शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

माता के समान हितकारी हरड़

हरीतकी (वानस्पतिक नाम:Terminalia chebula) एक ऊँचा वृक्ष होता है एवं भारत में विशेषतः निचले हिमालय क्षेत्र में रावी तट से लेकर पूर्व बंगाल-आसाम तक पाँच हजार फीट की ऊँचाई पर पाया जाता है। हिन्दी में इसे 'हरड़' और 'हर्रे' भी कहते हैं। आयुर्वेद ने इसे अमृता, प्राणदा, कायस्था, विजया, मेध्या आदि नामों से जाना जाता है। हरड़ का वृक्ष 60 से 80 फुट तक ऊँचा होता है। इसकी छाल गहरे भूरे रंग की होती है, पत्ते आकार में वासा के पत्र के समान 7 से 20 सेण्टीमीटर लम्बे, डेढ़ इंच चौड़े होते हैं। फूल छोटे, पीताभ श्वेत लंबी मंजरियों में होते हैं। फल एक से तीन इंच तक लंबे और अण्डाकार होते हैं, जिसके पृष्ठ भाग पर पाँच रेखाएँ होती हैं। कच्चे फल हरे तथा पकने पर पीले धूमिल होते हैं। प्रत्येक फल में एक बीज होता है। अप्रैल-मई में नए पल्लव आते हैं। फल शीतकाल में लगते हैं। पके फलों का संग्रह जनवरी से अप्रैल के मध्य किया जाता है।कहा जाता है हरीतकी की सात जातियाँ होती हैं। यह सात जातियाँ इस प्रकार हैं: 1. विजया 2. रोहिणी 3. पूतना 4. अमृता 5. अभया 6. जीवन्ती तथा 7. चेतकी।


परिचय:-हरीतकी को वैद्यों ने चिकित्सा साहित्य में अत्यधिक सम्मान देते हुए उसे अमृतोपम औषधि कहा है। राज बल्लभ निघण्टु के अनुसार-


यस्य माता गृहे नास्ति, तस्य माता हरीतकी।
कदाचिद् कुप्यते माता, नोदरस्था हरीतकी ॥
(अर्थात् हरीतकी मनुष्यों की माता के समान हित करने वाली है। माता तो कभी-कभी कुपित भी हो जाती है, परन्तु उदर स्थिति अर्थात् खायी हुई हरड़ कभी भी अपकारी नहीं होती। )
दो प्रकार के हरड़ बाजार में मिलते हैं - बड़ी और छोटी। बड़ी में पत्थर के समान सख्त गुठली होती है, छोटी में कोई गुठली नहीं होती, वैसे फल जो गुठली पैदा होने से पहले ही पेड़ से गिर जाते हैं या तोड़कर सुखा लिया जाते हैं उन्हें छोटी हरड़ कहते हैं। आयुर्वेद के जानकार छोटी हरड़ का उपयोग अधिक निरापद मानते हैं क्योंकि आँतों पर उनका प्रभाव सौम्य होता है, तीव्र नहीं। इसके अतिरिक्त वनस्पति शास्त्रियों के अनुसार हरड़ के 3 भेद और किए जा सकते हैं- पक्व फल या बड़ी हरड़, अर्धपक्व फल पीली हरड़ (इसका गूदा काफी मोटा स्वाद में कसैला होता है।) अपक्व फल जिसे ऊपर छोटी हरड़ नाम से बताया गया है। इसका वर्ण भूरा-काला तथा आकार में यह छोटी होती है। यह गंधहीन व स्वाद में तीखी होती है। फल के स्वरूप, प्रयोग एवं उत्पत्ति स्थान के आधार पर भी हरड़ को कई वर्ग भेदों में बाँटा गया है पर छोटी स्याह, पीली जर्द, बड़ी काबुली ये 3 ही सर्व प्रचलित हैं।


कई रोगों का एक लक्षण 'पीलिया'

रक्तरस में पित्तरंजक (Billrubin) नामक एक रंग होता है, जिसके आधिक्य से त्वचा और श्लेष्मिक कला में पीला रंग आ जाता है। इस दशा को कामला या पीलिया (Jaundice) कहते हैं।सामान्यत: रक्तरस में पित्तरंजक का स्तर 1.0 प्रतिशत या इससे कम होता है, किंतु जब इसकी मात्रा 2.5 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तब कामला के लक्षण प्रकट होते हैं। कामला स्वयं कोई रोगविशेष नहीं है, बल्कि कई रोगों में पाया जानेवाला एक लक्षण है। यह लक्षण नन्हें-नन्हें बच्चों से लेकर 80 साल तक के बूढ़ों में उत्पन्न हो सकता है। यदि पित्तरंजक की विभिन्न उपापचयिक प्रक्रियाओं में से किसी में भी कोई दोष उत्पन्न हो जाता है तो पित्तरंजक की अधिकता हो जाती है, जो कामला के कारण होती है।


रक्त में लाल कणों का अधिक नष्ट होना तथा उसके परिणामस्वरूप अप्रत्यक्ष पित्तरंजक का अधिक बनना बच्चों में कामला, नवजात शिशु में रक्त-कोशिका-नाश तथा अन्य जन्मजात, अथवा अर्जित, रक्त-कोशिका-नाश-जनित रक्ताल्पता इत्यादि रोगों का कारण होता है। जब यकृत की कोशिकाएँ अस्वस्थ होती हैं तब भी कामला हो सकता है, क्योंकि वे अपना पित्तरंजक मिश्रण का स्वाभाविक कार्य नहीं कर पातीं और यह विकृति संक्रामक यकृतप्रदाह, रक्तरसीय यकृतप्रदाह और यकृत का पथरा जाना (कड़ा हो जाना, Cirrhosis) इत्यादि प्रसिद्ध रोगों का कारण होती है। अंतत: यदि पित्तमार्ग में अवरोध होता है तो पित्तप्रणाली में अधिक प्रत्यक्ष पित्तरंजक का संग्रह होता है और यह प्रत्यक्ष पित्तरंजक पुन: रक्त में शोषित होकर कामला की उत्पत्ति करता है। अग्नाशय, सिर, पित्तमार्ग तथा पित्तप्रणाली के कैंसरों में, पित्ताश्मरी की उपस्थिति में, जन्मजात पैत्तिक संकोच और पित्तमार्ग के विकृत संकोच इत्यादि शल्य रोगों में मार्गाविरोध यकृत बाहर होता है। यकृत के आंतरिक रोगों में यकृत के भीतर की वाहिनियों में संकोच होता है, अत: प्रत्यक्ष पित्तरंजक के अतिरिक्त रक्त में प्रत्यक्ष पित्तरंजक का आधिक्य हो जाता है।


वास्तविक रोग का निदान कर सकने के लिए पित्तरंजक का उपापचय (Metabolism) समझना आवश्यक है। रक्तसंचरण में रक्त के लाल कण नष्ट होते रहते हैं और इस प्रकार मुक्त हुआ हीमोग्लोबिन रेटिकुलो-एंडोथीलियल (Reticulo-endothelial) प्रणाली में विभिन्न मिश्रित प्रक्रियाओं के उपरांत पित्तरंजक के रूप में परिणत हो जाता है, जो विस्तृत रूप से शरीर में फैल जाता हैस, किंतु इसका अधिक परिमाण प्लीहा में इकट्ठा होता है। यह पित्तरंजक एक प्रोटीन के साथ मिश्रित होकर रक्तरस में संचरित होता रहता है। इसको अप्रत्यक्ष पित्तरंजक कहते हैं। यकृत के सामान्यत: स्वस्थ अणु इस अप्रत्यक्ष पित्तरंजक को ग्रहण कर लेते हैं और उसमें ग्लूकोरॉनिक अम्ल मिला देते हैं यकृत की कोशिकाओं में से गुजरता हुआ पित्तमार्ग द्वारा प्रत्यक्ष पित्तरंजक के रूप में छोटी आँतों की ओर जाता है। आँतों में यह पित्तरंजक यूरोबिलिनोजन में परिवर्तित होता है जिसका कुछ अंश शोषित होकर रक्तरस के साथ जाता है और कुछ भाग, जो विष्ठा को अपना भूरा रंग प्रदान करता है, विष्ठा के साथ शरीर से निकल जाता है।


प्रत्येक दशा में रोगी की आँख (सफेदवाला भाग Sclera) की त्वचा पीली हो जाती है, साथ ही साथ रोगविशेष काभी लक्षण मिलता है। वैसे सामान्यत: रोगी की तिल्ली बढ़ जाती है, पाखाना भूरा या मिट्टी के रंग का, ज्यादा तथा चिकना होता है। भूख कम लगती है। मुँह में धातु का स्वाद बना रहता है। नाड़ी के गति कम हो जाती है। विटामिन 'के' का शोषण ठीक से न हो पाने के कारण तथा रक्तसंचार को अवरुद्ध (haemorrhage) होने लगता है। पित्तमार्ग में काफी समय तक अवरोध रहने से यकृत की कोशिकाएँ नष्ट होने लगती हैं। उस समय रोगी शिथिल, अर्धविक्षिप्त और कभी-कभी पूर्ण विक्षिप्त हो जाता है तथा मर भी जाता है।


कामला के उपचार के पूर्व रोग के कारण का पता लगाया जाता है। इसके लिए रक्त की जाँच, पाखाने की जाँच तथा यकृत-की कार्यशक्ति की जाँच करते हैं। इससे यह पता लगता है कि यह रक्त में लाल कणों के अधिक नष्ट होने से है या यकृत की कोशिकाएँ अस्वस्थ हैं अथवा पित्तमार्ग में अवरोध होने से है।


असुविधा में यज्ञ कैसे करें?

गतांक से...


आओ बेटा मैं तुम्हें महर्षि याज्ञवल्क्य मुनि महाराज के विद्यालय में ले जाना चाहता हूं ! विद्यालय में नाना ब्रह्मचारी विद्यमान है और प्रातः कालीन नैतिक शिक्षा देते हुए ब्रह्मचारियों से याज्ञवल्क मुनि ने कहा 'ब्राह्मणे: याज्ञाम् भवितं ब्रव्हा कृत लो काहाम, हे ब्रह्मचारीयो, देखो यज्ञ अपने में कितना विशिष्टतम माना गया है! वेद का एक-एक मंत्र उस यज्ञ का बखान कर रहा है! जिन यगों से मानव के जीवन में महानता का जन्म होता है और जिज्ञासा उत्पन्न हो जाती है तो वह जिज्ञासु बन करके अपने स्वरूप में रमण करने लगता है! मेरे प्यारे देखो वेदाम भू वर्णस्वता: यागाम ब्रहे, प्रातः काल   याज्ञवल्क मुनि महाराज यज्ञ की चर्चा कर रहे थे! एक ब्रह्मचारी यगदत्त ने कहा प्रभु आप यज्ञ को क्या जानते हैं? उन्होंने कहा सब साकलय होना चाहिए और यज्ञ शाला का भव्यता में निर्माण होना चाहिए! जैसे परमपिता परमात्मा ने मानव को सजातीय रूप में प्रकट किया है और आत्मतत्व उसमें विधमान है! परंतु अपने यहां भव्य यज्ञ की विशेषता कृतियां मानी जाती है! उन्होंने कहा संभव प्रव्हा:' वर्णस्वूत  देवत्वाम यज्ञ:, मेरे प्यारे याग वल्क मुनि महाराज ने जब ऐसा कहा तो उन्होंने कहा प्रभु यज्ञशाला होनी चाहिए! ब्रह्मचार्यो का साकल्य होना चाहिए! संमिधा होनी चाहिए और उसमें यजमान का संकल्प भी होना चाहिए! मेरे पुत्रों ब्रह्मचारियों ने स्वीकार कर लिया! परंतु उन्होंने कहा प्रभु यह वाक्य तो आपका बड़ा प्रियतम दृष्टिपात आ रहा है! परंतु मैं यह जानना चाहता हूं कि कहीं हमें यज्ञ की इच्छा है और यह कोई भी सुविधा में प्राप्त नहीं है! तो प्रभु उस समय हम यह कैसे करेंग? उन्होंने कहा हे ब्रह्मचारी यज्ञम् ब्रह्मा याज्ञम् सुतम ब्रह्मा:, मानो यज्ञशाला भी नहीं है और साक्लय  भी नहीं है तो भी यजमान यज्ञ करता है! देखो अग्नि को प्रदीप्त करता हुआ, वह संमिधा ले करके कहता है! अग्नि स्वाहा, प्राणाया स्वाहा, अपानाय स्वाहा,व्यानाय स्वाहा, समानाय स्वाहा! मेरे प्यारे वह सर्वत्र प्राणों की आहुति देता है हुत कर रहा है! संमिधा के द्वारा अग्नि में परिणत कर रहा है! अग्निम ब्रह्मा:, वही अग्नि हमारे यहां प्रत्येक वस्तु का विभाजन कर देती है! जो काष्ट में रहने वाली अग्नि है! वही पृथ्वी को तपाएमान कर देती है! वहीं मानव के हृदय में प्रवेश करके प्रदीप्त रहती है! वही अग्नि माता के गर्भ में शिशु का निर्माण करती है! उसके तेज का आह्वान करती हुई माता अपने में स्वयं धन्य हो जाती है! मेरे प्यारे उन्होंने कहा कि यज्ञम् ब्रहा: देखो यज्ञम ब्रहे कृतम' संमिधा के द्वारा यज्ञ होना चाहिए! वह मानव अग्नि आहुति देता हुआ, अपने जीवन और ग्रह को उन्नत बनाना चाहता है!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 02, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-89 (साल-01)
2. शनिवार, नवंबर 02, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- षष्ठी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:28,सूर्यास्त 05:48
5. न्‍यूनतम तापमान -18 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

अलगाववाद की दीवार को गिरा दिया: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर गुजरात के केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए शपथ भी दिलाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 से अलगाववाद की दीवार खड़ी की गई, हमने इसे गिरा दिया। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इससे पहले मोदी ने गांधीनगर में मां हीरा बा से मिले। मोदी सरकार ने पटेल जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की घोषणा की थी।


मोदी ने यह भी कहा, ''जिस तरह किसी तीर्थस्थल आकर अनुभूति मिलती है, वैसे ही मुझे केवड़िया आकर मिलती है। देश के अलग-अलग हिस्सों से मिले लोहे और मिट्टी से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है। इसलिए यह प्रतिमा विविधता में एकता का जीता-जागता संदेश है। आज से ठीक एक साल पहले प्रतिमा को देश को समर्पित किया गया था। यह प्रतिमा भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है। सरदार पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित कर देश गौरव का अनुभव कर रहा है।''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''देश के अलग-अलग हिस्सों में स्त्री-पुरुष ने रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लिया। पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथ, विचारधाराएं, रंगरूप में लोग जुड़ते गए, कारवां बनता चला गया। भारत की पहचान विविधता में एकता है। यह हमारा गर्व, गौरव, गरिमा है। हमारे यहां विविधता को सेलिब्रेट किया जाता है। हमें विविधता में विरोधाभास नहीं सामर्थ्य दिखता है। यह हमें जीने का जज्बा देता है। जब हम देश की सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है। जब भिन्न-भिन्न खान-पान को विशेषता समझते हैं तो अपनेपन की मिठास आ जाती है। अलग-अलग त्योहारों में शामिल होते हैं तो नई महक आने लगती है, भारतीयता का भाव चारों दिशाओं में फैलता है।''


जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, केंद्र शासित प्रदेश

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आधिकारिक तौर पर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए। इसी साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। यह बिल 30 अक्टूबर रात 12 बजे से लागू हो गया। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा या विधान परिषद के केंद्र शासित प्रदेश बना। जम्मू-कश्मीर में 20 और लद्दाख में 2 जिले होंगे। अब केंद्र के 106 कानून भी इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो गए, जबकि राज्य के पुराने 153 कानून खत्म हो गए।


पब्जी के स्थान पर चल रहा था हुक्का बार

गाजियाबाद (यूए)। कविनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस ने आरडीसी में छापामारी कर हुक्का बार पकड़ा है। हालांकि, हुक्का बार संचालक व मालिक मौके से फरार होने में कामयाब हो गए। मौके से हुक्का, विभिन्न फ्लेवर के तंबाकू व अन्य सामान बरामद होने के बाद पुलिस ने बार मालिक व संचालक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार देररात सूचना मिली कि आरडीसी तक सी-ब्लॉक स्थित बिल्डिंग में पब्जी नाम से हुक्का बार चल रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने बिल्डिंग की घेराबंदी कर हुक्का बार में छापामारी कर दी। पुलिस देख बिल्डिंग में अफरातफरी मच गई। आरडीसी चौकी प्रभारी अरविंद शर्मा ने बताया कि हुक्का बार मालिक आशीष त्यागी व संचालक प्रमोद शटर गिराकर भागने में कामयाब हो गए। बार में मिला सामान जब्त कर आशीष व प्रमोद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।


एकनाथ शिंदे चुने गए विधायक दल के नेता

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। इस बीच शिवसेना विधायक दल की बैठक हुई। इसमें एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया। इससे पहले भाजपा विधायकों ने देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुना था।


महाराष्ट्र में एनडीए सरकार बनाने के लिए भाजपा इस बार शिवसेना को डिप्टी सीएम और 13 मंत्री पद देने के लिए तैयार है, लेकिन गृह, राजस्व, वित्त और नगरीय विकास जैसे विभाग शिवसेना को देने के लिए तैयार नहीं है। शिवसेना की नजर इन विभागों पर टिकी है। पिछली सरकार में शिवसेना को 6 कैबिनेट और 7 राज्यमंत्री पद दिए गए थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा को शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद देने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन गृह मंत्री पद देने को तैयार नहीं है।


शिवसेना विधायकों की बैठक से पहले सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ''गठबंधन आज भी है। यह मैं आज भी मानता हूं। लेकिन हमें इसके राजधर्म का पालन करना चाहिए। सत्ता की स्थापना के लिए 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था। मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पदों का भी सामान रूप से बंटवारा होना चाहिए। यदि भाजपा के पास बहुमत है, तो उसे सत्ता का दावा करना चाहिए।''


राउत ने आगे कहा, ''अगर भाजपा के बड़े नेता कह रहे हैं कि हमारे पास विकल्प खुले हैं तो शिवसेना भी कोई बच्चा पार्टी नहीं है। हम 50 साल से भी पुरानी पार्टी हैं। विकल्प सभी के सामने खुले हैं।'' भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार द्वारा शिवसेना के लिए 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर राउत ने कहा- वे यह अपने बारे में कह रहे हैं।


भाजपा की ओर से शिवसेना के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाने के दावे के बीच उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर भाजपा की तरफ से अब तक किसी ने संपर्क नहीं किया है। बुधवार को मातोश्री में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उद्धव ने कहा कि जो संभव होगा, वह सब करूंगा। संभवतः उद्धव का इशारा राज्य में भाजपा के बिना सरकार बनाने के विकल्पों की ओर था। उद्धव शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद नहीं देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नाराज नजर आए।


एकता-अखंडता से राष्ट्र निर्माण में योगदान

पंकज राघव संवाददाता 


संभल। देश को एकजुट रखने में पटेल जी का योगदान सराहनीय- एडीएम लव कुश कुमार त्रिपाठी


अपर जिलाधिकारी लवकुश कुमार त्रिपाठी, अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जी की जयंती पर उनकी स्मृति में आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' को झंडी दिखाकर रवाना किया। राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता दिवस के अवसर पर अपर जिला अधिकारी द्वारा मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र छात्राओं, आमजनमानस को शपथ भी दिलाई गई। एडीएम ने कहा कि देश को एकजुट रखने में पटेल जी का योगदान सराहनीय रहा है, हमें दैनिक जीवन मे उनके आदर्शों का अनुपालन करना चाहिए। इसी उपरांत कलेक्टर सभागार बहजोई में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन दिवस पर शपथ दिलाई।
इस दौरान सीडीओ उमेश कुमार त्यागी, डिप्टी कलेक्टर राजेश कुमार, डिप्टी कलेक्टर प्रेमचंद सिंह, डीडीओ परियोजना निदेशक डीआरडीए, समस्त क्षेत्राधिकारी, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न कार्यालयों, पटलों के कर्मचारीगण, गणमान्य नागरिक, स्कूली छात्र, छात्राएं, आमजनमानस आदि मौजूद रहे।


नशे के आदी लापता युवक का शव बरामद

पंकज राघव संवाददाता


नशे के आदी युवक का शव बरामद ।


संभल। नशे के आदी लापता युवक का शव जंगल से बरामद हुआ। युवक नशे की हालत में बुधवार घर से बाइक लेकर गया था। युवक के परिजनों ने काफी तलाश किया था। युवक का शव बृहस्पतिवार को बाइक के नीचे दबा मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में कर, पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों ने व्यक्त की हत्या की आशंका, पुलिस मामले की जांच में जुटी हैं।



रजपुरा थाना के गाँव करकौरा निवासी दरयाव सिंह का बटा सुनील शराब का आदी थाा। एक दिन पूर्व युवक शराब पीने के लिए घर से बाइक लेकर निकल गया । जब देर रात्रि तक युवक घर वापस नही लौटा तो परिजनों को चिंता हुई और युवक की काफी तलाश की लेकिन कहीं पता नही चल सका । आज जब राहगीरों द्वारा जंगल में शव पड़ होने की सूचना युवक के परिजनों को मिली तो मौके पर जाकर देखा तो जंगल से बरामद शव उनके बटे का निकलाा। जिससे परिवार में कोहराम मच गया । जंगल में शव बाइक के नीचे से मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने निकाला और पीएम को भेजा दिया । मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए पुलिस को तहरीर दी है जिसकी पुलिस जांच कर रही है ।


उत्तराखंड में अनियंत्रित डेंगू का कहर

स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें मिलकर भी नहीं कर पा रही डेंगू पर नियंत्रण


रुद्रपुर। तराई में डेंगू बुखार लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग संक्रामक रोग की रोकथाम में असफल साबित हुआ है। वहीं जिले में बुधवार तक 900 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अब तक करीब 1671 मरीजों का एलाइजा टेस्ट भी कराया जा चुका है। साथ ही जिला अस्पताल में भर्ती सात नए मरीजों में भी डेंगू के लक्षण मिले हैं।


बता दें कि, जिला मुख्यालय रुद्रपुर में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें मिलकर भी डेंगू पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। रुद्रपुर स्थित जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में बुधवार को सात नए मरीज भर्ती कराए गए। सभी मरीजों में डेंगू के लक्षण मिलने पर एलाइजा टेस्ट किया जा रहा है। डेंगू वार्ड में भर्ती बहेड़ी, यूपी निवासी नीलम शर्मा ने बताया कि, उसे एक सप्ताह से तेज बुखार था।


जांच में डेंगू के लक्षण मिले हैं। वहीं, दरिया नगर निवासी सलोनी, रम्पुरा निवासी लज्जावती, पहाड़गंज निवासी लतीफ, शिवनगर निवासी सुदेवी, ट्रांजिट कैंप निवासी जयंती ढाली और प्रतापपुर निवासी चंद्रभान ने बताया कि, उन्हें भी कुछ दिनों से बुखार की शिकायत है। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप, खेड़ा व रम्पुरा में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है।


सीपीयू कर्मी भी डेंगू की चपेट में….पाठकों को बता दें कि, रुद्रपुर में तैनात सीपीयू के दो दरोगा भी डेंगू बुखार की चपेट में आ गए हैं। दोनों का शहर के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक, सीपीयू के दरोगा प्रकाश चंद्र और सतपाल पटवाल को डेंगू की शिकायत थी। दोनों का निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। इससे पूर्व रुद्रपुर कोतवाली के एक दरोगा समेत 16 पुलिस कर्मी भी डेंगू की चपेट में आए थे।


वहीं समाजसेवी सुशील गाबा समेत शहर के कई लोगों ने बुधवार को डेंगू के खिलाफ फॉगिग अभियान जारी रखा। उन्होंने खेड़ा वार्ड, गुलमोहर कॉलोनी, वसुंधरा फेस 1 और 2 में डोर टू डोर फॉगिग कराया। वहां पंजाबी महासभा कोषाध्यक्ष पंकज कालड़ा, अशोक श्रीवास्तव, जहागीर कुरैशी, अमित गंभीर, बंटी, धनंजय सिंह, गौरव गांधी, सोनू गगनेजा, अनिल कालड़ा आदि थे।


पहाड़ों में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि, डेंगू पर नियंत्रण के लिए नगर निगम धरातल पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि, कुछ लोग डेंगू को लेकर नगर निगम पर गलत आरोप लगा रहे हैं। मेयर ने यह भी कहा कि, फॉगिग के लिए आठ नई मशीनें खरीदी गई हैं। सीएसआर से भी टीवीएस श्रीचक्रा कंपनी से पांच मशीनें नगर निगम को दी हैं। इसके साथ ही 15 पिट्ठू मशीनें वार्डों में छिड़काव के लिए लगाई गई हैं। वहीं तीन हजार लीटर के टैंक के साथ एक मशीन भी कीटनाशक छिड़काव कर रही है।


15 दिन बाद हुआ 'गांधी यात्रा' का समापन

पन्द्रह दिन पूर्ब शुरू हुई पद यात्रा का  कनैली गांव पहुँच कर हुआ समापन


जगह जगह गर्म जोशी से हुआ पद यात्रा का स्वागत मिला अपार जनसमर्थन


पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्र प्रदेश सरकार की बिभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना और योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना


कौशाम्बी। गांधी के सिद्धांतों को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से 15 दिन पूर्व पदयात्रा लेकर निकले सांसद बिनोद सोनकर ने आज मंझनपुर बिधायक लालबहादुर के साथ मंझनपुर विधानसभा में घूमने के बाद पदयात्रा का समापन कनैली गांव पहुंचकर कर दिया है। पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्र प्रदेश सरकार की बिभिन्न योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है। आम जनता को योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना और योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना पर पद यात्रा का मुख्य उद्देश्य था। देश के राष्ट्रपिता महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई। पदयात्रा का आज अंतिम दिन रहा और आज हाजीपुर में स्वास्थ्य कैंप से पद यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस पद यात्रा में सांसद बिनोद सोनकर के साथ मंझनपुर बिधायक लालबहादुर सैकड़ो भाजपा पदाधिकारी सांसद के कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रहे थे। स्वास्थ्य कैंप में तमाम लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें स्वस्थ रहने के गुर बताए गए हैं। हजियापुर के बाद गांधी का संदेश लेकर सांसद विनोद सोनकर के नेतृत्व में सैकड़ों लोग जन जागरूकता संदेश के साथ लक्ष्मणपुर पहुंचे जहां ग्रामीणों ने सांसद और पदयात्रा में शामिल अन्य लोगों को माल्यार्पण कर उनका जोरदार स्वागत किया है। इसी पदयात्रा के अभियान में मुस्तफाबाद और विजया चौराहे पर अलग-अलग किसान सम्मान निधि और समाज कल्याण कार्यक्रम कैम्प का आयोजन किया गया है। चौराहे पर पशु विभाग की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कैम्प का आयोजन किया गया बारा कौशाम्बी ब्लॉक में सभा का आयोजन कर केंद्र प्रदेश सरकार की योजनाओं से आम जनता को अवगत कराते हुए गांधी के सिद्धांतों पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया है। वहीं विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को इस सभा के माध्यम से सम्मानित किया गया है। सांसद विनोद सोनकर के नेतृत्व में जैसे-जैसे पदयात्रा आगे बढ़ रही थी। नेनुवा गांव फैजुल्लापुर  गांव में पदयात्रा का ग्रामीणों ने जगह-जगह भव्य स्वागत किया है। ग्रामीणों द्वारा पदयात्रा में शामिल लोगों के लिए जलपान की भी व्यवस्थाएं कराई गई थी। मवई गांव में रुक कर सांसद ने पौधारोपण कर हरियाली का संदेश दिया और कनैली गांव पहुंचकर यह पदयात्रा जनसभा में तब्दील हो गई। जहां रोजगार मेला बिजली बिल की समस्याओं के समाधान और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के समस्याओं के समाधान के लिए कैंप का आयोजन किया गया था। जहां हजारों ग्रामीण पहुंचे और मौजूद अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर ग्रामीणों को राहत प्रदान की है। पद यात्रा में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जगजीत सिंह, अजय सिंह, पिन्टू द्विवेदी, बृजेन्द्र नारायण मिश्रा ,दुर्गेश गुप्ता एडवोकेट ,अशोक चौधरी, अरुण सिंह, दुर्गेश गुप्ता एडवोकेट, गुलाब कुशवाहा ,शिवाकांत मिश्रा ,राजेंद्र पांडे ,भूपेंद्र सिंह ,अरविंद द्विवेदी ,संजय जयसवाल ,अशोक चौधरी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।


सुशील केसरवानी 


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