शनिवार, 26 नवंबर 2022

मेघालय: कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे की मांग की

मेघालय: कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे की मांग की

इकबाल अंसारी 

शिलोंग। मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस ने असम पुलिस द्वारा पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले में किये गये मुकरोह नरसंहार को लेकर मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के इस्तीफे की मांग की है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पिनशंगैन सिएम ने कहा, “हमने सर्वसम्मति से यह मांग करने का संकल्प लिया है कि मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद इस्तीफा देकर जिम्मेदारी लें और अन्य लोगों को जो सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं और असम के साथ अंतर-राज्य सीमा पर लोगों की सुरक्षा के लिए निर्णय लेने दें।”

उन्होंने कहा, कि उनके इस्तीफे के बाद एक नयी सरकार का मार्ग भी प्रशस्त करेगा, जो असम की सीमा पर रहने वाले मेघालय के निवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले की सीमा से लगे पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में 22 नवंबर को असम पुलिस द्वारा मेघालय के पांच लोगों सहित छह लोगों को गोली मार दी गई थी, जब असम के वन रक्षकों ने लकड़ी से लदे एक ट्रक को हिरासत में लिया था।

पूर्व कांग्रेस विधायक ने सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) को असम से निपटने में ‘कमजोर’ बताते हुए कहा, “ अगर हमारे लोग राज्य के भीतर मारे जाते हैं तो सीमा वार्ता का क्या फायदा है? सीमा वार्ता का कोई मतलब नहीं है।” गौरतलब है कि दोनों पक्षों के बीच मतभेद के कई क्षेत्रों को हल करने के लिए सीमा वार्ता चल रही है।

 सिएम ने असम पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुकरोह के ग्रामीण लकड़ी की तस्करी कर रहे थे। उन्होंने कहा, “यहां के निवासी दावा करते हैं कि असम पुलिस और वन अधिकारी नियमित रूप से कृषि, व्यापार संबंधी कामकाजों के लिए आवाजाही करने पर उनसे पैसे वसूलते हैं।” अध्यक्ष सिएम ने कहा कि जिन लोगों को गोली मारी गयी, वे लोग अवैध लकड़ी की तस्करी में शामिल नहीं थे, क्योंकि वे किसान थे।

इसलिए यह कहना गलत है कि वे तस्कर थे, असम पुलिस की केवल लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की चाल है। मुकरोह घटना की सीबीआई जांच शुरू करने के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए सिएम ने कहा कि अगर केंद्रीय एजेंसी द्वारा राज्य में ‘अवैध कोयला परिवहन’ की जांच की जाए, तो उन्हें भी खुशी होगी।

पद्मावती ने सूर्यप्रभा वाहनम पर आकाशीय सवारी की 

पद्मावती ने सूर्यप्रभा वाहनम पर आकाशीय सवारी की 

इकबाल अंसारी 

तिरुपति। आंध्र प्रदेश के तिरुपति के निकट तिरुचनूर में चल रहे वार्षिक कार्तिक ब्रह्मोत्सवम के सातवें दिन शनिवार को देवी पद्मावती देवी ने शक्तिशाली सूर्यप्रभा वाहनम पर आकाशीय सवारी की और सूरज की तेज किरणों ने वाहनम की चमक को और अधिक बढ़ा दिया।

देवी को अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए चारों माडा सड़कों पर सूर्यप्रभा वाहनम पर सवार किया गया था। तिरुमाला के दोनों पुजारी, ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य अशोक कुमार, संयुक्त कार्यकारी अधिकारी वीरब्रह्मम और अन्य लोग भी इस मौके पर उपस्थित थे।

जातियों और समुदायों का भावनात्मक रूप से शोषण 

जातियों और समुदायों का भावनात्मक रूप से शोषण 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को आरोप लगाया कि “वोट के सौदागर” और “जातिवाद और सांप्रदायिकता के समूह” अपने स्वार्थपरक राजनीतिक हितों के लिए कुछ जातियों और समुदायों का भावनात्मक रूप से शोषण कर रहे हैं। रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना के समर्थन में “खिचड़ी पंचायत” को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राथमिकता लोगों की समृद्धि होनी चाहिए न कि “राजनीतिक अत्याचार”।

उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास की रोशनी को अंतिम व्यक्ति तक ले जाने के लिए ईमानदार और अथक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की “एमवाई” (मोदी-योगी) सरकार ने प्रगति के पथ पर उत्तर प्रदेश की यात्रा की गति बढ़ा दी है और स्पष्टता व विश्वसनीयता के साथ काम कर रही है।

नकवी ने कहा कि मोदी-योगी का “बिना भेदभाव के सशक्तिकरण” हर जरूरतमंद के जीवन में खुशियों की गारंटी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज के सभी वर्गों को विकास में बराबर का भागीदार बनाया है। भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को दोषी पाए जाने के बाद अयोग्य ठहराए जाने पर रामपुर में उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी।

युवक ने नाले में डुबोकर मारा चूहा, रिपोर्ट दर्ज 

युवक ने नाले में डुबोकर मारा चूहा, रिपोर्ट दर्ज 

संदीप मिश्र 

बदायूं। एक युवक को चूहे की जान लेना महंगा पड़ गया। मजाक करते हुए पत्थर में रस्सी से चूहे की पूंछ बांधकर नाले में बार-बार डुबोकर हंस रहा था। आसपास खड़े बच्चे हंस रहे थे। प्यूपिल ऑफ एनिमल के अध्यक्षपशु प्रेमी ने वहां से गुजरते समय युवक को ऐसा करने से रोका। युवक नहीं माना और पत्थर सहित चूहा नाले में फेंक दिया। अध्यक्ष ने चूहे को बाहर निकाला लेकिन चूहे की मौत हो गई। अध्यक्ष की तहरीर पर युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने तहरीर देकर बताया था कि वह बुधवार को शहर के पनवाड़ी बिजली घर के पास से गुजर रहे थे। पास में एक युवक कुछ बच्चों के साथ हंस रहा था। युवक खुद नाले किनारे पर बैठकर कुछ कर रहा था और आनंदित हो रहा था। विकेंद्र शर्मा युवक के पास गए। देखा युवक ने एक चूहे की पूंछ पत्थर से बांधी है। चूहे को बार-बार नाले में डुबा रहा है।

विकेंद्र शर्मा ने युवक से यह करने को मना किया। युवक नाले किनारे से उठा और पत्थर समेत चूहा नाले में फेंक दिया। विकेंद्र शर्मा उसपर गुस्सा हो गए। नाराजगी जताते हुए वीडियो बनाते हुए युवक का नाम पूछा। उसने अपना नाम मनोज कुमार बताया। उससे नाले से चूहा बाहर निकालने को कहा तो युवक झगड़ा करने लगा। विकेंद्र खुल नाले में घुस गए। चूहे को बाहर निकाल लिया, लेकिन कुछ समय के बाद ही चूहे की मौत हो गई।

विकेंद्र शर्मा कोतवाली सदर गए और तहरीर देकर जानकारी दी। पुलिस ने मनोज कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपी मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के लिए चूहा बरेली आईवीआरआई भेजा गया है। सदर कोतवाल हरपाल सिंह बालियान ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बाबूलाल ने भाजपा की पुन: सदस्यता ग्रहण की

बाबूलाल ने भाजपा की पुन: सदस्यता ग्रहण की

मनोज सिंह ठाकुर 

मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपूर जिले के विजयपुर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व कांग्रेस के नेता बाबूलाल मेवरा ने शनिवार को कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पुन: सदस्यता ले ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विजयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 

मेवरा इसके पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और उसके बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया था। फिर वे बसपा छोड़कर कांग्रेस शामिल हो गए थे। तोमर ने उन्हें पार्टी में शामिल होने पर शुभकामनाएं दीं।

दिग्गज एक्टर गोखले का 75 साल की उम्र में निधन 

दिग्गज एक्टर गोखले का 75 साल की उम्र में निधन 

कविता गर्ग 

मुंबई। हिंदी और मराठी फिल्मों के जाने-माने एक्टर विक्रम गोखले का 75 साल की उम्र में निधन हो गया। विक्रम ने 26 नवंबर को पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतिम सांस ली। वो 18 दिनों से एडमिट थे। उनकी हालत 23 नवंबर से ही नाजुक बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। 

विक्रम कलाकारों के परिवार से ताल्लुक रखते थे

हिंदी सिनेमा और छोटे पर्दे के अलावा विक्रम ने मराठी थिएटर का भी नाम कमाया। उनके पिता चंद्रकांत गोखले मराठी थिएटर और फिल्मों के एक्टर थे। उनकी परदादी दुर्गाबाई कामत को भारतीय फिल्मों की पहली एक्ट्रेस बताया जाता है। इसके अलावा उनकी दादी कमलाबाई गोखले भी फिल्मों से ताल्लुक रखती थीं। उन्होंने भारतीय सिनेमा की पहली बाल कलाकार के रूप में काम किया था।

अमिताभ के साथ शुरू किया सफर, कई फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी

विक्रम ने कई फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से उन्होंने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई। उनके फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने 1971 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की फिल्म परवाना से अपना सफर शुरू किया था। स्वर्ग नरक, इंसाफ, अग्निपथ, खुदा गवाह, अधर्म, तड़ीपार, आंदोलन, हम दिल दे चुके सनम, भूल भूलैया, दे दना दन, बैंग बैंग, अय्यारी, हिचकी और मिशन मंगल जैसी फिल्मों में उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया। 

कई सीरियल्स का भी हिस्सा रहे थे

विक्रम गोखले कई टीवी सीरियल्स में नजर आए। उन्होंने उड़ान, इंद्रधनुष, क्षितिज ये नहीं, संजीवनी, जीवन साथी, सिंहासन, मेरा नाम करेगी रोशन, शिव महापुराण और अवरोध में काम किया। विक्रम ने साल 2010 में बतौर निर्देशक मराठी फिल्म अघात बनाई। थिएटर में उनके योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। 2013 में मराठी फिल्म 'अनुमति' में शानदार एक्टिंग के लिए वे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे।

विक्रम को अमिताभ ने घर दिलाया था, कहते थे- सबने अमिताभ की सफलता देखी, मैंने स्ट्रगल देखा

करियर के शुरुआती दिनों में विक्रम गोखले को मुंबई में काफी स्ट्रगल करना पड़ा। उनके पास रहने के लिए घर ना कोई घर था, ना ही किसी का आसरा। जब उनकी इस समस्या के बारे में अमिताभ बच्चन को पता चला तो उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को विक्रम गोखले के घर के लिए चिट्ठी लिखी थी। उनके इसी चिट्ठी के आधार पर विक्रम गोखले को मुंबई में सरकारी आवास मिला। अमिताभ का ये अहसान वो कभी नहीं भूले। जब भी वे मीडिया से अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात करते तो इस घटना का जिक्र जरूर करते थे।

विक्रम ने एक इंटरव्यू में अमिताभ के बारे में कहा था कि वे भारतीय सिनेमा के एक बेहतरीन एक्टर हैं। जब मैं उनकी तारीफ करता हूं तो मेरे पास शब्दों की कमी हो जाती है। हम दोनों एक दूसरे को 55 साल से जानते हैं और मैं ये कह सकता हूं कि वो एक जेंटलमैन हैं। मेरा मानना है कि लोगों ने अमिताभ बच्चन की सक्सेस देखा है, लेकिन मैंने उनका स्ट्रगल देखा है। अगर लोग ये जानना चाहते है कि एक्टिंग क्या है, तो उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्में देखनी चाहिए।

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