गुरुवार, 22 अगस्त 2019

22 साल बाद कब्र से ज्यों कि त्‍यौं निकली लाश

बांदा।  जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 22 साल पहले कब्र मे दफनाए गए एक शख्स का जनाजा ज्यों का त्यों पड़ा मिला है। मामला तब सामने आया जब मूसलाधार बारिश के चलते कब्रिस्तान (Graveyard) में मिट्टी कटने से एक कब्र धंस गई और उसमें 22 साल पहले दफन एक शख्स का कफन में लिपटा जनाजा़ दिखने लगा।देखते ही देखते मौके पर लोगों का हुजूम जमा हो गया। जब कफन में लिपटी लाश को निकाला गया तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें हैरत से फटी रह गईं, क्योंकि 22 सालों बाद भी लाश ज्यों कि त्यों निकली। कफन तक भी मैला तक नहीं हुआ था।यह हैरतअंगेज मामला बांदा के बबेरू कस्बे के अतर्रा रोड स्थित घसिला तालाब के कब्रिस्तान से सामने आया है। यहां मूसलाधार बारिश से कई कब्रों की मिट्टी बह गई और एक कब्र में दफन जनाजा़ बाहर दिखने लगा। लोगों ने कब्रिस्तान कमेटी को इसकी जानकारी दी। कब्रिस्तान कमेटी के सदस्‍यों द्वारा जब कब्र की धंसी हुई मिट्टी को हटाकर देखा गया, तो उसमें दफनाया गया जनाजा ज्यों का त्यों पड़ा था।दरअसल, इस कब्र में 22 साल पहले 55 वर्षीय पेशे से नाई नसीर अहमद नाम के शख्स को दफनाया गया था। 22 साल बाद भी उनका जनाजा ज्यों का त्यों बना मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नसीर अहमद पुत्र अलाउद्दीन निवासी कोर्रही, थाना बिसंडा बबेरू में नाई की दुकान थी। उन्‍हें लगभग 22 साल पहले दफन किया गया था, लेकिन बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण मिट्टी कटने से कब्र धंस गई थी।यह खबर इलाके में आग की तरह फैली। देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। हालांकि, बाद में स्थानीय मौलानाओं की मौजूदगी में कब्र से जनाजा़ निकालकर देर रात उसे दूसरी कब्र में दोबारा से दफन किया गया। मृतक नसीर के एक रिश्तेदार बताते हैं कि उनका कोई बेटा नहीं था। 22 साल पहले उनका निधन हुआ था, जिसके बाद उनलोगों ने ही उनके शव को दफनाया था। लेकिन, आज उनका जनाजा मिटटी धंसने की वजह से बाहर निकल आया। न शव ख़राब हुई थी और न ही कफ़न पर कोई दाग लगा था।


यमन में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया

सना। यमन की राजधानी सना के दक्षिणी भाग धमार में मंगलवार को अमेरिका के एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया। हौथी विद्रोहियों के कब्जे वाले सना में हुई इस घटना की पुष्टि दो अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को की। हाल के महीनों में ऐसी दूसरी घटना है। इससे पहले हौथी विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता ने कहा था कि हमारी सेना ने अमेरिका के ड्रोन को मंगलवार को देर शाम को मार गिराया है। यह पहली बार नहीं है कि यमन में अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया गया हो। इससे पहले जून में भी हौथी विद्रोहियों ने ईरान की मदद से अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था। अमेरिका बीच-बीच में यमन में मौजूद अल कायदा की शाखा अल कायदा इन अरेबियन पेनिनसुला(एक्यूएपी) के ठिकानों पर हमला करता रहता है। अल-कायदा की यमन शाखा ने हौथी विद्रोहियों और राष्ट्रपति अब्द-रबु मंसौर हादी के बीच चार साल से चल रही लड़ाई का लाभ उठाते हुए अपनी ताकत बढ़ा ली थी। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका का ड्रोन हथियारों से लैस था। उसे कैलिफोर्निया में स्थित कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया था। हौथी विद्रोहियों ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से उस ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, दूसरी तरफ एक यमनी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को यकीन है कि हौथी विद्रोहियों को ईरान ने मिसाइल मुहैया की थी। अभी यह अस्पष्ट है कि ड्रोन को अमेरिकी सेना संचालित कर रही थी या खुफिया समुदाय कर रहा था। अमेरिका ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इस वारदात के लिए सीधा ईरान को कसूरवार ठहराया था। जून में ईरान ने होर्मुज के जलमार्ग पर अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। तब भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। ईरान ने दावा किया कि यह ड्रोन उनकी वायुसीमा को पार करने की कोशिश कर रहा था। वहीं, अमेरिका ने तेहरान के दावे को खारिज कर दिया और ईरान के कदम को भड़काऊ करार दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने इसके बाद हमले के आदेश दिए थे, लेकिन कुछ समय बाद ही यह आदेश वापस ले लिया। अमेरिका ने पिछले साल वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था। ईरान पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के आसार हैं लेकिन ईरान ने कहा कि वह प्रतिबंधों के हटने पर ही बातचीत करेगा। ट्रंप भी बातचीत के लिए कई बार संकेत दे चुके हैं। अमेरिकी ड्रोन पर हुए हमले पर यूएस मिलिट्री सेंट्रल कमांड ने कहा कि हम इस बात पर पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि यह हमला ईरान ने कराया है। ईरान आतंकियों और विद्रोहियों की मदद कर रहा है। इसकी वजह से उस पूरे इलाके में संतुलन और शांति स्थापित नहीं हो पा रहा है. वहीं, अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्किस ने कहा कि यह हमला ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने किया है। इलाके का संतुलन बिगाड़ने के लिए ईरान ऐसी हरकत कर रहा है। जबकि, ईरान ने कहा कि अमेरिका के आरोप गलत है। खाड़ी देश अरब हौथी विद्रोहियों को सैन्य और आर्थिक मदद कर रहा है। जबकि, आरोप ईरान पर लगाया जा रहा है।


ठंडा द्वीप खरीदना चाहते थे राष्ट्रपति ट्रंप

 ठंडा द्वीप खरीदना चाहते थे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने किया इनकार। डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के सलाहकारों से ली थी राय। न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक यह घोषणा की कि वे डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। इससे पहले मेट ने अमेरिकी राष्ट्रपति को स्पष्ट कर दिया कि वे ग्रीनलैंड पर कोई भी सौदा करने को तैयार नहीं है। हालांकि ग्रीनलैंड खरीदने की रिपोर्ट को ट्रंप ने गैर प्राथमिक बताया लेकिन उनका मेट के साथ बैठक में न जाना डेनमार्क पीएम के इनकार से जोड़ा जा रहा है। दरअसल, ट्रंप ग्रीनलैंड खरीदने के लिए मेट से बातचीत करना चाहते थे। लेकिन मेट ने ट्रंप से कह दिया कि उन्हें ग्रीनलैंड बेचने पर कोई बात नहीं करनी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि वे दो हफ्ते बाद होने वाली मीटिंग को किसी अन्य दिन के लिए टाल रहे हैं। ट्रंप ने लिखा, प्रधानमंत्री मेट ने ग्रीनलैंड के मामले पर सीधे बात कर अमेरिका और डेनमार्क दोनों का समय और कोशिशें बचा लीं। मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया था कि ट्रंप ग्रीनलैंड को खरीदना चाहते हैं। वे इसको लेकर गंभीर हैं और उन्होंने इस संबंध में व्हाइट हाउस के सलाहकारों से राय ली है। डेनिश शाही घराने को 'हैरानी'। डेनिश प्रधानमंत्री के ग्रीनलैंड को बेचने से इनकार करने और एक 'बकवास' विचार कहने के बाद ट्रंप के डेनमार्क दौरे को रद्द करने पर देश का शाही घराना हैरान है। प्रवक्ता लिने बाल्बेट ने बताया कि शाही राज घराने ने औपचारिक रूप से ट्रंप को यूरोपीय यात्रा के हिस्से के रूप में दो और तीन सितंबर को डेनमार्क के लिए आमंत्रित किया था।


अवैध संबंध:जूतों का हार पहना कर घुमाया

करनाल। डीएसपी राजीव कुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। कुमार ने कहा, 'जरूरत पड़ी तो किशोर को स्वास्थ्य सुविधा भी हम मुहैया कराएंगे। हम उन्हें हरसंभव मदद की कोशिश कर रहे हैं।


गांव के पूर्व प्रधान ने बताया, 'महिला बिहार की रहने वाली है। लड़का अभी 12वीं का छात्र है। पंचायत की बैठक की जानकारी तो मुझे है लेकिन उसमें क्या निर्णय हुआ, उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानता हूं। मैंने वायरल विडियो भी नहीं देखा है। महिला शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। दोनों की जाति भी अलग है। उधर, लड़के के पिता का कहना है कि यह बंजारा समुदाय के लोगों ने किया है। उन्होंने कहा कि सरपंच महिला और मेरे बेटे को जूतों की माला पहनाने और गांव में घुमाने के खिलाफ थे।


किशोर के परिवारवालों का कहना है कि उन्होंने इसका एक विडियो भी बनाया है। लड़के के चाचा ने कहा, 'महिला का पति ट्रांसजेंडर है। वह नाचता है और रामलीला में भूमिकाएं निभाता है। समुदाय के लोगों ने महिला और मेरे भतीजे को जूतों की माला पहनने और गांव में घूमने के लिए मजबूर किया।' परिवारवालों ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोग उनके बेटे को मार देना चाहते थे।


ट्रस्ट ने बाढ़ पीड़ितों को वितरित किया भोजन

नई दिल्ली। गुरुवार को गनी चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से दिल्ली के बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम में बाढ़ पीड़ित महिलाओं, बच्चों, सहित सभी पीड़ित जरूरत मंद लगभग 200 लोगों को सुबह 10 -30 बजे लंच पैकेट वितरित किया गया।इस कार्यक्रम में उपस्थित बरिष्ठ समाज सेवी डॉ आरके भटनागर ने कहा गरीबों और असहायों को ऐसे ही मौके पर मददगारों की जरूरत होती है।ऐसे में गनी चैरिटेबल ट्रस्ट ने आज जो ये पुनीत कार्य किया है।ऐसे ही और भी स्वयं सेवी,समाजसेवी, लोगों को इन गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी ने कहा कि सिर्फ आज ही नहीं आगे भी हमारा ट्रस्ट,अपनी टीम के साथ निस्वार्थ सेवा करता रहेगा। सामाजिक और आर्थिक विकास से कोसों दूर समाज के गरीब असहाय लोगों की सेवा करने में ट्रस्ट कभी पीछे नहीं रहेगा ।
इस अवसर हिंदी न्यूज़ पेपर मिशन सन्देश के संपादक सईद पठान, स्वाती कन्नौजिया,बाला शर्मा, सिकंदर अकील मिर्ज़ा, हरिओम शर्मा,ईशान अंसारी,चंद्रमोहन सिंह,आदि लोग
 उपस्थित रहे।


जिला अस्पताल में चालू होगी एमआरआई सेवा

जिला अस्पताल में जल्द चालू होगी एमआरआई सेवा -डीएम


गोण्डा। जिला अस्पताल में जल्द ही एमआरआई और डायलिसिस सेवा शुरू होगी। एमआरआआई कक्ष का निर्माण तेजी से चल रहा है। अब जिले के मरीजों को एमआरआई जैसी सुविधाओं के लिए बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। यह बातें डीएम डा0 नितिन बंसल ने कही हैंै।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं का महत्व बताते हुए कहा है कि व्यक्ति अपने जीवन को गतिमान एवं विकसित बनाये रखने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन के साधन, सड़क, आवास जल की उपलब्धता आवश्यक खाद्यान्न, रोजगार आदि संसाधनों की सुविधा पर बल देता है। इन आवश्यकताओं में चिकित्सा सुविधा भी उतनी ही आवश्यक है जितनी अन्य मूलभूत आवश्यकताएं। वर्तमान समय की जीवनशैली एवं पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण हर आयु वर्ग को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओ का सामना करना पडता है। प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने न केवल शहरी अपितु ग्रामीण  स्तर तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलायी जा रही हर योजना के लाभ को पहुंचाने के लिए अपने संकल्प के प्रति दृढ़ है। इसी दिशा में जहां एक ओर स्वास्थ्य सुविधाएं निरन्तर बेहतर की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को शुद्ध करने के उद्देश्य के लिए प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधो का रोपण करने का लक्ष्य भी रखा जिसके सापेक्ष 22 करोड़ 59 लाख पौधों का रोपण कर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी वहन किया है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश वासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने क लिए अनेक प्रकार की योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किये हंै, जिनमें दवाइयों की उपलब्धता के साथ ही अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार करना भी शामिल है, मरीजों को समुचित इलाज मुहैया कराने एवं उनको होने वाली असुविधा को दूर करने के उद्देश्य से सभी जनपद स्तरीय अस्पतालों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है, जहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय में आने वाले मरीजों से शिकायत व सुझाव प्राप्त कर सम्बन्धित अधिकारियों के माध्यम से निराकरण की उचित व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने मुुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने के साथ ही साथ निरीक्षण के समय जनमानस से हेल्प-डेस्क द्वारा प्रदान की जा रही सेवाआंे की गुणवत्ता के सम्बन्ध मंे जानकारी प्राप्त करने के भी निर्देश दिये हैं।
इसी प्रकार सभी चिकित्सालयों को क्वालिटी एश्योरेन्स कार्यक्रम के अन्तर्गत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं, जिसके माध्यम से अस्पतालों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार किया जा सके। उसी प्रकार प्रदेश की समस्त चिकित्सा इकाइंयों को कायाकल्प-अवार्ड योजना में अवार्ड प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के साथ ही साथ बायोमेडिकल वेस्ट एवं चिकित्सालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रही है। सभी प्राथमिक, सामुदायिक जिला चिकित्सालयों में साफ-सफाई एवं बायामेडिकल वेस्ट का निस्तारण समुचित ढ़ंग से  किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं एवं बीमार शिशुओं को चिकित्सीय सेवा एवं वापसी की सुविधा के लिए 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा के अन्तर्गत प्रदान की जा रही है। प्रदेश में 2270 एम्बुलेन्स क्रियाशील हैं। इसी प्रकार 1488 एम्बुलेंस 108 एम्बुलेंस सेवा के अन्तर्गत क्रियाशील हैं, जो सड़क दुर्घटना, हृदयघात, प्रसव सम्बन्धी जटिलता, दैवी आपदा आदि आकस्मिकताओं में चिकित्सासेवा उपलब्ध करा रहे हैं। प्रदेश में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से गम्भीर रोगियों  को चिकित्सा सेवा एवं रेफरल परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं जो असेवित व सुदूरवर्ती हैं ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर रोगियों का निदान, जांच तथा प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए 125 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट क्रियाशील हैं। शव परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए 193 शव वाहन प्रदेश में क्रियाशील हैं, जो सी0एम0ओ0 व सी0एम0एस0 के नियन्त्रणाधीन हैं।
 वर्तमान समय में विभिन्न रोगो की आधुनिक मशीनों से जांच, परीक्षण कर आम जनता के रोगों, गम्भीर रोगों के इलाज करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोक्योरमेण्ट सेवायें संचालित की हैं। प्रदेश के 40 जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क सीटी स्कैन सुविधा मरीजों को दी जा रही है। 33 जनपदों में जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क डायलिसिस सेवा, 297 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क टेलीरेडियोलाॅजी की सुविधा, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क टेलीमेडिसिन तथा 104 टेलीकन्सलटेशन के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपद स्तरीय स्वास्थ्य चिकित्सा इकाइयों में मेसर्स सायरिक्स हेल्थ केयर के द्वारा बायोमेडिकल इक्यूपमेण्ट उपकरणों का रख-रखाव भी किया जा रहा है।


आवास विकास परिषद की फाइलें जली

अकांशु उपाध्याय


गाजियाबाद। कल रात आवास विकास परिषद के अधिकारियो ने रात करीब 8 बजे कई महत्वपूर्ण फ़ाइलो को आग के हवाले कराया मंडोला विहार योजना से प्रभावित धरनारत किसान जो कि 2 दिसम्बर 2016 से अपनी अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। धरनारत किसानो का आरोप है कि परिषद के भृष्ट अधिकारियो ने रद्दी कागजो की आड़ में महत्वपूर्ण फाइलो को जलाया है। जिसकी जाँच होनी चाहिए रात करीब 8 बजे धरने पर बैठे किसानो ने आवास विकास परिषद के कार्यालय की दीवार के पास धुआं उड़ता देखा तो किसान दौड़कर धुंए की तरफ को दौड़े तो देखा कि परिषद कार्यालय की दीवार के पीछे आवास विकास परिषद के कुछ कर्मचारी फाइल व् अन्य कागजात ढेर लगाकर जला रहे हैं जब धरनारत किसान मौके पर पहुँचे तो फाइलो का ढेर लगभग जलकर राख हो चूका था जैसे किसान अपने मोबाइल फोन से जलती फाइलो के फोटो खीचने लगे तो सभी कर्मचारी  भाग खड़े हुए । कुछ कागजात किसानो द्वारा आग से बचा लिए गए जो कागजात धरनारत किसानो द्वारा बचाये गए उनमे लगभग सभी आदेश व् प्रत्यावेदन 2017 के हैं। 2017 में ही मंडोला योजना के आवास विकास परिषद कार्यालय में आग लगी थी। जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि परिषद के भृष्ट अधिकारियों ने  ही  महत्वपूर्ण फाइलो  को नष्ट करने के उद्देश्य से कार्यालय की एक यूनिट को 2017 में जलाकर राख कर दिया होगा ।तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर ने भी कुछ अधिकारियो द्वारा मिटटी बिक्री घोटाले व् भ्र्ष्टाचार की जाँच के आदेश दिए थे लेकिन जाँच कहाँ दफन हो गयी। इसका कुछ पता ही नही चला ।कल रात जलाई गई फाइलो का कार्यालय में लगी आग से जरूर कोई सम्बन्ध है इसकी जाँच होनी चाहिए।


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...