सोमवार, 28 नवंबर 2022

भारतीय स्टार्टअप में 5 करोड़ डॉलर का कोष, मंजूरी

भारतीय स्टार्टअप में 5 करोड़ डॉलर का कोष, मंजूरी

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/एम्सटर्डम। नीदरलैंड स्थित सी4डी पार्टनर्स ने सोमवार को कहा कि उसे बाजार नियामक सेबी से भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए पांच करोड़ डॉलर (करीब 408 करोड़ रुपये) का कोष शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। सी4डी पार्टनर्स ने इससे पहले 2018 में 3.03 करोड़ डॉलर का अपना एशिया फंड पूरा किया था।

सी4डी पार्टनर्स ने एक बयान में कहा, ''कंपनी को हाल ही में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के अपने पहले भारत फंड की मंजूरी मिली है।'' कंपनी ने कहा कि फंड के अगले साल के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।

पीएम ने बहादुर को 'शहीदी दिवस' पर श्रद्धांजलि दी

पीएम ने बहादुर को 'शहीदी दिवस' पर श्रद्धांजलि दी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सिख गुरु तेग बहादुर को उनके 'शहीदी दिवस' पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय व अत्याचार के आगे झुकने से इनकार कर दिया था और उनकी शिक्षा देशवासियों को प्रेरित करती रहती हैं। साल 1621 में जन्मे नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर को मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर मार दिया गया था। उनके शहादत दिवस को ‘शहीदी दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है।

मोदी ने ट्वीट किया, “मैं श्री गुरु तेग बहादुर को उनकी शहादत के दिन श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अदम्य साहस और सिद्धांतों के साथ-साथ आदर्शों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए उन्हें दुनिया भर में सराहा जाता है।” उन्होंने कहा, “गुरु तेग बहादुर ने अत्याचार और अन्याय के आगे झुकने से इनकार कर दिया। उनकी शिक्षाएं हमें प्रेरित करती रहती हैं।” गुरु तेग बहादुर उस समय धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थक थे, जब लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा था। मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर दिल्ली में 1675 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

राजनीति का दौर, कांग्रेस में शामिल हुए व्यास

राजनीति का दौर, कांग्रेस में शामिल हुए व्यास

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/अहमदाबाद। गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री जयनारायण व्यास सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। व्यास ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में व्यास यहां पार्टी में शामिल हुए। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत भी इस मौके पर मौजूद थे। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पांच नवंबर को व्यास ने भाजपा से इस्तीफा दिया था।

गहलोत व पायलट को कांग्रेस की 'संपत्ति' बताया 

गहलोत व पायलट को कांग्रेस की 'संपत्ति' बताया 

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस नेता सचिन पायलट को ‘‘गद्दार’’ कहे जाने को लेकर मचे बवाल के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दोनों नेताओं को पार्टी की ‘‘संपत्ति’’ बताया और कहा कि किसी भी नेता की बयानबाजी का ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पायलट को गहलोत द्वारा ‘‘गद्दार’’ बताए जाने के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर गांधी ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इसमें नहीं जाना नहीं चाहता कि किसने क्या कहा। दोनों नेता (गहलोत और पायलट) कांग्रेस की संपत्ति हैं। मैं आपको इसकी गारंटी दे सकता हूं कि इसका (बयानबाजी का) ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’

गौरतलब है कि गहलोत ने एक निजी चैनल को हाल में दिए साक्षात्कार में पायलट को ‘‘गद्दार’’ करार देते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी और गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार गिराने की कोशिश की थी इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता। गहलोत का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ की राजस्थान में दाखिल होने की तैयारियां हो रही हैं। गांधी ने इस बात का जवाब टाल दिया कि क्या मौका मिलने पर वह दोबारा अमेठी से चुनाव लड़ना चाहेंगे? उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब साल-डेढ़ साल बाद मिल सकेगा और अभी उनका पूरा ध्यान ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि अखबार कल यह बताएं कि मैं अमेठी से अगला चुनाव लडूंगा या नहीं? मैं चाहता हूं कि अखबार ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के फलसफे के बारे में लिखें।’’ गांधी ने कहा कि देश के तीन-चार उद्योगपतियों के हाथों में सारा धन केंद्रित होने से बेरोजगारी बढ़ रही है और कांग्रेस इस समस्या को हल करने के लिए छोटे उद्यमों को बढ़ावा देगी तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निवेश करेगी।

चुनाव: सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश 

चुनाव: सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश 

इकबाल अंसारी 

गोधरा। सांप्रदायिक रूप से संवेदशील माने जाने वाले गुजरात के गोधरा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में है। क्योंकि पिछले साल के निकाय चुनाव में उसने यहां असरदार दस्तक दी थी। 

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को उम्मीद है कि इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा और अन्य उम्मीदवारों के बीच मतों का बंटवारा होगा जिससे उसकी राह आसान हो सकती है। एआईएमआईएम ने पिछले साल हुए गोधरा नगरपालिका के चुनाव में सात सीटें हासिल की थीं और भाजपा को निकाय की सत्ता से दूर रखने के लिए निर्दलियों के साथ समझौता भी किया था। ओवैसी की पार्टी के समर्थन से निर्दलीय संजय सोनी फरवरी, 2021 में नगरपालिका के अध्यक्ष बने, लेकिन पिछले साल नवंबर में भाजपा का समर्थन मिलने के बाद उन्होंने एआईएमआईएम का साथ छोड़ दिया।

इस बार गोधरा विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम अपनी पकड़ और मजबूत बनाने और जीतने की कोशिश कर रही है। फिलहाल यहां से भाजपा का विधायक है। साल 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाए जाने की घटना के बाद पूर्वी गुजरात के पंचमहल जिले का यह कस्बा सुर्खियों में आया था। उस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हुई थी जिसके बाद पूरे प्रदेश में हिंसा हुई थी जिससे 1000 से अधिक लोग मारे गए थे। गोधरा गुजरात की उन 14 विधानसभा सीटों में से एक है जहां एआईएमआईएम इस बार चुनाव लड़ रही है। 

ओवैसी ने यहां से अपने उम्मीदवार हसन शब्बीर कच्बा के समर्थन में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था। भाजपा ने यहां अपने वर्तमान विधायक सीके राउलजी को टिकट दिया है। कांग्रेस ने रश्मिताबेन चौहान और आम आदमी पार्टी ने राजेश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया है। एआईएमआईएम के पार्षदों का आरोप है कि गोधरा की मुस्लिम बहुल बस्तियों को विकास से उपेक्षित रखा गया था तथा लोगों को सड़क, साफ-सफाई और पानी की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं। 

पार्षद फैसल सुलेजा कहते हैं, पहले, विकास हुआ है, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत इलाके में। यह दूसरी तरफ (हिंदू और अन्य समुदायों की आबादी वाले इलाके) में हुआ है। एआईएमआईएम के एक अन्य पार्षद इसहाक एम गनचीभाई कहते हैं कि उनकी पार्टी के पार्षदों ने यह सुनिश्चित किया कि विकास का पैसा समान रूप से सभी इलाकों को मिले। 

गोधरा विधानसभा में करीब 2,79,000 मतदाता हैं जिनमें 72,000 मुस्लिम हैं। गनचीभाई का कहना है कि अगर मुस्लिम मतदाताओं ने एकश्मुकत समर्थन कर दिया तो बहुकोणीय मुकाबले में एआईएमआईएम की जीत पक्की है। हालांकि, निकाय चुनाव निर्दलीय लड़ चुकीं सोफिया अनवा जमाल का कहना है कि एआईएमआईएम सिर्फ वोटों का बंटवारा करेगी जिसका फायदा आखिरकार भाजपा को होगा।

राज्य के 2 नए जिले बनाने की घोषणा करेगी सीएम 

राज्य के 2 नए जिले बनाने की घोषणा करेगी सीएम 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 29 नवंबर को होने वाली एक प्रशासनिक बैठक के दौरान सुंदरबन और बशीरहाट को राज्य के दो नए जिले बनाने की आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी सोमवार को दी। अधिकारी ने बताया कि दोनों जिलों को दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों से अलग किया जाना है। अधिकारी ने बताया, दो नए जिले बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए गए हैं। मुख्यमंत्री कल हिंगलगंज में प्रशासनिक बैठक के दौरान इनके नामों की घोषणा कर सकती हैं। बता दें कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जिलों की कुल संख्या 23 है।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को सुंदरबन के मैंग्रोव क्षेत्र के अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सुंदरबन जिले में दक्षिण 24 परगना के लगभग 13 ब्लॉक होने की संभावना है, जबकि बशीरहाट में उत्तर 24 परगना के छह ब्लॉक हो सकते हैं। सुंदरबन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और वर्तमान में उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में फैला हुआ है, जबकि बशीरहाट उत्तर 24 परगना का एक उप-मंडल है। पश्चिम बंगाल में वर्तमान में 23 जिले हैं। 

अधिकारी ने कहा कि राज्य को प्रत्येक जिला बनाने के लिए कम से कम 200 करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा। उन्होंने कहा कि बनर्जी निवासियों को हाथियों के हमलों से बचाने के लिए हिंगलगंज में पूजा करेंगी। ममता ने 25 नवंबर को विधानसभा में कहा था, मैं हिंगलगंज में प्रकृति पूजा करूंगी। हाथी के हमले बढ़ गए हैं, क्योंकि हाथी भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर आ रहे हैं। उन्होंने सुंदरबन में हर साल चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किये जाने पर भी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि उनकी सरकार ने नीति आयोग को क्षेत्र के विकास के लिए एक मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। 

उन्होंने कहा था, हमने नीति आयोग को सुंदरबन के लिए एक मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। हर साल, चक्रवात और बाढ़ आती है। यदि एक मास्टर प्लान होगा, तो समस्या हल हो जाएगी। मैं वन मंत्री से इस मामले को और गंभीरता से देखने के लिए कहूंगी। बनर्जी बुधवार को दक्षिण 24 परगना में सजनेकहली का दौरा करने वाली हैं। 

गांधी का धैर्य बढ़ाने में मददगार साबित हुई 'यात्रा'

गांधी का धैर्य बढ़ाने में मददगार साबित हुई 'यात्रा'

अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली/इंदौर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' उनका धैर्य बढ़ाने में भी मददगार साबित हुई है। मध्यप्रदेश में छठवें दिन इंदौर के समीप बरौली में भारत जोड़ो यात्रा पहुंचने पर श्री गांधी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उनसे पिछले 80 दिनों से अधिक समय से चल रही यात्रा से जुड़े सुखद और रोचक प्रसंगों के बारे में पूछा गया था।

गांधी ने कहा कि यात्रा के दौरान वे सबको ध्यान से सुनते हैं और उनका सुनने का तरीका भी बदल गया है। वे पहले एक दो घंटे में ही ''इरिटेट'' (चिढ़ना या झल्लाना) हो जाते थे, लेकिन अब वे आठ-आठ घंटे तक लोगों को धैर्य से सुन लेते हैं। गांधी ने कहा कि अब जब वे किसी को सुनते हैं, तो सामने वाली की सोच काे ध्यान में रखकर सुनने का प्रयास करते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यात्रा से जुड़े अन्य प्रसंग सुनाते हुए कहा कि यात्रा की शुरूआत में उनके घुटने का पुराना दर्द उभर आया था। उस समय उनके मन में तरह तरह के विचार आए। लेकिन वे उस दर्द से नहीं डरे और इसकी आदत डालते हुए चलते रहे। बाद में यह दर्द भी चला गया और वे लगातार यात्रा करते रहे। वे कन्याकुमारी से इंदौर तक लगभग दो हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं और यह यात्रा कश्मीर तक जाएगी।

गांधी ने दावा करते हुए कहा कि पदयात्रा के दौरान ही एक लगभग छह वर्ष की बालिका उनसे कुछ दूरी पर रहकर मिलना चाह रही थी। वे उसको नोटिस कर रहे थे। तभी उन्होंने बालिका काे अपने पास बुलाया। उसने कागज में कुछ लिखकर रखा था, जो उसने उन्हें यह कहते हुए थमा दिया कि वे उसे बाद में पढ़ें। गांधी के मुताबिक कुछ देर बाद उन्होंने कागज खाेला ताे उसमें लिखा था कि वह भी उनकी इस यात्रा के साथ है। संभवत: यह घटना कर्नाटक की थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के अनेक प्रसंग इस यात्रा से जुड़े हैं। गांधी इस यात्रा को पूरी तरह ''गैरराजनैतिक'' बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे डर, हिंसा और नफरत के खिलाफ इस यात्रा को निकाल रहे हैं और इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखकर आम लोगों की बात सुन रहे हैं और उन्हें सुना रहे हैं।

गांधी राजनीति और महत्वपूर्ण प्रश्नों पर काफी संभलकर बोलते हुए दिखे। अमेठी से उनके फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने समेत अनेक राजनैतिक प्रश्नों को वे चतुराई से टालते गए और कहा कि उनका ध्यान अभी भारत जोड़ो यात्रा पर ही है। श्री गांधी की यात्रा का आज मध्यप्रदेश में छठवां दिन है। सोमवार शाम को यह यात्रा उज्जैन के समीप तराना तक पहुंच जाएगी। यात्रा आज उज्जैन में रहेगी।

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