मंगलवार, 7 नवंबर 2023

पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए

पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए

अविनाश श्रीवास्तव 
पटना। बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट पेश की है। मंगलवार को  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए। उन्होंने सदन में प्रस्ताव रखा कि इसे 50 की जगह 65 फीसद किया जाए. ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद को मिलाकर आरक्षण 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
सीएम ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया और सदन में कहा कि कहीं-कहीं कोई बोल देता है कि इस जाति की संख्या बढ़ गई तो उस जाति की संख्या बढ़ गई।
अब यह बताएं कि जब इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो आप कैसे कह रहे हैं कि इस जाति की संख्या घट गई और उस जाति की संख्या बढ़ गई? यह बहुत बड़ा फरेब है। यह सब नहीं बोलना चाहिए, कि जब भी हुआ है, केंद्र सरकार ने कराया है।

स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया

स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया

अखिलेश पांडेय 
ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर भारत की भावना को आहत करने कोशिश की है। इस बार उन्होंने भारत के पवित्र चिन्ह स्वस्तिक पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया है। उन्होंने हाल में कनाडा की राजधानी में आयोजित फिलिस्तीन समर्थक रैली में पार्लियामेंट हिल पर स्वस्तिक चिह्न दिखाने पर आलोचना की है।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने ऑफिशियल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब हम किसी भी घृणित भाषा और चिन्ह को देखते या सुनते हैं तो हमें इसकी निंदा करनी चाहिए‌। पार्लियामेंट हिल पर किसी व्यक्ति की तरफ से स्वस्तिक का प्रदर्शन करना मान्य नहीं है। कनाडाई लोगों को शांतिपूर्वक रैली करने का अधिकार है, लेकिन हम यहूदी विरोधी भावना, इस्लामोफोबिया या किसी भी अन्य तरह की नफरत फैलाने वाले चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।

स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला विधेयक
आपको बता दें कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला एक विधेयक भी ला चुकी है। हालांकि, वो अभी तक पास नहीं हुआ है। इस तरह से कनाडा की सरकार हिंदू धर्म के आस्था के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है।साल 2022 में कनाडा सरकार ने हेटफुल चिह्न पर बिल लाने की कोशिश की थी, जिसके अंतर्गत नफरत को बढ़ावा देने वाले चिन्ह पर बैन लगाने की तैयारी थी।
इस बिल में हिंदू आस्था का प्रतीक माने जाने वाला स्वस्तिक भी शामिल था। आपको बता दें कि स्वस्तिक का नफरत से कोई लेना-देना नहीं है। ये हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाने वाला पवित्र चिह्न है। किसी भी शुभ काम में इस चिन्ह को पवित्रता का प्रतीक मान कर घर या मकानों पर बनाया जाता है। इसमें चार बिंदु होते, जो अलग-अलग तरह से अच्छे और शुभ संकेतों का प्रतीक माना जाता है।
भारत की आस्था को धूमिल करने की कोशिश
आपको बता दें कि बीते कुछ सालों से पश्चिमी देश स्वस्तिक चिह्न को जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले नाजी चिन्ह से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, स्वस्तिक चिह्न का नाजी चिह्न से कोई वास्ता नहीं है। दोनों में कई तरह के अंतर है। एक तरफ जहां नाजी चिह्न 45 डिग्री झुकी हुई है, वहीं दूसरी तरफ स्वस्तिक में ऐसी कोई समानता नहीं है। कनाडा इस तरह से हिंदुओं के आस्था को धूमिल करने की नीची हरकत कर रहा है। हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। लेकिन भारत ने इन आरोपों को बेतुका करार दिया था।

एसएसपी द्वारा पुलिसकर्मियों की समस्याओं को सुना

एसएसपी द्वारा पुलिसकर्मियों की समस्याओं को सुना 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस लाइन में ’सैनिक सम्मेलन’ का आयोजन कर पुलिसकर्मियों की व्यक्तिगत/विभागीय समस्याओं को सुनकर निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन द्वारा पुलिस लाइन स्थित मंदिर परिसर में सैनिक सम्मेलन का आयोजन कर पुलिसकर्मियों की व्यक्तिगत/विभागीय समस्याओ को सुना गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत, पुलिस अधीक्षक देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक यातायात कुलदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक अपराध प्रशान्त कुमार प्रसाद, समस्त क्षेत्राधिकारीगण, प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन मुहम्मद नदीम एवं जनपद की समस्त शाखाओं/थानों से आये अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा विगत सैनिक सम्मेलन में पुलिसकर्मियों द्वारा बतायी गयी समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में प्रतिसार निरीक्षक से जानकारी ली गई। तत्पश्चात एसएसपी द्वारा सैनिक सम्मेलन में मौजूद पुलिस कर्मियो से सीधा संवाद स्थापित कर एक-एक करके प्रत्येक पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत/विभागीय समस्याओं को सुना गया तथा सम्बन्धित अधिकारियों को समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।
एसएसपी द्वारा उपस्थित पुलिसकर्मियों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने हेतु प्रतिदिन योगा/मेडिटेशन करने हेतु बताया गया। उपस्थित पुलिस कर्मियों को पुलिस की कार्य प्रणाली, रहन-सहन, जनता के प्रति पुलिस के व्यवहार, कानून एवं शान्ति बनाये रखने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
एसएसपी द्वारा सभी पुलिसकर्मियों को साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों को साझा किया गया तथा सोशल मीडिया का सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करने हेतु हिदायत देते हुए बताया कि पुलिस बल एक अनुशासित बल है अतः कोई भी ऐसा कार्य ना करें जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हो। सभी पुलिसकर्मियों को पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों को निर्वहन करने हेतु निर्देशित किया गया।

सौर किरणों का पहला हाई-एनर्जी एक्सरे निकाला

सौर किरणों का पहला हाई-एनर्जी एक्सरे निकाला

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सूर्य के राज जानने के लिए निकले इसरो के स्पेसक्राफ्ट आदित्य-एल1 ने पहली बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसने सौर किरणों का पहला हाई-एनर्जी एक्सरे निकाला है। इस कारनामे को अंजाम दिया है आदित्य एल1 पर अटैच्ड हेल1ओएस ने। इसरो ने मंगलवार को इस बारे में ताजा जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि आदित्य-एल1 पर लगे स्पेक्ट्रोमीटर ने 29 अक्टूबर से अपने पहले ऑब्जर्वेशन पीरियड के दौरान सोलर फ्लेयर के आवेगपूर्ण चरण को रिकॉर्ड किया है।
सोलर फ्लेयर, यहां के वातावरण का अचानक चमक उठना है। यह फ्लेयर्स रेडियो, ऑप्टिकल, यूवी, सॉफ्ट एक्स-रे, हार्ड एक्स-रे और गामा-रे में सभी वेवलेंथ्स की स्पेक्ट्रम बनाती हैं। 27 अक्टूबर, 2023 को शुरू किया गया एचईएल 1 ओएस एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर वर्तमान में थ्रेशोल्ड और कैलिबरेशन ऑपरेशन के सुधार के दौर से गुजर रहा है। इसके बाद से यह कठिन एक्स-रे गतिविधियों के लिए सूर्य की निगरानी कर रहा है। इसरो ने एक्स की टाइमलाइन पर लिखा कि इंस्ट्रूमेंट तेज समय और हाई-रिज़ॉल्यूशन स्पेक्ट्रा के साथ सूर्य की उच्च-ऊर्जा एक्स-रे गतिविधि की निगरानी करने के लिए तैयार है।
HEL1OS को बेंगलुरु में ISRO के यूआर राव उपग्रह केंद्र के अंतरिक्ष खगोल विज्ञान समूह द्वारा विकसित किया गया था। अक्टूबर की शुरुआत में, भारत के पहले सौर मिशन को अंजाम दे रहे आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान ने लगभग 16 सेकंड के लिए प्रक्षेपवक्र सुधार प्रक्रिया (टीसीएम) का प्रदर्शन किया। इसरो ने तब कहा था कि 19 सितंबर को ट्रांस-लैग्रेंजन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) प्रक्रिया को ट्रैक करने के बाद मूल्यांकन किए गए प्रक्षेपवक्र को सही करने के लिए अभ्यास की जरूरत थी। आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना भी शुरू कर दिया है। स्टेप्स (सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर) उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-352, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, नवंबर 08, 2023

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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सोमवार, 6 नवंबर 2023

पांच वर्षों के प्रतिबंध को चुनौती, याचिका खारिज

पांच वर्षों के प्रतिबंध को चुनौती, याचिका खारिज

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध आठ संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पांच वर्षों के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने पीएफआई की याचिका पर यह कहते हुए विचार करने से इनकार कर दिया कि उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया।
पीठ ने हालांकि याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने की छूट दी। पीएफआई की याचिका में इस साल मार्च में न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाले गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबंध को बरकरार रखने के आदेश की वैधता को भी चुनौती दी गई थी।

न्यायाधिकरण की स्थापना 3 अक्टूबर 2022 को की गई थी और उसने जांच की कि क्या इन संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं। केंद्र ने 28 सितंबर 2022 को पीएफआई और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन सहित कई मोर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
आरोप थे कि प्रतिबंधित स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के अलावा पीएफआई के कई आतंकवादी संगठनों से करीबी संबंध हैं। सरकारी आदेश में कहा गया था कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई का जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ संबंध है, जो प्रतिबंधित संगठन हैं।

फेक वीडियो के वायरल होने पर प्रतिक्रिया दी

फेक वीडियो के वायरल होने पर प्रतिक्रिया दी

कविता गर्ग 
मुंबई। दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने खुद के काट-छांट करके बनाए गए वीडियो (डीपफेक वीडियो) के वायरल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को कहा कि यह ‘बहुत डरावना’ है कि तकनीकी का दुरुपयोग किया जा रहा है, फिल्म ‘गुडबॉय’ में मंदाना के सह कलाकार अमिताभ बच्चन ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
‘डीपफेक’ एक डिजिटल विधि है जिसके तहत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करके उपयोगकर्ता किसी व्यक्ति की छवि को किसी दूसरे व्यक्ति की छवि से आसानी से बदल सकता है। तथ्य की जांच करने वाले एक व्यक्ति ने ब्रिटिश-भारतीय सोशल मीडिया हस्ती जारा पटेल के मूल वीडियो के साथ ‘डीपफेक वीडियो’ क्लिप को पोस्ट किया और उन्होंने भारत में ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए एक कानूनी और नियामक ढांचे की तत्काल आवश्यकता की मांग की।
बच्चन इस पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे। बच्चन ने कहा, ‘‘हां यह कानून (कार्रवाई के लिहाज से) मजबूत मामला है।’’ मंदाना ने इंस्टाग्राम के माध्यम से भी अपनी चिंता व्यक्त की।
मंदाना ने कहा कि वह वीडियो देखकर ‘वास्तव में आहत’ हुईं, जिसमें एक लिफ्ट के अंदर कसरत करने के दौरान पहनी जाने वाली काले रंग की परिधान (वनसी) में एक महिला को दिखाया गया है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके इस महिला के चेहरे में छेड़छाड़ करके इस तरह बनाया गया है कि वह मंदाना की तरह दिखे।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...