गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

किशोरी से 5 दिन लगातार दुष्कर्म

सूरजपुर। एक साल पूर्व एक किशोरी रात में अपने घर से दूसरे घर में बाबा के लिए खाना पहुंचाने गई थी। इस बात की जानकारी गांव के ही एक युवक को थी। इसी बीच मौका पाकर वह किशोरी के आने का इंतजार करने लगा। जैसे ही उसने किशोरी को रास्ते में आते देखा, झाडिय़ों में छिप गया। फिर जैसे ही वह वहां पहुंची, युवक ने उसका मुंह दबाकर अगवा कर लिया और घर ले गया। यहां उसने किशोरी को डरा धमकाकर 4-5 दिन तक दुष्कर्म (Minor girl raped) किया।


मामले में पुलिस ने युवक के खिलाफ अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। 22 अक्टूबर को मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के यहां हुई। उन्होंने आरोपी को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थानांतर्गत ग्राम मरहट्टा निवासी एक किशोरी एक साल पूर्व रात को अपने घर से खाना लेकर अपने बाबा के घर गई थी। किशोरी जब बाबा के घर से लौटने लगी तो ग्राम दुरती निवासी युवक शिवकुमार उर्फ बालेश्वर यादव ने उसे देख लिया। इसके बाद वह झाडिय़ों के बीच जाकर छिप गया।


जैसे ही किशोरी वहां पहुंची उसने उसका अपहरण कर साथ ले गया। इसके बाद वह उसे डरा धमकाकर 4-5 दिन तक अनाचार (Rape with girl) करता रहा। मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के विरूद्व धारा 363, 366, 506, 376 भादवि 3(2-व्ही) एसटी/एससी एक्ट व पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत् अपराध दर्ज किया गया था।प्रकरण की विवेचना एसडीओपी प्रतापपुर राकेश पाटनवार द्वारा की गई। प्रकरण में साक्ष्य संकलित कर उन्होंने आरोप पत्र माननीय न्यायालय सूरजपुर में पेश किया था।


आजीवन कारावास की सजा:-इस मामले की सुनवाई विद्धान न्यायाधीश हेमंत सराफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के यहां हुई। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 22 अक्टूबर 2019 को पूरी करते हुए पीडि़ता व गवाहों के बयान, डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी ग्राम दुरती थाना प्रतापपुर निवासी शिवकुमार उर्फ बालेश्वर यादव को आजीवन कारावास और 3300 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।


दुष्कर्म पीड़ित नन ने लगाई गुहार

तिरुवनंतपुरम। केरल की एक नन से दुष्कर्म मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। इस मामले में आरोपी पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ नन अनुपमा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और न्याय की मांग कर रही है। फ्रेंको मुल्क्कल को केरल के कोट्टायम की एक अदालत ने 11 नवंबर को पेश होने के लिए समन भेजा है।
न्यूज एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए नन अनुपमा ने कहा कि हम उम्मीद करते है कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। बता दें कि 43 साल की नन से दुष्कर्म मामले में जालंधर डायोसिस के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने साल 2014 से 16 के बीच एक नन के साथ 13 बार दुष्कर्म किया। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है।
इससे पहले एक नन ने केरल महिला आयोग को एक शिकायत दर्ज की थी। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कहा कि मुलक्कल और उसके लोग उसे बदनाम करने के लिए लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।


जेजेपी किंग मेकर की भूमिका में उभरी

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम के अब तक के जो रुझान आए हैं उसके मुताबिक जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) किंग मेकर की भूमिका में उभरती दिख रही है। जेजेपी को इस चुनाव में चाभी निशान मिला था। यह सियासी चाभी किस पार्टी का ताला खोलेगी, यह बड़ा सवाल है। वो कांग्रेस और बीजेपी में से किसे चुनेगी? राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दुष्यंत चौटाला कांग्रेस के साथ जाना पसंद करेंगे।


हरियाणा भाजपा को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को तत्कालीन चुनाव में मिली हार और असंतोष जनक प्रदर्शन के कारण सुभाष बराला ने अभी हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपना इस्तीफा दे दिया है। वही हरियाणा में भाजपा की सियासी जमीन शक्ति भी नजर आ रही है और भाजपा के बड़े बड़े कद्दावर नेता फिलहाल पीछे चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सुभाष बराला का इस्तीफा देना भाजपा के लिए एक बड़ी समस्या भी साबित हो सकता है।


हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार खतरे में है। मतगणना के रूझान यह बता रहे हैं कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार कड़े मुकाबले में फंसी है। भाजपा का अबकी बार 75 पार का नारा फेल हो चुका है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, जिन्हें संगठन में बड़ा ओहदा देकर जाटों को साधने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह खुद टोहना सीट पर पीछे चल रहे हैं। अमित शाह के फटकार लगाने के बाद बराला ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
बराला ने हरियाणा में पार्टी के मन मुताबिक नतीजे नहीं आने के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है। बताया जाता है कि बराला ने यह कदम पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जोरदार फटकार लगाने के बाद उठाया। गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा ने अबकी बार 75 पार का नारा दिया था। मतगणना के ताजा रूझानों में भाजपा 39 और कांग्रेस 31 सीटों पर आगे चल रही है।


प्रदेश की सियासत के क्षेत्रीय क्षत्रप चौटाला परिवारा में विघटन के बाद अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी 10 और 10 सीटों पर अन्य आगे चल रहे हैंं। टोहाना सीट पर बराला जननायक जनता पार्टी के देवेंद्र सिंह बबली से 25 हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं।


तेंदुए के शिकारी किए गिरफ्तार

बिलासपुर। प्रदेश के अचानकमार टाइगर रिजर्व की घोषणा केंद्र सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए की थी। लेकिन सरकार ने जिस उद्देश्य से अचानकमार टाइगर रिजर्व की घोषणा की सिर्फ वो कागजों में ही दिखाई दे रही है। जिसका उदाहरण अचानकमार टाइगर रिजर्व में लगातार वन्य प्राणियों का शिकार हो रहा है। साथ ही कीमती इमारती लकड़ियों की कटाई कर तस्करी की जा रही है।


अभी कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर से तेंदुए का शिकार किया गया है। जिसमें 17 आरोपियों को डॉग स्काॅयड की मदद से गिरफ्तार किया गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तेंदुए का शिकार शनिवार को हुआ था। जिसकी जानकारी विभाग को सोमवार हुआ, जानकारी मिलते ही विभाग के अधिकारी ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए छानबीन शुरू की जिसमें दो लोगों की गिरफ्तारी हुई और पूछताछ के दौरान पकड़ लिए गयें है।


आरोपियों के द्वारा आरोपियों के नाम भी बताए। जिसके बाद 17 लोगो को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बिजली का फंदा लगाए थे। जिसमें तेंदुआ फंस कर मर गया तेंदुए के मरने के बाद सभी आरोपी शव को वहीं छोड़कर भाग निकले थे। विभाग को जानकारी मिलने के बाद आरोपियों से शिकार में तार के साथ बाकी हथियार भी जप्त किये गए है।


6 दिन मे 13 लोग 150 जानवरों की मौत

बैंगलोर। कर्नाटक में हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 13 पहुंच गई है। दरअसल, 18 अक्टूबर से राज्य में बारिश हो रही है। राज्य सरकार द्वारा इक्ट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार, करीब 150 जानवरों की इस दौरान मौत हो गई है। पिछले छह दिनों से हो रही बारिश के कारण लगभग 10,000 घर बर्बाद हो गए हैं। जिसमें से 9832 आंशिक रुप से डैमेज हुए हैं और 206 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में राहत शिविर लगाए हुए है। अकेले बागलकोट में 3,734 लोगों को सात राहत शिवरों में रखा गया है। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 7,220 लोगों को करीब 28 राहत शिवरों में पनाह दी गई है। कर्नाटक में स्थिति गंभीर होती जा रही है ऐसे में लोगों की मदद के लिए सेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से सबसे ज्यादा बेलगावी, कलबुर्गी, बागलकोटे, रायचूर, शिवमोगा धारवाड और विजयपुरा, प्रभावित है। यहां घरों और स्कूलों में पानी भर गया है। इतना ही नहीं यादगिर में नारायणपुर छाया भगवती मंदिर में भारी बारिश के बाद पानी भर गया ।
बैंगलुरू के रक्षा प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार सुबह सेना की इंजीनियर्स की चार टीमों को नाव के साथ रायचुर जिले में पुर्नवास सामान के साथ सक्रिय कर दिया गया है। साथ ही प्रभावित जिलों में सेना की कई टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। भारी बारिश के कारण होसुरू गांव में आज सुबह एक मकान छह गया। हालांकि अभी तक इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बता दें कि भारी बारिश के कारण कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।


विषैला जल लील रहा ग्रामीणों की जान

रायपुर। छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है, जहां का भूमिगत पानी जहरीला है। लोग इस पानी को मजबूरी में पीते हैं और अपनी जान गंवाते हैं। एक अभिशाप की तरह लोग इस जहरीले पानी के शिकार हो रहे हैं। लोगों की मजबूरी है कि इन्हें पीने के लिए यही पानी उपलब्ध है। लोगों को पता है कि यह पानी अंदर-अंदर उनकी किडनी गला रहा है और जिस्म को खोखला बना रहा है, बावजूद इसके लोगों के पास अपनी प्यास बुझाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। धीरे-धीरे यहां की आबादी सिमट रही है। लोग या तो गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं या फिर मौत के मुंह में समा रहे हैं। इस गांव में रह रहे युवक-युवतियों की शादियां भी नहीं हो रहीं, जिसकी वजह से यहां की जनसंख्या बढ़ने की बजाय कम हो रही हैं।
गरियाबंद के सुपेबेड़ा गांव के लोग एक ऐसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से यहां की आबादी घटती जा रही है। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी को लेकर इस कदर दहशत है कि लोग पलायन कर रहे हैं। गरियाबंद जिले के इस 900 की आबादी वाले गांव में सन 2005 से लगातार किडनी की बीमारी से मौत का सिलसिला जारी है। अब तक यहां 68 मौतें हो चुकी हैं। साल 2005 में ही सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। साल 2017 में यहां 32 लोगों की मौत हुई। यह खबरें जब अखबारों की हेडलाइन बनीं, तब सरकार जागी। तत्कालीन मंत्रियों ने दौड़ लगाई। कैंप लगाए गए, डॉक्टरों को भेजा गया। कई गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रायपुर लाया गया। गांव में अस्पताल खोला गया और अब राज्यपाल ने गांव का दौरा कर वहां प्रभावित मरीजों के एम्स और रायपुर के अन्य सुपर स्पेसिलिटी अस्पताल में मुफ्त उपचार का आश्वासन दिया है।
रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सुपेबेड़ा की मिट्टी का परीक्षण किया था। मुम्बई के टाटा इंस्टीटयूट और दिल्ली के डॉक्टर भी अपने स्तर पर जांच कर चुके हैं। जबलपुर आइसीएमआर की टीम भी यहां जांच के लिए पहुंची। पीएचई विभाग ने पानी की जो जांच की थी, उसमें उन्हें फ्लोराइड और आरसेनिक की मात्रा ज्यादा मिली थी। उसके समाधान के लिए गांव में फलोराइड रिमुवल प्लांट लगा दिया गया था, मगर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की गई मिट्टी की जांच में हैवी मैटल पाए गए थे, जिसमें कैडमियम और क्रोमियम भी ज्यादा मात्रा में शामिल है।
वर्तमान में कांग्रेस की सरकार ने सुपेबेड़ा में शुद्घ पेयजल पहुंचाने के लिए योजना बनाई है। करीब दो करोड़ रुपये की इस योजना से पास में बहती तेल नदी से पानी पहुंचाया जाएगा। तेल नदी पर पुल निर्माण और वाटर फिल्टर प्लांट के लिए 24 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं। यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पूर्व में जो वाटर फिल्टर और आर्सेनिक रिमुवेबल प्लांट स्थापित किए गए हैं, इनकी कार्यक्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। प्लांट में पानी ठीक तरीके से शुद्ध नहीं हो पाने के कारण स्थिति में विशेष सुधार नहीं हुआ।


पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में किया तब्दील

 भिण्ड। कोटा-भिण्ड पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में तब्दील करते हुए इटावा तक  शुरू किया जा चुका है। इस ट्रेन को भिण्ड-दतिया सांसद संध्या राय ने भिण्ड रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे ने कोटा पैंसेजर को न केवल एक्सप्रेस ट्रेन में तब्दील किया है, बल्कि इसे इटावा तक के लिए भी शुरू करा दिया है। इससे पहले यह ट्रेन भिण्ड-कोटा के बीच चलती थी और अब यह इटावा और कोटा के बीच शुरू कर दी गई है। मंगलवार को पहले दिन यह ट्रेन सुबह 11:40 बजे कोटा से भिण्ड की ओर रवाना हुई और बुधवार को दोपहर 1:30 बजे इटावा पहुंची। बता दें कि कोटा-इटावा एक्सप्रेस के 49 स्टापेज रखे गए है। इसके अलावा रेलवे ने ग्वालियर से भिण्ड के बीच चलने वाली ग्वालियर-भिण्ड ट्रेन का भी इटावा तक विस्तार कर दिया्र है। ये गाड़ी अब सुबह 6 बजे ग्वालियर से चलकर 9:30 बजे इटावा पहुंचेगी और फिर इटावा से 10 बजे ग्वालियर के लिए प्रस्थान करेगी। हालांकि एक साथ दो ट्रेनों का विस्तार किए जाने से यात्रियों में खुशी का माहौल है।


आधुनिकता में जल उपयोगी बिंदु

भिण्ड। रौन जनपद के अंतर्गत गौरई गांव मे गुरूवार दोपहर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के अधीन नेहरू युवा केन्द्र संगठन एवं रामजानकी युवा मण्डल द्वारा रौन क्षेत्र के गौरई गांव मे जल शक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत ग्रामीण युवाओं को जल बचाने के लिये जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  जिसमे रामजानकी युवा मण्डल की अध्यक्ष रेखा सिहं, सचिव सतेंन्द्र सिहं चौहान, कोषाध्यक्ष महावीरसिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान मण्डल अध्यक्ष रेखा सिहं ने कहा कि जल की अधिकाधिक बर्बादी होने से हमारे बीच का जलस्तर घटता है इसे व्यर्थ न करें। इन्द्र सिंह  चौहान ने कहा कि वास्तव में आज की स्थिति में जल हमारे लिये बहुत ही उपयोगी बिंदु है जिसे हमे सहज के रखना होगा। युवा समाजसेवी जितेन्द्र सिंह चौहान जीतू भैया गौरई ने संबोधित किया।


स्वच्छ भारत अभियान के तहत रैली

इंदौर। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत, प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड और विचार फाउंडेशन ने बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दशहरा मैदन से नीलकंठ मंदिर, सागौर में स्वच्छता अभियान सह रैली का आयोजन किया। प्रतिभा सिंटेक्स और विचार फाउंडेशन की इस 2 किलोमीटर लंबी रैली में सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र और शिक्षक, नगर पालिका टीम के सदस्य और ग्रामीण उपस्थित रहे। बच्चों ने स्वच्छता के नारे लगाए, जबकि प्रतिभा के कर्मचारियों, ग्रामीणों और नगर पालिका के सदस्यों ने प्लास्टिक के थैलों, पॉलीथिन और रैपरों को एकत्र कर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग से दूर रहने और सागौर को स्वच्छ व सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रेरित कदम। मदन सिंह भंडारी ने कहा की स्वच्छता का ये अभियान सागौर के लोगो को स्वच्छता रखने के लिए प्रेरित करेगा | इस अभियान को रामनारायण चौधरी ने भी सराहा |


 यह अभियान प्रतिभा के सीएसआर प्रोग्राम के सात मॉड्यूलों में से एक था, जिसे विचार फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित किया गया था। सीएसआर कार्यक्रम के तहत, एक अन्य मॉड्यूल शिक्षा को लेकर भी है। नैतिक शिक्षा पर शिक्षा मॉड्यूल कार्यशाला का आयोजन किया गया है और सागौर और बरदरी के विभिन्न स्कूलों में नैतिक मूल्यों पर फिल्में दिखाई गई हैं।  इस महीने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाते हुए, महात्मा गांधी के जीवन पर एक फिल्म अगली पीढ़ी को महात्मा के जीवन के उपाख्यानों के बारे में सूचित करने के लिए प्रदर्शित की गई थी। सितंबर के महीने में, शहीद भगत सिंह की जयंती को चिह्नित करने के लिए, स्वतंत्रता सेनानी पर विचार फाउंडेशन द्वारा बनाई गई फिल्म को विभिन्न स्कूलों में प्रदर्शित किया गया था। फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद बच्चों की फिल्म से सीखने के बारे में उनकी समझ को परखने के लिए एक एक छोटी परीक्षा का आयोजन भी किया जाता है।


सरस्वती शिशु मंदिर की प्रधानचार्य श्रीमती रेखा शर्मा ने कहा की इस तरह की कार्यशालाए बच्चो में नैतिक मूल्यों को रोपित करने में बहुत ही सहायक है | विद्यालय के संयोजक  प्रह्लाद रघुवंशी ने कहा की ये मोड़युल बच्चो को सर्वागीण विकास के लिए बहुत ही जरूरी है|


हिम तेंदुआ की गणना के लिए प्रोटोकॉल

नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने हिम तेंदुओं की रक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में प्रमुख पहल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर भारत में हिम तेंदुए की संख्या का आकलन करने के लिए आज प्रथम राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का शुभारंभ किया। देश में हिम तेंदुओं की गणना का अपने किस्म का पहला कार्यक्रम वैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा उन राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, के सहयोग से विकसित किया गया है, जहां हिम तेंदुए पाए जाते हैं। इन राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।


वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी संरक्षण (जीएसएलईपी) कार्यक्रम की संचालन समिति की चौथी बैठक में प्रमुख भाषण देते हुए आज श्री जावड़ेकर ने इस रेंज में आने वाले देशों से प्रकृति के संरक्षण तथा हिम तेंदुओं की संख्या की गणना में सामूहिक रूप से कार्य करने की दिशा में विचार करने का अनुरोध किया। पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'आने वाले दशक में हम दुनिया में हिम तेंदुओं की आबादी को दोगुना करने का प्रयास करेंगे। यह दो दिवसीय सम्मेलन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान होने वाला विचार-विमर्श, चर्चाएं, सहयोग और एक-दूसरे से सीखना और सर्वोत्तम पद्धातियों को साझा करना हम सभी के लिए लाभदायक होगा। इसलिए, हम प्रकृति को बेहतर तरीके से संरक्षित कर सकते हैं और हम सामूहिक रूप से सकारात्मक कार्य कर सकते हैं।'
             श्री जावड़ेकर ने बाघों की आबादी के संबंध में भारत की सफलता के बारे में भी जानकारी दी। इस समय 2967 बाघ हैं, यानी 77 प्रतिशत बाघों की आबादी भारत में निवास करती है, उनकी तादाद का लगभग सटीक आकलन करने के लिए 26000 कैमरों का इस्तेमाल किया गया। भारत में 500 से अधिक शेर, 30000 से अधिक हाथी, 2500 से अधिक एक सींग वाले गैंडे भी हैं।
            श्री जावड़ेकर ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि यह विचार-विमर्श व्यावहारिक कार्यक्रम तैयार करने में सफल होगा और इसकी बदौलत प्रकृति के संरक्षण और उसमें सुधार लाने के जरिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग जीतने तथा तेंदुए, बाघ, शेर, हाथी, गैंडे और समस्त पशु साम्राज्य सहित पारिस्थितिकी के प्रतीकों की संख्या में वृद्धि होने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री जावड़ेकर ने कहा, “हमें क्षमता निर्माण, आजीविका, हरित अर्थव्यवस्था और तो और हिमालयी क्षेत्र के हिम तेंदुएं वाले इलाकों में और हरित मार्ग के बारे में देशों के बीच सहयोग के बारे में विचार मंथन करना चाहिए। यह उन सभी देशों के लिए आधार बनता है, जहां हिम तेंदुए पाए जाते हैं।"
               पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव  श्री सी.के. मिश्रा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हिम तेंदुए की अहमियत के बारे में जागरूकता फैलाने और उसे समझने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “ये सम्मेलन अन्य देशों की सर्वोत्तम पद्धातियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करते हैं। चर्चाएं पर्यावास और पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित होनी चाहिए। हमें बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र और बेहतर पर्यावास बनाने का प्रयास करना चाहिए।”


यहां इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि हिम तेंदुएं 12 देशों में पाए जाते हैं। उन देशों में भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 23-24 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में जीएसएलईपी कार्यक्रम की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित की जा रही है।
जीएसएलईपी की संचालन समिति की चौथी बैठक में नेपाल, रूस, किर्गिस्तान और मंगोलिया के मंत्रियों के साथ-साथ हिम तेंदुओं की आबादी वाले नौ देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। जीएसएलईपी की संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता नेपाल और सह-अध्यक्षता किर्गिस्तान कर रहे हैं। इस बैठक में हिम तेंदुए और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए सहयोगपूर्ण प्रयासों में तेजी लाने के लिए अपने अनुभवों को साझा करेंगे। प्रतिनिधि हिम तेंदुए के पर्यावासों के विकास के लिए निरंतर किए जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।


'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...