शनिवार, 15 अप्रैल 2023

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-184, (वर्ष-06)

2. रविवार, अप्रैल 16, 2023

3. शक-1944, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

अंबेडकर शोभायात्रा निकालने को लेकर 2 पक्ष भिड़े 

अंबेडकर शोभायात्रा निकालने को लेकर 2 पक्ष भिड़े 

संदीप मिश्र 

मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के जैत थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नगला भरतिया में शुक्रवार को अंबेडकर शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए। दोनो पक्षों में हुए विवाद में पथराव भी हुआ। पुलिस के अनुसार यात्रा के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आ गए। लेकिन कोई हताहत नही हुआ। 

सूचना पर भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे एसपी सिटी मार्तन्ड प्रकाश सिंह ने बताया, कि गांव में विवाद उस समय हुआ, जब कि एक गुट द्वारा अपरंपरागत तरीके से अंबेडकर जयंती पर शोभायात्रा निकालने का प्रयास किया गया, जिसका दूसरे गुट ने विरोध किया। उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है, तथा स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। चूंकि शोभायात्रा अपरंपरागत थी। इसलिए उसे रोक दिया गया है, तथा गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

हर्सोल्लास के साथ मनाई 'अंबेडकर' की जयंती 

हर्सोल्लास के साथ मनाई 'अंबेडकर' की जयंती 


हर्सोल्लास के साथ मनाई गई डॉ. अंबेडकर की 132वीं जयंती

पुष्प अर्पित कर लोगों ने उनके आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प

कौशाम्बी। करारी कस्बे में शुक्रवार को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में लोगों ने बाबा साहब को पुष्प अर्पित कर नमन किया। साथ ही उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। करारी कस्बे के अंसारगंज मोहल्ले में संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की 132 वीं जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत केक काटकर व डॉ. अंबेडकर के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद लोगों ने माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर नमन किया।

इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वाबा विकास एवं उत्थान समिति के सचिव परवेज रिजवी ने कहा कि डॉ आंबेडकर ने जीवन भर दलितों, शोषितों और पिछड़ों के उत्थान में लगा दिया। देश का कानून लिखकर सभी को समानता और शिक्षा का अधिकार दिया। सही मायने में डॉ आंबेडकर विश्व रत्न हैं। इस मौके पर सुनील चौधरी ने कहा कि बाबा साहब डॉ आंबेडकर के आदर्शों पर चलकर ही दलित समाज विकास के नए आयाम स्थापित कर सकता है। आज विश्व के सैकड़ों देशों में बाबा साहब ही जयंती मनाई जा रही है। संविधान निर्माता के साथ साथ बाबा साहब महान विद्वान व महान अर्थशास्त्री और देश के प्रथम कानून मंत्री रह चुके हैं।

हम सब उनके बताए तीन मूलमंत्र शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो, पर चलकर सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान कर सकते हैं। बाबा साहब के संघर्षों से दुनिया उन्हें युगों युगों तक याद करेगी। कांग्रेस नेता विनोद चौधरी ने कहा कि डॉ आंबेडकर ने ही सभी के लिए समानता और शिक्षा का द्वार खोला है। उन्होंने समस्त भारतीयों को वोट देने का अधिकार देकर राजशाही व्यवस्था समाप्त करने का काम किया है। बाबा साहब डॉ आंबेडकर सिर्फ एक व्यक्ति एक विचारधारा ही नही बल्कि युग पुरुष थे। इसके अलावा कार्यक्रम को कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अमित द्विवेदी, मुकेश राव, शैलेश गौतम आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अवधेश गौतम, इंद्रजीत सरोज, हीरा लाल,  बड़कू शर्मा सहित काफी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।

अरविंद कुमार मौर्य 

अंसारी ने उड़ाई 'आचार संहिता' की धज्जियां 

अंसारी ने उड़ाई 'आचार संहिता' की धज्जियां 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/पीलीभीत। यूपी राज्य चुनाव आयोग की ओर से आचार संहिता को लागू करते हुए प्रशासन को पालन कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, वोटरों को लुभाने के लिए सपा से दावेदारी ठोक रहे नफीस अहमद अंसारी ने महिलाओं को साड़ी और सूट का खुलेआम वितरण किया। नफीस अहमद का सूट-साड़ी बांटते हुए एक वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वीडियो वायरल होने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूट सकी है। शहर के केजीएन कॉलोनी सपा नेता नफीस अहमद अपनी पत्नी नसरीन अंसारी की ओर से दावेदारी ठोक रहे हैं।

शुक्रवार को नफीस अहमद ने खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने दफ्तर में बढ़ी संख्या में महिलाओं को एकत्र किया। जहां महिलाओं को लुभाने के लिए सूट और साड़ी का वितरण किया जा रहा था। इतना ही नहीं, वीडियो में साफ तौर पर वोटरों को लुभाने के इरादे से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें करीब 250 से 300 महिलाएं इस कार्यक्रम में मौजूद रही थी। वीडियो में नफीस अहमद स्वयं ही सूट साड़ी का वितरण करते हुए नजर आ रहे हैं। जनता के बीच इस वितरण को समाज सेवा बताते हुए सपा नेता नफीस अंसारी ने वीडियो भी बनवाया। नफीस अहमद पहले खुद अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे थे।

लेकिन महिला सीट होने की वजह से उन्होंने अपनी पत्नी का नाम आगे बढ़ाया है। इसके अलावा नफीस अहमद पूर्व में विधानसभा चुनाव भी दावेदारी कर चुके हैं। करीब दो घंटे तक साड़ी और सूट का वितरण कॉलोनी में चलता रहा। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर निगरानी करने के लिए टीम बनाई गई है।

लेकिन प्रशासन को फिर भी कुछ पता नहीं चल सका। चुनाव से पहले आचार संहिता उल्लंघन का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। साड़ी और सूट बांटते हुए एक वीडियो संज्ञान में आया है। जिसकी जांच कराई जा रही है। सत्यता सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। आचार संहिता लागू है, इसलिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सकेगा।

झूठे सबूतों से अदालत को गुमराह कर रहा 'ईडी'

झूठे सबूतों से अदालत को गुमराह कर रहा 'ईडी'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा, कि आबकारी नीति मामलें में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) झूठे सबूतों से अदालत को गुमराह कर रहा है। केजरीवाल ने विधानसभा परिसर में अंबेडकर जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से आज कहा कि ईडी का कहना है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने फोन तोड़ दिए, जबकि उनमें से कई फोन ईडी की ही कस्टडी में है। यह सारा मामला ही झूठा और मनगढ़ंत है। उन्होंने कहा कि ईडी लोगों को प्रताड़ित करके और दबाव डालकर झूठे बयान ले रहा है।आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ईडी ने मनीष सिसोदिया को बदनाम करने के लिए फोन नष्ट करने की साजिश रची।

ईडी ने जिन 14 मोबाइल को नष्ट करने की जानकारी दी, उसमें से पांच फोन तो ईडी और सीबीआई ने अपने कब्जे में ले रखे हैं।अन्य फोन मनीष सिसोदिया के घर काम करने वाले लोगों के हैं और वे अब भी मौजूद हैं। यह सच सामने आने के बाद अब भाजपा को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट को गुमराह करने और गलत जानकारी देकर मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द करवाने वाले ईडी के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र में कार्रवाई की जाए।

उन्होंने ईडी की फर्जी जांच का एक और सच सामने रखा और कहा, इसके बाद भाजपा के नेताओं और प्रवक्ताओं में अगर जरा भी नैतिकता बची है, तो वह टीवी चैनलों पर हाथ जोड़कर देश वासियों के सामने माफी मांगें। भाजपा के प्रवक्ता चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे थे कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन नष्ट कर दिए, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। मनीष सिसोदिया को बदनाम करने वाले अधिकारियों को टीवी चौनल पर हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से सवाल करते हुए कहा अगर आपको आम आदमी पार्टी से इतनी ही नफरत है और देखना पसंद नहीं करते हैं, तो अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन समेत सभी को खुलेआम जहर की पुड़िया दे दें।

आखिर यह नाटक क्यों कर रहे हैं? ईडी की जांच के नाम पर क्यों इतना ड्रामा किया जा रहा है?  सिंह ने कहा, देश के अंदर जांच एजेंसियां न्यायालय को गुमराह कर रही हैं। जब न्यायालय जमानत रद्द कर रहा है तो इसी को आधार बनाया जा रहा है। न्यायालय के जमानत रद्द करने के आदेश में उल्लेखित है कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन नष्ट करके सबूत मिटाए। भाजपा की ईडी मनीष सिसोदिया के घर में काम करने वाले चपरासी, क्लर्क, परिवार और स्टाफ के लोगों का आईएमईआई नंबर बताकर कह रही है कि मनीष सिसोदिया ने फोन नष्ट कर दिए।

अंबेडकर जयंती समारोह, प्रोग्रामों में हिस्सा लिया

अंबेडकर जयंती समारोह, प्रोग्रामों में हिस्सा लिया


जय भीम के नारे नहीं डॉ भीमराव अंबेडकर की कहीं बातों पर अमल करें बहुजन हिताय बहुजन सुखाय: गादरे

जय जय जय भीम के नारे नहीं, फूल माला व आरती नहीं, बल्कि बाबा भीमराव अंबेडकर साहब की विचारधारा पर चलकर दिखाएं बहुजन हिताय बहुजन सुखाय

सत्येंद्र पंवार 

मेरठ। बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजुद्दीन गादरे ने 132वीं विश्व रत्न भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जन्म जयंती समारोह के अवसर पर प्रोग्रामों में हिस्सा लिया। श्री गादरे ने कहा कि बाबा साहब ने विश्व में सर्वाधिक शिक्षा ग्रहण कर दिखला दिया, कि इंसान को मौका मिले तो सब कुछ हासिल कर सकते हैं। जब इंसान को ब्लड की जरूरत होती है, तब तो जान बचाने की चिंता होती है। तब नहीं देखता कि कौन ऊंच है कौन नीची जाति का खून है। हम लोग जाति धर्म को आधार मानकर मानवता क्यों भूल जाते हैं ? बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन का बलिदान, अपने बच्चों का, अपने परिवार का बलिदान दिया... हम-सब भारतीयों के लिए। इस कुर्बानी को हमें नहीं भूलना चाहिए और हमें ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म करने के लिए महामानव आखरी नबी मोहम्मद साहब ने 1445 वर्ष पूर्व कहा था कि जन्म से लेकर मरण तक इल्म शिक्षा हासिल करते रहना चाहिए।

ऐसे ही बाबा भीमराव अंबेडकर ने कहा कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो इसे पिएगा वही दहाड़ेगा। हमें समाज को बदलने के लिए खुद को बदलना होगा। हमारे पैरों में जूते भले ही ना हो, लेकिन हमारे हाथों में किताबें होनी चाहिए। आज हम लोग वक्त गप्पे लड़ा कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आज हमें शिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, अत्याचार 75 साल की आजादी के बाद भी झेलने पड़ रहे हैं। आज भी हम गुलाम से बद्तर क्यों ? डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर 2015 से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था। डॉ अंबेडकर संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।

सभा ने भारतीय संविधान को 2 वर्ष11महीने 18 दिन में लगभग एक करोर रुपये की लागत से इसे तैयार किया था। डॉ राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का 16 दिसंबर 1946 को स्थायी अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया था। विश्व रत्न बोधिसत्व संविधान रचयिता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि सलाम। यदि आप बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को वास्तव में मानते हैं, तो मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप उनकी जयंती पर कितना ढोल पीटते हैं या डीजे पर थिरकते हैं या पूरा नीला-नीला कर देते हैं। बल्कि, मायने ये‌ रखेगा कि बाबा साहब के तीन नारें...

 1. शिक्षित करो।

 2. संगठित करो।

 3. संघर्ष करो।

इन पर जमीन पर कितना काम करते हैं।

यदि आप समाजसेवी हैं, या किसी सामाजिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता हैं, या स्वतंत्र समाजसेवी हैं अथवा विद्यार्थी हैं, तो आपका " धर्म" है कि पहले तो आप बाबा साहब की लिखी एक-एक किताब एक-एक जन्मदिन पर पढ़ते चलिए‌। आप स्वयं बहुजन साहित्य पढ़िए और बढ़िया ज्ञान के साथ आपको संघर्ष करने का तरीका, लोगों से मिलने का तरीका, मानवता की रक्षा के उपाय... ये सब कुछ बहुजन साहित्य खासकर बाबा साहब के लिखे ओरिजिनल साहित्य तथा बौद्ध साहित्य से प्राप्त होगा।

कहते हैं, कि समय अनुकूल हो और आप वैभवशाली हों तो दूसरों की ‌मदद कीजिए। लेकिन समय विपरीत हो और आप कुछ न कर पा रहे हों तो "मेहनत‌ कीजिए"। तो आप भी तब तक स्वयं पर मेहनत कीजिए, किताबें पढ़िए बाबा की लिखी हुई और सीधे उन्ही से रू-ब-रू होइए।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...