सोमवार, 7 अगस्त 2023

एम्स हॉस्पिटल में लगी आग, कोई हताहत नहीं

एम्स हॉस्पिटल में लगी आग, कोई हताहत नहीं   

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एम्स के एंडोस्कोपी रूम में सोमवार को भीषण आग लग गई। आग लगने की जानकारी लगते ही अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। ताजा जानकारी के मुताबिक, एम्स में आग पर काबू पा लिया गया है। एंडोस्कोपी रूम से सभी मरीज सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। आग बुझाने के बाद अग्निशमन विभाग की गाड़ियां वापस लौट रही हैं। अभी एहतियात के तौर पर कुछ देर के लिए एम्स परिसर के अंदर प्रवेश बंद किया गया है।
आग एक स्टोर रूम में लगी थी। फिलहाल पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ या मौत नहीं है। अग्निशमन विभाग के अधिकारी वेदपाल शिकारा ने बताया कि जहां आग लगी थी वह एक स्टोर था। इसके चलते किसी मरीज के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई है।
इससे पहले दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को यहां एम्स के इमरजेंसी वार्ड के पास आग लग गई। आग लगने की सूचना सुबह करीब 11.54 बजे मिली, जिसके बाद दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। आग ओल्ड ओपीडी की दूसरी मंजिल पर इमरजेंसी वार्ड के ऊपर स्थित एंडोस्कोपी रूम में लगी थी।
एम्स में अब तक जारी नहीं हुआ सीटी व MRI जांच का ऑनलाइन डैशबोर्ड
एम्स में सीटी स्कैन और एमआरआइ जांच का रिकार्ड सार्वजनिक करने के लिए अब तक ऑनलाइन डैशबोर्ड जारी नहीं हो पाया। इस वजह से आनलाइन डैशबोर्ड जारी करने के एम्स निदेशक के आदेश पर नौ माह बाद भी अमल नहीं हो पाया है और यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
इस मामले पर एम्स प्रशासन कुछ बोलने भी तैयार नहीं है। फिलहाल स्थिति यह है कि सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच की सुविधा 24 घंटे होने के बावजूद भी जांच की वेटिंग की समस्या दूर नहीं हुई। एम्स में सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच में वेटिंग एक बड़ी समस्या है। इससे एम्स के कामकाज पर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं।

बच्चों की जान बचाने सियार के साथ लड़ी मां

बच्चों की जान बचाने सियार के साथ लड़ी मां  

सरस्वती उपाध्याय  
सोशल मीडिया पर अक्सर मां और बच्चों के कई वीडियो होते रहते हैं। जिसमें मां का अपने बच्चे के लिए अद्भुत प्यार नजर आता है। इन दिनों एक ऐसी जांबाज मां का वीडियो वायरल हो रहा है जो अपने बच्चे को बचाने के लिए जंगली सियार से लड़ गई। हम बात कर रहे हैं एक हिरण की, जो अपने छोटे से बच्चे को बचाने के लिए मैदान में कूद गई और किस तरीके से उसने सियार को खदेड़ा ये देखने लायक है।
बता दें ट्विटर पर Massimo नाम से बने पेज पर वाइल्डलाइफ का ये वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में एक जानवर किस तरीके से अपने बच्चे को शिकार होने से बचाता है ये देखा जा सकता है। दरअसल, एक जंगली सियार छोटे से हिरण को देखकर उसका शिकार करने के लिए लपक पड़ता है, लेकिन जैसे ही ये सब हिरण की मां देखती है तो उसे बचाने के लिए वहां पहुंच जाती है और सियार से भिड़ जाती है। 47 सेकंड के इस वीडियो में आप खुद देख सकते हैं कि, कितने जांबाज तरीके से इस हिरण ने जंगली सियार को वहां से खदेड़ दिया और अपने बच्चे का शिकार होने से बचा लिया। 
बता दें सोशल मीडिया पर सियार और हिरण की लड़ाई का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखकर नेटिजंस भी इस हिरण की दिलेरी को सलाम कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसा एक मां ही कर सकती है। दरअसल, जंगली सियार या coyote अपने शिकार के लिए जाना जाता है और कभी अपने शिकार को जाने नहीं देता, लेकिन इस हिरण के आगे उसे भी घुटने टेकने पड़े और हिरण के बच्चे को छोड़ना पड़ा।

नूंह में ध्वस्तिकरण अभियान को हाईकोर्ट ने रोका

नूंह में ध्वस्तिकरण अभियान को हाईकोर्ट ने रोका

नरेश राघानी 
गुरुग्राम/चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हरियाणा के नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान को सोमवार को रोक दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नूंह में पिछले सप्ताह सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। 
उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान को रोकने का निर्देश दिया, जहां जिला प्रशासन ‘‘अवैध’’ इमारतें ढहा रहा था। 
अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह जब विश्व हिंदू परिषद के जुलूस पर भीड़ ने पथराव किया था तब दंगाइयों ने इनमें से कुछ इमारतों का इस्तेमाल किया था। न्यायाधीश जी एस संधावालिया की अदालत ने ध्वस्तीकरण अभियान पर स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को कार्रवाई रोकने के निर्देश दिए।

राहुल के लिए दुल्हन ने हां की, लोगों ने दी प्रतिक्रिया

राहुल के लिए दुल्हन ने हां की, लोगों ने दी प्रतिक्रिया    

सुनील श्रीवास्तव    
नई दिल्ली। मीडिया पर किसी ना किसी वजह से छाई रहती हैं। वो अपनी बोल्ड और सिजलिंग अदाओं के साथ-साथ बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं। उनके कारनामे और बड़े बयान अक्सर लोगों का ध्यान खींच ही लेते हैं। ऐसे में अब उन्होंने राहुल गांधी की शादी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।
कांग्रेस नेता इन दिनों अपनी शादी की खबरों को लेकर मीडिया में छाए हुए हैं। हाल ही में सोनिया गांधी से एक किसान महिला ने पूछा था कि वो उनकी शादी कब कराएंगी? तो इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि वो ही लड़की खोज दें तो करा देंगी। अब शर्लिन चोपड़ा ने उनसे शादी के लिए हां कर दिया है।
जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना। शर्लिन चोपड़ा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनसे सवाल किया जाता है कि वो राहुल गांधी से शादी करना चाहेंगी? इस पर वो बेबाकी से जवाब भी देती हैं और कहती हैं कि ‘हां क्यों नहीं।’ लेकिन वो इस दौरान एक शर्त भी रख देतती हैं और कहती हैं कि वो चाहेंगी कि शादी के बाद उनका सरनेम चोपड़ा ही रहे। इसे ना बदला जाए। एक्ट्रेस के इस स्टेटमेंट के बाद वीडियो पर लोगों के कमेंट्स की बौछार ही लग गई। लोगों ने खूब रिएक्शन्स दिए हैं।
अगर शर्लिन चोपड़ा के राहुल गांधी से शादी वाले वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया की बात की जाए तो एक ने लिखा, ‘ऐसे लोगों को वो अपनी नौकरानी ना रखें।’ दूसरे ने लिखा, ‘राहुल गांधी को अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करना इससे शादी करके।’ तीसरे ने लिखा, ‘राखी सावंत वाला नशा इसने भी किया है।
’ चौथे ने लिखा, ‘आप तो कर लेगीं आंटी लेकिन वो नहीं करेंगे कुंवारा ज्यादा पसंद करेंगे।’ इसके अलावा एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘तुमसे तो कभी नहीं करेंगे।’ इसी तरह से लोग शर्लिन के वीडियो पर कमेंट्स कर रहे हैं। उनके बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

राहुल पहुंचे संसद भवन, जिंदाबाद के नारे लगे

राहुल पहुंचे संसद भवन, जिंदाबाद के नारे लगे   

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता बहाली करने और बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया की सदस्यता करने को लेकर फैसला हुआ। कांग्रेस बीते दो दिनों से इस बात पर अड़ी हुई है कि राहुल का सदस्यता जल्द से जल्द होनी चाहिए थी।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार (4 अगस्त) को ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने वायनाड के सांसद राहुलगांधी की सदस्यता बहाल कर दी। मार्च 2023 में उन्हें निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
मोदी सरनेम को लेकर की गई थी टिप्पणी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। 53 वर्षीय गांधी लोकसभा में केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
दोषसिद्धि पर यह रोक इस आधार पर लगाई गई कि गुजरात के सूरत की अदालत यह बताने में विफल रही कि दोषी ठहराए जाने पर राहुल गांधी अधिकतम दो साल की सजा के हकदार क्यों थे, जिसके कारण उन्हें संसद के निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

बहिष्कृत मृत पिता को बेटियों ने कंधा दिया

बहिष्कृत मृत पिता को बेटियों ने कंधा दिया  

हकिमुददिन नासिर 
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। यहां के सालडबरी गांव में दो बेटियों ने मजबूरी में अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम पहुंचाया और इकलौते भाई के साथ मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार भी किया। हैरानी की बात यह है कि पूरा गांव और रिश्तेदार भी तमाशबीन बनकर मंजर को देखते रहें पर किसी ने साथ नहीं दिया। मजबूरी ऐसी की पूरे भरे बसे गांव में इनके लिए दाना पानी भी नहीं है। यह किसी हिन्दी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। ये कहानी उस गरीब परिवार की जो पिछले 1 साल से ग्राम बहिष्कार का दंश झेल रहा है।
‘राम नाम सत्य है’ बोलने वाली ये दोनों विवाहित महिलाएं सगी बहने हैं और मायके आकर पिता की अर्थी उठाकर मुक्तिधाम जा रही है। इन दोनों बहनों ने अपने भाई के साथ अपने पिता का अंतिम संस्कार भी किया। यह पूरा मामला महासमुंद जिले में बागबाहरा ब्लाक के ग्राम सालडबरी का है। पिछले साल अक्टूबर माह मे एक धार्मिक आयोजन के दौरान ग्राम के पटेल 75 वर्षीय हिरण साहू और उनके परिजनों का गांव मे दबंगों से विवाद हो गया। जिसके चलते उन्हे तत्काल जुर्माना नहीं भरने पर ग्राम बहिष्कार की सजा दे दी गई। गांव से बहिष्कृत होने के बाद उनका जीवन नरक बन गया। ये दुखद घटना की जानकारी मृतक के बेटे तामेश्वर साहू ने दी।
बहिष्कृत मृतक की पत्नी बीना साहू की पीड़ा बहुत गहरी है। लगभग 3 एकड़ की खेती में गरीबी से परिवार चलाने वाली इस बहिष्कृत महिला का कहना है कि जब पति के मृत्यु के बाद कोई भी वाला नहीं आया तब दूसरे गांवों से बेटियों को बुलाकर अर्थी को मुक्तिधाम पहुंचाया गया।
सालडबरी गांव के ग्रामीण इस मामले में मीडिया के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए। लेकिन काफी प्रयास के बाद बहिष्कृत परिवार के पड़ोसी और रिश्तेदार का कहना है कि ग्राम वासियों ने बहिष्कार नहीं किया है।
इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार से थाने मे पूरी जानकारी ली गई है। इसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है। ग्राम पंचायत खड़ादरहा के आश्रित गांव सालडबरी की आबादी लगभग 800 है। साहू एवं आदिवासी बहुल ग्राम सालडबरी में इस पीड़ित परिवार के अलावा एक अन्य साहू परिवार और 8 आदिवासी परिवार का भी ग्राम बहिष्कार किया गया है। यह मार्मिक मामला गांव में चलने वाले मौखिक तुगलगी फरमान का जीवंत प्रमाण है।

सामान भाई से खरीदें, भाईजान से नहीं: पोस्टर

सामान भाई से खरीदें, भाईजान से नहीं: पोस्टर

अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में विवादित पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों पर लिखा है- 'सामान भाई से खरीदें, भाईजान से नहीं'। पोस्टरों पर निवेदक के रूप में समस्त हिन्दू समाज लिखा हुआ है। ये पोस्टर खासकर नंदग्राम थाना क्षेत्र में कई सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं विवादित पोस्टरों को पुलिस ने उतरवा दिया है।
गाजियाबाद पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (सिटी) निपुण अग्रवाल ने बताया, 'रविवार रात नंदग्राम क्षेत्र में कुछ स्थानों पर विवादित पोस्टर लगने की सूचना मिली थी। पुलिस ने पहुंचकर इन्हें उतरवा दिया है। पुलिस की टीमें आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक कर रही हैं। पता लगाया जा रहा है कि पोस्टर लगाने वाले लोग कौन थे। उनके खिलाफ माहौल बिगाड़ने के आरोप में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...