी। मगर जैसे ही जमातियों का मुद्दा गरमाया तो हिमाचल पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न भागों से मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के 329 सदस्यों को ढूंढ निकाला। इन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है।


पुलिस  के अनुसार ने 14 जमातियों के खिलाफ ऊना जिले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। मंडी जिले में  सात जमातियों के खिलाफ चार एफआईआर, शिमला में  15 जमातियों के खिलाफ तीन, 45 जमातियों के खिलाफ बद्दी में दो एफआईआर, पांच जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर बिलासपुर में, दो जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर सिरमौर जिले में, आठ जमातियों के खिलाफ एक एफआईआर चंबा जिले में और एक एफआईआर कांगड़ा जिले में दर्ज की गई है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 के तहत यह मामले दर्ज किए हैं।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि 64 जमातियों ने पुलिस और प्रशासन को खुद जानकारी मुहैया करवाई है। इनके कोविड-19 सैंपल लिए गए हैं।


वीसी के माध्यम से अदालती कार्रवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की रूपरेखा तय की है और कहा कि तकनीकी यही रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों के कामकाज के लिए स्वत: संज्ञान लेकर शुरु किए मामले में विभिन्न दिशा-निर्देश पारित किए है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने निर्देश दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के तौर-तरीकों को स्थापित करने के लिए राज्य उच्च न्यायालयों के साथ संपर्क करने और सहयोग करने के लिए एऩआईसी और राज्य के अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। हमें केवल तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक कोरोना है। लॉकडाउन के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जारी रखने की आवश्यकता है।


सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने टेकनोलॉजी फ्रेंडली और व्यवहार्य विकल्पों को लागू करने की आवश्यकता भी बताई, जो न केवल लॉकडाउन के दौरान, बल्कि बाद में भी जारी रहें। यह कहते हुए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और इसके तौर-तरीके नियम कानून को सुनिश्चित करने और संविधान को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोरोना महामारी के प्रकाश में सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करना महत्वपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि सामाजिक दूरियां करने के दिशा-निर्देशों और सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा सभी उपाय किए जाएंगे। उच्च न्यायालयों को सामाजिक दूरी के लिए उपायों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया जाता है।


24 घंटे में 600 से ज्यादा संक्रमित

नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार जारी है। पूरी दुनिया में वह 70 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और 13 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। इतनी भयंकर जानलेवा बीमारी जिसका तोड़ अभी तक नहीं मिल पाया है उसे हमारे देश में कुछ लोग पता नहीं क्यों जानबूझकर छुपा रहे या यूं कहिए उसे पाल पोस  रहे हैं। भारत में भी कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 42 सौ पार कर चुकी है जिसमें से 1445 तो अकेले एक जमात है। दिल्ली की मुसीबत भी उसी जमात के लोगों ने और बढ़ा दी है। वहां भी संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। कोरोना का कहर सिर्फ भारत में ही नहीं है। ब्रिटेन में भी इस का कहर अब तेजी से बढ़ रहा है। वहां के प्रधानमंत्री खुद इसका शिकार हो चुके हैं और उन्हें आईसीयू में उन्हें भर्ती कराया नया है। भारत में ही पिछले 24 घंटे में सवा 6 सौ से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। ये बेहद चिंता की बात है।


अशोक कुमार देश के सर्वश्रेष्ठ आईपीएस

नई दिल्ली। उत्तराखंड पुलिस के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सिर्फ 25 को उत्कृष्ट के तौर पर चुना गया है।
फेम इंडिया द्वारा हर वर्ष देश के 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस की सूची जारी की जाती है। सोमवार को फेम इंडिया ने वर्ष 2020 की सर्वश्रेष्ठ 25 आईपीएस की सूची जारी की। जिसमें 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी और उत्तराखंड के डीजी (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। फेम इंडिया द्वारा विभिन्न वर्ग में 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया गया है। यह चयन देश के 4000 से अधिक आईपीएस अधिकारियों के बीच से किया गया है।असल में फेम इंडिया हर वर्ष देश के ऐसे आईपीएस अधिकारियों का सर्वे करता है जिन्होंने अपने कार्य से समाज में अभूतपूर्व योगदान दिया हो। इस लिस्ट में अधिकारियों का चयन उनकी कार्यशैली, जागरूकता ईमानदारी एवं जनता के बीच उनकी छवि सहित 11 बिंदु शामिल होते हैं। सर्वे के बाद फेम इंडिया द्वारा उत्कृष्ट आईपीएस अधिकारी का चयन किया जाता है।
वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सर्वश्रेष्ठ 25 में अपनी जगह बनाना बेहद उल्लेखनीय है। यह सभी आईपीएस अधिकारी अपने उत्कृष्ट सेवा के कारण देशभर में विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन सभी अधिकारियों को 25 कैटेगरी में बांटा जाता है और हर कैटेगरी में से एक-एक प्रमुख का नाम उत्कृष्ट आईपीएस की सूची में शामिल किया जाता है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश में सबसे सक्रिय आईपीएस अधिकारी घोषित करने के साथ ही फेम इंडिया की इस लिस्ट में उत्तराखंड का नाम भी शामिल हो गया।


समितियां बनाएगी जिले की व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर जिले में 11 समितियां (Team 11) बनाई जाए। दरअसल राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव व प्रदेश के सभी प्रमुख अफसरों के साथ 11 समितियां बनाई हैं। सीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि अलग-अलग लोगों की समिति जिले में सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे। इन 11 जिला समितियों द्वरा रोज शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ये सभी समितियां राज्य मुख्यालय पर बनी समितियों की तर्ज पर ही काम करेंगीं। जिलाधिकारी सभी समितियों के अध्यक्ष तय करेंगे।
राज्य स्तर पर सीएम योगी बना चुके हैं टीम 11


बता दें योगी सरकार ने कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जंग और लॉक डाउन को लेकर प्रदेश के आलाधिकारियों की कुल 11 समितियां (टीम 11) बनाई हैं। ये समितियां लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति (विशेष रूप से होम डिलिवरी), गरीब, कमजोर और मजदूरों तक सहायता पहुंचाने, लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने, मीडिया को सही जानकारी देने के साथ ही कई काम कर रही है। ये समितियां रोजाना रिपोर्ट सीएम कार्यालय को भेजती हैं। इसमें सभी जिलों में कंट्रोल रूम की व्यवस्था, चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों की इकाइयों द्वारा लोगों की सहायता, लोगों से लगातार संवाद और अर्थव्यवस्था पर इस लॉकडाउन से पड़ने वाले प्रभाव के लिए कार्ययोजना तैयार करना शमिल है।
मुख्य सचिव से लेकर सभी प्रमुख अधिकारियों की तय है जिम्मेदारी


एक समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव बनाए गए हैं. उनके साथ अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा व श्रम एवं सेवायोजन के अफसर सदस्य हैं। इस समिति का मुख्य काम होगा भारत सरकार और अन्य राज्य सरकारों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय स्थापित करना। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों और सेवायोजन विभाग के माध्यम से सभी छात्रों व काम करने वाले लोगों को अपनी जगह पर रहने के लिए जागरूक करना।
वहीं दूसरी समिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अध्यक्ष होंगे। उनका साथ प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास और श्रम व सेवायोजन देंगे। इस समिति का काम श्रमिकों और अन्य गरीबों को समय से भरण पोषण भत्ते का वितरण सुनिश्चित कराना। प्रदेश की औद्योगिक और व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मियों को बंदी के दौरान पूरा वेतन/मानदेय सुनिश्चित कराना। इनसे जुड़ी समस्याओं का शासन व जिला स्तर पर निराकरण कराना होगा। इसी तरह कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति का काम आवश्यक सामग्री और वस्तुएं उपलब्ध करने के लिए जिलों से समन्वय करना। अंतर जिला व जनपदीय परिवहन में आ रही दिक्कतों का निराकरण करना। प्रदेश के जनता को होम डिलिवरी से आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की व्यवस्था देखना। समिति ये भी सुनिश्चित करेगी कि ये वस्तुएं उचित मूल्य पर ही मिलें, इनमें कोई भी कालाबाजारी न हो।
इसी तरह से सरकार ने कुल 11 समितियां बनाई हैं।


जॉनसन की गर्भवती मंगेतर भी संक्रमित

ब्रिटेन। कोरोना वायरस के चपेट में अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की गर्भवती मंगेतर कैरी सायमंड्स भी आ गई है। खुद कैरी सायमंड्स ने इसकी जानकारी देते हुए एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने के बाद से पिछले एक हफ्ते से आराम कर रही हूं। मुझे अभी टेस्ट कराने की जरूरत महसूस नहीं हुई है। सात दिनों के आराम के बाद मैं मजबूत महसूस कर रही हूं और मुझमें सुधार हो रहा है।’


कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अधिक जोखिम भरा माना जा रहा है, ऐसे में कैरी सायमंड्स ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक सलाह भी साझा की है। उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञों का एक लिंक साझा करते हुए लिखा है, ‘कोविड-19 के साथ गर्भवती होना स्पष्ट रूप से चिंताजनक है। अन्य गर्भवती महिलाएं इसे पढ़ें और जरूरी सलाह का पालन करें, मुझे ये ज्यादा ठीक लग रहा है।’ इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. क्लेरेंस हाउस ने घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। मगर उनका स्वास्थ्य ठीक है। 71 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस का टेस्ट स्कॉटलैंड में किया गया था।


 


 


पुलिस-यातायात पुलिस ने बढाई सख्ती

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, मुकेश सैनी रिपोर्टर देहात, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ, रिंकू सैनी रिपोर्टर


हापुड़। प्रदेश सरकार द्वारा लॉक डाउन के चलते हुए गरीब मजदूर के जनधन खाते में धनराशि आने के बाद लोग सड़कों पर आते जाते दिखाई पड़े जिन्हें देखकर सिविल पुलिस व यातायात पुलिस सख्ती से पेश आई।


इन वाहन चालक लोगों को पक्का बाग अतर पुरा चौपुला तथा तहसील चौपला पर लोगों को चेक करना शुरू कर दिया इन लोगों को दो ही बहाने मिले कि हम बैंक जा रहे हैं या फिर हम डॉक्टर के जा रहे हैं। मेरठ गेट चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस बल के साथ करीब 20 वाहनों के चालान किए वही अतर पुरा चौपला स्थित चौकी पर यातायात पुलिस ने एक बाइक सीज की तथा दर्जनों चालान किए साथ ही तहसील चौक पर एचसीपी धर्मेंद्र कुमार तोमर ने  सात वाहन चालकों के चालान किए।


लॉक डाउन खुलने की संभावना कम

यूपी में 15 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने की संभावना कम, प्रमुख सचिव ने दिये संकेत, बोले, इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण!



बृजेश केसरवानी


लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूपी में अबतक 305 कोरोना पॉजीटिव केस आ चुके है, जिसमें तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में सरकार 15 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खोलने की स्थिति में नहीं है। तब्लीगी जमात से लौटने वाले लोगों के कारण वायरस से संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिसने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। जिसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार लॉकडाउन पीरियड को 14 अप्रैल से आगे बढ़ा सकती है। 
सोमवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में इसके संकेत दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से तबलीगी जमात में शामिल लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो रही है उससे प्रदेश में मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। अगर ऐसा ही रहा तो 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलना संभव नहीं होगा। 
अवनीश अवस्थी ने बताया कि शाम चार बजे तक यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 305 हैं। इनमें से 159 लोग वे हैं, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए आयोजन में हिस्सा लिया था। बताया कि सरकार अब जमात से जुड़े जिन लोगों में संक्रमण पाया गया है उनके संपर्क में आया है उनको ट्रेस किया जा रहा है।
बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार को सभी जिलों के धर्मगुरुओं से भी बात की। इस बातचीत में सभी ने की सहमती थी कि इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है। सभी ने अपना इसमें सहयोग देने की बात कही है। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यूपी में 305 में से 159 केश तब्लीगी जमात के लोग हैं। आगे इनकी संख्या बढऩे की भी संभावना है। अब जो भी पकड़ में आएगा, उसका कोरोना वायरस टेस्ट जरूर कराया जाएगा। हालात संवेदनशील हैं। अगर एक भी कोरोना संक्रमित बच जाता है तो पूरे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। इसी कारण प्रदेश में अब भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है।


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। नंबर 1 लॉक डाउन के चलते हुए गत सोमवार को ततारपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया पर कुछ महिलाएं में लोग बैंक से पैसे निकालने आए थे। इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नही किया। जिसकी कवरेज हापुड़ न्यूज़ की टीम ने की थी।


आज मंगलवार को जनधन बैंक अकाउंट में सरकार द्वारा पैसे आने की सूचना पर लोग भारी मात्रा में ततारपुर स्थित बैंक में लाइन लगाए हुए सोशल स्टैंड सिंह का पालन करते हुए दिखाई दिए सी न नंबर 2 यहां पक्का बाग स्थित एसबीआई बैंक के बाहर भारी मात्रा में महिला व पुरुष बैंक  के बाहर खड़े दिखाई दिए और यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी भूल गए, मौके पर पहुंची देहात पुलिस ने उन्हें 1 मीटर दूरी बनाने को कहा और कुछ लोगों को डांटा फटकारा भी तब जाकर यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर खड़े हुए सी नंबर 3 गढ़ रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक मैं भी महिलाओं का यही हाल था। यह महिलाएं पैसा निकालने के लिए बैंक में बगैर दूरी बनाए हुए लाइन में खड़े थे एक सज्जन ने मेरठ गेट पुलिस को सूचित किया कि यहां बैंक में महिलाओं की भीड़ लगी है मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस के साथ इन महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लाइन में लगाया जब बैंकों में भीड़ लगी होने की की सूचना पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह को मिली तो उन्होंने सिटी कोतवाल अवनीश गौतम को तथा महिला थाना प्रभारी को वायरलेस सेट पर सूचित करते हुए आदेशित किया कि  बैंकों के बाहर भीड़ एकत्रित ना होने दें और यदि यह लोग नहीं मानते हैं तो इनसे सख्ती से निपटा जाए यह हाल इन तीन बैंकों का ही नहीं नगर में अधिकतर बैंकों में ऐसी ही भीड़ देखी जा सकती है।


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