सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

युवती को होटल में बुलाकर हत्या, फरार

युवती को होटल में बुलाकर हत्या, फरार 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। गाजियाबाद में एक सनकी आशिक ने गर्लफ्रेंड की शादी तय होने पर युवती को डासना के होटल में बुलाकर उसकी हत्या कर दी और फरार हो गया। मृतक युवती की 22 दिन बाद शादी होनी थी। रविवार सुबह आरोपी ने खुद युवती के भाई को फोन करके जानकारी दी तो घटना का पता चला। वेव सिटी पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, हापुड़ के धौलाना थानाक्षेत्र के गांव में रहने वाली 23 वर्षीय शहजादी और मसूरी के कल्लूगढ़ी निवासी 35 वर्षीय अजहरूद्दीन 20 अक्टूबर की रात डासना स्थित अनंत होटल में रुकने आए थे। रविवार तड़के युवती की हत्या करके अजहरूद्दीन फरार हो गया और खुद ही युवती के भाई को फोन करके होटल के कमरे में युवती की लाश पड़ी होने की सूचना दी।
परिजन होटल में पहुंचे तो युवती मृत अवस्था में मिली। हत्या की सूचना पर वेव सिटी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। युवती के भाई की शिकायत पर वेव सिटी पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर अजहरूद्दीन की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, अजहरूद्दीन शादीशुदा है। करीब चार साल पहले वह हापुड़ निवासी युवती के संपर्क में आया, जिसके बाद दोनों में प्रेम संबंध हो गए। इसके बाद अजहरूद्दीन ने पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि अजहरूद्दीन और युवती पूर्व में लिव-इन में भी रह चुके हैं।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि युवती की शादी दिल्ली निवासी युवक के साथ तय हो गई थी। 14 नवंबर को बारात आनी थी। 20 अक्टूबर को युवती दोस्त से मिलने की बात कहकर घर से आई थी, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटी। रविवार तड़के अजहरूद्दीन ने फोन करके बताया ’सब खत्म हो गया है। शहजादी की लाश अनंत होटल के कमरे में पड़ी है। लाश को ले जाना।’ परिजन होटल पहुंचे तो घटना का पता चला।
पुलिस का कहना है कि युवती की नाक से झाग निकल रहे थे। ऐसा दो परिस्थितियों में होता है। या तो मुंह भींचकर हत्या की गई हो या जहर दिया गया हो। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अजहरूद्दीन का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। पुलिस के मुताबिक अजहरूद्दीन पर मादक पदार्थों की तस्करी तथा लूट समेत अन्य मामले भी दर्ज हैं।
पुलिस के मुताबिक, अजहरूद्दीन के साथ संबंध के बारे में युवती के परिजनों को भी पता था। इतना ही नहीं, अजहरूद्दीन ने इंस्टाग्राम पर युवती के साथ अपनी फोटो भी लगाई थी। बताया जा रहा है कि वह युवती का रिश्ता तय होने से नाखुश था, जबकि युवती शादी को लेकर उत्साहित थी। अंदेशा है कि अजहरूद्दीन ने आखिरी बार मिलने के बहाने से युवती को होटल में बुलाया और उसकी हत्या कर दी।

मुंबई: 21 दिसंबर को रिलीज होगी फिल्म 'डंकी'

मुंबई: 21 दिसंबर को रिलीज होगी फिल्म 'डंकी' 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख खान की फिल्म डंकी क्रिसमस के अवसर पर 21 दिसंबर को रिलीज होगी। शाहरुख खान की इस वर्ष पठान और जवान जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुयी है। शाहरूख की फिल्म ‘डंकी’ भी इसी वर्ष प्रदर्शित होने वाली है।फिल्म डंकी का एक नया पोस्टर रिलीज कर दिया गया है। पोस्टर पर फिल्म की रिलीज डेट भी लिखी हुई हैं। फिल्म 21 दिसंबर को रिलीज होगी। इस पोस्टर में शाहरुख खान पीले रंग का कुर्ता पहने हैं और कंधे पर और हाथ में बैग और जैकेट लिए हैं।हालांकि इस पोस्टर में शाहरुख का फेस नहीं दिख रहा है। वही पीठ करके खड़े हुए हैं। राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म डंकी में शाहरुख खान के साथ तापसी पन्नू की अहम भूमिका है।

बहुमंजिला इमारत में लगीं आग, 2 लोगों की मौत

बहुमंजिला इमारत में लगीं आग, 2 लोगों की मौत

कविता गर्ग 
मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के कांदिवली इलाके में स्थित बहुमंजिला इमारत के भीतर भीषण आग लग जाने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि शार्ट सर्किट की वजह से लगी आग की चपेट में आकर लाखों की कीमत का माल जलकर राख हो गया है। फिलहाल मौके पर मौजूद फायर ब्रिगेड आग पर पानी बरसाते हुए उसके ऊपर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
सोमवार को महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई के कांदिवली इलाके में स्थित महावीर नगर की पावन धाम वीणा संतूर बिल्डिंग में आग लग गई। जिसने देखते ही देखते भीषण रूप अख्तियार कर लिया। 
बिल्डिंग में लगी आग की लपटे 8 वीं मंजिला इमारत की पहली मंजिल तक ही फिलहाल सीमित होना बताई गई है। जानकारी मिलते ही बृहन्मुंबई महानगर पालिका, एमएफबी और पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गई। दोपहर बाद हुए इस हादसे में पांच लोगों के घायल होने की खबर मिल रही है। दो लोगों की मौत हो जाने का भी समाचार मिल रहा है। मौके पर पहुंचे फायर फाइटर ने घंटे की मशक्कत के बाद आज के ऊपर काबू पाया है। अनहोनी रोकने के लिए इलाके में बिजली की आपूर्ति फिलहाल बंद कर दी गई है।

'ईडी' का दुरुपयोग कर रही है भाजपा: गहलोत

'ईडी' का दुरुपयोग कर रही है भाजपा: गहलोत 

नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस को परेशान करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव जीत रही है। गहलोत ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ''राजस्थान में लगातार हो रही ईडी की छापेमारी इस बात का सबूत हैं कि कांग्रेस चुनाव जीत रही है।
राजस्थान की जनता का विश्वास जीतने में असमर्थ भाजपा कांग्रेस को परेशान करने के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है।'' राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी।

पूर्व क्रिकेटर बेदी का 77 साल की उम्र में निधन

पूर्व क्रिकेटर बेदी का 77 साल की उम्र में निधन 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। बेदी ने भारत के लिए कुल 77 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने 273 विकेट झटके थे। बेदी को भारतीय टेस्ट इतिहास के बेहतरीन स्पिनरों में माना जाता है। उन्होंने अपने दम पर देश को कई मैच जिताए थे। बिशन सिंह बेदी के बेटे का नाम अंगद बेदी और बहु का नाम नेहा धूपिया है। ये दोनों भारतीय फिल्म जगत में जाना-माना नाम हैं। 
बेदी ने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला था। वह भारत की मशहूर स्पिन चौकड़ी का हिस्सा रहे हैं। उनके अलावा इसमें इरापल्ली प्रसन्ना, श्रीनिवास वेंकटराघवन और भागवत चंद्रशेखर थे। चारों ने मिलकर 231 टेस्ट खेले और 853 विकेट हासिल किए।
बेदी ने 1969–70 में कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी में 98 रन देकर सात विकेट लिए थे। यह एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं, मैच की बात करें तो 1977–78 में पर्थ के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 194 रन देकर कुल 10 विकेट झटके थे। उन्होंने टेस्ट में इकलौता अर्धशतक 1976 में कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाया था।
बिशन सिंह बेदी को भारतीय टीम की कप्तानी करने का भी मौका मिला था। उन्हें 1976 में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बेदी को महान क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी की जगह कप्तान बनाया गया था। बतौर कप्तान उन्हें पहली जीत वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में 1976 के दौरे पर मिली थी। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज में 3-1, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में 3-2 और पाकिस्तान दौरे पर टेस्ट सीरीज 2-0 से मिली हार के बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था। उनके बाद सुनील गावस्कर कप्तान बने थे।
भारत के लिए 67 टेस्ट मैच में उन्होंने 266 विकेट लिए। उन्होंने 15 बार पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया और एक बार मैच में 10 विकेट भी लिए। वहीं, 10 वनडे मैच में उन्होंने सात विकेट झटके।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-337, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. मंगलवार, अक्टूबर 24, 2023

3. शक-1944, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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रविवार, 22 अक्तूबर 2023

माता सिद्धिदात्री को समर्पित 'नवरात्रि' का नौवां दिन

माता सिद्धिदात्री को समर्पित 'नवरात्रि' का नौवां दिन 

सरस्वती उपाध्याय 
माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।

सिद्धिदात्री- नवदुर्गाओं में नवम

श्लोक
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमसुरैरपि | सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ||

सिद्धियां
मुख्य लेख: सिद्धि
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ होती हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या अठारह बताई गई है। इनके नाम इस प्रकार हैं-
माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए।
माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है।

प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह माँ सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करे। उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो। इनकी कृपा से अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।

नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवत्त होते हैं। इन सिद्धिदात्री माँ की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक, पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री माँ के कृपापात्र भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे। वह सभी सांसारिक इच्छाओं, आवश्यकताओं और स्पृहाओं से ऊपर उठकर मानसिक रूप से माँ भगवती के दिव्य लोकों में विचरण करता हुआ उनके कृपा-रस-पीयूष का निरंतर पान करता हुआ, विषय-भोग-शून्य हो जाता है। माँ भगवती का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है। इस परम पद को पाने के बाद उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती। माँ के चरणों का यह सान्निध्य प्राप्त करने के लिए भक्त को निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उनकी उपासना करने का नियम कहा गया है। ऐसा माना गया है कि माँ भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। विश्वास किया जाता है कि इनकी आराधना से भक्त को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा गया है कि यदि कोई इतना कठिन तप न कर सके तो अपनी शक्तिनुसार जप, तप, पूजा-अर्चना कर माँ की कृपा का पात्र बन सकता ही है। माँ की आराधना के लिए इस श्लोक का प्रयोग होता है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में नवमी के दिन इसका जाप करने का नियम है।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...