रविवार, 20 अक्तूबर 2019

रंगो का जीवन में अधिकार

रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। उल्लेखनीय है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीजें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियाँ भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। उनमें एक लाल रंग के कपड़े का टुकड़ा भी मिला। विशेषज्ञों के अनुसार इस पर मजीठ या मजिष्‍ठा की जड़ से तैयार किया गया रंग चढ़ाया गया था। हजारों वर्षों तक मजीठ की जड़ और बक्कम वृक्ष की छाल लाल रंग का मुख्‍य स्रोत थी। पीपल, गूलर और पाकड़ जैसे वृक्षों पर लगने वाली लाख की कृमियों की लाह से महाउर रंग तैयार किया जाता था। पीला रंग और सिंदूर हल्दी से प्राप्‍त होता था।


रंगों की तलाश 
क़रीब सौ साल पहले पश्चिम में हुई औद्योगिक क्रांति के फलस्‍वरूप कपड़ा उद्योग का तेजी से विकास हुआ। रंगों की खपत बढ़ी। प्राकृतिक रंग सीमित मात्रा में उपलब्ध थे इसलिए बढ़ी हुई मांग की पूर्ति प्राकृतिक रंगों से संभव नहीं थी। ऐसी स्थिति में कृत्रिम रंगों की तलाश आरंभ हुई। उन्हीं दिनों रॉयल कॉलेज ऑफ़ केमिस्ट्री, लंदन में विलियम पार्कीसन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने में जुटे थे। तमाम प्रयोग के बाद भी कुनैन तो नहीं बन पायी, लेकिन बैंगनी रंग ज़रूर बन गया। महज संयोगवश 1856 में तैयार हुए इस कृत्रिम रंग को मोव कहा गया। आगे चलकर 1860 में रानी रंग, 1862 में एनलोन नीला और एनलोन काला, 1865 में बिस्माई भूरा, 1880 में सूती काला जैसे रासायनिक रंग अस्तित्त्व में आ चुके थे। शुरू में यह रंग तारकोल से तैयार किए जाते थे। बाद में इनका निर्माण कई अन्य रासायनिक पदार्थों के सहयोग से होने लगा। जर्मन रसायनशास्त्री एडोल्फ फोन ने 1865 में कृत्रिम नील के विकास का कार्य अपने हाथ में लिया। कई असफलताओं और लंबी मेहनत के बाद 1882 में वे नील की संरचना निर्धारित कर सके। इसके अगले वर्ष रासायनिक नील भी बनने लगा। इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए बइयर साहब को 1905 का नोबेल पुरस्कार भी प्राप्‍त हुआ था।


मुंबई रंग का काम करने वाली कामराजजी नामक फर्म ने सबसे पहले 1867 में रानी रंग (मजेंटा) का आयात किया था। 1872 में जर्मन रंग विक्रेताओं का एक दल एलिजिरिन नामक रंग लेकर यहाँ आया था। इन लोगों ने भारतीय रंगरेंजों के बीच अपना रंग चलाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए। आरंभ में उन्होंने नमूने के रूप में अपने रंग मुफ़्त बांटे। बाद में अच्छा ख़ासा ब्याज वसूला। वनस्पति रंगों के मुक़ाबले रासायनिक रंग काफ़ी सस्ते थे। इनमें तात्कालिक चमक-दमक भी खूब थी। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाते थे। इसलिए हमारी प्राकृतिक रंगों की परंपरा में यह रंग आसानी से क़ब्ज़ा जमाने में क़ामयाब हो गए।


आदि-अनंत संगीत का इतिहास

प्रगैतिहासिक काल से ही भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। गिने-चुने देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा पायी जाती है। ऐसा जान पड़ता है कि भारत में भरत के समय तक गान को पहले केवल गीत कहते थे। वाद्य में जहाँ गीत नहीं होता था, केवल दाड़ा, दिड़दिड़ जैसे शुष्क अक्षर होते थे, वहाँ उस निर्गीत या बहिर्गीत कहते थे और नृत्त अथवा नृत्य की एक अलग कला थी। किंतु धीरे धीरे गान, वाद्य और नृत्य तीनों का "संगीत" में अंतर्भाव हो गया - गीतं वाद्यं तथा नृत्यं त्रयं संगतमुच्यते।


भारत से बाहर अन्य देशों में केवल गीत और वाद्य को संगीत में गिनते हैं; नृत्य को एक भिन्न कला मानते हैं। भारत में भी नृत्य को संगीत में केवल इसलिए गिन लिया गया कि उसके साथ बराबर गीत या वाद्य अथवा दोनों रहते हैं। हम ऊपर कह चुके हैं कि स्वर और लय की कला को संगीत कहते हैं। स्वर और लय गीत और वाद्य दोनों में मिलते हैं, किंतु नृत्य में लय मात्र है, स्वर नहीं। हम संगीत के अंतर्गत केवल गीत और वाद्य की चर्चा करेंगे, क्योंकि संगीत केवल इसी अर्थ में अन्य देशों में भी व्यवहृत होता है।


भारतीय संगीत में यह माना गया है कि संगीत के आदि प्रेरक शिव और सरस्वती है। इसका तात्पर्य यही जान पड़ता है कि मानव इतनी उच्च कला को बिना किसी दैवी प्रेरणा के, केवल अपने बल पर, विकसित नहीं कर सकता।


भारतीय संगीत का आदि रूप वेदों में मिलता है। वेद के काल के विषय में विद्वानों में बहुत मतभेद है, किंतु उसका काल ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्व था - इसपर प्राय: सभी विद्वान् सहमत है। इसलिए भारतीय संगीत का इतिहास कम से कम 4000 वर्ष प्राचीन है।


वेदों में वाण, वीणा और कर्करि इत्यादि तंतु वाद्यों का उल्लेख मिलता है। अवनद्ध वाद्यों में दुदुंभि, गर्गर इत्यादि का, घनवाद्यों में आघाट या आघाटि और सुषिर वाद्यों में बाकुर, नाडी, तूणव, शंख इत्यादि का उल्लेख है। यजुर्वेद में 30वें कांड के 19वें और 20वें मंत्र में कई वाद्य बजानेवालों का उल्लेख है जिससे प्रतीत होता है कि उस समय तक कई प्रकार के वाद्यवादन का व्यवसाय हो चला था।


संसार भर में सबसे प्राचीन संगीत सामवेद में मिलता है। उस समय "स्वर" को "यम" कहते थे। साम का संगीत से इतना घनिष्ठ संबंध था कि साम को स्वर का पर्याय समझने लग गए थे। छांदोग्योपनिषद् में यह बात प्रश्नोत्तर के रूप में स्पष्ट की गई है। "का साम्नो गतिरिति? स्वर इति होवाच" (छा. उ. 1। 8। 4)। (प्रश्न "साम की गति क्या है?" उत्तर "स्वर"। साम का "स्व" अपनापन "स्वर" है। "तस्य हैतस्य साम्नो य: स्वं वेद, भवति हास्य स्वं, तस्य स्वर एव स्वम्" (बृ. उ. 1। 3। 25) अर्थात् जो साम के स्वर को जानता है उसे "स्व" प्राप्त होता है। साम का "स्व" स्वर ही है।


वैदिक काल से प्रारम्भ भारतीय संगीत की परम्परा निरन्तर फलती-फूलती और समृद्ध होती रही। इस पर सैकड़ों ग्रन्थ लिखे गये।


महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मेरे प्यारे मैं तुम्हें विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं! मैं व्याख्याता नहीं हूं! मैं तो सूक्ष्म सा परिचय देने चलाता हूं कि गुरु शिष्यों का इस प्रकार का संवाद रहा है! उस संवाद का परिणाम यह होता है कि वह राष्ट्र को नहीं चाहते, वह केवल कर्तव्य वाद को चाहते हैं! जो कर्तव्य वादी होते हैं वही तो संसार को उन्नत बनाते हैं! मुनिवर, हम अपने में अपनेपन को जानते हुए और अपनी इंद्री वर्णस्सुतम्, अपनी इंद्रियों के विषयों को जानते हुए! इस सागर से हृदय में प्रवेश होते हुए और वही हृदय का मिलान परमात्मा के हृदय से आह्वान होने से प्राप्त होता है! आज का विचार यह कह रहा है कि हम परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए! देव की महिमा का गुणगान गाते हुए इस संसार सागर से पार हो जाए! क्योंकि राष्ट्रवाद अपने में महान-पवित्रत्तव कहलाता है आज का वाक्य उच्चारण करने का अभिप्राय यह है कि राजा के राष्ट्र में विज्ञान भी इतना उधरवा में होना चाहिए! जिस विज्ञान को जानकर के संसार सागर से पार हो जाए! मेरे प्यारे विज्ञान एक नहीं अपने पूर्वजों का दर्शन करना है! विज्ञान के माध्यम से ही राष्ट्र की रक्षा करनी है! विज्ञान के माध्यम से ही अपनी क्रियाकलापों में तत्पर रहना है! विज्ञान के माध्यम से ही नाना प्रकार के यंत्रों का निर्माण करते हुए वह नाना प्रकार के लोक लोकांतरो का यात्री बन जाता है! यह है बेटा आज का वाक्य अब समय मिलेगा तो मैं तुम्हें शेष चर्चाएं कल प्रकट करूंगा! आज का वाक्य समाप्त होता है! अब वेदों का पठन-पाठन होगा!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 21, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-78 (साल-01)
2. सोमवार ,21 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि- अष्टमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


 


शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

नोएडा में दूसरा सबसे बड़ा हेलीपोर्ट


नोएडा में बनेगा देश का दूसरा सबसे बड़ा हेलीपोर्ट


देवेंद्र गुर्जर


गौतमबुध नगर। दिल्ली के बाद नोएडा में देश का दूसरा सबसे बड़ा हेलीपोर्ट बनने जा रहा है। इसका संचालन चार हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता एजेंसियां कर सकती हैं। नोएडा प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 में परियोजना को शामिल कर बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी है।


सेक्टर-151ए में 10 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बनाई गई है। जल्द ही सलाहकार कंपनी का चयन होगा। इसके लिए रिक्यूवेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी होगी, जो परियोजना को समझाने के लिए पूरी योजना का ब्ल्यूप्रिंट तैयार करेगी, जिसमें प्राधिकरण की जमीन लागत निकालने के साथ-साथ सुविधा शुरू होने से होने वाली आय का पूरा लेखा-जोखा शामिल होगा। साथ ही नोएडा की प्रॉपर्टी इस परियोजना से कितना बूम मार सकती है, कितना नया निवेश होगा, इसका भी पता लग जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण को परियोजना का खाका हस्तगत होगा।


बता दें कि देश में चार एजेंसियां हैं, जो हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करती हैं। इनमें पवन हंस व एसआईटीसी के अलावा दो अन्य शामिल हैं। पवन हंस का कार्यालय नोएडा सेक्टर-एक में है। सेक्टर-151ए स्थित हेलीपोर्ट पर हेलीकॉप्टर उतरने के लिए आठ हेलीपेड बनाए जाएंगे। हेलीकॉप्टर बुकिंग के लिए केबिन बनाए जाएंगे, इनकी पार्किग की व्यवस्था होगी। पहले चरण में योजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो रही है, जिसे क्लीयरेंस के लिए आइआइटी भेजा जाएगा। वहां से संस्तुति मिलने पर राज्य सरकार से मंजूरी ली जाएगी। जहां पर हेलीपोर्ट बनाया जाएगा।


एसएसबी ने पकड़ा लाखों का अवैध कपड़ा

एसएसबी ने पकड़ा लाखों का कपड़ा, एक गिरफ्तार


कपड़ों से भरी एक पिकप भी बरामद की गई


आदर्श श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। पलिया कलां खीरी के अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा के गौरीफंटा थाना अंतर्गत पिलर संख्या 750/1 के निकट से पच्चीस लाख की कीमत का कपड़ा, एक पिकप व उसके ड्राइवर सतनाम सिंह पुत्र परमजीत सिंह निवासी बंडा को एसएसबी ने मुखबिर की सूचना पर पकड़ा। आपको बता दें कि नेपाल में सर्दी का मौसम आते ही गर्म ऊनी कपड़े और कपड़ों के थान की मांग काफी बढ़ जाती है जिसके चलते कपड़ों के तस्कर भी सक्रिय हो रहे हैं। पकड़ा गया कपड़ा पलिया के कई बड़े कपड़ा व्यापारियों का बताया गया है!


39 वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेन्ट संजीव कुमार ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर भारत नेपाल सीमा के पिलर संख्या 750/1 से एक पिकअप ड्राइवर सहित कपड़ा पकड़ा गया है जिस कार्यवाही में एसएसबी गौरीफंटा के इंस्पेक्टर जसवीर सिंह, सब इंस्पेक्टर कुंदन सिंह सहित कई एसएसबी के जवान शामिल हुए! पकड़े गए कपड़े व वाहन को उसके ड्राइवर सहित कस्टम के हवाले कर दिया गया है ! उन्होंने बताया कि एसएसबी इस मामले में तह तक जाकर कार्रवाई करेगी!


कांग्रेस ने आस्था-सभ्यता को तवज्जो नहीं दी

ऐलनाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के ऐलनाबाद में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर हमले किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि कपूरथला से तरन तारन के पास गोविंदवाल साहिब तक जो नया नेशनल हाईवे बना है, उसको अब गुरु नानक देव जी मार्ग के नाम से जाना जाएगा। करतापुर साहिब का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा की, NDA की सरकार को एक और सौभाग्य मिला है। हमारे गुरु के पवित्र स्थान, करतारपुर साहिब और हम सभी के बीच की दूरी अब समाप्त होने वाली है। लेकिन कांग्रेस और उसके कल्चर से जुड़े दलों ने हिंदुस्तानियों की आस्था, परंपरा और संस्कृति को कभी मान नहीं दिया। 


भक्तों को गुरु से नहीं करना चाहिए अलग


कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1947 में जो, बंटवारे की रेखा खींचने के लिए जिम्मेदार थे, क्या उनको ये ख्याल नहीं था, कि सिर्फ 4 किलोमीटर के फासले से भक्तों को गुरु से अलग नहीं किया जाना चाहिए? इसके बाद भी, 70 सालों में क्या इस दूरी को मिटाने के प्रयास कांग्रेस की सरकार को नहीं करने चाहिए थे।


इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की जो अप्रोच हमारे इन पवित्र स्थानों के साथ रही, वही अप्रोच जम्मू कश्मीर के साथ भी रही। 70 साल तक समस्याओं में उलझाते रहे, सार्थक समाधान के लिए ईमानदार कोशिश ही नहीं की।


फिर उठा अनुच्छेद 370 का मुद्दा


अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया और आरोप लगाते हुए कहा कि पहले दिल्ली में सोई हुई कांग्रेस सरकार एक के बाद एक करके कश्मीर के हालात बिगाड़ती गई। प्रारंभ के दिनों में पाकिस्तान की मदद से हमारा कुछ हिस्सा छीन लिया गया। उसके कुछ सालों के बाद योजनाबद्ध तरीके से, कश्मीर जिस परंपरा के लिए जाना जाता है, उस सूफी सोच को दफना दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गलत नीति और रणनीति से देश को तबाह करके रख दिया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि 70 साल तक कश्मीर के लोगों को आपने टेम्परेरी साइकोलॉजी के द्वारा परमानेंट की ओर जाने के लिए अलगाववाद की ओर जाने के लिए रास्ता दिखाया था। इसलिए भाइयों मैंने टेम्परेरी खत्म कर दिया है। जब आपने मुझे दोबारा पांच साल के लिए परमानेंट बना दिया तो मैं टेम्परेरी क्यों चलने दूं।


अमित शाह ने दी कांग्रेस को चुनौती

नवापुर। केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह यह घोषणा करें कि उनकी पार्टी अगर सत्ता में आती है तो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को लागू करेगी। नंदूरबार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विशाल जनमत से दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पहला काम अनुच्छेद 370 को खत्म करने का किया है। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। उन्होंने कहा कि विशेष प्रावधानों की वजह से पाकिस्तान ने राज्य में आतंकवाद को भड़काया। जिसमें 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी सिर्फ अपने वोट बैंक को बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कहते हैं कि महाराष्ट्र का अनुच्छेद 370 से क्या वास्ता है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह यह घोषणा करें कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को लागू करेगी। अब भी विधानसभा चुनाव होने में एक दिन बचा हुआ है।


कॉमेडी सर्कस नहीं सरकार चलाएं: गांधी

नयी दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी को लेकर शनिवार को सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्रियों का काम कॉमेडी सर्कस चलाना नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था को सुधारना है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा नेताओं को जो काम मिला है उसको करने की बजाय वे दूसरों की उपलब्धियों को झुठलाने में लगे हैं। नोबेल पाने वाले ने अपना काम ईमानदारी से किया, नोबेल जीता। प्रियंका ने तंज कसते हुए कहा, अर्थव्यवस्था ढही जा रही है। आपका काम उसको सुधारना है न कि कॉमेडी सर्कस चलाना। 


दरअसल, गोयल ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2019 के नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गये भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी को शुक्रवार को वाम की ओर झुकाव वाला बताया। गोयल ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि मैं अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार जीतने की बधाई देता हूं। आप सभी जानते हैं कि उनकी सोच पूरी तरह वाम की ओर झुकाव वाली है। भाजपा नेता ने कहा कि बनर्जी ने कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित 'न्याय' योजना का समर्थन किया और भारत की जनता ने उनकी सोच को नकार दिया। बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा रही है और इस समय उपलब्ध आंकड़े बहुत जल्द देश की अर्थव्यवस्था के उबरने का आश्वासन नहीं देते।


थम गया है चुनावी प्रचार,संपर्क बाकी

नई दिल्ली। हरियाणा-महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और यूपी के 11, हिमाचल प्रदेश के दो सीटों पर उपचुनावों के लिए शनिवार शाम छह बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 जबकि हरियाणा में 90 सीटे हैं। इसके अलावा, देश के अलग-अलग राज्यों में 64 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी है।21 अक्तूबर को मतदान है। यूपी विधानसभा की 11 सीटों पर उपचुनाव के लिए 110 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रदेश में सहानपुर की गंगोह, रामपुर जिले की रामपुर, अलीगढ़ की इगलास, लखनऊ की कैंट, कानपुर नगर की गोविंद नगर, चित्रकूट की मानिकपुर, प्रतापगढ़ की प्रतापगढ़, बाराबंकी की जैदपुर, आंबेडकर नगर की जलालपुर, बहराइच की बलहा और मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है।


भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने चुनावी सभाएं और बैठकें की हैं। वहीं कांग्रेस के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सपा के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित अन्य नेताओं ने भी प्रचार किया है।


हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्तूबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की समयावधि के दौरान किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार बंद हो जाता है।


हिमाचल के धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा क्षेत्रों में 21 अक्तूबर को होने वाले उपचुनाव से पहले शनिवार को चुनावी शोर थम जाएगा। रविवार को प्रत्याशी और कार्यकर्ता डोर-टू-डोर प्रचार करेंगे। प्रचार के बंद होने के बाद जिले से बाहर के नेता तत्काल जिला छोड़ देंगे।


रोहित का अफ्रीका के खिलाफ शतक

रांची। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के साथ जारी तीन मैचों की सीरीज में तीसरे शतक के साथ अपने करियर में 2000 टेस्ट रन पूरे कर लिए है। रोहित शर्मा ने झारखंड क्रिकेट संघ मैदान पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन अपना शतक पूरा किया। इस सीरीज में रोहित का यह तीसरा शतक है। रोहित ने विशाखापट्टनम में आयोजित पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया था। इस सीरीज से पहले रोहित के नाम सिर्फ तीन शतक थे लेकिन उनके नाम 30 टेस्ट मैचों में छह शतक हो गए हैं। रोहित ने अब तक कुल 30 टेस्ट मैचों की 51 पारियों में 46.58 के औसत से 2003 रन बना लिए हैं। उनके नाम 10 अर्धशतक भी हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में पहला छक्का जड़ते ही वे आइसीसी वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अब तक सबसे ज्यादा छक्के जडऩे वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। रोहित शर्मा ने वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तीसरे मैच की अपनी चौथी पारी में 14वां छक्का जड़ा और बेन स्टोक्स को पीछे छोड़ दिया, जो एशेज सीरीज में पांच टेस्ट मैच खेल चुके हैं। रोहित शर्मा के नाम 14 छक्के, बेन स्टोक्स के 13, मयंक अग्रवाल के 7 और रवींद्र जडेजा के नाम 7 छक्के हैं।


मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अंतिम चरण के लिए मतदान 1 ज...