सना। यमन की राजधानी सना के दक्षिणी भाग धमार में मंगलवार को अमेरिका के एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया। हौथी विद्रोहियों के कब्जे वाले सना में हुई इस घटना की पुष्टि दो अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को की। हाल के महीनों में ऐसी दूसरी घटना है। इससे पहले हौथी विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता ने कहा था कि हमारी सेना ने अमेरिका के ड्रोन को मंगलवार को देर शाम को मार गिराया है। यह पहली बार नहीं है कि यमन में अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया गया हो। इससे पहले जून में भी हौथी विद्रोहियों ने ईरान की मदद से अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था। अमेरिका बीच-बीच में यमन में मौजूद अल कायदा की शाखा अल कायदा इन अरेबियन पेनिनसुला(एक्यूएपी) के ठिकानों पर हमला करता रहता है। अल-कायदा की यमन शाखा ने हौथी विद्रोहियों और राष्ट्रपति अब्द-रबु मंसौर हादी के बीच चार साल से चल रही लड़ाई का लाभ उठाते हुए अपनी ताकत बढ़ा ली थी। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका का ड्रोन हथियारों से लैस था। उसे कैलिफोर्निया में स्थित कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया था। हौथी विद्रोहियों ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से उस ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, दूसरी तरफ एक यमनी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को यकीन है कि हौथी विद्रोहियों को ईरान ने मिसाइल मुहैया की थी। अभी यह अस्पष्ट है कि ड्रोन को अमेरिकी सेना संचालित कर रही थी या खुफिया समुदाय कर रहा था। अमेरिका ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इस वारदात के लिए सीधा ईरान को कसूरवार ठहराया था। जून में ईरान ने होर्मुज के जलमार्ग पर अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। तब भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। ईरान ने दावा किया कि यह ड्रोन उनकी वायुसीमा को पार करने की कोशिश कर रहा था। वहीं, अमेरिका ने तेहरान के दावे को खारिज कर दिया और ईरान के कदम को भड़काऊ करार दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने इसके बाद हमले के आदेश दिए थे, लेकिन कुछ समय बाद ही यह आदेश वापस ले लिया। अमेरिका ने पिछले साल वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था। ईरान पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के आसार हैं लेकिन ईरान ने कहा कि वह प्रतिबंधों के हटने पर ही बातचीत करेगा। ट्रंप भी बातचीत के लिए कई बार संकेत दे चुके हैं। अमेरिकी ड्रोन पर हुए हमले पर यूएस मिलिट्री सेंट्रल कमांड ने कहा कि हम इस बात पर पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि यह हमला ईरान ने कराया है। ईरान आतंकियों और विद्रोहियों की मदद कर रहा है। इसकी वजह से उस पूरे इलाके में संतुलन और शांति स्थापित नहीं हो पा रहा है. वहीं, अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्किस ने कहा कि यह हमला ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने किया है। इलाके का संतुलन बिगाड़ने के लिए ईरान ऐसी हरकत कर रहा है। जबकि, ईरान ने कहा कि अमेरिका के आरोप गलत है। खाड़ी देश अरब हौथी विद्रोहियों को सैन्य और आर्थिक मदद कर रहा है। जबकि, आरोप ईरान पर लगाया जा रहा है।
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