पंजाब लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पंजाब लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

महगांई के खिलाफ अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किए

राणा ओबराय             
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ दोनों राज्यों में अनेक जगहों पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किए। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन का आह्वान किया था। एसकेएम केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टर और अन्य वाहन सड़क के किनारे खड़े कर दिए और पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनमें से कुछ विरोध स्वरूप प्रदर्शन स्थलों पर एलपीजी के खाली सिलेंडर भी लेकर आए थे। आंदोलनकारी किसानों ने कुछ मिनटों के लिए अपनी गाड़ियों के हॉर्न बजाए और कहा कि यह सरकार को “नींद से जगाने” के लिए किया गया है। किसानों ने जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर सरकार को आड़े हाथों लिया। अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धरना स्थलों के पास भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रदर्शन पंजाब के मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, मोगा और रूपनगर में तथा हरियाणा के सोनीपत, सिरसा और गोहाना में कई जगहों पर किए गए।लुधियाना में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर दिन, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं जिसका समाज के हर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मोगा में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि डीजल की बढ़ती कीमतों से किसानों की लागत बढ़ जाएगी। हरियाणा के सिरसा में, एक प्रदर्शनकारी किसान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में चार पहिया गाड़ी को खींचने के लिए ऊंट ले आया। आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। 

हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं, सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। वहीं सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो गतिरोध नहीं तोड़ पाई है।

मंगलवार, 6 जुलाई 2021

पार्टी विवाद को हल करने के लिए फार्मूला तैयार हुआ

राणा ओबराय           .
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह को लेकर जल्‍द ही आलाकमान का फैसला सामने आ सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलेंगे। इसके साथ ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि पार्टी के विवाद को हल करने के लिए बड़ा फार्मूला तैयार हो गया है और इस पर सोनिया गांधी मुलाकात के दौरान कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के साथ चर्चा कर सकती हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस मुलाकात पर लग गई हैं। बता दें कि चर्चाएं चलती रही हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्‍टन अमरिंदर सिह के विवाद को समाप्‍त करने के लिए कांग्रेस का राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व बड़ा कदम उठा सकता है और सिद्धू को पंजाब कांग्रेस में बड़ी जिम्‍मेदारी देने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पिछले दिनाें सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था। इसके बाद अब उनको यह समय दिया गया है। समझा जाता है कि पंजाब कांग्रेस को लेकर फार्मूला तैयार होने के बाद कैप्‍टन को सोनिया गांधी से मिलने का समय दिया है। पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह के बीच यह पहला मौका होगा जब सोनिया गांधी पंजाब के किसी नेता से मिलेंगी। राहुल गांधी पंजाब के नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके है।
माना जा रहा है कि इस बैठक के उपरांत कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बादल छंटने शुरू हो सकते है। वहीं, इस बैठक में सोनिया गांधी पार्टी की खींचतान को लेकर मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समक्ष फार्मूला रख सकती हैं। पंजाब के राजनीतिक हालात को लेकर राहुल गांधी पहले ही सोनिया गांधी के साथ चर्चा कर चुके है। पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार समय मांग रहे थे। अहम बात यह भी है कि सोनिया गांधी ने कैप्टन को समय दिया है।नवजोत सिंह सिद्धू की 30 जून को राहुल गांधी के साथ बातचीत के बाद दिया है। माना जा रहा था पहले प्रियंका गांधी और बाद में राहुल गांधी के साथ मुलाकात में पंजाब में सुलह का फार्मूला तैयार कर लिया गया था। इसके बाद ही सोनिया गांधी ने कैप्टन से मिलने को लेकर हामी भरी है। हालांकि, राहुल और सिद्धू की बैठक के उपरांत भी नवजोत सिंह सिद्धू के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है। 
सिद्धू अब भी लगातार कैप्टन और पंजाब सरकार पर हमले कर रहे हैं। बीते कल 300 यूनिट फ्री बिजली देने का मुद्दा उठा कर सिद्धू ने अपरोक्ष रूप से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रधान अरविंद केजरीवाल की घोषणा का समर्थन कर दिया। कांग्रेस हाईकमान ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को पंजाब में 200 यूनिट फ्री बिजली का फार्मूला तैयार करने के लिए से कहा था। इसके बाद चंडीगढ़ दौरे पर आए केजरीवाल ने घोषणा की थी कि पंजाब में आप की सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी। ऐसे में सिद्धू द्वारा कैप्‍टन सरकार पर किए जा रहे हमलों का मुद्दा कल की होने वाली बैठक में उठना लगभग तय है। मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा कांग्रेस के संकट का भी शीघ्र समाधान होगा।

रविवार, 4 जुलाई 2021

24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए

अमित शर्मा          
चंडीगढ़। पंजाब में बिजली की किल्लत के मद्देनजर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को कहा कि राज्य में उपभोक्ताओं को बिजली की 300 इकाई निशुल्क दी जानी चाहिए और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। सिद्धू ने कहा कि घरेलू एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर बिजली उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ”पंजाब पहले ही 9,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी मुहैया कराता है। लेकिन हमें घेरलू एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिभार को 10 से 12 रुपए प्रति इकाई बढ़ाने के बजाए तीन से पांच रुपए प्रति इकाई की दर पर उन्हें बिजली दी जानी चाहिए। इसके अलावा कटौती किए बिना उन्हें चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराई जानी चाहिए और (300 इकाई तक) निशुल्क बिजली दी जानी चाहिए। ऐसा निश्चित ही किया जा सकता है।”

शनिवार, 3 जुलाई 2021

मायावती ने पंजाब सरकार पर साधा निशाना: बिजली

अमित शर्मा               
चंडीगढ़। पंजाब में बिजली संकट को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन को जिताने की अपील की।
मायावती ने ट्वीट किया, ”पंजाब में बिजली के गंभीर संकट से आमजन-जीवन, उद्योग-धंधे व खेती-किसानी आदि बुरी तरह से प्रभावित हैं। जो यह साबित करता है कि राज्य की कांग्रेस सरकार आपसी गुटबाजी, खींचतान व टकराव आदि में उलझकर जनहित और जनकल्याण की जिम्मेदारी को तिलांजलि दे चुकी है। जिसका जनता को संज्ञान लेना जरूरी है। पंजाब में बिजली के गंभीर संकट से आमजन-जीवन, उद्योग-धंधे व खेती-किसानी आदि बुरी तरह से प्रभावित, जो यह साबित करता है कि वहाँ की कांग्रेस सरकार आपसी गुटबाजी, खींचतान व टकराव आदि में उलझकर जनहित व जनकल्याण की ज़िम्मेदारी को तिलांजलि दे चुकी है। जिसका जनता को संज्ञान लेना ज़रूरी।
उन्होंने कहा,अतः पंजाब के बेहतर भविष्य व राज्य के लोगों की भलाई इसी में निहित है कि वे कांग्रेस पार्टी की सरकार से मुक्ति पाएं तथा आगामी विधानसभा आमचुनाव में शिरोमणि अकाली दल व बसपा गठबंधन की पूर्ण बहुमत वाली लोकप्रिय सरकार बनाना सुनिश्चित करें।” गौरतलब हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बसपा और शिरोमणि अकाली दल ने आपस में गठबंधन किया है।

शुक्रवार, 18 जून 2021

ऑक्सीजन स्तर गिरने के बाद मिल्खा को बुखार आया

अमित शर्मा            

चंडीगढ़। भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए पीजीआईएमईआर अस्पताल ने कहा कि शुक्रवार को उनका ऑक्सीजन स्तर गिर गया और उन्हें बुखार भी आ गया। लेकिन वह स्वस्थ होने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। मिल्खा सिंह का कोविड-19 परीक्षण बुधवार को नेगेटिव आया था जिसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था और डाक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।

पीजीआईएमईआर के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उन्हें गुरूवार की रात को अचानक बुखार आ गया और उनका आक्सीजन का स्तर भी गिर गया। डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे है। ’’इससे पहले उनकी हालत स्थिर थी। उनके परिवार के बयान के अनुसार, ‘‘मिल्खा जी के लिए दिन थोड़ा मुश्किल रहा। लेकिन वह इससे संघर्ष कर रहे हैं। ’’उन्हें पिछले महीने कोविड-19 संक्रमण हो गया था। उनकी पत्नी निर्मल कौर का कोविड-19 संक्रमण से जूझते हुए रविवार को मोहाली में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।

अमरिंदर के बीच में चल रही लड़ाई नए मोड़ पर आईं

अमित शर्मा                       
चंडीगढ़। कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के बीच में चल रही सियासी लड़ाई अब एक नए मोड़ पर आ गई है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ विरोधी गुट कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आ गया है।
दरअसल, कांग्रेस आलाकमान द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू को जरूरत से ज्यादा तरजीह देने को लेकर पंजाब कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रताप सिंह बाजवा और अन्य वरिष्ठ विधायक नाराज हैं। इन वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पंजाब में कांग्रेस को खड़ा करने के पीछे पुराने कांग्रेसियों का हाथ है। जबकि सिद्धू कुछ समय पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सिद्धू को रोकने के लिए कैप्टन अमरिंदर और प्रताप सिंह बाजवा साथ एक मंच पर आने को तैयार हो गए हैं।

गुरुवार, 10 जून 2021

घोषणा: पंजाब सरकार 4 मेडिकल कॉलेज खोलेगी

अमित शर्मा   
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में चार नए मेडिकल कॉलेज  खोले जाने की घोषणा की है। ये कॉलेज मोहाली, होशियारपुर, कपूरथला और मलेरकोटला में खोले जाएंगे। इसके साथ ही राज्य में एमबीबीएस की 500 सीट्स बढ़ जाएंगी। पंजाब के मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मिनिस्टर ओपी सोनी ने इसका ऐलान किया है। डॉ. बीआर आंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ के शिलान्यास के दौरान मंत्री ने यह जानकारी दी। फिलहाल पंजाब में एमबीबीएस की करीब 1400 सीट्स हैं। नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। डॉ बीआर आंबेडकर मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए भी करीब 80 प्रतिशत फैकल्टी की नियुक्ति हो चुकी है। पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।

शनिवार, 5 जून 2021

किसानों ने भाजपा नेता के निवास का घेराव किया

अमित शर्मा   

जालंधर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठन शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया के घर के बाहर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने के लिए पहुंचे।

इस दौरान पुलिस ने शास्त्री मार्केट से मनोरंजन कालिया के घर की तरफ जाने वाले रास्ते को अवरोधक लगा कर बंद कर दिया था। जिसके चलते किसानों और पुलिस में खींचतान चल रही है।उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चे ने पांच जून को सुबह भाजपा नेताओं के घरों के सामने कृषि कानूनों की कापियों को जलाने का आह्वान किया था। मोर्चें के आह्वान पर लोकतांत्रिक किसान सभा, देहाती मजूदर सभा, भारतीय किसान यूनियन और कामगार किसान यूनियन के नेताओं ने भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर के बाहर कापियां जलाने की कोशिश की।

शुक्रवार, 4 जून 2021

कलह दूर करने के लिए 3 घंटे तक वार्तालाप हुई

राणा ओबरॉय   

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष शुक्रवार को पहुंचे और यह मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली।

सूत्रों के मुताबिक, कैप्टन सबूत के तौर काफी दस्तावेज ले कर आए थे कि किस तरह उन्होंने विधायकों समेत अन्य नेताओं के अनुरोध पर काम कराया। कैप्टन ने उनको लेकर नेताओं द्वारा की गई शिकायतों का जवाब भी दिया। बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने इस इस मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर जीतना है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह से इस मुलाकात के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई। अब वह जल्द ही आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

100 नेताओं से की गई चर्चा

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है. इनमें अधिकतर विधायक हैं। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

गुरुवार, 3 जून 2021

अंतर्कलह: बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा

राणा ओबराय                
चंडीगढ। पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह का असर बुधवार को कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर देखने को मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका था, जब बैठक में 32 एजेंडे रखे गए।लेकिन दो एजेंडे पास करने के बाद बैठक खत्म हो गई। छह नाराज मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो उन्हें बुलावा भेजकर बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा गया। सूत्रों के अनुसार एक नाराज मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि पहले विवाद सुलझा लेते हैं। बैठक तो बाद में भी हो जाएगी।

बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी। क्योंकि इसमें छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी के लिए पेश किया जाना था। इसके अलावा विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को डीएसपी तो विधायक राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार लगाए जाने के लिए एजेंडा पारित किया जाना था। लेकिन, ये दोनों एजेंडे बैठक में नहीं रखे जा सके।वर्चुअल तौर पर हुई इस बैठक में मंत्रियों की नाराजगी का असर साफ तौर पर दिखाई दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे ही बैठक में शामिल हुए तो उन्होंने बैठक के कोरम के बारे में पूछा। इसके बाद मुख्‍य सचिव विनी महाजन ने उन्हें बताया कि सभी मंत्री बैठक में मौजूद नहीं हैं। इसके बाद जब कैप्टन ने मंत्रियों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया है कि आठ मंत्री पंजाब भवन दिल्ली में हैं।

सोमवार, 31 मई 2021

छापेमारी कर आरोपी क़ाबू किए, 7 पिस्तौलें बरामद

अमित शर्मा  
जालंधर। पुलिस को चुनौती देकर पैट्रोल पंप ओर महिला से दिन दिहाडे इनौवा गाड़ी लूटी गई। वहीं होशियारपुर के एस एस पी नवजोत सिंह माहल ने कुख्यात अपराधियों को नाजायज पिस्तौलों सहित क़ाबू किया है। होशियारपुर पुलिस ने कतल केस में फ़रार चल रहे दोषियों को यू पी में छापामारी करके गिरफ़्तार किया है। एस एस पी नवजोत माहल ने बताया कि होशियारपुर के अधीन व्यक्ति को गोलियाँ मार हत्या के बाद उन्होंने सूचना के आधार पर एस पी डी रविंद्र पाल सिंह संधू के द्वारा बनाई टीम ने यूपी में छापेमारी करके आरोपी क़ाबू किए है। जिनके पास से नाजायज 7 पिस्तौलें बरामद हुई है। आरोपियो से पूछताछ में अन्य कई बढ़ी अपराधिक वारदातें हल होने की संभावना है। पकड़े गए आरोपी गुरजिंदर सिंह उर्फ़ सोनू रोडमजारिया,जो कि प्रीत  सेखो नाम के गैंगसटर के साथ मिलकर वारदातें करता था। प्रीत सेखो ने अमृतसर तरनतारन इलाक़े में काफ़ी दहशत मचाई हुई थी।

गुरुवार, 27 मई 2021

सीएम अमरिंदर ने 2 जून को बुलाईं कैबिनिट बैठक

अमित शर्मा                       
चंडीगढ़। पिछले डेढ साल से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे पंजाबवासियों को एक बार फिर पाबंदीयों से राहत मिलती नज़र आ रही है। लगभग एक माह से राज्य में चल रहे पाबंदीयों के दौर के बीच एक बार फिर हॉट-स्पाट जिलों में मार्किट बंद होने का समय बढ़ा कर राहत दी जा रही है। कोरोना के केस कम होने तथा मार्किट ओपन करने में दी जा रही राहत को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य एक बार अनलॉक की तरफ है। पाबंदीयों के कारण कोरोना संक्रमण के कम होने से राहत महसूस कर रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब एक बार फिर 2 जून को कैबिनिट की बैठक बुलाई है। अगर सब कुछ ठीक रहा यानिकि लोग नियमों का पालन करते रहे तो संभावना प्रबल है कि इस बैठक में या इससे पहले 31 मई को ही पाबंदीयों में छूट होगी। बता दें कि कोरोना महामारी से हर तरफ हाहाकार मची हुई है। पहली लहर के बाद लोग इतने रिलेक्स हो गए कि दूसरी लहर ने आतंक मचा दिया। दूसरी लहर में संक्रमण भी पहले की अपेक्षा ज्यादा हुआ और मौतें भी ज्यादा हुई। इसे देखते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लगभग एक माह पहले राज्य में एक बार फिर सख्त पाबंदीयां लगाई। जिसमें नाईट कर्फ्यु, मार्किट बंद करने जैसे बड़े फैसले लिए गए। यहां तक की मार्किट कम्पलीट बंद करने के आदेश दिए गए। लेकिन इसके पश्चात पंजाब सरकार द्वारा हर एक जिला के अधिकारियों को अपने जिला के हालात मुताबिक मार्किट खुलने बंद होने तथा और पाबंदीयों जैसे बड़े फैसले लेने की इजाजत दी।

शनिवार, 22 मई 2021

सिद्धू के अलावा पार्टी नेताओं में कैप्टन से नाराजगी

राणा ओबराय            
चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में अंदर की उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। कहीं न कहीं अब पंजाब में कांग्रेस विभाजित होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव की स्थिति किस मोड़ पर जाकर क्या परिणाम देगी ? कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं, खबर यह भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अन्य पार्टी नेताओं में भी कैप्टन से नाराजगी का माहौल है। इस बीच यह चर्चा भी खूब जोरों पर है कि पार्टी में शांति कायम करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया प्रधान बनाया जा सकता है।
बतादें कि, अभी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ हैं और अब उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने की बात उछल रही है। कहा जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू लोगों के बीच एक मशहूर चेहरा हैं और वह अपने जरिये चुनाव में कांग्रेस को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। फिलहाल, पार्टी में कई नेताओं का यह भी मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी को ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। सिद्धू सिर्फ अमृतसर तक ही सीमित है। उनके तिरछे चलने से पार्टी की फिजा पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। सिद्धू सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि पंजाब में पार्टी के पास अभी कैप्टन से बड़ा चेहरा नहीं है। पार्टी कैप्टन को नजरअंदाज करती है, तो उसके लिए जीत आसान नहीं होगी। इधर, पार्टी भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंजाब पार्टी नेतृत्व कैप्टन पर दबाव डालने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ना होगा। पार्टी हाईकमान को भी लगता है कि कैप्टन ही पंजाब में उसकी नैया को पार लगा सकते हैं। कांग्रेस मानती है कि किसान आंदोलन के बाद भाजपा को पंजाब चुनाव में बहुत ज्यादा कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में तमाम नाराजगी के बावजूद सिद्धू कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ेंगे और कैप्टन के सहारे ही पंजाब में कांग्रेस की दोबारा वापसी हो सकेगी, लेकिन पार्टी हाईकमान सिद्धू वाली टेंशन को भी दूर करने में जुटी हुई है। पार्टी हाईकमान को डर है कि यहां कांग्रेस में यह आपसी कलह चुनाव में कहीं न कहीं तो नुकसान पहुंचाने का काम कर ही सकती है। ऐसे में पार्टी हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। बतादें कि, इससे पहले चर्चा चली थी नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस छोड़कर दोबारा भाजपा में जायेंगे, लेकिन इसी बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बनकर आये उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सिद्धू को मनाने की पुरजोर कोशिश की और वह एक पल इसमें सफल होते हुए भी नजर आये। सिद्धू जो कैप्टन से दूरी बनाकर रखे हुए थे। दोनों ने साथ बैठकर लंच किया और बाद में भी काफी दिन साथ-साथ दिखे, परन्तु यह सब ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर फिर बदल गए। अब देखना तो यह होगा कि सिद्धू के तेवर ठीक करने के लिए कांग्रेस क्या करती है और जैसे कि यह चर्चा जोरों पर है कि उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया जा सकता है?

बुधवार, 19 मई 2021

890 गांवों में घर-घर जाकर सर्वे करने के आदेश दिएं

जालंधर। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा मंगलवार को शुरू किये गये ‘कोरोना मुक्त पिंड अभियान’ के तहत जिला प्रशासन ने कोविड मरीजों की पहचान करने के लिए जिले के सभी 890 गांवों में घर-घर जाकर सर्वे करने के आदेश दिए हैं। उपायुक्त घनश्याम थोरी ने बुधवार को प्रमुख सचिव हुसैन लाल की अध्यक्षता में एक वर्चुअल समीक्षा बैठक में भाग लेते हुए कहा कि जिले में एक विशाल स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों द्वारा सभी रोगसूचक रोगियों की पहचान की जाएगी ताकि उनका समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

घनश्याम थोरी ने कहा कि इस आउटरीच कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के अधिकारी जिले के प्रत्येक ग्रामीण घर का दौरा करेंगे और फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित लोगों की जांच करेंगे। टीमें ऑक्सीजन संतृप्ति की जांच करेंगी और उन मामलों की रिपोर्ट करेंगी। जहां ऑक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से कम पाया जाता है। ताकि उनके कोविड -19 परीक्षण और उपचार की रिपोर्ट सकारात्मक होने पर जल्द से जल्द शुरू की जा सके।

गुरुवार, 6 मई 2021

जरूरी सेवाओं के साथ शराब ठेको को छूट: पंजाब

अमित शर्मा   

चंडीगढ़। पूरे देश में कोरोना का कोहराम मचा हुआ है। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। इस लॉकडाउन के अवधि में कुछ
रियायतों के साथ जरूरी सेवाएं संचालित करने की छूट दी गई है। वहीं शराब ठेके को भी छूट दी गई है। पंजाब सरकार ने अल्कोहल को एसेंशियल की लिस्ट में रखा है। सरकार के इस फैसले के बाद मिनी लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके खोले जाएंगे।

पंजाब सरकार ने इस संबंध में मंगलवार दोपहर को ही नोटिफेकेशन जारी कर दिया था। हालांकि नोटिफिकेशन में देरी के कारण एक दिन बाद से ठेके खुलने लगे। बता दें कि पंजाब सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए 15 मई तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं को इससे छूट दी गई थी।पंजाब सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा 2 मई को की थी। इस दौरान बताया था कि जरूरी वस्तुओं की दुकानें जैसे- दवा, दूध, सब्जी, मीट आदि की ही खोलने के आदेश थे। उस दौरान शराब के ठेकों सहित अन्य गैर-जरूरी दुकानों खोलने की अनुमति नहीं दी गई थी। लॉकडाउन के दौरान शादी समारोह और अंतिम संस्कार में केवल 10 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। सराकर के इस एलान के बाद शराब ठेकेदारों की ओर से शराब के ठेके खोलने की लगातार मांग उठाई जा रही थी। सरकार के इस आदेश के बाद राज्य में बंद सभी ठेके खोल दिए जाएंगे।

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

पंजाब: कर्फ्यू के साथ लॉकडाउन लगाने का फैसला

अमित शर्मा          

चंडीगढ़। पंजाब की अमरिंदर सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए रोजाना नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ वीकेंड लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। राज्य कैबिनेट के फैसले के अनुसार अब हर दिन शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। जहां तक वीकेंड लॉकडाउन की बात है तो यह शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। कैबिनेट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कोविड-19 के कारण उपजे हालात से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं। अमरिंदर सिंह ने बताया कि हालात और बिगड़ने का अंदेशा है, खासकर दक्षिण पंजाब में। उन्होंने कहा कि सिर्फ लुधियाना में रविवार को 1300 से ज्यादा मामले आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए कड़े उपाय किए जा रहे हैं किंतु वह राज्य में लॉकडाउन का प्रस्ताव नहीं कर रहे हैं। क्योंकि इससे आर्थिक परेशानियां आती हैं और प्रवासी मजदूरों का पलायन होता है।

बुधवार, 14 अप्रैल 2021

अंबेडकर के नाम पर बनेगीं यूनिवर्सिटी, घोषणा की

राणा ओबराय          
जालंधर। विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच बड़े बड़े ऐलान भी शुरू हो गए हैं। आज बुधवार को शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने भी बड़ी घोषणा की। बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करने जालंधर पहुंचे सुखबीर बादल ने कहा कि अगर पंजाब में शिअद की सरकार बनी तो उपमुख्यमंत्री का पद दलित परिवार के सदस्य को दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की कि दोआबा में डा. भीम राव अंबेडकर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब के विकास में अनुसूचित जाति का जो योगदान है। उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। सुखबीर बादल ने विधानसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लोगों को पार्टी के साथ जोडऩे की कोशिश की है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कई राजनीतिक दलों से बात चल रही है और अगर विचार मिले तो गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।

सोमवार, 12 अप्रैल 2021

सीएम अमरिंदर ने कोरोना टीके की दूसरी खुराक ली

राणा ओबराय     
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक ली। साथ ही लोगों से टीका लगवाने की अपील भी की। सिंह को पिछले महीने टीके की पहली खुराक दी गई थी।मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्वीट किया, ‘ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक ली। साथ ही एक बार फिर पात्र व्यक्तियों से आगे आकर अपनी, अपने परिवार एवं समाज की सुरक्षा के लिए टीका लगवाने की अपील की।

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

5 दिन के कोविड-19 रोधी टीके का भंडार बचा

राणा ओबराय     
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि पंजाब में केवल पांच दिन का कोविड-19 रोधी टीके का भंडार बचा है और उन्होंने केन्द्र सरकार से टीके की आपूर्ति का कार्यक्रम साझा करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 85,000 से 90,000 लोगों को टीके लग रहे हैं और इस दर से पंजाब का मौजूदा 5.7 लाख टीकों का भंडार पांच दिन में समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने केन्द्र से टीकों की नयी खेप प्राप्त होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि अगर पंजाब एक दिन में दो लाख टीके लगाने के अपने लक्ष्य को हासिल करता है तो उसके पास टीकों की जो खुराक है। वह तीन दिन में समाप्त हो जाएगी। यहां जारी एक सरकारी बयान में सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर अगली तिमाही के लिए पुख्ता आपूर्ति कार्यक्रम साझा करने को कहा है।

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

कोरोना के मामलों को देखते हुए रैलियों पर लगीं रोक

राणा ओबराय        
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमित के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए रैलियों पर रोक लगा दी है। सरकार के आदेशों के बाद राज्य में कोई भी राजनीतिक दल रैलियों का आयोजन नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही सरकार ने 30 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का भी निर्णय लिया है। 11 जिलों में नाइट कर्फ्यू को भी सरकार ने 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।
पंजाब में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2,924 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि में 63 मरीजों की मौत भी हुई है। अब राज्य में कोरोना के कुल मामलों की संख्या दो लाख 57 हजार 57 हो गई है। राज्य में अभी 25,913 सक्रिय मामले हैं और अभी तक यहां 7216 लोगों की मौत हुई है। सरकार ने 10 अप्रैल तक पांबेदियां जारी रखने का आदेश दिया था, जिसे बढ़ाकर अब 30 अप्रैल तक कर दिया गया है।

आदेशों के मुताबिक मॉल में एक वक्त में 100 से अधिक व्यक्तियों को इजाजत नहीं होनी चाहिए और सिनेमाघरों को आधी सीटें खाली रखने को कहा गया है। सबसे अधिक प्रभावित 11 जिलों में अंतिम संस्कार एवं शादियों को छोड़कर सभी सामाजिक जमावड़े पर पूर्ण पाबंदी लगायी गयी है। अंतिम संस्कार एवं शादियों में भी 20 लोगों को ही इजाजत है।

कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को नाइट कर्फ़्यू लगाने पर विचार करने को कहा है। लेकिन यहाँ हो रहे पंचायत चुनावों को देखते हुए नहीं लगता है कि सरकार किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं।  हाँ ये जरूर है कि पंचायत चुनाव होने के बाद सिलसिलेवार तरीके से नाइट कर्फ़्यू लगाने की संभावनाएं बन रही हैं।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...