शनिवार, 17 अगस्त 2019

इंजेक्शन देकर नाबालिग से करता था दुष्कर्म

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उत्तर-प्रदेश गोरखपुर
नाबालिग को इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म करता था झोलाछाप, गर्भ से हुई तो हुआ खुलासा
 17 hours ago Purvanchal Post


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गोरखपुर। बांसगांव नगर पंचायत के एक वार्ड की निवासी 13 वर्षीय किशोरी के गर्भवती होने के बाद पुलिस ने आरोपित झोलाछाप के खिलाफ दुष्कर्म, धमकी व पोक्सो एक्ट में केस दर्ज किया। आरोपित पुलिस की हिरासत में है।


पीड़िता की मां ने बांसगांव थाने में तहरीर देकर बताया कि छह माह पहले बुखार से पीड़ित बेटी को इलाज के लिए ग्राम बेदौली पल्टन सिंह में क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप के पास ले गई। झोलाछाप ने दवा दी और दो दिन बाद आने को कहा। तीसरे दिन बेटी झोलाछाप की क्लीनिक पर गई, जहां बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर झोलाछाप ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बेटी को होश में आने पर धमकी दी कि किसी को कुछ बताया तो हत्या करा देंगे। इसके बाद झोलाछाप हर सप्ताह इलाज के नाम पर बेटी को बुलाता और हवस का शिकार बनाता। इस बीच उसे चक्कर आया तो सरकारी अस्पताल ले गई तो पता चला कि वह छह माह के गर्भ से है। इस बारे में पूछने पर बेटी ने झोलाछाप विनोद कुमार का नाम बताया। बांसगांव थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपित झोलाछाप के खिलाफ दुष्कर्म, धमकी व पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


अमेरिका:5 राज्य मे फेफड़ों की बीमारी

नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी अधिकारी एक रहस्यमी फेफड़ों की बीमारी की जांच कर रहे हैं, जिसके अभी तक करीब 100 मामले सामने आ चुके हैं। ये संदिग्ध बीमारी अभी 14 राज्यों में लोगों को हुई है। कहा जा रहा है कि ये वेपिंग और ई-सिगरेट के कारण हो रही है। इसकी चपेट में अधिकतर युवा और युवावस्था में कदम रखने वाले आ रहे हैं। बड़ी संख्या में इस बीमारी से पीडि़त लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कुछ इंटेंसिव यूनिट में हैं, जबकि कुछ को वेंटिलेटर पर रखा गया है।  अधिकारियों का कहना है कि 31 मामलों की पुष्टि शुक्रवार को ही हुई है। कई मामलों में अभी भी जांच की जा रही है।चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते कि मरीज कब पूरी तरह ठीक होंगे। अधिकारियों ने चिकित्सकों और लोगों को सचेत रहने को कहा है। उनका कहना है कि यह एक बेहद खतरनाक फेफड़ों की बीमारी है। इस बीमारी के लक्षण हैं, सांस लेने में तकलीफ होना, सांस में कमी और सीने में दर्द होना। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मरीजों को बुखार, खांसी, उल्टी और दस्त की भी शिकायत आई है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल  और प्रिवेंशन ने कहा कि अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ पांच राज्यों में जिन मामलों की पुष्टि हो गई है, उनपर काम कर रहे हैं। ये पांच राज्य कैलिफोर्निया, इंडियाना, मिनेसोटा, इलियोनिस और विस्कोंसिन हैं।


साले ने जीजा के करोड़ों का किया गबन

चूरू। राजस्थान के चूरू में अपने जीजा को करोड़ों रुपयों का चूना लगाने वाले आरोपी साले को कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि साले ने अपने जीजा के 2 करोड़ 17 लाख रुपयों का  गबन किया है। आरोपी काफी समय से फरार था। पुलिस आरोपी को आज अदालत में पेश करेगी। शहर के कायम टेलिकॉम के जाकिर खान ने फरवरी 2018 में कोतवाली थाने में अपने साले कासिम के खिलाफ करोड़ों रुपयों के गबन का मामला दर्ज करवाया था। आरोपी कासिम कायम टेलिकॉम में मैनेजर था। आरोप है कि वर्ष 2008 से 2018 तक दस बरसों में उसने 2 करोड़ 17 लाख रुपए की राशि का गबन कर लिया। मामला दर्ज होने के बाद आरोपी पहले काफी दिन तक फरार रहा। उसके बाद हाईकोर्ट की शरण में चला गया। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिये थे गिरफ्तारी के डेढ़ महीने पहले आरोपी को नोटिस दिया जाए। कोतवाली पुलिस द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद आरोपी फिर से फरार हो गया। पुलिस आरोपी को ट्रेस कर रही थी। शुक्रवार को आरोपी की सूचना मिलते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बहरहाल पुलिस आरोपी से गबन की राशि के बरामदगी के प्रयास कर रही है। आज उसे कोर्ट में पेश किया गया।


प्रधानमंत्री भूटान के दो दिवसीय दौरे पर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से दो दिवसीय दौरे पर भूटान पहुंच गए हैं। पहुंचने के बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 17 से 18 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों सहित कई आपसी हितों से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे, जिसमें पनबिजली क्षेत्र में सहयोग सहित दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का विषय भी शामिल हो सकता है। दौरे से पहले भूटान ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा था कि वह ऐसे शख्स हैं जो भारत को आगे ले जाना चाहते हैं।


रामगोपाल ने भेजे अश्लील वीडियो:शर्लिन

मुंबई । बॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल शर्लिन चोपड़ा ने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राम गोपाल वर्मा से जुड़ा एक शॉकिंग खुलासा किया। उन्होंने कहा कि रामगोपाल ने उन्हें एडल्ट फिल्म का प्रपोजल और अश्लील वीडियो भेजे थे। स्पॉटबॉय को दिए इंटरव्यू में शर्लिन चोपड़ा ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा, 2016 में मैंने राम गोपाल वर्मा को व्हाट्सएप पर अपनी कुछ फोटोज भेजे थे और उन्हें अपना वर्क प्रोफाइल बताया था। मैंने उनसे उनके प्रेजेंट प्रोजेक्ट के बारे में पूछा। शर्लिन के बयान के मुताबिक राम गोपाल वर्मा ने उन्हें एडल्ट फिल्म की स्क्रिप्ट और अश्लील वीडियो भेजे और कहा, ये मेरी स्क्रिप्ट है, इसे देख लें और अपना फीडबैक दें। शर्लिन ने बताया कि जब उन्होंने वर्मा की स्क्रिप्ट पढ़ी तो उसमें कोई स्टोरी ही नहीं थी. जो था वो सिर्फ एडल्ट सीन्स थे। शर्लिन ने स्क्रिप्ट देखकर कहा, ये कैसे हो सकता है? एक था राजा एक थी रानी, राजा ने किया रानी के साथ किया सेक्स, खत्म हुई कहानी, ये कैसे हो सकता है? शर्लिन के मुताबिक रामगोपाल ने कहा था कि उनकी स्क्रिप्ट में यही है जो उन्होंने शर्लिन को भेजी है. अगर वो इसे करने में कंफर्टेबल हैं तो वे इसके साथ आगे बढ़ सकते हैं।


बेटियां-महिलाएं हर मुकाबले में सक्षम:नाथ

भोपाल। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश के हितों की रक्षा और बहनों की सुरक्षा को लेकर सरकार वचनबद्ध है। नाथ को प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आई महिला जन-प्रतिनिधियों और बहनों ने रक्षा-बंधन पर्व पर राखी बाँधी।
मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्त्री शक्ति आत्म-निर्भर बने और देश-प्रदेश के विकास में आगे बढ़कर योगदान दें। उन्होंने माउंट एवरेस्ट सहित दुर्गम पर्वतों पर फतह करने वाली सुश्री भावना डेहरिया और सुश्री मेघा परमार का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी बेटियाँ और महिलाएँ हर मुश्किल काम करने और चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम हैं। आवश्यकता इस बात की है कि समाज और सरकार उन्हें पर्याप्त अवसर और वातावरण उपलब्ध करवाए।
उमारिया जिले की ग्राम पंचायत मामन की सरपंच श्रीमती भागवती बैगा, जबलपुर जिले की ग्राम पंचायत कांकरदेही की सरपंच श्रीमती देवकी राज, ग्राम पंचायत बरखेड़ी भोपाल की सरपंच श्रीमती कमला कुशवाह, डिंडोरी की ग्राम पंचायत घेनरी की सरपंच श्रीमती तरुणी मरकाम, कलखेड़ा पंचायत भोपाल की सरपंच श्रीमती मेहरूनिशा, विदिशा जिले की ग्यारसपुर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती प्रीति शर्मा, मध्यप्रदेश सरपंच संघ की अध्यक्ष श्रीमती मीना परिहार, जिला पंचायत अध्यक्ष छतरपुर की श्रीमती मलावती अनुरागी, श्रीमती प्रीती शर्मा, सरपंच संघ दतिया की अध्यक्ष श्रीमती मीना परिहार, पूर्व सैनिक की पत्नी कश्मीर विस्थापित श्रीमती माया कौल एवं भोपाल की छात्रा श्रीमती करिश्मा सिरवैया ने मुख्यमंत्री को राखी बांधी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस की मीडिया अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा एवं श्री दुर्गेश शर्मा भी उपस्थित थे।


देश के संवर्धन से ओवैसी को दिक्कत

नई दिल्ली । पीएम ने लाल किले से बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा था कि हमें इस मसले पर आने वाली पीढ़ी के लिए सोचना होगा। सीमित परिवार से खुद के साथ-साथ देश का भी भला होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए अपने संबोधन में देश की युवा शक्ति और बढ़ती आबादी का जिक्र किया था। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम के इस बयान पर निशाना साधा है। ओवैसी ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोला है।


गुरुवार को पीएम मोदी ने कहा था कि देश की ज्यादातर आबादी युवा और प्रडक्टिव है लेकिन इसका हमें 2040 तक ही फायदा मिलेगा। पीएम ने इस दौरान जनसंख्या बढ़ोतरी पर भी चिंता जताई थी। एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रधानमंत्री को यह नहीं पता कि इस फायदे (युवा आबादी) का कैसे इस्तेमाल किया जाए, इसलिए वह सरकार के खारिज और अनुचित रूप से दखल देने वाले विचारों के साथ आ रहे हैं। इस तरह वह अपनी जिम्मेदारी से जी चुराते हैं।'


पीएम ने लाल किले से बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा था कि हमें इस मसले पर आने वाली पीढ़ी के लिए सोचना होगा। सीमित परिवार से खुद के साथ-साथ देश का भी भला होने वाला है। पीएम ने इस दौरान कहा कि जो लोग सीमित परिवार के फायदे के बारे में जनता को समझा रहे हैं, उन्हें सम्मानित करने की जरूरत है। छोटा परिवार रखने वाले देशभक्त की तरह हैं।पीएम ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन में कहा था कि जनसंख्या में इजाफे की वजह से देश की भावी पीढ़ी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि घर में किसी भी बच्चे के आने से पहले हमें सोचना चाहिए कि क्या हम उसकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं।


इससे पहले बीजेपी नेताओं ने बृहस्पतिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी के दिए भाषण की तारीफ करते हुए इसे प्रेरणादायक बताया और कहा कि यह भाषण नए भारत के निर्माण के लिए उनका संकल्प दिखाता है। बीजेपी के कुछ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री द्वारा 'परिवार को छोटा' रखने की जनता को दी गई सलाह को 'देशभक्ति' करार दिया। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मोदी के भाषण की प्रशंसा करते हुए इसे बहुत प्रेरणादायक भाषण बताया। नड्डा ने बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए कहा कि देश ने मोदी के नेतृत्व में दुनिया के विकसित देशों में से एक बनने के लिए छलांग लगाई है।


केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण पर पीएम मोदी मोदी द्वारा की गई टिप्पणी की प्रशंसा की। गिरिराज सिंह ने इस ट्वीट में अपने साथ मंत्रिमंडल सहयोगी संजीव बाल्यान की फोटो भी लगाई। दरअसल बाल्यान ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने के लिए लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया था।


नैनी के बंद उद्योगों को शुरु किया जाएगा

भूपेंद्र पांडेय


प्रयागराज । नैनी में बंद उद्योगों को फिर से जीवित करने की कवायद शुरू हो गई है। 15 सितंबर के भीतर मंत्रालय की टीम आएगी और संभावना तलाशेगी। क्षेत्र की सांसद डॉ.रीता बहुगुणा जोशी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि टीम की रिपोर्ट के आधार पर उद्योगों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जाएगी।
अवैध रूप से संचालित पटाखा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट
सांसद चुने के बाद से ही डॉ.रीता नैनी में बंद उद्योगों को फिर से शुरू करने के प्रयास शुरू कर दिए थे। प्रेसवार्ता में कहना था कि उन्होंने इस बाबत भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था। इसी परिप्रेक्ष्य में मंत्रालय की टीम आ रही है। टीम भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी की अगुवाई में आएगी और उनकी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.रीता ने बुंदेलखंड की तर्ज पर यमुनापार के विकास की भी उम्मीद जताई। इसके लिए उन्होंने सरकार से मांग की है। रीता ने इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में शुरू योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ अनुच्छेद 370 हटाने समेत अन्य निर्णयों पर भी चर्चा की और भारत सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।


जिला अधिकारी से पहाड़ी हटाने का आग्रह

जोधपुर। शहर जिला काॅंग्रेस कमेटी के अघ्यक्ष सईद अन्सारी ने कहा शुक्रवार बम्बा क्षैत्र के गुलजारपुरा मे हुए हादसे से हुई मौतो पर गहन दुख प्रकट किया है।


अध्यक्ष अन्सारी ने कहा कि आज से सात वर्ष पूर्व भी ऐसा ही हादसा उदयमंदिर आसन क्षैत्र मे भी हुआ था। आज एक बार फिर इस प्रकार के हादसे की पुनरावृति हुई है। दो बच्चो की जान गई है और एक व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल है। जो चिन्ता का विषय है। अन्सारी ने कहा कि जिस प्रकार से बारिश हो रही है। उससे इस प्रकार के हादसे की सम्भावना इस क्षैत्र मे बराबर बनी हुई है। जिसका स्थाई समाधान जरूरी है।
इसके लिए काॅंगे्रस अध्यक्ष अंसारी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एंव जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से बात की है।
जिला अधिकारी राजपुरोहित से बात करते हुए अन्सारी ने बताया अन्दर से यह पहाड़ी पूरी तरह से खोखली हो चुकी है । जिससे गिरने की आंशका हमेशा बनी रहती है एंव बरसात के मौसम मे इसके गिरने का खतरा दौगुना हो जाता है। जिसका समाधान इस पहाड़ी के हटने से ही सम्भव होगा।
अन्सारी ने जिला प्रशासन को कलेक्टर के माध्यम से अनुरोध किया है कि इस पहाड़ी को हटाया जाए। ताकि आगे से कोई जनहानि ना हो।वही जिला कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि इस सम्बध मे सर्वे कर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
काॅग्रेस जिलाध्यक्ष ने इस क्षैत्र से लोगो को दूर हटाकर यथोचित स्थान पर निर्वासित करने का भी अनुरोध किया है


घाटी में 2जी इंटरनेट सेवा हुई मुहाल

श्रीनगर। अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों को आसान बनाने के लिए पहला कदम उठाते हुए राज्य प्रशासन ने कुछ जिलों में 2जी इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है। आज जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिलों में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं वापस शुरू कर दी गईं। संचार व्यवस्था पर रोक के पीछे एक वजह घाटी में आतंकी गतिविधियों के दौरान मोबाइल कनेक्टिविटी का इस्तेमाल है जो इस परिस्थिति में खतरनाक साबित हो सकता है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सिलसिलेवार तरीके से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। प्रतिबंधों को अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाने के मद्देनजर रखा गया था, जिससे जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया है। एएनआई ने जम्मू- कश्मीर के मुख्य सचिव, बीवीआर सुब्रह्मण्यम के हवाले से कहा कि एक व्यवस्थित तरीके से प्रतिबंध को क्षेत्र से हटा लिया जाएगा। अगले कुछ दिनों में प्रतिबंधों में और ज्यादा ढील दी जाएगी।


डॉक्टर की सलाह का पालन करें:मकर

राशिफल


मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।अटका हुआ धन वापिस मिलेगा।गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।बुज्र्गॉ की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें।अच्छी-खासी सेहत के लिये रोजाना सुबह योग या व्यायाम जरुरी है.अहंकार व क्रोध से निजात पाने की कोशिश करें ।


2वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगें।यात्रा का योग नहीँ बन रहा हैं।लड़ाई झगड़े से बचने की कोशिश करे।परिवार को विश्वास में रखने के लिये सावधानी बरतनी चाहिए।परेशानियाँ से निजात पाने की कोशिश करें।योगा व सुबह की सैर अवश्य करें।
3 मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमकहो।नकारात्मक ना सोचे।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।।मेहनत करेगें तो सफलता अवश्य मिलेगी धार्मिक कार्यों मे रूचि बढाये।आज यात्रा का योग शुभ होगा।मन में शान्ति के लिये मन्दिर में अवश्य जाये।सच्चाई का मार्ग अपनाए।अहंकार व क्रोध से निजात पाने की कोशिश करें ।


4-कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता पिता की सेवा करना आपका धर्म है इसे पूरी तरह से निभाए।आज कारोबार में धन लाभ होगा।
5सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।अपनो से बिना बात पर नाराजगी ठीक नहीं।।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।दायित्व निभाए।
6कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।अटका हुआ धन मिलने के योग हैं।अपने माता पिता की सेवा करना अपका फर्ज है।आज कोई पारिवारिक समस्या का समाधान निकलेगा।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने का योग है।


7-तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।धनलाभ की प्राप्ति होगी।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताए।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है।
8वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।अपनो से नाराजगी नहीं करे।सबसे अच्छा व्यवहार करने की कोशिश करें।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।माता-पिता की सेवा करना आपका कर्तव्य है।
9धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।आज अचानक धन लाभ का योग है।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।
10मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है डाक्टर की सलाह की पालना अवश्य करें।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।छोटी छोटी बातों पर गौर करें और सबकी रजा मन्दि से कार्य करने की कोशिश करें।
11कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।धनलाभ का योग है।नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।परिवार के साथ अच्छा घुमने का प्रोग्राम बनाये।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।अहंकार और तानाशाही से निजात पाने की कोशिश करें।
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।परिवार के बुजर्ग की अनुमति अनुसार कार्य करे।आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है।अच्छी सेहत के लिए सुबह की सैर अवश्य करें।क्रोध व लालच से निजात पाने की कोशिश करें ।


शाकाहार के लाभ और क्षमताएं

शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा ये है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता। इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें खुशी के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है।


पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यदि भी है कि शाकाहारियों में मासूमियत और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है।


नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है; और अनेक शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं लेकिन अंडे नहीं, एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी प्राणी उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन।


अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं, या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं। जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं। हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।


अभावग्रस्त आधुनिक शिक्षा पद्धति

आयोग की सिफारिशों से भारतीय शिक्षा में उन्नति हुई। विद्यालयों की संख्या बढ़ी। नगरों में नगरपालिका और गाँवों में जिला परिषद् का निर्माण हुआ और शिक्षा आयोग ने प्राथमिक शिक्षा को इनपर छोड़ दिया परंतु इससे विशेष लाभ न हो पाया। प्राथमिक शिक्षा की दशा सुधर न पाई। सरकारी शिक्षा विभाग माध्यमिक शिक्षा की सहायता करता रहा। शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी ही रही। मातृभाषा की उपेक्षा होती गई। शिक्षा संस्थाओं और शिक्षितों की संख्या बढ़ी, परंतु शिक्षा का स्तर गिरता गया। देश की उन्नति चाहनेवाले भारतीयों में व्यापक और स्वतंत्र राष्ट्रीय शिक्षा की आवश्यकता का बोध होने लगा। स्वतंत्रताप्रेमी भारतीयों और भारतप्रेमियों ने सुधार का काम उठा लिया। 1870 में बाल गंगाधर तिलक और उनके सहयोगियों द्वारा पूना में फर्ग्यूसन कालेज, 1886 में आर्यसमाज द्वारा लाहौर में दयानंद ऐंग्लो वैदिक कालेज और 1898 में काशी में श्रीमती एनी बेसेंट द्वारा सेंट्रल हिंदू कालेज स्थापित किए गए।


[1] 1894 में कोल्हापुर रियासत के राजा छत्रपति साहूजी महाराज ने दलित और पिछड़ी जाति के लोगों के लिए विद्यालय खोले और छात्रावास बनवाए। इससे उनमें शिक्षा का प्रचार हुआ और सामाजिक स्थिति बदलने लगी। 1894 से 1922 तक पिछड़ी जातियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिए अलग-अलग सरकारी संस्थाएं खोलने की पहल की। यह अनूठी पहल थी उन जातियों को शिक्षित करने के लिए, जो सदियों से उपेक्षित थीं, इस पहल में दलित-पिछड़ी जातियों के बच्चों की शिक्षा के लिए ख़ास प्रयास किये गए थे। वंचित और गरीब घरों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। 1920 को नासिक में छात्रावास की नींव रखी। साहू महाराज के प्रयासों का परिणाम उनके शासन में ही दिखने लग गया था। साहू जी महाराज ने जब देखा कि अछूत-पिछड़ी जाति के छात्रों की राज्य के स्कूल-कॉलेजों में पर्याप्त संख्या हैं, तब उन्होंने वंचितों के लिए खुलवाये गए पृथक स्कूल और छात्रावासों को बंद करवा दिया और उन्हें सामान्य छात्रों के साथ ही पढ़ने की सुविधा प्रदान की। डा० भीमराव अम्बेडकर बड़ौदा नरेश की छात्रवृति पर पढ़ने के लिए विदेश गए लेकिन छात्रवृत्ति बीच में ही रोक दिए जाने के कारण उन्हे वापस भारत आना पड़ा। इसकी जानकारी जब साहू जी महाराज को हुई तो महाराज ने आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें सहयोग दिया।


1901 में लार्ड कर्ज़न ने शिमला में एक गुप्त शिक्षा सम्मेलन किया था जिसमे 152 प्रस्ताव स्वीकृत हुए थे। इसमें कोई भारतीय नहीं बुलाया गया था और न सम्मेलन के निर्णयों का प्रकाशन ही हुआ। इसको भारतीयों ने अपने विरुद्ध रचा हुआ षड्यंत्र समझा। कर्ज़न को भारतीयों का सहयोग न मिल सका। प्राथमिक शिक्षा की उन्नति के लिए कर्ज़न ने उचित रकम की स्वीकृति दी, शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की तथा शिक्षा अनुदान पद्धति और पाठ्यक्रम में सुधार किया। कर्ज़न का मत था कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से ही दी जानी चाहिए। माध्यमिक स्कूलों पर सरकारी शिक्षाविभाग और विश्वविद्यालय दोनों का नियंत्रण आवश्यक मान लिया गया। आर्थिक सहायता बढ़ा दी गई। पाठ्यक्रम में सुधार किया गया। कर्जन माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का हटना उचित नहीं समझता था, प्रत्युत सरकारी प्रभाव का बढ़ाना आवश्यक मानता था। इसलिए वह सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाना चाहता था। लार्ड कर्जन ने विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा की उन्नति के लिए 1902 में भारतीय विश्वविद्यालय आयोग नियुक्त किया। पाठ्यक्रम, परीक्षा, शिक्षण, कालेजों की शिक्षा, विश्वविद्यालयों का पुनर्गठन इत्यादि विषयों पर विचार करते हुए आयोग ने सुझाव उपस्थित किए। इस आयोग में भी कोई भारतीय न था। इसपर भारतीयों में क्षोभ बढ़ा। उन्होंने विरोध किया। 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय कानून बना। पुरातत्व विभाग की स्थापना से प्राचीन भारत के इतिहास की सामग्रियों का संरक्षण होने लगा। 1905 के स्वदेशी आंदोलन के समय कलकत्ते में जातीय शिक्षा परिषद् की स्थापना हुई और नैशनल कालेज स्थापित हुआ जिसके प्रथम प्राचार्य अरविंद घोष थे। बंगाल टेकनिकल इन्स्टिट्यूट की स्थापना भी हुई।


1911 में गोपाल कृष्ण गोखले ने प्राथमिक शिक्षा को नि:शुल्क और अनिवार्य करने का प्रयास किया। अंग्रेज़ सरकार और उसके समर्थकों के विरोध के कारण वे सफल न हो सके। 1913 में भारत सरकार ने शिक्षानीति में अनेक परिवर्तनों की कल्पना की। परंतु प्रथम विश्वयुद्ध के कारण कुछ हो न पाया। प्रथम महायुद्ध के समाप्त होने पर कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग नियुक्त हुआ। आयोग ने शिक्षकों का प्रशिक्षण, इंटरमीडिएट कालेजों की स्थापना, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्डों का संगठन, शिक्षा का माध्यम, ढाका में विश्वविद्यालय की स्थापना, कलकत्ते में कालेजों की व्यवस्था, वैतनिक उपकुलपति, परीक्षा, मुस्लिम शिक्षा, स्त्रीशिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक शिक्षा आदि विषयों पर सिफारिशें की। बंबई, बंगाल, बिहार, आसाम आदि प्रांतों में प्राथमिक शिक्षा कानून बनाये जाने लगे। माध्यमिक क्षेत्र में भी उन्नति होती गई। छात्रों की संख्या बढ़ी। माध्यमिक पाठ्य में वाणिज्य और व्यवसाय रखे दिए गए। स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा चली। अंग्रेजी का महत्व बढ़ता गया। अधिक संख्या में शिक्षकों का प्रशिक्षण होने लगा।


1916 तक भारत में पाँच विश्वविद्यालय थे। अब सात नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा मैसूर विश्वविद्यालय 1916 में, पटना विश्वविद्यालय 1917 में, ओसमानिया विश्वविद्यालय 1918 में, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 1920 में और लखनऊ और ढाका विश्वविद्यालय 1921 में स्थापित हुए। असहयोग आंदोलन से राष्ट्रीय शिक्षा की प्रगति में बल और वेग आए। बिहार विद्यापीठ, काशी विद्यापीठ, गौड़ीय सर्वविद्यायतन, तिलक विद्यापीठ, गुजरात विद्यापीठ, जामिया मिल्लिया इस्लामिया आदि राष्ट्रीय संस्थाओं की स्थापना हुई। शिक्षा में व्यावहारिकता लाने की चेष्टा की गई। 1921 से नए शासनसुधार कानून के अनुसार सभी प्रांतों में शिक्षा भारतीय मंत्रियों के अधिकार में आ गई। परंतु सरकारी सहयोग के अभाव के कारण उपयोगी योजनाओं का कार्यान्वित करना संभव न हुआ। प्राय: सभी प्रांतों में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य करने की कोशिश व्यर्थ हुई। माध्यमिक शिक्षा में विस्तार होता गया परंतु उचित संगठन के अभाव से उसकी समस्याएँ हल न हो पाईं। शिक्षा समाप्त कर विद्यार्थी कुछ करने के योग्य न बन पाते। दिल्ली (1922), नागपुर (1923) आगरा (1927), आंध्र (1926) और अन्नामलाई (1926) में विश्वविद्यालय स्थापित हुए। बंबई, पटना, कलकत्ता, पंजाब, मद्रास और इलाहबाद विश्वविद्यालयों का पुनर्गठन हुआ। कालेजों की संख्या में वृद्धि होती गई। व्यावसायिक शिक्षा, स्त्रीशिक्षा, मुसलमानों की शिक्षा, हरिजनों की शिक्षा, तथा अपराधी जातियों की शिक्षा में उन्नति होती गई।


अगले शासनसुधार के लिए साइमन आयोग की नियुक्ति हुई। हर्टाग समिति इस आयोग का एक आवश्यक अंग थी। इसका काम था भारतीय शिक्षा की समस्याओं की सागोपांग जाँच करना। समिति ने रिपोर्ट में 1918 से 1927 क प्रचलित शिक्षा के गुण और दोष का विवेचन किया और सुधार के लिए निर्देश दिया।


1930-1935 के बीच संयुक्त प्रदेश में बेकारी की समस्या के समाधान के लिए समिति बनी। व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दो वर्षों में से एक वर्ष स्कूल के साथ कर दिया जाए, जिससे पढ़ाई 11 वर्ष की हो। बाकी एक वर्ष बी.ए. के साथ जोड़कर बी.ए. पाठ्यक्रम तीन वर्ष का कर दिया जाए। माध्यमिक छह वर्ष के दो भाग हों - तीन वर्ष का निम्न माध्यमिक और तीन वर्ष का उच्च माध्यमिक। अंतिम तीन वर्षों में साधारण पढ़ाई के साथ साथ कृषि, शिल्प, व्यवसाय सिखाए जायँ। समिति की ये सिफारिशें कार्यान्वित नहीं हुई।


शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

राजधानी दिल्‍ली पर बाढ का खतरा

खतरनाक हुई यमुना, जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा


संवाददाता अरविन्द मिश्रा


नई दिल्‍ली। हथनी कुंड बैराज से एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद जल स्तर में वृद्धि हो रही है. पुरानी दिल्ली लोहे के पुल पर यमुना का जल स्तर गुरुवार को 202.86 मीटर रिकॉर्ड किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जल स्तर चेतावनी लेवल के करीब पहुंच गया है। दो दिन पहले हथनी कुंड बैराज से एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद जल स्तर में वृद्धि हो रही है। पुरानी दिल्ली लोहे के पुल पर यमुना का जल स्तर गुरुवार को 202.86 मीटर रिकॉर्ड किया गया।


दिल्लीः खतरनाक हुई यमुना, जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा। हथनी कुंड बैराज से एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद जल स्तर में वृद्धि हो रही है। पुरानी दिल्ली लोहे के पुल पर यमुना का जल स्तर गुरुवार को 202.86 मीटर रिकॉर्ड किया गया।


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जल स्तर चेतावनी लेवल के करीब पहुंच गया है। दो दिन पहले हथनी कुंड बैराज से एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद जल स्तर में वृद्धि हो रही है। पुरानी दिल्ली लोहे के पुल पर यमुना का जल स्तर गुरुवार को 202.86 मीटर रिकॉर्ड किया गया।


204.5 मीटर है चेतावनी स्तर---फ्लड डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक यमुना नदी में चेतावनी के लिए जल स्तर 204.5 मीटर है। खतरे का निशान 205.33 मीटर है.गौरतलब है कि हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंचने की संभावना जताई गई थी। तब दिल्ली पर बाढ़ के खतरे की संभावना व्यक्त की गई थी।


निचले इलाकों में चेतावनी जारी----सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने हरियाणा और दिल्ली को अलर्ट भी भेज दिया है। निचले इलाकों में प्रशासन ने यमुना से दूर रहने की चेतावनी भी जारी कर दी है। यमुनानगर के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश से भी यमुना नदी में उफान आया है। बता दें कि देश के कई राज्य इस समय बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक नदियों की विकराल लहरें तांडव मचा रही हैं। देश में बाढ़ के कारण अब तक दो सौ से अधिक लोग काल के गाल में समा चुके हैं।


क्षेत्र अधिकारी-इंस्पेक्टर के खिलाफ तहरीर

महिला दरोगा के जहर खाने के मामले में 
सीओ व इंस्पेक्टर के खिलाफ भाई ने दी
तहरीर, जांच शुरू


लखनऊ। मुजफ्फरनगर में महिला थाने में तैनात दरोगा के जहर खाने के मामले में थाना प्रभारी सहित पूरे महिला थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है।बताते चलें कि मंगलवार कोर्ट सिविल लाइन स्थित थाना परिसर में सब इंस्पेक्टर सीमा यादव ने जहरीला पदार्थ खा लिया था जिसके बाद पहले उसे जिला अस्पताल और फिर मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।महिला दरोगा द्वारा जहर खाते जाने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया तथा तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई। सीमा यादव के भाई लोकेश ने एसएसपी को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि उसकी बहन का थाना प्रभारी व सीओ सिटी हरीश भदौरिया उत्पीड़न कर रहे थे, ये लोग नियम विरुद्ध कार्य न करने पर उसकी बहन को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। लोकेश ने दोनों पर सीमा यादव का उत्पीड़न करने के मामले में लाखों की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है।
लोकेश की शिकायत के बाद एसएसपी ने महिला थाने की प्रभारी प्रीति रानी सहित 8 सब इंस्पेक्टर व 30 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया। मामले की जांच एसपी (सिटी) को सौंपी गई है।


बल्ले से बोल सीधे घुस गई हेलमेट में..

बल्ले से निकल बाल सीधे घुस गई हेलमेट में


श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज चल रही है, जिसमें कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। कुछ लोग इस मोमेंट पर खूब हंस रहे हैं। कीवी गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने स्वीप करते हुए बॉल को खेला। लेकिन बॉल बल्ले का एज लेते हुए हेलमेंट के अंदर चली गई।


गेंद को पकडऩे के लिए फील्डर उनके पीछे दौड़ पड़े। बोल्ट दूर भागे और बॉल निकालने की कोशिश करने लगे, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके. श्रीलंका के खिलाड़ी देखते हंसते रहे और फिर खुद ही बॉल को निकाल लिया और माहौल मजाक-मस्ती में बदल गया। स्पिनर लसिथ एमबुलदेनिया ने बॉल डाली, जिस पर ट्रेंट बोल्ट बड़ा शॉट खेलने में कामयाब नहीं हो पाए और बॉल हलमेट के अंदर चली गई। ये घटना 82वें ओवर में हुई. बोल्ट ने 18 रन की पारी खेली और सुरंगा लकमल की गेंद पर आउट हो गए।


राजनाथ ने अंत में दी श्रद्धांजलि (स्मरण)

जैसलमे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे जहां उनका स्वागत सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत ने किया। वहीं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह मिलिट्री स्टेशन में इंटरनेश्नल आर्म स्काउट मास्टर प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामलि हुए। उन्होंने सभी प्रतियोगियों को बधाई दी है।
राजनाथ सिंह ने यहां संबोधन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। उन्होंने कहा अलट बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पोखरण की धरती से श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है। सिंह ने प्रतियोगिता पूरी होने पर सभी आठ टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेश्नल आर्म स्काउट मास्टर प्रतियोगिता में सभी को एक दूसरे से सीखने और काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस प्रकार के आयोजन से हमारे रिश्ते परसपर अच्छे होंगे। वैसे पहले से ही सभी देशों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं 


सिंह ने कहा रूस के साथ हमारे लंबे समय से गहरे और स्ट्रेटजिक रिलेशन रहे हैं। चीन के साथ बाइलिट्रल एक्सरसाइज में भाग लेते हैं। जिससे एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझ बनाने में सहयोग मिलता है। सेंट्रल एशिया के सभी देशों के साथ हमारे हिस्टोरिकल रिलेशन रहे हैं। जिसमें सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्ते भी रहे हैं। हम आपसी सहयोग बढ़ाकर विश्व की कठिन चुनौतियों एवं खतरों का सामना करने में सक्षम बनेंगे। साथ ही भविष्य में संबंध बढ़ाने में और भी मौके मिलेंगे।


सड़क दुर्घटना में 5 की मौत 2 घायल

सिमडेगा । झारखंड के सिमडेगा में आज एक सड़क बाइक दुर्घटना में 5 लोगों की मौत हो गई। वही 2 लोग दुर्घटना में बुरी तरह से घायल बताए जा रहे हैं। सदर थाना क्षेत्र के जोकबहार पुरनाडीह के पास यह दो बाइकों में जबर्दस्‍त टक्‍कर हुई, जिसमे 5 लोगों की  मौत घटना स्थल पर ही हो गई। जानकारी के मुताबिक सदर थाना क्षेत्र के जोकबहार पुरनाडीह के पास दो बाइकों की टक्‍कर में 5 लोगों की मौत हो गई, वहीं 2 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में गौतम बेसरा सलडेगा अहीर टोली, मार्शल डांग लम्बोई जलडेगा, दामोदर खेरवार, राफेल राम सलडेगा तथा डिब्रु खेरवार सरंगापानी गमहारटोली शामिल हैं। इस हादसे में निरोध बुढ़ सलडेगा और सूरज खेरवार कोलेबिरा घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक एक मोटरसाइकिल पर चार लोग तथा दूसरे पर 3 लोग सवार थे। किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। तेज गति में जा रही दाेनों बाइकों में टक्‍कर से एक साथ चार जानें चली गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दामोदर, डिब्रु व सूरज तीनों एक बाइक पर थे। वहीं मार्शल, दामोदर, गौतम व निरोध दूसरे मोटरसाइकिल पर थे। सभी की उम्र 15 से 20 वर्ष के बीच की है। सभी स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के मौके पर घूमने व मौज मस्ती के लिए निकले थे। इसी दौरान भीषण हादसा हुआ। जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं 2 लोग घायल हो गए।


एक देश,एक सविंधान (सपांदकीय)


एक देश, एक संविधान के बाद एक कानून के लिए तैयार रहें देशवासी। 
पाकिस्तान को अपने हाल पर छोड़ दिया नरेन्द्र मोदी ने। 
छोटे परिवार पर कांग्रेस नेता चिदम्बरम का समर्थन मिला। 
 जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ था। प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर सेनाध्यक्ष  बाजवा तक युद्ध की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में उम्मीद थी कि स्वाधीनता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को लाल किले से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान को जवाब देंगे। लेकिन सवा घंटे के भाषाण में मोदी ने एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। मोदी की यह नीति वाकई काबिले तारीफ है, क्योंकि कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत को जो करना चाहिए था वो कर दिया। अब पाकिस्तान अपने जख्मों  को लेकर दुनियाभर में घूमता फिरे। भारत पर हमले की हिम्मत फिलहाल पाकिस्तान में नहीं है, इसलिए वह चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र संघ का दरवाजा खटखटा रहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है कि कश्मीर मुद्दे पर भारत हमलावर हुआ है। अलबत्ता नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से यह संकेत दे दिया है कि अब देश को एक कानून के लिए तैयार रहना चाहिए। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद एक देश, एक संविधान की मांग तो पूरी हो गई है, लेकिन अभी एक देश, एक कानून की मांग बाकी है। इस मांग को पूरा करने के लिए ही मोदी ने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है। यानि जो लोग बड़ा परिवार रखते हैं उनकी देशभक्ति पर सवालिया निशान लग सकता है। देश में यह बात पहले भी उठी है कि बढ़ती आबादी देश के संसाधनों को कम कर देती है। ऐसा नहीं कि देश में कृषि उत्पादन कम हुआ है, या फिर विकास के काम नहीं हुए, लेकिन लगातार बढ़ती आदि के कारण सब सुविधाएं कम पड़ जाती है। चूंकि आबादी को लेकर भी देश में अलग-अलग कानून बने हुए हें, इसलिए समाज में भेदभाव होता है। एक वर्ग को लगता है कि देश के कानून का पालन करने की जिम्मेदारी सिर्फ उसी पर क्यों है? क्या देश का कानून सब पर लागू नहीं होना चाहिए? दुनिया में संभवत: भारत ही ऐसा मुल्क होगा, जहां नागरिकों के लिए अलग अलग कानून है। सब जानते हैं कि छोटा परिवार खुशहाली का प्रतीक होता है तो फिर अधिक बच्चे क्यों पैदा किए जाते हैं? देश में लम्बे अर्से से बहस चल रही है कि हमारी सेना एकजुट होनी चाहिए। फिलहाल सेना जल, थल और वायु में विभाजित है। तीनों सेनाओं के अलग-अलग सेनाध्यक्ष है, ऐसे में कई बार तालमेल में मुश्किल होती है। 15 अगस्त को नरेन्द्र मोदी ने इस मांग को भी पूरा कर दिया। अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। मोदी ने कहा कि इससे जहां सेना में एकरूपता आएगी, वहीं सेना का एक साथ विकास भी होगा। सैनिकों को सभी सुविधाएं समान रूप से मिलेंगी। एक संविधान, एक कानून, एक झंडा एक सेना होने से देश कितना मजबूत होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 
चिदम्बरम का समर्थन:
15 अगस्त को मोदी ने छोटे परिवार का जो प्रस्ताव रखा उसका समर्थन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने भी किया है। चिदम्बरम ने एक समारोह में कहा कि छोटा परिवार आज भारत की जरूरत है। प्रधानमंत्री के इस आह्वन का समर्थन किया जाना चाहिए। 
एस.पी.मित्तल


हथनी कुंड और बीसलपुर बांध सीमा के पार


17 अगस्त तक भर जाएगा एक करोड़ लोगों की प्यास बूझाने वाला बीसलपुर बांध। 
पांच घंटे में एक मीटर पानी की आवक। जल स्तर 313 मीटर के पार। 
315.50 मीटर है भराव क्षमता। टोंक में प्रशासन ने अलर्ट किया।
जयपुर। राजस्थान के बीसलपुर बांध का जलस्तर 312.25 मीटर मापा गया। पानी की आवक को देखते हुए उम्मीद है कि रात आठ बजे तक बांध का जल स्तर 313 मीटर पार कर जाएगा। अगले दो दिन में यानि 17 अगस्त तक बांध में भराव क्षमता के अनुरूप 315.50 मीटर पानी आ जाएगा। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही टोंक प्रशासन ने बनास नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है। बांध के भरने पर चैनल गेट खोले जाएंगे जिसकी वजह से बीसलपुर के बाद बनास नदी में पानी का बहाव होगा। बीसलपुर बांध के जलस्तर पर निगरानी रखने वाले सहायक अभियन्ता मनीष बंसल ने बताया कि तीन नदियों के संगम त्रिवेणी पर सात मीटर के गेज है। चूंकि बांध के भराव क्षेत्र चित्तौड़ और भीलवाड़ा में मूसलाधार वर्षा जारी है इसलिए बांध में पानी की आवक तेज गति से हो रही है। मालूम हो कि बनास नदी को टोंक जिले के बीसलपुर बांध में दो पहाडिय़ों के बीच रोक कर बांध का निर्माण किया गया है। इसलिए बांध की जिम्मेदारी टोंक प्रशासन के पास है। यदि चैनल गेट खोले जाते हैं तो पिछले तीन वर्ष में यह पहला मौका होगा जब बीसलपुर के आगे बनास नदी का पानी देखने को मिलेगा। वर्ष 2016 में तब बांध पूरा भरा था, तब चैनल गेट खोले गए थे। 
अजमेर की सप्लाई पर निर्णय नहीं:
बीसलपुर बांध से अजमेर, जयपुर, दौसा और टोंक जिले की करीब एक करोड़ आबादी की प्यास बुझाई जाती है। अजमेर जिला तो पूरी तरह इसी बांध पर निर्भर है। चूंकि गत वर्ष बांध में 310.24 मीटर की पानी आया, इसलिए सबसे ज्यादा अजमेर पर असर पड़ा। कमजोर राजनीतिक नेतृत्व के कारण शहरी क्षेत्र में तीन दिन में एक बार मात्र 45 मिनट के लिए पेयजल की सप्लाई की गई, जबकि जयपुर को प्रतिदिन सप्लाई जारी रखी। अब जब बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी आ गया है, तब भी सप्लाई के अंतराल को अजमेर में कम नहीं किया जा रहा है। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल जाटव ने बताया कि बांध से पानी की आवक बढ़ाने और सप्लाई करने का निर्णय राज्य सरकार में उच्च स्तर पर होता है। अब कोई ताजा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए अजमेर के शहरी क्षेत्रों में पहले की तरह पेयजल सप्लाई रहेगी। 
एस.पी.मित्तल


अधिकारी खा रहे काजू-बादाम, पुष्कर मंदिर


चार करोड़ रुपए के फंड के बाद भी विश्व के एक मात्र ब्रह्मा मंदिर की इमारत जर्जर। 
भगवान को सब्जी रोटी का भोग, अफसर खा रहे हैं काजू-बादाम। 
जब भाजपा की सीएम वसुंधरा ने कुछ नहीं किया तो कांग्रेस के अशोक गहलोत क्यों करें?
पिछले ढाई वर्ष से पुष्कर स्थित विश्व के एक मात्र ब्रह्मा मंदिर की देखरेख का काम राज्य सरकार द्वारा गठित प्रबंध कमेटी कर रही है। इस कमेटी का अध्यक्ष अजमेर के जिला कलेक्टर को बना रखा है और कमेटी में क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार आदि सदस्य है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार की कमेटी के कब्जे के बाद ब्रह्मा मंदिर की आय कई गुना बढ़ गई। आय का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कमेटी के पास अब तक चार करोड़ रुपए जमा हो गए हैं। यह बात अलग है कि ब्रह्मा मंदिर में जब महंत रहे तब मंदिर की पंरपरा के अनुरूप बाहर से आने वाले साधु संतों का सत्कार और तीज त्यौहारों पर धार्मिक कार्यक्रम होते थे, लेकिन अब जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी का कब्जा है, इसलिए विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर का प्रबंध सरकारी ढर्रे पर चल रहा है। मंदिर की इमारत जर्जर स्थिति में है, लेकिन सरकारी कारिंदों को कोई चिंता नहीं है। मंदिर परिसर की दीवारें जगह जगह से टूटी पड़ी है तथा छत का प्लास्तर श्रद्धालुओं पर गिर रहा है। इतना ही नहीं बरसात के मौसम में छतों से पानी भी टपक रहा है।  जगह-जगह गंदगी है तो मंदिर का सामान कबाड़ हो रहा है। हालात इतने खराब है कि मंदिर द्वारा संचालित गौशाला की सफाई तक नहीं हो रही है। वैसे तो गौशाला की गायों को रखने में सरकारी कारिंदों की कोई रुचि नहीं हंै। मुश्किल से दस गाय होंगी, जिनकी देखभाल भी नहीं हो पा रही है। ब्रह्मा मंदिर के अंतर्राष्ट्रीय महत्व और  आतंकियों की धमकी को देखते हुए मंदिर परिसर में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात है, लेकिन फिर भी सरकारी प्रबंध कमेटी सुरक्षा गार्डों के नाम पर मोटी राशि प्रतिमाह खर्च  कर रही है। सवाल उठता है कि जब चार करोड़ की राशि बैंक में जमा है तो फिर ब्रह्मा मंदिर की ऐतिहसिक इमारत की मरम्मत क्यों नहीं करवाई जाती? यदि कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या सरकार का उद्देश्य ब्रह्मा मंदिर से कमाई करने का कही है? महंत सोमपुरी के निधन के बाद जब सरकार ने मंदिर पर कब्जा किया तब कहा गया था कि मंदिर से प्राप्त होने वाली राशि को श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर ही खर्च किया जाएगा, लेकिन पिछले ढाई वर्ष से सरकार ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने की कोई योजना नहीं बनाई। 
नेता और अफसर खा रहे है काजू बादाम:
महंत के कार्यकाल में मंदिर की परंपरा के अनुरूप रोजाना स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग भगवान के लगाया जाता था, लेकिन सरकारी कारिंदे, अब सिर्फ सब्जी रोटी का भोग लगाते हैं। यानि सरकार ने भोग के मामले मेंभी धार्मिक परंपरा को खत्म कर दिया है। यह बात अलग है कि मंदिर में जब कोई मंत्री या बड़ा अधिकारी परिवार सहित दर्शन के लिए आता है तो उसे काजू बादाम का नाश्ता करवाया जाता है। चूंकि धनराशि खर्च करने का अधिकार भी कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास है, इसलिए मंत्रियों और अफसरों को खाने पिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। 
कांग्रेस के सीएम गहलोत क्यों करे?
इस समय राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए ब्रह्मा मंदिर की व्यवस्थाएं सुधारने की जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की है। लेकिन सवाल उठता है कि अशोक गहलोत सुधार क्यों करें? असल में मंदिर पर सरकारी कब्जा करवाने का कृत्य तो भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था। यूं तो वसुंधरा राजे स्वयं को बेहद धार्मिक होने का दिखावा करती है, लेकिन आज ब्रह्मा मंदिर की दुर्दशा के लिए वसुंधरा राजे ही जिम्मेदार है। महंत सोमपुरी के निधन के बाद सरकारी कब्जे का फैसला वसुंधरा राजे ने ही किया। जब वसुंधरा राजे अपने कार्यकाल में मंदिर में धार्मिक गतिविधियों की रक्षा नहीं कर सकी तो अब कांग्रेस सरकार से उम्मीद करना बेमानी है। 
सृष्टि के रचियता है ब्रह्मा:
भारत की सनातन संस्कृति में माना जाता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा हैं। लेकिन आज उनके मंदिर की स्थिति ही जर्जर हो रही है। जिन ब्रह्माजी  ने इस सृष्टि को बनाया उनके मंदिर को मरम्मत की दरकार है। भारत की लालफीताशाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंदिर से कमाई तो की जा रही है, लेकिन श्रद्धालुओं को सुविधा नहीं दी जा रही है। जिन दान पात्रों से चार करोड रुपए एकत्रित किए गए उन दान पात्रोंको भी श्री सीमेंट जैसे संस्थान से मुफ्त में लिया गया है। 
रिटायर कर्मचारी के भरोसे मंदिर:
विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर अजमेर तहसील के रिटायर कर्मचारी सत्यनारायण पारीक के भरोसे हैं। पारीक गत वर्ष 31 मई को रिटायर हो गए, लेकिन ब्रह्मा मंदिर का मोह नहीं छोड़ा। रिटायरमेंट के बाद संविदा कर्मी के तौर पर पारीक ने नियुक्ति पा ली। सवाल उठता है कि पारीक का मंदिर प्रबंधन में इतना मोह क्यो हैं? कमेटी ने पारीक को मंदिर परिसर में एक कमरा दे रखा है जिसमें बैठ कर पारीक दिनभर पंचायत करते हैं। पारीक के व्यवहार को लेकर कई बार शिकायतें हो चुकी है, लेकिन कमेटी कोई सुनवाई नहीं करती। 
एस.पी.मित्तल


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