गुरुवार, 7 सितंबर 2023

युवती को निकाह का झांसा देकर इंकार किया

युवती को निकाह का झांसा देकर इंकार किया 

संदीप मिश्र 
रूड़की। स्थानीय युवती से एक युवक काफी अरसे तक निकाह करने का झांसा देकर दुराचार करता रहा। अब युवक युवती के साथ निकाह करने से साफ इंकार कर रहा है। युवती द्वारा इस बाबत पुलिस को तहरीर दी गयी है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
उक्त मामला कोतवाली रूड़की अन्तर्गत का है। घटना की बाबत उत्तर प्रदेश के जिले शामली अन्तर्गत कस्बे जलालाबाद निवासी युवती का आरोप है कि उसकी रूड़की निवासी युवक से पहले दोस्ती थी। यह दोस्ती बाद में प्रेम प्रसंग में बदल गयी।
इसके बाद युवक ने कई बार उसे निकाह करने का झांसा देते हुए उसके साथ कई बार दुराचार किया। पुलिस द्वारा मामले की तफ्तीश की जा रही है।

क्‍लाइमेट ट्रेंड्स ने ‘ईवी डैशबोर्ड’ जारी किया

क्‍लाइमेट ट्रेंड्स ने ‘ईवी डैशबोर्ड’ जारी किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। देश के वाहन बाजार में इलेक्ट्रिक गाडि़यों (ईवी) की पैठ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में क्लाइमेट थिंकटैंक ‘क्‍लाइमेट ट्रेंड्स’ ने ‘क्‍लाइमेट डॉट’ के साथ मिलकर आज ‘ईवी डैशबोर्ड’ जारी किया। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने इसको जारी करते हुए कहा की - यह अनोखा डैशबोर्ड सरकार के ‘वाहन’ पोर्टल की मदद से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री से सम्‍बन्धित रियल टाइम डेटा लेकर उसे बेहद आसान और उपयोगकर्ता के लिये सुविधाजनक तरीके से पेश करता है जिससे बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ समेत विभिन्‍न स्‍तरों के बारे में त्‍वरित विश्‍लेषण और शोध किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में राष्‍ट्रीय और राज्‍यों के स्‍तर पर बनी ईवी नीतियों को उपभोक्ताओं के प्रति और मित्रवत बनाने तथा इस सिलसिले में एक नियामक कार्ययोजना लागू करने की पूरी गुंजाइश है।देश में लागू इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों और उनकी प्रभावशीलता को समझने के लिये ईवी बिक्री विश्लेषण की आवश्यकता तथा अन्य पहलुओं पर विचार के लिये एक वेबिनार आयोजित किया गया।  
क्लाइमेट डॉट के निदेशक अखिलेश मागल ने ईवी डैशबोर्ड का जिक्र करते हुए कहा कि इस टूल के जरिये हमने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में मौजूद खामियों को ढूंढने पर ध्यान दिया है। इस डैशबोर्ड के जरिए उपयोगकर्ताओं को एक ऐसा मंच देने की कोशिश की गयी है जहां वे अपनी बात को बहुत प्रभावशाली तरीके से रख सकें। हालांकि अभी यह डैशबोर्ड का पहला संस्‍करण ही है। भविष्य में इसे और बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी। यह डैशबोर्ड सिर्फ शोधकर्ताओं और अध्‍ययनकर्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि उन पत्रकारों के लिए भी है जो इस पर कोई लेख लिखना चाहते हैं, इसलिए हमने यह सुनिश्चित किया है कि जो भी डाटा डैशबोर्ड पर डाले जाए वह बिल्कुल सटीक हों। हमारा यह भी उद्देश्य है कि पब्लिक नैरेटिव भी बना रहे क्योंकि किसी भी तरह का रूपांतरण करने में जनमत की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
क्लाइमेट डॉट के अंकित भट्ट ने इलेक्ट्रिक व्हीकल डैशबोर्ड के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस डैश बोर्ड में सबसे पहले भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार के बारे में बताया गया है। इन वाहनों को चार श्रेणियां में बांटा गया है। इनमें मुख्‍यत: दो पहिया वाहन, तिपहिया वाहन, चार पहिया वाहन और बसें शामिल हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का राज्यवार ब्यौरा भी दिया गया है। देश का हर राज्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में आगे निकलने के लिये चुनौती पेश कर रहा हैा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर राज्यों की एक से बढ़कर एक नीतियों से उनकी यह मंशा जाहिर होती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे नजर आता है लेकिन इस राज्‍य में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में एक बड़ा हिस्सा तिपहिया वाहनों का है।
उन्‍होंने कहा कि यह दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति वर्ष 2022 में आई लेकिन इस राज्य में तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री उससे पहले ही बढ़ना शुरू हो गई थी। उत्तर प्रदेश में तिपहिया वाहनों की बिक्री सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में दो अन्य अग्रणी राज्य हैं। यह दिलचस्प है कि जहां उत्तर प्रदेश में शेयर्ड मोबिलिटी में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तादाद ज्यादा है वहीं, महाराष्ट्र और कर्नाटक में निजी  इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की संख्या अधिक है। दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन नीति इस राज्य को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कैपिटल बनाने के विजन पर आधारित है। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के मामले में यह राज्य अन्य के मुकाबले बहुत आगे हैं।
भट्ट ने कहा कि नीति आयोग ने वाहनों के सभी सेगमेंट्स में वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 30% तक करने की योजना बनाई है। उपभोक्ताओं का इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जिस तरह से रुझान बढ़ रहा है और राज्यों के स्तर पर जिस तरीके की प्रभावशाली इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां बनायी जा रही हैं, उनके मद्देनजर इस बात की प्रबल संभावना है कि वर्ष 2030 तक के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विशेषज्ञ नारायण कुमार ने ईवी नीतियों को और व्‍यापक तथा उपयोगकर्ताओं के हितों के प्रति और बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए वेबिनार में कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि राज्यों के स्तर पर भी मजबूत नियामक कार्य योजनाएं बनाने की जरूरत है। राज्यों को उनकी स्थिति के अनुरूप नीति बनाने की जरूरत है क्योंकि हर राज्य अपने आप में अलग है, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम मजबूत नियामक कार्ययोजनाओं पर ध्यान दें ताकि चीजों को सतत तरीके से किया जा सके।
उन्‍होंने कहा, ‘‘जब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बात आती है या इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने का विषय हो, तब यह बहुत जरूरी है कि हमारे पास एक मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क हो। यह फ्रेमवर्क ऐसा होना चाहिए जो निवेशकों को भी निवेश की सुरक्षा के प्रति विश्वास दिलाए। उसके लिए हमें अपने फाइनेंशियल मेकैनिज्म पर बहुत ध्यान देना होगा। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों को किस्तों पर खरीदने पर वसूले जाने वाले ब्याज की दर कई बार बहुत ज्यादा होती है। इसमें ज्यादा से ज्यादा एकरूपता लाये जाने की जरूरत है।’’
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगातार दोहरे अंकों में रिकॉर्ड की जा रही है और क्‍लाइमेट ट्रेंड्स एवं क्‍लाइमेट डॉट के डैश बोर्ड के मुताबिक भारत में सिर्फ छह राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान ही देश की कुल इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री में 60% का योगदान कर रहे हैं। बाकी 40% हिस्सा देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का है। कर्नाटक को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर डिमांड साइड इंसेंटिव की पेशकश की है।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्‍लीन ट्रांसपोर्टेशन की शोधकर्ता शिखा रुकाडिया ने नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर रोशनी डालते हुए कहा, ‘‘यह सही है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ देश के कुछ मुट्ठी भर राज्यों तक ही सीमित है। हम यह देख रहे हैं कि जो भी बढ़ोत्‍तरी हुई है उनमें से 80% हिस्सा दोपहिया वाहनों का है। सरकार ने समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए नीतियां लागू की है लेकिन उनमें समय पर उतार-चढ़ाव भी देखा गया है। कई बार सब्सिडी की धनराशि घटाई गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद से जुड़े कुछ व्‍यावहारिक पहलुओं का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इलेक्ट्रिक वाहन टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचने में राज्य सरकारों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। दोपहिया वाहनों के मामले में देखें तो खासतौर पर पेट्रोल और इलेक्ट्रिसिटी वाहनों के बीच हाई कास्ट डिफरेंशियल के मद्देनजर टीसीओ केस पहले से ही लुभावना है, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि उपभोक्ता टीसीओ को देखकर गाड़ी खरीदने का फैसला नहीं करते। अपफ्रंट प्राइसिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए गाड़ी की कीमत की काफी अहम भूमिका होती है। ऐसे में राज्यों को भूमिका निभानी होगी।’’
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विशेषज्ञ सौरभ कुमार ने सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये चलायी जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आने वाले कुछ समय के दौरान हम यह देखेंगे कि पब्लिक ट्रांसिट सेक्टर रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर बन जाएगा, जहां आप यह उम्मीद कर सकते हैं कि 2 लाख डीजल बसें इलेक्ट्रिक बसों में बदल जाएगी। इस साल अगस्त में भारत में उतनी ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद-फरोख्‍त हुई जितनी कि पिछले साल बेची गई थीं। सार्वजनिक परिवहन के माध्‍यमों से लगभग पांच करोड़ लोग रोजाना सफर करते हैं। सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए काफी काम कर रही है। अगर आप देखे तो वर्ष 2017 के पहले इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के बारे में बहुत कम लोग जानते थे लेकिन उसके बाद सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई अच्छी नीतियों के कारण इन वाहनों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। यह सही है कि सरकार काफी कम कर रही है लेकिन निश्चित रूप से अभी इसमें और भी काम करना बाकी है। देश में जिस तरह का इकोसिस्टम बन रहा है उसके मद्देनजर इस क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं।
भारत में अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का इकोसिस्टम बढ़ रहा है। वर्ष 2021 में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पंजीकरण में 2020 की तुलना में 168% की भारी वृद्धि दर्ज की गई। भारत सरकार जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करने और ईवी को आंतरिक दहन इंजन (आइस) के प्राथमिक विकल्प के रूप में रखने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। मगर देश में ई-मोबिलिटी को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
केंद्र और कई राज्य सरकारों द्वारा दिया जा रहा प्रोत्साहन ईवी को बढ़ावा देने वाले प्रेरक कारकों में से एक है, जो ईवी स्टार्टअप के लिए बूस्टर के रूप में कार्य कर रहा है। कंपनियां अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी एकीकरण, परीक्षण और विस्तार को बढ़ाने के लिए भी धन जुटा रही हैं। निवेश को बढ़ावा देने वाले अन्य कारक भी हैं। जैसे- एफडीआई के माध्यम से 100% स्वामित्व की संभावना, सतत गतिशीलता के बारे में बढ़ती जागरूकता आदि।
एक सहायक नीति आधारित माहौल अधिक निवेश आकर्षित करने और ईवी बाजार के विकास में सहायता कर रहा है। भारत में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड ईवी (फेम-2) योजना के दूसरे चरण से ईवी क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

वन्यजीवों की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

वन्यजीवों की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। प्रयागराज में वन्य जीवों की तस्करी करने वाले गिरोह का बृहस्पतिवार को भंडाफोड़ हो गया। 
पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से प्रतिबंधित प्रजाति के 500 तोते बरामद किए गए। गिरफ्तार किए गए तीनों तस्करों से पूछताछ की जा रही है। 
पकड़े गए लोग मस्तान मार्केट करेली से प्रतिबंधित प्रजाति के तोतों को खरीद कर तस्करी के लिए बिहार समेत अन्य राज्यों में ले जा रहे थे। 
उनके पास से अर्टिगा कार भी बरामद की गई। गिरफ्तार किए गए लोगों में इंजमाम, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद वसीम शामिल हैं। तीनों आसनसोल पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

लेखपाल की पिटाई करने वाला दरोगा लाइन हाजिर

लेखपाल की पिटाई करने वाला दरोगा लाइन हाजिर 

संदीप मिश्र 
भदोही। लेखपाल की जमकर पिटाई करते हुए उसे अचेत कर खुद को तुर्रम खान समझने वाले दरोगा आक्रोशित लेखपालों द्वारा सड़क जाम किए जाने के बाद कार्यवाही का शिकार हो गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने लेखपाल की पिटाई के आरोपी दारोगा को लाइन में हाजिर होने का फरमान जारी किया है। 
बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक डॉक्टर मीनाक्षी कात्यायन द्वारा लेखपाल की पिटाई के मामले में की गई बड़ी कार्यवाही के अंतर्गत दुर्गागंज के प्रभारी निरीक्षक विनोद दुबे को लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस अधीक्षक द्वारा लेखपाल की पिटाई के मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस की टीम का गठन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दुर्गागंज थाना क्षेत्र के शेरपुर कोपलहां गांव में रहने वाले गोदना गांव के लेखपाल शैलेश पांडे बुधवार की दोपहर अपने घर की तरफ आ रहे थे। इसी दौरान दुर्गागंज थाना पुलिस इलाके के दमघगा गांव में जमीन विवाद के मामले की जांच करने गई थी। आरोप है कि इस दौरान पुलिस के जवान जब एक महिला को पीट रहे थे तो लेखपाल ने हस्तक्षेप करते हुए महिला की पिटाई से मना किया था और महिला पुलिस बुलाने की मांग करते हुए लेखपाल ने वीडियो बनानी शुरू कर दी थी।
अपनी वीडियो बनती हुई देखकर आप खो बैठी पुलिस ने लेखपाल की पिटाई कर दी थी और उसे थाने पर लाया गया था। आरोप है कि थाने में पकडकर लाये गये लेखपाल की थानेदार द्वारा जमकर पिटाई की गई जिससे वह बेहोशी के हालात में पहुंच गए। आनन फानन में ले जाकर पुलिस द्वारा लेखपाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर हालते चलते लेखपाल को जिला अस्पताल और उसके बाद वाराणसी रेफर कर दिया गया था। लेखपाल की पिटाई के मामले के बाद गुस्साए लेखपालों ने दुर्गागंज त्रिमुहानी पर सड़क को अवरोध करते हुए जाम लगा दिया था।मौके पर पहुंचे एसडीम ज्ञानपुर मानसिंह के समझाने पर घंटे की मशक्कत के बाद माने लेखपालों द्वारा रास्ता खोल दिया गया था। उधर अस्पताल में भर्ती लेखपाल की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-325, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. शुक्रवार, सितंबर 8, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:06।

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 38+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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बुधवार, 6 सितंबर 2023

ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की

ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की 

मेरा भारत महान फाउंडेशन ने जन्माष्टमी पर आयोजित की ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता।

कविता लेखन प्रतियोगिता में वरुण वर्मा रहे अव्वल।
गोपीचंद 
बागपत। बुधवार को मेरा भारत महान फाउंडेशन ने जन्माष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की, जिसमें 130 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। फाउंडेशन के अध्यक्ष संयम सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति के विषय में जागरूकता हेतु आयोजित की गई कविता लेखन में वरुण वर्मा, मेघा गहलोत, अनुषा साहू, जयश्री पाठक,वर्षा शर्मा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जिनको उपहार स्वरूप भगवदगीता भेजी गई है। 

साथ ही प्रतियोगिता में अमन कुमार, पूजा सोनी, दीक्षा त्यागी, अनन्या, सुभांशी भांशवर,खुशी उपाध्याय, अपूर्वा श्रीवास्तव, प्रभलीन दहीवाल, अधिया विनायक, लक्ष्मी ने सराहनीय प्रदर्शन किया। सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र जारी किया गया। आगामी महत्वपूर्ण दिवसों पर भी फाउंडेशन द्वारा जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जन्माष्टमी पर दान-पुण्य करना बेहद लाभदायक

जन्माष्टमी पर दान-पुण्य करना बेहद लाभदायक 

संदीप मिश्र 
अयोध्या। हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का तो महत्व है ही, लेकिन अगर इस दिन दान-पुण्य किया जाए, तो उसका फल भी कई गुना मिलता है। श्रीमद्भागवत कथा के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के उपासक धूमधाम से लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मानते हैं।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भी रखा जाता है और श्रीकृष्ण की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक की गई पूजा आराधना से तमाम तरह के कष्ट दूर होते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कृष्ण जन्माष्टमी के दिन दान करने का भी विधान ह। अगर आप भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी लाल का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो फिर अपनी राशि के अनुसार इन चीजों का दान अवश्य करें।
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि जन्माष्टमी के दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग भगवान कृष्ण की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं और अपनी समस्त मनोकामना की सिद्धि के लिए उपाय भी करते हैं। अगर जातक राशि के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन दान करते हैं तो उन्हें लड्डू गोपाल का भरपुर आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मेष राशि: इस राशि के जातक को जन्माष्टमी के दिन गेहूं और गुड़ का दान करना चाहिए।
वृषभ राशि: इस राशि के जातक को जन्माष्टमी के दिन माखन, मिश्री और चीनी का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि: इस राशि के जातक को जन्माष्टमी पर अन्न का दान करना चाहिए।
कर्क राशि : जन्माष्टमी पर इस राशि के जातक दूध, दही, चावल और मिठाई का दान करें।
सिंह राशि: इस राशि के जातक को कान्हा का आशीर्वाद पाने के लिए गुड़, शहद और मसूर की दाल का दान करना चाहिए।
कन्या राशि: इस राशि के जातक को लड्डू गोपाल के जन्मदिन पर गौ माता की सेवा करनी चाहिए।
तुला राशि: इस राशि के जातक को श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए श्वेत और नीले रंग के वस्त्र का दान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि: इस राशि के जातक को कन्हैया के जन्मदिन पर गेहूं, गुड़ और शहद का दान करना चाहिए।
धनु राशि: इस राशि के जातक को श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार गीता का दान करना चाहिए।
मकर राशि: इस राशि के जातक को गरीबों के मध्य नीले रंग का वस्त्र दान करना चाहिए।
कुंभ राशि: इस राशि के जातक को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर धन का दान करना चाहिए‌। कृपा मिलेगी।
मीन राशि: इस राशि के जातक को कान्हा के अवतरण दिवस पर केले, बेसन के लड्डू, मिश्री, माखन आदि का दान करना चाहिए।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...