शनिवार, 2 नवंबर 2019

पपीहे की सुरीली ध्वनि

पपीहा एक पक्षी है जो दक्षिण एशिया में बहुतायत में पाया जाता है। यह दिखने में शिकरा की तरह होता है। इसके उड़ने और बैठने का तरीका भी बिल्कुल शिकरा जैसा होता है। इसीलिए अंग्रेज़ी में इसको (Common Hawk-Cuckoo) कहते हैं। यह अपना घोंसला नहीं बनाता है और दूसरे चिड़ियों के घोंसलों में अपने अण्डे देता है। प्रजनन काल में नर तीन स्वर की आवाज़ दोहराता रहता है जिसमें दूसरा स्वर सबसे लंबा और ज़्यादा तीव्र होता है। यह स्वर धीरे-धीरे तेज होते जाते हैं और एकदम बन्द हो जाते हैं और काफ़ी देर तक चलता रहता है; पूरे दिन, शाम को देर तक और सवेरे पौं फटने तक। पपीहा कीड़े खानेवाला एक पक्षी है जो बसंत और वर्षा में प्रायः आम के पेड़ों पर बैठकर बड़ी सुरीली ध्वनि में बोलता है।


देशभेद से यह पक्षी कई रंग, रूप और आकार का पाया जाता है। उत्तर भारत में इसका डील प्रायः श्यामा पक्षी के बराबर और रंग हलका काला या मटमैला होता है। दक्षिण भारत का पपीहा डील में इससे कुछ बड़ा और रंग में चित्रविचित्र होता है। अन्यान्य स्थानों में और भी कई प्रकार के पपीहे मिलते हैं, जो कदाचित् उत्तर और दक्षिण के पपीहे की संकर संतानें हैं। मादा का रंगरूप प्रायः सर्वत्र एक ही सा होता है। पपीहा पेड़ से नीचे प्रायः बहुत कम उतरता है और उसपर भी इस प्रकार छिपकर बैठा रहता है कि मनुष्य की दृष्टि कदाचित् ही उसपर पड़ती है। इसकी बोली बहुत ही रसमय होती है और उसमें कई स्वरों का समावेश होता है। किसी किसी के मत से इसकी बोली में कोयल की बोली से भी अधिक मिठास है। हिंदी कवियों ने मान रखा है कि वह अपनी बोली में 'पी कहाँ....? पी कहाँ....?' अर्थात् 'प्रियतम कहाँ हैं'? बोलता है। वास्तव में ध्यान देने से इसकी रागमय बोली से इस वाक्य के उच्चारण के समान ही ध्वनि निकलती जान पड़ती है। यह भी प्रवाद है कि यह केवल वर्षा की बूँद का ही जलपीता है, प्यास से मर जाने पर भी नदी, तालाब आदि के जल में चोंच नहीं डुबोता। जब आकाश में मेघ छा रहे हों, उस समय यह माना जाता है कि यह इस आशा से कि कदाचित् कोई बूँद मेरे मुँह में पड़ जाय, बराबर चोंच खोले उनकी ओर एक लगाए रहता है। बहुतों ने तो यहाँ तक मान रखा है कि यह केवल स्वाती नक्षत्र में होनेवाली वर्षा का ही जल पीता है और गदि यह नक्षत्र न बरसे तो साल भर प्यासा रह जाता है।


इसकी बोली कामोद्दीपक मानी गई है। इसके अटल नियम, मेघ पर अन्यय प्रेम और इसकी बोली की कामोद्दीपकता को लेकर संस्कृत और भाषा के कवियों ने कितनी ही अच्छी अच्छी उक्तियाँ की है। यद्यपि इसकी बोली चैत से भादों तक बराबर सुनाई पड़ती रहती है; परंतु कवियों ने इसका वर्णन केवल वर्षा के उद्दीपनों में ही किया है। वैद्यक में इसके मांस को मधुर कषाय, लघु, शीतल कफ, पित्त और रक्त का नाशक तथा अग्नि की वृद्धि करनेवाला लिखा है।


विटामिन ए से भरपूर बथुआ

बथुआ एक वनस्पति है जो भारत में रवि के फसलों के साथ के उगता है। इसका शाक बनाकर खाने के काम आता है।


औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ:-बथुआ एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों से ज्यादातर लोग अपरिचित हैं। ये छोटा-सा दिखने वाला हराभरा पौधा काफी फायदेमंद है, सर्दियों में इसका सेवन कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, बथुआ न सिर्फ पाचनशक्ति बढ़ाता बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। गुजरात में इसे चील भी कहते है। बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हराभरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है। बथुआ के परांठे और रायता तो लोग चटकारे लगाकर खाते हैं, लेकिन वे इसके औषधीय गुणों से ज्यादा परिचित नहीं है, बता रहे हैं वैद्य हरिकृष्ण पाण्डेय 'हरीश' इसकी पत्तियों में सुगंधित तैल, पोटाश तथा अलवयुमिनॉयड पाये जाते हैं। दोष कर्म की दृष्टि से यह त्रिदोष (वात, पित, कफ) को शांत करने वाला है। आयुर्वेदिक विद्वानों ने बथुआ को भूख बढ़ाने वाला पित्तशामक मलमूत्र को साफ और शुद्ध करने वाला माना है। यह आंखों के लिए उपयोगी तथा पेट के कीड़ों का नाश करने वाला है। यह पाचनशक्ति बढ़ाने वाला, भोजन में रुचि बढ़ाने वाला पेट की कब्ज मिटाने वाला और स्वर (गले) को मधुर बनाने वाला है। गुणों में हरे से ज्यादा लाल बथुआ अधिक उपयोगी होता है। इसके सेवन से वात, पित्त, कफ के प्रकोप का नाश होता है और बल-बुद्धि बढ़ती है। लाल बथुआ के सेवन से बूंद-बूंद पेशाब आने की तकलीफ में लाभ होता है। टीबी की खांसी में इसको बादाम के तेल में पकाकर खाने से लाभ होता है। नियमित कब्ज वालों को इसके पत्ते पानी में उबाल कर शक्कर (चीनी नहीं) मिला कर पीने से बहुत लाभ होता है। यही पानी गुर्दे तथा मसाने के लिए भी लाभकारी है। इस पानी से तिल्ली की सूजन में लाभ होता है। सूजन अधिक हो तो उबले पत्तों को पीसकर तिल्ली पर लेप लगाएं। लाल बथुआ हृदय को बल देने वाला, फोड़े-फुंसी, मिटाकर खून साफ करने में भी मददगार है। बथुआ लीवर के विकारों को मिटा कर पाचन शक्ति बढ़ाकर रक्त बढ़ाता है। शरीर की शिथिलता मिटाता है। लिवर के आसपास की जगह सख्त हो, उसके कारण पीलिया हो गया हो तो छह ग्राम बथुआ के बीज सवेरे शाम पानी से देने से लाभ होता है। बीजों को सिल पर पीस कर उबटन की तरह लगाने से शरीर का मैल साफ होता है, चेहरे के दाग धब्बे दूर होते हैं। तिल्ली की बीमारी और पित्त के प्रकोप में इसका साग खाना उपयोगी है। इसका रस जरा-सा नमक मिलाकर दो-दो चम्मच दिन में दो बार पिलाने से पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है। पत्तों के रस में मिश्री मिला कर पिलाने से पेशाब खुल कर आता है। इसका साग खाने से बवासीर में लाभ होता है। पखाना खुलकर आता है। दर्द में आराम मिलता है। इसके काढ़े से रंगीन तथा रेशमी कपड़े धोने से दाग धब्बे छूट जाते हैं और रंग सुरक्षित रहते हैं। अरुचि, अर्जीण, भूख की कमी, कब्ज, लिवर की बीमारी पीलिया में इसका साग खाना बहुत लाभकारी है। सामान्य दुर्बलता बुखार के बाद की अरुचि और कमजोरी में इसका साग खाना हितकारी है। धातु दुर्बलता में भी बथुए का साग खाना लाभकारी है।


चिरपोटी अथवा परपोटनी

केप गुसबेरी (वानस्पतिक नाम : Physalis peruviana ; physalis = bladder) एक छोटा सा पौधा है। इसके फलों के ऊपर एक पतला सा आवरण होता है। कहीं-कहीं इसे 'मकोय' भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे 'चिरपोटी'व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।


केप गुसबेरी का पौधा किसानो के लिये सिरदर्द माना जाता है। जब यह खर पतवार की तरह उगता है तो फसलों के लिये मुश्किल पैदा कर देता है।


औषधीय गुण:-केप गुसबेरी का फल और पंचांग (फल, फूल, पत्ती, तना, मूल) उदर रोगों (और मुख्यतः यकृत) के लिए लाभकारी है। इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से पाचन अच्छा होता है साथ ही भूख भी बढ़ती है। यह लीवर को उत्तेजित कर पित्त निकालता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा शरीर के भीतर की सूजन को दूर करता है। सूजन के ऊपर इसका पेस्ट लगाने से सूजन दूर होती है। रसभरी की पत्तियों में कैल्सियम, फास्फोरस, लोहा, विटामिन-ए, विटामिन-सी पाये जाते हैं। इसके अलावा कैटोरिन नामक तत्त्व भी पाया जाता है जो ऐण्टी-आक्सीडैंट का काम करता है। बाबासीर में इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से लाभ होता है। संधिवात में पत्तियों का लेप तथा पत्तियों के रस का काढ़ा पीने से लाभ होता है। खांसी, हिचकी, श्वांस रोग में इसके फल का चूर्ण लाभकारी है। बाजार में अर्क-रसभरी मिलता है जो पेट के लिए उपयोगी है। सफेद दाग में पत्तियों का लेप लाभकारी है। अनुभूूत है यह डायबेटीज मे कारगर है। लीवर की सूजन कम करने में अत्यंत उपयोगी।


असुविधा में यज्ञ कैसे करें?

गतांक से...
मेरे प्यारे ब्रह्मचारी यज्ञदत्त ने कहा हे भगवान, यह वाक्य भी मैंने स्वीकार कर लिया है! परंतु मैं यह जानना चाहता हूं कि हे प्रभु यदि अग्नि भी ना हो और समिधा भी ना हो, तो यजमान यज्ञ कैसे करेगा? उन्होंने कहा यदि अग्नि भी नहीं है, साकलय भी नहीं है निर्माणशाला भी नहीं है! तो हे ब्राह्मणे प्राहा वर्तम, तुम यज्ञ करो तो जल से परोक्षण करो मानव जल से उसे आहूत करने वाले बने! अगने स्वाहा, प्रणाम स्वाहा अपनाय स्वाहा, वयानाय स्वाहा नाना प्रकार की आहुति हूत करता हुआ! अग्नि ब्रह्मा अग्नि रूद्र भागा:, वह अग्नि में हूत करता रहे, अग्नि ब्रह्म: अग्नि न सुताम न वृत्ति हो तो जल को परोक्षण करके जल को लेकर के वह प्राण को प्रवेश करता हुआ, वह हूत करता है! क्योंकि यह जो जल है यही तो अापोमयी कहलाता है! आपोमयी ज्योति कहलाता है, कि अग्नि में परिणित होता हुआ अपनी आभा में रत हो जाता है! विचार आता रहता है बेटा देखो जल का परोक्षण करना चाहिए! क्योंकि परमपिता परमात्मा ने जब इस सृष्टि का निर्माण किया तो उस समय पृथ्वी भी जल में मगन रहती थी! अतः वह जल को ले करके आपोमयी कह कर के अपने में पूर्ति करता रहता है! वह कहता है अग्नि स्वाहा, अग्नि ब्रह्मा: में जल से परोक्षण कर रहा है! जो जल आपोमयी ज्योति बन करके रहता है! मेरे प्यारे देखो जब यजमान अपनी यज्ञशाला में विद्यमान होता है, तो अपनी दिव्या से कहता है! हे दिव्या, तुम आओ आचमन करो, सबसे प्रथम व शरीर की कामना करता है! वह सत्य की कामना करता है! मानो श्रीमरिय: श्री सृकता की कामना कर रहा है! वे यजमान हूत करने से पूर्व आचमन करता है! उसका क्या अभिप्राय है मानव परमपिता परमात्मा ने सृष्टि में पृथ्वी के अंतर्गत जल परोक्षण रूप में परिणत किया है! यह जल्द ही माता के गर्भ स्थल में आंखों में ज्योति है! जल ही उस बालक का  औढना और जल ही उसका बिछोना बन करके और पास से बनकर के उसमें वह व्रत विद्यमान रहता है! अमृत को बनाता रहता है! देखो प्रभु कितना विचित्र विज्ञानवेता है वह अपने में हूत कर रहा है! वह कह रहा है आत्म है! यह आपोमयी हमारा औढना और विचौना  है, जिसमें आपोमयी ज्योति कि हम कल्पना करते रहे और विचार दे रहे है! देखो, प्रभा वह कीर्ति को प्राप्त करता हुआ अपने में महानता का दर्शन करता रहे! तो विचारवेता कहते हैं कि अगर ध्यान हो रहा है वही अग्नि प्रचंड होकर के जल के रूप में परिणत रहती है! वही आपोमयी ज्योति है! जिस आपोमयी में अपने को हूत कर रहा है! आहुति दे रहा है और कह रहा है! अगने स्वाहा, प्राणाया स्वाहा, अपनाय स्वाहा, वयानाय स्वाहा और उत्तम स्वाहा मेरे प्यारे पवमानाय की आहुति प्रदान करता रहता है! विचार आता रहता है मेरे पुत्रों की वह भव्य हो रहा है! यागा: रुद्रा: यागा: मया परब्रह्मा: यज्ञ:, मेरे प्यारे यग हो रहा है! ऋषि ने कहा है ब्रह्मचारी तुम जल संरक्षण कर सकते हो! जल से ही हूत कर सकते हो! क्योंकि जल प्राणों का रक्षक है यह जल ही संसार का प्राण बना हुआ है! हम उसी याग में हूत हो जाए!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-90 (साल-01)
2. रविवार, नवंबर 03, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:28,सूर्यास्त 05:48
5. न्‍यूनतम तापमान -18 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै., हवा की गति बढ़नेे की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

10 वर्षीय युवक भालू की हत्या या मौत ?

पाली वन परिक्षेत्र के लाफा जंगल में मिला नर भालू का अक्षत-विक्षत शव,शिकार करने जंगल में खेले गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से मौत होने की ग्रामीण जता रहे आशंका


कोरबा(पाली)! कटघोरा वनमंडल के पाली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत लाफा के आश्रित मोहल्ला औराभाठा के जंगल में बीते दिनों एक गड्ढे पर 10 वर्षीय नर भालू का छत-विछत अवस्था में शव पाया गया। जिससे तेज बदबू आ रही थी। शव 5 से 6 दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। ग्रामीणों द्वारा मामले की सूचना से पाली वनपरिक्षेत्र को अवगत कराया गया! जहाँ मौके पर पहुँची वन-अमला की टीम ने मृत भालू का पोस्टमार्टम कराकर वहीँ दाह संस्कार कर दिया।भालू की मौत किन परिस्थितियों में हुई, विभाग कर्मी यह बता पाने में तो असमर्थ रहे! लेकिन ग्रामीणों के द्वारा जो जानकारी दी गई, उसके अनुसार बीहड़ वनांचल क्षेत्र वाले लाफा एवं इसके आसपास इलाके के समीप जंगल में जंगली सूअर का स्वछंद विचरण है। जहां सूअर का मांस खाने वाले शिकारी ग्रामीणों द्वारा जंगल के सूअर विचरण वाले क्षेत्र में करंट प्रवाहित खुला तार का जाल बिछाकर जंगली सूअर का अक्सर शिकार किया जाता है। संभवतः शिकारियों द्वारा सूअर फ़साने खेले गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में ही आने से भालू के मौत का कारण ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है। जिसे शिकारी गड्ढे में फेंक चले गए होंगे।


ज्ञात हो कि घने वनों से आच्छादित पाली परिक्षेत्र के जंगलों में जंगली सूअर की तादाद बहुतायत है। विभागीय अनदेखी एवं निष्क्रियता के कारण जंगली सूअर का मांस भक्षण के शौक़ीन शिकारियों द्वारा इसका शिकार आम बात हो चला है।पूर्व में अनेको बार ग्रामीणों द्वारा शिकार किये जाने के संबंध पर सूचना दिए जाने के बाद भी पाली वनअमला कुम्भकर्ण की तर्ज पर रवैया अपनाया हुआ है।गत महीनो पूर्व ही पाली रेंज के पोड़ी (लबदापारा) में एक जंगली सूअर मृत अवस्था में मिला था।जिसके गर्दन में तीर लगने से हुए गहरे जख्म का निशान पाया गया था। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पे पहुँचे वनअमला टीम में शामिल रेंजर प्रहलाद यादव ने तब जंगली सूअर को पालतू बताकर आनन फानन में दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी करते हुए अपने कर्तव्यों की ईश्रीति कर ली थी।रेंजर प्रहलाद यादव का यह कोई नया कारनामा नही है वरन विभागीय कार्यों की आड़ में जंगल में होने वाले मंगल जैसे रेंजर प्रहलाद यादव के कारनामे कटघोरा वनमंडल में भी चर्चित है। फिलहाल अभी के मृत भालू वाले मामले में भी उचित जांच के बजाय लीपापोती की तैयारी चल रही है।


यातायात नियमों के प्रति नागरिक हो जागरूक

यातायात नियमों के प्रति नागरिकों को किया जा रहा जागरूक: एसएसपी


आज से यातायात माह की शुरूआत, ट्रैफिक पुलिस ने शहर में निकाली रैली



गाजियाबाद ! प्रत्येक वर्ष के माह नवम्बर को यातायात पुलिस द्वारा यातायात माह के रूप में मनाया जाता है। गाजियाबाद यायायात पुलिस भी आज से यातायात माह मनाने जा रही है। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने पुलिस लाइन स्थित आदेश कक्ष से इसका शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि यातायात माह में जतना को यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा ताकि जनता यातायात नियमों के प्रति सजग हों तथा उनका पालन कर सकें।उन्होंने यातायात जवानों की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रैफिक पुलिस की रैली पूरे शहर में भ्रमण करेगी और यातायात नियमों का प्रचार-प्रसार करेगी।शुभारंभ मौके पर एसपी ट्रैफिक श्याम नारायण सिंह, एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्र, एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन, एएसपी केशव कुमार, सीओ यातायात महीपाल सिह, प्रतिसार निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह चौहान, प्रतिसार निरीक्षण परिवहन शाखा रमेशचंद समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।


देवेंद्र पांच को लेंगे मुख्यमंत्री की शपथ

मुंबई! महाराष्ट्र में 5 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं! सूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के मशहूर वानखेड़े स्टेडियम में हो सकता है! 


सूत्रों का कहना है कि अगर शिवसेना (shiv sena) बीजेपी (bjp) के साथ सरकार गठन में साथ आई थी तो ठीक नहीं उसके बिना ही बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी! 
वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन के लिए 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना (Shiv Sena) के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं! शुक्रवार को शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि अगर शिवसेना चाहे तो वह सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल जुटा लेगी! 


संजय राउत ने कहा, 'अगर शिवसेना ने चाहे तो वह राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्याबल जुटा लेगी! जनता ने राज्य में 50-50 फॉर्मूले के आधार पर सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया है. उन्हें शिवसेना से सीएम चाहिए.'
इससे पहले गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे विधायक दल की बैठक में कहा था कि हम सत्ता के भूखे नहीं है लेकिन बीजेपी से जो बात हुई उसे उस बात का पालना करना चाहिए! मुख्यमंत्री का पद हमेशा किसी एक व्यक्ति के लिये कायम नहीं रहता. हमारी संख्याबल अच्छी है! मुख्यमंत्री पद हमारा हक है और ये हमारी जिद्द है!
उन्‍होंने कहा कि लोकसभा के समय 50-50 फॉर्मूला का जो तय हुआ, बीजेपी (BJP,) को वह नहीं मान्य है तो क्या बात करूं! नए सिरे से बात नहीं होगी जो तय हुआ है उसी से बात शुरू होगी! उन्होंने अपने विधायकों को कहा कि सत्ता के लिए आप कोई गलत कदम नही उठाओगे मुझे विश्वास है!


मुख्यमंत्री पद महाराष्ट्र के लिए आवश्यक

मुंबई। महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने दोटूक कहा है कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा। सूबे की जनता की भी यही इच्छा है। शिवसेना के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है। शिवसेना प्रवक्ता ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, मतगणना को 8 दिन बीत गए हैं और भाजपा अभी तक सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाई है। अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे सरकार का गठन करना चाहिए।


राऊत ने कहा कि भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी तरह का प्रस्ताव शिवसेना को नहीं मिला है। शिवसेना को सत्ता में बराबर यानी आधी भागीदारी चाहिए। इस बाबत भाजपा की ओर से अधिकृत प्रस्ताव नहीं आया है। राऊत ने कहा कि वह व्यापारी नहीं हैं कि सत्ता के लिए सौदेबाजी करें। राऊत ने साफ शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री पद शिवसेना को चाहिए।


उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सत्ता गठन की प्रक्रिया के तहत ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे। हालांकि संजय राऊत ने पत्रकारों को बताया था कि वह किसानों की समस्या को लेकर शरद पवार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। मगर सब जानते हैं कि शिवसेना राज्य में गैर भाजपा सरकार बनाने का प्रयास कर रही है।


राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार ने कहा है कि शरद पवार व संजय राऊत के बीच हुई बातचीत की जानकारी उन्हें नहीं है। राकांपा विपक्ष में ही रहेगी। इसी तरह की प्रतिक्रिया पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने दी है। शिंदे ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में बैठने की भूमिका पहले ही स्पष्ठ कर चुकी है, उसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।


केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना ही मिलकर सरकार का गठन करेंगी। इसे लेकर दोनों दलों में चर्चा चल रही है और बहुत जल्द निर्णय किया जाएगा। राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा व शिवसेना के नेताओं में चर्चा का दौर जारी है। जल्द राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन कर लिया जाएगा।


गुरुवार को शिवसेना विधायक दल की बैठक में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पर नाराजगी व्यक्त की थी। ठाकरे ने कहा था कि वह सभी को अपना मित्र मानते हैं, लेकिन उन्हें झूठा कहा गया है। इसके बाद सभी शिवसेना विधायकों ने सरकार गठित करने के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अधिकृत कर दिया था। इसके बाद ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे।


जानकारी के अनुसार शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मतगणना के दिन कहा था कि सत्ता में फिफ्टी-फिफ्टी का समझौता अमित शाह ,मुख्यमंत्री और उनके बीच हुआ है और उसी समझौते के अनुसार ही राज्य में सरकार का गठन होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दीपावली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में कहा था कि इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। इस बात से शिवसेना अध्यक्ष नाराज बताए जा रहे हैं।


सन्यासी की लाश मिलने से जिले में हड़कंप

प्रयागराज! जिले में पिछले एक सप्ताह की बात करें तो तकरीबन हर रोज औसतन एक हत्या को अंजाम दिया ही जा रहा है। शुक्रवार को भी हत्या का दिन रहा। अब झूंसी थाना इलाके के कनिहार गांव में कपड़े में लिपटी संन्यासी की लाश मिलने से एक बार फिर पुलिस प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। हालांकि शव की शिनाख्य नहीं की जा सकी है। पर सिर पर जटा वस्त आदि से आसानी से ये बात स्पष्ट हो रही है कि ये कोई संन्यासी ही थी जिसे मौत के घाट उतार दिया गया।


झूंसी थाना क्षेत्र के कनिहार के सूनसान इलाके में शुक्रवार की सुबह कुछ लोगों ने देखा तो कपड़े में लिपटा एक संन्यासी का शव मिला। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। इनकी उम्र 70 साल बताई जा रही है। शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले हैं। पुलिस का मानना है कि किसी बाहरी लोगों ने हत्या कर शव यहां पर ठिकाने लगाने के लिए फेंक दिया है। पुलिस ने संन्‍यासी के पहचान कराने का प्रयास किया, लेकिन शिनाख्‍त नहीं हो सकी। पुलिस ने शव को कब्‍जे में ले लिया है। झूंसी थाने के इंस्‍पेक्‍टर बृजेश सिंह ने बताया कि शव देखकर लग रहा है कि हत्या दो से तीन दिन पहले की गई है। पता न लग सके इसलिए फेंकने के लिए शव के किनारे का स्थान चयन किया गया है। उन्होने कहा कि लगातार पड़ताल की जा रही है। जल्द मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।


जानिए कब-कब की गई हत्यायें


बदमाशों के सामने पुलिस ने सबसे पहली चुनौती 23 अक्तूबर को पेश की जब फाफामऊ में आयकर विभाग के कर्मचारी संजय पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना को दो दिन ही बीते थे 26 अक्तूबर की रात कैंट थाना क्षेत्र से 500 मीटर की दूरी पर एक और सनसनीखेज वारदात हुई। यहां आयकर विभाग कर्मचारी के 16 वर्षीय बेटे राज प्रसाद उर्फ गौरव र्की ईंट-पत्थर से कूंचकर मार डाला गया। 28 से 29 अक्तूबर के बीच 24 घंटे के भीतर चार लोगों की हत्या की वारदातें सामने आने के बाद सनसनी फैल गई।


शिवकुटी में दोहरा हत्याकांड अंजाम दिया गया तो नवाबगंज व दारागंज में भी दो लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। 30 अक्तूबर को भी नवाबगंज में युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उधर बृहस्पतिवार भोर में करेली में अधिवक्ता मो. इदरीश की हत्या कर दी गई जबकि लालापुर में किशोरी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। अब प्रयागराज में संन्यासी का शव मिलने से एक और हत्या की बात सामने आ रही है। आठ दिन के भीतर हत्या की आठ वारदातें होने के बाद जिले में दहशत का माहौल कायम हो गया है।


दरोगा की रिवाल्वर से सिपाही ने की आत्महत्या

बागपत! उत्तर प्रदेश के बागपत में गुरुवार सुबह एक सिपाही ने पुलिस चौकी के अंदर दरोगा की रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी लगते ही साथी पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और सिपाही को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आत्महत्या की शुरुआती वजह पत्नी की बीमारी और घरेलू तनाव को माना जा रहा है।
बागपत जनपद के दोघट थाना क्षेत्र की टीकरी पुलिस चौकी में खुद को बंद कर सिपाही प्रवीण कुमार (35) ने दरोगा की सर्विस रिवॉल्वर से खुद को दो गोली मारकर आत्महत्या कर ली। चौकी में गोली चलते ही पुलिसकर्मी हक्के-बक्के रह गए। अमरोहा के सरावा गांव निवासी प्रवीण कुमार टीकरी चौकी पर तैनात था। गुरुवार सुबह करीब नौ बजकर 40 मिनट पर चौकी का स्टाफ खाना खा रहा था। इसी बीच प्रवीण कुमार ने खुद को चौकी के कमरे में बंद किया और कमरे में रखी दारोगा भगवत सिंह की सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। पुलिसकर्मियों ने एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव को जानकारी दी। मौके पर पुलिस छानबीन कर रही है। बताया गया कि प्रवीण दो अक्तूबर से अपने घर से वापस आया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि उसकी पत्नी बीमार चल रही थी। दिवाली पर भी वह घर नहीं जा सका था।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...