शनिवार, 28 दिसंबर 2019

'बढ़ती यौन हिंसा' से महिलाओं में तनाव

नई दिल्ली। बलात्कार और यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण महिलाओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी और पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर और यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं।


राजधानी के हैबिटाट सेंटर में इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी की ओर से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित तीसरी राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर से आए मनोचिकित्सकों ने बताया कि पिछले कुछ समय के दौरान मनोचिकित्सकों के पास इलाज के लिए आने वाली उन महिलाओं की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है अतीत में बलात्कार, यौन हिंसा या यौन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।


इन विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है उनमें रक्त चाप, हृदय रोग, अनिद्रा, डिप्रेशन और एंग्जाइटी होने का खतरा दो से तीन गुणा बढ़ जाता है। इस संगोष्ठी में देश भर के मनोचिकित्सकों एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस संगोष्ठी में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, आसपास के वातावरण, यौन हिंसा के मनोवैज्ञानिक प्रभाव, घरों और कार्यस्थलों पर हिंसा एवं मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया।


भोपाल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. रजनी चटर्जी ने कहा कि घर या बाहर होने वाले यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा महिलाओं में डिप्रेशन एवं एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों का मुख्य जोखिम कारक है और इस समस्या की रोकथाम के लिए महिलाओं की सुरक्षा में सुधार, शिक्षा एवं जागरूकता, त्वरित न्याय प्रक्रिया एवं महिला अनुकूल सामाजिक वातावरण जरूरी है।


वरिष्ठ मनोचिकित्सक एवं संगोष्ठी की आयोजक अध्यक्ष डा. नीना बोहरा कहती हैं कि महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर विचार करते समय हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का गहरा मानसिक प्रभाव पड़ता है। यौन हिंसा एवं अपराध की शिकार महिलाओं का मनोचिकित्सकीय मदद अवश्य मिलनी चाहिए अन्यथा इसके कारण उनमें ताउम्र के लिए मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।


मुंबई की मनोचिकित्सक डा. रूकशीदा सइदा ने कहती हैं कि यह देखा गया है कि जो महिलाएं इलाज के लिए आती हैं उनमें पुरुषों की तुलना में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं लेकिन कम महिलाएं ही मानसिक समस्याओं के उपचार के लिए सामने आती हैं।


कोलकाता की मनोचिकित्सक डा. शर्मिष्ठा चक्रवती ने कहा कि महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पुरुषों से अलग होता है और वे पुरुषों की तुलना में सिजोफ्रेनिया और बाई पोलर डिसआर्डर से अधिक पीड़ित होती हैं। आज महिलाओं में मादक द्रव्यों का भी प्रयोग बढ़ रहा है।


महिलाओं को हार्मोन समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उनके साथ घर एवं दफ्तर में यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा होने का खतरा अधिक रहता है। इसके कारण आज महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को अधिक महत्व दिए जाने की जरूरत है।


गुंडागर्दी का पर्याय बन गई राजनीति

कमल जगाती


नैनीताल। उत्तराखण्ड के नैनीताल में मुख्यमंन्त्री ने राज्य सिविल सेवा के नए बैच को कार्यालयों में महिलाओं के साथ दुराचार संबंधी विषय पर नैतिक मूल्यों का संदेश दिया और आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया ।आर.एस.टोलिया प्रशासनिक अकेडमी में 12 हफ्ते के नायब तहसीलदार ट्रेनियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है । कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के साथ शारीरिक शोषण नामक सब्जेक्ट पर चल रहे इस महत्वपूर्ण कोर्स में 47 ट्रेनी अधिकारी शामिल हैं । आयुक्त और मुख्यमंन्त्री के सचिव राजीव रौतेला ने बताया कि पहले इस अकादमी में देशभर से प्रशिक्षु आते थे लेकिन कालांतर में इसे उत्तराखण्ड तक सीमित कर दिया गया । इन प्रशिक्षुओं की यहां और अल्मोड़ा में ट्रेनिंग चल रही है । प्रोफेसर, अधिकारी व अन्य लोगों को भी ट्रेनिंग कराई जा रही है । उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंन्त्री के विचार, निर्देश और दिशानिर्देशों को ध्यान से सुनकर जीवन मे क्रियान्वित करें । इस दौरान छात्र छात्राओं के लिए कुमाऊनी भाषा की पुस्तकों का भी अनावरण किया ।      मुख्यमंन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्हें लोक भाषाओं में विश्वास है और इसका व्यापक प्रचार प्रसार और संग्रहालय में संरक्षण होना चाहिए । उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोक भाषा मे बोलना चाहिए, हमने बोलना छोड़ा, इसलिए ही हमारी भाषा कम होती जा रही है । उन्होंने कहा की आप अधिकारियों को गांव गांव में अच्छा व्यवहार और काम करना चाहिए । उन्होंने ये भी कहा कि इंसान के अंदर और बाहर का रंग एक जैसा होना चाहिए, अच्छा बनना चाहिए क्योंकि उनसे ही समाज चलता है । उन्होंने राज नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति बदमाशी का पर्याय हो गयी है । नेताओं ने कुछ न कुछ तो बनना ही है । कर्मचारियों को तो डेली वेज में रखा जा सकता है लेकिन विधायक तो चुनना ही पड़ेगा । माता पिता ने अच्छे बच्चों को इस क्षेत्र में आने से रोकना नहीं चाहिए । मुख्यमंन्त्री ने ट्रेनीज को बताया कि आपका सामना अच्छे और गंदे लोगों के साथ पड़ेगा, आप लोग भी तो हमारे बीच से ही हो । जिम्मेदारी, नैतिक मूल्यों के लिए जगह होने के बाद आएगी । आप अपने काम को दायित्व समझकर करें । मैं मुख्यमंन्त्री कह रहा हूँ कि हर काम नहीं हो सकता, लेकिन आप मुस्कुराकर सामना करें । मुख्यमंन्त्री के साथ इस बीच उनके सचिव मेहरबान सिंह नेगी और सलाहकार रमेश भट्ट रहे । इसके अलावा आयुक्त राजीव रौतेला, डी.आई.जी.जगत राम जोशी, जिलाधिकारी सवीन बंसल, एस.एस.पी. सुनील कुमार मीणा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी आदि मौजूद रहे ।


संप्रदायिकता में घोला जहर, भूले कसम

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को मेरठ के अफसरों के विवादित बोल का वीडियो जारी करके भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।


प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।”


गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है। अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है। प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है।


इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे गलत हैं। इस पर अफसर कहते हैं कि उनको कह दो कि “वे दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।”इस दौरान उन्होंने कहा कि “यह गली मुझे याद हो गई है। जो एक बार याद कर लेता हूं तो उसे भूलता नहीं हूं। एक-एक आदमी को जेल भेज दूंगा। सुन लिया न।” इसके बाद वह फोर्स के साथ चले जाते हैं।


अयोध्या में नई घटने दी कोई अप्रिय घटना

अयोध्या। अयोध्या में एक बार फिर दिखी गंगा जमुनी तहजीब चारों तरफ रहा शांति का माहौल जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी रहे सतर्क मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने गस्त भी लगाया और रूट मार्च किया। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं प्राप्त हुई है। आज जुम्मे की नमाज को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट पर थी ।
अनिल निषाद


हिंसा से सबक, चाक-चौबंद रहा प्रशासन

मेरठ। बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वेस्ट यूपी के कई जिलों में हुई हिंसा में सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। एडीजी प्रशांत कुमार, आईजी आलोक सिंह, डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी, एसएसपी मेरठ अखिलेश नारायण सिंह ,सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला भारी फोर्स के साथ नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न करने के मौके पर डटे रहे।


अरविंद शर्मा


 


एसडीएम की अध्यक्षता में व्यवस्था बैठक

एसडीएम की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक का हुआ आयोजन एसडीएम की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक का हुआ आयोजन


जसवन्त कुमार वर्मा
लखीमपुर खीरी। सिंगाही थाना परिसर में आयोजित पीस कमेटी की बैठक में एसडीएम ने लोगों को एनआरसी और सीएए से संबधित जानकारी देकर शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की गई।
थाना परिसर में एसडीएम निघासन ओपी गुप्ता की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें थाना क्षेत्र व कस्बे के संभ्रांत व्यक्तियों को बुलाया गया और क्षेत्र से आए ग्राम प्रधान व संभ्रांत व्यक्तियों से उनके क्षेत्र में होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली। लोगों से अपने अपने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की। बैठक मे ओपी गुप्ता ने एन आर सी/सी ए बी के विरोध मे चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस संबंध में बैठक में आए सभी संभ्रांत व्यक्तियों से बात चीत की और कहा कि यह एन आर सी किसी भी धर्म अथवा जाति विशेष के विरुद्ध नहीं है। क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार वर्मा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इससे किसी भी नागरिक को घबराने की जरूरत नहीं है और इसमें कोई भी कार्य बाही बिना किसी जांच पड़ताल के नहीं की जाएगी। थानाध्यक्ष अजय कुमार रॉय ने शासन स्तर से भेजे गए पंपलेट ग्राम प्रधान व पीस कमेटी में सभी लोगों को वितरित किए।जिसमें एनआरसी/सीए बी के बारे में जो लोगों में भ्रम है उसे दूर करने के लिए पूरी जानकारी दी गई है।


शिवसेना से जलती है भाजपाः आदित्य

मुंबई। बीते महीने महाराष्ट्र में सत्ता का महासंग्राम थमा और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। विधानसभा चुनाव के नतीजों में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र की सत्ता से बाहर हो गई। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। शिवसेना प्रमुख के बेटे आदित्य ठाकरे भी चुनावी मैदान में थे और वरली विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर पहली बार MLA बने। आदित्य ने BJP पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी शिवसेना से जलती है क्योंकि अब वह सत्ता से बाहर है।
आदित्य ठाकरे ने कहा, 'सत्ता से बाहर होने पर वो (BJP) दुखी हैं और मैं उन्हें कभी 'बरनॉल' लगाने की सलाह नहीं दूंगा। हम उनका दर्द समझते हैं लेकिन हम अपने काम पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। इसकी वजह है कि लोगों ने हम पर विश्वास जताया है। हमने जनता से किए अपने वादों को पूरा करना भी शुरू कर दिया है, जैसे कि कर्ज माफी, 10 रुपए में भोजन या फिर लोगों को घर मुहैया कराना हो।'


'गुरु गोविंद जयंती' पर अवकाश की घोषणा

रायपुर। राज्य के सिक्ख धर्मावलंबी आगामी दो जनवरी 2020 को गुरू गोविंद सिंह जी की जयंती धूम-धाम से मना सके इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐच्छिक अवकाश प्रदान करने की घोषणा की है। 
श्री बघेल इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा और छत्तीसगढ़ राज्य अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर दो जनवरी 2020 को ऐच्छिक अवकाश प्रदान करने का आग्रह किया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की है।


'पूर्व सीएम' ने बहू का सामान मायके भेजा

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक का मुकदमा चल रहा है। इसी बीच शुक्रवार को तेज प्रताप के घर से ऐश्वर्या का सामान उनके घर भिजवा दिया गया। हालांकि, तेज प्रताप के ससुर और आरजेडी विधायक चंद्रिका राय ने अपनी बेटी का सामान गाड़ी से उतरवाने से इस आशंका में मना कर दिया कि उनके परिवार को फंसाने के लिए उसमें कोई आपत्तिजनक चीज हो सकती है।


बताया गया कि चंद्रिका राय ने शास्त्री नगर पुलिस थाने में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज भी दर्ज कराई है। चंद्रिका राय ने जोर देकर कहा, 'जो सामान मेरे घर भेजा गया, उसे हम तभी लेंगे जब वहां लालू प्रसाद के परिवार का कोई सदस्य और इसकी निगरानी के लिए कोई मैजिस्ट्रेट उपस्थित हों।'


पुलिस बोली-जरूरत पड़ी तो दर्ज करेंगे मुकदमा
गौरतलब है कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी बहू ऐश्वर्या को पिछले हफ्ते अपने घर से कथित रूप से निकाल दिया था। ऐश्वर्या का ससुराल और मायका कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। शास्त्री नगर के एसएचओ विमलेंदु कुमार ने बताया कि चंद्रिका राय ने राबड़ी देवी के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, वह कोई संज्ञेय अपराध नहीं है इसलिए हमलोग प्रारंभिक जांच कर रहे हैं और बाद में अगर जरूरत पड़ती है तो हम संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करेंगे।


यह हाई वोल्टेज ड्रामा गुरुवार देर रात शुरू हुआ, जब दो पिकअप वाहन ऐश्वर्या का सामान लेकर चंद्रिका राय के आवास पर पहुंचे जहां ऐश्वर्या एक हफ्ते से रह रही हैं। इन दोनों वाहनों में राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले से सामान लोड किया गया था। विधायक के सुरक्षा गार्डों ने जब उन्हें इसकी जानकारी दी तो वह नाराज हो गए।


'जरूरी सामान रखकर भेज दिया कूड़े का ढेर'
चंद्रिका राय ने मौके पर मौजूद संवाददाताओं से कहा, 'हमें इसकी जानकारी नहीं है कि इसमें क्या क्या सामान है। हमने केवल अपनी बेटी का मोबाइल फोन, आभूषण और उसके पास मौजूद कुछ नकदी की मांग की थी। मुझे लगता है कि उन्होंने उन सामान को अपने पास रखा है और हमारे पास कूड़े का यह ढेर भेज दिया है।'


उन्होंने कहा, 'हम मैजिस्ट्रेट की उपस्थिति के बिना इन सामान को उतरवाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। उनके (लालू प्रसाद के परिवार के) चरित्र को देखते हुए हो सकता है कि इसमें उन्होंने शराब की बोतलें अथवा कुछ अन्य अवैध सामान हमें फंसाने के लिए भेज दिया हो। उनके परिवार का कोई व्यक्ति यहां क्यों नहीं मौजूद है, जो कानूनी तौर पर जरूरी है।'


इस मामले पर लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती ने कहा, 'उनका (राय का) यह आरोप घिनौना है कि हमने नकदी और आभूषण अपने पास रख लिए हैं, वह सामान उतारने की अनुमति क्यों नहीं देते हैं। वह उसकी विडियॉग्रफी करा सकते हैं।'


सीएमओ के ट्वीट से उपद्रवी हैरान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को सही ठहराया है। 'योगी आदित्यनाथ ऑफिस' नाम के ट्विटर हैंडल पर किए गए सिलसिलेवार ट्वीट्स में यह कहा गया है कि हर हिंसक गतिविधि अब रोएगी क्योंकि यूपी में योगी सरकार है। ट्वीट में यह भी कहा गया है कि हर दंगाई हतप्रभ है और हर उपद्रवी हैरान है।


आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों में यूपी के कई जिलों में हिंसा हुई थी। हिंसा में शामिल लोगों के विडियो और फोटो के आधार पर उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में लगभग 500 लोगों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।


'उपद्रवियों से ही होगी नुकसान की भरपाई'
इस मामले में योगी सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि उपद्रवियों की पहचान करके उनकी संपत्ति जब्त करके नुकसान की भरपाई की जाएगी। अब ट्विटर पर उनके ऑफिस ने ट्वीट किया है, 'यूपी को हिंसा में झोंकने के अरमान रखने वालों के मंसूबों पर योगी सरकार की सख्ती से तुषारापात। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से ही क्षतिपूर्ति के सिंहनाद में उपद्रवियों ने अपना संभावित अंजाम देख लिया। यूपी अब पूर्णतः शांत है।'


इसी हैंडल पर किए गए एक और ट्वीट में लिखा गया है, 'हर दंगाई हतप्रभ है। हर उपद्रवी हैरान है। देखकर योगी सरकार की सख्ती, मंसूबे सभी के शांत हैं। कुछ भी कर लो अब, क्षतिपूर्ति तो क्षति करने वाले से ही होगी, यह योगी जी का ऐलान है। हर हिंसक गतिविधि अब रोएगी क्योंकि यूपी में योगी सरकार है।'


कई जिलों में प्रभावित हुई इंटरनेट सेवा
गौरतलब है कि हिंसा के पहले और बाद में यूपी के कई जिलों में धारा 144 लागू की गई। दोबारा हिंसा की आशंका देखते हुए कई जिलों में इंटरनेट भी बंद किया गया। हालांकि, अब हिंसा की घटनाएं काबू में हैं और उत्तर प्रदेश सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है।


एएमयू के 1000 अज्ञात छात्रों पर मामला

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पुलिस ने 10,000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर को कैंपस में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि 15 दिसंबर को कैंपस में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में काफी बवाल हुआ था। उधर, मुजफ्फरनगर में करीब एक हफ्ते बाद शनिवार को इंटरनेट से बैन हटा लिया गया।


एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने आरोप लगाया कि 15 तारीख को पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता की थी जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। बाद में यूपी पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक विडियो ट्वीट किया। साथ ही लिखा, 'हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि एएमयू गेट को किसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा नहीं तोड़ा गया था। यह विडियो इसकी पुष्टि करता है।'


गेट पर दिखे थे प्रदर्शनकारी
एएमयू कैंपस में 15 दिसंबर को हुई हिंसा के इस विडियो में सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी के गेट की तरफ दौड़ते हुए बढ़ते दिखे थे। गेट को जोर-जोर से हिलाकर तोड़ते हुए भी दिखे थे। यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने गेट को बंद कर दिया था लेकिन एएमयू के गेट पर खड़े प्रदर्शनकारी काफी उत्तेजित नजर आए।


विडियो में अलग कहानी
इस विडियो के बाद एसएसपी अलीगढ़ आकाश कुलहरी ने कहा था, 'विडियो में जो दिख रहा है वह सच्चाई बताता है। हमने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि एएमयू छात्र काफी आक्रोशित थे और जानबूझकर तनाव पैदा कर रहे थे। पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए हल्का बल प्रयोग किया। मामला कोर्ट में है।' 15 दिसंबर को एएमयू में सीएए को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कैंपस में आंसू गैस के गोले दागे गए थे। इस दौरान एक छात्र का हाथ कट गया था।


एएमयू में कैंडल मार्च के दौरान 1200 पर केस
पुलिस की कार्रवाई का शिकार हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू के छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए 25 दिसंबर को कैंपस में कैंडल मार्च निकाला गया था। इस दौरान 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन के आरोप में यह मामला दर्ज किया है।


जेल से छूटते ही 4 को मारा अब तक 17

हैदराबाद। उम्रकैद की सजा काट रहे एक सीरियल किलर को अच्छे व्यवहार के कारण जेल से रिहा कर दिया गया था। अब 4 लोगों की मौत के मामले में उसे फिर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक ये चारों महिलाएं हैं। इससे पहले भी उसने दर्जनों महिलाओं की हत्या की है।
महबूबनगर पुलिस ने शुक्रवार को येरुकली श्रीनू को जेल से छूटने के बाद हत्या के चार मामलों में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक श्रीनू हत्या के कम से कम 13 अन्य मामलों में एक अभियुक्त के रूप में नामित किया गया था। हालांकि, उसे 11 मामलों में एक ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था।


पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 2017 में श्रीनू ने 5 महिलाओं की हत्या की थी। 2009 में एक मर्डर के मामले में कोर्ट ने उसे आजीवन करावास की सजा सुनाई। 2013 में उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उसे जेल से छोड़ दिया गया।


जेल से छूटा और फिर करने लगा मर्डर
पुलिस का दावा है कि 2014 में श्रीनू ने फिर हत्याएं शुरू कर दीं। 2015 तक उसने करीब 15 महिलाओं की हत्या की। इसके बाद उसे एक अन्य हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया। उसे तीन साल के लिए जेल की सजा हुई। 2018 में वह जेल से रिहा हुआ।


हत्या के अब कुल 17 मामले
श्रीनू पर अब हत्या के 17 मामले चल रहे हैं। अगर उसे दोषी ठहराया जाता है, तो वह देश के सबसे क्रूर सीरियल किलर में से एक होगा। इतना ही नहीं उसने अपने भाई की सास की भी हत्या की थी। वह मानता था कि उनके अवैध संबंध थे।


शुक्रवार को हुआ गिरफ्तार
महबूबनगर के एसपी रेमा राजेश्वरी ने कहा कि श्रीनू को 53 वर्षीय महिला की हत्या के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। उसकी पत्नी सलम्मा को भी चोरी के गहने बरामद करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान श्रीनू ने तीन और हत्याओं को कबूल किया जो पिछले वर्ष में किए गए थे।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...