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मंगलवार, 12 अक्तूबर 2021

पंजाब के नये प्रदेशाध्यक्ष का हो सकता है ऐलान

राणा ओबराय        
चडीगढ़। पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पूर्व में पंजाब के सीएम कैप्टन ने भी इस्तीफा दे दिया था। सिद्ध का हाईकमान ने इस्तीफा स्वीकारा नहीं था। लेकिन अब बताया जा रहा है कि हाईकमान सिद्धू का इस्तीफे को स्वीकार कर सकती है। पंजाब के नये प्रदेशाध्यक्ष का ऐलान हो सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार सिद्धू ने मतभेद के चलते सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। पार्टी संभावित उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। हालांकि, यह अभी भी एक खुला मुद्दा है। यदि कांग्रेस वास्तव में सिद्धू को पंजाब के अध्यक्ष के रूप में हटा देती है, तो यह पिछले कुछ महीनों में राज्य की राजनीतिक घटनाओं में एक नया मोड़ होगा। तत्कालीन सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

संविधान की भावनाओं का उल्लंघन, आरोप लगाया

राणा ओबराय     
चंडीगढ़। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाद्रा को हिरासत में लेने पर उत्तर प्रदेश पुलिस पर बुधवार को हमला बोला और पुलिस पर संविधान की भावनाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। सिद्धू ने पिछले दिनों पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उसे पार्टी ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
सिद्धू ने मंगलवार को भी चेतावनी दी थी कि यदि उनकी पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाद्रा को बुधवार तक नहीं छोड़ा गया और किसानों की हत्या के सिलसिले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो कांग्रेस की पंजाब इकाई उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी।
सिद्धू ने बुधवार को ट्वीट किया, ” 54 घंटे हो चुके हैं। प्रियंका गांधी जी को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया। गैरकानूनी तरीके से 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखना मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। भाजपा और उत्तर प्रदेश पुलिस आप संविधान की भावना का हनन कर रहे हैं, हमारे बुनियादी मानवाधिकारों को ठेस पहुंचा रहे हैं।”

गौरतलब है कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए जाने के मामले में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

वाद्रा सोमवार तड़के पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र हुड्डा तथा कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कुछ नेताओं के साथ मृतक किसानों के परिजन से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थीं, लेकिन उन्हें रास्ते में सीतापुर जिले में हिरासत में ले लिया गया था।

गुरुवार, 30 सितंबर 2021

सीएम चन्नी से मुलाकात करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू

अमित शर्मा       
चंडीगढ़। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह बातचीत के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से बृहस्पतिवार को मुलाकात करेंगे। यह पहल चन्नी के सिद्धू के पास जाने और बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की पेशकश करने के एक दिन बाद आई है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से मंगलवार को इस्तीफा दे चुके सिद्धू ने कहा, “मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए मुझे बुलाया है। आज दोपहर तीन बजे चंडीगढ़ में पंजाब भवन पहुंच जाउंगा, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है।” सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘दागी’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल उठाया था।
अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद और राज्य में अगले साल की शुरुआत में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के अपने पद से इस्तीफा दे देने से कांग्रेस की पंजाब इकाई में उथल-पुथल मची है। नई कैबिनेट और अन्य शीर्ष अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को लेकर पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खुल कर सामने आ गई ।
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए चन्नी ने कहा था, “मैंने आज सिद्धू साहब से टेलीफोन पर बात की है। पार्टी सर्वोच्च है, सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करती है और उसका पालन करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आप आओ, बैठो और बात करो।” उन्होंने कहा, “अगर आप (सिद्धू) को लगता है कि कुछ गलत है, तो बता सकते हैं।” सिद्धू की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने कहा कि नेता ने उनसे कहा कि वह बैठेंगे और बात करेंगे, और उन्हें बैठक के लिए समय देंगे।
चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार अदालतों में मुकदमे लड़ने के लिए एक विशेष अभियोजक के नेतृत्व में एक टीम गठित करेगी। उन्होंने कहा, “हम एक विशेष अभियोजक और 10 सदस्यों की एक टीम बना रहे हैं और यह हमारे (राज्य सरकार) महत्वपूर्ण मामलों को संभालेगी।” उन्होंने कहा, “एक विशेष टीम नियुक्त की जाएगी। इसलिए मुझ पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सब कुछ पारदर्शी होगा।

बुधवार, 29 सितंबर 2021

दूसरे दल में शामिल होने की बात खारिज: कैप्टन

अमित शर्मा       
चडीगढ़। पंजाब सियासी घमासान जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा करते हुए कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू चन्नी सरकार पर हावी होना चाहते थे, परंतु कोई भी सीएम यह सहन नहीं कर पा सकता। उन्होंने किसी और दल में जाने से इंकार किया है। बताया है कि मीडिया अपनी तरफ से खबरें दिखा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार चन्नी सरकार के बनने के पश्चात कई लीडरों व मिनिस्टरों के इस्तीफे के बाद एक निजी चैनल से वार्ता करते हुए कहा कि सिद्धू चन्नी पर हावी होना चाहते थे। इसको कोई भी सीएम सहन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि राजय चलाने के लिये हर किसी को पूरी छूट होनी चाहिए। अगर सिद्धू का लगता है कि वह चन्नी के माध्यम से सरकार चलायेंगे, तो प्रतिक्रिया इसी तरह की होगी। उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफे का पत्र देखा है मुझे पता चला है कि दूसरे दलों में भी लोगों से वार्ता कर रहे हैं। कैप्टन ने दूसरे दल में शामिल होने की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया स्वयं उनके अन्य पार्टी में शामिल होने की बात कर रही है लेकिन यह सही नहीं है।

चन्नी को सीएम बनाने पर सिद्धू ने इस्तीफा दिया

अमित शर्मा     
चंडीगढ। पंजाब में सियासी घमासान रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। कैप्टन के इस्तीफा के बाद चन्नी को सीएम बनाने को लेकर नाराज सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे हाईकमान नाराज है और उनके विरूद्ध एक्शन भी ले सकती है। चन्नी सरकार में सिद्धू के इस्तीफा के पश्चात से इस्तीफे की लाइन लग गई है।
मिली जानकारी के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से कांग्रेस हाईकमार नाराज है और उनके विरूद्ध कड़ा रूख अपनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि अभी तक दोनों पक्षों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है। इतना ही नहीं अभी तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया हे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज कैबिनेट बैठक भी बुलाई हे। मिली जानकारी के अनुसार आज की कैबिनेट में जो मिनिस्टर नहीं आयेंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। सिद्धू के इस्तीफा के पश्चात प्रदेश अध्यक्ष हेतु मंथन भी प्रारंभ हो गया है और इस दौड़ में रवनीत सिंह बिट्टू का नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बाद सिद्ध को इसी साल 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के पश्चात चन्नी सरकार के मिनिस्टर समेत कई बड़े लीडरेां के इस्तीफों लाइन लग गई है।

मंगलवार, 28 सितंबर 2021

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू ने इस्तीफा दिया

राणा ओबराय         
चंडीगढ़। पंजाब में बड़ा सियासी घटनाक्रम हुआ है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की खबर ने सियासी हलकों में हडक़ंप मचा दिया है। बहुत ही संक्षिप्त त्याग पत्र में नवजोत सिद्धू ने लिखा है कि वह पंजाब के भविष्य को लेकर किसी से समझौता नहीं करेंगे। उनका एक ही एजेंडा है, वो है पंजाब का भला करना। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उधर एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आज पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली जा रहे हैं और कयास लगाए जा रहे हैं। उनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से होने वाली है।

सोमवार, 27 सितंबर 2021

300 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया

अमित शर्मा         
जालंधर। केन्द्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध का सोमवार को एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान पर पंजाब में किसानों ने 300 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, लिंक रोड और रेलवे ट्रैक गंभीर रूप से अवरुद्ध होने से सड़क और रेल यातायात ठप हो गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने हड़ताल की अवधि के दौरान सरकारी और निजी कार्यालयों, शैक्षणिक और अन्य संस्थानों, दुकानों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वान किया है। अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं हालांकि छूट दी गई है।
इस दौरान एंबुलेंस, सेना और पत्रकारों के वाहनों को आने जाने की छूट रहेगी। मोर्चा ने किसानों के लिए व्यापारियों, कर्मचारियों समेत सभी वर्गों से समर्थन का आह्वान किया है। हड़ताल को विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जहां बंद को समर्थन दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने बरनाला में सुबह छह बजे से शहर की ओर जाने वाली सड़कों के अलावा रेल ट्रैक को जाम कर दिया, जबकि बाजार बंद रहे। भारती किसान यूनियन, डकौंडा के प्रेस सचिव बलवंत सिंह उप्ली ने कहा “हमने जिले में 10 सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है।
जालंधर, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर और वेरका बस अड्डा चौक में जिन जगहों पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहां सुबह पांच बजे से सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। जालंधर के पीएपी चौक और जालंधर फगवाड़ा राष्ट्रीय मार्ग पर किसानों ने धरना लगा कर सड़क यातायात को रोक दिया है।
जालंधर के दकोहा में किसानों ने रेलगाड़ियों को रोक कर रेल यातयात भी रोक दिया है। पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने राज्य के पुलिस बलों को विरोध स्थलों पर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी धरना स्थलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

रविवार, 26 सितंबर 2021

नए मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण लेगें 15 विधायक

अमित शर्मा            
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नए मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार शाम हो जाएगा। करीब 15 विधायक नए मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण लेगें। कसूत्रों के अनुसार राहुल गांधी और केंद्रीय आलाकमान के साथ हुई बैठक के बाद पंजाब के नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कैबिनेट के नामों पर सहमति जता दी है। शपद गवर्नर हाउस में होगी।
वहीं सुखजिंदर रंधावा (उपमुख्यमंत्री), ओपी सोनी (उपमुख्यमंत्री), पर पहले ही मोहर लग चुकी है। इसके अलावा परगट सिंह, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, कुलजीत सिंह नागर, राणा गुरजीत सिंह और अमरिंदर सिंह, राजा वारिंग,  मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिन्द्रा, त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा, रजिया सुल्ताना, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, भारत भूषण आशु, अरुणा चौधरी और विजय इंदर सिंगला में से कुछ को पद मिल सकता है।

शनिवार, 25 सितंबर 2021

राज्यपाल बनवारीलाल से मुलाकात करेंगे सीएम

अमित शर्मा        
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नए मंत्रिमंडल के लिए विधायकों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद शनिवार दोपहर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि ऐसी उम्मीद है कि चन्नी दोपहर में राज्यपाल से मिलेंगे और नए मंत्रियों के लिए शपथ ग्रहण समारोह रविवार को आयोजित होने की संभावना है।
चन्नी के दिल्ली से लौटने के कुछ घंटे बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। वहां उन्होंने नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर पार्टी के आलाकमान के साथ अंतिम चरण की चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि चन्नी नीत मंत्रिमंडल में सात नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है जबकि अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे पांच विधायकों का पत्ता कट सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने के लिए चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को दिल्ली तलब किया था।

गुरुवार, 23 सितंबर 2021

चैकिंग के दौरान तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया

अमित शर्मा        
चंडीगढ़। पंजाब की तरनतारन पुलिस ने मोगा जिले के सीमावर्ती भिखीविंड इलाके में बुधवार रात चैकिंग के दौरान तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया।
फिरोजपुर रेंज के महानिरीक्षक जतिंदर सिंह औलख ने यह पुष्टि करते हुये आज यहां बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों की शिनाख्त कुलविंदर सिंह, कंवरपाल सिंह और कोमलप्रीत सिंह के रूप में की गई है। इनके कब्जे से पुलिस ने नौ एमएम का पिस्तौल, गोलाबारूद और हथगोले बरामद किये हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों को अदालत में पेश कर इन्हें पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया जाएगा।

बुधवार, 22 सितंबर 2021

किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया

अमित शाह          
चडींगढ। पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी मंत्री हरीश रावत ने ठीक उसी समय यह बयान क्यों दिया ? जब चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पंजाब में पहली बार किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया है। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर गलती की, ऐसा सभी लोग मानते हैं लेकिन वहां के नेताओं ने ऐसे हालात ही पैदा कर दिये थे जिससे कैप्टन को कुर्सी से उतारना ही पड़ा। कांग्रेस के पास कैप्टन के कद का कोई नेता नहीं है और 6 महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस सब के बाद भी दलित मुख्यमंत्री का कार्ड भारी पड़ रहा था। हरीश रावत ने बयान दिया कि विधानसभा के चुनाव नवजोत सिद्धू के चेहरे पर लड़े जाएंगे। इसका सीधा मतलब कि दलित नेता को सिर्फ दिखाने के लिए सीएम बनाया गया है। अकाली दल और पंजाब में उसकी सहयोगी बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले को तुरंत उठाया। इस प्रकार पंजाब में हरीश रावत ने कांग्रेस का सारा गुड़ गोबर कर दिया है। हरीश रावत के बयान को हाईकमान का मंतव्य समझा जा रहा है। यदि हाईकमान ने नवजोत सिद्धू को है। साधारण राजनीति भी यही बताती है कि दलित मुख्यमंत्री बनाते ही सवर्ण जाट का चेहरा आगे करने से पूरी रणनीति बिखर गयी है। सिद्धू के मन का ही तो सब कुछ हो रहा था, फिर बयान देने की हरीश रावत को इतनी जल्दी क्यों हुई।
इसमें कोई संदेह नहीं कि पंजाब के नए सीएम ने अच्छी छाप छोड़ी। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पदभार संभालने के बाद किसानों और आम लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। चन्नी ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम किसानों के पानी और बिजली के बिल माफ करेंगे।’ पंजाब के सीएम ने कहा, ‘पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है। हम केंद्र से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हैं। अगर ये तीनों कानून वापस नहीं लिए गए तो किसानी खत्म हो जाएगी और पंजाब के हर परिवार पर फर्क पड़ेगा।’  उन्होंने इसके साथ ही कहा किसानों पर अगर किसी तरह की आंच आई तो वह अपनी गर्दन पेश कर देंगे। उन्होंने अपने को आम आदमी (कामन मैन) बताया।
चंडीगढ़ में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चन्नी भावुक हो गए। उन्होंने खुद के गरीब परिवार में पैदा होने का जिक्र करते हुए कहा कि वह इस बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस ने एक आम आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीम है। सीएम या एमएलए सुप्रीम नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस की विचारधारा पर चलेगी, जो सबको साथ लेकर चलने की है। उन्होंने कहा कि जाति या संप्रदाय के नाम पर कोई तोड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘पंजाब की एकता, अखंडता और भाईचारा को कायम रखना है। हम सबको मिलकर रहना है। पंजाब को आगे बढ़ाना है। चन्नी ने यह भी कहा कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी मुद्दों का समाधान होगा। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की ओर से तय 18 सूत्री कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि वह राज्य के लोगों का भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में सभी मसलों का हल होगा। नवनियुक्त सीएम ने कहा, ‘मैं पंजाब के आम लोगों की आवाज बनूंगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह पर चन्नी ने कहा ‘वह हमारे नेता हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार के अधूरे काम हम पूरे करेंगे।’ चन्नी ने कहा, ‘राहुल गांधी एक क्रांतिकारी नेता हैं। मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस, कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के लोगों का शुक्रगुजार हूं।’ चन्नी ने कहा, ‘मैं खुद एक रिक्शा चालक रहा हूं? मैं किसी को भी कृषि क्षेत्र को चोट नहीं पहुंचाने दूंगा। मैं केंद्र से काले कानूनों को निरस्त करने की अपील करूंगा। मैं किसानों के संघर्ष का पूरा समर्थन करता हूं।’ चन्नी ने इतना अच्छा माहौल बनाया था लेकिन हरीश रावत के बयान ने किये धरे पर पानी फेर दिया। अभी कुछ दिन पहले ही पंज प्यारे कहकर वे कांग्रेस की फजीहत करवा चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य में विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि अगर वह आगामी चुनावों के बाद सरकार में आई तो फ्री बिजली और पानी का इंतजाम करेगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार की कोशिश है कि वह अपने विपक्षियों को जनता के बीच कोई खास मौका न दे इसीलिए पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने एक दलित चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठाया और इधर यूपी में मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया। कांग्रेस और बसपा का दलित वोट बैंक से रिश्ता ही ऐसा है। एक का प्लस दूसरे का माइनस बन जाता है। दलित पहले कांग्रेस के साथ थे। जैसे जैसे उसका साथ छोड़ते गये, बसपा के साथ जुड़ते गये। इसीलिए कांग्रेस खत्म होती गयी और बसपा खिलती गयी। अब मायावती सशंकित रहती हैं कि कहीं दलित फिर से न कांग्रेस की ओर रूख कर लें। कांग्रेस की यही लालसा है कि उसका घर फिर से दलित बसा दें। झगड़ा इसी का है। पंजाब और यूपी में अगले साल एक साथ विधानसभा के चुनाव होने हैं। पंजाब में तो कांग्रेस ने दलित कार्ड चल दिया है लेकिन, इसे यूपी में भी खूब प्रचारित किया जायेगा। दलित वोट बैंक की गोलबंदी के लिए कांग्रेस पार्टी यूपी की अपनी रैलियों और सभाओं में भी इसे जोर जोर से बताएगी कि उसने एक दलित को सीएम बनाया।
दलित वोट बैंक से कांग्रेस और बसपा का क्या रिश्ता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 1985 के बाद से कांग्रेस का ग्राफ गिरता चला गया। 1985 में यूपी में कांग्रेस का वोट शेयर 39 फीसदी था। 1989 में ये गिरकर 29 फीसदी रह गया। 1991 में तो मात्र 18 फीसदी ही बचा। 1993 में और गिरकर 15 फीसदी पर आ टिका। यही वो चुनाव था जिसमें दलित वोटबैंक पूरी तरह कांग्रेस से टूटकर बसपा के खेमे में जा खड़ा हुआ। बसपा के आंकड़े देखिए। 1989 और 1991 के चुनाव में बसपा को मात्र 10 फीसदी वोट मिले थे लेकिन, 1993 में उसका वोट शेयर बढ़ गया। पार्टी को 28 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। बसपा के लिए यही चुनाव टर्निंग प्वाइंट था। इस चुनाव में दलित वोट बैंक कांग्रेस से पूरी तरह टूटकर बसपा के खेमें में आ चुका था। तब से लेकर आजतक बसपा गिरती हालत में भी 20 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करती रही है और कांग्रेस 10 फीसदी से कम (2012 के चुनाव को छोड़कर)। बता दें कि इसी के बाद बसपा को सत्ता में आने का मौका हासिल हुआ। मायावती इसी वोट बैंक के सहारे चार बार सीएम बनीं। भले ही ये कहा जाए कि मायावती को सीएम बनाने में और भी कई समुदायों का वोट बैंक शामिल रहा है लेकिन, कोर वोट बैंक तो दलित समुदाय ही माना जाता है। 
अब कांग्रेस बसपा से इस वोट बैंक की छीनाझपटी में लगी है। ऐसा होते देख मायावती भला चुप कैसे रह सकती हैं। उन्हें भी तो अपना घर बचाना है। लिहाजा वे भाजपा पर हमला बोलते-बोलते कांग्रेस को लपेटे में लेना नहीं भूलतीं। चरणजीत सिंह चन्नी के राज्य का सीएम चुने जाने के बाद हरीश रावत ने सिद्धू के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कह दी। पंजाब राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी के पंजाब के प्रभारी हरीश रावत के उस बयान को लेकर असहमति जताई है। जिसमें उन्होंने (रावत) ने कहा था कि अगले वर्ष होने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में लड़े जाएंगे। 

सोमवार, 20 सितंबर 2021

पंजाब में नेता चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लीं

अमित शर्मा          
चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं। उनके साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने मंत्री पद की शपथ ली जो राज्य के उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। रंधावा जट सिख और सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शपथ ग्रहण होने के कुछ मिनटों के बाद राजभवन पहुंचे और तीनों नेताओं को बधाई दी। 
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को पहुंचने में कुछ मिनटों का विलंब हो गया था। चन्नी दलित सिख (रामदासिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की।
वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे। रंधावा गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में कारागार मंत्री थे। सोनी अमृतसर (मध्य) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पिछली सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थे। रंधावा और सोनी को इस सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस ने सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है।
अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुना गया। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चन्नी मुख्यमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की पसंद हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चन्नी आज दिन में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रम से राज्य में अस्थिरता आ सकती है।

रविवार, 19 सितंबर 2021

सिद्धु को सीएम बनाने की कोशिश का विरोध: कैप्टन

अमित शर्मा     
चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब का नया सीएम कौन होगा ये सवाल सबके मन में चल रहा है। सीएम पद की रेस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुनील जाखड़, सोनिया गांधी की विश्वासपात्र अंबिका सोनी, राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा का नाम आगे चल रहा है। हालांकि ये सब अभी कयास ही है। 
आज कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में नए सीएम के नाम का अंतिम रूप से चयन होगा। इस बीच पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि वे नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम बनाने की किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे। अब सबकी नजरें विधायक दल के बैठक पर हैं।

शनिवार, 18 सितंबर 2021

पंजाब के सीएम अमरिंदर ने पद से इस्तीफा दिया

राणा ओबरॉय       

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले उन्होंने अपने करीबी विधायकों के साथ बैठक भी की और इसके बाद राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ठीक 4:30 बजे राजभवन पहुंचे और इस्तीफा दिया। इस वक्त उनके साथ पत्नी परनीत कौर भी मौजूद थीं।

कांग्रेस पार्टी में यह भूचाल ऐसे समय पर आया है जब कुछ ही महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीनने की पूरी कोशिश में जुटी हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों के ऐन पहले पार्टी में मचा यह घमासान उसे भारी पड़ सकता है। राज्य सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन का जनता के बीच गलत संकेत भी जा सकता है। 

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर की कार्यशैली से नाराज होकर 40 विधायकों ने और मंत्रियों ने पार्टी हाईकमान से शिकायत की थी। विधायकों और मंत्रियों ने कहा कि जरूरी काम के लिए भी मुख्यमंत्री से मिलना बेहद मुश्किल है। इससे पहले हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था कि प्रदेश के पार्टी विधायकों ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिख कर विधायक दल की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है जिसे देखते हुए 18 सितंबर को शाम 5 बजे यह बैठक बुलाने का फैसला लिया गया है। 

कैप्टन अमरिंदर ने प्रताप सिंह बाजवा, गुरप्रीत औजला समेत अनेक सांसदों और समर्थक विधायकों से बातचीत की। उन्होंने सोनिया गांधी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी बातचीत की और अपनी नाराजगी जाहिर की। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कह दिया गया था। कैप्टन ने सोनिया गांधी से कह दिया था कि उन्हें पद हटाया जाना अपमान होगा जिसे वह बदार्श्त नहीं करेंगे। वह पार्टी तक छोड़ सकते हैं। 

गुत्थी के संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला

राणा ओबराय               
चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाई में उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने का जो रास्ता अपनाया है। उसने न सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है, बल्कि अकाली दल की बुनियाद हिल गई है।
उन्होंने ट्वीट किया, ”वाह राहुल गांधी, आपने बेहद उलझी हुई गुत्थी के पंजाबी संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला है। आश्चर्यजनक ढंग से नेतृत्व के इस साहसिक फैसले ने न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के झंझट को खत्म किया है, बल्कि इसने कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है और अकालियों की बुनियाद हिला दी है।”
गौरतलब है कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी तनातनी के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्देश पर शनिवार शाम राज्य के कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात को इस बारे में घोषणा की।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में हो रही विधायक दल की इस बैठक की वजह से नेतृत्व परिवर्तन की भी अटकलें लग रही हैं, हालांकि अभी पार्टी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।

विधायक दल की बैठक तत्काल बुलाने का अनुरोध

राणा ओबराय          
चंडीगढ़। कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी तनातनी के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) ने शनिवार को राज्य के कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। एआईसीसी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात को इस बारे में घोषणा की।
रावत ने ट्वीट किया, ”कांग्रेस के अनेक विधायकों ने एआईसीसी से पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक तत्काल बुलाने का अनुरोध किया। इसी क्रम में पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर को शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
पंजाब कांग्रेस के सभी विधायकों से बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया जाता है” इस ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को भी टैग किया।
सिद्धू ने शुक्रवार रात को ट्विटर पर लिखा, ”एआईसीसी के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर 2021 को शाम पांच बजे बुलाई गई है।” पिछले महीने, राज्य के चार मंत्रियों और अनेक विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष के स्वर उठाए थे और कहा था कि उन्हें अब इस बात का भरोसा नहीं है कि अमरिंदर सिंह में अधूरे वादों को पूरा करने की क्षमता है।

शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

किसानों से संवाद, संकट का हल ढूंढने की कोशिश

राणा ओबराय        
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के एक साल पूरा होने पर आज केंद्र सरकार से मांग की कि तीनों ‘काले‘ कृषि कानून रद्द किये जाएं और किसानों से संवाद कर संकट का हल ढूंढने की कोशिश की जाए। यहां पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना की तरफ से आयोजित तीसरे प्रदेश स्तरीय ‘किसान मेला‘ का उद्घाटन करते हुए कैप्टन ने कहा कि किसान आंदोलन में कई किसानों की मौत हुई है और समय आ गया है कि केंद्र अपनी गलती महसूस करे और किसान व राष्ट्रहित में कानून वापस ले।
वह कमीज पर ‘नो फार्मर्स, नो फूड‘ (‘किसान नहीं, भोजन नहीं‘) का बैज लगाये हुए थे। किसान मेला की थीम ‘करें पराली की संभाल, धरती माता हो खुशहाल‘ है और उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित करना है।उन्होंने कहा कि संविधान में 127 बार संशोधन किया गया है, तो एक बार और क्यों नहीं किया जा सकता कि कृषि कानून निरस्त किये जाएं और किसान आंदोलन का हल निकाला जा सके। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने पिछले नवंबर में उन्हें पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से हतोत्साहित करने को कहा था लेकिन उन्होंने कह दिया कि वह किसानों को नहीं रोकेंगे क्योंकि विरोध करने का लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

ईंधन टैंक में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौंत

राणा ओबराय           
चंडीगढ़। पंजाब के फाजिल्का जिले में मोटरसाइकिल के ईंधन टैंक में विस्फोट होने से गंभीर रूप से घायल हुए 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम उस स्थान पर पहुंचेगी जहां विस्फोट हुआ था। 
पुलिस ने बताया कि घटना बुधवार शाम की है जब फिरोजपुर निवासी बलविंदर सिंह अपने एक रिश्तेदार से मिलने जलालाबाद की पुरानी सब्जी मंडी से बैंक रोड की ओर जा रहा था। 
उन्होंने बुधवार को बताया कि जब वह एक बैंक के पास पहुंचा, तो मोटरसाइकिल के ईंधन टैंक में विस्फोट हो गया, जिससे वह घायल हो गया।
उन्होंने बताया कि उसे फरीदकोट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (फिरोजपुर रेंज) जतिंदर सिंह औलख ने बृहस्पतिवार को बताया कि एनआईए की एक टीम जांच के लिए घटनास्थल का दौरा करेगी, जबकि चंडीगढ़ की एक फोरेंसिक टीम पहले से ही इसका विश्लेषण करने और नमूने एकत्र करने के लिए वहां मौजूद है। उन्होंने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का एक दल घटनास्थल पर मौजूद है।

बुधवार, 15 सितंबर 2021

23 से पंजाब के तीन दिवसीय दौरा करेंगे टिकैत

जालंधर। दिल्ली मोर्चा और मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए पंजाब के लोगों का धन्यवाद करने और हरमंदिर साहब में माथा टेकने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत 23 सितंबर से पंजाब के तीन दिवसीय दौरा करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के महा सचिव हरिन्दर सिंह लक्खोवाल ने बुधवार को बताया कि महाकिसान पंचायत की सफलता पर गुरू साहिबान का शुक्राना अदा करने के लिए राकेश टिकैत 23 सितंबर को गाजीपुर बार्डर से सुबह दस बजे रवाना होंगे और राजपुरा, डेहलों से होते हुए रात को लक्खोवाल में रूकेंगे। वह 24 सितंबर को जालंधर और रईया होते हुए शाम को अमृतसर पहुंचेगे तथा 25 सितंबर को पट्टी, जीरा, मोगा, चोकीमान टोल प्लाजा होते हुए वापस गाजीपुर बार्डर पहुंचेंगे। इस दौरान वह प्रेस सम्मेलन तथा किसानों को भी संबोधित कर 27 सितंबर के भारत बंद की अपील करेंगे।

बुधवार, 8 सितंबर 2021

मोहाली फार्महाउस में होगा रात्रिभोज का आयोजन

राणा ओबराय                   
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों और स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के लिए बुधवार को रात्रिभोज का आयोजन कर रहे हैं और उनके लिए वह खुद लजीज़ व्यंजन तैयार करेंगे। रात्रिभोज का आयोजन मोहाली के सिसवां में सिंह के फार्महाउस में होगा। 
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठकराल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”पंजाब के ओलंपिक पदक विजेताओं और नीरज चोपड़ा से किए गए अपने वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह उनके वास्ते खुद भोजन तैयार करेंगे। भोज में पटियाला के पुलाव, गोश्त, चिकन, आलू और जरदा राइस जैसे लजीज व्यंजन परोसे जाएंगे।” मुख्यमंत्री ने पिछले महीने ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए आयोजित समारोह में उनसे, उन्हें अपने हाथ का बना भोजन कराने का वादा किया था।


25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...