सोमवार, 17 जून 2019

एक मंच पर कब आएंगे पत्रकार?

जय बद्रीविशाल पत्रकारों के न हों बुरे हाल



 देश की आजादी से लेकर आज तक मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।परंतु अपने अहम के लिए बनाए गए संघठन ने सब के साथ संवाद हीनता के कारण सबको कमजोर होने का चोला पहना दिया।आज पत्रकार को जो चाहे वह अपने गुस्सा उनके उपर उतारने लगता है।


डॉक्टर देश मे एक हो सकते हैं सफाई कर्मी ,वकील एक होसकते परन्तु पत्रकार कुकरमुत्तों की तरह कई संगठनों को बनाने के कारण अपनी अहम में चूर हैं एक नहीं हो रहे है ।रस्सी पूरी जलकर अब उसकी गांठ जलने को रह गई है


सरकार समाचार कवरेज करने वाले पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने वाले को सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने वाली धाराओं से भी कठोर बना कर उसकी जमानत उच्चतम न्यायालय से एक लाख जुर्माना किये जाने का प्रविधान किया जाय।
साथ ही सरकार जबतक पत्रकार को सामाजिक सुरक्षा के लिए 5साल के मान्यता प्राप्त पत्रकारिता करने के बाद10000 हजार रुपये महीना जिस दिन देना सुरु करेगी उस दिन आपकी सबसे बड़ी इज्जत समाज में आमजन करने लगेंगे।
इस के लिए देश के प्रत्येक जिले में रोज 1 घन्टे का धरना जिलाधिकारी कार्यलय में दिया जाय।पत्रकार कल्याण कोष का गठन कर उद्योगपतियों के फण्ड से 50 अरब के कोष बनाया जाय!पत्रकार का विमारी का पूर्ण व्यय सरकार कल्याण कोष दें।
हवाई यात्रा की सुविधा निशुल्क उपलब्ध की जाय।


पत्रकार का बीमा20 लाख दिया जाय
पत्रकार के मृत्यु पर परिवार को 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाय।इसके लिए मरे 70वें वर्ष के प्रवेश माह में मेरे नेतृत्व में पत्रकार जागो यात्रा श्री बद्रीनाथ धाम हिमालय से दिल्ली राजघाट तक 29 जून के बाद मोटरसाइकिल से निकालने जारहे हैं।
देश के मा0प्रधानमंत्री,अन्य नेताओं को ,राष्ट्रपति ,लोकसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष ,राज्यसभा स्पीकर ,मा0 सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ज्ञापन दिया जाएगा। सरकार चौथे स्तंभ को कानूनी रूप से अधिकार दे।
ताकि देश के मीडिया अपने अधिकारों को पाने के लिए तैयार हो सके।इस यात्रा को प्रत्येक राज्य के पत्रकार 29 के बाद सुरु कर दिल्ली तक जासकते हैंइसकी पहल तो हमे ही करनी होगी आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं।उनको स्मृति पत्र में सम्मिलित किया जाएगा।


जीतमणि पैन्यूली 


बहुजन समाज के लोग आएंगे छत्र के नीचे

संवाददाता-विवेक चौबे


बरडीहा, गढ़वा! प्रखंड के उच्च विद्यालय के मैदान परिसर में सोमवार को बहुजन समाज पार्टी का बैठक किया गया।बैठक की अध्यक्षता-अजय चौधरी ने की।मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रत्याशी-राजन मेहता थे।राजन मेहता के साथ पार्टी के सहयोगी कार्यकर्ता-धर्मेंद्र ठाकुर भी उपस्थित थे।पूर्व प्रत्याशी-राजन मेहता ने उपस्थित गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुजन का अर्थ किसी जाति सम्प्रदाय से नहीं है,बल्कि बहुजन का शाब्दिक अर्थ है बहु+जन।इस शाब्दिक अर्थ से प्रमाणित होता है कि असंख्य लोगों का जमावड़ा।साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की मजबूती काफी जोर-शोर से मजबूत हो,जिससे कि आगामी विधानसभा का चुनाव विश्रामपुर में अच्छा परिणाम मिल सके।उक्त बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन की मजबूती प्रदान करने हेतु ! जोन स्तरीय डालटनगंज टाउन हॉल में 1 जुलाई को भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर बैठक की गई।साथ ही प्रखंड स्तरीय कमिटी भी गठित की गई।गठित कमिटी के प्रखंड अध्यक्ष-दिनेश राम,उपाध्यक्ष-बिरजू रजवार,सचिव-दिनेश राम(सेमरी),कोषाध्यक्ष-सुमंत पासवान,महासचिव-अखलेश प्रजापति सहित अन्य सदस्यों की नियुक्ति उपस्थित लोगों के सर्वसम्मति से की गई।मौके पर-कांडी प्रखंड अध्यक्ष-श्रवण पासवान,उपाध्यक्ष-राजन राम,महासचिव-बब्लू खलीफा,नरेश मेहता,संत कुमार मेहता,लवकेश राम,अमित कुमार,मुन्ना राम,विक्की कुमार सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।


अधिवक्ताओं ने शोक सभा कर दी श्रद्धांजलि

अधिवक्ताओ ने शोक सभा कर दी श्रद्धांजलि


अंकित तिवारी
 प्रयागराज ! बार एसोसिएशन मेजा के सदस्य रमेश मिश्र एडवोकेट निवासी ग्राम देवहटा की लड़की स्वपनिल(21) व उनके परिवार के कुलदीप मिश्र की पुत्री शाक्षी(13) की कल गंगा नदी में डूबने से मृत्यु की खबर सुनते ही अध्वक्ताओ में शोक की लहर दौड़ पड़ी।मेजा तहसील परिसर में अध्यक्ष अजय कुमार तिवारी (तुलसीदास) की अध्यक्षता में समस्त अध्वक्ताओ ने शोक सभा कर दो मिनट का मौन रहकर श्रधांजलि अर्पित की।अध्यक्ष तुलसीदास ने कहा ईश्वर शोक संतृप्त परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। तुलसीदास तिवारी ने बताया आज अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।शोक सभा मे मुख्य रूप से बार मंत्री राज कुमार तिवारी ,उपाध्यक्ष रमेश बाबू मिश्र,वरिष्ट अधिवक्ता सतीश चंद्र दुबे,अरुण तिवारी,सुरेंद्र मिश्र,रामेश्वर मिश्र,दिलीप मिश्र,आनंद पांडेय,इंद्रदेव मिश्र,कुशल दुबे,बृजेश तिवारी,राजेश्वरी मिश्र,राजेन्द्र तिवारी,मुनेश्वर शुक्ल,महेंद्र दुबे,श्री कांत तिवारी,अनिल पांडेय,राजीव शुक्ला,जटा शुक्ल,अनिल पांडेय(डब्लू),सूर्यकांत शुक्ल,देवानंद पटेल,अनिल यादव,रजनीश दुबे,राजेश पांडेय,राकेश दुबे,अतुल तिवारी,वि पी सिंह,रितेश मिश्र सहित अधिवक्तागण उपस्थित रहे।


डूडा में चल रही है अधिकारीयो की मिलीभगत

गाज़ियाबाद !  लोनी उपजिलाधिकारी एवम डूडा अधिकारी नगर पालिका परिसर में जो कैंटीन चला रहा है।यह मांगेराम नाम का व्यक्ति लोनी की गरीब जनता के फार्म भरवाने के नाम पर भी ₹5000लेता है।आश्वासन देता है कि लोन करा दूंगा।आखिर इसे किसका संरक्षण प्राप्त है? क्षेत्र में सरकारी फ्लैट दिलवाने व ढाई लाख रुपए दिलवाने के नाम पर अवैध उगाई कर रहा है।लोन कराने के बाद ₹25000लेता है। बाद में और पहले ₹5000लेता है।फॉर्म भरवाने वह लिस्ट में नाम जुड़वाने के नाम पर कृपया करके इसके फर्जी वाले के कार्यों की जांच कराने का कष्ट करें।
और जो पात्र नहीं है।उनके फार्म भरवा कर लिस्ट में नाम चडवा कर अवैध उगाही करता है।यह फोटो वही का है।जिनके नाम चडवा कर ढाई लाख रुपए की सरकारी योजना के तहत ₹25000लेने की बात हुई है इस महिला के घर को देखकर लगता है।कि यह पात्र है।सरकारी योजना की ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराकर लोनी की गरीब जनता को इस योजना का लाभ मिल सके।


प्रचंड जीत की खुशी में भंडारा:मंजू

भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया विशाल भंडारे का आयोजन


गाजियाबाद ! विधानसभा मोदीनगर के डबाना गांव में विशाल भंडारे का आयोजन हुआ ! मुख्य अतिथि मोदीनगर विधायक डॉ मंजू सिवाच ने कहा इस विशाल भंडारे का आयोजन भाजपा की प्रचंड जीत की खुशी में आयोजक सुनील प्रजापति व राजेंद्र त्यागी द्वारा किया गया है!


डॉ मंजू सिवाच ने कहा, प्राणी मात्र को जीवित रहने के लिए आहार की आवश्यकता है आहार में अन्न की प्रधानता है मानव जीवन के लिए अन्न ही प्राण है इसलिए अन्नदान तो प्राणदान के समान है!


इस अवसर पर मुख्य अतिथि मोदीनगर विधायक डॉ मंजू सिवाच, मोदीनगर चेयरमैन अशोक माहेश्वरी, विशिष्ट अतिथि भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान,  जिला महामंत्री दिनेश सिंघल, अमित चौधरी,  जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी आदि सभी का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया गयामुख्य रूप से भाजपा किसान मोर्चा जिला महामंत्री देवेंद्र चौधरी, महामंत्री जितेंद्र चित्तौड़ा, मंत्री सुभाष सांगवान,  मीडिया प्रभारी विनोद, प्रधान जयप्रकाश शर्मा, टेंमपाल चौधरी मंडल अध्यक्ष अरुण त्यागी,  मंडल अध्यक्ष सन्नी कुमार मित्रा, बाल किशोर त्यागी, राजू त्यागी, टेंमपाल पवार आदि भाजपा कार्यकर्ता एवं समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे!


बिन पानी सब सून

पानी की समस्या पर विशेष



मेरे द्वारा की गई एक पहल और खुद के द्वारा पानी बचाव के लिऐ पैदा की गई सोंच पे उम्मीद है कि आप भी मेरे नक्से कदम पर चलने की कोसिस करेंगे! क्योंकि जल है तो कल है,
पूरे भारत में पीने लायक पानी की कमी दिन प्रतिदिन घटती चली जा रही है जो की एक चिंता का विषय बनता चला जा रहा है, एक लोटे पानी की जरूरत पे हम सैकड़ो लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं! जरा सोचिए यही पानी आपको एक 500 मीटर दूरी से लाना पड़े तो आप भी सोचेंगे कि आधे लोटे से काम चला लो,आधा बाद के लिए हो जायेगा!कई वर्षों पहले की बात है जब लोग कड़ी मेहनत करके कुओं से पानी निकालते थे! उसके बाद हैण्डपम्प में पानी आने के बाद फिर भी कुछ ठीक था! पर आज के दौर में घर घर में समर्सिबल मोटर लगी होने के कारण पानी दोगुना तिगुना बर्बाद किया जा रहा है!
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिऐ मैंने खुद को आगे लाया और पानी कैसे बचाया जाये ,दो शब्दों में अपनी बात रख रहा हूं! करता था पानी की बर्बादी मैं, हफ्ते में धुलता था गाड़ी, सड़के धोता था, शौंच से आने के बाद हाँथ समर्सिबल चला के धोता था! 
आज गाड़ी महीने में एक बार ,सड़के धोना बन्द ,पानी बाल्टी में भरकर उपयोग में ला रहा हु, अमूमन यही होता है !आज सबसे ज्यादा पानी धुल को बैठाने के लिये, गाड़ियों को धोने में पानी बर्बाद किया जा रहा है!अपनी बात मैंने इस लिए रखी की शायद आप भी मेरी तरह कुछ पानी बचा के अपने लिए न सही अपने बच्चों के लिए उनका भविष्य सुनिश्चित कर सकें!
पहले खुद समझे फिर दुसरों को समझाएं!फिर कुछ ऐसा सिस्टम बनाएं की आपके प्रयोग से बचे हुये पानी को एक गड्ढे में इकठ्ठा किया जा सके! फिर चाहे वो तालाब हो या फिर छोटा गड्ढा हो!
नदियों में पानी सूख रहा है,धरातल में पानी कम हो रहा है!
अब यहां पर सवाल खड़ा होता है!आम आदमी पानी बर्बाद कैसे करता है, जानवरों को नहलाता है!सड़कों में धुल मिट्टी से हो रही बीमारियों से बचने के लिए पानी के माध्यम से उसे बैठाता है!
भीषण गर्मी में जब पानी की अहम जरूरत है तो दिन में तीन बार नहाता भी है, अब करे तो क्या करे!
दिन प्रतिदिन ये चिंतन का विषय बनता चला जा रहा है,
आज हर जगह पानी बचाव पानी बचाव के लिए नारे लगाये जा रहे हैं!
अख़बार के माध्यम से टीवी के माध्यम से, हर तरफ से प्रयास किये जा रहव हैं, दो बूंद पानी अपने भविष्य के लिए बचाया जा सके!
मेरे हिसाब से जरूरत के हिसाब से समर्सिबल की मोटर लगवाई जायें, और जिन घरों में पानी की अधिक आवश्यकता नही है उनमे से मोटरें हटवाई जायें,
मुझे लगता है, कि कुछ पानी अवश्य बच जायेगा,


रिशु सिंह


भीषण आग में 7 पशुओं की मौत दर्जनों झुलसे

 


कासगंज ! भीषण आग लगने से सात पशुओ की जलकर मोत डेढ़ दर्जनन से अधिक घर व बुर्जिया व बिटोरो में आग से लाखों का सामान जलकर राख।आग की सूचना सुन प्रशाशन जिला का मोके पर ।अग्नि शमन की 1दमकल ने मौके पर पहुंच आग पर पाया कावू ।दूसरी दमकल न पहुचने पर ग्रामीणों व प्रशासन में गरमा गर्मी।घटना है जनपद के थाना गंजडुंडवारा छेत्र के ग्राम पंचायत बहोटा के मजरा नगला बंजारा की जहा अवसे 2 घंटा पूर्व अज्ञात कारणों से गांव में खलियानों में आग लगने से धीरे धीरे आग ने गांव में डेड दर्जन से अधिक घर एव पशुओ के घेर ले लिए अपनी चपेट में जिस से 7 भैसो को जलकर मोत कई पशु आग की चपेट में जान मोत से संघर्ष रहे है कर।बही लाखो की छती प्रशासन मोके पर साथ ही राजस्व टीम अग्नि से होने बाली छती के आकलन करने में घटनास्थल पर मौजूद जांच में लगी।दूसरी दमकल मोके पर न पहुचने के कारण प्रशासन को ग्रामीणों का आक्रोश भी झहेलना पड़ा ।


 बृजेश मिश्रा 


एसएसपी झांसी ने किए कई के तबादले

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने झाँसी जनपद मै निरीक्षक सहित कई दरोगाओ के तबदला किये


 नवीन यादव


झाँसी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ड़ां ओपी सिंह के आदेश पर पुलिस विभाग में एक निरीक्षक सहित तीन दर्जन दरोगाओं की तबादला की सूची रविवार की देर रात जारी हो गयी।
एसएसपी डां ओपी सिंह ने क्षेत्र ने पुलिस व्यवस्था को साफ़ सुधरी अपराध मुक्त बनाये रखने हेतु एक बार फिर दरोगाओं के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया है। एसएसपी डॉ ओपी सिंह ने निरीक्षक आशीष कुमार मिश्रा को डीसीआरबी तथा साईबर सेल प्रभारी बनाया है। नई बस्ती चौकी प्रभारी अनुपम मिश्रा को चमनगंज चौकी का चार्ज सौपा है तो वहीं ग्वालियर रोड चौकी प्रभारी प्रमोद तिवारी को नई बस्ती चौकी इंचार्ज बनाया है। इसी प्रकार कई चौकी प्रभारियो के कार्यक्षेत्रों में बदलाव कर उन्हें नया कार्यभार सौपा गया नये चौकी प्रभारी बनाए जाने से झाँसी जनपद मै अपराधों पर अंकुश लगेगा


लोकतंत्र में विपक्ष का सख्त होना जरूरी

मोदी-शाह समेत नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण;पीएम बोले- लोकतंत्र में विपक्ष का सशक्त होना अनिवार्य


17वीं लोकसभा के पहले सत्र में साेमवार को सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार मंगलवार को भी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इससे पहले मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का सशक्त होना जरूरी है। उनका हर शब्द मूल्यवान है, वे लोकसभा में अपने नंबरों की चिंता छोड़ दें।


उम्मीद है कि सभी दल सदन में उत्तम चर्चा करेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरेंद्र कुमार को प्राेटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। कुमार मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद हैं। अब 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हाेगा। 20 जून को राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनाें की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इसी दिन राज्यसभा के सत्र की शुरुआत हाेगी। संसद का यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। 5 जुलाई को पहली बार महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।


पीएम मोदी ने कहा, ''इस चुनाव में पहले की तुलना में अधिक मात्रा में महिलाओं का वोट करना खास रहा। कई दशकों के बाद एक सरकार को दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ और पहले से अधिक सीटों के साथ जनता ने सेवा करने का अवसर दिया। जब पांच वर्ष का हमारा अनुभव है। जब सदन चला है, तंदरुस्त वातावरण में चला है तब देशहित के निर्णय भी अच्छे हुए हैं। आशा करता हूं कि सभी दल उत्तम प्रकार की चर्चा, जनहित के फैसले और जनआकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं इसका विश्वास।


बंगाल सरकार की भूमिका


बंगाल के जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के समर्थन देश व्यापी हड़ताल और जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के संवैधानिक डोर से बंधी पश्चिम बंगाल की सरकार की भूमिका पर विशेष

लोकतंत्र में प्रजा यानी जनता जनार्दन के हितों को सर्वोच्च माना गया है जिस कार्य व्यवहार से देश या प्रदेशवासियों का अहित होता हो अथवा जान मुसीबत में पड़ती हो उसे करने का अधिकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था के तहत जनता द्वारा चुनी गई सरकार को नहीं होता है। इतना ही नहीं लोकतंत्र में गठित सरकार का परम दायित्व होता है कि वह अपने सरकारी तंत्र से जुड़े लोकसेवकों के साथ ही अपने मतदाता भगवान के स्वास्थ्य शिक्षा न्याय एवं विकास के साथ ही सुरक्षा प्रदान करें।लोकतांत्रिक व्यवस्था में आमजनता द्वारा चुनी गई सरकार और उसके लोकसेवक ही अगर जनता की जान के दुश्मन बनने का सबब बन जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य लोकतंत्र के लिए और भला क्या हो सकता है? इस समय देश के अधिकांश राज्यों के जूनियर डॉक्टर बंगाली हड़ताली डाक्टर साथियों के समर्थन में हड़ताल पर चल रहे हैं और आज देश व्यापी हड़ताल की जा रही है। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की शुरुआत इस बार बहुचर्चित पश्चिमी बंगाल से हुई है और वहां पर अबतक सैकड़ों जूनियर डॉक्टर अपने पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की शुरुआत गत दिनों वहाँ पर डाक्टरों पर हमले के बाद हुयी है। मारपीट हमला करने का आरोप वहाँ की ममता बनर्जी की अगुवाई वाली उनकी पार्टी के कार्य कर्ताओं पर लगाया जा रहा है। घटना के बाद मुख्यमंत्री की टिप्पणी एवं रवैये के साथ सुरक्षा प्रदान करने की बात को लेकर डाक्टर हड़ताल पर चले गये हैं। वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस गंभीर संकट को समाप्त कर बाधित स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कराने की जगह इसे राजनीतिक परिदृश्य से प्रेरित बताकर इस हड़ताल को भाजपा समर्थित करार देकर आग में घी जैसा डाल रही हैं। सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण मांग को लेकर बगावत पर आमादा देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। बंगाल सरकार एवं जूनियर डाक्टरों के बीच चल रही अहम की लड़ाई सीधे आमजनता की जान खतरे में डाल रही है और स्थिति-"लड़े दो साड़ कचरि गई बूढ़ा" वाली हो गयी है।बंगाल के साथ देश के अन्य हड़ताल प्रभावित राज्यों में हड़ताल से हाहाकार मची है और हजारों लोगों की जान संकट में है। हड़ताल की जन्मदाता पश्चिम बंगाल की संवैधानिक सरकार अपने उत्तरदायित्वों को राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते अनदेखा कर इसे पूरे देश में फैला रही हैं जिसे कतई उचित नहीं कहा जा सकता है।हड़ताली डाक्टरों की मांग भले ही शतप्रतिशत सही हो लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह भगवान के बाद दूसरे भगवान माने जाते हैं और उनके कर्तव्यों से जरा सा भी विमुख होना किसी की मौत का कारण बन सकता है। सुरक्षा की मांग को लेकर शुरू की गई हड़ताल धीरे धीरे जनविरोधी एवं जानघातक होती जा रही है। भले ही जूनियर डाक्टरों के साथ अन्याय हो रहा हो लेकिन उनके हड़ताल पर जाने से इस देश की जनता की जान खतरे में पड़ गई है। मुख्यमंत्री और डॉक्टरों के बीच चल रही अहम की लड़ाई जनता के लिए खतरा बनती जा रही है और कई दिन बीत जाने के बावजूद भी मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें सुरक्षा का वादा देकर तथा भूल चूक गलती माफ कहकर जनता के हित में हड़ताली डाक्टरों से वार्ता करके हड़ताल खत्म न करवाना आमजन की जान माल से जानबूझकर खिलवाड़ करने जैसा जघन्य अपराध है।सभी जानते हैं कि देश में भले ही लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हो और चुनावी सरगर्मियां शांत हो गई हूं लेकिन पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले शुरू हुई राजनीतिक सरगर्मियां चुनाव परिणाम आ जाने के बावजूद आज तक जारी हैं और सत्ताधारी टीएमसी एवं भाजपा के बीच राजनैतिक गतिविधियों के साथ ही वहां पर हिंसा मारपीट जंगलराज जैसा दृश्य बना हुआ है और वहां की मुख्यमंत्री कानून का राज कायम करने में जैसे असफल साबित हो रही हैं। अगर पश्चिम बंगाल में डाक्टरों की सुरक्षा देने जैसी मांगे मानकर मामला रफादफा कर दिया गया होता तो शायद जूनियर डाक्टरों की हड़ताल बंगाल के बाहर नही फैलती।अगर कहा जाय तो गलत नही होगा कि चुनावी राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की हठधर्मिता एवं तानाशाही राजनैतिक दृष्टिकोण के चलते चल रही हड़ताल समाप्त नहीं हो पा रही है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार न तो राजनैतिक हत्यायें रोक पा रही है और न ही जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को समाप्त करा पा रही है जो लोकतंत्र के भविष्य में उचित नही कहा जा सकता है। 
भोलानाथ मिश्र


आजमगढ़ में संगठनों की हुई बैठक

आजमगढ़ में सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की हुई बैठक


आज़मगढ़ ! वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में व्यापक साझा प्रतिरोध, परस्पर सहयोग व समर्थन पर विस्तृत चर्चा की गई। तमाम प्रतिभागियों ने एक स्वर में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदतर हालत पर चिंता व्यक्त की। एक दो अपवादों को छोड़कर प्रदेश में चुनाव उपरान्त लगातार हो रही राजनीतिक हत्याओं और बलात्कार की घटनाओं का शिकार दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हो रहे हैं लेकिन सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का फोकस कुछ अपवादों पर ही होता है। मीडिया में भी उन्हीं घटनाओं और मुद्दों को स्थान मिलता है। जातीय वैमनस्यता और साम्प्रदायिक ज़हर फैलाकर हाशिए पर खड़े अवाम को रोज़गार से वंचित किया जा रहा है और जीने के अधिकार समेत उनके अन्य अधिकारों को कुचला जा रहा है। नवनिर्वाचित बार कौंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा न्यायालय परिसर में होने वाली हत्या की तमाम प्रतिभागियों ने एक स्वर में निंदा की।


रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में कानून व्यवस्था की स्थिति भयावह स्तर पर पहुंच चुकी है। दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न की सुनियोजित घटनाओं में काफी इज़ाफा हुआ है और कई मामलों में पुलिस प्रशासन ने सत्ता के दबाव में उत्पीड़ित व्यक्ति⁄समूह के खिलाफ ही फर्जी मुकदमे भी कायम किए हैं। योगी के सत्ता में आने के बाद इनकाउंटर के नाम पर चुनचुन कर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक युवकों की हत्याएं की गई हैं या उनके पैरों में गोलियां मारी गई हैं जिसकी वजह से पैर तक काटने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रदेश में सन्नाटा है और विपक्ष अपने दायित्व के निर्वाह में बुरी तरह असफल है। विपक्ष का अक्षम नेतृत्व और निष्क्रियता से जनता में बेचैनी है। सवालों की सूची लम्बी होती चली जा रही लेकिन जवाब नदारद है। यह स्थिति बदलनी चाहिए और इसके लिए व्यापक साझा संघर्ष की ज़रूरत है जिसमें राजनीतिक प्रयोग और परस्पर भागीदारी और समर्थन भी शामिल है। हम लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं लेकिन ज़रूरी है कि निर्माण की प्रक्रिया में भी आगे बढ़ें।


बहुजन मुक्ति मोर्चा के ईश्वरचंद यादव और एडवोकेट शमशाद ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था साम्प्रदायिक ज़हर फैलाकर दलितों और पिछड़ों को अल्पसंख्यकों के खिलाफ लामबंदी करती है तो कभी जातीय ऊंच-नीच के मनुवादी एजेंडे को लागू करने के लिए उन्हें आपस में एक दूसरे के खिलाफ भड़काकर बांटो और राज करो की नीति पर अमल करती है। इस प्रकार मूल निवासियों के हक हकूक पर डाका ही नहीं डालती बल्कि उनकी जड़ों में मट्ठा डालने का काम करती है। आरक्षण को व्यवहारिकता में लगभग समाप्त कर दिया गया है और यूपीएससी की परिक्षाओं में शामिल हुए बिना आईएएस की सीधी नियुक्तियों का फरमान इसकी ताज़ा मिसाल है। उन्होंने भाजपा पर ईवीएम मशीनों में धोखाधड़ी करके सत्ता हथियाने का भी आरोप लगाया।


एडवोकेट चंदन ने कहा कि वैचारिक समानता, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और जनता की साझीदारी सुनिश्चित किए बिना चुनाव के समय गठबंधन का जो हश्र होना चाहिए वह सामने है। कल के साझीदार आज आरोप प्रत्यारोप में लिप्त हैं। इससे जनता का विश्वास टूटता है। इससे सबक लेने की ज़रूरत है।


आजमगढ़ भीम आर्मी अध्यक्ष श्यामा प्रसाद जुगुनू और महासचिव धर्मवीर भारती ने पिछड़ों और दलितों में आपसी भेदभाव को इंगित करते हुए कहा कि खानपान का मामला हो या सामाजिक सरोकारों की बात हो चमार दलितों के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जाता जो हमारी राजनीतिक एकता में सबसे बड़ी रुकावट है। हमें जब भी आवाज़ दी जाती है हम पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। हमें किसी का इंतेज़ार किए बिना खुद सूचनाओं का आदान–प्रदान करना चाहिए और तालमेल बैठाना चाहिए। हमें हर हालत में झूठ फरेब से बचते हुए बार-बार ठगी गई जनता के बीच जाकर विश्वास बहाली के लिए प्रयास करने जी ज़रूरत है।


नेलोपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हीरामन यादव व पूर्व ज़िला महासचिव हाफिज़ जमालुद्दीन ने कहा कि शासन, प्रशासन और मीडिया में दो प्रतिशत लोगों का ही वर्चस्व है। विपक्ष लोकसभा चुनावों के दौरान भी जनता से नाता नहीं जोड़ सका। जनता के ज्वलंत मुद्दों और समस्याओं पर किसी तरह के संघर्ष की बात तो दूर विपक्ष की तरफ से कोई बयान तक नहीं आता है। इसलिए आवश्यक है कि विकल्प पर विचार किया जाए और उसको मूर्त रूप देने के लिए संघर्ष किया जाए।


कौमी एकता दल के पूर्व नेता सालिम दाऊदी और गुलाम अम्बिया ने जनता के मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाने की ज़रूरत बताते हुए कहा कि स्थानीय निकाय के चुनाव हमें इसके लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। इससे जन समस्याओं की बेहतर समझ विकसित करने, संघर्ष को सही दिशा और जन भागीदारी बढ़ाने के साथ ही राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रियता बढ़ाने में मदद मिलेगी।


एमआईएम नेता हामिद संजरी ने कहा कि चर्चा के दौरान उठाए गए मुद्दों और साझा संघर्ष के प्रति संगठनों के रूझान से वह पूरी तरह सहमत हैं और दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकरों के लिए किसी भी अभियान का हिस्सा बनने पर उन्हें खुशी होगी।


मुस्लिम मजलिस के नेता शाह आलम शेरवानी ने जातीय और साम्प्रदायिक भेदभाव को खत्म करने के लिए अभियान एंव जनसम्पर्क पर बल देते हुए स्थानीय निकायों के चुनाव सशक्त मौजूदगी दर्ज करवाने पर बल दिया।


कारवां के संयोजक विनोद यादव ने जनता की समस्याओं के निवारण के लिए शासन प्रशासन स्तर पर प्रयासों को संगठित और व्यापक बनाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करने पर बल दिया।


सरकारी दमन के खिलाफ संघर्ष कर रहे भारत बंद के अंबेडकरवादी नेता बांके लाल यादव ने कहा कि अलग-अलग मुद्दों पर काम कर रहे संगठनों को साम्प्रदायिक और जातीय आधार पर पक्षपात एंव भेदभाव के खिलाफ संघर्ष को प्रमुख रूप से अपने एजेंडे में शामिल करने की ज़रूरत है।


डाक्टर राजेंद्र यादव ने कहा कि अन्याय के खिलाफ संघर्ष में हमें जनता के दुख दर्द को प्रशासनिक स्तर पर उठाने और मीडिया तक ले जाने की ज़रूरत है। आवश्यकतानुसार सभी संगठनों को मिलकर धरना–प्रदर्शन करना चाहिए और ज्ञापन देना चाहिए।


अम्बेडकर निशुल्क शिक्षण संस्थान के उमेश कुमार ने कहा कि हर तरह की यातना दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हिस्से में ही क्यों आती है और साथ ही महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले अधिकांश आरोपी एक ही वर्ग से क्यों आते हैं, इस पर हमें विचार करना चाहिए। जाति उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। जब तक सत्ता पर कब्ज़ा नहीं होगा स्थिति बदलने वाली नहीं है इसके लिए सभी को एकजुट प्रयास करना होगा।


रिहाई मंच नेता तारिक शफीक ने कहा कि भगवा गिरोह ने दलित और अति पिछड़ा वर्ग के हिंदुत्वीकरण के माध्यम से ही सत्ता की दहलीज़ तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की है।


छात्र सेना के संयोजक राजनारायण यादव ने कहा कि दलित और पिछड़ा वर्ग का नेतृत्व जाटव और यादव कर रहे हैं। उन्होंने बैठक में अति दलित और अति पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व पर भी सवाल उठाए और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने और उनका सम्मान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके बिना सामाजिक न्याय की बात करने का कोई मतलब नहीं होता। उन्होंने कार्यकर्ताओं का सम्मान करने और उनको विचारों, जानकारियों और संसाधनों से लैस करने पर भी बल दिया।


अधिवक्ता मनोज कुमार ने तमाम वंचित जातियों को जोड़कर एक मंच पर लाने पर बल दिया।


सामाजिक कार्यकर्ता कौसर पठान का मत था कि सभी संगठनों को जन समस्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नियमित धरना प्रदर्शन के रास्ते से ही बड़ा संघर्ष खड़ा किया जा सकता है जिसका अंतिम लक्ष्य राजनीतिक मज़बूती होना चाहिए।राष्ट्रीय विद्यार्थी चेतना परिषद् के सच्चिदानंद यादव ने कहा कि क्षेत्र में जनता के बीच उपस्थिति बढ़ाने से ही अभियान को बल मिलेगा। अश्वजीत बौध ने कहा कि आरक्षण खत्म है और संविधान खतरे में है।


चर्चा में मसीहुद्दीन संजरी, एमआईएम के आदिल कुरैशी, वसीम अहमद, रिहाई मंच के अवधेश यादव, आरिफ नसीम, सुजीत यादव, मोहम्मद नाज़िम, संतोष कुमार सिंह एडवोकेट, मुशीर आलम, शिब्ली कालेज के छात्र नेता अली दाऊदी, शारिक अली, अबू होशाम, भीम आर्मी के शैलेश कुमार, नासिर अहमद, मुहम्मद नाजिम, सुनील यादव, आदि ने भी भाग लिया।


 इकबाल अंसारी


मुफ्त कनेक्शन के बाद, बड़े झटके की तैयारी

उत्तर प्रदेश: गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन के बाद अब बड़े झटके की तैयारी


प्रदेश के गरीब परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने के बाद उप्र पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन अब उन्हें बिजली दर में बड़ा झटका देने की तैयारी में है।
कारपोरेशन की ओर से दो दिन पहले उप्र विद्युत नियामक आयोग में वर्ष 2019-20 के लिए घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में बढ़ोतरी के लिए जो प्रस्ताव दाखिल किया गया है, उसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी बीपीएल उपभोक्ताओं के बिल में ही की गई है।
प्रस्ताव के मुताबिक, बीपीएल की बिजली दर में करीब 53 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रस्तावित बिजली दर पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि गरीब बीपीएल परिवार को एक बार फिर से लालटेन युग में धकेलने की साजिश है।
बता दें कि वर्ष 2018-19 में जब ग्रामीण अनमीटर्ड घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोतरी की गई थी, तो पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने दलील दी थी कि अक्तूबर-2018 से ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी 24 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।


इसलिए 1 अप्रैल 2019 से ग्रामीणों की अनमीटर्ड दरों को 300 से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिमाह किया गया है। लेकिन वास्तविकता यह है कि ग्रामीणों को 24 घंटे बिजली तो मिली नहीं, पर बढ़ा हुआ दर देना पड़ रहा है। अब एक बार फिर से उनके बिजली दर को 400 से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किए जाने का प्रस्ताव देकर गांव के गरीब उपभोक्ताओं को बिजली दर का बोझ बढ़ाने की तैयारी है।
प्रस्तावित बिजली दर पर आपत्ति जताते हुए विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि यह ग्रामीण और बीपीएल उपभोक्ताओं व किसानों के साथ बड़ा धोखा है।
उन्होंने कहा कि 1 किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली दरों का आकलन करने से पता चला है कि फिक्स चार्ज व यूनिट चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ लगातार अन्याय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित बिजली दर के मुद्दे पर जल्द ही प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इसके लिए उनकी किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत से भी वार्ता हुई है। दोनों संगठन साझा मंच बनाकर आंदोलन शुरू करेंगे। वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उपभोक्ता परिषद केप्रतिनिधियों को सोमवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया है।


ट्रैफिक सिस्टम पर आज से होगा काम

 


ट्रैफ़िक सिस्टम सुधारने के लिए आज से होगा काम।


 


 मुरादाबाद! वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने रविवार को कायंभर ग्रहण कर लिया है। वह आगरा से तबादला होकर मुरादाबाद आए है।
नवागत एसएसपी ने बताया कि मुरादाबाद मे ट्रैफ़िक सिस्टम को सुधारने के लिए सोमवार से ही काम शुरू हो जाएगा। इसमें शहर के लोगों को भी सहयोग करना पड़ेगा। अपराध के पुराने मामले का ख़ुलासा करने के लिए टीमों को लगाया जाएगा। महिला अपराध पर अंकुश लगाने पर पुलिस काम करेगी। अगले महीने स्कूल खुलने है। अत। स्कूल के आसपास छुट्टी और खुलने के समय पुलिस की उपलब्धता हर रहेगी ताकि किसी शौहदे की छात्राओं से अभद्रता करने की हिम्मत न हो सके।


मजदूरों के भुगतान में कटौती, डीएम से शिकायत

तेंदूपत्ता मजदूरों के भुगतान में बड़ी कटौती, सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज, कलेक्टर का कराया ध्यान आकृष्ट
सतना। सहायक वन परिक्षेत्राधिकारी बरौंधा एवं फड़मुंशी द्वारा वन परिक्षेत्र बरौंधा अंतर्गत पाथरकछार समिति के खोही फड़ में मजदूरों के भुगतान पर भारी कटौती किए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सूत्रों के हवाले से मिली खबरों में बताया गया है कि खोही फड़ के तेंदूपत्ता तोड़ान में प्रति मजदूर को किए गए भुगतान में 200 से 300 रुपए तक की कटौती की गई है। पीड़ितों ने इस ओर सतना कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सीएम हेल्पलाइन पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जो भी हो फिलहाल मजदूरी में इतनी बड़ी कटौती मजदूरों की समझ के परे है। एक मजदूर का दो से लेकर तीन सौ रुपए काटकर भुगतान करने का मतलब अकेले खोही फड़ मे करीब चालीस हजार की हेराफेरी होने का खुला संकेत करता है, वो भी एक सक्षम अधिकारी के सामने। अब देखना यह है कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत का क्या असर पड़ता है ? कलेक्टर साहब इस मामले पर विभागीय अधिकारी व फड़ मुंशी के खिलाफ कार्यवाही कर मजदूरों को उनकी वाजिब मजदूरी दिलवा पायेंगे ?


रविवार, 16 जून 2019

पाकिस्तान के सामने रनों का पहाड़ खड़ा

मैनचेस्टर! मौजूदा वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रनों का पहाड़ खड़ा किया!टीम इंडिया ने मैनचेस्टर में पाकिस्तान के खिलाफ 336/5 रन बनाए. वर्ल्ड कप में यह न सिर्फ भारत का पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर है, बल्कि इस टूर्नामेंट (वर्ल्ड कप) में किसी देश का पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक स्कोर है. इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ इसी वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने 334/9 रन बनाए थे!


इस महामुकाबले में विराट कोहली ने 77 रनों की पारी खेली! लेकिन पारी के 48वें ओवर की चौथी गेंद पर ऐसा हुआ, जिसे देख हर कोई हैरान रह गया! कप्तान कोहली बिना आउट हुए पवेलियन लौट गए! विराट को लगा कि वह आउट हो चुके हैं और इसके बाद उनके कदम आगे बढ़ गए और भारत के पांचवें विकेट के पतन का ऐलान हो गया!


दरअसल, मो. आमिर के बाउंसर को उन्होंने हुक करने की कोशिश की थी. इसके बाद विकेट के पीछे कप्तान सरफराज अहमद ने गेंद लपक ली! फिर क्या था कोहली खुद ही पवेलियन की ओर बढ़ गए! मजे की बात यह है कि इस गेंद पर न तो सरफराज ने कोई अपील की और न ही अंपायर एम. इरासमस ने अपनी उंगली उठाई थी! विराट के लौट जाने के बाद अल्ट्राएज में साफ दिखा कि बल्ले और गेंद में कोई संपर्क ही नहीं हुआ था. इससे स्पष्ट हो गया कि विराट कॉट बिहाइंड नहीं थे!


गृहमंत्री इसी महीने करेंगे कश्मीर दौरा

नई दिल्ली ! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 30 जून को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएंगे. गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह का पहला कश्मीर दौरा होगा इस दौरान वे घाटी में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. अमित शाह पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन भी करेंगे. बीजेपी की ओर से गृहमंत्री के इस दौरे की पुष्टि की गई है. गौरतलब है कि चुनाव के दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की वकालत की थी जिसका वहां के क्षेत्रीय दलों ने पुरजोर विरोध किया था. अब जब अमित शाह गृह मंत्री हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि वे कश्मीर पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमित शाह 30 जून को श्रीनगर पहुंचेंगे और यहां आर्मी, सीआरपीएफ, सीमा सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे. शाह जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों के साथ सीमा, एलओसी और आंतरिक सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में जम्मू -कश्मीर के डीजीपी और सेना की उत्तरी कमान के कई अफसर भी मौजूद होंगे. इसी दिन शाह पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन करेंगे और पारंपरिक तौर-तरीके से पूजा भी करेंगे. अमित शाह के यहां दर्शन करने के एक दिन बाद अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होगी.


रोहित शर्मा के नाम हुआ खास रिकॉर्ड

मैनचेस्‍टर ! टीम इंडिया के ओपनर रोहित शर्मा ने पाकिस्‍तान के खिलाफ हाईवोल्‍टेज मैच में बेहतरीन पारी खेलते हुए! दो दिग्‍गजों महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली के रिकॉर्ड तोड़ दिए। मैनचेस्‍टर के ओल्‍ड ट्रेफर्ड में खेले जा रहे मुकाबले में 'हिटमैन' अपने रंग में नजर आए और पाकिस्‍तानी गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए 113 गेंदों में 14 चौके और तीन छक्‍के की मदद से 140 रन की आक्रामक पारी खेली। विश्‍व कप 2019 के 22वें मैच में रोहित शर्मा ने एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। रोहित ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई और नए ओपनिंग पार्टनर केएल राहुल (57) के साथ 136 रन की साझेदारी


बहरहाल, रोहित शर्मा ने अपनी पारी के दौरान जैसे ही पहला छक्‍का जमाया, तो एक खास रिकॉर्ड कायम किया। वह अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा छक्‍के लगाने वाले भारतीय बल्‍लेबाज बन गए हैं। रोहित ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट) में सबसे ज्‍यादा छक्‍के लगाने के मामले में पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ा। धोनी के 355 छक्‍के हैं जबकि रोहित के 358 छक्‍के हो चुके हैं।
बता दें कि रोहित शर्मा ने वनडे में 224, टेस्‍ट में 31 और टी20 अंतरराष्‍ट्रीय में 102 छक्‍के जड़े हैं। वहीं एमएस धोनी ने वनडे में अब तक 225, टेस्‍ट में 78 और टी20 अंतरराष्‍ट्रीय में 52 छक्‍के जमाए हैं। धोनी के छक्‍के की संख्‍या में इजाफा हो सकता है क्‍योंकि उनका बल्‍लेबाजी करना अभी शेष है।


धोनी का 341वा अंतरराष्ट्रीय वनडे

मैनचेस्टर ! भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने रविवार को अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज कर ली। भारत के लिए सबसे ज्यादा एकदिवसीय मुकाबले खेलने के मामले में वह राहुल द्रविड़ से आगे निकल गए। यह उनका भारत के लिए उनका 341वां ODI था। रविवार (16 जून) को पाकिस्तान के खिलाफ मैनचेस्टर, ओल्ड ट्रेफर्ड में उन्होंने द्रविड़ को पीछे छोड़ा। वह अब सिर्फ सचिन तेंडुलकर से पीछे हैं।


यह धोनी का भारतीय जर्सी में 341वां मैच था वहीं द्रविड़ ने 340 मुकाबले खेले हैं। सचिन इस लिस्ट में टॉप पर हैं उन्होंने 463 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।


कुल मिलाकर देखें तो यह धोनी का 344वां वनडे इंटरनैशनल मैच था। और इस सूची में वह दुनिया में द्रविड़ के साथ संयुक्त रूप से 10वें स्थान पर हैं। भारत के लिए खेलने के साथ ही धोनी ने तीन मैच एशिया एकदाश के लिए खेले हैं।


भारत के लिए सबसे ज्यादा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले खिलाड़ियों मे मोहम्मद अजहरुद्दीन चौथे पायदान पर हैं। उन्होंने भारत के लिए 334 वनडे खेले हैं। वहीं पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने 308 ODI खेले हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले युवराज सिंह ने 301 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।


मैच की बात करें तो धोनी का पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। पूर्व भारतीय कप्तान ने 30 पारियों में 55.90 के औसत से 1230 रन बनाए हैं।


भारत के लिए सबसे ज्यादा ODI मैच खेलने वाले खिलाड़ी


सचिन तेंडुलकर 463
महेंद्र सिंह धोनी 341
राहुल द्रविड़ 340
मोहम्मद अजहरुद्दीन 334
सौरभ गांगुली 308
युवराज सिंह 301


डॉक्टर्स-ममता के बीच सुलह होना जरूरी


रस्सी जल गई, पर बल नहीं गया की कहावत को चरितार्थ कर रही है ममता बनर्जी।

 कोलकाता ! उम्मीद की जानी चाहिए कि पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सुलह हो जाए। यदि सुलह नहीं होती है तो 17 जून से देशभर के एम्स अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे देश के मरीजों को भारी परेशानी होगी। एम्स में डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों को 6 माह से लेकर 12 माह तक का इंतजार करना पड़ता है। एक सप्ताह पहले कोलकाता के अस्पताल में जिस तरीके से जूनियर डॉक्टरों की पिटाई की उससे बंगाल के साथ-साथ देश के प्रमुख शहरों की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री का काम हालात को सुधारना होता है, लेकिन ममता के बयानों से हालात और बिगाड़ गए। हड़ताल में जो ममता डॉक्टरों पर मुस्लिम मरीजों के इलाज नहीं करने का इल्जाम लगा रही थीं, वहीं ममता अब हड़ताली डॉक्टरों की मांग पर माफी मांगने को तैयार नहीं है। ममता का कहना है कि जब डॉक्टरों की मांगे मान ली गई है तो माफी किस बात की? डॉक्टरों को भी ममता के व्यवहार के बारे में पता है इसलिए माफी को मुद्दा नहीं बनाया जा रहा है। असल में ममता बनर्जी रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया की कहावत को चरितार्थ कर रही है। लोकसभा चुनाव में बंगाल में मात्र 22 सीटें मिलने के बाद भी ममता राजनीतिक सबक नहीं ले रही हैं। 2014 में जिस भाजपा के पास दो सीटें थीं वहां 2019 में भाजपा को बगाल में 18 सीटें मिली हैं। असल में बंगाल के मूल बंगाली भी समझ गए हैं कि ममता बनर्जी मोह की खातिर पश्चिम बंगाल को किस दिशा में ले जा रही है। लेकिन ममता बनर्जी अभी स्वयं को बंगाल का सबसे बड़ा नेता समझ रही हैं। जबकि मौजूदा हालातों में ममता की पकड़ ढीली होती जा रही है। यदि मूल बंगालियों पर पकड़ होती तो बंगाल के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जाते। ममता बार बार कह रही है कि भाजपा के इशारे पर हड़ताल हो रही है। यानि बंगाल के डॉक्टर ममता का नहीं बल्कि भाजपा का कहना मानते हैं। देखा जाए तो ममता स्वयं भाजपा का राजनीतिक कद बढ़ा रही है। आठ वर्ष पहले बंंगाल में वामपंथी सरकार को उखाडऩे पर ममता को परिपक्व नेता माना गया, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद तो ममता बनर्जी बचकानी हरकतें कर रही हैं।
एस.पी.मित्तल


भाजपा को मिले 80 लाख वोट ज्यादा


राजस्थान में लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से 80 लाख वोट ज्यादा मिले। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को डेढ़ लाख वोट ज्यादा मिले थे। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की दर्शनीय उपस्थिति।



 जयपुर! राजस्थान भाजपा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक जयपुर में तोतुका भवन में सम्पन्न हुई। इस बैठक में भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद भी उपस्थित रहे। केन्द्रीय संसदीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल दिल्ली में व्यस्त रहने की वजह से नहीं आए, लेकिन केबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और राज्यमंत्री कैलाश चौधरी पूरे उत्साह और उमंग के साथ उपस्थित रहे। बैठक की कमान प्रदेश संगठन मंत्री चन्द्रशेखर के हाथों में थी। लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर जीत से चन्द्रशेखर भी उत्साहित थे। बैठक में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि लोकसभा का यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आजादी के बाद यह पहला अवसर रहा जब राजस्थान में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले में 80 लाख वोट ज्याद मिले हैं। इसका श्रेय कार्यकर्ताओं की मेहनत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा है। 80 लाख वोटों की जीत बताती है कि राजस्थान में भाजपा कितनी मजबूती के साथ खड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा को 200 में से 150 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली है। कटारिया जब पूरे उत्साह के साथ लोकसभा चुनाव के आंकड़े बता रहे थे, तब बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी उपस्थित थीं, लेकिन उनके चेहरे पर खुशी का कोईभाव नहीं था। सब जानते हैं कि पांच माह पहले विधानसभा का चुनाव भाजपा ने राजे के नेतृत्व में ही लड़ा था और भाजपा को हार का समना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले कांगे्रस को मात्र डेढ़ लाख मत ज्यादा मिले थे। विधानसभा चुनाव में डेढ़ लाख मतों की हार और लोकसभा चुनाव में 80 लाख मतों की जीत राजस्थान की राजनीति को बयां करती है। सवाल उठता है कि पांच माह में ऐसा क्या हो गया जो हार और जीत का इतना बड़ा अंतर रहा। असल में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे का और लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का चेहरा सामने रखा। यदि विधानसभा चुनाव में भी नरेन्द्र मोदी का चेहरा सामने रखा। यदि विधानसभा चुनाव में भी नरेन्द्र मोदी का चेहरा सामने रखा जाता वो आज राजस्थान में भाजपा की सरकार होती। भाजपा के नेता माने या नहीं लेकिन विधानसभा चुनाव में सिर्फ वसुंधरा राजे की वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। प्रदेश की जनता ने तो जनवरी 2018 में हुए अजमेर और अलवर में हुए लोकसभा के उपचुनाव में ही इशारा कर दिया था, लेकिन वसुंधरा राजे और भाजपा के नेताओं के बुरी तरह हारने के बाद भी मतदाताओं का इशारा नहीं समझा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा के उपचुनाव में भाजपा को दोनों संसदीय क्षेत्रों के सभी 16 विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा था।
राजे की दर्शनीय उपस्थिति:
इसे राजनीति और समय का चक्र ही कहा जाएगा कि जिन वसुंधरा राजे के बगैर राजस्थान में सरकार और संगठन में पत्ता भी नहीं हिलता था, उन्हीं वसुंधरा राजे की 16 जून को भाजपा को प्रदेश कार्य समिति की बैठक में दर्शनीय उपस्थिति रही। हालांकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था, लेकिन राजे को मोह अभी भी प्रदेश की राजनीति से कम नहीं हुआ है। यह बात अलग है कि लोकसभा चुनाव में राजे की कोई प्रभावी भूमिका नहीं थी। कुछ स्थानों को छोड़ कर राजे ने प्रदेशव्यापी दौरा भी नहीं किया। यदि 16 जून जैसे ही हालात रहे तो भाजपा की बैठकों में भी राजे की कोई प्रांसगिता नहीं रहेगी। जोधपुर से गजेन्द्र सिंह शेखावत, बाड़मेर से कैलाश चौधरी, बीकानेर से अर्जुन मेघवाल, राजसमंद से दीयाकुमारी आदि भाजपा उम्मीदवारों ने राजे की भूमिका के बारे में भाजपा के बड़े नेताओं को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
एस.पी.मित्तल


बसपा की बैठक संपन्न, करेंगे मंडल सम्मेलन

संवाददाता-विवेक चौबे


कांडी, गढ़वा ! प्रखंड के ढबरिया गांव में बहुजन समाज पार्टी की एक बैठक संपन्न हुई। जिसमें आगामी 1 जुलाई को डालटनगंज में आयोजित बसपा के जोनल स्तरीय सम्मेलन अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की रणनीति बनाई गई। बैठक को संबोधित करते हुए बसपा नेता राजन मेहता ने कहा कि पलामू व चतरा लोकसभा क्षेत्र को मिलाकर बसपा द्वारा एक जोनल स्तरीय सम्मेलन किया जा रहा है , सभी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेवारी समझते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी करें। बैठक में लिए गये निर्णयों पर प्रकाश डालते हुए बसपा नेता ने बताया कि पलामू व चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत जितने भी विधानसभा क्षेत्र है सभी पर बसपा चुनाव लड़ेगी व जीत दर्ज करेगी। बताया कि क्षेत्र में व्याप्त बिजली की समस्या और नीलगाय की समस्या सहित अन्य समस्याओं के लिए चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। बताया कि बसपा का प्रखंड स्तर पर पुनर्गठन किया जा रहा है, उसी के तहत कांडी में नये कमीटी का चुनाव किया गया ,जिसमें सर्वसहमति से कांडी प्रखंड के लिए अध्यक्ष के रूप में श्रवण पासवान , महासचिव नन्द कुमार मेहता , उपाध्यक्ष राजन राम , सचिव बबलू खलिफा , उप सचिव संतोष कुमार राम , कोषाध्यक्ष कुंदन पासवान व मीडिया प्रभारी हनी सिंह को चुना गया। मौके पर रामनरेश मेहता, नागेंद्र मेहता , रामप्यारे मेहता , रामचंद्र मेहता, नंदु राम , लक्ष्मण मेहता सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।


25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...